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बीजेपी ने संगठन में किया अहम बदलाव, वी. सतीश को बनाया आयोजक, सौदान सिंह को उपाध्यक्ष https://ift.tt/2MfsW8Y

December 31, 2020
नई दिल्ली भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने गुरुवार को संगठन स्तर पर अहम बदलाव करते हुए पार्टी के संयुक्त महासचिव (संगठन) वी. सतीश को नवसृजित पद आयोजक पर नियुक्त किया है। वहीं को पार्टी उपाध्यक्ष बनाया गया है। संयुक्त सचिव (संगठन) शिव प्रकाश इसी पद पर बने रहेंगे लेकिन उनकी जिम्मेदारियों में बदलाव किया गया है। ने एक बयान जारी कर इन नियुक्तियों की जानकारी दी। प्रकाश पहले उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में पार्टी का कामकाज देखते थे लेकिन अब वह मध्यपद्रेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल में पार्टी गतिविधियों को देखेंगे। सतीश अब पार्टी के संसदीय कार्यालय, अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति मोर्चा के बीच समन्वय को देखेंगे और पार्टी के विशेष संपर्क कार्यक्रम की जिम्मेदारी निभाएंगे। इससे पहले वह राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र में पार्टी के कामकाज को देखते थे। रायपुर से मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, बिहार एवं झारखंड में पार्टी का कामकाज देख रहे सौदान सिंह अब केंद्र शासित प्रदेशों, हरियाणा, पंजाब और हिमाचल प्रदेश में पार्टी के कामकाज को देखेंगे। गौरतलब है कि तीनों नेता सतीश, प्रकाश और सिंह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के पूर्ण कालिक प्रचारक हैं।


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बीजेपी ने संगठन में किया अहम बदलाव, वी. सतीश को बनाया आयोजक, सौदान सिंह को उपाध्यक्ष https://ift.tt/2MfsW8Y बीजेपी ने संगठन में किया अहम बदलाव, वी. सतीश को बनाया आयोजक, सौदान सिंह को उपाध्यक्ष
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Happy New Year 2021: कूटनीतिक मोर्चे पर भारत की नये साल में 4 बड़ी चुनौतियां https://ift.tt/3pDltip

December 31, 2020
नई दिल्ली नये साल में भारत को विदेश नीति पर नयी चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। कोविड के बाद उपजे हालात और दूसरे देशों में नेतृत्व परिवर्तन के बाद भारत को नये समीकरण से खुद को एडजस्ट करने की चुनौती होगी। जानते हैं इस साल भारत की कूटनीतिक मोर्चे पर 4 सबसे बड़ी चुनौती- 1-बाइडेन सरकार से रिश्ताअमेरिका में जनवरी में बाइडेन सत्ता संभाल लेंगे। ट्रंप के चार सालों के शासन के बाद अमेरिकी नीतियों में बड़ा बदलाव आने की उम्मीद है। भारत अमेरिकी सत्ता परिवर्तन के साथ किस तरह खुद को आगे बढ़ाता है वह चुनौतीपूर्ण् होगा। हालांकि नरेन्द्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार का ओबामा प्रशासन से बेहतर संबंध रहा है। लेकिन पिछले चार सालों में बड़ा बदलाव हो गया है। साथ ही बाइडेन का कश्मीर और कुछ दूसरी नीतियों पर मतभेद रहने के संकेत दिख चुके हैं। ट्रंप ने अब तक हर बड़े मसलों पर भारत का समर्थन दिया था। 2- चीन का मसला किस तरह आगे बढ़ेगावहीं भारत इस साल चीन के साथ कूटनीतिक और सैन्य मोर्चे पर जूझता रहा। और यह संघर्ष जारी रहा। दोनों देशों के बीच कूटनीतिक माइंड गेम भी जारी रहा। अगले साल इस माइंड गेम के और जारी रहने की उम्मीद है। चीन अपनी आर्थिक ताकत की बदौलत भारत को अलग-थलग करने का दांव खेता तो भारत ने पिछले कई मौकों पर काउंटर दांव से चीन को उसी की जवाब में भाषा दे दिया। नये साल में जब कोविड के बाद तमाम देश आर्थिक चुनौतियां झेल रहा है,दोनों का माइंड गेम अगला साल जारी रहेगा और इसके बहुआयामी असर देखा जा सकता है। 3-पड़ोसी देशों से संबंध पिछला साल भारत ने अपने पड़ोंसी देशों,खासकर नेपाल,बांग्लादेश के साथ उतार-चढ़ाव भरे रिश्ते देखे। पाकिस्तान की तल्खी तो पिछले कई सालों की कहानी रही है। भारत ने साल के अंत में खासकर नेपाल और बांग्लादेश से अपने संबंध को पहले की तरह बेहतर करने की दिशा में पहल की। नये साल में पड़ोंसी देशों के रिश्ते किस तरह आगे बढ़ते हैं और यह देश के हित में बना रहता है,इस मोर्चे पर भी चुनौती बनी रहेगी। 4- यूरोपीय देशों के साथ संबंधसाल के अंत में ब्रेक्जिट डील होने के बाद अगले साल यूराेपीय देशों के हालात अगले साल बदल जाएंगे। इसके अलावा बीत साल यूरोपीय देशों ने कूटनीतिक स्तर पर कई उतार-चढ़ाव देखा। भारत के साथ रिश्तों पर इसका प्रभाव पड़ा। अब बदले हालात में भारत काे यूरोपीय देशों से नये स्तर पर शुरू करना होगा। खासकर आर्थिक मोर्चे


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Happy New Year 2021: कूटनीतिक मोर्चे पर भारत की नये साल में 4 बड़ी चुनौतियां https://ift.tt/3pDltip Happy New Year 2021: कूटनीतिक मोर्चे पर भारत की नये साल में 4 बड़ी चुनौतियां
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मर्केल हों या बोरिस जॉनसन या फिर कोई और, दुनिया के नेताओं में पीएम मोदी सबसे लोकप्रिय: सर्वे https://ift.tt/38NjDVq

December 31, 2020
नई दिल्ली विश्व के नेताओं की उनके कार्यकाल में स्वीकृति या दूसरे शब्दों में कहें तो उनकी लोकप्रियता पर नजर रखने वाली डेटा फर्म के सर्वे के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अप्रूवल रेटिंग सबसे ज्यादा है। पीएम मोदी 55 प्रतिशत अप्रूवल रेटिंग के साथ विश्व नेताओं में शीर्ष पर हैं। वैश्विक स्तर पर सर्व और रिसर्च करने वाली फर्म मॉर्निंग कंसल्ट के नवीनतम सर्वेक्षण के मुताबिक 75 प्रतिशत लोगों ने मोदी का समर्थन किया जबकि 20 प्रतिशत ने उन्हें स्वीकार नहीं किया जिससे उनकी कुल अप्रूवल रेटिंग 55 प्रतिशत रही है जो सबसे अधिक है। इसी तरह जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल की स्वीकृति रेटिंग 24 प्रतिशत रही जबकि ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन की अप्रूवल रेटिंग नकारात्मक रही है जिसका मतलब है कि उनका समर्थन करने वालों के मुकाबले विरोध करने वालों की संख्या अधिक है। वेबसाइट के मुताबिक भारत में सर्वेक्षण के दौरान नमूने का आकार 2,126 रहा और इसमें त्रुटि की संभावना 2.2 प्रतिशत है।


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मर्केल हों या बोरिस जॉनसन या फिर कोई और, दुनिया के नेताओं में पीएम मोदी सबसे लोकप्रिय: सर्वे https://ift.tt/38NjDVq मर्केल हों या बोरिस जॉनसन या फिर कोई और, दुनिया के नेताओं में पीएम मोदी सबसे लोकप्रिय: सर्वे
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बिहार में गर्भवती को नसबंदी के ऑपरेशन के लिए किया बेहोश, बाद में फर्श पर लिटा डॉक्टर फरार https://ift.tt/383XOla

December 31, 2020
संजीव तरुण,समस्तीपुर बिहार के समस्तीपुर जिले के विभूतिपुर प्रखंड के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से बड़ी लापरवाही का एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। बुधवार को परिवार नियोजन के तहत नसबंदी के ऑपरेशन के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर एक 5 महीने के गर्भवती महिला को आशा के जरिए लाया गया, जहां ऑपरेशन रूम में सारी प्रक्रिया पूरी करने के बाद गर्भवती महिला की बिना जांच किए ही उसे इंजेक्शन लगाकर बेहोश कर दिया गया। वहीं जब डॉक्टरों ने महिला का पेट देखा तो ट्यूमर या बच्चा होने की आशंका के चलते ऑपरेशन बेड से महिला को उतारकर अस्पताल के बरामदे में फर्श पर लिटा दिया। मिली जानकारी के अनुसार, प्रखंड क्षेत्र के सुरौली वार्ड संख्या- 3 निवासी बबीता देवी पति जय प्रकाश शर्मा को आशा बबीता कुमारी, परिवार नियोजन ऑपरेशन के लिए विभूतिपुर पीएससी लेकर गई। जहां ऑपरेशन की पूरी प्रक्रिया के बाद महिला को बेहोशी का इंजेक्शन देकर बेहोश कर दिया गया। उसके बाद ऑपरेशन बेड पर जब चिकित्सकों ने उसका पेट देखा तो महिला के पेट में ट्यूमर या बच्चा होने की आशंका पर उसे आनन-फानन में ऑपरेशन रूम से बाहर निकाल कर नीचे फर्श पर सुला दिया गया। यह भी पढ़ें- बेहोशी की हालत में ही फर्श पर गर्भवती को लिटाकर फरार हुए ऑपरेशन करने वाले डॉक्टर जहां उसका देखरेख उसकी मां कर रही थी। साथ ही खामोशी अवस्था में आशा भी बैठी थी। इस संबंध में पूछे जाने पर महिला की मां व मौजूद आशा बबीता कुमारी ने बताई कि यह 5 महीने की गर्भवती है। जिसे चिकित्सक ने बेड पर से बाहर कर दिए हैं। जिसे बेहोशी का इंजेक्शन की लग चुका है। मामला मीडिया में आते ही विभूतिपुर पीएचसी में हड़कंप मच गया। जांच के बाद दोषी पर होगी कार्रवाई: सिविल सर्जन वहीं मौजूद प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉक्टर फुलेश्वर प्रसाद सिंह ने हेल्थ मैनेजर संजय कुमार से जानकारी लेने की बात कह कर अपना पल्ला झाड़ लिया। इतना ही नहीं ऑपरेशनकर्ता डॉक्टर भी गायब हो गए। इस संबंध में समस्तीपुर सिविल सर्जन डॉक्टर सत्येंद्र कुमार गुप्ता ने बताया कि इसकी जानकारी ली जा रही है, साथ ही दोषी व्यक्तियों पर कार्रवाई की जाएगी।


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बिहार में गर्भवती को नसबंदी के ऑपरेशन के लिए किया बेहोश, बाद में फर्श पर लिटा डॉक्टर फरार https://ift.tt/383XOla बिहार में गर्भवती को नसबंदी के ऑपरेशन के लिए किया बेहोश, बाद में फर्श पर लिटा डॉक्टर फरार
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राजस्थान बॉर्डर से हरियाणा में घुसे आंदोलनकारियों पर लाठीचार्ज, पुलिस और किसानों में हिंसक झड़प https://ift.tt/3mYAppz

December 31, 2020
अलवर। राजस्थान के अलवर जिले के शाहजहांपुर हरियाणा बॉर्डर पर प्रदर्शनकारी किसानों और के बीच गुरुवार दोपहर को तनातनी का माहौल देखते ही देखते हिंसक झड़प में तब्दील हो गया। किसान आंदोलन में शामिल श्रीगंगानगर से आये युवाओं ने बॉर्डर पर हरियाणा पुलिस के लगाए गए बेरिकेड्स तोड़ दिए और जबरदस्ती सैकड़ों ट्रैक्टर-ट्रालियों को हरियाणा सीमा में ले गए। इसके बाद हरियाणा पुलिस प्रशासन और किसान आंदोलनकारियों में झड़प हुई। मामला बिगड़ता देख हालात को काबू करने के लिये पुलिस ने कर दिया। इस झड़प से पहले किसानों की ओर से आंदोलन शांतिपूर्ण चल रहा था। लेकिन इसी बीच कुछ युवाओं ने एकजुट होकर रणनीति बनाई और हरियाणा सीमा में जबरन बेरिकेड्स को तोड़कर प्रवेश किया। ऐसा करते हुये दर्जनों ट्रैक्टरों को एक साथ हरियाणा के बॉर्डर में प्रवेश करा दिया, जिसके बाद हरियाणा पुलिस अलर्ट हो गई। ट्रैक्टरों को रोकने का प्रयास किया गया तो दोनों पक्षों के बीच जमकर झड़प हुई। पुलिस ने लाठीचार्ज किया और माहौल गरमा गया। फिलहाल बातचीत का दौर चल रहा है और किसान नेताओं की ओर से आंदोलनकारियों से शांति बनाए रखने की अपील की जा रही है। इस झड़प के चलते कुछ देर राजस्थान-हरियाणा बॉर्डर पर अशांति और अफरा-तफरी फैली रही। हरियाणा पुलिस ने 30-40 किसानों को बेरिकेड्स तोड़ने और राजकीय संपति को नुकसान पहुंचाने के आरोप में हिरासत में लिया है।


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राजस्थान बॉर्डर से हरियाणा में घुसे आंदोलनकारियों पर लाठीचार्ज, पुलिस और किसानों में हिंसक झड़प https://ift.tt/3mYAppz राजस्थान बॉर्डर से हरियाणा में घुसे आंदोलनकारियों पर लाठीचार्ज, पुलिस और किसानों में हिंसक झड़प
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मणिपुर में भूकंप के झटके, 3.1 रही रिक्टर स्केल पर तीव्रता https://ift.tt/3hIgY3D

December 31, 2020
इम्फाल पूर्वोत्तर राज्य आने का सिलसिला जारी है। गुरुवार को प्रदेश के चंदेल इलाके में भूकंप आने से अफरा-तफरी मच गई। जानकारी के मुताबिक, शाम को 5 बजकर 21 मिनट पर भूकंप के झटके महसूस किए गए। रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 3.1 मापी गई। नैशनल सेंटर फॉर सिसमोलॉजी ने इस संबंध में जानकारी दी है। भूकंप का केंद्र मोईरांग से 35 किमी दक्षिण-दक्षिणपूर्व की ओर 40 किमी जमीन के अंदर था। इससे पहले बुधवार को देर रात प्रदेश के उखरूल इलाके में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। यहां भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 3.9 थी। भारतीय समय के अनुसार बुधवार शाम को 8 बजकर 44 मिनट पर ये भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। भूकंप का केंद्र 100 किमी की गहराई में बताया गया था। हफ्ते भर पहले भी मणिपुर के कई इलाकों में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। मणिपुर के बाद राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में भी भूकंप ने दस्तक दी थी।


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मणिपुर में भूकंप के झटके, 3.1 रही रिक्टर स्केल पर तीव्रता https://ift.tt/3hIgY3D मणिपुर में भूकंप के झटके, 3.1 रही रिक्टर स्केल पर तीव्रता
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EXPLAINER: सोशल मीडिया पर क्‍यों ट्रेंड हुआ ठाकुर ? जानें, क्या है राष्ट्रगान लिखने वाले 'गुरुदेव' रवींद्रनाथ का सही नाम https://ift.tt/3o9jWR6

December 31, 2020
कोलकाता भारत का राष्ट्रगान लिखने वाले बंगाल में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले काफी चर्चा में हैं। साहित्य के क्षेत्र में नोबल पुरस्कार जीतने वाले इकलौते भारतीय रवींद्रनाथ टैगोर के सही नाम को लेकर इन दिनों बहस छिड़ी हुई है। मामला दरअसल, एक टीवी चैनल के डिबेट से शुरू हुआ है। चैनल पर एक बंगाली पैनलिस्ट के रवींद्रनाथ को 'ठाकुर' कहने पर एंकर ने उन्हें टोक दिया और कहा कि सही नाम रवींद्रनाथ टैगोर है, ठाकुर नहीं। इसके बाद सोशल मीडिया पर 'टैगोर' और 'ठाकुर' को लेकर लोगों के बीच इतनी बहस हुई कि ट्विटर पर 'ठाकुर' ट्रेंड करने लगा। क्या है मामला? मामला यह है कि एक टीवी चैनल पर बंगाली पैनलिस्ट ने नाम लिया, जिसके बाद एंकर ने उन्हें 'करेक्ट' करते हुए कहा कि वह पहले रवींद्रनाथ ठाकुर का नाम सही से लें। यह रवींद्रनाथ टैगोर है, रवींद्रनाथ ठाकुर नहीं। इस पर पैनलिस्ट ने भी एंकर जवाब देते हुए कहा कि 'नहीं, उनका नाम रवींद्रनाथ ठाकुर है।' 15 सेकंड का यह वीडियो क्लिप इसके बाद सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। अब हर कोई इस पर अपनी जानकारी के हिसाब से कमेंट कर रहा है। कई लोगों को कहना है कि राष्ट्रगान लिखने वाले गुरुदेव का सही नाम रवींद्रनाथ ठाकुर ही है लेकिन अंग्रेजों ने उच्चारण की समस्या के चलते उन्हें टैगोर बुलाना शुरू कर दिया, जिसके बाद से उनका यही नाम ज्यादा प्रचलित हो गया। टैगोर या ठाकुर? क्या है सही ट्विटर पर इन बहसों के बीच यह सवाल तो उठने ही लगा है कि आखिर गुरुदेव के नाम में इस्तेमाल किया जाने वाले उनका सही सरनेम क्या है? ज्यादातर जगहों पर गुरुदेव का नाम रवींद्रनाथ टैगोर लिखा ही मिलता है। नोबल पुरस्कार समिति की आधिकारिक वेबसाइट पर गुरुदेव के बारे में दर्ज दस्तावेज में भी उनका नाम टैगोर ही लिखा है। इसके अलावा गुरुदेव ने महात्मा गांधी तथा अन्य नेताओं को जो पत्र लिखे हैं, उनमें उन्होंने अपना परिचय रवींद्रनाथ टैगोर के रूप में ही दिया है। इन सबके बावजूद अनेक स्थानों पर गुरुदेव का नाम रवींद्रनाथ ठाकुर भी देखने को मिलता है। बताया जाता है कि गुरुदेव के नाम में लिखा ठाकुर ही उनका सही नाम है। इस संबंध में कई लेख भी सामने आए हैं, जिनमें ठाकुर के पक्ष में दलीलें दी गई हैं। कहा जाता है कि रवींद्रनाथ के पूर्वज कोलकाता के पास गोविंदपुर नाम के मल्लाहों के एक गांव में जाकर बस गए थे। गांव के लोग ब्राह्मण होने के नाते उन्हें 'ठाकुर' बुलाने लगे। ठाकुर का मतलब 'भगवान' या 'स्वामी' होता है, जो अक्सर ब्राह्मणों के संबोधन के रूप में इस्तेमाल किया जाता रहा है। यहीं से गुरुदेव के पूर्वजों के नाम के साथ 'ठाकुर' सरनेम जुड़ गया। रवींद्रनाथ के पूर्वज ऐसे कारोबार से संबंधित थे, जहां उनका अक्सर अंग्रेज अधिकारियों से संपर्क होता था। अंग्रेज 'ठाकुर' का सही से उच्चारण नहीं कर पाते थे, इसलिए वे उन्हें 'टागौर' (Tagour) या 'टैगोर' (Tagore) पुकारने लगे। इसके बाद से ही ठाकुर परिवार के नाम के साथ टैगोर शब्द जुड़ गया। पहले भी हो चुका है नाम पर विवाद इससे पहले भी रवींद्रनाथ टैगोर के नाम को लेकर राजनीतिक विवाद हो चुका है। साल 2019 में गुजरात विधानसभा में विपक्ष के नेता परेश धनानी ने राज्य बोर्ड की कक्षा 6 की पाठ्य पुस्तक में टैगोर की बजाय 'ठाकुर' लिखने पर आपत्ति जताई थी। धनानी ने कहा था कि यह छद्म राष्ट्रवादी सरकार का असली चेहरा है। सरकार बताए कि भारत के राष्ट्रगान के लेखक का सही नाम क्या है? रवींद्रनाथ ? इस पर जवाब देते हुए गुजरात सरकार के मंत्री नितिन पटेल ने बताया था कि दुनिया जानती है कि रवींद्रनाथ जी का परिवार अपने नाम के साथ 'ठाकुर' लिखता था। बाद में उन्हें 'टैगोर' बुलाया जाने लगा। इस बात की पुष्टि के लिए पर्याप्त संदर्भ उपलब्ध हैं।


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नए साल में एक मंच पर आएंगे अजित पवार और फडणवीस, पुणे में होगा कार्यक्रम https://ift.tt/3huoizD

December 31, 2020
पुणे महाराष्ट्र के मुख्य उपमुख्यमंत्री अजित पवार और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस नए वर्ष में एक बार फिर से एक मंच पर आने वाले हैं। पुणे शहर में विकास काम के उद्घाटन के लिए यह दोनों नेता एक मंच को साझा करने वाले हैं। पुणेकरों को इसी बहाने अजीत पवार और देवेंद्र फडणवीस की बयानबाजी सुनने को मिलेगी। हाल में हुए विधानसभा के अधिवेशन में अजित पवार और देवेंद्र फडणवीस के बीच की जुगलबंदी को काफी पसंद किया गया था। सुबह सुबह दोनों नेताओं ने ली थी शपथ देवेंद्र फडणवीस और अजीत पवार ने पिछले साल सुबह-सुबह मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री पद की शपथ लेकर महाराष्ट्र में राजनीतिक भूचाल ला दिया था। यह घटना आज भी लोगों के दिलों में ताजा है। अब यह दोनों नेता पुणे महानगरपालिका ( Function) के एक कार्यक्रम में नए साल में पहली बार एक मंच पर आने वाले हैं। भामा आसखेड़ पानी सप्लाई योजना के लोकार्पण के मौके पर पवार और फडणवीस एक मंच पर आयेंगे। इस कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर (Central Minister Prakash Javadekar) भी आएंगे। ऑनलाइन तरीके से होने वाला यह कार्यक्रम 1 जनवरी को किया जाएगा। कोरोना सेंटर के उद्घाटन के मौके पर आए थे साथ इसके पहले अजीत पवार और देवेंद्र फडणवीस कुछ महीने पहले पुणे के बानेर स्थित कोरोना सेंटर के उद्घाटन के समय पर एक मंच पर आए थे। दोनों की मौजूदगी ने राज्य की सियासत को काफी गर्म किया था। इस कार्यक्रम में भी दोनों नेताओं ने जमकर बयानबाज़ी की थी। इस कार्यक्रम में देवेंद्र फडणवीस जब भाषण कर रहे थे तब माइक से आवाज ठीक प्रकार से नहीं आ रही थी उस समय मजाकिया लहजे में फडणवीस ने कहा था कि मेरी आवाज को कोई दवा नहीं सकता है।


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नए साल में एक मंच पर आएंगे अजित पवार और फडणवीस, पुणे में होगा कार्यक्रम https://ift.tt/3huoizD नए साल में एक मंच पर आएंगे अजित पवार और फडणवीस, पुणे में होगा कार्यक्रम
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Corona Vaccine News: कोरोना टीके पर DCGI ने कहा- संभवत: नया साल बहुत शुभ होगा https://ift.tt/3n0TuaL

December 31, 2020
नई दिल्ली ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया () वी.जी. सोमानी ने गुरुवार को इस बात का संकेत दिया कि भारत में नए साल में कोविड-19 का टीका आ सकता है। सोमानी ने यहां एक डिजिटल सेमिनार में कहा कि सबसे महत्वपूर्ण है कि उद्योग और अनुसंधान संगठन समय की कसौटी पर खरे उतरे हैं। उन्होंने कहा कि टीका विकसित करने पर काम कर रही इकाइयों को धन उपलब्ध कराया गया। सोमानी ने जैव-प्रौद्योगिकी विभाग की ओर से किए गए प्रयासों का जिक्र करते हुए कहा, 'संभवत: नव वर्ष बहुत शुभ होगा जिसमें हमारे हाथ में कुछ होगा। फिलहाल मैं यही संकेत दे सकता हूं।' दरअसल सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया, भारत बायोटेक और फाइजर ने डीसीजीआई के सामने आवेदन दिया है कि उनके टीके के आपात स्थिति में उपयोग की अनुमति प्रदान की जाए। ये कंपनियां अनुमति मिलने का इंतजार कर रही हैं। सोमानी के मुताबिक, महामारी के मद्देनजर आवेदकों को अनुमति देने की पक्रिया तेजी से चल रही है और साथ ही पूरे डेटा की प्रतीक्षा किए बिना ही पहले और दूसरे चरण के परीक्षणों को अनुमति दी गई है। उन्होंने कहा, ‘डेटा की सुरक्षा या इसके कारगर होने के बारे में कोई समझौता नहीं किया गया है। सिर्फ यह बात है कि नियामक ने आंशिक डेटा को स्वीकार किया है।’ केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) के विशेषज्ञों की समिति ने ऑक्सफर्ड यूनिवर्सिटी के कोविड-19 टीके के आपात इस्तेमाल की अनुमति देने के सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की गुजारिश और ‘कोवैक्सीन’ के आपात इस्तेमाल को अनुमति देने के भारत बायोटेक के आग्रह पर विचार करने के लिए बुधवार को बैठक की। अब यह समिति एक जनवरी को फिर से बैठक करेगी। कोविड-19 संबंधी विशेषज्ञ समिति ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और भारत बायोटेक की तरफ से सौंपे गए अतिरिक्त विवरण का विश्लेषण किया।


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Corona Vaccine News: कोरोना टीके पर DCGI ने कहा- संभवत: नया साल बहुत शुभ होगा https://ift.tt/3n0TuaL Corona Vaccine News: कोरोना टीके पर DCGI ने कहा- संभवत: नया साल बहुत शुभ होगा
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ब्लॉगः साफ होने की जगह और गंदी हो रही गंगा https://ift.tt/eA8V8J

December 31, 2020
गंगा निर्मलीकरण योजना एक अधूरा सपना सिद्ध हुई है। इसका एक बड़ा कारण पूरी परियोजना को सरकारी तौर पर चलाया जाना रहा। 2014 के बाद से गंगा के लिए 20 हजार करोड़ रुपए जारी हुए, मगर खर्च एक तिहाई भी नहीं हो पाए। एक तरफ सरकार ने चिंता व्यक्त करके अपना काम पूरा समझ लिया है तो दूसरी तरफ गंगा निर्मलीकरण में जन भागीदारी भी लगभग न के बराबर ही रही है।

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ब्लॉगः नए साल में कम नहीं सियासत की चुनौतियां https://ift.tt/eA8V8J

December 31, 2020
बीजेपी के लिए भी नया साल अहम होने वाला है, लेकिन विपक्ष के लिए यह साल 'अभी नहीं तो कभी नहीं' जैसा साबित हो सकता है। उधर गवर्नेंस के लेवल पर सरकार के सामने ऐसी चुनौतियां आएंगी, जिसका सियासत पर असर पड़ सकता है।

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ब्लॉगः नए साल में कम नहीं सियासत की चुनौतियां https://ift.tt/eA8V8J ब्लॉगः नए साल में कम नहीं सियासत की चुनौतियां
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Pictures of the Year 2020: ऐसा साल जिसने रूलाया, हंसाया और लड़ना सिखाया... https://ift.tt/2X0kxbz

December 31, 2020
आज 2020 का आखिरी दिन है। वो साल जिसने दुनिया पर ब्रेक लगा दी। फ्लैशबैक में जाकर 2019 को याद करिए, उस वक्त जब दुनिया उम्मीदों से भरे एक नए दशक की शुरुआता की ओर देख रही थी। चीजें उन उम्मीदों के मुताबिक नहीं रहीं और दुनिया कोरोना महामारीी की गिरफ्त में आ गई। लेकिन महामारीी के अलावा यह साल खूबसूरती, हंसी और मानवीय जिजीविषा का भी गवाह बना। तस्वीरों में देखिए कोरोना के कहर के बीच कैसा रहा साल 2020...

Around The World 2020: जंग, विरोध, मंदिर, बेरूत और लॉकडाउन ने मचाई दुनिया भर में खलबली। देखें फ्लैशबैक 2020...


Pictures of the Year 2020: ऐसा साल जिसने रूलाया, हंसाया और लड़ना सिखाया...

आज 2020 का आखिरी दिन है। वो साल जिसने दुनिया पर ब्रेक लगा दी। फ्लैशबैक में जाकर 2019 को याद करिए, उस वक्त जब दुनिया उम्मीदों से भरे एक नए दशक की शुरुआता की ओर देख रही थी। चीजें उन उम्मीदों के मुताबिक नहीं रहीं और दुनिया कोरोना महामारीी की गिरफ्त में आ गई। लेकिन महामारीी के अलावा यह साल खूबसूरती, हंसी और मानवीय जिजीविषा का भी गवाह बना। तस्वीरों में देखिए कोरोना के कहर के बीच कैसा रहा साल 2020...



​ये हैं वो 'ली वेनलियांग' जिन्होंने सबसे पहले दी थी कोरोना की चेतावनी
​ये हैं वो 'ली वेनलियांग' जिन्होंने सबसे पहले दी थी कोरोना की चेतावनी

वुहान सेंट्रल अस्पताल के नेत्र-विशेषज्ञ वेनलियांग कोरोना वायरस से संक्रमित थे और 30 दिसंबर को ही उन्होंने अपने साथी डॉक्टरों को चेताथा था कि उन्होंने कुछ मरीजों में सार्स जैसे वायरस के लक्षण देखे हैं। यह संदेश कुछ घंटे में ही वायरल हो गया और पुलिस ने उन्हें कोरोना की अफवाह फैलाने वाला व्यक्ति करार देकर प्रताड़ित किया। जिस शख्स ने इस महावायरस के बारे में बताया था उनकी फरवरी में मौत हो गई। उनकी चेतावनी की अगर गंभीरतक से लिया होता तो आज दुनिया की तस्वीर कुछ और होती।



​एक अनदेखे दुश्मन से खूब लड़े हमारे ये हेल्थकेयर हीरोज
​एक अनदेखे दुश्मन से खूब लड़े हमारे ये हेल्थकेयर हीरोज

न वायरस के बारे में कुछ पता था न इलाज के बारे में लेकिन दुश्मन के आगे डटे रहे हमारे हेल्थकेयर हीरोज। भारी-भरकम PPE किट के साथ लगातार हफ्तों, महीनों तक बिना ब्रेक के मरीजों की सेवा करना आसान न था लेकिन इन्होंने हार नहीं मानी। जब थककर चूर हो जाते थे तो अपनी सीटों पर बैठे-बैठे ही झपकियां लेकर फिर से उठ खड़े होते थे।



​गलवान घाटी में भारत-चीन की सेनाओं में झड़प
​गलवान घाटी में भारत-चीन की सेनाओं में झड़प

डी-एस्केलेशन के दौरान जून में दोनों देशों की सेनाओं में खूनी झड़प हुई। इसमें भारत के कर्नल समेत 20 जवान शहीद हुई। चीन के भी 43 जवाब मारे गए।



​कोरोना से गई इतनी जान कि छोटे पड़ने लगे कब्रिस्तान
​कोरोना से गई इतनी जान कि छोटे पड़ने लगे कब्रिस्तान

ब्राजील के मनोस में कुछ ऐसा मंजर था। कोरोना के चलते मार्च से अगस्त के बीच वायरस ने इतनी तबाही मचाई कि लोगों को दफनाने के लिए कब्रिस्तान में जमीन कम पड़ गई। जून तक 50 हजार लोगों की जिंदगियां लील चुका था कोरोना वायरस। रोजाना सैकड़ों मौतें हो रही थीं।



​लॉकडाउन में टूटा सब्र का बांध
​लॉकडाउन में टूटा सब्र का बांध

जिंदगी की मुश्किलों का सामना इन मजदूरों ने कैसे किया और लॉकडाउन में जिंदगी कैसे बिताई, उसकी असली कहानी बताती है यह तस्वीर। रोज कमाकर जीविका चलाने वाले मजदूर परिवारों के सामने रोजी-रोटी का भारी संकट था।



​ब्लैक लाइव्स मैटर
​ब्लैक लाइव्स मैटर

मईः अफ्रीकी-अमेरिकी जॉर्ड फ्लॉयड की अमेरिकी पुलिस की हिरासत में हुई मौत ने दुनियाभर में नस्लवाद और पुलिसिया बर्बरता के खिलाफ आंदोलन छेड़ दिया।



​सुशांत सिंह ने की आत्महत्या
​सुशांत सिंह ने की आत्महत्या

बॉलिवुड इंडस्ट्री और टीवी इंडस्ट्री के लिए साल 2020 किसी बुरे सपने से कम नहीं रहा। 14 जून 2020... यही वो तारीख है जब बॉलिवुड के होनहार ऐक्टर सुशांत सिंह राजपूत ने आत्महत्या कर ली थी। इसके बाद ड्रग्स रैकेट का पर्दाफाश हुआ और इसके आरोप में रिया को जेल जाना पड़ा।



​ऐतिहासिक राम मंदिर का भूमि पूजन
​ऐतिहासिक राम मंदिर का भूमि पूजन

पीएम नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में राम जन्मभूमि पर भव्य राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन किया। लंबी लड़ाई के बाद आए इस ऐतिहासिक क्षण को टेलिविजन पर करोड़ों लोगों ने देखा। 5 अगस्त को राम मंदिर के भूमि पूजन के ऐतिहासिक क्षण के बाद भी अयोध्या सुर्खियों में बनी रही।



​धमाकों में बेरूट को दहलाया
​धमाकों में बेरूट को दहलाया

लेबनान की राजधानी बेरूत में अगस्त में दो भीषण विस्फोट देखने को मिले थे। इस भयंकर विस्फोट में 204 लोगों की मौत हुई थी। वहीं 6500 से ज्यादा लोग घायल हुए थे।



​जारी रही क्रिएटिविटी, कोरोना काल में पौधे बने दर्शक
​जारी रही क्रिएटिविटी, कोरोना काल में पौधे बने दर्शक

स्पेन में लॉकडाउन के बाद पहली बार ओपेरा हाउस खोला गया लेकिन दर्शकों को बुलाने की इजाजत सरकार ने नहीं दी। करीब 2300 सीटों वाले इसे ओपेरा हाउस में लाइव कॉन्सर्ट को देखने के लिए लोगों की जगह हर सीट पर पौधे रखे गए।



​लॉकडाउन में दिल्ली का दिल भी नजर आया खाली...
​लॉकडाउन में दिल्ली का दिल भी नजर आया खाली...

जहां अनगिनत लोगों की रोजाना चहलकदमी होती है, वहां भी कोरोना का असर देखा गया। दिल्ली का दिल कहे जाने वाले कनॉट प्लेस में इस कदर सन्नाटा पसरा कि इंसान कहीं नहीं दिख रहे थे, बचे थे बस ये परिंदे।





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कोरोना का नया स्‍ट्रेन कुछ भी नहीं, ऊदबिलाव का यह वायरस फैला तो गजब ही हो जाएगा https://ift.tt/2KRXZYf

December 31, 2020
नवंबर की शुरुआत में, डेनमार्क ने अपने यहां के सभी ऊदबिलावों (Mink) को मारने का आदेश दिया। देश के फर फार्म्‍स में ब्रीड किए गए करीब 1.7 करोड़ ऊदबिलावों को मौत के घाट उतारा गया। ऐसा इसलिए क्‍योंकि कुछ ऊदबिलावों में कोविड-19 वायरस मिला था। इसके बाद उनमें कोरोना वायरस का म्‍यूटेशन हुआ। डेनमार्क के अधिकारियों को डर था कि अगर म्‍यूटेटेड वायरस इंसानों में फैलने लगा तो यह वैक्‍सीन को धता बता सकता है। ऊदबिलाव या Mink एक तरह का मांसाहारी जीव होता है जिसे उसके फर के लिए ब्रीड किया जाता है। डेनमार्क इसका सबसे बड़ा उत्‍पादक है और वहीं पर ऊदबिलावों में सबसे ज्‍यादा कोविड मामले सामने आए हैं।

Corona in Mink: खेतों में पाए जाने वाले ऊदबिलाव से लेकर जंगली ऊदबिलाव तक, फिर दूसरे जंगली जानवरों में संक्रमण... एक बार कोरोना वायरस प्रकृति में अपनी पैठ बना लेगा तो यह बार-बार आने वाली महामारी बन जाएगी।


कोरोना का नया स्‍ट्रेन तो कुछ भी नहीं, जंगली ऊदबिलाव में फैला वायरस तो बार-बार लौटेगी महामारी

नवंबर की शुरुआत में, डेनमार्क ने अपने यहां के सभी ऊदबिलावों (Mink) को मारने का आदेश दिया। देश के फर फार्म्‍स में ब्रीड किए गए करीब 1.7 करोड़ ऊदबिलावों को मौत के घाट उतारा गया। ऐसा इसलिए क्‍योंकि कुछ ऊदबिलावों में कोविड-19 वायरस मिला था। इसके बाद उनमें कोरोना वायरस का म्‍यूटेशन हुआ। डेनमार्क के अधिकारियों को डर था कि अगर म्‍यूटेटेड वायरस इंसानों में फैलने लगा तो यह वैक्‍सीन को धता बता सकता है। ऊदबिलाव या Mink एक तरह का मांसाहारी जीव होता है जिसे उसके फर के लिए ब्रीड किया जाता है। डेनमार्क इसका सबसे बड़ा उत्‍पादक है और वहीं पर ऊदबिलावों में सबसे ज्‍यादा कोविड मामले सामने आए हैं।



अगर जंगल में फैल गया वायरस तो...
अगर जंगल में फैल गया वायरस तो...

डेनमार्क के ऊ‍दबिलावों को मारने के साथ ही वायरस का वह रूप खत्‍म नहीं हुआ। अप्रैल में नीदरलैंड्स, जून में डेनमार्क, फिर स्‍पेन, इटली, लिथुएनिया, स्‍वीडन, ग्रीस, कनाडा और अमेरिका में भी फैला। फार्म वाले ऊदबिलावों में कोरोना वायरस कम से कम नौ देशों में पाया जा चुका है। अमेरिका में यह पहला केस अक्‍टूबर में आया था। वायरस के जंगल में फैलने का डर भी सच साबित हुआ। 13 दिसंबर को अमेरिका के ऊटा में एक कोविड संक्रमित जंगली ऊदबिलाव पाया गया। जंगल में वायरस कितना फैला है, इसका पता अभी नहीं है। लेकिन अगर ये और फैला तो मुसीबत आनी तय है। हर बार हम महामारी को वैक्‍सीन और लॉकडाउन्‍स से काबू में लाएंगे, वह जंगल से फिर फैलेगा। यानी इंसानों में बार-बार संक्रमण के मामले सामने आने लगेंगे।



इनसे म्‍यूटेशंस का खतरा बढ़ा
इनसे म्‍यूटेशंस का खतरा बढ़ा

इंसानों और ऊदबिलावों के बीच जितनी बार वायरस का आदान-प्रदान होगा, एक खतरनाक म्‍यूटेशन की संभावना बढ़ जाती है। नए 'यूके स्‍ट्रेन' में दिखा एक बदलाव ऊदबिलाव में मिले वायरस वैरियंट में पहले ही दिख चुका था। ऐसे संक्रमण की संभावना ज्‍यादा है क्‍योंकि ऊदबिलावों को श्‍वसन तंत्र में इन्‍फेक्‍शन का ज्‍यादा खतरा रहता है। अगर किसी फार्म वर्कर को कोविड हो और वह बाड़े के पास खांसे या छींक दे तो पूरे फार्म के ऊदबिलावों में वायरस फैलने में समय नहीं लगता।



वैक्‍सीन का असर भी हो जाता है कम
वैक्‍सीन का असर भी हो जाता है कम

वायरस का म्‍यूटेशन हर समय जारी रहता है। बीबीसी के अनुसार, ऊदबिलाव के भीतर वायरस में हुए बदलाव इंसानों तक नहीं पहुंचे। लेकिन बदलावों का एक सेट जिसे 'क्‍लस्‍टर 5' कहा गया, वह डेनमार्क के 12 लोगों में फैला। इसके अलावा 200 अन्‍य लोगों में भी ऊदबिलाव वाले वायरस के थोड़े परिवर्तित रूप पाए गए। क्‍लस्‍टर 5 चिंता की वजह बन चुका है क्‍योंकि इसमें उस स्‍पाइक प्रोटीन में बदलाव हुआ जिसका इस्‍तेमाल वैक्‍सीन शरीर को कोविड के प्रति लड़ने के लिए ट्रेन करने में करती हैं। टेस्‍ट्स ने दिखाया कि क्‍लस्‍टर 5 के प्रति मरीजों की ऐंटीबॉडीज ने हल्‍का रेस्‍पांस दिया।



SARS-CoV-2 के कितने सैंपल्‍स की सीक्‍वेंसिंग हुई?
SARS-CoV-2 के कितने सैंपल्‍स की सीक्‍वेंसिंग हुई?

नए स्‍ट्रेन की बात सामने आने के बाद ब्रिटेन एक तरह से अलग-थलग हो गया है। हालांकि वाशिंगटन पोस्‍ट का एक एनसलिसिस बताता है कि यूके ने बेहद जिम्‍मेदारी से नए स्‍ट्रेन का सामना किया। वहां नए स्‍ट्रेन की पहचान जल्‍दी इसलिए हो पाई क्‍योंकि उसके यहां दुनिया का सबसे बेहतरीन और व्‍यापक जेनेटिक सीक्‍वेंसिंग प्रोग्राम है। ताजा अपडेट तक यूके ने 1,36,835 वायरस सैंपल्‍स का जेनेटिक एनालिसिस कर लिया था जो कि दुनियाभर में सीक्‍वेंस किए गए सभी सैंपल्‍स का लगभग आधा है।





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कोरोना का नया स्‍ट्रेन कुछ भी नहीं, ऊदबिलाव का यह वायरस फैला तो गजब ही हो जाएगा https://ift.tt/2KRXZYf कोरोना का नया स्‍ट्रेन कुछ भी नहीं, ऊदबिलाव का यह वायरस फैला तो गजब ही हो जाएगा
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जश्‍न मनाने से पहले पढ़ लें ये खबर, वरना जेल में गुजारना पड़ सकता है नया साल https://ift.tt/3nXoIRr

December 31, 2020
साल 2020 तो कोरोना वायरस महामारी के साए में गुजर गया। कुछ घंटों बाद नया साल 2021 दस्‍तक देने वाला है। कोरोना हमारी जिंदगी से गया नहीं है, इसलिए नए साल का स्‍वागत करते समय बेहद सावधान रहना होगा। केंद्र और राज्‍य की सरकारों ने नए साल के जश्‍न की खातिर कुछ गाइडलाइंस जारी की हैं। बेहतर होगा कि घर से बाहर निकलने से पहले उनके बारे में जान लें। कई राज्‍यों में न्‍यू ईयर ईव पर होने वाली पार्टियों पर पूरी तरह रोक है। महाराष्‍ट्र, कर्नाटक समेत कई राज्‍यों ने नाइट कर्फ्यू का ऐलान किया है। नियम तोड़ने पर जुर्माने से लेकर महामारी ऐक्‍ट के तहत जेल भी हो सकती है। आइए जानते हैं, देश के अलग-अलग हिस्‍सों में नए साल के जश्‍न को लेकर क्‍या नियम हैं।

Guidelines for New Year 2021 Celebrations: कोविड-19 को देखते हुए अधिकतर राज्‍यों ने नए साल के जश्‍न को लेकर गाइडलाइंस जारी की हैं। इनका पालन न करने पर आप मुसीबत में पड़ सकते हैं।


Happy New Year 2021: जश्‍न मनाने से पहले पढ़ लें ये खबर, वर्ना जेल में गुजारना पड़ सकता है नया साल

साल 2020 तो कोरोना वायरस महामारी के साए में गुजर गया। कुछ घंटों बाद नया साल 2021 दस्‍तक देने वाला है। कोरोना हमारी जिंदगी से गया नहीं है, इसलिए नए साल का स्‍वागत करते समय बेहद सावधान रहना होगा। केंद्र और राज्‍य की सरकारों ने नए साल के जश्‍न की खातिर कुछ गाइडलाइंस जारी की हैं। बेहतर होगा कि घर से बाहर निकलने से पहले उनके बारे में जान लें। कई राज्‍यों में न्‍यू ईयर ईव पर होने वाली पार्टियों पर पूरी तरह रोक है। महाराष्‍ट्र, कर्नाटक समेत कई राज्‍यों ने नाइट कर्फ्यू का ऐलान किया है। नियम तोड़ने पर जुर्माने से लेकर महामारी ऐक्‍ट के तहत जेल भी हो सकती है। आइए जानते हैं, देश के अलग-अलग हिस्‍सों में नए साल के जश्‍न को लेकर क्‍या नियम हैं।



दिल्‍ली: सीपी में रात 8 के बाद एंट्री नहीं
दिल्‍ली: सीपी में रात 8 के बाद एंट्री नहीं

दिल्ली में 31 दिसंबर को लेकर खास नियम बनाए गए हैं। दिल्‍ली में 31 दिसंबर की रात 11 बजे से लेकर 1 जनवरी की सुबह 6 बजे तक नाइट कर्फ्यू रहेगा। गुरुवार रात 8 बजे से कनॉट प्लेस एरिया में मूवमेंट पर पाबंदी लग जाएगी। सीपी के अलावा इंडिया गेट, खान मार्केट समेत नई दिल्ली की अन्य प्रमुख जगहों पर भी सुरक्षा और ट्रैफिक मैनेजमेंट के लिए पुख्ता इंतजाम किए जाएंगे। रेस्‍तरां और बार में क्षमता के 50% से ज्‍यादा लोग नहीं रह सकेंगे। राजीव चौक मेट्रो स्टेशन के एग्जिट गेट रात 9 बजे से बंद कर दिए जाएंगे। ट्रैफिक पुलिस न्यू ईयर ईव पर ड्रंकन ड्राइविंग करने वालों की पहचान करने के लिए एल्कोमीटर का इस्तेमाल नहीं करेगी। जिस व्यक्ति के ड्रंकन ड्राइविंग करने का शक होगा, डॉक्टरों की टीम उसका ब्लड सैंपल लेकर जांच करेगी। नए मोटर वीकल एक्ट के तहत भारी जुर्माने के अलावा जेल की सजा का भी प्रावधान है। विस्‍तार से पढ़ें

दिल्‍ली की गाइडलाइंस



यूपी में एडवाइजरी, नहीं माने तो ऐक्‍शन
यूपी में एडवाइजरी, नहीं माने तो ऐक्‍शन

उत्‍तर प्रदेश सरकार ने एडवाइजरी जारी की है। नए साल का जश्न मनाने के लिए पुलिस-प्रशासन से पहले अनुमति लेनी होगी। खुली जगह पर आयोजन होने पर क्षमता से 40 प्रतिशत लोग ही इकट्ठा हो पाएंगे। कार्यक्रम में 100 से ज्यादा लोग शामिल न हों, इसका भी विशेष ध्यान रखने को कहा गया है। बंद स्थान पर कार्यक्रम होने की स्थिति में हॉल/कमरे की निर्धारित क्षमता का 50 प्रतिशत ही भरा जा सकेगा। कार्यक्रम में फेस मास्क, सोशल डिस्‍टेंसिंग, थर्मल स्कैनिंग, सैनिटाइजर और हैंडवॉश की व्यवस्था भी करनी होगी। नववर्ष के दौरान रात में दुपहिया और चार पहिया वाहन चालकों की चेकिंग जरूर की जाए। पढ़ें

यूपी में और क्‍या-क्‍या हैं नियम



महाराष्‍ट्र में रात 11 बजे तके खुले रहेंगे पब
महाराष्‍ट्र में रात 11 बजे तके खुले रहेंगे पब

महाराष्‍ट्र के होटल, रेस्तरां, पब और बार 31 दिसंबर को रात 11 बजे तक खुले रहेंगे। हालांकि राष्ट्रीय राजमार्गों पर स्थित होटलों, रेस्तरां और ढाबों को उससे छूट दी गई है। राज्‍य में नाइट कर्फ्यू का ऐलान किया गया है। रात 11 बजे के बाद सार्वजनिक स्थानों पर पांच या ज्यादा लोगों के जमावड़े पर प्रतिबंध रहेगा। और

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एमपी में भी नए साल के जश्‍न पर पाबंदी
एमपी में भी नए साल के जश्‍न पर पाबंदी

भोपाल में रात 12 बजे तक लोग पार्टी कर सकेंगे। होटलों में कोई भी बाहर सेलिब्रिटी नहीं आएंगे। साथ ही होटलों में क्षमता के 50 फीसदी ही लोग मौजूद रहेंगे। संगीत कार्यक्रमों का आयोजन कोरोना गाइडलाइन के अनुसार ही होगा। निगम और भोपाल प्रशासन के अधिकारी लगातार इन जगहों का दौरा करेंगे। नियमों का उल्लंघन करने पर कार्रवाई की जाएगी। इंदौर में डीजे और डिस्‍को पर प्रतिबंध है। होटलों में संगीत कार्यक्रम होंगे। खुले स्थानों पर जश्न का आयोजन नहीं होगा। 21 साल के कम उम्र के युवकों को शराब नहीं परोसी जाएगी।



पंजाब में 1 जनवरी से नाइट कर्फ्यू खत्‍म
पंजाब में 1 जनवरी से नाइट कर्फ्यू खत्‍म

पंजाब में लगाए गए नाइट कर्फ्यू को राज्य सरकार ने समाप्त कर दिया है। हालांकि रात को कर्फ्यू से जुड़ी पाबंदियां सभी शहरों और कस्बों में 31 दिसंबर तक प्रभावी रहेंगी। बंद स्थानों में 200 और खुली जगह में 500 लोगों के एकत्र होने की अनुमति दी गई है।

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राजस्‍थान में रात 8 बजे से कर्फ्यू
राजस्‍थान में रात 8 बजे से कर्फ्यू

राजस्‍थान में रात 8 बजे से सुबह 6 बजे तक कर्फ्यू रहेगा। जयपुर कमिश्‍नरेट के मुताबिक, विशेष कार्यक्रम छोड़ बाकी सभी कार्यक्रमों पर रोक है। शाम 7 बजे के बाद सभी तरह के होटल, रेस्‍तरां और प्रतिष्‍ठान बंद रखे जाएंगे।



उत्‍तराखंड, तमिलनाडु में भी पार्टियों पर बैन
उत्‍तराखंड, तमिलनाडु में भी पार्टियों पर बैन

उत्‍तराखंड सरकार ने होटल, बार, रेस्‍तरां व अन्‍य पब्लिक प्‍लेसेज पर होने वाली पार्टियों को बैन कर दिया है। नियम तोड़ने पर आपदा प्रबंधन अधिनियम और महामारी ऐट के तहत कार्रवाई होगी। तमिलनाडु में भी 31 दिसंबर और 1 जनवरी को सार्वजनिक उत्‍सवों पर रोक रहेगी। हालांकि नाइट कर्फ्यू का ऐलान नहीं किया गया है। तेलंगाना में न एसाल पर सभी कार्यक्रम 31 दिसंबर की रात 8 बजे से लेकर 1 जनवरी की सुबह 1 बजे तक करने के निर्देश हैं।



बेंगलुरू में धारा 144 लागू
बेंगलुरू में धारा 144 लागू

बेंगलुरु समेत पूरे कर्नाटक में सख्त नियम लागू रहेंगे। बेंगलुरु शहर में 31 दिसंबर की शाम छह बजे से लेकर एक जनवरी की सुबह छह बजे तक धारा 144 लागू रहेगी। पब और क्लबों में होने वाले आयोजनों, पार्टियों, डीजे पर रोक है।

विस्‍तार से गाइडलाइंस पढ़ें



छत्‍तीसगढ़ में क्‍या होंगे नियम?
छत्‍तीसगढ़ में क्‍या होंगे नियम?

रायपुर में न्यू ईयर जश्न को लेकर बार, पब, शॉपिंग मॉल और रेस्टोरेंट्स दिन 12 से रात 11 बजे तक खुलेंगे। वहीं, थ्री स्टार स्तर के होटल रात 12 तक खुलेंगे। एक कार्यक्रम में अधिकतम 200 लोग शामिल होंगे। खुले और सार्वजनिक जगहों पर कार्यक्रम नहीं होंगे। साथ ही कोरोना गाइडलाइंस का पालन करना होगा।





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सास गारी देवे, ननद चुटकी लेवे... कोर्ट ने बहू से कहा- समझो इसे शादी का 'गेंदा फूल' https://ift.tt/382NkT6

December 31, 2020
मुंबई मुंबई की एक अदालत ने शादी के बाद पारिवारिक जीवन को लेकर अहम फैसला सुनाया है। कोर्ट ने मजाक में बातचीत करना और सास-ससुर के तानों को का हिस्सा करार दिया है। यह हर परिवार में होता है। सेशन कोर्ट ने मालाबार हिल निवासी 80 और 75 साल की उम्र वाले बुजुर्ग कपल को अग्रिम जमानत दे दी है। शादी के बाद महिला ने सास-ससुर पर गलत तरीके से व्यवहार करने का आरोप लगाया था। इसके साथ ही महिला ने उनकी याचिका को खारिज करने की अपील करते हुए कहा कि सास-ससुर कुछ संपत्तियों के मामले में भी इंटरनैशनल कॉन्सॉर्टियम ऑफ इनवेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट्स (ICIJ) की लिस्ट में हैं। 30 साल की महिला की शादी अब दुबई में बस चुके स्कूल फ्रेंड के साथ 2018 में हुई थी। महिला के अनुसार शादी के कुछ दिनों पहले ही रजिस्ट्रेशन के लिए दस्तावेज तैयार करते समय यह पता चला कि पति असल में घर में काम करने वाली का बेटा था, जिसे उसके 'सास-ससुर' ने पाल-पोसकर बड़ा किया था। महिला के अनुसार सास-ससुर ने एक तो उसे कोई गिफ्ट नहीं दिया और ऊपर से डेढ़ करोड़ रुपये कीमत के हीरे और सोने के आभूषण को भी अपने कब्जे में कर लिया, जिसे उसके पैरंट्स ने शादी में दिया था। साथ ही उसे फ्रिज छूने की इजाजत नहीं थी। बासी खाना परोसा जाता था। लिविंग रूम में सोने को मजबूर किया जाता था। पति से इन सब बातों की शिकायत करने पर वह मजे में लेता और पैरंट्स की सारी बात मानने की सलाह देता। एक बार दुबई से लौटते वक्त पति ने 15 किलो ड्राई फ्रूट्स भिजवाया। ससुराल पहुंचने पर सास ने पैकेट लेने से पहले बाकायदा उसका वजन कराया। इतना ही नहीं, उसे अपने माता-पिता के घर जाने की इजाजत भी नहीं मिली। सास-ससुर पक्ष के वकील ने कहा कि महिला को पति के गोद लिए हुए बच्चा होने की जानकारी पहले से थी। शादी के बाद वह केवल 10 दिनों के लिए ही सास-ससुर के साथ रही। उन्होंने यह भी कहा कि शादी का खर्च भी दोनों परिवारों ने बराबर उठाया है। दुबई चले जाने की आशंका के मद्देनजर कोर्ट ने सास और ससुर का पासपोर्ट जमा करा लिया है।


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सास गारी देवे, ननद चुटकी लेवे... कोर्ट ने बहू से कहा- समझो इसे शादी का 'गेंदा फूल' https://ift.tt/382NkT6 सास गारी देवे, ननद चुटकी लेवे... कोर्ट ने बहू से कहा- समझो इसे शादी का 'गेंदा फूल'
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12 साल के बेटे ने दिखाई बहादुरी, मां के कातिल को कमरे में किया बंद, फिर बुलाई पुलिस https://ift.tt/2JvPCkk

December 31, 2020
मेरठ उत्तर प्रदेश के मेरठ में एक महिला के बेटे अपनी मां के हत्यारे को पकड़वाया। महज 12 साल के इस बच्चे ने मां के हत्यारे को कमरे के अंदर बंद कर दिया और फिर पुलिस को फोन करके सूचना दी। पुलिस भी तत्काल मौके पर पहुंची और हत्यारे को पकड़ लिया। पुलिस ने बताया कि ब्रह्मपुरी की रहने वाली महिला का बीते 14 साल से जावेद नाम के एक शख्स के साथ अफेयर चल रहा था। महिला का पति दिल्ली में नौकरी करता है, जबकि वह मेरठ में ब्यूटी पार्लर चलाती थी। मंगलवार को महिला का प्रेमी उसके घर पहुंचा। यहां दोनों के बीच झगड़ा हुआ। कमरे के बाहर से सब देख-सुन रहा था बेटा पुलिस ने बताया कि महिला उसके साथ अपने संबंधों को खत्म करना चाहती थी। यह बात आरोपी को नगवार गुजरी। दोनों के बीच झगड़ा हुआ। महिला का 12 साल का बेटा घर में था। वह कमरे के बाहर से सबकुछ देख रहा था। अचानक करने लगा चाकू से हमला बच्चे ने देखा कि घर आए उस शख्स ने उसकी मां पर चाकू से हमला करना शुरू कर दी। बेटे ने बिना डरे और शोर मचाए कमरे का दरवाजा बाहर से बंद कर दिया और पुलिस को फोन किया। आरोपी ने कुबूल की हत्या का वारदात मेरठ के एसपी सिटी अखिलेश नरायण सिंह ने बताया कि सूचना पर पुलिस तत्काल बच्चे के घऱ पहुंची और कमरे के अंदर से आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया है। आरोपी ने हत्या का वारदात कुबूल कर ली है।


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12 साल के बेटे ने दिखाई बहादुरी, मां के कातिल को कमरे में किया बंद, फिर बुलाई पुलिस https://ift.tt/2JvPCkk 12 साल के बेटे ने दिखाई बहादुरी, मां के कातिल को कमरे में किया बंद, फिर बुलाई पुलिस
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किसी ने हंसाया तो कोई नम कर गया आंखें, 2020 के वो वीडियो जिन्‍होंने जीते सबके दिल https://ift.tt/3rK0Cf6

December 31, 2020
2020... आने वाले वक्‍त में जब भी इस साल का जिक्र होगा, लोग शायद सिहर जाएंगे। कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया में ऐसा कहर बरपाया कि उससे उबरने में शायद दशकों लगें। हर तरफ वायरस का खतरा और एक-दूसरे को शक की नजरों से देखते लोग... इन सबके बीच कुछ-कुछ बातें ऐसी भी हुईं जो न सिर्फ इंसानियत में लोगों के भरोसे को पुख्‍ता कर गईं, बल्कि जीवटता की मिसाल भी बनीं। भारतीय सोशल मीडिया में कोविड के अलावा कुछ ऐसे पल भी रहे जिन्‍होंने लोगों के चेहरे पर मुस्‍कान बिखेरी। साल के आखिरी दिन, ऐसी ही चार सच्‍ची कहानियों से आपको रूबरू कराते हैं।

Viral Videos of 2020: साल 2020 हम सबके लिए बेहद भारी रहा। इस बुरे दौर के बीच भारतीय सोशल मीडिया पर कुछ ऐसी कहानियां सामने आईं जिन्‍होंने न सिर्फ इंसानियत पर हमारा भरोसा बढ़ाया, बल्कि आंखों को नम भी किया।


कोरोना के बीच किसी ने हंसाया तो कोई नम कर गया आंखें, 2020 के वो चार वीडियो जिन्‍होंने जीते सबके दिल

2020... आने वाले वक्‍त में जब भी इस साल का जिक्र होगा, लोग शायद सिहर जाएंगे। कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया में ऐसा कहर बरपाया कि उससे उबरने में शायद दशकों लगें। हर तरफ वायरस का खतरा और एक-दूसरे को शक की नजरों से देखते लोग... इन सबके बीच कुछ-कुछ बातें ऐसी भी हुईं जो न सिर्फ इंसानियत में लोगों के भरोसे को पुख्‍ता कर गईं, बल्कि जीवटता की मिसाल भी बनीं। भारतीय सोशल मीडिया में कोविड के अलावा कुछ ऐसे पल भी रहे जिन्‍होंने लोगों के चेहरे पर मुस्‍कान बिखेरी। साल के आखिरी दिन, ऐसी ही चार सच्‍ची कहानियों से आपको रूबरू कराते हैं।



पुलिस केक लेकर घर पहुंची तो रो दिए करण पुरी
पुलिस केक लेकर घर पहुंची तो रो दिए करण पुरी

भारत में 25 मार्च से लॉकडाउन लग गया था। सब घरों में कैद थे। कुछ बुजुर्ग ऐसे थे जो परिवार और दोस्‍तों से कट गए। अकेलापन काटने दौड़ता था। ऐसे में हरियाणा के पंचकूला के रहने वाले करण पुरी के घर जब 28 अप्रैल को पुलिस पहुंची तो वे भी हैरान थे। पुलिस देखकर बोले, 'मैं करण पुरी हूं, अकेला रहता हूं और सीनियर सिटिजन हूं।' मगर फिर जो हुआ, उसने न सिर्फ पुरी की आंखों से आंसुओं की धारा बहाई, बल्कि देश-विदेश के लोगों को भी भावुक कर दिया। उस दिन करण पुरी का जन्‍मदिन था। पुलिसवाले केक लेकर पहुंचे थे। न सिर्फ केक कटवाया, बल्कि 'हैप्‍पी बर्थडे टू यू...' भी गाया। आंसुओं में डूबे करण पुलिस को बताते रहे कि उनका बेटा विदेश रहता है और वह बेहद अकेला महसूस कर रहे थे। पुलिसवालों ने भरोसा दिया कि 'हम भी आपका परिवार ही हैं।'



कोरोना को हराने पर बहनों के साथ झूमा पूरा देश
कोरोना को हराने पर बहनों के साथ झूमा पूरा देश

जुलाई का महीना था। देश में कोविड मामलों की संख्‍या बढ़ती जा रही थी। स्‍नेहल सतपुते कोविड को मात देकर घर लौटी थीं। दरवाजे पर उनकी 23 साल की बहन सलोनी खड़ी थीं। जैसे ही उन्‍होंने स्‍नेहल को देखा, नाचना शुरू कर दिया। कोरोना को हराने की खुशी में दोनों बहनें जमकर नाचीं। धीमे-धीमे बाकी लोग भी जुटे और रोड पर जैसे समां बंध गया। उनका वीडियो इस बात का सबूत था कि कोई महामारी हमारे जज्‍बे को खत्‍म नहीं कर सकती। वीडियो खूब वायरल हुआ जिसे आप अगली स्‍लाइड में देख सकते हैं।



बाबा के ढाबा को मिली नई पहचान
बाबा के ढाबा को मिली नई पहचान

इस साल की शायद सबसे मशहूर और विवादित सोशल मीडिया स्‍टोरी। गौरव वासन नाम के एक फूड ब्‍लॉगर ने इंस्‍टाग्राम पर एक वीडियो शेयर किया। एक बुजुर्ग दंपती जो कि दिल्‍ली के मालवीय नगर में स्‍टॉल लगाते थे, रोते हुए बता रहे थे कि कैसे महामारी में उनका खाना खाने कोई नहीं आ रहा है। 80 साल के कांता प्रसाद और उनकी पत्‍नी बादामी देवी का स्‍टॉल 'बाबा का ढाबा' 1990 से यहीं पर था। गौरव का यह वीडियो जल्‍द ही ट्विटर पर पहुंचा और वहां से पूरे देश में। लोगों की भीड़ 'बाबा के ढाबा' पर जुटने लगी और मीडिया के कैमरे भी। 'बाबा के ढाबा' की सूरत ही बदल चुकी थी। लोगों ने खूब मदद की, पैसों से भी और श्रमदान देकर भी। मगर कहानी में मोड़ तब आया जब प्रसाद ने वासन पर उन्‍हें धोखा देने का आरोप लगाया। ब्‍लॉगर पर 'बाबा के ढाबा' के नाम पर जमा पैसों में हेरफेर का आरोप लगा जिससे उसने साफ इनकार किया। पुलिस तक मामला पहुंचा लेकिन शायद बाहर बात बन गई।



डॉक्‍टर का ऐसा डांस‍ क‍ि ऋतिक भी हो गए फैन
डॉक्‍टर का ऐसा डांस‍ क‍ि ऋतिक भी हो गए फैन

असम के डॉक्‍टर अरूप सेनापति ने अप्रैल में बतौर कोविड डॉक्‍टर काम करना शुरू किया था। जैसे-जैसे महामारी बढ़ी, डॉ. सेनापति और उनके जैसे हजारों डॉक्‍टर्स, हेल्‍थ वर्कर्स का काम बढ़ता चला गया। बिना ब्रेक लिए, 24-24 घंटे काम करते रहे। डॉ. सेनापति ने अपने कोविड मरीजों को खुश करने का अनूठा तरीका निकाला। वह बॉलिवुड की धुनों पर नाचते और पेशंट्स का दिल बहलाते। अक्‍टूबर में उनके ही एक साथी ने वीडियो बना लिया। जब यह वीडियो सोशल मीडिया पर आया तो धूम मच गई। खुद ऋतिक रोशन ने डॉ. सेनापति के डांस मूव्‍स की तारीफ की।





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क्या होता है जब लगती है 'कोरोना वैक्सीन', जानें ट्रायल में शामिल रिपोर्टर की कहानी https://ift.tt/2L5Tp8s

December 31, 2020
नई दिल्ली 'कोविड महामारी में अभी सारी उम्मीदें वैक्सीन पर टिकी हैं। इसलिए बुधवार को वैक्सीन के ट्रायल में शामिल होने के लिए मैं भी पहुंच गया। वैक्सीन को लेकर पिछले कुछ दिनों से बहुत पढ़ा है और लिखा भी है। इसलिए मन में कोई संशय नहीं था। एम्स के वैक्सीनेशन सेंटर पहुंचा और वहां के स्टाफ को मैंने बताया कि ट्रायल में शामिल होना चाहता हूं। उन्होंने बिना समय गंवाए एक फॉर्म दिया। 9 पेज के इस फॉर्म पर वैक्सीन के बारे में जानकारी दी गई थी और उसमें कुछ पर्सनल डिटेल्स भरने थे। यहां पर सब आराम से चल रहा था। न कोई कोरोना की दहशत थी और न ही कोई पैनिक वाली बात। स्टाफ भी बहुत अच्छे और मददगार थे। मैंने फॉर्म भरा, उसमें मुश्किल से 5 मिनट लगे। अपना एक आईकार्ड दिया। इसके बाद मेरा वजन और ब्लड प्रेशर चेक किया गया। फिर डॉक्टर के पास मुझे लेकर गए। वहां पर डॉक्टर ने सारे अपडेट को डिजिटली अपलोड किया और इस दौरान वैक्सीन को लेकर काउंसलिंग भी की। उन्होंने बताया कि यह वैक्सीन क्या है, कैसे काम करती है और वैक्सीनेशन के डोज के बाद अगर कोई दिक्कत होती है तो क्या करना है, सहित अन्य जानकारी दी गई। इस दौरान वहां पर और भी लोग पहुंच रहे थे जो वैक्सीन में शामिल होना चाहते थे। हालांकि, उम्मीद के अनुसार ट्रायल में शामिल होने कम लोग आ रहे हैं। एक स्टाफ ने बताया कि पहले यह वैक्सीनेशन का ट्रायल साउथ दिल्ली के दक्षिणपुरी में चल रहा था, वहां पर कम लोग आते थे। पिछले कुछ दिनों से यह ट्रायल एम्स के लंग्स डिपार्टमेंट बिल्डिंग के रूम नंबर 5 में चल रहा है। अब यहां पर ट्रायल में शामिल होने वालों की संख्या बढ़ी है। ट्रायल में शामिल हुए सबजेक्ट में मेरा नंबर 477 था। जिस प्रकार सब ट्रायल का प्रोसीजर चल रहा था, उससे मेरा आत्मविश्वास बढ़ता जा रहा था। इसके बाद मुझे सैंपल के लिए ले जाया गया। जहां पर पहले ब्लड सैंपल लिए गए ताकि मेरे अन्य पैरामीटर बाद में चेक किए जा सकें, उसके बाद एंटीबॉडी कोविड टेस्ट हुआ और इसके बाद वैक्सीन का शॉट दिया गया। कुछ सेकेंड भर का यह शॉट था। एक हल्की सी चुभन और इस महामारी के अंत के इलाज का हिस्सा बनने के अनुभव से अंदर ही अंदर रोमांचित हुआ। पहली बार ऐसा लगा कि मैं देश के काम आ सका। वैक्सीनेशन के बाद एक जूस दिया गया। आधे घंटे के इंतजार के दौरान हमें एक बुकलेट दी गई, जिसमें हमें समय समय पर होने वाली दिक्कत को लिखते रहना है। यह वैक्सीन दो डोज का है और अगली विजिट 27 जनवरी को है। वैक्सीनेशन के बाद घर आया, अभी तक कोई खास दिक्कत महसूस नहीं हुई है। ट्रायल का हिस्सा बन कर अच्छा लग रहा है।'


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राजस्थान के झालावाड़ में 50 कौव्वों की रहस्यमय मौत नए खतरे का कर रहा इशारा! https://ift.tt/3aVmDlb

December 31, 2020
झालावाड़एक और जहां प्रदेश में कोरोना का संकट थमने का नाम नहीं ले रहा है। वहीं दूसरी ओर झालावाड़ में एक नया खतरा मंडराने लगा है। दरअसल झालावाड़ की राड़ी के बालाजी क्षेत्र में 50 कौवों की मौत हो गई है। प्रशासन ने भी इस संबंध में पुष्टि कर दी है। इतने सारे कौवा की मौत के कारण जिला प्रशासन और लोगों के बीच भय का वातावरण बन गया है। इधर प्रशासन की ओर से राड़ी के बालाजी क्षेत्र में 1 किलोमीटर के क्षेत्र में कर्फ्यू लगा दिया गया है । साथ ही रैपिड रिस्पांस टीम का गठन भी कर दिया गया है। प्रशासन जांच में जुटा, लिए सैंपल फिलहाल जिला प्रशासन बड़ी संख्या में कौवा की मौत के कारण को जानने में जुटा है। प्रशासन यह जानने में जुटा है एक साथ इतने कौवों की आखिर मौत कैसे हुई। हालांकि पहली नजर में प्रशासन ने इसे बर्ड फ्लू फैलना ही बताया है। इधर रैपिड रिस्पांस टीम ने नमूने की जांच शुरू कर दी है। प्रशासन की ओर से मिली जानकारी के अनुसार संबंधित क्षेत्र के पोल्ट्री फार्म और पोल्ट्री शॉप से भी सैंपल लिए जा चुके हैं। चिकित्सकों ने भी जताई चिंता आपको बता दें कि पशु चिकित्सकों ने भी इस घटना को गंभीरता से लेने के लिए आगाह किया है। पशु चिकित्सकों का कहना है कि यह वायरस जनित बीमारी है, जो एक पक्षी से दूसरे पक्षी में फैलती है । यह बीमारी मनुष्य में चल सकती है । चिकित्सक डॉ लक्ष्मण राव का कहना है कि 2017 में भारत किस बीमारी से मुक्त हो गया था, पर अचानक झालावाड़ में सामने आने से चिंता बढ़ गई है।


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राजस्थान के झालावाड़ में 50 कौव्वों की रहस्यमय मौत नए खतरे का कर रहा इशारा! https://ift.tt/3aVmDlb राजस्थान के झालावाड़ में 50 कौव्वों की रहस्यमय मौत नए खतरे का कर रहा इशारा!
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ब्लॉगः आर्टिफिशल इंटेलिजेंस और क्लाउड कंप्यूटिंग में रोजगार की तगड़ी संभावनाएं https://ift.tt/eA8V8J

December 31, 2020
यह सही है कि शिक्षा और रोजगार को अलग करके नहीं देखा जा सकता लेकिन व्यवहार में अक्सर इनमें समन्वय का अभाव दिखता है। देश में हर साल एक करोड़ युवा ग्रैजुएट बनकर जॉब मार्केट के लिए तैयार हो जाते हैं परंतु दुर्भाग्यपूर्ण तथ्य यह है कि उनमें से ज्यादातर संख्या उनकी है जो बाजार की मांग के अनुरूप फिट नहीं बैठते।

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ब्लॉगः आर्टिफिशल इंटेलिजेंस और क्लाउड कंप्यूटिंग में रोजगार की तगड़ी संभावनाएं https://ift.tt/eA8V8J ब्लॉगः आर्टिफिशल इंटेलिजेंस और क्लाउड कंप्यूटिंग में रोजगार की तगड़ी संभावनाएं
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केन्द्र ने समूचे नगालैंड को घोषित किया अशांत क्षेत्र, 6 महीनों तक लागू रहेगा AFSPA https://ift.tt/3n4P9Dj

December 30, 2020
नई दिल्लीकेंद्र सरकार ने बुधवार को समूचे नगालैंड को और छह महीनों के लिए "अशांत क्षेत्र" घोषित कर दिया। इससे विवादास्पद एएफएसपीए कानून वहां बना रहेगा। इस कानून के तहत सुरक्षा बलों को कहीं भी अभियान चलाने तथा किसी को भी पूर्व वारंट के बिना गिरफ्तार करने का अधिकार है। नगालैंड में सशस्त्र बल (विशेष अधिकार) कानून (एएफएसपीए) कई दशकों से लागू है। गृह मंत्रालय ने एक अधिसूचना में कहा कि केंद्र सरकार का मानना है कि पूरा नगालैंड ऐसी "अशांत और खतरनाक स्थिति" में है कि वहां नागरिक प्रशासन की मदद के लिए सशस्त्र बलों का उपयोग आवश्यक है। अधिसूचना के अनुसार नया आदेश 30 दिसंबर, 2020 से छह महीने की अवधि के लिए प्रभावी होगा। गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि यह फैसला इसलिए किया गया क्योंकि राज्य के विभिन्न हिस्सों में हत्याएं, लूट और जबरन वसूली जारी है। केंद्र सरकार ने खारीज की ये मांग पूर्वोत्तर के साथ-साथ जम्मू-कश्मीर में विभिन्न संगठन एएफएसपीए को वापस लेने की मांग करते रहे हैं और उनका आरोप है कि इस कानून से सुरक्षा बलों को "व्यापक अधिकार" मिल जाता है। तीन अगस्त, 2015 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में नगा विद्रोही समूह एनएससीएन-आईएम के महासचिव टी मुइवा और सरकार के वार्ताकार आर एन रवि द्वारा एक समझौते पर हस्ताक्षर किए जाने के बाद भी एएफएसपीए को वापस नहीं लिया गया था। शांति प्रक्रिया कुछ समय से अटकी हुई है क्योंकि एनएससीएन-आईएम एक अलग झंडे और संविधान के लिए जोर दे रहा है लेकिन केंद्र सरकार ने उस मांग को खारिज कर दिया है।


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Gad

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