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आज 2020 का आखिरी दिन है। वो साल जिसने दुनिया पर ब्रेक लगा दी। फ्लैशबैक में जाकर 2019 को याद करिए, उस वक्त जब दुनिया उम्मीदों से भरे एक नए दशक की शुरुआता की ओर देख रही थी। चीजें उन उम्मीदों के मुताबिक नहीं रहीं और दुनिया कोरोना महामारीी की गिरफ्त में आ गई। लेकिन महामारीी के अलावा यह साल खूबसूरती, हंसी और मानवीय जिजीविषा का भी गवाह बना। तस्वीरों में देखिए कोरोना के कहर के बीच कैसा रहा साल 2020...
वुहान सेंट्रल अस्पताल के नेत्र-विशेषज्ञ वेनलियांग कोरोना वायरस से संक्रमित थे और 30 दिसंबर को ही उन्होंने अपने साथी डॉक्टरों को चेताथा था कि उन्होंने कुछ मरीजों में सार्स जैसे वायरस के लक्षण देखे हैं। यह संदेश कुछ घंटे में ही वायरल हो गया और पुलिस ने उन्हें कोरोना की अफवाह फैलाने वाला व्यक्ति करार देकर प्रताड़ित किया। जिस शख्स ने इस महावायरस के बारे में बताया था उनकी फरवरी में मौत हो गई। उनकी चेतावनी की अगर गंभीरतक से लिया होता तो आज दुनिया की तस्वीर कुछ और होती।
न वायरस के बारे में कुछ पता था न इलाज के बारे में लेकिन दुश्मन के आगे डटे रहे हमारे हेल्थकेयर हीरोज। भारी-भरकम PPE किट के साथ लगातार हफ्तों, महीनों तक बिना ब्रेक के मरीजों की सेवा करना आसान न था लेकिन इन्होंने हार नहीं मानी। जब थककर चूर हो जाते थे तो अपनी सीटों पर बैठे-बैठे ही झपकियां लेकर फिर से उठ खड़े होते थे।
डी-एस्केलेशन के दौरान जून में दोनों देशों की सेनाओं में खूनी झड़प हुई। इसमें भारत के कर्नल समेत 20 जवान शहीद हुई। चीन के भी 43 जवाब मारे गए।
ब्राजील के मनोस में कुछ ऐसा मंजर था। कोरोना के चलते मार्च से अगस्त के बीच वायरस ने इतनी तबाही मचाई कि लोगों को दफनाने के लिए कब्रिस्तान में जमीन कम पड़ गई। जून तक 50 हजार लोगों की जिंदगियां लील चुका था कोरोना वायरस। रोजाना सैकड़ों मौतें हो रही थीं।
जिंदगी की मुश्किलों का सामना इन मजदूरों ने कैसे किया और लॉकडाउन में जिंदगी कैसे बिताई, उसकी असली कहानी बताती है यह तस्वीर। रोज कमाकर जीविका चलाने वाले मजदूर परिवारों के सामने रोजी-रोटी का भारी संकट था।
मईः अफ्रीकी-अमेरिकी जॉर्ड फ्लॉयड की अमेरिकी पुलिस की हिरासत में हुई मौत ने दुनियाभर में नस्लवाद और पुलिसिया बर्बरता के खिलाफ आंदोलन छेड़ दिया।
बॉलिवुड इंडस्ट्री और टीवी इंडस्ट्री के लिए साल 2020 किसी बुरे सपने से कम नहीं रहा। 14 जून 2020... यही वो तारीख है जब बॉलिवुड के होनहार ऐक्टर सुशांत सिंह राजपूत ने आत्महत्या कर ली थी। इसके बाद ड्रग्स रैकेट का पर्दाफाश हुआ और इसके आरोप में रिया को जेल जाना पड़ा।
पीएम नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में राम जन्मभूमि पर भव्य राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन किया। लंबी लड़ाई के बाद आए इस ऐतिहासिक क्षण को टेलिविजन पर करोड़ों लोगों ने देखा। 5 अगस्त को राम मंदिर के भूमि पूजन के ऐतिहासिक क्षण के बाद भी अयोध्या सुर्खियों में बनी रही।
लेबनान की राजधानी बेरूत में अगस्त में दो भीषण विस्फोट देखने को मिले थे। इस भयंकर विस्फोट में 204 लोगों की मौत हुई थी। वहीं 6500 से ज्यादा लोग घायल हुए थे।
स्पेन में लॉकडाउन के बाद पहली बार ओपेरा हाउस खोला गया लेकिन दर्शकों को बुलाने की इजाजत सरकार ने नहीं दी। करीब 2300 सीटों वाले इसे ओपेरा हाउस में लाइव कॉन्सर्ट को देखने के लिए लोगों की जगह हर सीट पर पौधे रखे गए।
जहां अनगिनत लोगों की रोजाना चहलकदमी होती है, वहां भी कोरोना का असर देखा गया। दिल्ली का दिल कहे जाने वाले कनॉट प्लेस में इस कदर सन्नाटा पसरा कि इंसान कहीं नहीं दिख रहे थे, बचे थे बस ये परिंदे।
नवंबर की शुरुआत में, डेनमार्क ने अपने यहां के सभी ऊदबिलावों (Mink) को मारने का आदेश दिया। देश के फर फार्म्स में ब्रीड किए गए करीब 1.7 करोड़ ऊदबिलावों को मौत के घाट उतारा गया। ऐसा इसलिए क्योंकि कुछ ऊदबिलावों में कोविड-19 वायरस मिला था। इसके बाद उनमें कोरोना वायरस का म्यूटेशन हुआ। डेनमार्क के अधिकारियों को डर था कि अगर म्यूटेटेड वायरस इंसानों में फैलने लगा तो यह वैक्सीन को धता बता सकता है। ऊदबिलाव या Mink एक तरह का मांसाहारी जीव होता है जिसे उसके फर के लिए ब्रीड किया जाता है। डेनमार्क इसका सबसे बड़ा उत्पादक है और वहीं पर ऊदबिलावों में सबसे ज्यादा कोविड मामले सामने आए हैं।
डेनमार्क के ऊदबिलावों को मारने के साथ ही वायरस का वह रूप खत्म नहीं हुआ। अप्रैल में नीदरलैंड्स, जून में डेनमार्क, फिर स्पेन, इटली, लिथुएनिया, स्वीडन, ग्रीस, कनाडा और अमेरिका में भी फैला। फार्म वाले ऊदबिलावों में कोरोना वायरस कम से कम नौ देशों में पाया जा चुका है। अमेरिका में यह पहला केस अक्टूबर में आया था। वायरस के जंगल में फैलने का डर भी सच साबित हुआ। 13 दिसंबर को अमेरिका के ऊटा में एक कोविड संक्रमित जंगली ऊदबिलाव पाया गया। जंगल में वायरस कितना फैला है, इसका पता अभी नहीं है। लेकिन अगर ये और फैला तो मुसीबत आनी तय है। हर बार हम महामारी को वैक्सीन और लॉकडाउन्स से काबू में लाएंगे, वह जंगल से फिर फैलेगा। यानी इंसानों में बार-बार संक्रमण के मामले सामने आने लगेंगे।
इंसानों और ऊदबिलावों के बीच जितनी बार वायरस का आदान-प्रदान होगा, एक खतरनाक म्यूटेशन की संभावना बढ़ जाती है। नए 'यूके स्ट्रेन' में दिखा एक बदलाव ऊदबिलाव में मिले वायरस वैरियंट में पहले ही दिख चुका था। ऐसे संक्रमण की संभावना ज्यादा है क्योंकि ऊदबिलावों को श्वसन तंत्र में इन्फेक्शन का ज्यादा खतरा रहता है। अगर किसी फार्म वर्कर को कोविड हो और वह बाड़े के पास खांसे या छींक दे तो पूरे फार्म के ऊदबिलावों में वायरस फैलने में समय नहीं लगता।
वायरस का म्यूटेशन हर समय जारी रहता है। बीबीसी के अनुसार, ऊदबिलाव के भीतर वायरस में हुए बदलाव इंसानों तक नहीं पहुंचे। लेकिन बदलावों का एक सेट जिसे 'क्लस्टर 5' कहा गया, वह डेनमार्क के 12 लोगों में फैला। इसके अलावा 200 अन्य लोगों में भी ऊदबिलाव वाले वायरस के थोड़े परिवर्तित रूप पाए गए। क्लस्टर 5 चिंता की वजह बन चुका है क्योंकि इसमें उस स्पाइक प्रोटीन में बदलाव हुआ जिसका इस्तेमाल वैक्सीन शरीर को कोविड के प्रति लड़ने के लिए ट्रेन करने में करती हैं। टेस्ट्स ने दिखाया कि क्लस्टर 5 के प्रति मरीजों की ऐंटीबॉडीज ने हल्का रेस्पांस दिया।
नए स्ट्रेन की बात सामने आने के बाद ब्रिटेन एक तरह से अलग-थलग हो गया है। हालांकि वाशिंगटन पोस्ट का एक एनसलिसिस बताता है कि यूके ने बेहद जिम्मेदारी से नए स्ट्रेन का सामना किया। वहां नए स्ट्रेन की पहचान जल्दी इसलिए हो पाई क्योंकि उसके यहां दुनिया का सबसे बेहतरीन और व्यापक जेनेटिक सीक्वेंसिंग प्रोग्राम है। ताजा अपडेट तक यूके ने 1,36,835 वायरस सैंपल्स का जेनेटिक एनालिसिस कर लिया था जो कि दुनियाभर में सीक्वेंस किए गए सभी सैंपल्स का लगभग आधा है।
साल 2020 तो कोरोना वायरस महामारी के साए में गुजर गया। कुछ घंटों बाद नया साल 2021 दस्तक देने वाला है। कोरोना हमारी जिंदगी से गया नहीं है, इसलिए नए साल का स्वागत करते समय बेहद सावधान रहना होगा। केंद्र और राज्य की सरकारों ने नए साल के जश्न की खातिर कुछ गाइडलाइंस जारी की हैं। बेहतर होगा कि घर से बाहर निकलने से पहले उनके बारे में जान लें। कई राज्यों में न्यू ईयर ईव पर होने वाली पार्टियों पर पूरी तरह रोक है। महाराष्ट्र, कर्नाटक समेत कई राज्यों ने नाइट कर्फ्यू का ऐलान किया है। नियम तोड़ने पर जुर्माने से लेकर महामारी ऐक्ट के तहत जेल भी हो सकती है। आइए जानते हैं, देश के अलग-अलग हिस्सों में नए साल के जश्न को लेकर क्या नियम हैं।
दिल्ली में 31 दिसंबर को लेकर खास नियम बनाए गए हैं। दिल्ली में 31 दिसंबर की रात 11 बजे से लेकर 1 जनवरी की सुबह 6 बजे तक नाइट कर्फ्यू रहेगा। गुरुवार रात 8 बजे से कनॉट प्लेस एरिया में मूवमेंट पर पाबंदी लग जाएगी। सीपी के अलावा इंडिया गेट, खान मार्केट समेत नई दिल्ली की अन्य प्रमुख जगहों पर भी सुरक्षा और ट्रैफिक मैनेजमेंट के लिए पुख्ता इंतजाम किए जाएंगे। रेस्तरां और बार में क्षमता के 50% से ज्यादा लोग नहीं रह सकेंगे। राजीव चौक मेट्रो स्टेशन के एग्जिट गेट रात 9 बजे से बंद कर दिए जाएंगे। ट्रैफिक पुलिस न्यू ईयर ईव पर ड्रंकन ड्राइविंग करने वालों की पहचान करने के लिए एल्कोमीटर का इस्तेमाल नहीं करेगी। जिस व्यक्ति के ड्रंकन ड्राइविंग करने का शक होगा, डॉक्टरों की टीम उसका ब्लड सैंपल लेकर जांच करेगी। नए मोटर वीकल एक्ट के तहत भारी जुर्माने के अलावा जेल की सजा का भी प्रावधान है। विस्तार से पढ़ें
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उत्तर प्रदेश सरकार ने एडवाइजरी जारी की है। नए साल का जश्न मनाने के लिए पुलिस-प्रशासन से पहले अनुमति लेनी होगी। खुली जगह पर आयोजन होने पर क्षमता से 40 प्रतिशत लोग ही इकट्ठा हो पाएंगे। कार्यक्रम में 100 से ज्यादा लोग शामिल न हों, इसका भी विशेष ध्यान रखने को कहा गया है। बंद स्थान पर कार्यक्रम होने की स्थिति में हॉल/कमरे की निर्धारित क्षमता का 50 प्रतिशत ही भरा जा सकेगा। कार्यक्रम में फेस मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग, थर्मल स्कैनिंग, सैनिटाइजर और हैंडवॉश की व्यवस्था भी करनी होगी। नववर्ष के दौरान रात में दुपहिया और चार पहिया वाहन चालकों की चेकिंग जरूर की जाए। पढ़ें
यूपी में और क्या-क्या हैं नियम
महाराष्ट्र के होटल, रेस्तरां, पब और बार 31 दिसंबर को रात 11 बजे तक खुले रहेंगे। हालांकि राष्ट्रीय राजमार्गों पर स्थित होटलों, रेस्तरां और ढाबों को उससे छूट दी गई है। राज्य में नाइट कर्फ्यू का ऐलान किया गया है। रात 11 बजे के बाद सार्वजनिक स्थानों पर पांच या ज्यादा लोगों के जमावड़े पर प्रतिबंध रहेगा। और
भोपाल में रात 12 बजे तक लोग पार्टी कर सकेंगे। होटलों में कोई भी बाहर सेलिब्रिटी नहीं आएंगे। साथ ही होटलों में क्षमता के 50 फीसदी ही लोग मौजूद रहेंगे। संगीत कार्यक्रमों का आयोजन कोरोना गाइडलाइन के अनुसार ही होगा। निगम और भोपाल प्रशासन के अधिकारी लगातार इन जगहों का दौरा करेंगे। नियमों का उल्लंघन करने पर कार्रवाई की जाएगी। इंदौर में डीजे और डिस्को पर प्रतिबंध है। होटलों में संगीत कार्यक्रम होंगे। खुले स्थानों पर जश्न का आयोजन नहीं होगा। 21 साल के कम उम्र के युवकों को शराब नहीं परोसी जाएगी।
पंजाब में लगाए गए नाइट कर्फ्यू को राज्य सरकार ने समाप्त कर दिया है। हालांकि रात को कर्फ्यू से जुड़ी पाबंदियां सभी शहरों और कस्बों में 31 दिसंबर तक प्रभावी रहेंगी। बंद स्थानों में 200 और खुली जगह में 500 लोगों के एकत्र होने की अनुमति दी गई है।
राजस्थान में रात 8 बजे से सुबह 6 बजे तक कर्फ्यू रहेगा। जयपुर कमिश्नरेट के मुताबिक, विशेष कार्यक्रम छोड़ बाकी सभी कार्यक्रमों पर रोक है। शाम 7 बजे के बाद सभी तरह के होटल, रेस्तरां और प्रतिष्ठान बंद रखे जाएंगे।
उत्तराखंड सरकार ने होटल, बार, रेस्तरां व अन्य पब्लिक प्लेसेज पर होने वाली पार्टियों को बैन कर दिया है। नियम तोड़ने पर आपदा प्रबंधन अधिनियम और महामारी ऐट के तहत कार्रवाई होगी। तमिलनाडु में भी 31 दिसंबर और 1 जनवरी को सार्वजनिक उत्सवों पर रोक रहेगी। हालांकि नाइट कर्फ्यू का ऐलान नहीं किया गया है। तेलंगाना में न एसाल पर सभी कार्यक्रम 31 दिसंबर की रात 8 बजे से लेकर 1 जनवरी की सुबह 1 बजे तक करने के निर्देश हैं।
बेंगलुरु समेत पूरे कर्नाटक में सख्त नियम लागू रहेंगे। बेंगलुरु शहर में 31 दिसंबर की शाम छह बजे से लेकर एक जनवरी की सुबह छह बजे तक धारा 144 लागू रहेगी। पब और क्लबों में होने वाले आयोजनों, पार्टियों, डीजे पर रोक है।
रायपुर में न्यू ईयर जश्न को लेकर बार, पब, शॉपिंग मॉल और रेस्टोरेंट्स दिन 12 से रात 11 बजे तक खुलेंगे। वहीं, थ्री स्टार स्तर के होटल रात 12 तक खुलेंगे। एक कार्यक्रम में अधिकतम 200 लोग शामिल होंगे। खुले और सार्वजनिक जगहों पर कार्यक्रम नहीं होंगे। साथ ही कोरोना गाइडलाइंस का पालन करना होगा।
2020... आने वाले वक्त में जब भी इस साल का जिक्र होगा, लोग शायद सिहर जाएंगे। कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया में ऐसा कहर बरपाया कि उससे उबरने में शायद दशकों लगें। हर तरफ वायरस का खतरा और एक-दूसरे को शक की नजरों से देखते लोग... इन सबके बीच कुछ-कुछ बातें ऐसी भी हुईं जो न सिर्फ इंसानियत में लोगों के भरोसे को पुख्ता कर गईं, बल्कि जीवटता की मिसाल भी बनीं। भारतीय सोशल मीडिया में कोविड के अलावा कुछ ऐसे पल भी रहे जिन्होंने लोगों के चेहरे पर मुस्कान बिखेरी। साल के आखिरी दिन, ऐसी ही चार सच्ची कहानियों से आपको रूबरू कराते हैं।
भारत में 25 मार्च से लॉकडाउन लग गया था। सब घरों में कैद थे। कुछ बुजुर्ग ऐसे थे जो परिवार और दोस्तों से कट गए। अकेलापन काटने दौड़ता था। ऐसे में हरियाणा के पंचकूला के रहने वाले करण पुरी के घर जब 28 अप्रैल को पुलिस पहुंची तो वे भी हैरान थे। पुलिस देखकर बोले, 'मैं करण पुरी हूं, अकेला रहता हूं और सीनियर सिटिजन हूं।' मगर फिर जो हुआ, उसने न सिर्फ पुरी की आंखों से आंसुओं की धारा बहाई, बल्कि देश-विदेश के लोगों को भी भावुक कर दिया। उस दिन करण पुरी का जन्मदिन था। पुलिसवाले केक लेकर पहुंचे थे। न सिर्फ केक कटवाया, बल्कि 'हैप्पी बर्थडे टू यू...' भी गाया। आंसुओं में डूबे करण पुलिस को बताते रहे कि उनका बेटा विदेश रहता है और वह बेहद अकेला महसूस कर रहे थे। पुलिसवालों ने भरोसा दिया कि 'हम भी आपका परिवार ही हैं।'
Lockdown Birthdays can be special too. We wish Sh. Karan Puri of Sector 7, Panchkula a Very Happy Birthday 🎂… https://t.co/uy17dEGrbZ
— Commissionerate of Panchkula (@CP_PANCHKULA) 1588053121000
कोरोना को हराने पर बहनों के साथ झूमा पूरा देशजुलाई का महीना था। देश में कोविड मामलों की संख्या बढ़ती जा रही थी। स्नेहल सतपुते कोविड को मात देकर घर लौटी थीं। दरवाजे पर उनकी 23 साल की बहन सलोनी खड़ी थीं। जैसे ही उन्होंने स्नेहल को देखा, नाचना शुरू कर दिया। कोरोना को हराने की खुशी में दोनों बहनें जमकर नाचीं। धीमे-धीमे बाकी लोग भी जुटे और रोड पर जैसे समां बंध गया। उनका वीडियो इस बात का सबूत था कि कोई महामारी हमारे जज्बे को खत्म नहीं कर सकती। वीडियो खूब वायरल हुआ जिसे आप अगली स्लाइड में देख सकते हैं।
Just Loved the #SistersDuet!❤️ A worthy welcome of Elder Sis, returned after defeating #CoronaVirus. No Pandemic c… https://t.co/LiyIxqLZ9K
— Dipanshu Kabra (@ipskabra) 1595147910000
बाबा के ढाबा को मिली नई पहचानइस साल की शायद सबसे मशहूर और विवादित सोशल मीडिया स्टोरी। गौरव वासन नाम के एक फूड ब्लॉगर ने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो शेयर किया। एक बुजुर्ग दंपती जो कि दिल्ली के मालवीय नगर में स्टॉल लगाते थे, रोते हुए बता रहे थे कि कैसे महामारी में उनका खाना खाने कोई नहीं आ रहा है। 80 साल के कांता प्रसाद और उनकी पत्नी बादामी देवी का स्टॉल 'बाबा का ढाबा' 1990 से यहीं पर था। गौरव का यह वीडियो जल्द ही ट्विटर पर पहुंचा और वहां से पूरे देश में। लोगों की भीड़ 'बाबा के ढाबा' पर जुटने लगी और मीडिया के कैमरे भी। 'बाबा के ढाबा' की सूरत ही बदल चुकी थी। लोगों ने खूब मदद की, पैसों से भी और श्रमदान देकर भी। मगर कहानी में मोड़ तब आया जब प्रसाद ने वासन पर उन्हें धोखा देने का आरोप लगाया। ब्लॉगर पर 'बाबा के ढाबा' के नाम पर जमा पैसों में हेरफेर का आरोप लगा जिससे उसने साफ इनकार किया। पुलिस तक मामला पहुंचा लेकिन शायद बाहर बात बन गई।
This video completely broke my heart. Dilli waalon please please go eat at बाबा का ढाबा in Malviya Nagar if you get… https://t.co/jh1u5vHJ3f
— Vasundhara Tankha Sharma (@VasundharaTankh) 1602088617000
डॉक्टर का ऐसा डांस कि ऋतिक भी हो गए फैनअसम के डॉक्टर अरूप सेनापति ने अप्रैल में बतौर कोविड डॉक्टर काम करना शुरू किया था। जैसे-जैसे महामारी बढ़ी, डॉ. सेनापति और उनके जैसे हजारों डॉक्टर्स, हेल्थ वर्कर्स का काम बढ़ता चला गया। बिना ब्रेक लिए, 24-24 घंटे काम करते रहे। डॉ. सेनापति ने अपने कोविड मरीजों को खुश करने का अनूठा तरीका निकाला। वह बॉलिवुड की धुनों पर नाचते और पेशंट्स का दिल बहलाते। अक्टूबर में उनके ही एक साथी ने वीडियो बना लिया। जब यह वीडियो सोशल मीडिया पर आया तो धूम मच गई। खुद ऋतिक रोशन ने डॉ. सेनापति के डांस मूव्स की तारीफ की।
Meet my #COVID duty colleague Dr Arup Senapati an ENT surgeon at Silchar medical college Assam . Dancing infront of… https://t.co/PjpiXUj9Vo
— Dr Syed Faizan Ahmad (@drsfaizanahmad) 1603025349000
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