Breaking News INDIA

Breaking News INDIA
Hindi Samachar

Gad

'स्किन टू स्किन टच' वाले बॉम्बे हाई कोर्ट का आदेश होगा खारिज? सुप्रीम कोर्ट ने सुरक्षित रखा फैसला https://ift.tt/3F6WzjN

September 30, 2021
नई दिल्ली ने 'स्किन टू स्किन टच' मामले में बॉम्बे हाई कोर्ट के दिए फैसले के खिलाफ दाखिल अपील पर सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया है। अटॉर्नी जनरल ने सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई है कि वो स्किन टू स्किन टच मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले को खारिज कर दे। उधर, राष्ट्रीय महिला आयोग ने भी अलग से अर्जी दाखिल कर बॉम्बे हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती दी है। बॉम्बे हाई कोर्ट ने कहा था कि नाबालिग के अंदरूनी अंग को बिना कपड़े हटाए छूना सेक्सुअल असॉल्ट नहीं है। उसने अपने फैसले में कहा कि जब तक स्किन से स्किन का टच न हो, तब तक यौन दुराचार नहीं माना जा सकता है। इस फैसले के खिलाफ दाखिल अपील पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस की अगुवाई वाली बेंच ने 27 जनवरी को हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी थी। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस यूयू ललित की अगुवाई वाली बेंच ने मामले में सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रखते हुए कहा है कि संबंधित पक्षकार इस मामले में तीन दिनों में लिखित दलील पेश कर सकते हैं। मामले की सुनवाई के दौरान गुरुवार को महाराष्ट्र सरकार ने हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ दलील पेश करते हुए कहा कि वह भी अटॉर्नी जनरल की दलील से सहमति जताते हुए वही दलील पेश करते हैं। इससे पहले अटॉर्नी जनरल ने सर्वोच्च अदालत में कहा है कि बॉम्बे उच्च न्यायालय के उस फैसले को खारिज किया जाए जिसमें पोक्सो के तहत अपराध के लिए स्किन टू स्किन टच अनिवार्य है। सुप्रीम कोर्ट में अटॉर्नी जनरल ने कहा है कि हाई कोर्ट का फैसला गलत नजीर बनेगा और यह खतरनाक होगा। उन्होंने दलील दी कि पोक्सो कानून के तहत स्किन टू स्किन टच अनिवार्य नहीं है और बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले को खारिज करने के लिए अटॉर्नी जनरल ने सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई।


from India News: इंडिया न्यूज़, India News in Hindi, भारत समाचार, Bharat Samachar, Bharat News in Hindi, coronavirus vaccine latest news update https://ift.tt/3uponec
'स्किन टू स्किन टच' वाले बॉम्बे हाई कोर्ट का आदेश होगा खारिज? सुप्रीम कोर्ट ने सुरक्षित रखा फैसला https://ift.tt/3F6WzjN 'स्किन टू स्किन टच' वाले बॉम्बे हाई कोर्ट का आदेश होगा खारिज? सुप्रीम कोर्ट ने सुरक्षित रखा फैसला
https://ift.tt/3F6WzjN Reviewed by Inquisitive & Gallivanter on September 30, 2021 Rating: 5

चौतरफा हमले के बाद दबाव में आया कांग्रेस आलाकमान, जल्‍द बुलाई जाएगी CWC की बैठक https://ift.tt/3B17GZ9

September 30, 2021
नई दिल्‍ली जी-23 नेताओं के चौतरफा हमले से कांग्रेस आलाकमान लगता है कि दबाव में आ गया है। उसने कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक जल्द बुलाने का ऐलान किया है। जी-23 नेता पार्टी में संगठनात्मक चुनाव की मांग कर रहे हैं। पिछले साल अगस्त के पहले हफ्ते में ही कांग्रेस के 23 सीनियर नेताओं ने पार्टी की कार्यशैली, संस्कृति व हाइकमान को लेकर सवाल उठाते हुए एक चिठ्ठी लिखी थी। इन नेताओं में गुलाम नबी आजाद, कपिल सिब्बल, आनंद शर्मा, मनीष तिवारी, भूपेंद्र हुड्डा, पृथ्‍वीराज चव्हाण, शशि थरूर सरीखे दिग्‍गज नेता शामिल थे। सियासी गलियारे में इन्‍हें ही जी-23 कहा जाता है। कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने गुरुवार को बड़ा ऐलान किया। उन्‍होंने कहा कि जी-23 नेता पार्टी में संगठनात्मक चुनाव की मांग कर रहे हैं। इस मांग को देखते हुए कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक जल्द बुलाई जाएगी। तीखा हो गया है जी-23 का हमला कांग्रेस की ओर से यह ऐलान ऐसे समय किया गया है जब बुधवार को कपिल सिब्‍बल ने पार्टी आलाकमान पर तीखा हमला किया था। मीडिया के सामने जी-23 के नेताओं का एजेंडा रखा था। उन्‍होंने कहा था, 'मैं निजी तौर पर बात कर रहा रहा हूं। उन साथियों की तरफ से बोल रहा हूं जिन्होंने पिछले साल अगस्त में पत्र लिखा था। हम अपने नेतृत्व की ओर से अध्यक्ष का चुनाव, सीडब्ल्यूसी और केंद्रीय चुनाव समिति के चुनाव कराने से जुड़े कदम उठाए जाने का इंतजार कर रहे हैं।' सिब्‍बल बोले थे, 'मैं भारी मन से आप लोगों से बात कर रहा हूं। मैं एक ऐसी पार्टी से जुड़ा हूं जिसकी ऐतिहासिक विरासत है और जिसने देश को आजादी दिलाई। मैं अपनी पार्टी को उस स्थिति में नहीं देख सकता जिस स्थिति में पार्टी आज है।' सिब्‍बल के इस बयान के बाद कांग्रेसियों ने ही उन पर तीखा हमला किया था। उनके घर के सामने विरोध प्रदर्शन हुआ था। टमाटर तक फेंके गए और 'गेट वेल सून कपिल सिब्‍बल' की तख्तियां दिखाई गईं। वहीं, गुरुवार को सीन दोबारा चेंज हुआ। सिब्‍बल के पक्ष में जी-23 के तमाम दिग्‍गज नेता उतर आए। उन्‍होंने खुलकर सिब्‍बल का पक्ष लिया। इनमें शशि थरूर, आनंद शर्मा, मनीष तिवारी जैसे नेता शामिल थे। कांग्रेस टूटने का डर! कांग्रेस आलाकमान का दबाव में आना यूं ही नहीं है। इसमें डर छुपा है। वह है पार्टी टूटने का। जी-23 के विरोधी सुर से साफ दिखने लगा है कि पार्टी दो धड़ों में बंट गई है। एक जो गांधी परिवार के समर्थन में हैं। दूसरा, जो पार्टी में सुधार की मांग पर अड़ गया है। बुधवार को अश्विनी कुमार, अजय माकन, टीएस सिंहदेव सहित कई नेताओं ने सिब्‍बल पर अटैक किया था। उन्‍हें गांधी परिवार के एहसान याद‍ दिलाए थे।


from India News: इंडिया न्यूज़, India News in Hindi, भारत समाचार, Bharat Samachar, Bharat News in Hindi, coronavirus vaccine latest news update https://ift.tt/3ut4nHV
चौतरफा हमले के बाद दबाव में आया कांग्रेस आलाकमान, जल्‍द बुलाई जाएगी CWC की बैठक https://ift.tt/3B17GZ9 चौतरफा हमले के बाद दबाव में आया कांग्रेस आलाकमान, जल्‍द बुलाई जाएगी CWC की बैठक
https://ift.tt/3B17GZ9 Reviewed by Inquisitive & Gallivanter on September 30, 2021 Rating: 5

रेप के बाद महिला अधिकारी का टू-फिंगर टेस्‍ट... क्‍यों मचा है बवाल, क्‍या है Two Finger Test? https://ift.tt/3mabvVL

September 30, 2021
नई दिल्‍ली दोबारा चर्चा में है। कोयंबटूर में एक महिला अधिकारी से रेप की घटना के बाद यह सुर्खियों में है। मामला भारतीय वायुसेना से जुड़ा है। इसमें इंडियन एयर फोर्स (IAF) की एक महिला अधिकारी ने अपने सहयोगी फ्लाइट लेफ्टिनेंट पर रेप का आरोप लगाया है। महिला अधिकारी की शिकायत पर छत्तीसगढ़ के रहने वाले फ्लाइट लेफ्टिनेंट अमितेश हरमुख पुलिस की गिरफ्त में हैं। लेडी ऑफिसर का दावा है कि उन्‍होंने वायुसेना अधिकारियों को शिकायत की थी। इस पर कार्रवाई नहीं होने के बाद उन्‍होंने पुलिस में शिकायत की। ऑफिसर ने एक और बड़ा खुलासा किया है। उन्‍होंने कहा है कि रेप की पुष्टि के लिए उनका टू-फिंगर टेस्‍ट (Two Finger Test) कराया गया। इससे उन्‍हें गहरा सदमा लगा है। मामले में जांच जारी है। हालांकि, सवाल यह है कि आखिर यह टेस्‍ट क्‍यों किया गया जबकि इस पर रोक लगी हुई है। आइए, यहां जानते हैं कि आखिर , यह कैसे होता है और क्‍यों इस पर बैन लगा हुआ है। सुप्रीम ने लगाई थी रोक लिलु राजेश बनाम हरियाणा राज्‍य के मामले (2013) में सुप्रीम कोर्ट ने टू-फिंगर टेस्‍ट को असंवैधानिक करार दिया था। कोर्ट ने इस टेस्‍ट पर सख्‍त टिप्‍पणी की थी। इसे रेप पीड़‍िता की निजता और उसके सम्‍मान का हनन करने वाला करार दिया था। कोर्ट ने कहा था कि यह शारीरिक और मानसिक चोट पहुंचाने वाला टेस्‍ट है। यह टेस्‍ट पॉजिटिव भी आ जाए तो नहीं माना जा सकता है कि संबंध सहमति से बने हैं। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट के बैन के बाद भी शर्मिंदा करने वाला यह टू-फिंगर टेस्‍ट होता रहा है। 2019 में ही करीब 1500 रेप सर्वाइवर्स और उनके परिजनों ने कोर्ट में शिकायत की थी। इसमें कहा गया था कि सर्वोच्‍च न्यायालय के आदेश के बावजूद यह टेस्‍ट कराया जा रहा है। याचिका में इस टेस्‍ट को करने वाले डॉक्‍टरों का लाइसेंस कैंसिल करने की मांग की गई थी। संयुक्‍त राष्‍ट्र भी इस तरह के टेस्‍ट को मान्‍यता नहीं देता है। सरकार बता चुकी है अनसाइंटिफिक हेल्‍थ मिनिस्‍ट्री इस टेस्‍ट को अवैज्ञानिक यानी अनसाइंटिफिक बता चुका है। मार्च 2014 में मंत्रालय ने रेप पीड़‍ितों के लिए नई गाइडलाइंस बनाई थीं। इसमें सभी अस्‍पतालों से फॉरेंसिक और मेडिकल एग्‍जामिनेशन के लिए खास कक्ष बनाने को कहा गया था। इसमें टू-फिंगर टेस्‍ट को साफ तौर पर मना किया गया था। गाइडलाइंस में असॉल्‍ट की हिस्‍ट्री रिकॉर्ड करने के लिए कहा गया था। पीड़‍ित की शारीरिक जांच के साथ मानसिक तौर पर उन्‍हें परामर्श देने की राय दी गई थी। यह अलग बात है कि असल में इन बातों को बहुत नहीं माना जाता है। हाल में महाराष्‍ट्र यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्‍थ साइंसेज (MUHS) ने 'फॉरेंसिक मेडिसिन एंड टॉक्‍सिकोलॉजी' विषय के लिए अपने पाठ्यक्रम में बदलाव किया था। यह विषय दूसरे साल के मेडिकल स्‍टूडेंट को पढ़ाया जाता है। इसमें 'साइन्‍स ऑफ वर्जिनिटी' टॉपिक का हटा दिया गया है। कैसे होता है टू्-फिंगर टेस्‍ट? इस तरह के टेस्‍ट में पीड़‍िता के प्राइवेट पार्ट में एक या दो उंगली डालकर उसकी वर्जिनिटी टेस्‍ट की जाती है। टेस्‍ट का मकसद यह पता लगाना होता है कि महिला के साथ शारीरिक संबंध बने थे कि नहीं। प्राइवेट पार्ट में अगर आसानी से दोनों उंगलियां चली जाती हैं तो माना जाता है कि महिला सेक्‍चुली ऐक्टिव है। अगर ऐसा नहीं होता है और उंगलियों के जाने में दिक्‍कत होती है तो इसे प्राइवेट पार्ट में हाइमन का ठीक होना माना जाता है। यही महिला के वर्जिन होने का भी सबूत मान लिया जाता है। साइंस इस तरह के टेस्‍ट को पूरी तरह से नकारती है। वह महिलाओं की वर्जिनिटी में हाइमन के इनटैक्‍ट होने को सिर्फ मिथ मानती है। रेप के मामलों में नहीं सटीक सबूत मेडिकल एविडेंस खासतौर से रेप के मामले में निष्‍कर्ष तक पहुंचने में काफी अहम रोल निभाते हैं। हालांकि, रेप के मामलों में फॉरेंसिक एविडेंसेज पर भी बहुत भरोसा नहीं किया जा सकता है। दो लोगों के बीच संबंध आपसी सहमति से भी हो सकते हैं। सिर्फ नाबालिगों के मामले में यह ठोस सबूत के तौर पर देखा जाता है।


from India News: इंडिया न्यूज़, India News in Hindi, भारत समाचार, Bharat Samachar, Bharat News in Hindi, coronavirus vaccine latest news update https://ift.tt/3ij3Ine
रेप के बाद महिला अधिकारी का टू-फिंगर टेस्‍ट... क्‍यों मचा है बवाल, क्‍या है Two Finger Test? https://ift.tt/3mabvVL रेप के बाद महिला अधिकारी का टू-फिंगर टेस्‍ट... क्‍यों मचा है बवाल, क्‍या है Two Finger Test?
https://ift.tt/3mabvVL Reviewed by Inquisitive & Gallivanter on September 30, 2021 Rating: 5

VR Chaudhari ने भारतीय वायु सेना के नए चीफ के तौर पर संभाली कमान, IAF के 27वें प्रमुख बने https://ift.tt/3mb4Sm6

September 30, 2021
नई दिल्‍ली एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने (IAF) के 27वें प्रमुख के तौर पर कमान संभाल ली है। गुरुवार को उन्‍होंने एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया की जगह ली। आज ही के दिन भदौरिया रिटायर हुए। अभी तक चौधरी इंडियन एयर फोर्स के वाइस चीफ थे। बतौर डिप्‍टी चीफ चौधरी राफेल प्रोग्राम से करीब से जुड़े थे। वह फ्रांस में फाइटर जेट प्रोजेक्‍ट की प्रगति की निगरानी करने वाले द्विपक्षीय उच्च स्तरीय समूह के प्रमुख थे। चौधरी नेशनल डिफेंस अकैडमी (NDA) के छात्र रहे हैं। वह डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज से भी ग्रेजुएट हैं। उनका पूरा नाम विवेक राम चौधरी है। वह 1 जुलाई 2021 को एयर मार्शल हरजीत सिंह अरोड़ा के स्थान पर 45वें वाइस चीफ ऑफ एयर स्‍टाफ बने थे। चौधरी को 29 दिसंबर 1982 को एक फाइटर पायलट के रूप में भारतीय वायु सेना में कमीशन किया गया था। वह एक योग्य फ्लाइट इंस्‍ट्रक्‍टर हैं। उन्हें मिग-21, मिग-23एमएफ, मिग-29 और सुखोई-30 एमकेआई सहित विभिन्न लड़ाकू विमानों पर 3800 घंटे से ज्‍यादा का उड़ान का अनुभव है। चौधरी ने मिग-29 स्क्वाड्रन की कमान, फॉरवर्ड बेस की कमान और बाद में वायु सेना स्टेशन पुणे की कमान सहित तमाम फील्ड पोजिशन पर काम किया है। उन्होंने DSCC वेलिंगटन के साथ-साथ लुसाका, जाम्बिया में DSCSC प्रशिक्षक के रूप में भी काम किया है। उन्होंने असिस्‍टेंट चीफ ऑफ एयर स्‍टाफ (पर्सनल ऑफिसर) और बाद में वायु सेना मुख्यालय, वायु सेना भवन, नई दिल्ली में उप वायु सेनाध्यक्ष के रूप में काम किया है। वह अक्टूबर 2019 से जुलाई 2020 तक पूर्वी वायु कमान के सीनियर एयर स्‍टाफ ऑफिसर के रूप में भी काम कर चुके हैं। भदौरिया के रिटायर होने के बाद वह 27वें वायु सेना प्रमुख बनें हैं। अपने करियर के दौरान वीआर चौधरी को उनकी सेवा के लिए 2004 में वायु सेना मेडल, 2015 में अति विशिष्ट सेवा पदक और 2021 में परम विशिष्ट सेवा पदक से सम्मानित किया जा चुका है। उनकी गिनती बेहद तेजतर्रार अफसरों में होती है।


from India News: इंडिया न्यूज़, India News in Hindi, भारत समाचार, Bharat Samachar, Bharat News in Hindi, coronavirus vaccine latest news update https://ift.tt/3ofZLnk
VR Chaudhari ने भारतीय वायु सेना के नए चीफ के तौर पर संभाली कमान, IAF के 27वें प्रमुख बने https://ift.tt/3mb4Sm6 VR Chaudhari ने भारतीय वायु सेना के नए चीफ के तौर पर संभाली कमान, IAF के 27वें प्रमुख बने
https://ift.tt/3mb4Sm6 Reviewed by Inquisitive & Gallivanter on September 30, 2021 Rating: 5

सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने 4 हाई कोर्टों में न्यायाधीशों के लिए 16 नामों पर लगाई मुहर, यहां देखिए पूरी लिस्‍ट https://ift.tt/3kUSsPW

September 30, 2021
नई दिल्ली भारत के प्रधान न्यायाधीश (CJI) एन वी रमण की अध्यक्षता वाले ने बंबई, गुजरात, ओडिशा और पंजाब-हरियाणा के हाई कोर्टों में न्यायाधीशों के तौर पर पदोन्नति के लिए 16 नामों की सिफारिश की है। बुधवार को हुई बैठक में कॉलेजियम ने इन चार उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों के तौर पर पदोन्नति के लिए 16 नामों के प्रस्ताव को मंजूरी दी। इसमें छह न्यायिक अधिकारी और 10 अधिवक्ता हैं। सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर गुरुवार को अपलोड किए गए बयानों के अनुसार, कॉलेजियम ने चार न्यायिक अधिकारियों ए एल पंसारे, एस सी मोरे, यू एस जोशी फाल्के और बी पी देशपांडे की बंबई हाई कोर्ट के न्यायाधीशों के तौर पर पदोन्नति के प्रस्ताव को मंजूरी दी। इसी तरह कॉलेजियम ने वकील आदित्य कुमार महापात्रा और मृगंक शेखर साहू तथा न्यायिक अधिकारी राधा कृष्ण पटनायक और शशिकांत मिश्रा को ओडिशा हाई कोर्ट का न्यायाधीश बनाए जाने की सिफारिश की है। कॉलेजियम ने गुजरात हाई कोर्ट के लिए सात वकीलों एम. मनीष भट, समीर जे दवे, हेमंत एम प्रच्छाक, संदीप एन भट, अनिरुद्ध प्रद्युम्न मायी, नीरल रश्मिकांत मेहता और निशा महेंद्रभाई ठाकुर को न्यायाधीश के तौर पर पदोन्नत किए जाने की सिफारिश की है। एक बयान में कहा गया है, 'सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम ने 29 सितंबर 2021 को हुई अपनी बैठक में वकील संदीप मुद्गिल को पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में न्यायाधीश के तौर पर पदोन्नत किए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है।' सीजेआई के अलावा तीन सदस्यीय कॉलेजियम में न्यायमूर्ति यूयू ललित और न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर शामिल हैं। कॉलेजियम हाई कोर्टों में नियुक्तियों की सिफारिश करता है। कॉलेजियम देश में उच्चतर न्यायपालिका में बड़ी संख्या में रिक्तियों को भरने के लिए नामों की सिफारिश करता रहा है। इस साल अप्रैल में सीजेआई का पदभार संभालने के बाद न्यायमूर्ति रमण ने विभिन्न हाई कोर्टों में नियुक्ति के लिए करीब 100 नामों की सिफारिश की है। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीशों के नौ पदों के लिए नामों की सिफारिश की। कॉलेजियम ने 17 अगस्त को लिए ऐतिहासिक फैसले में सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीशों के तौर पर पदोन्नति के लिए नौ न्यायाधीशों के नाम की सिफारिश की थी जिसमें तीन महिलाएं शामिल थीं। केंद्र की ओर से मंजूरी मिलने के बाद 31 अगस्त को नए न्यायाधीशों ने शपथ ली। देश में 25 हाई कोर्टों में न्यायाधीशों की स्वीकृत संख्या 1,080 है, लेकिन एक मई 2021 तक केवल 420 न्यायाधीश ही सेवारत थे।


from India News: इंडिया न्यूज़, India News in Hindi, भारत समाचार, Bharat Samachar, Bharat News in Hindi, coronavirus vaccine latest news update https://ift.tt/3D40Oeh
सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने 4 हाई कोर्टों में न्यायाधीशों के लिए 16 नामों पर लगाई मुहर, यहां देखिए पूरी लिस्‍ट https://ift.tt/3kUSsPW सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने 4 हाई कोर्टों में न्यायाधीशों के लिए 16 नामों पर लगाई मुहर, यहां देखिए पूरी लिस्‍ट
https://ift.tt/3kUSsPW Reviewed by Inquisitive & Gallivanter on September 30, 2021 Rating: 5

... तो क्‍या भारत-चीन सीमा पर फिर हो सकती है पिछले साल जैसी हिंसक झड़प? थल सेना प्रमुख नरवणे ने दिए संकेत https://ift.tt/39TipsA

September 30, 2021
नई दिल्ली थल सेना प्रमुख जनरल एम. एम. नरवणे ने गुरुवार को कहा कि भारत और चीन के बीच सीमा पर घटनाएं तब तक होती रहेंगी, जब तक कि दोनों देशों के बीच सीमा समझौता नहीं हो जाता। उन्होंने पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स ऐंड इंडस्ट्री में एक सभा को संबोधित करते हुए इसके संकेत दिए हैं। उन्‍होंने कहा कि अफगानिस्तान में हालिया घटनाक्रम पर भारतीय थल सेना ने 'निश्चित रूप से ध्यान केंद्रित' किया है। वह खतरे का आकलन करने के साथ ही रणनीति की तैयारी में जुटी हुई है। चीन पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा, 'हमारे पास सीमा का एक लंबित मुद्दा है। हम फिर से किसी भी दुस्साहस का सामना करने के लिए तैयार हैं, जैसा कि हमने अतीत में प्रदर्शित किया है।' उन्होंने उद्योग संगठन की वार्षिक सत्र बैठक के दौरान कहा, 'इस तरह की घटनाएं तब तक होती रहेंगी, जब तक कि एक दीर्घकालिक समाधान नहीं हो जाता और वह है सीमा समझौता। और यह हमारे प्रयासों के केंद्र में होना चाहिए, ताकि हमारी उत्तरी (चीन) सीमा पर स्थायी शांति हो।' अफगानिस्तान का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि भारतीय थल सेना या सशस्त्र बल खतरे की आशंकाओं का समय-समय पर आकलन करते रहते हैं। उन्होंने कहा कि उन आकलनों के आधार पर भारतीय थल सेना भविष्य के खतरों से निपटने के लिए आवश्यक रणनीतियां और सिद्धांत तैयार करती है। नरवणे ने कहा, 'यह निरंतर प्रक्रिया है जो कभी नहीं रुकती है।' 15 अगस्त को काबुल पर तालिबान ने कब्जा कर लिया था। अफगानिस्तान पर तालिबाान के कब्जे के बारे में अपनी चिंता व्यक्त करते हुए भारत ने 20 सितंबर को कहा था कि युद्ध प्रभावित देश के भू-भाग का इस्तेमाल आतंकवादी कृत्यों को आश्रय, प्रशिक्षण देने, साजिश रचने या धन मुहैया कराने के लिए नहीं किया जाना चाहिए। जनरल नरवणे ने कहा कि जहां तक आतंकवादी खतरे की बात है, तो भारतीय थल सेना सभी चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा, 'हमारे पास जम्मू-कश्मीर में एक बहुत ही गतिशील आतंकवाद रोधी और चरमपंथ रोधी ढांचा है। यह एक गतिशील ढांचा है और यह खतरे की धारणा और हमारे पश्चिमी पड़ोसी (पाकिस्तान) की ओर से अधिक से अधिक आतंकवादियों को तैयार करने के प्रयासों के बढ़ते स्तरों पर आधारित है। सेना प्रमुख ने कहा कि उतार-चढ़ाव के आधार पर हम अपने संचालन के स्तर का भी दोबारा आकलन करते रहते हैं। भारत और चीन के बीच मौजूदा सीमा गतिरोध पिछले साल मई में पैंगोंग झील क्षेत्र में हिंसक झड़प के बाद शुरू हुआ था। दोनों पक्षों ने धीरे-धीरे हजारों सैनिकों के साथ-साथ भारी हथियारों की तैनाती बढ़ा दी थी। पिछले साल 15 जून को गलवान घाटी में हुई झड़प के बाद यह गतिरोध बढ़ गया था।


from India News: इंडिया न्यूज़, India News in Hindi, भारत समाचार, Bharat Samachar, Bharat News in Hindi, coronavirus vaccine latest news update https://ift.tt/3imPPVn
... तो क्‍या भारत-चीन सीमा पर फिर हो सकती है पिछले साल जैसी हिंसक झड़प? थल सेना प्रमुख नरवणे ने दिए संकेत https://ift.tt/39TipsA ... तो क्‍या भारत-चीन सीमा पर फिर हो सकती है पिछले साल जैसी हिंसक झड़प? थल सेना प्रमुख नरवणे ने दिए संकेत
https://ift.tt/39TipsA Reviewed by Inquisitive & Gallivanter on September 30, 2021 Rating: 5

ग्रुप ऑफ 23 : पंजाब संकट के बाद सोनिया-राहुल गांधी के खिलाफ खिंची तलवारें...क्या टूट जाएगी कांग्रेस? https://ift.tt/3ilvTlx

September 30, 2021
नई दिल्ली कांग्रेस इस समय जबरदस्त अंदरूनी संकट से जूझ रही है। पंजाब में वह नेताओं की आपसी खींचतान को जितना सुलझाने की कोशिश कर रही है, मामला उतना ही उलझ जा रहा। मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के लिए मजबूर होने के बाद कैप्टन अमरिंदर सिंह के बीजेपी में जाने को लेकर अटकलें तेज हैं। राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भी पार्टी जैसे किसी सोए हुए ज्वालामुखी पर बैठी हो जिसमें कभी भी विस्फोट हो सकता है। ऐसे नाजुक वक्त में कांग्रेस के असंतुष्ट नेताओं के G-23 गुट ने सीधे हाई कमान के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ तलवारें खींच ली है। G-23 ने खोला मोर्चा राज्यों में पार्टी की बढ़ती अंदरूनी कलह, एक-एक कर बड़े नेताओं के दूसरी पार्टियों में जाने और पंजाब में चल रहे सियासी ड्रामे के बीच G-23 नेता इसे अपनी आवाज बुलंद करने का सबसे सही वक्त के तौर पर देख रहे हैं। वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने सोनिया गांधी को खत लिखकर जल्द से कांग्रेस वर्किंग कमिटी की बैठक बुलाने की मांग की है। कपिल सिब्बल ने तो यह कहकर सीधे-सीधे नेतृत्व को ही कठघरे में खड़ा कर दिया कि किसी को नहीं पता कि पार्टी में फैसले कौन लेता है। उनके निशाने पर सीधे-सीधे कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी है। सुबह बैठक, दोपहर में सिब्बल का बयान...G-23 की रणनीति बुधवार को कैप्टन अमरिंदर सिंह की गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात को लेकर दिनभर सियासी सरगर्मियां तेज रहीं। पंजाब में चल रहे ड्रामे से कांग्रेस हाई कमान सकते में है। कैप्टन को निपटाने के बाद नवजोत सिंह सिद्धू खुद ही पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष से इस्तीफा दे चुके हैं। उनके समर्थक मंत्रियों ने भी चन्नी कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया है। आलाकमान ने पूरे मसले को स्टेट यूनिट के जिम्मे छोड़ दिया है। अब तो ऐसी अटकलें भी लगने लगी हैं कि पंजाब कांग्रेस को मंझधार में डालकर सिद्धू खुद ही अलग रास्ता नाप सकते हैं। कांग्रेस के लिए ऐसे नाजुक वक्त में G-23 नेताओं का मोर्चा खोलना उनकी रणनीति का हिस्सा दिखता है। कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक, बुधवार को सुबह गुलाम नबी आजाद के घर पर G-23 के नेताओं ने बैठक की। इसमें तय हुआ कि पार्टी में संगठन चुनाव और उसके कायापलट की उनकी पुरानी मांग के लिए लिए आवाज उठाने का इससे बेहतर कोई समय नहीं हो सकता। इसके बाद गुलाम नबी आजाद ने सोनिया गांधी को जल्द से जल्द सीडब्लूसी की मीटिंग बुलाने के लिए खत लिखा। दोपहर में पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल मीडिया से मुखातिब हुए और सीधे पार्टी नेतृत्व के लिए नसीहतों की झड़ी लगा दी। आनंद शर्मा ने की सिब्बल के घर 'हमले' की निंदा सिब्बल के बयान पर युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं का गुस्सा भड़क गया। कुछ कार्यकर्ताओं ने दिल्ली में उनके घर का घेराव किया। सड़े हुए टमाटर फेंके गए। 'गद्दारो पार्टी छोड़ो' के नारे लगाए गए। G-23 के ही एक अन्य सदस्य पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा ने सिब्बल के घर पर 'हमले' और हुड़दंग पर हैरानी जताते हुए इसे घिनौना बताया है। उन्होंने इसके लिए जिम्मेदार लोगों की पहचान कर उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। क्या कहा सिब्बल ने कपिल सिब्बल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि कांग्रेस के पास अध्यक्ष ही नहीं हैं। हमें नहीं पता कि फैसला कौन ले रहा है। उन्होंने कहा कि हम जी-23 हैं, जी हुजूर-23 नहीं। हम कांग्रेस को मजबूत करना चाहते हैं। उन्होंने गांधी परिवार पर इशारों में तंज कसते हुए कहा कि जो लोग इनके खासमखास थे वे पार्टी छोड़कर चले गए। जिन्हें ये खासमखास नहीं समझते वे आज भी इनके साथ खड़े हैं। उनका इशारा ज्योतिरादित्य सिंधिया, जितेंद्र प्रसाद और सुष्मिता देव जैसे नेताओं की तरफ था जिन्हें गांधी परिवार का बेहद करीबी माना जाता था लेकिन उन्होंने कांग्रेस छोड़ दिया। सिब्बल ने कहा, ‘हमारे लोग हमें छोड़कर जा रहे हैं। सुष्मिता (देव) जी चली गईं और गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री (लुईजिन्हो) फालेरयो भी चले गए। जितिन प्रसाद चले गए, (ज्योतिरादित्य) सिंधिया चले गए, ललितेश त्रिपाठी चले गए, अभिजीत मुखर्जी भी चले गए। कई अन्य नेता चले गए। सवाल उठता है कि ये लोग क्यों जा रहे हैं? हमें यह खुद सोचना होगा कि शायद हमारी भी कोई गलती रही होगी।’ पंजाब को लेकर कैप्टन अमरिंदर की भाषा बोलते हुए सिब्बल ने कहा, 'सीमावर्ती राज्य है। वहां आईएसआई फायदा उठा सकती है। हम जानते हैं कि सीमापार के तत्व वहां अस्थिरता पैदा कर सकते हैं...कांग्रेस को सुनिश्चित करना है कि सब एकजुट रहे।’ उन्होंने कहा, ‘पार्टी के भीतर खुलकर चर्चा हो, एक दूसरे के विचार को सुने जाएं। संगठन का ढांचा होना चाहिए। सीडब्ल्यूसी का चुनाव हो।’ क्या टूट जाएगी कांग्रेस? कैप्टन अमरिंदर सिंह अभी दिल्ली में ही हैं। ऐसी अटकलें हैं कि वह G-23 के नेताओं से मुलाकात कर सकते हैं। अब सिब्बल का सीधा अटैक, गुलाम नबी आजाद का लेटर बम, मनीष तिवारी की नसीहतें, आनंद शर्मा का पार्टी को सहिष्णुता और उसके मूल्यों की याद दिलाना...G-23 नेता अब आर-पार के मोर्चे के लिए तैयार दिख रहे हैं। पंजाब संकट ने उन्हें अपनी बात कहने का एक बड़ा मौका मुहैया कराया है। कांग्रेस पार्टी के लिए इस वक्त संकट बहुत बड़ा है। G-23 नेताओं की 'बगावत' पार्टी में टूट का सबब भी बन सकता है। कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ मिलकर G-23 के नेताओं के अलग पार्टी बनाने की आशंकाओं को कांग्रेस हल्के में नहीं ले सकती। कांग्रेस में टूट का इतिहास बहुत पुराना है। हाल के दशकों में ही शरद पवार, ममता बनर्जी, एनडी तिवारी और अर्जुन सिंह जैसे कांग्रेस के दिग्गज नेता कुछ ऐसे ही हालात में अलग होकर नई पार्टियां बना ली। क्या है कांग्रेस का G-23 समूह दरअसल, ये वे नेता हैं जिन्होंने पिछले साल पार्टी नेतृत्व और उसकी कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाते हुए सोनिया गांधी को खत लिखा था। इन नेताओं ने जल्द से जल्द संगठन चुनाव कराने की मांग की थी। खत लिखने वाले 23 नेताओं में गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा, भूपेंद्र सिंह हुड्डा, कपिल सिब्बल, मनीष तिवारी, जितेंद्र प्रसाद, मुकुल वासनिक, वीरप्पा मोइली, मिलिंद देवड़ा, रेणुका चौधरी, राजिंदर कौर भट्टल, विवेक तन्खा, राज बब्बर जैसे नेता शामिल थे। जितेंद्र प्रसाद तो अब बीजेपी में जा चुके हैं। कुछ नेताओं को आलाकमान मनाने में कामयाब भी हुई है। लेकिन ज्यादातर नेताओं के पुराने तेवर बरकरार है। मनीष तिवारी ने कन्हैया कुमार को कांग्रेस में शामिल किए जाने का भी विरोध किया है और सरहदी राज्य पंजाब पर खास ध्यान देने की नसीहत दी है। गुलाम नबी आजाद ने सीडब्लूसी की बैठक के लिए सोनिया को खत लिखा है। सिब्बल प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कांग्रेस के 'प्रथम परिवार' के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। आनंद शर्मा भी रह-रहकर पार्टी संगठन में बदलाव की मांग करते रहते हैं। मिलिंद देवड़ा को लेकर भी अटकलें लगती रहती हैं कि वह कांग्रेस को छोड़ सकते हैं।


from India News: इंडिया न्यूज़, India News in Hindi, भारत समाचार, Bharat Samachar, Bharat News in Hindi, coronavirus vaccine latest news update https://ift.tt/3AYTbFo
ग्रुप ऑफ 23 : पंजाब संकट के बाद सोनिया-राहुल गांधी के खिलाफ खिंची तलवारें...क्या टूट जाएगी कांग्रेस? https://ift.tt/3ilvTlx ग्रुप ऑफ 23 : पंजाब संकट के बाद सोनिया-राहुल गांधी के खिलाफ खिंची तलवारें...क्या टूट जाएगी कांग्रेस?
https://ift.tt/3ilvTlx Reviewed by Inquisitive & Gallivanter on September 30, 2021 Rating: 5

बिहार में कन्हैया से क्यों 'कांप' रहे तेजस्वी यादव? रिएक्शन देने से भी RJD नेताओं को मनाही https://ift.tt/3kTvloR

September 30, 2021
पटना बिहार के 'सियासी राजकुमारों' (तेजस्वी-चिराग) के सामने कन्हैया कुमार बड़ी चुनौती बननेवाले हैं। इसका अभास 'भावी मुख्यमंत्री' माननेवालों को भी है। तेजस्वी और कन्हैया ने कभी मंच साझा नहीं किया। पूरे देश में कन्हैया की पहचान एंटी मोदी को लेकर रही है। कांग्रेस में उनकी एंट्री ने आरजेडी के पेशानी पर बल ला दिया है। कन्हैया कुमार से तेजस्वी को किस बात का डर? बिहार में कन्हैया कुमार से आरजेडी 'कांप' रही है। आलम ये है कि पार्टी नेता पहचानने से भी इनकार कर रहे हैं। पत्रकारों से ही सवाल करने लगते हैं कि कौन हैं कन्हैया कुमार? किसी भी सवाल का जवाब देने से बचना चाहते हैं। रिपोर्टों के मुताबिक कन्हैया के कांग्रेस में शामिल होने के बाद राष्ट्रीय जनता दल ने अपने प्रवक्ताओं और सभी नेताओं को फरमान जारी कर दिया है। इसमें कहा गया है कि कन्हैया के कांग्रेस में शामिल होने को लेकर कोई भी प्रतिक्रिया नहीं दी जाए। पार्टी के सीनियर नेता और विधायक भाई वीरेंद्र से जब कन्हैया कुमार के कांग्रेस में शामिल होने को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि कौन है कन्हैया कुमार? मैं इन्हें नहीं जानता। माना जा रहा है कि कन्हैया के कांग्रेस में शामिल होने से आरजेडी खुश नहीं है। बिहार में कांग्रेस और सीपीआई दोनों महागठबंधन का हिस्सा है और कन्हैया कुमार सीपीआई से ही कांग्रेस में आए हैं। अपने हिसाब से कांग्रेस को 'एडजस्ट' नहीं पाएंगे? बिहार में कांग्रेस को हराकर ही लालू यादव ने 'राज' करना शुरू किया था। 15 साल तक उनकी पार्टी राज्य की सत्ता पर काबिज रही। जगन्नाथ मिश्रा के कांग्रेस छोड़ने के बाद से पार्टी नेतृत्व विहीन हो गई और धीरे-धीरे लालू यादव अपने हिसाब से कांग्रेस को 'एडजस्ट' करते रहे। कांग्रेस और आरजेडी का रिश्ता दो दशक से ज्यादा पुराना है। ये सवाल उठता है कि आखिर कन्हैया के कांग्रेस में आने से आरजेडी नाराज क्यों है? दरअसल बिहार में कांग्रेस के पास कोई चेहरा नहीं था। कांग्रेस के घाघ नेता अपनी 'सेटिंग-गेटिंग' में लगे रहते हैं। पार्टी को नौजवान नेतृत्व को जरूरत थी। कन्हैया कुमार उस हिसाब से फिट बैठते हैं। पढ़े-लिखे हैं, हाजिर जवाब हैं, अच्छे वक्ता हैं, एंटी मोदी की पहचान रखते हैं और किसी भी आरोप का मुंहतोड़ जवाब देते हैं। कन्हैया की ये खासियतें लालू यादव और तेजस्वी को 'सूट' नहीं करती है। कन्हैया के आने से महागठबंधन 'फेस वॉर' शुरू? जब तक कांग्रेस कमजोर रहेगी, क्षेत्रीय दलों की दुकानदारी चलती रहेगी। कांग्रेस के मजबूत होने से आरजेडी को नुकसान होगा। इसमें कोई दो मत नहीं है। आरजेडी कभी नहीं चाहेगी कि कांग्रेस को मजबूत नेतृत्व मिले। कन्हैया की मेहनत और जिम्मेदारियों पर सबकुछ निर्भर है। पंजाब क्राइसिस के बावजूद राहुल गांधी ने जिस तरह से कन्हैया को तवज्जो दी, उससे लालू और तेजस्वी का चैन जरूर खो गया है। फिलहाल बिहार में महागठबंधन का चेहरा तेजस्वी यादव हैं। बिहार कांग्रेस में कन्हैया का रोल बढ़ने से 'फेस वॉर' शुरू हो जाएगा। तेजस्वी की पहचान लालू यादव की बदौलत है, जबकि कन्हैया कुमार ने खुद को गढ़ा है। वो अपनी भाषण शैली से लोगों को अच्छे से कनेक्ट करते हैं। कांग्रेस में कन्हैया को शामिल नहीं कराया जाए, इसके लिए आरजेडी ने कई तिकड़म किए थे। मगर मामला 'सेट' नहीं हो पाया। कहा जाता है कि कन्हैया को पार्टी में शामिल कराने का फैसला राहुल गांधी का है। बेगूसराय में कन्हैया हारे थे या हरा दिए गए? कन्हैया कुमार को बिहार में कोई जिम्मेदारी कांग्रेस सौंपती है तो इसका सीधा असर तेजस्वी यादव पर पड़ सकता है। कन्हैया की स्टाइल तेजस्वी पर भारी है। उनसे तो आरजेडी 2019 लोकसभा चुनाव से ही खुश नहीं है, जब सीपीआई ने बेगूसराय से उम्मीदवार बना दिया था। गिरिराज सिंह के जीतने के पीछे कहीं ना कहीं आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव का भी हाथ माना जाता है। बेगूसराय से कन्हैया कुमार की जीत होती तो तेजस्वी यादव का राजनीतिक कद कम हो जाता। आरजेडी ने अपने उम्मीदवार तनवीर हसन को उतार कर मुकाबले को त्रिकोणीय बना दिया था और बीजेपी की जीत आसान हो गई। बिहार में दो सीटों पर उपचुनाव होने हैं। तारापुर और कुशेश्वर स्थान पर आरजेडी ने अपना दावा ठोक दिया है। जबकि कुशेश्वर स्थान से 2020 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस चुनाव लड़ी थी। हालांकि उसके उम्मीदवार हार गए थे।


from India News: इंडिया न्यूज़, India News in Hindi, भारत समाचार, Bharat Samachar, Bharat News in Hindi, coronavirus vaccine latest news update https://ift.tt/3AX6tSv
बिहार में कन्हैया से क्यों 'कांप' रहे तेजस्वी यादव? रिएक्शन देने से भी RJD नेताओं को मनाही https://ift.tt/3kTvloR बिहार में कन्हैया से क्यों 'कांप' रहे तेजस्वी यादव? रिएक्शन देने से भी RJD नेताओं को मनाही
https://ift.tt/3kTvloR Reviewed by Inquisitive & Gallivanter on September 30, 2021 Rating: 5

भूपेश बघेल के 15 'वफादार' विधायक दिल्ली में कर रहे कैंप, 'बाबा' भी हुए मुखर https://ift.tt/3zTF4jk

September 30, 2021
रायपुर पंजाब की तरह छत्तीसगढ़ कांग्रेस में भी संकट गहरा रहा है। ढाई-ढाई साल वाले फॉर्म्युले पर रार थमने का नाम नहीं ले रहा है। सीएम भूपेश बघेल के खेमे के विधायक एक बार फिर से दिल्ली पहुंच गए हैं। बघेल खेमे के 15 विधायक दिल्ली में कैंप किए हुए हैं। वहीं, विधायकों ने मीडिया से बात करते हुए कहा है कि वह अपने क्षेत्र में राहुल गांधी के दौरे की मांग को लेकर मिलने आए हैं। नवभारत टाइम्स.कॉम से फोन पर बात करते हुए कांग्रेस विधायक बृहस्पत सिंह ने कहा है कि हम लोग 15-16 विधायक दिल्ली में हैं। यहां पर आलाकमान से मिलने आए हैं। उन्होंने साफ किया है कि भूपेश बघेल के नेतृत्व में सरकार अच्छी चल रही है। 60 विधायकों का शपथ पत्र है। हम लोग अपने क्षेत्र में दौरे को लेकर आलाकमान से मिलने आए हैं। बीजेपी के लोग छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार को अस्थिर करने की कोशिश कर रहे हैं। मगर शरगुजा महाराज बहुत समझदार हैं। वह कुछ ऐसा नहीं करेंगे। बृहस्पत सिंह ने यह भी कहा है कि टीएस सिंह देव साफ कर दें कि राहुल गांधी ने हमें सीएम बनाने के लिए कहा है और हम इस तारीख शपथ ले रहे हैं। वह खुलकर बोल दें। साथ ही विधायकों को भी विश्वास में लें। मगर ये सारी बनावटी बातें हैं। हमलोग भूपेश बघेल के साथ खड़े हैं। वह अच्छा काम कर रहे हैं तो नेतृत्व परिवर्तन की बात ही नहीं है। विधायकों के दिल्ली कैंप पर स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव ने भी जवाब दिया है। उन्होंने कहा है कि मुझे जानकारी है कि कुछ विधायक दिल्ली में कैंप किए हुए हैं। वह अपने क्षेत्र के दौरे के लिए आलाकमान से वक्त मांगने गए हैं। मगर प्रदेश का मुखिया तो सीएम होते हैं। वहीं, आलाकमान से वक्त मांग सकते हैं। दरअसल, छत्तीसगढ़ में कांग्रेस का एक धड़ा नेतृत्व परिवर्तन की मांग कर रहा है। इसके मुखिया टीएस सिंह देव हैं। इनके खेमे के लोग अभी तक खुलकर सामने नहीं आए हैं, जबकि भूपेश खेमे के लोग खुलकर सामने आ गए हैं। पहली बार भी करीब 52 विधायक भूपेश बघेल के समर्थन में दिल्ली पहुंच गए थे। पंजाब की घटना के बाद दिल्ली में फिर से भूपेश समर्थक आलाकमान पर दबाव बनाने की कोशिश में जुटे हैं।


from India News: इंडिया न्यूज़, India News in Hindi, भारत समाचार, Bharat Samachar, Bharat News in Hindi, coronavirus vaccine latest news update https://ift.tt/3ijhRRz
भूपेश बघेल के 15 'वफादार' विधायक दिल्ली में कर रहे कैंप, 'बाबा' भी हुए मुखर https://ift.tt/3zTF4jk भूपेश बघेल के 15 'वफादार' विधायक दिल्ली में कर रहे कैंप, 'बाबा' भी हुए मुखर
https://ift.tt/3zTF4jk Reviewed by Inquisitive & Gallivanter on September 30, 2021 Rating: 5

शाह से बंद कमरे में 50 मिनट बात: अमरिंदर के सहारे बड़ा गेम खेलेगी BJP, समझिए प्लान https://ift.tt/3kRNdjJ

September 30, 2021
नई दिल्ली 28 सितंबर नहीं, 29 सितंबर को ही सही कांग्रेस के कद्दावर नेता और पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात कर ली। 48 घंटे पहले से ही इसकी चर्चा थी। दरअसल, कैप्टन सीएम पद से इस्तीफा देने के बाद से नाराज चल रहे हैं और ऐसे में उनके बीजेपी में जाने की अटकलें लगाई जा रही हैं। दोनों नेताओं की यह बहुचर्चित मीटिंग 50 मिनट तक चली। फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि कांग्रेस नेता बीजेपी में शामिल होंगे या पंजाब चुनाव से पहले नई पार्टी बनाकर बीजेपी का समर्थन लेंगे। इतना जरूर है कि दोनों ही परिस्थितियों में कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। हालांकि कैप्टन खेमे की ओर से बताया गया है कि वह किसानों के मुद्दों को लेकर गृह मंत्री से मिले। यहां एक बात गौर करने वाली है कि एक दिन पहले जब कैप्टन पंजाब से दिल्ली के लिए प्लेन में बैठे भी नहीं थे और मीडिया में शाह से मुलाकात की खबरें चल रही थीं तो उनके सलाहकार ने ट्वीट कर अटकलों पर विराम लगाने की कोशिश की थी। कहा गया कि वह निजी दौरे पर हैं और किसी नेता से उनकी मुलाकात तय नहीं है। उसी दिन नवजोत सिंह सिद्धू ने पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था और अब एक दिन बाद कैप्टन गृह मंत्री के घर जाकर उनसे मुलाकात करते हैं। यह बैठक इस मायने में भी महत्वपूर्ण है कि मुख्यमंत्री पद से हटने के बाद सिंह ने अपने पत्ते नहीं खोले थे, लेकिन दावा किया था कि उन्होंने राजनीति नहीं छोड़ी है और वह अंत तक लड़ेंगे। तस्वीर दे रही संकेत दोनों के मुलाकात की सामने आई तस्वीर काफी कुछ कहानी बयां करती है। हाथ मिलाते हुए शाह के चेहरे पर मुस्कान है और कांग्रेस के दिग्गज की नजरें झुकी हैं जैसे वह कृतज्ञता व्यक्त कर रहे हों। खैर, कैप्टन अमरिंदर के भविष्य की योजनाओं पर कोई स्पष्टता नहीं है। उन्होंने ट्वीट कर बताया, 'केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जी से दिल्ली में मिला। कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन पर चर्चा की और उनसे कानूनों को रद्द करने, एमएसपी की गारंटी देने के साथ इस संकट का समाधान निकालने का अनुरोध किया।' #NoFarmersNoFood के साथ सिंह ने तीनों कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों को अपना समर्थन दिया है। इसे अटकलों पर विराम लगाने की कोशिश माना जा रहा है। इससे एक बात और साफ हो जाती है कि पंजाब की राजनीति में आज भी किसान आंदोलन सबसे बड़ा मुद्दा बना हुआ है। यह भी तय है कि कैप्टन का अगला कदम बहुत कुछ किसानों के समर्थन पर केंद्रित होगा। किसानों का मुद्दा सुलझाएंगे कैप्टन यह भी चर्चा है कि अपने-अपने रुख पर अड़े केंद्र सरकार और किसानों के बीच फिर से बातचीत शुरू करने के लिए अमरिंदर मध्यस्थ की भूमिका निभा सकते हैं। अगर इसमें सफलता मिलती है तो तनातनी खत्म होगी और पूर्व सीएम प्रदर्शनकारियों के साथ मजबूती से खड़े दिखेंगे। उधर, कैप्टन की बदौलत बीजेपी खुद को किसानों के और करीब ले जा सकेगी। सियासी हलकों में चर्चा यह भी है कि कैप्टन कांग्रेस से अलग होकर अपनी पार्टी बना सकते हैं और हो सकता है कि वह बीजेपी से समर्थन लें। फिलहाल इस मुलाकात को हल्के में नहीं लिया जा सकता है क्योंकि यह ऐसे समय में हुई है जब पंजाब संकट फिर से गहरा गया है। उनके और गांधी परिवार में तनाव भी दिख रहा है। उन्हें सीएम पद छोड़ने के लिए मजबूर किया गया तो उन्होंने कांग्रेस नेतृत्व पर अपमानित करने का आरोप लगाया था, वह राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को अनुभवहीन बता चुके हैं। मोदी से मुलाकात क्यों नहीं पहले कहा जा रहा था कि कैप्टन पीएम मोदी और बीजेपी चीफ जेपी नड्डा से भी मिलेंगे। अब कहा जा रहा है कि दोनों पक्षों में और ज्यादा समझ बढ़ने के बाद ही पीएम से उनकी मुलाकात संभव है। शाह से मुलाकात के एक मायने यह भी निकाले जा रहे हैं कि वह कांग्रेस हाईकमान के साथ संबंधों को फिर से सुधारने के मूड में नहीं हैं। कैप्टन और बीजेपी एक पिच परकैप्टन और बीजेपी में काफी कुछ समानताएं हैं। पंजाब के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद अमरिंदर सिंह ने नवजोत सिंह सिद्धू पर यह कहकर निशाना साधा था कि अगर सिद्धू पंजाब के सीएम बने तो यह देश की सुरक्षा के लिए खतरा होगा। इसके बाद बीजेपी भी इसी पिच पर अमरिंदर की बात को आगे बढ़ाते हुए सिद्धू पर निशाना साधने लगी। राष्ट्रवाद, बीजेपी की सबसे मजबूत पिच रही है। मुख्यमंत्री रहते हुए भी जब जलियांवाला बाग के रिनोवेशन को लेकर कांग्रेस ने सवाल उठाए थे, तब अमरिंदर सिंह ने केंद्र सरकार का बचाव किया था। अमरिंदर सिंह के लिए हमेशा बीजेपी के मन में सॉफ्ट कॉर्नर रहा है क्योंकि वह राष्ट्रवादी हैं। पंजाब में कांग्रेस को झटका देने के लिए बीजेपी कैप्टन को समर्थन दे सकती है। पंजाब में अगले साल की शुरुआत में विधानसभा चुनाव हैं और बीजेपी के पास वहां खोने के लिए अभी कुछ नहीं है। न संगठन, न सहयोगी। बीजेपी का पुराना सहयोगी अकाली दल अलग हो गया है और पंजाब में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच मुकाबला होता दिख रहा है। अमरिंदर साथ आएं या कांग्रेस से अलग पार्टी बनाएं- दोनों ही स्थितियों में बीजेपी खुद को अच्छी स्थिति में देख रही हैं। इधर, किसान आंदोलन बीजेपी के लिए सिरदर्द दे रहा है। अगले साल विधानसभा चुनावों को देखते हुए वह भी इस मुद्दे का समाधान जरूर चाहेगी, जिससे जनता में एक अच्छा संदेश जाए। हालांकि सरकार ने कृषि कानूनों को रद्द करने की किसानों की मांग को मानने से इनकार कर दिया है लेकिन यह जरूर कहा है कि MSP को जारी रखा जाएगा और बार-बार इसे दोहराया गया है। हालांकि, किसान लिखित में एमएसपी सुरक्षा की गारंटी मांग रहे हैं, अगर ऐसा होता है तो पंजाब ही नहीं यूपी समेत चुनाव वाले सभी राज्यों में यह गेमचेंजर हो सकता है। कांग्रेस के लिए चल रहा मुश्किल वक्त कांग्रेस के सामने अजब उलझन है। वह एक नेता को संभालती है तो दूसरा खिसक जाता है। सिद्धू के खेमे को शांत करने के लिए कैप्टन को हटाया गया लेकिन नई सरकार बने ज्यादा समय नहीं बीते और सिद्धू ने पंजाब कांग्रेस प्रमुख पद से इस्तीफा दे दिया। अब पार्टी उन्हें मनाने की कोशिश करने की सोच रही होगी तभी कैप्टन की शाह से मुलाकात ने नई टेंशन दे दी है। नवजोत सिंह सिद्धू को मनाने की कवायद जारी है। पंजाब में प्रदेश स्तर के नेता सिद्धू को मनाने के प्रयास में कामयाब होते नहीं दिख रहे क्योंकि सिद्धू ने एक वीडियो जारी कर स्पष्ट कहा है कि वह अपने सिद्धांतों से समझौता करने वाले नहीं हैं। ऐसे में कांग्रेस के लिए यह मुश्किल समय है।


from India News: इंडिया न्यूज़, India News in Hindi, भारत समाचार, Bharat Samachar, Bharat News in Hindi, coronavirus vaccine latest news update https://ift.tt/3zX0lbL
शाह से बंद कमरे में 50 मिनट बात: अमरिंदर के सहारे बड़ा गेम खेलेगी BJP, समझिए प्लान https://ift.tt/3kRNdjJ शाह से बंद कमरे में 50 मिनट बात: अमरिंदर के सहारे बड़ा गेम खेलेगी BJP, समझिए प्लान
https://ift.tt/3kRNdjJ Reviewed by Inquisitive & Gallivanter on September 30, 2021 Rating: 5

पाकिस्तान में होने वाले ऐंटी-टेरर एक्सर्साइज में हिस्सा लेगा भारत, रिश्तों में सुधार या अफगानिस्तान पर स्ट्रैट्जी? जानें https://ift.tt/3orWmlc

September 30, 2021
नई दिल्ली पाकिस्तान में अगले हफ्ते होने वाले शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के ऐंटी-टेरर एक्सर्साइज में भारत भी हिस्सा लेने वाला है। हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया को जानकारी मिली है कि पब्बी ऐंटी-टेरर एक्सर्साइज में हिस्सा लेने के लिए भारत एक 3 सदस्यों वाली टीम को पाकिस्तान भेज सकता है। SCO के रीजनल ऐंटी-टेररिस्ट स्ट्रक्चर (RATS) के तहत होने वाली इस एक्सर्साइज का ऐलान इस साल मार्च में ही हो गया था। भारत को छोड़कर बाकी सभी सदस्य देशों ने बहुत पहले ही इसमें शिरकत की पुष्टि कर दी थी। पहले माना जा रहा था कि पाकिस्तान में होने वाली इस एक्सर्साइज में भारत अपनी टीम नहीं भेजेगा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वां में 3 अक्टूबर से शुरू होगी एक्सर्साइज पब्बी ऐंटी-टेरर एक्सर्साइज 2021 पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में होने वाली है। नौशेरा जिले में यह एक्सर्साइज 3 अक्टूबर से शुरू होगी जिसका मकसद SCO के सदस्य देशों के बीच काउंटर-टेररिज्म को-ऑपरेशन को बढ़ावा देना है। इस एक्सर्साइज में सैनिक हिस्सा नहीं लेंगे। इसका उद्देश्य आतंकी गतिविधियों के लिए फंडिंग में इस्तेमाल होने वाले चैनल्स की पहचान करना और उन्हें खत्म करना है। SCO के पिछले अभ्यास में भारत ने नहीं लिया था हिस्सा पिछले साल SCO की काउंटर टेरर एक्सर्साइज रूस में हुई थी। हालांकि, भारत ने सितंबर में हुई उस एक्सर्साइज में हिस्सा नहीं लिया क्योंकि उसमें पाकिस्तान और चीन दोनों ही शिरकत कर रहे थे। उस वक्त पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ सैन्य टकराव चरम पर था। शिरकत तो कर रहे, लेकिन भारत के रुख में बदलाव नहीं सरकार का मानना है कि SCO की इस एक्सर्साइज में हिस्सा लेने से उसके इस रुख पर कोई असर नहीं पड़ेगा कि पाकिस्तान ने क्रॉस-बॉर्डर टेररिज्म को जारी रखा हुआ है। भारत की मौजूदगी को इस रूप में देखा जाना चाहिए कि सेंट्रल एशिया और साउथ एशिया में सुरक्षा से जुड़े मुद्दों खासकर अफगानिस्तान में नई दिल्ली काफी अहमियत रखता है। अफगानिस्तान में हो सकती है SCO की बड़ी भूमिका SCO में चीन, रूस, भारत, पाकिस्तान और 4 सेंट्रल एशियाई देश ताजिकिस्तान, उज्बेकिस्तान, कजाकिस्तान और किर्गिस्तान पूर्ण सदस्य के तौर पर शामिल हैं। ईरान भी अब इसका हिस्सा है जबकि भारत और पाकिस्तान 2017 में इसका हिस्सा बने। अफगानिस्तान संकट का राजनीतिक और कूटनीतिक हल निकालने में SCO अहम भूमिका निभा सकता है। भारत ने सबसे आखिर में शिरकत के लिए भरी हामी इस साल मार्च में ताशकंद में RATS काउंसिल की मीटिंग में पब्बी एक्सर्साइज का ऐलान हुआ था। लेकिन सदस्य देशों में भारत ने ही सबसे आखिर में इसमें शिरकत की पुष्टि की। SCO प्रोटोकॉल के तहत पाकिस्तान ने भारत समेत सभी सदस्य देशों को इस एक्सर्साइज में हिस्सा लेने का न्योता भेजा था। भारत इसमें नेशनल सेक्युरिटी काउंसिल सेक्रेटेरियट के अधिकारियों की टीम भेज सकता है। इस महीने SCO के दुशांबे घोषणापत्र में इस बात पर जोर दिया गया क्षेत्रीय सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए आतंकवाद, अलगाववाद और चरमपंथ के खिलाफ संयुक्त लड़ाई में SCO RATS की 'खास भूमिका' होगी। पीएम मोदी ने SCO समिट में ही तालिबान पर भारत का रुख किया था स्पष्ट दुशांबे में अफगानिस्तान पर SCO समिट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तालिबान पर भारत के रुख को स्पष्ट किया था। पीएम ने कहा कि अफगानिस्तान में तालिबान की बनाई सरकार समावेशी नहीं है और अंतरराष्ट्री समुदाय को इसे मान्यता देने में जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए। दुशांबे डेक्लेरेशन में कहा गया कि अफगानिस्तान का आतंकवाद और ड्रग्स से मुक्त रहना जरूरी है। सभी सदस्य देश मानते हैं कि अफगानिस्तान में समावेशी सरकार बहुत जरूरी है जिसमें अफगान समाज के सभी एथनिक, धार्मिक और राजनीतिक समूहों को प्रतिनिधित्व मिलना चाहिए। एक्सर्साइज ऐसे वक्त जब भारत-पाक रिश्ते बेहद खराब दौर में SCO एक्सर्साइज ऐसे वक्त होने जा रही है जब भारत और पाकिस्तान के रिश्ते बहुत ही नाजुक मोड़ पर हैं। हालांकि, इस साल फरवरी में दोनों पक्षों ने सीजफायर अग्रीमेंट मानने को लेकर प्रतिबद्धता जताई थी। लेकिन भारतीय सेना पाकिस्तानी कमांडरों पर आरोप लगा रही है कि उन्होंने पिछले महीने जम्मू-कश्मीर में आतंकी घुसपैठ करा रहे हैं। इस हफ्ते आर्मी ने एलओसी के पास उरी सेक्टर में एनकाउंटर के बाद एक पाकिस्तानी आतंकवादी को हिरासत में भी लिया है।


from India News: इंडिया न्यूज़, India News in Hindi, भारत समाचार, Bharat Samachar, Bharat News in Hindi, coronavirus vaccine latest news update https://ift.tt/3F14DTc
पाकिस्तान में होने वाले ऐंटी-टेरर एक्सर्साइज में हिस्सा लेगा भारत, रिश्तों में सुधार या अफगानिस्तान पर स्ट्रैट्जी? जानें https://ift.tt/3orWmlc पाकिस्तान में होने वाले ऐंटी-टेरर एक्सर्साइज में हिस्सा लेगा भारत, रिश्तों में सुधार या अफगानिस्तान पर स्ट्रैट्जी? जानें
https://ift.tt/3orWmlc Reviewed by Inquisitive & Gallivanter on September 30, 2021 Rating: 5

स्किन-टू-स्किन टच पोक्सो के लिए जरूरी नहीं... सुप्रीम कोर्ट में अटॉर्नी जनरल की दलील https://ift.tt/2XXsFNR

September 30, 2021
नई दिल्ली सुप्रीम कोर्ट में अटॉर्नी जनरल ने कहा है हाई कोर्ट के उस फैसले को खारिज किया जाए जिसमें पोक्सो के तहत अपराध के लिए अनिवार्य है। अटॉर्नी जनरल ने कहा है कि हाई कोर्ट का फैसला गलत नजीर बनेगा। यह खतरनाक होगा। पोक्सो कानून के तहत स्किन-टू-स्किन टच अनिवार्य नहीं है। स्किन-टू-स्किन टच मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले को खारिज करने के लिए अटॉर्नी जनरल ने सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई है। साथ ही राष्ट्रीय महिला आयोग ने अलग से अर्जी दाखिल कर बॉम्बे हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती दी है। महिला आयोग की ओर से भी दलील दी गई कि हाई कोर्ट के फैसले को खारिज किया जाए। बॉम्बे हाई कोर्ट ने कहा था कि नाबालिग के अंदरूनी अंग को बिना कपड़े हटाए छूना तब तक सेक्सुअल असॉल्ट नहीं है जब तक कि स्किन-से-स्किन का टच न हो। इस फैसले के खिलाफ दाखिल अपील पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस की अगुवाई वाली बेंच ने 27 जनवरी को हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी थी। इससे पहले अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने मामले को सुप्रीम कोर्ट के सामने उठाया था और हाई कोर्ट कोर्ट के आदेश का जिक्र किया और कहा था कि मामले में गलत नजीर बनेगी और ऐसे में हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगाई जाए। हाई कोर्ट का जजमेंट गलत नजीर बनेगा अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में दलील दी कि पोक्सो एक्ट के तहत ऐसा प्रावधान नहीं हैं कि अपराध के लिए स्किन-टू-स्किन टच होना जरूरी है। उन्होंने पोक्सो एक्ट की धारा-7 व 8 का हवाला दिया और कहा कि उसके कंटेंट में स्किन-टू-स्किन टच अपराध के लिए जरूरी नहीं है। वेणुगोपाल बोले कि बॉम्बे हाई कोर्ट ने पोक्सो कानून को गलत तरीके से परिभाषित किया है। कहा कि आईपीसी की धारा-354 में महिला के साथ छेड़छाड़ के लिए सजा है। लेकिन, मौजूदा मामला 12 साल की बच्ची के लिए है और उसी कारण पोक्सो एक्ट बनाया गया है। बच्चे ज्यादा खतरे में होते हैं और उन्हें प्रोटेक्ट करने के लिए पोक्सो कानून बनाया गया है और उस कानून के तहत कहीं भी स्किन-टू-स्किन टच की अनिवार्यता नहीं है। साथ ही कहा कि हाई कोर्ट का फैसला खतरनाक नजीर बनेगा और वह भविष्य के लिए गलत नजीर साबित होगा। राष्ट्रीय महिला आयोग की ओर से गीता लूथरा ने दलील दी कि पोक्सो कानून में स्किन-टू-स्किन टच की अनिवार्यता नहीं है। क्या है पूरा मामला? अभियोजन पक्ष के मुताबिक, लड़की की मां ने पुलिस के सामने बयान दिया था कि 14 दिसंबर 2016 को आरोपी उनकी 12 साल की बच्ची को कुछ खिलाने के बहाने ले गया और उसके साथ गलत हरकत की। उसके कपड़े खोलने की कोशिश की और उसके अंदरूनी अंग को कपड़े के ऊपर से दबाया। निचली अदालत ने मामले में पोक्सो के तहत आरोपी को दोषी करार दिया और तीन साल कैद की सजा सुनाई। हालांकि, हाई कोर्ट ने आदेश में बदलाव किया और मामले को पोक्सो के तहत सेक्सुअल असॉल्ट नहीं माना बल्कि आईपीसी की धारा-354 के तहत छेड़छाड़ माना था। 12 साल की लड़की के साथ ये वारदात हुई थी। हाई कोर्ट ने कहा था कि बिना कपड़े को हटाए ये मामला पोक्सो के तहत सेक्सुअल असॉल्ट का नहीं बनता। सुप्रीम कोर्ट ने ऑर्डर पर रोक लगा दी है और मामले की सुनवाई चल रही है।


from India News: इंडिया न्यूज़, India News in Hindi, भारत समाचार, Bharat Samachar, Bharat News in Hindi, coronavirus vaccine latest news update https://ift.tt/3zNfX1q
स्किन-टू-स्किन टच पोक्सो के लिए जरूरी नहीं... सुप्रीम कोर्ट में अटॉर्नी जनरल की दलील https://ift.tt/2XXsFNR स्किन-टू-स्किन टच पोक्सो के लिए जरूरी नहीं... सुप्रीम कोर्ट में अटॉर्नी जनरल की दलील
https://ift.tt/2XXsFNR Reviewed by Inquisitive & Gallivanter on September 30, 2021 Rating: 5

'गेट वेल सून कपिल सिब्बल...' घर के बाहर कांग्रेसियों का प्रदर्शन, नेताओं के चौतरफा हमले, सोनिया-राहुल पर उंगली उठा घिरे पूर्व मंत्री https://ift.tt/3ijY1Wb

September 29, 2021
नई दिल्‍ली पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्‍ठ कांग्रेस नेता कपिल सिब्‍बल को पार्टी आलाकमान पर उंगली उठाना काफी भारी पड़ गया है। उनकी प्रेस कांफ्रेंस के बाद बड़ा बखेड़ा खड़ा हो गया। सिब्‍बल को अपनों ने ही चौतरफा घेर लिया। राजधानी में उनके घर के आगे दिल्‍ली कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने जमकर प्रदर्शन किया। वहीं, पार्टी के तमाम आला नेताओं ने उन्‍हें खूब खरी-खोटी सुनाई। उनके राजनीतिक सफर तक सवाल उठा डाले। यह पूरा बवाल कपिल सिब्‍बल की प्रेस कांफ्रेंस के बाद शुरू हुआ। इस दौरान उन्‍होंने कांग्रेस की समस्‍याओं से जुड़े सारे मुद्दे खोद डाले। लोगों के पार्टी से जाने की वजह पर चर्चा की तो इशारों-इशारों में कांग्रेस आलाकमान पर निशाना साधा। कांग्रेस अध्‍यक्ष का मुद्दा उठाने के साथ पंजाब की घमासान पर बात की। क्‍या-क्‍या बोल गए सिब्‍बल? सिब्बल ने पार्टी की पंजाब इकाई में मचे घमासान और कांग्रेस की मौजूदा स्थिति पर बुधवार को पार्टी नेतृत्व पर सवाल खड़े किए। कहा कि कांग्रेस कार्य समिति (CWC) की बैठक बुलाकर इस स्थिति पर चर्चा होनी चाहिए। गांधी परिवार पर तंज कसते हुए कहा कि जो लोग इनके खासमखास थे वो छोड़कर चले गए, लेकिन जिन्हें वे खासमखास नहीं मानते वो आज भी इनके साथ खड़े हैं। सिब्बल ने कहा कि सीमावर्ती राज्य में ऐसी कोई भी स्थिति नहीं होनी चाहिए जिसका पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई और सीमापार के दूसरे तत्व फायदा उठा सकें। बोले 'मैं निजी तौर पर बात कर रहा रहा हूं। उन साथियों की तरफ बोल रहा हूं जिन्होंने पिछले साल अगस्त में पत्र लिखा था। हम अपने नेतृत्व की ओर से अध्यक्ष का चुनाव, सीडब्ल्यूसी और केंद्रीय चुनाव समिति के चुनाव कराने से जुड़े कदम उठाए जाने का इंतजार कर रहे हैं।' सिब्‍बल ने कहा, 'मैं भारी मन से आप लोगों से बात कर रहा हूं। मैं एक ऐसी पार्टी से जुड़ा हूं जिसकी ऐतिहासिक विरासत है और जिसने देश को आजादी दिलाई। मैं अपनी पार्टी को उस स्थिति में नहीं देख सकता जिस स्थिति में पार्टी आज है।' सिब्बल ने कहा कि हमारे लोग हमें छोड़कर जा रहे हैं। सुष्मिता (देव) चली गईं और गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री (लुईजिन्हो) फालेरयो भी चले गए। जितिन प्रसाद चले गए, (ज्योतिरादित्य) सिंधिया चले गए, ललितेश त्रिपाठी चले गए, अभिजीत मुखर्जी भी चले गए। कई अन्य नेता चले गए। सवाल उठता है कि ये लोग क्यों जा रहे हैं? हमें यह खुद सोचना होगा कि शायद हमारी भी कोई गलती रही होगी। उन्होंने कहा, 'इस समय हमारे यहां अध्यक्ष नहीं है। हम जानते भी हैं और नहीं भी जानते हैं कि फैसले कौन कर रहा है।' घर के बाहर प्रदर्शन आलाकमान को निशाने पर लेते हुए कपिल सिब्‍बल का इतना सबकुछ कह जाते ही कांग्रेस के पुराने से लेकर नए नेताओं तक ने उन पर हमला कर दिया। सिब्बल की ओर से जी-23 नेताओं के उठाए गए व्यापक सुधारों की मांग दोहराए जाने के कुछ घंटे बाद ही उनके घर के आगे प्रदर्शन शुरू हो गया। दिल्ली कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने उनके विरोध में प्रदर्शन किया। 'गेट वेल सून कपिल सिब्बल' की तख्तियां दिखाईं। अपनों ने साधा निशाने छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने सिब्बल पर निशाना साधा। सिब्बल पर गलतफहमी फैलाने का आरोप लगाया। कहा कि वह गलतबयानी कर रहे हैं। कांग्रेस में फैसले पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ले रही हैं। सिब्‍बल के बयान को दुर्भाग्‍यपूर्ण बताया। सिंहदेव ने कहा कि इतने अनुभवी नेता को यह नहीं पता कि पार्टी में फैसले कौन और कैसे ले रहा है। कांग्रेस की विचारधारा में विश्वास रखने वाले लोग कभी पार्टी छोड़कर नहीं जाएंगे। वरिष्‍ठ नेता अजय माकन बोले कि सोनिया गांधी ने यह सुनिश्चित किया था कि संगठनात्मक पृष्ठभूमि न होने के बावजूद कपिल सिब्बल केंद्रीय मंत्रिमंडल में मंत्री बनें। पार्टी में सभी की बात सुनी जा रही है। सिब्बल और अन्य लोगों को बताना चाहते हैं कि उन्हें उस संगठन को नीचा नहीं दिखाना चाहिए जिसने उन्हें एक पहचान दी। पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व कानून मंत्री अश्विनी कुमार ने सिब्बल का नाम लिए बगैर कहा - याद रखना चाहिए, कितनी हैसियत थी और गांधी परिवार ने क्या दिया। सांसद बनाने के लिए क्या क्या हथकंडे अपनाने पड़े। जितनी योग्यता थी उससे बढ़ कर उन्हें गांधी परिवार ने दिया है। उनकी नैतिक हैसियत नहीं कि वो आलाकमान पर उंगली उठाएं। वो याद रखें कि नवजोत सिंह सिद्धू को पंजाब का पार्टी अध्यक्ष कैसे बनाया गया था।


from India News: इंडिया न्यूज़, India News in Hindi, भारत समाचार, Bharat Samachar, Bharat News in Hindi, coronavirus vaccine latest news update https://ift.tt/3CWm7y7
'गेट वेल सून कपिल सिब्बल...' घर के बाहर कांग्रेसियों का प्रदर्शन, नेताओं के चौतरफा हमले, सोनिया-राहुल पर उंगली उठा घिरे पूर्व मंत्री https://ift.tt/3ijY1Wb 'गेट वेल सून कपिल सिब्बल...' घर के बाहर कांग्रेसियों का प्रदर्शन, नेताओं के चौतरफा हमले, सोनिया-राहुल पर उंगली उठा घिरे पूर्व मंत्री
https://ift.tt/3ijY1Wb Reviewed by Inquisitive & Gallivanter on September 29, 2021 Rating: 5

BJP में जाने की अटकलों के बीच अमित शाह से मिले कैप्‍टन अमरिंदर, फिर बताया क्‍या हुई बात? https://ift.tt/3D1oiRh

September 29, 2021
नई दिल्‍ली पंजाब के पूर्व सीएम कैप्‍टन अमरिंदर सिंह ने बुधवार को गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। बीजेपी में अमरिंदर के शामिल होने की अटकलों के बीच यह मुलाकात हुई। करीब एक घंटे तक चली इस मीटिंग के बाद कैप्‍टन अमरिंदर सिंह ने इसके बारे में जानकारी दी। इसका मकसद बताया। इसे लेकर उन्‍होंने एक ट्वीट किया। कैप्‍टन अमरिंदर सिंह ने बताया कि गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात के दौरान उनकी किसानों से जुड़े कई मसलों पर बातचीत हुई। इनमें केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन और एमएसपी की गारंटी जैसे मसले शामिल थे। अमरिंदर ने ट्वीट में लिखा, 'दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। कृषि कानूनों के खिलाफ लंबे समय से चल रहे किसान आंदोलन पर चर्चा की। उनसे क्रॉप डायवर्सिफिकेशन में पंजाब की मदद के अलावा तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने और एमएसपी की गारंटी के साथ गतिरोध को जल्‍द से जल्‍द हल करने का आग्रह किया।' पंजाब के पूर्व सीएम ने केंद्रीय गृह मंत्री से उनके आवास पर मुलाकात की। इससे राजनीति में उनके भविष्य को लेकर अटकलें तेज हो गईं। पंजाब के सीएम पद से इस्तीफा देने के कुछ दिनों बाद सिंह मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी पहुंचे थे। यह बैठक इसलिए भी महत्वपूर्ण थी क्योंकि सिंह ने अपने पत्ते नहीं खोले थे, लेकिन दावा किया था कि उन्होंने राजनीति नहीं छोड़ी है और वह अंत तक लड़ेंगे। कांग्रेस के दिग्गज नेता ने अपने कट्टर विरोधी नवजोत सिंह सिद्धू पर भी तीखा हमला किया था, जिन्हें पार्टी की पंजाब इकाई का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। सिद्धू ने मंगलवार को कांग्रेस की पंजाब इकाई के अध्यक्ष पद से चौंकाते हुए अचानक इस्तीफा दे दिया था। अपने राजनीतिक भविष्य के संबंध में सिंह ने कहा था कि उनके सामने कई विकल्प हैं।


from India News: इंडिया न्यूज़, India News in Hindi, भारत समाचार, Bharat Samachar, Bharat News in Hindi, coronavirus vaccine latest news update https://ift.tt/2XTuWJX
BJP में जाने की अटकलों के बीच अमित शाह से मिले कैप्‍टन अमरिंदर, फिर बताया क्‍या हुई बात? https://ift.tt/3D1oiRh BJP में जाने की अटकलों के बीच अमित शाह से मिले कैप्‍टन अमरिंदर, फिर बताया क्‍या हुई बात?
https://ift.tt/3D1oiRh Reviewed by Inquisitive & Gallivanter on September 29, 2021 Rating: 5

केदारनाथ में दर्शन, ऋषिकेश में कई प्रोजेक्ट्स का उद्घाटन... अगले महीने उत्तराखंड जा सकते हैं पीएम, फूंकेंगे चुनावी बिगुल https://ift.tt/3kS7s0J

September 29, 2021
नई दिल्ली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगले महीने के पहले हफ्ते में उत्तराखंड जा सकते हैं। उत्तराखंड बीजेपी पीएम के दौरे को लेकर तैयारी करने में जुट गई है। पीएम केदारनाथ भी जा सकते हैं और ऋषिकेश में कुछ इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट का उद्घाटन कर सकते हैं। उत्तराखंड में अगले साल की शुरूआत में विधानसभा चुनाव हैं। प्रधानमंत्री का यह दौरा चुनावी अभियान की शुरुआत हो सकती है। सूत्रों के मुताबिक, पीएम मोदी 7 अक्टूबर को उत्तराखंड जा सकते हैं। यहां वह ऋषिकेश जा सकते हैं और फिर केदारनाथ जाने का कार्यक्रम भी तय हो सकता है। एक बीजेपी नेता के मुताबिक, ऋषिकेश में कई प्रोजेक्ट का उद्घाटन होना है। इसमें एम्स से लेकर एयरपोर्ट तक के प्रोजेक्ट हैं। पीएम के साथ हेल्थ मिनिस्टर मनसुख मांडविया भी ऋषिकेश जा सकते हैं। बीजेपी के एक नेता ने कहा कि पीएम केदारनाथ जा सकते हैं। हालांकि, अभी दौरा फाइनल नहीं हुआ है। उत्तराखंड बीजेपी इस कोशिश में है कि पीएम अपने इस दौरे में किसी न किसी पब्लिक प्रोग्राम में शिरकत करें। हालांकि, अभी केंद्रीय स्तर से उन्हें कोई जवाब नहीं मिला है। बीजेपी नेताओं का कहना है कि पीएम के विजिट से चुनावी अभियान को बल मिलेगा और कार्यकर्ताओं का उत्साह भी बढ़ेगा। बीजेपी के एक नेता ने कहा कि पीएम मोदी को उत्तराखंड के लोग काफी पसंद करते हैं और पीएम की मौजूदगी उनका दिल जीतेगी। चुनाव से पहले कई विकास कार्यों के उद्घाटन से सकारात्मक माहौल भी बनेगा। उत्तराखंड की 70 विधानसभा सीटों के लिए अगले साल की शुरुआत में चुनाव हैं। बीजेपी के लिए यह चुनाव इसलिए ज्यादा अहम बन गया है क्योंकि बीजेपी अभी सत्ता में है। उत्तराखंड में अब तक हर चुनाव में सरकार बदलती रही है। बीजेपी को एंटीइनकंबेंसी का भी सामना करना होगा। बीजेपी इससे बचने के लिए दो बार अपना सीएम भी बदल चुकी है।


from India News: इंडिया न्यूज़, India News in Hindi, भारत समाचार, Bharat Samachar, Bharat News in Hindi, coronavirus vaccine latest news update https://ift.tt/3ohjAdM
केदारनाथ में दर्शन, ऋषिकेश में कई प्रोजेक्ट्स का उद्घाटन... अगले महीने उत्तराखंड जा सकते हैं पीएम, फूंकेंगे चुनावी बिगुल https://ift.tt/3kS7s0J केदारनाथ में दर्शन, ऋषिकेश में कई प्रोजेक्ट्स का उद्घाटन... अगले महीने उत्तराखंड जा सकते हैं पीएम, फूंकेंगे चुनावी बिगुल
https://ift.tt/3kS7s0J Reviewed by Inquisitive & Gallivanter on September 29, 2021 Rating: 5

2016 से इलाहाबाद हाई कोर्ट में पेंडिंग मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा, अधिकारी हलफनामा दें अन्यथा होम सेक्रेटरी पेश होंगे https://ift.tt/3ohKMsY

September 29, 2021
नई दिल्ली 2016 से में पेंडिंग एक अपील के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार से कहा है कि उसके संबंधित अधिकारी शीर्ष अदालत को हाई कोर्ट की कार्यवाही का टाइमलाइन के बारे में अवगत कराए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि होम डिपार्टमेंट के संबंधित अधिकारी इस बारे में हलफनामा दायर करें अन्यथा होम सेक्रेटरी को पेश होना होगा। 2016 का है मामलासुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एनवी रमना ने 2016 में हाई कोर्ट में अपील दायर करने वाले याचिकाकर्ता की अर्जी पर सुनवाई के दौरान यूपी सरकार के अधिकारी से कहा है कि वह दो दिनों में इस मामले में हलफनामा दायर करें और बताएं कि उक्त क्रिमिनल अपील कितनी बार हाई कोर्ट के सामने लिस्ट हुई है। कितनी बार याचिकाकर्ता ने मामले में सुनवाई टालने की गुहार लगाई है और कितनी बार मामला सुनवाई के लिए आया है। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 2018 में जमानत अर्जी खारिजयाचिकाकर्ता को हत्या मामले में दोषी करार दिया जा चुका है और इस मामले में इलाहबाद हाई कोर्ट में 2016 में अपील की थी। वह जेल में बंद है। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 2018 में जमानत अर्जी खारिज कर दी थी और उस फैसले के खिलाफ याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिलकर रखी है। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान राज्य सरकार के वकील ने कहा कि याचिकाकर्ता ने कई बार मामले की सुनवाई टालने की गुहार लगाई थी। हाई कोर्ट में पेंडिंग इस केस की टाइमलाइन तब सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस ने कहा कि आपको जो कहना है आप रेकॉर्ड पर कहें। आपके बयान की जिम्मेदारी होती है अन्यथा हम कल को आपके बयान पर विश्वास नहीं करेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने दो दिनों में हलफनामा दायर कर होम विभाग के संबंधित अधिकारी से कहा है कि वह बताए कि हाई कोर्ट में पेंडिंग इस केस की टाइमलाइन क्या है।


from India News: इंडिया न्यूज़, India News in Hindi, भारत समाचार, Bharat Samachar, Bharat News in Hindi, coronavirus vaccine latest news update https://ift.tt/3ulERE8
2016 से इलाहाबाद हाई कोर्ट में पेंडिंग मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा, अधिकारी हलफनामा दें अन्यथा होम सेक्रेटरी पेश होंगे https://ift.tt/3ohKMsY 2016 से इलाहाबाद हाई कोर्ट में पेंडिंग मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा, अधिकारी हलफनामा दें अन्यथा होम सेक्रेटरी पेश होंगे
https://ift.tt/3ohKMsY Reviewed by Inquisitive & Gallivanter on September 29, 2021 Rating: 5

50 मिनट तक चली अमरिंदर सिंह और अमित शाह के बीच मुलाकात, क्या थामेंगे बीजेपी का हाथ? https://ift.tt/3AODNLw

September 29, 2021
नई दिल्ली पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह की गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात के बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि क्या वह बीजेपी का दामन थामेंगे। अमरिंदर मंगलवार से दिल्ली में हैं और बुधवार शाम को उन्होंने अमित शाह से उनके घर पर मुलाकात की। यह मुलाकात करीब 50 मिनट चली। अभी खुलकर नहीं बोले रहे अमरिंदर सिंहअमरिंदर सिंह बीजेपी में शामिल होंगे या नहीं इसे लेकर अभी कोई खुलकर कुछ नहीं बोल रहा। पंजाब के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद अमरिंदर सिंह ने नवजोत सिंह सिद्धू पर यह कहकर निशाना साधा था कि अगर सिद्धू पंजाब के सीएम बने तो यह देश की सुरक्षा के लिए खतरा होगा। इसके बाद से ही बीजेपी भी इसी पिच पर अमरिंदर की बात को आगे बढ़ाते हुए सिद्धू पर निशाना साधने लगी। राष्ट्रवाद, बीजेपी की मजबूत पिच रही है। मुख्यमंत्री रहते हुए भी जब जलियांवाला बाग के रिनोवेशन को लेकर कांग्रेस ने सवाल उठाए थे, तब अमरिंदर सिंह ने केंद्र सरकार का बचाव किया था। पंजाब की राजनीति में आ सकता है नया मोड़अमरिंदर के सहारे बीजेपी पंजाब की राजनीति में नया मोड़ ला सकती है। अगले साल की शुरूआत में पंजाब विधानसभा चुनाव हैं और बीजेपी के पास वहां अभी कुछ नहीं है। न संगठन, न सहयोगी। बीजेपी का पुराना सहयोगी अकाली दल अलग हो गया है और पंजाब में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच मुकाबला होता दिख रहा है। लेकिन अगर अमरिंदर सिंह बीजेपी में शामिल होते हैं तो बीजेपी इस चुनावी जंग में वापसी कर सकती है। बीजेपी के लिए हमेशा सॉफ्ट कॉर्नर रहे हैं कैप्टनबीजेपी सूत्रों के मुताबिक अमरिंदर सिंह के लिए हमेशा बीजेपी के मन में सॉफ्ट कॉर्नर रहा है क्योंकि वह राष्ट्रवादी हैं। पार्टी के कुछ सीनियर नेता कई हफ्तों से अमरिंदर सिंह के संपर्क में थे। यह भी चर्चा चल रही है कि क्या अमरिंदर बीजेपी में शामिल होंगे या कोई नई पार्टी बनाएंगे, जिसे बीजेपी समर्थन देगी। इस्तीफा देते वक्त अमरिंदर ने कहा था कि वह आगे का फैसला अपने लोगों से बातचीत कर लेंगे। अब अमरिंदर बीजेपी में आते हैं या फिर बाहर रखकर साथ निभाते हैं, लेकिन यह तय है कि वह कांग्रेस की मुश्किल तो बढ़ाएंगे ही।


from India News: इंडिया न्यूज़, India News in Hindi, भारत समाचार, Bharat Samachar, Bharat News in Hindi, coronavirus vaccine latest news update https://ift.tt/3upC5xD
50 मिनट तक चली अमरिंदर सिंह और अमित शाह के बीच मुलाकात, क्या थामेंगे बीजेपी का हाथ? https://ift.tt/3AODNLw 50 मिनट तक चली अमरिंदर सिंह और अमित शाह के बीच मुलाकात, क्या थामेंगे बीजेपी का हाथ?
https://ift.tt/3AODNLw Reviewed by Inquisitive & Gallivanter on September 29, 2021 Rating: 5

हैंड ग्रेनेड फेंको, वफादारी साबित करो... कश्‍मीरी युवाओं के लिए आतंकी संगठन में शामिल होने की नई क्‍वालिफिकेशन https://ift.tt/2XWPX6v

September 29, 2021
नई दिल्ली कश्मीर में माहौल खराब करने की कोशिश में लगे आतंकी संगठन इनसे जुड़ने वाले युवाओं की घर वापसी की राह मुश्किल बना रहे हैं। जहां आतंकी संगठन के लोग युवाओं को पहले पत्थर थमाकर उन्हें आतंकी संगठन में शामिल करते थे। वहीं, अब पहले उनसे हैंड ग्रेनेड फेंकने को कहा जा रहा है। इसके साथ ही युवाओं से बोला जा रहा है कि आतंकी संगठन में शामिल होने से पहले वे खुद को साबित करें। इंटेलिजेंस एजेंसी की एक रिपोर्ट में इस बारे में बताया गया है। इसमें कहा गया है कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई और आतंकी संगठनों ने युवाओं की आतंकी संगठनों में भर्ती के लिए नई रणनीति बनाई है। कश्मीरी युवाओं को अब पत्थर फेंकने के बजाय ग्रेनेड फेंकने के लिए उकसाया जा रहा है। यह युवाओं का टेस्ट भी है। आतंकी संगठन चाहते हैं कि संगठन में शामिल होने से पहले युवा किसी न किसी वारदात को अंजाम दें। खत्‍म हो रही हैं आतंकियों की जड़ें दरअसल, आतंकी संगठन कई युवाओं के आतंक की राह को छोड़कर मुख्यधारा में वापस आने से परेशान हैं। पिछले कुछ समय में कई युवा आतंक की राह छोड़ वापस आए हैं। कई तो ऐसे युवा हैं जो अपने परिवार वालों की अपील पर आतंकियों का साथ छोड़कर वापस आ गए। भारतीय सेना आतंक की राह पर गए युवाओं की घर वापसी की कोशिश करती रहती है और इसमें काफी सफलता भी पाई है। नया प्‍लान बनाने का क्‍या है कारण? एक अधिकारी के मुताबिक आतंकी संगठन युवाओं को ग्रेनेड फेंकने के लिए कह रहे हैं ताकि एक बार वे आतंकी संगठन में आ जाएं तो फिर उनका वापस जाना मुश्किल हो जाए। इंटेलिजेंस एजेंसी सूत्रों के मुताबिक, हाल ही में हथियारों की एक खेप अनंतनाग और कश्मीर में कई जगह पहुंची है जिसमें 20 ग्रेनेड और 4 से 5 पिस्टल हैं। इस खेप का इस्तेमाल कश्मीर के भटके युवाओं को आतंकी संगठनों में शामिल करने से पहले, उनके जरिये किसी वारदात को अंजाम देने के लिए हो सकता है।


from India News: इंडिया न्यूज़, India News in Hindi, भारत समाचार, Bharat Samachar, Bharat News in Hindi, coronavirus vaccine latest news update https://ift.tt/3kSN4N4
हैंड ग्रेनेड फेंको, वफादारी साबित करो... कश्‍मीरी युवाओं के लिए आतंकी संगठन में शामिल होने की नई क्‍वालिफिकेशन https://ift.tt/2XWPX6v हैंड ग्रेनेड फेंको, वफादारी साबित करो... कश्‍मीरी युवाओं के लिए आतंकी संगठन में शामिल होने की नई क्‍वालिफिकेशन
https://ift.tt/2XWPX6v Reviewed by Inquisitive & Gallivanter on September 29, 2021 Rating: 5

केरल में राहुल गांधी ने बताया, उनके शब्दों में भारत क्या है ? https://ift.tt/2ZC4lBX

September 29, 2021
नई दिल्ली पंजाब कांग्रेस में मची उथल पुथल के बीच राहुल गांधी केरल पहुंचे हुए हैं। बुधवार को कोझिकोड एयरपोर्ट में उनका भव्य स्वागत हुआ है। उसके बाद वो मलप्पुरम पहुंचे। यहां पर राहुल अपने अंदाज में पीएम मोदी पर बरसे। उन्होंने कहा कि राजनीति में सवाल पूछा जाता है कि भारत क्या है? राहुल गांधी ने कहा कि वे कहते हैं कि भारत एक क्षेत्र है, हम कहते हैं कि भारत लोग हैं, रिश्ते हैं। राहुल गांधी का पीएम मोदी का कटाक्षराहुल गांधी ने आगे कहा कि भारत हिंदू और मुस्लिम के बीच, हिंदू, मुस्लिम और सिख के बीच, तमिल, हिंदी, उर्दू, बंगाली के बीच का संबंध है। पीएम के साथ मेरी समस्या यह है कि वह इन रिश्तों को तोड़ रहे हैं। राहुल गांधी यहीं पर नहीं रुके उन्होंने कहा कि आज जो राजनीतिक प्रश्न पूछा जा रहा है वह है- भारत क्या है? अगर आप सावरकर जैसे लोगों को पढ़ेंगे तो वे कहेंगे कि भारत एक भूगोल है। वे कलम लेते हैं, नक्शा खींचते हैं और कहते हैं कि यह भारत है; इस रेखा के बाहर यह भारत नहीं है और इस रेखा के अंदर यह भारत है। भारत क्या है, राहुल गांधी ने दिया जवाबउन्होंने कहा कि क्या होता है यदि कोई भारतीय व्यक्ति हवाई जहाज में चढ़कर अमेरिका चला जाता है, तो क्या वह भारतीय नहीं रहता? वह एक भारतीय रहता है। तो मेरे लिए भारत वो लोग हैं जो यहां रहते हैं। वे कहते हैं कि भारत एक क्षेत्र है, हम कहते हैं कि भारत लोग हैं, रिश्ते हैं। यह हिंदू और मुस्लिम के बीच, हिंदू, मुस्लिम और सिख के बीच, तमिल, हिंदी, उर्दू, बंगाली के बीच का संबंध है। पीएम के साथ मेरी समस्या यह है कि वह इन रिश्तों को तोड़ रहे हैं।


from India News: इंडिया न्यूज़, India News in Hindi, भारत समाचार, Bharat Samachar, Bharat News in Hindi, coronavirus vaccine latest news update https://ift.tt/3zQr8Xi
केरल में राहुल गांधी ने बताया, उनके शब्दों में भारत क्या है ? https://ift.tt/2ZC4lBX केरल में राहुल गांधी ने बताया, उनके शब्दों में भारत क्या है ?
https://ift.tt/2ZC4lBX Reviewed by Inquisitive & Gallivanter on September 29, 2021 Rating: 5

विपक्षी दल झूठ और छल से उत्तराखंड की पावन भूमि को प्रदूषित करना चाहते हैं: नड्डा https://ift.tt/3oji5Mq

September 29, 2021
नई दिल्ली भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के अध्यक्ष जे पी नड्डा ने बुधवार को कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों पर ‘झूठ व छल’ की राजनीति करने व लुभावने वायदे कर ‘गायब’ हो जाने का आरोप लगाया। उन्होंने उत्तराखंड की जनता का आह्वान किया कि वह ऐसे राजनीतिक दलों से राज्य की पुण्य भूमि को ‘प्रदूषित’ ना होने दें। वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से उत्तराखंड में बीजेपी के सभी शक्ति केंद्र संयोजकों एवं प्रभारियों को संबोधित कर रहे नड्डा ने यह दावा भी किया कि पार्टी ने राज्य में एक विकासपरक और जनकल्याणकारी सरकार दी। उन्होंने दावा किया कि आने वाले विधानसभा चुनाव में बीजेपी अपनी नीतियों, केंद्र व प्रदेश सरकारों के विकास कार्यों और कार्यकर्ताओं के समर्पण के दम पर जीत हासिल करेगी। बीजेपी अध्यक्ष ने कहा, ‘आज अन्य दलों के पास मुद्दे खत्म हो गए हैं, इसलिए वह झूठ और छल की राजनीति कर रहे हैं। हमें उनके झूठ व छल से उत्तराखंड की पुण्य भूमि को प्रदूषित नहीं होने देना है। झूठे और लुभावने वायदे और उसके बाद गायब हो जाने वाले लोगों की सच्चाई जनता के बीच लेकर जाना है।’ उन्होंने दावा किया कि केंद्र और प्रदेश सरकार ने उत्तराखंड में ‘अभूतपूर्व’ विकास किया है और उससे समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति को लाभ हुआ है। नड्डा ने कार्यकर्ताओं का आह्वान करते हुए कहा, ‘हमें इन सारी बातों को जनता के बीच लेकर जाना है। हमें बताना है कि भाजपा ने उत्तराखंड को विकासपरक और जनकल्याणकारी सरकार दी है। आगामी चुनाव में भी पार्टी की नीतियां, केंद्र व प्रदेश सरकारों के विकास कार्य और कार्यकर्ताओं के समर्पण के दम पर हम जीतेंगे और आगे बढ़ेंगे।’ विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए नड्डा ने आरोप लगाया कि अन्य राजनीतिक दल मानते हैं कि धनबल और बाहुबल से राजनीति संभव है जबकि भाजपा की शक्ति उसके कार्यकर्ताओं में निहित है और इस बात को विरोधी भी मानते हैं कि आज देश में कार्यकर्ता आधारित कोई पार्टी है तो वह भाजपा ही है। भाजपा और अन्य राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं के बीच का फर्क बताते हुए नड्डा ने कहा, ‘हमें लगातार सफलता मिलती है क्योंकि बाकी सभी राजनीतिक दलों में कार्यकर्ता व्यक्तिनिष्ठ हैं जबकि भाजपा के कार्यकर्ता विचारनिष्ठ और कर्तव्यनिष्ठ होते हैं। यही वजह है कि दूसरे राजनीतिक दलों में नेता कमजोर हो गया, पार्टी कमजोर हो गई या परिवार कमजोर हो गया और इसके साथ वह दल भी नीचे चला जाता है।’ उन्होंने कहा, ‘चाहे कांग्रेस हो या वामपंथी दल हों या समाजवादी पार्टी हो या कोई दूसरे क्षेत्रीय दल। यह सब ना जाने कितनी बार टूट चुके हैं। कांग्रेस के न जाने कितने टुकड़े हुए हैं। तृणमूल कांग्रेस हो या राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी या फिर वाईएसआर कांग्रेस ... सभी कांग्रेस से टूटकर बने हैं। वामपंथियों का हाल भी और बुरा है। एक दर्जन से ज्यादा पार्टिया टूटकर बनीं हैं। देश में एकमात्र भाजपा ही है, जो दशकों तक विपक्ष में रहने के बावजूद ना ही टूटी और ना ही बिखरी, बल्कि निरंतर शक्तिशाली होती चली गई क्योंकि हम कार्यकर्ता आधारित पार्टी हैं।’ नड्डा ने कोविड महामारी के खिलाफ लड़ाई में केंद्र सरकार द्वारा चलाए गए विभिन्न कार्यकमों व अभियानों की आलोचना के लिए विपक्षी दलों को आड़े हाथों लिया और आरोप लगाया कि ऐसा करके उन्होंने जनता को गुमराह करने की कोशिश की। उन्होंने कहा, ‘टीकाकरण अभियान जब आरंभ हुआ तो विपक्ष ने इसका मजाक उड़ाया, लोगों को गुमराह किया, टीकों की गुणवत्ता को लेकर सवाल खड़े किए। देश के नागरिक उनके राजनीतिक प्रपंच से भलीभांति परिचित है और उनकी साजिशों को नाकाम करते हुए उन्होंने टीकाकरण अभियान को दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान बना दिया।’ तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसान संगठनों के आंदोलनों का जिक्र करते हुए भाजपा अध्यक्ष ने दावा किया कि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने किसानों के हित में जितने कदम उठाए, उतने किसी अन्य सरकार ने नहीं उठाए। उन्होंने कहा, ‘मैं चुनौती देता हूं... आप तुलना कीजिए कांग्रेस की सरकारों में और हमारी सरकारों में, और बताइए लोगों को कि किसानों के प्रति समर्पित भाव से किसने काम किया। कांग्रेस बताए कि 10 साल के संप्रग (संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन) शासन में उन्होंने किसानों की भलाई के लिए कितने पैसे खर्च किए? ’ उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने 10 साल में एक बार किसानों का कर्ज माफ किया और उसमें भी घोटाले की खबरें सामने आई। तीन बार रबी और खरीफ फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाए जाने, सॉइल हेल्थ कार्ड, नीम कोटेड यूरिया, फसल बीमा योजना, ई-नाम, किसान चैनल, खाद की प्रति बोरी पर 1,200 रुपये की सब्सिडी का जिक्र करते हुए नड्डा ने कहा कि जनता यह सब जानती है और वह विपक्ष की साजिश से भी वाकिफ है। उन्होंने कहा, ‘इसलिए उनके बहकावे में कोई आने वाला नहीं है।’


from India News: इंडिया न्यूज़, India News in Hindi, भारत समाचार, Bharat Samachar, Bharat News in Hindi, coronavirus vaccine latest news update https://ift.tt/3AUp8yj
विपक्षी दल झूठ और छल से उत्तराखंड की पावन भूमि को प्रदूषित करना चाहते हैं: नड्डा https://ift.tt/3oji5Mq विपक्षी दल झूठ और छल से उत्तराखंड की पावन भूमि को प्रदूषित करना चाहते हैं: नड्डा
https://ift.tt/3oji5Mq Reviewed by Inquisitive & Gallivanter on September 29, 2021 Rating: 5

नवंबर के बाद ही आ सकेगा बच्चों के लिए कोरोना का टीका https://ift.tt/3ARQEfT

September 29, 2021
वाशिंगटन फाइजर ने अपने कोविड-19 टीके के बच्चों पर असर संबंधी अनुसंधान के परिणाम अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) को सौंप दिए हैं, लेकिन यह टीका संभवत: नवंबर तक उपलब्ध नहीं हो सकेगा। कंपनी ने मंगलवार को बताया कि उसने पांच से 11 साल तक के बच्चों को टीका लगाए जाने को लेकर हाल में किए गए एक अध्ययन के आंकड़े स्वास्थ्य नियामकों को मुहैया कराए थे। टीके के सुरक्षा की जांच होगीअधिकारियों ने इससे पहले कहा था कि वे आगामी सप्ताह में टीकों का इस्तेमाल करने की अनुमति के लिए एफडीए से निवेदन करेंगे। आवेदन दायर करने के बाद अमेरिकी के स्वास्थ्य अधिकारी सबूतों की समीक्षा करेंगे और सार्वजनिक बैठकों में अपनी सलाहकार समितियों से परामर्श करेंगे ताकि यह निर्धारित किया जा सके कि टीके सुरक्षित और पर्याप्त रूप से प्रभावी हैं या नहीं। सभी मापदंडों पर खरे उतरने के बाद ही बच्चों के लिए टीके की सिफारिश की जा सकेगी। अगले सप्ताह से कर सकते हैं इमरजेंसी उपयोग के लिए अनुरोध दवानिर्माता और उसकी सहयोगी कंपनी जर्मनी की बायोएनटेक ने कहा कि वे ‘आगामी सप्ताह में’ पांच से 11 साल के बच्चों के लिए अपने टीके के आपात इस्तेमाल की अनुमति के लिए अनुरोध कर सकते हैं। कंपनी की ‘यूरोपियन मेडिसिन्स एजेंसी’ और अन्य नियामकों को भी आंकड़े मुहैया कराने की योजना है। फाइजर का टीका अभी 12 साल या उससे अधिक आयु के लोगों के लिए उपलब्ध है। रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र ने बताया कि करीब 10 करोड़ लोगों को फाइजर का टीका लग चुका है।


from India News: इंडिया न्यूज़, India News in Hindi, भारत समाचार, Bharat Samachar, Bharat News in Hindi, coronavirus vaccine latest news update https://ift.tt/3ANV2wu
नवंबर के बाद ही आ सकेगा बच्चों के लिए कोरोना का टीका https://ift.tt/3ARQEfT नवंबर के बाद ही आ सकेगा बच्चों के लिए कोरोना का टीका
https://ift.tt/3ARQEfT Reviewed by Inquisitive & Gallivanter on September 29, 2021 Rating: 5

देशवासियों के लिए राहत की खबर, देश में 194 दिन बाद उपचाराधीन मरीजों की संख्या सबसे कम https://ift.tt/39UbFut

September 29, 2021
नयी दिल्ली भारत में एक दिन में कोविड-19 के 18,870 नए मामले सामने आने के बाद, देश में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 3,37,16,451 हो गई। देश में लगातार दूसरे दिन 20 हजार से कम नए मामले सामने आए। वहीं, उपचाराधीन मरीजों की संख्या घट कर 2,82,520 रह गई, जो 194 दिन में सबसे कम है। मरीजों के ठीक होने की राष्ट्रीय दर 97.83 प्रतिशतकेन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से बुधवार को जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, 378 और लोगों की संक्रमण से मौत के बाद मृतक संख्या बढ़कर 4,47,751 हो गई। देश में अभी 2,82,520 लोगों का कोरोना वायरस संक्रमण का इलाज चल रहा है, जो कुल मामलों का 0.84 प्रतिशत है। यह दर मार्च 2020 के बाद से सबसे कम है। पिछले 24 घंटे में उपचाराधीन मरीजों की संख्या में कुल 9,686 कमी दर्ज की गई। मरीजों के ठीक होने की राष्ट्रीय दर 97.83 प्रतिशत है, जो मार्च 2020 के बाद से सबसे अधिक है। डेली पॉजिटिव रेट 1.25 प्रतिशत आंकड़ों के अनुसार, देश में अभी तक कुल 56,74,50,185 नमूनों की कोविड-19 संबंधी जांच की गई है, जिनमें से 15,04,713 नमूनों की जांच मंगलवार को की गई। दैनिक संक्रमण दर 1.25 प्रतिशत है, जो पिछले 30 दिनों से तीन प्रतिशत से कम है। वहीं, साप्ताहिक संक्रमण दर 1.82 प्रतिशत है, जो पिछले 96 दिन से तीन प्रतिशत से कम बनी हुई है। अभी तक कुल 3,29,86,180 लोग संक्रमण मुक्त हो चुके हैं, जबकि मृत्यु दर 1.33 प्रतिशत है। राष्ट्रव्यापी टीकाकरण मुहिम के तहत अभी तक कोविड-19 रोधी टीकों की 87.66 करोड़ से अधिक खुराक दी जा चुकी है। पिछले साल 30 लाख से ऊपर थी संक्रमितों की संख्या देश में पिछले साल सात अगस्त को संक्रमितों की संख्या 20 लाख, 23 अगस्त को 30 लाख और पांच सितंबर को 40 लाख से अधिक हो गई थी। वहीं, संक्रमण के कुल मामले 16 सितंबर को 50 लाख, 28 सितंबर को 60 लाख, 11 अक्टूबर को 70 लाख, 29 अक्टूबर को 80 लाख और 20 नवंबर को 90 लाख के पार चले गए थे। देश में 19 दिसंबर को ये मामले एक करोड़ के पार, इस साल चार मई को दो करोड़ के पार और 23 जून को तीन करोड़ के पार चले गए थे। पिछले 24 घंटे में संक्रमण से जिन 378 लोगों की मौत मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, देश में पिछले 24 घंटे में संक्रमण से जिन 378 लोगों की मौत हुई, उनमें से केरल के 149, हरियाणा के 64 और महाराष्ट्र के 60 लोग थे। देश में संक्रमण से अभी तक कुल 4,47,751 लोगों की मौत हुई है, जिनमें से महाराष्ट्र के 1,38,962 लोग, कर्नाटक के 37,763 लोग, तमिलनाडु के 35,526 लोग, दिल्ली के 25,087 लोग, केरल के 24,810 लोग, उत्तर प्रदेश के 22,891 लोग और पश्चिम बंगाल के 18,764 लोग थे।


from India News: इंडिया न्यूज़, India News in Hindi, भारत समाचार, Bharat Samachar, Bharat News in Hindi, coronavirus vaccine latest news update https://ift.tt/2Y0jP1H
देशवासियों के लिए राहत की खबर, देश में 194 दिन बाद उपचाराधीन मरीजों की संख्या सबसे कम https://ift.tt/39UbFut देशवासियों के लिए राहत की खबर, देश में 194 दिन बाद उपचाराधीन मरीजों की संख्या सबसे कम
https://ift.tt/39UbFut Reviewed by Inquisitive & Gallivanter on September 29, 2021 Rating: 5

दाऊद-शकील से धमकी, दिल्‍ली HC में स्‍वामी चक्रपाणी ने की Z सिक्‍योरिटी बहाल करने की मांग, केंद्र को देना है जवाब https://ift.tt/3zMaUhT

September 29, 2021
नई दिल्ली दिल्ली हाई कोर्ट ने बुधवार को केंद्र और दिल्ली पुलिस को अखिल भारत महासभा के प्रमुख स्वामी चक्रपाणि को खतरे की आशंका का आकलन करने का निर्देश दिया। चक्रपाणि ने अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम से जान को खतरा होने का दावा किया है। न्यायमूर्ति रेखा पल्ली ने गृह मंत्रालय और दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किए और उनके वकीलों ने चक्रपाणि की याचिका पर जवाब दाखिल करने का वक्त मांगा। अदालत में मामले पर अगली सुनवाई पांच अक्टूबर को होगी। चक्रपाणि की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह ने उन्हें दी गई ‘जेड’ श्रेणी की सुरक्षा बहाल करने का प्राधिकारियों को निर्देश देने का अनुरोध किया। चक्रपाणि की सुरक्षा ‘जेड’ श्रेणी से घटाकर ‘एक्स’ श्रेणी में कर दी गई थी। यानी कि उन्हें केवल एक पीएसओ मिला। उनके वकील ने दलील दी, ‘मुझे (चक्रपाणि) दी गई इस स्तर की सुरक्षा बिल्कुल अपर्याप्त है, मेरी जान को गंभीर खतरा है।’ उन्होंने कहा कि दाऊद इब्राहिम के अलावा चक्रपाणि को छोटा शकील और उसके गुर्गों और अन्य असामाजिक तत्वों से भी धमकियां मिली हैं। दिल्ली पुलिस की ओर से अधिवक्ता अजय दिगपॉल ने कहा कि किसी व्यक्ति को सुरक्षा उसकी जिंदगी को खतरे के पुलिस आकलन के आधार पर दी जाती है। याचिकाकर्ता व संत महासभा और अखिल भारत महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी चक्रपाणि ने दलील दी कि 23 सितंबर 2021 को बिना पूर्व सूचना दिए और कोई वजह बताए उनकी सुरक्षा को जेड श्रेणी से घटाकर एक्स श्रेणी में कर दिया गया।


from India News: इंडिया न्यूज़, India News in Hindi, भारत समाचार, Bharat Samachar, Bharat News in Hindi, coronavirus vaccine latest news update https://ift.tt/3CXnqwM
दाऊद-शकील से धमकी, दिल्‍ली HC में स्‍वामी चक्रपाणी ने की Z सिक्‍योरिटी बहाल करने की मांग, केंद्र को देना है जवाब https://ift.tt/3zMaUhT दाऊद-शकील से धमकी, दिल्‍ली HC में स्‍वामी चक्रपाणी ने की Z सिक्‍योरिटी बहाल करने की मांग, केंद्र को देना है जवाब
https://ift.tt/3zMaUhT Reviewed by Inquisitive & Gallivanter on September 29, 2021 Rating: 5

नीट एग्जाम कैंसल करने के लिए सुप्रीम कोर्ट से गुहार https://ift.tt/3ukS1kO

September 29, 2021
नई दिल्ली सुप्रीम कोर्ट में कुछ स्टूडेंट्स की ओर से अर्जी दाखिल कर NEET यूजी 2021 एग्जाम कैंसल करने की गुहार लगाई गई है। याचिका में कहा गया है कि 12 सितंबर को हुए नीट अंडर ग्रेजुएट 2021 एग्जाम के पेपर लीक हुए हैं और उसमें कुछ कोचिंग इंस्टिट्यूट की मिलीभगत है। ऐसे में मेरिट वाले स्टूडेंट्स के हित को प्रोटेक्ट करने के लिए एग्जाम कैंसल किया जाए और दोबारा एग्जाम लिया जाए। NEET UG 2021 के जरिए मेडिकल कोर्स में दाखिला होता है। देश भर के आवेदकों की ओर से दाखिल अर्जी में कहा गया है कि नीट यूजी 2021 एग्जाम 12 सितंबर को आयोजित किया गया था। इसके पेपर लीक हुए हैं। याचिका में आरोप लगाया गया है कि कुछ कोचिंग संस्थानों की साजिश और मिलीभगत है। इस मामले में पेपर कैंसल किया जाए क्योंकि इससे मेरिट वाले स्टूडेंट्स के हित प्रभावित हो रहे हैं और उसे प्रोटेक्ट किया जाना चाहिए और दोबारा एग्जाम लिया जाए। याचिकाकर्ता की ओर से एडवोकेट ममता शर्मा ने कहा कि नीट एग्जाम के दिन सीबीआई ने केस दर्ज किया और चार लोगों को गिरफ्तार किया। साथ ही अन्य अज्ञात लोगों को आरोपी बनाया गया। कहा गया है कि एग्जाम में हेरफेर किया गया और कुछ कैंडिडेट के बदले अन्य ने को प्रॉक्सी बनाया गया। इसके लिए कोचिंग संस्थानों ने प्रति कैंडिडेट 50 लाख रुपये चार्ज किए थे। सीबीआई द्वारा इस मामले में एफआईआर दर्ज किया जाना यह दर्शाता है कि पेपर लीक हुआ है। इस मामले में कुछ कोचिंग संस्थानों की साजिश है और यह उसमें पेपर का आंशर तैयार करने वाले गैंग भी शामिल हैं। सीबीआई के अलावा यूपी पुलिस, राजस्थान पुलिस और महाराष्ट्र पुलिस ने भी पेपर लीक मामले में अलग-अलग केस दर्ज कर छानबीन कर रही है। पहली नजर में साफ होता है कि नीट यूजी 2021 एग्जाम में धांधली हुई है और अनफेयर तरीका इस्तेमाल किया गया है। ऐसे में नीट का एग्जाम कैंसल होना चाहिए और नए सिरे से एग्जाम होना चाहिए। साथ ही मिनिस्ट्री ऑफ एजुकेशन के साथ-साथ नैशनल टेस्टिंग एजेंसी और नेशनल मेडिकल कमिशन को निर्देश दिया जाए कि वह एग्जाम में सुरक्षा और पुख्त करे। स्टूडेंट्स के बॉयोमेट्रिक वेरिफिकेशन करें और सेंटर पर जैमर आदि लगाएं।


from India News: इंडिया न्यूज़, India News in Hindi, भारत समाचार, Bharat Samachar, Bharat News in Hindi, coronavirus vaccine latest news update https://ift.tt/3oeee36
नीट एग्जाम कैंसल करने के लिए सुप्रीम कोर्ट से गुहार https://ift.tt/3ukS1kO नीट एग्जाम कैंसल करने के लिए सुप्रीम कोर्ट से गुहार
https://ift.tt/3ukS1kO Reviewed by Inquisitive & Gallivanter on September 29, 2021 Rating: 5

पंजाब के 53 लाख परिवारों की बल्ले-बल्ले, CM चन्नी ने माफ किया बिजली का बिल https://ift.tt/39PEMPE

September 29, 2021
चंडीगढ़ पंजाब के मुख्यमंत्री ने आगामी विधानसभा चुनाव से पहले बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने प्रदेश में 2 किलोवॉट वाले उपभोक्ताओं के बकाया बिजली बिल को भरने का ऐलान किया है। चन्नी ने कहा कि इस फैसले से 53 लाख परिवारों को फायदा होगा। पंजाब में बिजली समस्या बड़ा मुद्दा है और आम आदमी पार्टी भी इस बारे में ऐलान कर चुकी है। पंजाब कैबिनेट की बैठक के बाद चन्नी ने कहा, 'मैं पंजाब में घूमकर लोगों की राय ले रहा हूं। पंजाब के लोगों की हर मुश्किल दूर करने की दिशा में काम करूंगा। हित के सारे काम करूंगा। बिजली बिलों को लेकर राहत देंगे। बिजली बिल को लेकर दो दौर की बैठक हो चुकी है।' पढ़ें: चन्नी ने कहा, '55 हजार से लेकर एक लाख घरों के बिजली कनेक्शन काटे गए हैं। 75 से 80 प्रतिशत उपभोक्ता 2 प्रतिशत के दायरे में हैं। 2 किलोवाट वाले डिफॉल्टर उपभोक्ताओं का बकाया बिल सरकार भरेगी। 53 लाख ऐसे परिवार हैं, जो बकाया बिल नहीं भर पा रहे हैं। इन परिवारों को फायदा होगा।' CM चन्नी ने कहा, 'हमारी सरकार पंजाब में बिजली समस्या को दूर करने की दिशा में काम कर रही है। जन लोगों का कनेक्शन कट गया है, उनका कनेक्शन दोबारा बहाल किया जाएगा। सरकार पर 1200 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा। अगस्त महीने तक का बिजली बिल सरकार भरेगी।' पंजाब में जल्द खत्म होगा रेत माफिया सीएम चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा कि पंजाब में जल्द ही रेत माफिया खत्म होगा। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार इसको लेकर एक नई नीति लेकर आ रही है। चन्नी ने कहा कि जैसे ही नई नीति आएगी रेत माफिया पूरी तरह से खारिज जाएगा। इसके साथ ही चरणजीत सिंह चन्नी ने सिद्धू की नाराजगी के बारे में सवालों का जवाब भी दिया। उन्होंने कहा है कि नवजोत सिंह सिद्धू ने जिन सवालों को उठाया, उसपर मिल बैठकर बात की जाएगी। चन्नी ने कहा कि उनकी सिद्धू से फोन पर बात हुई है और जल्द ही मसले का हल निकाला जाएगा।


from India News: इंडिया न्यूज़, India News in Hindi, भारत समाचार, Bharat Samachar, Bharat News in Hindi, coronavirus vaccine latest news update https://ift.tt/3CWxmGV
पंजाब के 53 लाख परिवारों की बल्ले-बल्ले, CM चन्नी ने माफ किया बिजली का बिल https://ift.tt/39PEMPE पंजाब के 53 लाख परिवारों की बल्ले-बल्ले, CM चन्नी ने माफ किया बिजली का बिल
https://ift.tt/39PEMPE Reviewed by Inquisitive & Gallivanter on September 29, 2021 Rating: 5

लश्कर आतंकी बाबर ने कैमरे पर खोली पाकिस्तान की पोल, कहा- पाक सेना ने दी ट्रेनिंग https://ift.tt/3zOm5Xb

September 29, 2021
श्रीनगर भारतीय सेना ने लश्कर ए तैयबा के एक आतंकी को जिंदा पकड़ा है। उसकी उम्र सिर्फ 19 साल है। आतंकी का नाम अली बाबर है, जो कि लश्कर ए तैयबा का है। उसने कैमरे के सामने कबूल किया है कि वह एक पाकिस्तानी आतंकी है। उसने यह भी बताया कि वह किस तरह आतंकी बना और कैसे भारत का तबाह करना चाहता था। पाकिस्तान के पंजाब के दिपलपुर में गांव वासेववाला के रहनेवाले अली बाबर ने सातवीं तक की पढ़ाई की है। आतंकियों की घुसपैठ का मकसद 2016 के उरी जैसे बड़े हमले को अंजाम देना था। लश्कर-ए-तैयबा ने बनाया आतंकी आतंकवादी अली बाबर ने पूछताछ में खुलासा किया है कि उसके छह आतंकवादियों का समूह मुख्य रूप से पाकिस्तानी पंजाब का था। उसने कहा कि गरीबी के कारण उसे गुमराह किया गया। इसके बाद लश्कर-ए-तैयबा में शामिल होने के लिए लालच दिया गया। महज 50 हजार रुपयों के लिए चुनी आतंकवाद की राह मां के इलाज के लिए 20 हजार रुपये आतंकियों की ओर से दिए गए। साथ ही 30 हजार रुपये देने का वादा भी किया गया। हथियार चलाने का प्रशिक्षण देने वालों में अधिकांश पाकिस्तानी सेना के जवान थे। इस्लाम और मुसलमान के नाम पर उकसाया आतंकी ने बताया कि उसे इस्लाम और मुसलमान के नाम पर उकसाया गया, साथ ही आतंकवादी बनने पर मजबूर किया गया। उसने बताया कि उसे मुजफ्फराबाद में प्रशिक्षित किया गया था। उससे कहा जाता था कि इस्लाम खतरे में है, मुसलमानों पर अत्याचार हो रहा है। पाकिस्तानी सेना के जवानों ने दी 3 महीने की ट्रेनिंग बाबर ने बताया कि उसे आतंकवादी संगठन लश्कर ए तैयबा ने तीन महीने की ट्रेनिंग दी। इस दौरान उसे तरह-तरह के हथियार चलाना सिखाया गया। हथियार चलाने का प्रशिक्षण देने वालों में अधिकांश पाकिस्तानी सेना के जवान थे। उसके दिल से मरने का डर दूर किया गया। उरी जैसी घटना की थी तैयारी तीन महीने की ट्रेनिंग के बाद उसे एक ट्रेंड आतंकी बना दिया गया। उसे भारत में एक बड़ी साजिश के तहत भेजा गया था। उसने बताया कि उसे कहा गया था कि 2016 की उरी जैसी कोई घटना को अंजाम देना है। दस दिन में घुसपैठ की तीन साजिशें नाकाम मेजर जनरल वीरेंद्र वत्स ने बताया कि 26 सितंबर को एक आतंकी मारा भी गया था। उन्होंने बताया कि उरी में एलओसी पर नौ दिनों तक आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन चलाया गया। इस दौरान आतंकियों से मुठभेड़ हुई। दो आतंकी भारतीय सीमा में थे जबकि चार आतंकी सीमा पार थे। जवाबी कार्रवाई के बाद पाकिस्तान की तरफ के चार आतंकी वापस चले गए। बचे दो आतंकी 25 सितबंर को एक नाले में छिप गए थे। एक आतंकी को 26 को ढेर कर दिया गया। दूसरा आतंकी सरेंडर के लिए गिड़गिड़ाने लगा। मेजर वत्स ने कहा कि गिरफ्तार आतंकी पाकिस्तान में तीन महीने की ट्रेनिंग ले चुका है।


from India News: इंडिया न्यूज़, India News in Hindi, भारत समाचार, Bharat Samachar, Bharat News in Hindi, coronavirus vaccine latest news update https://ift.tt/2WnE1dJ
लश्कर आतंकी बाबर ने कैमरे पर खोली पाकिस्तान की पोल, कहा- पाक सेना ने दी ट्रेनिंग https://ift.tt/3zOm5Xb लश्कर आतंकी बाबर ने कैमरे पर खोली पाकिस्तान की पोल, कहा- पाक सेना ने दी ट्रेनिंग
https://ift.tt/3zOm5Xb Reviewed by Inquisitive & Gallivanter on September 29, 2021 Rating: 5

कन्हैया-मेवाणी: खाली हो रही कांग्रेस की युवा टीम में क्या दम भरेगी नई जोड़ी? https://ift.tt/3CS07Va

September 29, 2021
नई दिल्ली कांग्रेस इन दिनों युवा चेहरों के संकट से जूझ रही है। पिछले कुछ अरसे से राहुल गांधी की युवा ब्रिगेड कमजोर हुई है। एमपी में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने साथ छोड़ा तो यूपी में जितिन प्रसाद ने। असम में सुष्मिता देव ने कांग्रेस को टाटा बाय-बाय कर दिया। ऐसे में राहुल अब अपनी नई युवा टीम को मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं। कन्हैया कुमार और जिग्नेश मेवाणी का कांग्रेस में आना उसी की कड़ी माना जा रहा है। कांग्रेस की युवा टीम में ये नई जोड़ी क्या दम भरेगी, आइए जानते हैं। कन्हैया ने सीपीआई क्यों छोड़ी कन्हैया के सीपीआई से निकलने के पीछे एक निंदा प्रस्ताव बताया जा रहा है, जो गत फरवरी में उनके खिलाफ पास किया गया। सीपीआई में निंदा प्रस्ताव एक बड़ी कार्रवाई मानी जाती है। बताया जाता है कि बिहार के बेगूसराय में पार्टी की एक मीटिंग बुलाकर उसे ऐन वक्त पर रद्द कर दिया गया था। जिसके बाद कन्हैया और पार्टी के एक सेक्रेटरी के बीच कहासुनी हुई थी। कन्हैया और जिग्नेश को क्यों लाई कांग्रेस दोनों नेताओं की युवाओं में अच्छी पकड़ है। सिंधिया, जितिन प्रसाद और सुष्मिता देव जैसे युवा चेहरे कांग्रेस छोड़कर जा चुके हैं। एक समय में सभी राहुल गांधी की युवा टीम के सदस्य थे। ऐसे में पार्टी संदेश देना चाहती है कि युवाओं का कांग्रेस में भविष्य है। वे उनकी विचारधारा से जुड़े हुए हैं। किसने कराई कांग्रेस में एंट्री कन्हैया के कांग्रेस में आने के पीछे चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की अहम भूमिका बताई जाती है। राहुल से पहले कन्हैया और जिग्नेश प्रशांत किशोर से मिले। उसके बाद किशोर ने राहुल को पार्टी से ऐसे युवाओं को जोड़ने की सलाह दी, जिनकी अपनी पहचान हो। चर्चा यह भी है कि गुजरात में कांग्रेस नेता हार्दिक पटेल ने जिग्नेश को पार्टी को समर्थन देने पर राजी किया। बिहार में पकड़ बनाने की कोशिश कन्हैया के जरिए कांग्रेस बिहार में अपनी पकड़ मजबूत बनाने की कोशिश करेगी। बिहार में पार्टी का जमीनी आधार लगभग खत्म होने के कगार पर है। ऐसे में कन्हैया वहां कांग्रेस के लिए मददगार हो सकते हैं। कहा जा रहा है कि कांग्रेस की नजर वहां उन इलाकों पर है, जहां लेफ्ट का अभी भी प्रभाव है। कन्हैया वहां अहम भूमिका निभा सकते हैं। गुजरात में दलितों पर नजर जिग्नेश के सहारे कांग्रेस की नजर गुजरात पर है, जहां अगले साल चुनाव होने हैं। उनके सहारे पार्टी दलितों को साथ लाने की कोशिश करेगी, जो राज्य में करीब 7 फीसदी हैं। इससे पहले पाटीदार नेता हार्दिक पटेल और ओबीसी चेहरा अल्पेश ठाकोर कांग्रेस में आ चुके हैं।


from India News: इंडिया न्यूज़, India News in Hindi, भारत समाचार, Bharat Samachar, Bharat News in Hindi, coronavirus vaccine latest news update https://ift.tt/3igOcIu
कन्हैया-मेवाणी: खाली हो रही कांग्रेस की युवा टीम में क्या दम भरेगी नई जोड़ी? https://ift.tt/3CS07Va कन्हैया-मेवाणी: खाली हो रही कांग्रेस की युवा टीम में क्या दम भरेगी नई जोड़ी?
https://ift.tt/3CS07Va Reviewed by Inquisitive & Gallivanter on September 29, 2021 Rating: 5

कैप्टन, सिद्धू, चन्नी, राहुल, बीजेपी, AAP...पंजाब में हर खिलाड़ी के नफे-नुकसान की कहानी https://ift.tt/2Y6v0GA

September 29, 2021
पंजाब में चल रहे सियासी ड्रामे में रहस्य, रोमांच, सस्पेंस, ट्विस्ट सब मसाला है। कांग्रेस हाई कमान अपने एक बेहद मजबूत क्षत्रप को सीएम पद से हटा देता है। लेकिन जिसकी जिद पर यह किया जाता है, वह खुद प्रदेश अध्यक्ष से इस्तीफा दे देता है। उसके समर्थक मंत्री भी नई सरकार से इस्तीफा दे देते हैं। कांग्रेस के लिए मामला सुलझने के बजाय और ज्यादा उलझता दिख रहा है। आइए देखते हैं इस सियासी ड्रामे में कौन-कौन से किरदार फायदे में रहे, कौन नुकसान में।

पंजाब में कांग्रेस का अंदरूनी संकट सुलझने का नाम नहीं ले रहा। सिद्धू की जिद पर कैप्टन अमरिंदर सिंह को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के लिए मजबूर होना पड़ा लेकिन अब खुद सिद्धू के ही प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष से इस्तीफा देने से बड़ा ट्विस्ट आ गया है।


Punjab Political Drama : सबसे फायदे में कौन रहा, पंजाब के इस मैच का विजेता कौन? हर किरदार के नफे-नुकसान की कहानी

पंजाब में चल रहे सियासी ड्रामे में रहस्य, रोमांच, सस्पेंस, ट्विस्ट सब मसाला है। कांग्रेस हाई कमान अपने एक बेहद मजबूत क्षत्रप को सीएम पद से हटा देता है। लेकिन जिसकी जिद पर यह किया जाता है, वह खुद प्रदेश अध्यक्ष से इस्तीफा दे देता है। उसके समर्थक मंत्री भी नई सरकार से इस्तीफा दे देते हैं। कांग्रेस के लिए मामला सुलझने के बजाय और ज्यादा उलझता दिख रहा है। आइए देखते हैं इस सियासी ड्रामे में कौन-कौन से किरदार फायदे में रहे, कौन नुकसान में।



कैप्टन अमरिंदर
कैप्टन अमरिंदर

पंजाब में चल रहे सियासी ड्रामे से सबसे अहम किरदार हैं कैप्टन अमरिंदर सिंह। पिछले कई सालों से पंजाब में किसी कांग्रेसी से उन्हें वैसी चुनौती नहीं मिल पाई जो बीजेपी से पार्टी में आए नवजोत सिंह सिद्धू ने दी। उन्हें मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के लिए मजबूर होना पड़ा और इस वजह से उन्हें बड़ा सियासी नुकसान उठाना पड़ा। हालांकि, नवजोत सिंह सिद्धू को सीएम न बनने देने में वह कामयाब रहे, जो उनके लिए एक बड़ी जीत है। कैप्टन के लिए पूरा मैदान खुला है। बीजेपी भी उनका स्वागत करने को बेताब दिख रही है। अब सियासत के दिग्गज खिलाड़ी कैप्टन को फैसला करना है कि वह क्या असम के हिमंत विस्व शर्मा की राह चलेंगे यानी बीजेपी का दामन थाम मुख्यमंत्री पद के चेहरे के रूप में चुनावी ताल ठोकेंगे या आंध्र प्रदेश के जगनमोहन रेड्डी के रास्ते पर चलेंगे, जिन्होंने न सिर्फ कांग्रेस से अलग पार्टी बनाई बल्कि कुछ ही सालों में सूबे की सत्ता पाने में भी कामयाब हुए।

नवजोत सिंह सिद्धू के खिलाफ उनकी कही गईं बातें सच होती नजर आ रही हैं। कैप्टन ने सिद्धू को 'अस्थिर' बताया था और उनके प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफे के बाद यह बात सच भी दिखने लगी है। वक्त आने पर भविष्य के लिए कदम उठाने की बात कह चुके कैप्टन अभी अपने पत्ते नहीं खोल रहे। वह बीजेपी के संपर्क में हैं लेकिन सिद्धू के इस्तीफे के बाद अब सियासी ड्रामे में फिर बड़ा ट्विस्ट आ चुका है। हो सकता है कि कांग्रेस आलाकमान कैप्टन को सीएम पद से हटाने के अपने फैसले पर पछता रहा हो। अगर अब आलाकमान सिद्धू को किनारे करता है तो कांग्रेस में कैप्टन की अहमियत फिर बढ़ सकती है। लेकिन इसके लिए उन्हें अपने 'अपमान का घूंट' भूलना होगा।



नवजोत सिंह सिद्धू
नवजोत सिंह सिद्धू

नवजोत सिंह सिद्धू पंजाब के इस पूरे सियासी खेल में बड़े खिलाड़ी साबित हुए हैं। आज की तारीख में सियासी लिहाज से वह बड़े फायदे में दिख रहे हैं लेकिन दांव पर उनकी विश्वसनीयता लगी हुई है। कांग्रेस विधायकों पर उनकी जबरदस्त पकड़ है। उनके समर्थन में मंत्रियों के इस्तीफे हो रहे हैं जो बड़ी बात है। कांग्रेस में आने के बाद उन्होंने जो कुछ चाहा, वह सब कुछ मिला, सिवाय सीएम की कुर्सी के। कैप्टन अमरिंदर सिंह की कैबिनेट में मंत्री रहे। मतभेद के बाद इस्तीफा दिया और कैप्टन के खिलाफ सीधा मोर्चा खोल दिया। अमरिंदर के विरोध के बावजूद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बन जाना उनकी पहली बड़ी जीत थी।

सिद्धू के प्रदेश अध्यक्ष बनने के 2 महीने के भीतर कैप्टन अमरिंदर सिंह को इस्तीफा देना पड़ा। यह टीम इंडिया के इस पूर्व ओपनर के लिए बहुत बड़ी जीत थी। सिद्धू की निगाह हमेशा से मुख्यमंत्री की कुर्सी पर रही है। लेकिन उनका यह सपना पूरा नहीं हुआ। हालांकि, वह अपनी पंसद का नया मुख्यमंत्री भी बनवाने में कामयाब हुए। लेकिन अब प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा देकर पार्टी हाईकमान के लिए असहजता और शर्मिंदगी का बायस बनते दिख रहे हैं। पंजाब में चल रहे सियासी ड्रामे में निश्चित तौर पर सिद्धू की ताकत तो बढ़ी लेकिन उनकी विश्वसनीयता ही दांव पर है। राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा ने उनमें जो भरोसा जताया था, वह डगमगाने लगा है। सीएम पद के लिए चेहरा घोषित करवाना चाहते थे लेकिन आलाकमान ने उनके साथ चन्नी को भी चेहरा बताया। इसलिए सिद्धू के लिए अबतक की स्थिति 'कभी खुशी कभी गम' वाली है।



राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा
राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा

पंजाब के पूरे एपिसोड में राहुल गांधी और प्रियंका वाड्रा ने यह संदेश देने की कोशिश की कि पार्टी कड़े फैसलों से गुरेज नहीं करेगी। कैप्टन अमरिंदर सिंह जैसे दिग्गज से सीएम पद से इस्तीफा दिलवाकर उन्होंने बाकी स्टेट यूनिट को भी दो टूक संदेश दिया कि जरूरी होने पर पार्टी सख्त फैसले से नहीं हिचकेगी। हालांकि, अब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से सिद्धू के इस्तीफे से दोनों के लिए असहज स्थिति पैदा हो गई है। यह सवाल भी उठने लगे हैं कि कहीं राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा ने सिद्धू पर आंख मूंदकर भरोसा करके बड़ी गलती तो नहीं की है।



चरणजीत सिंह चन्नी
चरणजीत सिंह चन्नी

पंजाब के इस सियासी ड्रामे में सबसे ज्यादा फायदे में चरणजीत सिंह चन्नी ही रहे। उनकी तो जैसे लॉटरी लग गई। अमरिंदर सरकार में वह मंत्री थे। कैप्टन के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले सिद्धू कैंप के नेताओं में वह भी प्रमुख थे। अब उन्हें मुख्यमंत्री पद मिल गया है। वह किसी का रबर स्टैंप बनने के बजाय अपने हिसाब से सरकार चलाने की कोशिश कर रहे हैं जो बात सिद्धू को रास नहीं आ रही। दलित वोटरों को साधने के लिहाज से कांग्रेस में चन्नी की अहमियता और भी ज्यादा बढ़ी है। पार्टी आलाकमान पहले ही कह चुका है कि अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में सिद्धू के साथ चन्नी भी पार्टी का चेहरा होंगे। पंजाब कांग्रेस के भीतर सबसे ज्यादा फायदा उन्हीं को, हालांकि, सिद्धू के तेवरों से अब कुर्सी पर खतरा भी मंडरा रहा।



बीजेपी
बीजेपी

पूरे ड्रामे में बीजेपी को फायदा। अकाली के साथ छोड़ने और किसान आंदोलन की वजह से पार्टी का पंजाब में रहा-सहा असर भी प्रभावित। कैप्टन अमरिंदर सिंह को पार्टी में शामिल कराने के लिए मना रही। अगर कैप्टन शामिल होते हैं तो बीजेपी को फायदा हो सकता है। वह कैप्टन के सहारे पंजाब में अपनी जड़ें मजबूत करने का सपना देख रही है, जहां वह अबतक कोई खास जमीन नहीं तैयार कर सकी है। अभी तक अकाली की बैसाखी के सहारे थी।



आम आदमी पार्टी
आम आदमी पार्टी

पंजाब में कांग्रेस के भीतर चल रहे हाई-वोल्टेज ड्रामे से अगर किसी पार्टी को सबसे ज्यादा फायदा दिख रहा है, वह आम आदमी पार्टी ही है। कमजोर और पस्त कांग्रेस उसे अपने हित में दिख रहा है। 2017 के पंजाब विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी कांग्रेस के बाद दूसरे पायदान पर थी। उसने सत्ता में रहे अकाली-बीजेपी को तीसरे पायदान पर खिसका दिया था। इस बार आम आदमी पार्टी की नजर पंजाब की सत्ता में आने पर है। कांग्रेस की अंदरूनी खींचतान से उसे अपना लक्ष्य करीब दिखने लगा है।





from India News: इंडिया न्यूज़, India News in Hindi, भारत समाचार, Bharat Samachar, Bharat News in Hindi, coronavirus vaccine latest news update https://ift.tt/3odBu1f
कैप्टन, सिद्धू, चन्नी, राहुल, बीजेपी, AAP...पंजाब में हर खिलाड़ी के नफे-नुकसान की कहानी https://ift.tt/2Y6v0GA कैप्टन, सिद्धू, चन्नी, राहुल, बीजेपी, AAP...पंजाब में हर खिलाड़ी के नफे-नुकसान की कहानी
https://ift.tt/2Y6v0GA Reviewed by Inquisitive & Gallivanter on September 29, 2021 Rating: 5

दिल्ली के कालकाजी मंदिर में हर महीने कितना चढ़ावा? आप अंदाजा नहीं लगा पाएंगे https://ift.tt/3ETxqce

September 29, 2021
नई दिल्ली दिल्ली के ऐतिहासिक मंदिरों में शुमार कालकाजी मंदिर और उसके आसपास के इलाकों का हाल देखकर शायद इस बात पर यकीन न हो कि मंदिर की मासिक आय एक करोड़ से ढाई करोड़ की है। इसका खुलासा हुआ दिल्ली हाई कोर्ट के सामने, जो इस मंदिर से जुड़े तमाम तरह के विवादों पर सुनवाई कर रहा है। मंदिर के महत्व और उससे जुड़ी श्रद्धालुओं की आस्था को देखते हुए हाई कोर्ट ने इसके 'कायाकल्प' का आदेश दिया है। कैसे होगा मंदिर का कायाकल्प यह कैसे होगा और कौन-कौन सी एजेंसियां इसमें शामिल होंगी, उसका पूरा खाका जस्टिस प्रतिभा एम सिंह के 27 सितंबर को जारी एक 71 पन्नों के आदेश में दर्ज है। सबसे पहला निर्देश मंदिर परिसर और इसके आसपास मौजूद अवैध कब्जों और अतिक्रमण के सफाए से जुड़ा है। जिम्मेदारी दिल्ली पुलिस और साउथ एमसीडी, दोनों की होगी और इसके लिए उनके पास वक्त इसी एक हफ्ते का है। दूसरा निर्देश, आगामी नवरात्रि के त्योहार को देखते हुए मंदिर में साफ-सफाई, श्रद्धालुओं की सुरक्षा और उनके लिए जन-सुविधाओं आदि की व्यवस्था को लेकर है। हाईकोर्ट ने नियुक्त किया प्रशासक हाई कोर्ट ने मूलभूत जनसुविधाएं उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी डीडीए, साउथ एमसीडी, दिल्ली पुलिस, फायर डिपार्टमेंट, मेडिकल डिपार्टमेंट्स, डूसिब आदि के सुपुर्द की है और उन्हें यह काम नियमित करना होगा। बारीदारों के बीच दान-दक्षिणा के बंटवारे के मुद्दे पर कोर्ट ने कहा कि मंदिर की आध्यात्मिक पवित्रता को सुरक्षित किए जाने की गंभीर और तत्काल जरूरत है और अवांछित तत्वों द्वारा इसका दुरुपयोग न होने देने कि जो इसे एक कमर्शल एंटरप्राइज में बदल सकते हैं, जैसा कि पहले भी किया जा चुका है। तीसरा निर्देश इसे स्ट्रीम लाइन करने से ही जुड़ा है। कोर्ट ने अपने रिटायर्ड जज जस्टिस जे आर मिढा को स्वतंत्र एडमिनिस्ट्रेटर नियुक्त करते हुए कहा कि पूरा मंदिर परिसर एडमिनिस्ट्रेटर के सीधे नियंत्रण और निगरानी में रहेगा। नवरात्र में सबसे ज्यादा होती है मंदिर की आय कोर्ट ने गौर किया कि कालकाजी मंदिर की मासिक आय एक करोड़ से डेढ़ करोड़ रुपये के बीच है, जो वैसे तो महीने-महीने पर निर्भर करती है। पर नवरात्र में ज्यादा ही रहती है। बारीदारों की सहमति से उन्हें इसमें से 15 लाख रुपये हर महीने मंदिर प्रबंधन और पुनर्विकास के कामों के लिए देने का आदेश मिला। साल में दो बार पड़ने वाले नवरात्रों में यह योगदान 20 लाख का होगा। आदेश के मुताबिक, मंदिर के आसपास से अतिक्रमण और अवैध कब्जों के हटते ही अगले हफ्ते से वहां पुनर्विकास के लिए कदम उठाए जाएंगें। इसका प्लान तैयार करने की जिम्मेदारी जानेमाने आर्किटेक्ट गुनमीत सिंह चौहान ने ली।


from India News: इंडिया न्यूज़, India News in Hindi, भारत समाचार, Bharat Samachar, Bharat News in Hindi, coronavirus vaccine latest news update https://ift.tt/2YckygN
दिल्ली के कालकाजी मंदिर में हर महीने कितना चढ़ावा? आप अंदाजा नहीं लगा पाएंगे https://ift.tt/3ETxqce दिल्ली के कालकाजी मंदिर में हर महीने कितना चढ़ावा? आप अंदाजा नहीं लगा पाएंगे
https://ift.tt/3ETxqce Reviewed by Inquisitive & Gallivanter on September 29, 2021 Rating: 5

कार की चाबी गुम होने पर भी आपको मिलेगा क्लेम, कोर्ट ने दिलवाया पैसा https://ift.tt/3F30fmP

September 29, 2021
नई दिल्ली दिल्ली में एक शख्स के घर के बाहर से उसकी फॉर्च्यूनर कार चोरी हो गई। पीड़ित की शिकायत पर विवेक विहार पुलिस ने केस दर्ज कर लिया। मगर इंश्योरेंस कंपनी ने क्लेम के 23 लाख 385 रुपये देने से इनकार कर दिया। दरअसल कंपनी का कहना था कि पीड़ित ने कार की दूसरी चाबी नहीं लौटाई है, इस कारण वह क्लेम नहीं देगी। पीड़ित ने बताया कि कार की दूसरी चाबी खो गई है। बावजूद इसके कंपनी ने क्लेम नहीं दिया। मामला दिल्ली स्टेट कंज्यूमर कोर्ट पहुंचा तो कोर्ट के जुडिशल मेंबर ओपी गुप्ता ने इस मामले में फैसला सुनाया कि इंश्योरेंस कंपनी को छह प्रतिशत ब्याज के साथ क्लेम की 75 प्रतिशत रकम पीड़ित को देनी होगी। आदेश के अनुसार कंपनी ने पीड़ित को रकम दे दी है। घर के बाहर से चोरी हो गई थी फॉर्च्यूनरमामले में दिए गए आदेश के मुताबिक, पीड़ित संदीप तनेजा सूरजमल विहार इलाके में रहते हैं। 17 फरवरी 2014 की रात करीब साढ़े 8 बजे उनकी फॉर्च्यूनर कार घर के बाहर से चोरी हो गई थी। पुलिस ने केस दर्ज किया। कार की दूसरी चाभी गुम होने से फंस गया क्लेम उधर, एचडीएफसी अर्गो जनरल इंश्योरेंस नामक कंपनी से कार का इंश्योरेंस था। जिसकी अवधि 1 अगस्त 2013 से 31 जुलाई 2014 तक थी। इंश्योरेंस होने के चलते तनेजा ने कंपनी से क्लेम की मांग की। साथ ही कार की एक चाबी कंपनी को दे दी। कंपनी ने कार की दूसरी चाबी मांगी तो पीड़ित ने बताया कि कार की दूसरी चाबी घर में कहीं गुम हो गई है और मिल नहीं रही है। कंज्यूमर कोर्ट ने दिलवाया मुआवजाकंपनी ने इसी बात का पॉलिसी मुद्दा बनाकर क्लेम देने से इनकार कर दिया। इसके बाद पीड़ित ने अपने एडवोकेट राजेश शर्मा के जरिए दिल्ली स्टेट कंज्यूमर कोर्ट पहुंचे। उन्होंने 18 प्रतिशत ब्याज के साथ क्लेम की रकम लौटाने के अलावा दो लाख रुपये मानसिक प्रताड़ना के लिए, और 21 हजार रुपये मुकदमेबाजी के लिए दिलवाने की मांग की। कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने और दस्तावेज देखने के बाद इंश्योरेंस कंपनी को छह प्रतिशत ब्याज के साथ क्लेम की 75 प्रतिशत रकम देने का आदेश दिया।


from India News: इंडिया न्यूज़, India News in Hindi, भारत समाचार, Bharat Samachar, Bharat News in Hindi, coronavirus vaccine latest news update https://ift.tt/3zRjuvM
कार की चाबी गुम होने पर भी आपको मिलेगा क्लेम, कोर्ट ने दिलवाया पैसा https://ift.tt/3F30fmP कार की चाबी गुम होने पर भी आपको मिलेगा क्लेम, कोर्ट ने दिलवाया पैसा
https://ift.tt/3F30fmP Reviewed by Inquisitive & Gallivanter on September 29, 2021 Rating: 5

माथे पर तिलक... रामलीला में राम बने मुस्लिम कलाकार को यह कैसी सजा! मिली धमकी https://ift.tt/3AUBCpG

September 29, 2021
शादाब रिजवी, बरेली में राम का किरदार निभाने वाले बरेली के मुस्लिम कलाकार दानिश खान को रामलीला में काम नहीं करने की धमकी देने का आरोप है। आरोपी राम का किरदार निभाने के दौरान माथे पर तिलक लगाने से खफा हैं। धमकी देने का आरोप दानिश के घर में किराए पर दुकान करने वाले व्यक्ति और साथी पर है। दोनों के बीच पुराने विवाद की बात भी सामने आ रही हैं। एसएसपी ने जांच कराने के आदेश दिए हैं। बरेली के बारादरी के कसाई टोला निवासी दानिश खान विंडर मेयर थिएटर में रामलीला मंचन के दौरान कई साल से श्री राम का किरदार निभाते हैं। दानिश के मुताबिक आरोपी कई साल से उन्हें रामलीला में शामिल होने से मना कर रहे हैं। इस बार रामलीला में राम का किरदार निभाने की जानकारी मिलने पर आरोपी उनके घर आए। गाली-गलौज की और उन्हें धमकी दी। 15 साल से रंगमंच से जुड़े हैं दानिश दानिश ने पुलिस को बताया कि आरोपी उनके रामलीला में काम करने से पहले से खुश नहीं हैं। अगले महीने अयोध्या में रामलीला में मंचन के लिए सरकार से मेरे पास बुलावा आया है। अब आरोपियों ने उन्हें रामलीला में काम न करने की चेतावनी दी। दानिश ने रामलीला में कैकेयी के पात्र का किरदार निभाने वाली समियुन खान के साथ बरेली के एसएसपी रोहित सिंह सजवाण से इसकी शिकायत की है। दानिश के अनुसार वह करीब 15 साल से रंगमंच से जुड़े हैं। सैकड़ों नाटकों में अभिनय किया। तीन साल पहले रामलीला में भगवान राम की भूमिका की। अभिनय लोगों को पसंद आया। उसके बाद वह रामलीला में भगवान राम का पात्र लगातार निभा रहे हैं। इंस्पेक्टर बारादरी नीरज मलिक के मुताबिक शिकायत मिली हैं। जांच की जा रही है। तथ्यों के आधार पर कार्रवाई की जाएगी। अयोध्या में कई जिलों से कलाकारों को बुलावा.... दानिश ने कहा कि अयोध्या रामलीला के लिए बरेली से मुझ समेत 17 जिलों के कलाकारों को बुलावा भेजा गया हैं। बुलावा पत्र पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का नाम है। तैयारियों में लगा हुआ हूं। धमकी के बाद परिवार के सदस्य परेशान हैं। दानिश के साथ एसएसपी से मिली समियुन खान ने बताया कि वह भी रामलीला में कैकई का किरदार निभाती हैं। जिसपर आसपास के लोग कमेंट्स करते हैं। एक-दूसरे को भड़काते हैं और अंजाम भुगतने तक की धमकी देते हैं।


from India News: इंडिया न्यूज़, India News in Hindi, भारत समाचार, Bharat Samachar, Bharat News in Hindi, coronavirus vaccine latest news update https://ift.tt/3kRDNVm
माथे पर तिलक... रामलीला में राम बने मुस्लिम कलाकार को यह कैसी सजा! मिली धमकी https://ift.tt/3AUBCpG माथे पर तिलक... रामलीला में राम बने मुस्लिम कलाकार को यह कैसी सजा! मिली धमकी
https://ift.tt/3AUBCpG Reviewed by Inquisitive & Gallivanter on September 29, 2021 Rating: 5

आंखें नम, जबां खामोश... 16 साल की बेटी ने पहली बार देखा फौजी पिता का चेहरा, हर आंख से छलके आंसू https://ift.tt/3CYzoWS

September 29, 2021
गाजियाबाद 16 साल बाद एक बेटी ने अपने शहीद पिता के शव को देखा। एक टक बस निहारती रही। जुबान खामोश थी। आंखें बहुत कुछ कह रही थीं। जब पिता शहीद हुए थे, तब वह गर्भ में थी। शहीद की पत्नी 16 साल से बस शव देखने के लिए तड़पती रही। अब जब अपने पिता को जिंदा तो नहीं उनका पार्थिव शरीर देकर तो वह फफक पड़ी। बिहार रेजिमेंट के जवान शव लेकर मंगलवार को हिसाली गांव पहुंचे तो पूरा इलाका भारत मां की जय के नारे से गूंज उठा। सैन्य सम्मान के नायक अमरीश त्यागी का अंतिम संस्कार किया गया। अंतिम विदाई में भीड़ इतनी जुटी थी कि मेरठ हाइवे पर 3 घंटे तक जाम की स्थिति रही। 16 साल पहले तिरंगा फहराने गए थे हिसाली गांव के अमरीश त्यागी सेना की ऑर्डिनेंस कोर में नायक थे। हिमालय की संतोपत चोटी (70-75) के पास आखिरी लोकेशन मिली थी। 16 साल पहले 24 अक्टूबर को आगरा से चोटी पर तिरंगा फहराने गए थे। अपनी पोस्ट पर लौटते समय 3 साथियों के साथ बर्फीली तूफान की वजह से लापता हो गए थे। मिले थे तीन साथियों के शव उनके 3 साथियों के शव तो मिल गए थे, लेकिन अमरीश का पता नहीं चला था। 23 सितंबर को सेना का एक पर्वतारोही दल उसी रूट से निकल रहा था। एक खाई में सैन्य वर्दी में पर्वतारोही दल को जो शव उसे गंगोत्री पोस्ट पर सेना के हवाले कर दिया। जांच में वह शव अमरीश त्यागी का निकला। सेना की बिहार रेजिमेंट के जवान मनोज कुमार, मंटू कुमार यादव, पराधी गणेश, संजय और चंदन कुमार गंगोत्री से शहीद अमरीश का शव लेकर मुरादनगर पहुंचे। 2 साल पहले मां की हो चुकी है मौत अमरीश की मां विद्या देवी की 2019 में मौत हो गई थी। अमरीश के साथ जो हादसा हुआ, उसके एक साल बाद उनकी पत्नी ने दूसरी शादी कर ली और उनकी बेटी को जन्म दिया। बेटी के चचेरे भाई दीपक त्यागी ने मुखाग्नि दी। विधायक, अधिकारी और नेताओं की लगी भीड़ शहीद अमरीश का शव उनके गांव हिसाली पहुंचा तो विधायक अजीतपाल त्यागी भी श्रद्धांजलि देने पहुंचे। कई जगह शहीद को पुष्प वर्षा की गई। एसडीएम मोदीनगर आदित्य प्रजापति, मुरादनगर थाना इंचार्ज सतीश कुमार, ब्लॉक प्रमुख राजीव त्यागी, भाजपा नेता मनोज शर्मा, बसपा जिलाध्यक्ष वीरेंद्र यादव, सपा के लोहिया वाहिनी के राष्ट्रीय सचिव नितिन त्यागी समेत कई लोग शहीद को अंतिम विदाई देने पहुंचे। मेरठ में हुए थे सेना में भर्ती अमरीश त्यागी वर्ष 1995-96 में मेरठ में सेना में भर्ती हुए थे। कई जगह तबादले के बाद 1999 में करगिल युद्ध के दौरान उनकी तैनाती लेह लद्दाख में हुई थी। अमरीश का हवाई जहाज से सबसे ज्यादा ऊंचाई से कूदने के मामले में देशभर में नाम था भाई राम कुमार त्यागी का कहना है कि अमरीश वर्ष 2005 में सियाचिन पर झंडा फहरा चुके थे। लौटते समय 23 अक्टूबर 2005 को हर्षिल क्षेत्र में दुर्घटना हो गई और 3 अन्य जवानों के साथ वह खाई में गिर गए। तीनों के पार्थिव शरीर तो मिल चुके थे, लेकिन खाई की गहराई काफी होने के कारण उनका सुराग नहीं लग सका। हालांकि, सेना ने उनको तलाश करने के लिए काफी प्रयास किया था।


from India News: इंडिया न्यूज़, India News in Hindi, भारत समाचार, Bharat Samachar, Bharat News in Hindi, coronavirus vaccine latest news update https://ift.tt/3me5FTs
आंखें नम, जबां खामोश... 16 साल की बेटी ने पहली बार देखा फौजी पिता का चेहरा, हर आंख से छलके आंसू https://ift.tt/3CYzoWS आंखें नम, जबां खामोश... 16 साल की बेटी ने पहली बार देखा फौजी पिता का चेहरा, हर आंख से छलके आंसू
https://ift.tt/3CYzoWS Reviewed by Inquisitive & Gallivanter on September 29, 2021 Rating: 5

सुप्रीम कोर्ट का बड़ा आदेश, जब कर्मी सेवा में नहीं था उस तारीख से वरिष्ठता का दावा नहीं हो सकता https://ift.tt/3oferD7

September 29, 2021
नई दिल्ली ने कहा है कि वरिष्ठता का दावा उस तारीख से नहीं किया जा सकता जिस तारीख पर कर्मचारी सेवा में नहीं था। सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार द्वारा एक शख्स की नौकरी में पूर्व प्रभाव (रेट्रोस्पेक्टिव इफेक्ट) से सीनियरिटी को चुनौती देने वाली याचिका मंजूर कर ली। सुप्रीम कोर्ट में बिहार सरकार की दलील थी कि कर्मचारी उस तारीख से वरिष्ठता का दावा नहीं कर सकता जब वह सेवा में नहीं था। सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार की अपील स्वीकार कर ली। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह बात ध्यान रखना होगा कि जब तक अदालत का आदेश पारित नहीं होता या कोई निर्देश अदालत जारी नहीं करता या लागू नियमों साफ तौर पर प्रावधान नहीं है तब तक पूर्व प्रभाव से वरिष्ठता की इजाजत नहीं दी जानी चािहए क्योंकि ऐसा करने से पहले से सर्विस में प्रवेश पाने वाले अन्य लोग भी प्रभावित होंगे। शीर्ष अदालत ने कहा कि सेवा कानून के क्षेत्र में न्यायशास्त्र बताता है कि पूर्व प्रभाव से वरिष्ठता का दावा उस तारीख से नहीं हो सकता जब कर्मी सेवा में नहीं था।


from India News: इंडिया न्यूज़, India News in Hindi, भारत समाचार, Bharat Samachar, Bharat News in Hindi, coronavirus vaccine latest news update https://ift.tt/3COApkg
सुप्रीम कोर्ट का बड़ा आदेश, जब कर्मी सेवा में नहीं था उस तारीख से वरिष्ठता का दावा नहीं हो सकता https://ift.tt/3oferD7 सुप्रीम कोर्ट का बड़ा आदेश, जब कर्मी सेवा में नहीं था उस तारीख से वरिष्ठता का दावा नहीं हो सकता
https://ift.tt/3oferD7 Reviewed by Inquisitive & Gallivanter on September 29, 2021 Rating: 5

सिब्बल ने कहा हाई कोर्ट ने नेचरल जस्टिस सिद्धांत का पालन नहीं किया, सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी कर मांगा जवाब https://ift.tt/2Y5Wuw8

September 28, 2021
नई दिल्ली पश्चिम बंगाल में चुनाव बाद हुई हिंसा मामले में सीबीआई जांच के कोलकाता हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली राज्य सरकार की अर्जी पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार की दलील से इस मामले में पहली नजर में नोटिस जारी का मामला बनता है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और अन्य प्रतिवादियों को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने को कहा है। अगली सुनवाई 7 अक्टूबरसुप्रीम कोर्ट में इससे पहले पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने कहा कि सीबीआई को इस दौरान नए केस दर्ज करने से रोका जाना चाहिए। तब सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कुछ भी नहीं होने जा रहा है हम जल्दी ही सुनवाई करेंगे और अगली सुनवाई के लिए 7 अक्टूबर की तारीख तय कर दी है। 5 मई तक चुनाव आयोग का सुपरविजन सुप्रीम कोर्ट में कपिल सिब्बल ने दलील दी है कि 2 मई से लेकर 5 मई तक चुनाव आयोग का सुपरविजन राज्य में था। साथ ही चुनाव बाद की हिंसा को आगे के अपराध से भी जोड़ दिया गया है। राज्य में होने वाले सामान्य अपराध को चुनाव बाद की हिंसा के साथ जोड़ने की कोशिश की गई है। सिब्बल ने का कहा कि एनएचआरसी की जो फैक्ट फाइंडिंग कमिटी है उसमें बीजेपी से जुड़े लोग शामिल हैं। कमिटी ने प्रोटेक्शन ऑफ ह्यूमैन राइट्स एक्ट की प्रक्रिया का पालन नहीं किया है। राज्य सरकार को अपना पक्ष रखने का मौका नहीं दिया गया- सिब्बलसुप्रीम कोर्ट में सिब्बल ने कहा कि कोलकाता हाई कोर्ट ने अपने आदेश में नेचरल जस्टिस के सिद्धांत का पालन नहीं किया है। राज्य सरकार को अपना पक्ष रखना का पर्याप्त मौका नहीं दिया गया। हजारों शिकायतों पर जवाब के लिए 7 दिन का सिर्फ वक्त दिया गया। छानबीन 7 दि में संभवन नहीं है। हाई कोर्ट के सामने राज्य सरकार ने जो मैटेरियल रखे उस पर विचार नहीं किया। सिब्बल ने कहा कि फेडरल स्ट्रक्चर में बिना पर्याप्त मौका दिए राज्य को दरकिनार नहीं किया जा सकता है। राज्य सरकार को एनएचआरसी की रिपोर्ट तक नहीं दी गई। इस तरह से एक बार में सारे केस सीबीआई को ट्रांसफर नहीं हो सकते हैं। केस दर केस पुलिस अगर नाकामी हो तो उसे बताते हुए केस ट्रांसफर हो सका है। सुप्रीम कोर्ट में सिब्बल ने कहा कि ऐसा कहा गया कि राज्य सरकार की नाकामी है ऐसे में ये राज्य के प्रतिष्ठा का सवाल है। हमें मौका नहीं दिया गया और राज्य को अलग थलक करने की कोशिश है।


from India News: इंडिया न्यूज़, India News in Hindi, भारत समाचार, Bharat Samachar, Bharat News in Hindi, coronavirus vaccine latest news update https://ift.tt/3EZutHe
सिब्बल ने कहा हाई कोर्ट ने नेचरल जस्टिस सिद्धांत का पालन नहीं किया, सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी कर मांगा जवाब https://ift.tt/2Y5Wuw8 सिब्बल ने कहा हाई कोर्ट ने नेचरल जस्टिस सिद्धांत का पालन नहीं किया, सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी कर मांगा जवाब
https://ift.tt/2Y5Wuw8 Reviewed by Inquisitive & Gallivanter on September 28, 2021 Rating: 5

शारीरिक तौर पर अक्षम को प्रोमोशन में रिजर्वेशन के लिए चार महीने में निर्देश जारी करे केंद्र: सुप्रीम कोर्ट https://ift.tt/3F2u4DK

September 28, 2021
नई दिल्ली ने केंद्र सरकार से कहा है कि वह शारीरिक तौर पर अक्षम के लिए प्रोमोशन में रिजर्वेशन के लिए निर्देश जारी करें। अदालत ने कहा कि केंद्र सरकार यह कदम 4 महीने के भीतर उठाए। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के इस मामले में दिए गए जजमेंट के स्पष्टीकरण के लिए अर्जी दाखिल की थी जिस पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जजमेंट में कोई अस्पष्टता नहीं है। केंद्र सरकार चार महीने के भीतर शारीरिक तौर पर अक्षम के लिए प्रोमोशन में रिजर्वेशन के लिए निर्देश जारी करे। केंद्र में अर्जी दाखिलसुप्रीम कोर्ट में सिद्धीराजू बनाम कर्नाटक राज्य के मामले में दिए फैसले में स्पष्टीकरण के लिए केंद्र ने अर्जी दाखिल की थी। सुप्रीम कोर्ट ने सिद्दीराजू केस में कहा था कि शारीरिक तौर पर अक्षम के लिए प्रोमोशन में रिजर्वेशन का अधिकार है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जजमेंट में कोई अस्पष्टता नहीं है। केंद्र सरकार 2016 के एक्ट की धारा-34 के तहत निर्देश जारी करे जिसके तहत शारीरिक तौर पर विकलांग को प्रोमोशन में रिजर्वेशन अमल हो सके। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि शीर्ष अदालत के तीन जजों की बेंच ने अपने फैसले में कहा था कि इंदिरा साहनी जजमेंट में सुप्रीम कोर्ट के संवैधानिक बेंच ने व्यवस्था दी थी कि प्रोमोशन में रिजर्वेशन नहीं मिलेगा लेकिन वह शारीरिक तौर पर अक्षम के लिए लागू नहीं होगा। यानी शारीरिक तौर पर अक्षम शख्स को प्रोमोशन में रिजर्वेशन देने पर कोई रोक नहीं है।


from India News: इंडिया न्यूज़, India News in Hindi, भारत समाचार, Bharat Samachar, Bharat News in Hindi, coronavirus vaccine latest news update https://ift.tt/3kPk7S0
शारीरिक तौर पर अक्षम को प्रोमोशन में रिजर्वेशन के लिए चार महीने में निर्देश जारी करे केंद्र: सुप्रीम कोर्ट https://ift.tt/3F2u4DK शारीरिक तौर पर अक्षम को प्रोमोशन में रिजर्वेशन के लिए चार महीने में निर्देश जारी करे केंद्र: सुप्रीम कोर्ट
https://ift.tt/3F2u4DK Reviewed by Inquisitive & Gallivanter on September 28, 2021 Rating: 5

कन्हैया व जिग्नेश के बहाने यूथ को कांग्रेस से जोड़ने की रणनीति, पार्टी छोड़ने वाले नेताओं को संदेश भी https://ift.tt/2XV15kc

September 28, 2021
नई दिल्लीदेश में तेज तर्रार युवा नेता और बीजेपी व संघ के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद करने वाले दो युवा चेहरे कन्हैया कुमार व जिग्नेश मेवाणी मंगलवार को कांग्रेस में शामिल होने जा रहे हैं। देश में लगातार जमीनी आधार खो रही कांग्रेस की सबसे बड़ी चिंता उसके पास बड़े जनाधार वाले नेताओं की बेहद किल्लत भी है। ऐसे में माना जा रहा है कि इन दोनों नेताओं के आने से कांग्रेस के पास लोगों से जुडे़ व उनके बीच अपनी पहचान व पकड़ रखने वाले लोगों की टीम बढ़ेगी। संघ व बीजेपी के खिलाफ निर्भीकता की विचारधारा मौजूदा दौर में राहुल गांधी विपक्ष का एक ऐसा चेहरा हैं, जो लगातार पीएम मोदी, बीजेपी व संघ को सीधे लगातार चुनौती दे रहा हैं। पिछले दिनों पार्टी के एक कार्यक्रम में उन्होंने अपने एक संदेश में कहा भी था कि जो लोग निडर होकर सीधे बीजेपी- संघ से टकराने का साहस रखते हों, उनकी जगह कांग्रेस में होनी चाहिए। अपनी पार्टी छोड़कर जाने वालों से उनका कहना था कि जो लोग इनसे डरते हैं, वे कांग्रेस छोड़कर जा सकते हैं। उन्हें रोका नहीं जाएगा। लेकिन संघ-बीजेपी के खिलाफ निर्भीकता व बिना डरे खड़े होने का कांग्रेस की विचारधारा बताते हुए उन्होंने कहा था कि ऐसे जो लोग कांग्रेस से बाहर हैं, उन्हें कांग्रेस के भीतर लाना चाहिए। ऐसे में कन्हैया कुमार व जिग्नेश मेवाणी जैसे चेहरों को शामिल कराने के पीछे कांग्रेस व राहुल गांधी की वहीं सोच दिखाई देती है। संघ और बीजेपी पर हमेशा हमलावर रहे हैं कन्हैयाकन्हैया कुमार लगातार बीजेपी व संघ की नीतियों के खिलाफ मुखर रहे हैं। कांग्रेस के एक युवा नेता का कहना था कि आज के दौर में जहां ज्यादातर ने पीएम मोदी, बीजेपी व संघ के खिलाफ हथियार डाल दिया हो, वहां कन्हैया सीधे पीएम मोदी व संघ की आंख में आंख डालकर बात करता रहा है। उनके खिलाफ लगातार लड़ रहा है। वहीं दलित तबके की नुमाइंदगी करने वाले जिग्नेश भी गुजरात में बीजेपी सरकार का खुलकर विरोध करते रहे हैं। कांग्रेस में कहा जा रहा है कि राहुल अपनी नई टीम बनाने में जुटे हैं। ऐसे में वह इस टीम में उन लोगों को जोड़ना चाहते हैं, जो विचारधारा के आधार पर कांग्रेस के नजदीक दिखाई देता है। यूथ को जोड़ने की कोशिश इन नेताओं के द्वारा कांग्रेस खुद को कहीं न कहीं युवाओं से कनेक्ट भी करना चाहता है। दरअसल, कन्हैया कुमार व जिग्नेश मेवाणी अपने आप में एक फायरब्रांड चेहरे हैं। कन्हैया की देशभर में युवाओं खासकर स्टूडेंट्स के बीच एक खासी फैन फॉलोइंग है। इस बारे में यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव व बिहार से आने वाले अमरीश रंजन पांडेय का कहना था कि कन्हैया एक ऐसा छात्र युवा नेता है, जिन्हें पूरे देश में सुना जाता है। लोग बिहार में नहीं, बल्कि देश भर में उन्हें सुनने के लिए आते हैं। वह आम आदमी की बात करते हैं, इसलिए आसानी से लोगों से कनेक्ट करते हैं। पढ़े लिखे इंसान हैं, अपनी हर बात लॉजिकल ढंग से सामने रखते हैं, जो लोगों को अपील करती है। इसके अलावा, युवाओं में उनका अपना एक अलग क्रेज है। कन्हैया का कांग्रेस पूरे देश में करेगी इस्तेमालकन्हैया की इन्हीं खूबियों के मद्देनजर कांग्रेस आने वाले दिनों में कन्हैया का इस्तेमाल पूरे देश में करना चाहेगी। उल्लेखनीय है कि छात्र राजनीति व युवा राजनीति से पार्टी के भीतर आने वाले नेताओं की लिस्ट कांग्रेस में लंबी रही है। गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा, अशोक गहलोत, अंबिका सोनी, मुकुल वासनिक, भूपेंद्र सिंह हुड्डा, रमेश चेनिथल्ला, गुरदास कामत, तारिक अनवर, अजय माकन, रणदीप सुरजेवाला, राजीव सातव जैसे चेहरे कांग्रेस पार्टी में छात्र राजनीति व युवा राजनीति से ही उभरकर सामने आए। लेकिन समय के साथ जमीनी नेताओं व युवा चेहरों की कमी होती गई। इसी के साथ युवाओं के साथ कांग्रेस का कनेक्ट भी कम होता चला गया। ऐसे में कांग्रेस युवाओं को फिर से जोड़ने के लिए युवा चेहरों को साथ लेना चाहती है, जिनकी जमीन पर एक पकड़ हो। पार्टी छोड़कर जा रहे लोगों को संदेश इन युवाओं को जोड़ कर कांग्रेस कहीं न कहीं अपने विरोधियों, आलोचकों व उन लोगों को संदेश देना चाहती है, जो हाल फिलहाल में पार्टी छोड़कर गए हैं या फिर जिनके जाने की चर्चा है। पिछले दिनों ज्योतिरादित्य सिंधिया, जितिन प्रसाद व सुष्मिता देव जैसे युवा चेहरे कांग्रेस से अलग हुए। एक समय में ये सभी नेता राहुल गांधी की युवा टीम के सदस्य थे। युवाओं के जाने के बाद यह कहा जाता रहा कि युवा कांग्रेस को छोड़कर इसलिए जा रहे हैं, क्योंकि उन्हें कांग्रेस में अपना कोई भविष्य नजर नहीं आ रहा। ऐसे में कांग्रेस कन्हैया व जिग्नेश जैसे लोगों को अपने जोड़कर यह संदेश देना चाहेगी कि युवा अभी भी कांग्रेस व उसकी विचारधारा में भरोसा कर रहा है। बिहार में कांग्रेस को मजबूती के लिए कन्हैया के जरिए कांग्रेस बिहार में अपनी पकड़ मजबूत बनाने की कोशिश करेगी। दरअसल, बिहार में कांग्रेस का जमीनी आधार लगभग खत्म होने के कगार पर है। पार्टी व संगठन वहां बेहद कमजोर है। दूसरे दल लगातार कांग्रेस में सेंध लगाते रहे हैं। ऐसे में अपनी एक जमीनी पकड़ रखने वाले कन्हैया कुमार वहां कांग्रेस के लिए मददगार हो सकते हैं। कहा जा रहा है कि कांग्रेस की नजर वहां उन इलाकों पर है, जहां लेफ्ट का अभी भी प्रभाव है। लेफ्ट पृष्ठभूमि व विचारधारा से आने वाले कन्हैया ऐसी सीटों पर कांग्रेस के लिए जमीन तलाशने में एक अहम भूमिका निभा सकते हैं। गुजरात पर भी नजर जिग्नेश के सहारे कांग्रेस की नजर गुजरात पर है, जहां अगले साल चुनाव होने हैं। उल्लेखनीय है कि जिग्नेश पिछले गुजरात चुनावों में उन तीन युवा चेहरों में एक थे, जिन्होंने कांग्रेस के साथ मिलकर बीजेपी को चुनौती दी थी। इनके अलावा, पाटीदार नेता हार्दिक पटेल व ओबीसी चेहरे अल्पेश ठाकोर थे। हालांकि जिग्नेश ने तब कांग्रेस का हाथ नहीं थामा और निर्दलीय चुनाव लड़ा, जबकि पटेल व ठाकोर कांग्रेस के साथ आ गए। जिग्नेश को साथ लेकर कांग्रेस दलितों को संकेत देने की कोशिश करेगी। पंजाब में चरणजीत सिंह चन्नी को दलित सीएम बनाने के बाद जिग्नेश को कांग्रेस में शामिल करा कर कांग्रेस कहीं न कहीं अपने उस दलित वोट बैंक को संकेत देना चाहती है, जो देशभर में लंबे समय तक उसके साथ ही रहा है। गुजरात में दलित लगभग सात फीसदी हैं। कांग्रेस की रणनीति गुजरात में आम आदमी पार्टी की राजनैतिक महत्वाकांक्षा के लिहाज से भी अहम मानी जा रही है, जो वहां अपने पैर जमाने की कोशिश कर रही है। आप का वोट बैंक भी काफी हद तक दलितों पर निर्भर करता है।


from India News: इंडिया न्यूज़, India News in Hindi, भारत समाचार, Bharat Samachar, Bharat News in Hindi, coronavirus vaccine latest news update https://ift.tt/3ugMjAB
कन्हैया व जिग्नेश के बहाने यूथ को कांग्रेस से जोड़ने की रणनीति, पार्टी छोड़ने वाले नेताओं को संदेश भी https://ift.tt/2XV15kc कन्हैया व जिग्नेश के बहाने यूथ को कांग्रेस से जोड़ने की रणनीति, पार्टी छोड़ने वाले नेताओं को संदेश भी
https://ift.tt/2XV15kc Reviewed by Inquisitive & Gallivanter on September 28, 2021 Rating: 5

Gad

Powered by Blogger.