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नीतीश कुमार के क्लासमेट रहे हैं JDU के नए अध्यक्ष ललन सिंह, पर खटास भी खूब रही https://ift.tt/2VhQej8

पटना। राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह का जन्म 24 जनवरी 1955 में हुआ था। नीतीश कुमार, लालू प्रसाद यादव, सुशील कुमार मोदी, रविशंकर प्रसाद के साथ ललन सिंह ने भी जेपी आंदोलन से अपनी राजनीतिक जीवन की शुरुआत की थी। यह बात कम ही लोग जानते हैं कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह क्लासमेट भी रह चुके हैं। ललन सिंह ने टीएनबी कालेज, भागलपुर विश्वविद्यालय से आर्ट्स में ग्रेजुएशन किया था। बहुत कम लोगों को पता होगा कि ललन सिंह कालेज छात्र संघ के महासचिव रह चुके थे और जेपी आंदोलन में भी भाग लिया था। बिहार की सत्ता में नीतीश कुमार की एंट्री के बाद से ही ललन सिंह उनके प्रमुख रणनीतिकार बने रहे हैं। नीतीश कुमार और ललन सिंह की करीबी को लेकर कई तरह की बातें भी हुईं लेकिन दोनो के बीच बेहतर तालमेल बरकरार रहा। नीतीश कुमार के साथ मजबूत संबंधों के बल पर ही जेडीयू में ललन सिंह, नीतीश कुमार के बाद सबसे ताकतवर नेता बने। 2019 में मुंगेर लोकसभा क्षेत्र से चुनाव जीत तीसरी बार संसद पहुंचने वाले जेडीयू सांसद राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह 17वीं लोकसभा में पार्टी के नेता बनाए गए। जब ललन सिंह का हुआ था नीतीश कुमार से मनमुटाव दरअसल 2009 में ललन सिंह के ऊपर पार्टी फंड के गलत इस्तेमाल का आरोप लगा था, इसके बाद ललन सिंह ने नीतीश कुमार से दूरी बनाते हुए पार्टी तक छोड़ दी थी। इसके बाद 2010 के बिहार विधानसभा चुनाव में उन्होंने कांग्रेस पार्टी के लिए प्रचार के दौरान ललन सिंह द्वारा नीतीश कुमार के खिलाफ बयानबाजी की जाती रही। आरजेडी सुप्रीमों लालू प्रसाद यादव ने कई बार कहा था कि नीतीश कुमार के पेट में दांत है। इसके बाद ललन सिंह ने भी कहा कि नीतीश कुमार के पेट के दांत वे ही तोड़ सकते हैं। हालांकि कुछ समय बाद नीतीश कुमार और ललन सिंह के बीच सुलह हो गई और नीतीश कुमार ने उन्हें विधान परिषद भेजकर बिहार सरकार में मंत्री बनवाया था। चारा घोटाला मामले में ललन सिंह ने कहा था हमें मालूम है लालू यादव ने पैसे कहां रखे हैं चारा घोटाला मामले में लालू यादव के खिलाफ पटना हाईकोर्ट में याचिका डालने वालों में ललन सिंह का नाम भी शामिल था। ललन सिंह सार्वजनिक सभा में भी कहते थे कि उन्हे पता है कि लालू यादव ने चारा घोटाले ता पैसा कहां छिपाकर रखा है। इसके बाद लालू यादव की पत्नी और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने भी ललन सिंह और नीतीश कुमार की दोस्ती पर विवादित बयान दिया था। नीतीश के घर वापसी में रही थी ललन सिंह की बड़ी भूमिका 2015 के बाद बिहार में जेडीयू-आरजेडी की सरकार बनने के बाद से ही ललन सिंह असहज महसूस कर रहे थे। लेकिन बीजेपी नेता और पूर्व उपमुखंयमंत्री सुशील कुमार मोदी ने लालू परिवार के घोटाले की पोल खोलनी शुरू कि तो परिस्थितियां बदलनी लगी। करप्शन पर जीरो टॉलरेंस की नीति पर चलने वाले नीतीश कुमार के लिए जवाब देना मुश्किल होने लगा। इसी दौरान तत्कालीन केंद्रीय वित्तमंत्री अरूण जेटली से मिलकर ललन सिंह ने आरजेडी- जेडीयू गठबंधन को खत्म करवा कर नीतीश कुमार से इस्तीफा दिलवाया और फिर 2017 में जेडीयू को वापस एनडीए में शामिल कराकर बिहार में एनडीए की सरकार और नीतीश कुमार को छठी बार मुख्यमंत्री बनवाया था।


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नीतीश कुमार के क्लासमेट रहे हैं JDU के नए अध्यक्ष ललन सिंह, पर खटास भी खूब रही https://ift.tt/2VhQej8 नीतीश कुमार के क्लासमेट रहे हैं JDU के नए अध्यक्ष ललन सिंह, पर खटास भी खूब रही
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उत्तराखंड में 2 अगस्त से खुल जाएंगे स्कूल, सरकार ने जारी की गाइडलाइंस https://ift.tt/3jcqNrH

करन खुराना, देहरादून कोरोना महामारी के चलते स्कूल काफी समय से बंद हैं। अब राज्य सरकार ने स्कूल फिर से खोलने का फैसला लिया है। एसओपी के अनुसार, 2 अगस्त से 9 से 12 कक्षा के छात्र-छात्राएं स्कूल जाएंगे और 16 अगस्त से 6 से 8 कक्षा के छात्र-छात्राएं स्कूल आएंगे। डीजी एजुकेशन विनय शंकर पांडेय ने बताया कि स्कूल और बोर्डिंग खोलने को लेकर एसओपी जारी कर दी गई है। विनय शंकर पांडेय ने बताया कि बच्चों के परिजनों की सहमति जरूरी है। बच्चों के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन माध्यम दोनों ही जारी रहेंगे। कक्षा 9 से 12 के लिए हफ्ते में 5 दिन 4 घंटे के लिए स्कूल खोले जाएंगे और कक्षा 6 से 8 के लिए हफ्ते में 5 दिन 3 घंटे के लिए स्कूल खोले जाएंगे। नेगेटिव आरटीपीसीआर की रिपोर्ट अनिवार्य विनय शंकर पांडेय ने बताया कि बोर्डिंग में जाने वाले बच्चों के लिए नेगेटिव आरटीपीसीआर की रिपोर्ट अनिवार्य है। बोर्डिंग स्टाफ के लिए भी आरटीपीसीआर टेस्ट जरूरी है। समय-समय पर यह टेस्ट स्कूल को अपने स्तर पर कराने होंगे। डीजी एजुकेशन ने बताया कि सैनिटाइजर और मास्क आवश्यक है, अगर किसी स्कूल में बच्चों की संख्या ज्यादा है तो वो दो पाली में बच्चों को स्कूल बुला सकते हैं।


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उत्तराखंड में 2 अगस्त से खुल जाएंगे स्कूल, सरकार ने जारी की गाइडलाइंस https://ift.tt/3jcqNrH उत्तराखंड में 2 अगस्त से खुल जाएंगे स्कूल, सरकार ने जारी की गाइडलाइंस
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प्‍लेबैक सिंगर से लेकर मोदी सरकार के सबसे युवा मिनिस्‍टर तक... ऐसा रहा बाबुल सुप्रियो का करियर https://ift.tt/3jchvMl



फेसबुक पर भावुक पोस्‍ट लिखकर राजनीति छोड़ने का ऐलान करने वाले बाबुल सुप्रियो ने अपने जीवन में पहले भी कई ऐसे फैसले अचानक लिए हैं। कलकत्‍ता यूनिवर्सिटी से बीकॉम की पढ़ाई करने के बाद उन्‍होंने कोलकाता स्थित स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक में नौकरी शुरू कर दी। म्‍यूजिक और सिंगिंग के प्रति उनका लगाव बचपन से ही था। यह 1992 का साल था, जब सुप्रियो ने अचानक बैंक की नौकरी छोड़ने का फैसला ले लिया। इसके बाद वह कोलकाता से मुंबई गए और बॉलीवुड में संघर्ष की शुरुआत की। धीरे-धीरे वह अपने प्‍लेबैक सिंगिंग से देश-विदेश में चर्चित हो गए।


Babul Supriyo News: प्‍लेबैक सिंगर से लेकर मोदी सरकार के सबसे युवा मिनिस्‍टर तक... ऐसा रहा बाबुल सुप्रियो का करियर


14 भारतीय भाषाओं में गा चुके हैं गाने
14 भारतीय भाषाओं में गा चुके हैं गाने

वर्ष 2000 में सुपरस्‍टार ऋतिक रोशन की हिट फिल्‍म आई थी 'कहो न प्‍यार है'। इसका एक गाना बाबुल सुप्रियो ने गाया था 'दिल ने दिल को पुकारा'। यह गाना लोगों के जेहन में छा गया और असल मायने में यहां से सुप्रियो के स्‍टारडम की शुरुआत हुई। उन्‍होंने 'फना', 'हंगामा', 'हम-तुम' जैसी कई सुपरहिट फिल्‍मों में भी गाने गाए। 15 दिसंबर, 1970 को कोलकाता के उपनगर उत्‍तरपाड़ा में जन्‍मे बाबुल सुप्रियो ने हिंदी, बंगाली समेत 14 भारतीय भाषाओं में गाने गाए हैं।



2014 में राजनीति में आए, आसनसोल से बने सांसद
2014 में राजनीति में आए, आसनसोल से बने सांसद

एक दिन फ्लाइट में सफर के दौरान बाबुल सुप्रियो की मुलाकात योगगुरु बाबा रामदेव से हुई थी। बताते हैं कि रामदेव ने बाबुल को राजनीति में आने के लिए प्रेरित किया। उस समय वर्ष 2014 में लोकसभा चुनाव होने जा रहे थे। बाबुल सुप्रियो ने बीजेपी का दामन थामकर अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की। बीजेपी ने आसनसोल सीट से उन्‍हें टिकट दिया और वह भारी बहुमत से जीतकर पहली बार सांसद बने। उन्‍हें केंद्र की बीजेपी सरकार में सबसे कम उम्र का मंत्री बनने का अवसर मिला। उन्हें शहरी विकास मंत्रालय, आवास और शहरी गरीबी उन्मूलन मंत्रालय में राज्य मंत्री बनाया गया था। बाद में उनको भारी उद्योग और सार्वजनिक उद्यम मंत्रालय दिया गया।



टॉलीगंज विधानसभा से हार गए चुनाव
टॉलीगंज विधानसभा से हार गए चुनाव

साल 2019 के लोकसभा चुनाव में भी बीजेपी ने बाबुल सुप्रियो को आसनसोल सीट से ही टिकट दिया। एक बार फिर भारी वोटों से वह यहां से जीतकर संसद पहुंचे। इस बार भी उन्‍हें केंद्रीय मंत्री बनाया गया। उन्‍हें पर्यावरण और वन राज्‍य मंत्री पद मिला। अप्रैल, 2021 में पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव हुए। बाबुल सु्प्रियो को चुनाव संबंधी तमाम जिम्‍मेदारियां तो मिली हीं, साथ ही बीजेपी ने उन्‍हें टॉलीगंज विधानसभा सीट से चुनाव मैदान में भी उतार दिया। हालांकि सुप्रियो विधायकी का चुनाव हार गए।



मंत्री पद से इस्‍तीफा देने के बाद जताया था दुख
मंत्री पद से इस्‍तीफा देने के बाद जताया था दुख

इसके बाद जुलाई, 2021 में नरेंद्र मोदी सरकार ने अपना कैबिनेट विस्‍तार किया। इससे पहले ही 7 जुलाई को बाबुल सुप्रियो ने मंत्री पद से इस्‍तीफा दे दिया। इस्‍तीफा देने के बाद एक फेसबुक पोस्‍ट में उन्‍होंने बताया कि उनसे इस्‍तीफा देने के लिए कहा गया था। सुप्रियो ने पीएम मोदी को मंत्रिपरिषद में जगह देने के लिए धन्‍यवाद दिया। उन्‍होंने कहा कि वह खुश हैं कि उनके ऊपर भ्रष्‍टाचार का एक भी दाग नहीं है।



बंगाल हार के लिए सुप्रियो को ठहराया गया जिम्‍मेदार!
बंगाल हार के लिए सुप्रियो को ठहराया गया जिम्‍मेदार!

बताया जा रहा है कि बंगाल चुनावों में बीजेपी की हार को लेकर पार्टी का एक गुट बाबुल सुप्रियो को जिम्‍मेदार ठहरा रहा है। केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्‍तीफा लिए जाने के बाद यह भी चर्चा चलने लगी कि सुप्रियो केंद्रीय नेतृत्‍व से नाराज हैं। इन सब अटकलों के बीच 31 जुलाई को बाबुल सुप्रियो ने फिर फेसबुक पर पोस्‍ट लिखकर राजनीति छोड़ने की घोषणा कर दी। उन्‍होंने यह भी बताया कि वह किसी और पार्टी में शामिल होने नहीं जा रहे हैं।



नहीं चली थी पहली शादी, एयर होस्‍टेस से किया दूसरा विवाह
नहीं चली थी पहली शादी, एयर होस्‍टेस से किया दूसरा विवाह

पर्सनल लाइफ की बात करें तो वर्ष 1995 में बाबुल सुप्रियो सुपरस्‍टार शाहरुख खान के साथ एक कन्‍सर्ट करने टोरंटो गए थे। वहां उनकी मुलाकात रिया से हुई थी। दोनों ने बाद में शादी कर ली। अक्‍टूबर, 2015 में उनका तलाक हो गया। दोनों की एक बच्‍ची है जिसका जन्‍म 1996 में हुआ था। 9 अगस्‍त, 2016 को सुप्रियो एक बार फिर शादी के बंधन में बंधे। उन्‍होंने जेट एयरवेज में एयर होस्‍टेस रहीं रचना शर्मा से शादी रचाई। दोनों का एक बेटा है।





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मुजाहिदों को रिहा करो, नहीं तो हनुमान मंदिर उड़ा देंगे.... धमकी पर लखनऊ में हाई अलर्ट https://ift.tt/3BT7xrw

लखनऊ उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के प्रसिद्ध अलीगंज हनुमान मंदिर को बम से उड़ाने की धमकी मिली है। गुरुवार को रजिस्टर्ड डाक से भेजे गए पत्र में 14 अगस्त की शाम तक गिरफ्तार आतंकियों को रिहा करने की बात कही गई है। इनके निशाने पर आरएसएस कार्यालय,वरिष्ठ आरएसएस पदाधिकारी हैं। मंदिर प्रशासन को भेजे गए पत्र में जोगिंदर सिंह खदरा लिखा है। पत्र मिलने के बाद मंदिर प्रशासन से जुड़े लोगों ने संयुक्त पुलिस आयुक्त अपराध व मुख्यालय नीलाब्जा चौधरी से संपर्क किया। इसकी जांच के लिए क्राइम ब्रांच की टीम को लगा दिया है। 14 अगस्त तक नहीं किया रिहा तो होगा बड़ा धमाकाअलीगंज स्थित नए हनुमान मंदिर प्रशासन के मुताबिक, धमकी भरा यह पत्र बृहस्पतिवार शाम को मिला। रजिस्टर्ड डाक से भेजा गया यह पत्र मंदिर प्रबंधक के नाम से है। इसमें कहा गया कि जिन मुजाहिदों को गिरफ्तार किया गया है, उन्हें 14 अगस्त तक रिहा कर दिया जाए, वरना 15 अगस्त से कहर बरपाया जाएगा। यह भी कहा गया है कि दस लोगों की सूची तैयार है उसमें कुछ आरएसएस के बड़े पदाधिकारी भी हैं। पत्र की भाषा बेहद संवेदनशील और भड़काऊ है। इसमें महिलाओं के लिए भी अपशब्द लिखे गए है। बता दें कि पत्र जिस लिफाफे में आया है उस पर त्रिवेणी नगर उप डाकघर की मुहर लगी है। दो संदिग्ध आतंकियों की हो चुकी है गिरफ्तारीएटीएस ने बीती 11 जुलाई को सबसे पहले दो संदिग्ध आतंकियों मिनहाज अहमद और मसीरुद्दीन उर्फ मुशीर को लखनऊ से गिरफ्तार था। दोनों के कब्जे से आधुनिक असलहे और विस्फोटक सामग्री बरामद हुई थी। एक के घर से तैयार कुकर बम और दूसरे के घर से अर्द्धनिर्मित कुकर बम मिला था। एटीएस ने दोनों को कस्टडी रिमांड पर लेकर पूछताछ की तो उनके अन्य सहयोगियों के बारे में जानकारी मिली। इसके आधार पर बाद में लखनऊ से ही मोहम्मद मुस्तकीम, मोहम्मद मुईद और शकील को भी गिरफ्तार किया गया। एटीएस सभी पांच अभियुक्तों को रिमांड पर लेकर पूछताछ कर चुकी है। फिलहाल पांचों अभियुक्त जेल में हैं।


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मुजाहिदों को रिहा करो, नहीं तो हनुमान मंदिर उड़ा देंगे.... धमकी पर लखनऊ में हाई अलर्ट https://ift.tt/3BT7xrw मुजाहिदों को रिहा करो, नहीं तो हनुमान मंदिर उड़ा देंगे.... धमकी पर लखनऊ में हाई अलर्ट
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मुर्गा-बकरा या मछली नहीं, खूब खाओ बीफ.... मेघालय में बीजेपी सरकार के मंत्री बोले https://ift.tt/3C092UN

शिलांग मेघालय में बीजेपी सरकार के मंत्री ने विवादित बयान दिया है। मंत्री सनबोर शुलई ने मुर्गा या बकरे की बजाए बीफ ज्यादा खाने की नसीहत दी है। बीजेपी सरकार में कैबिनेट मंत्री शुलई ने कहा कि लोकतांत्रिक देश में हर कोई अपनी मर्जी का खाना खाने के लिए आजाद है। मेघालय के मंत्री सनबोर शुलाई के बयान ने विवादों को जन्म दिया है। उन्होंने राज्य के लोगों को मुर्गे, भेड़ या बकरी का मांस या मछली खाने की बजाय बीफ ज्यादा खाने के लिए कहा और इस बात से इनकार किया कि उनकी पार्टी इसके खिलाफ है। पिछले हफ्ते कैबिनेट मंत्री की शपथ लेने वाले वरिष्ठ बीजेपी नेता शुलई ने कहा कि एक लोकतांत्रिक देश में हर कोई अपनी पसंद का खाना खाने के लिए स्वतंत्र है। उन्होंने मीडिया से कहा, 'मैं लोगों को मुर्गे, भेड़ या बकरी का मांस या मछली खाने के बजाय बीफ ज्यादा खाने के लिए प्रेरित करता हूं। यह धारणा कि बीजेपी गोवध पर प्रतिबंध लगाएगी, यह दूर हो जाएगी।' पशुपालन और पशु चिकित्सा मंत्री शुलई ने यह भी आश्वासन दिया कि वह यह सुनिश्चित करने के लिए असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा से बात करेंगे कि पड़ोसी राज्य में नए कानून से मेघालय में मवेशियों का परिवहन बाधित न हो। मेघालय और असम के बीच सीमा विवाद पर तीन बार के विधायक ने कहा कि अब समय आ गया है कि राज्य सीमा और अपने लोगों की रक्षा के लिए पुलिस बल का इस्तेमाल करें। उन्होंने कहा, 'अगर असम के लोग सीमावर्ती इलाकों में हमारे लोगों को प्रताड़ित करते रहते हैं तो वक्त आ गया है कि केवल बात न करें और चाय न पिएं। हमें जवाब देना होगा। हमें मौके पर ही जवाब देना होगा।' हालांकि उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वह हिंसा के पक्ष में नहीं हैं।


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मुर्गा-बकरा या मछली नहीं, खूब खाओ बीफ.... मेघालय में बीजेपी सरकार के मंत्री बोले https://ift.tt/3C092UN मुर्गा-बकरा या मछली नहीं, खूब खाओ बीफ.... मेघालय में बीजेपी सरकार के मंत्री बोले
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शादी के 8 साल तक मां नहीं बन पाई महिला, अब एक साथ 4 बच्चों को दिया जन्म https://ift.tt/3icmNrO

नई दिल्ली शादी के 8 साल तक संतान नहीं होने के बाद एक महिला ने दिल्ली के एक अस्पताल में आईवीएफ तकनीक से 4 बच्चों को जन्म दिया। अस्पताल के अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी। अस्पताल के एक प्रवक्ता ने कहा कि 32 साल की महिला ने 3 लड़कों और 1 लड़की को जन्म दिया है, वे सभी स्वस्थ हैं और अब घर पर लौट चुके हैं। गाजियाबाद के इस दंपती ने आठ साल तक संतान नहीं होने के कारण इलाज भी कराया था। आईवीएफ क्लीनिक के डॉक्टरों ने कहा कि महिला और उसके पति ने बच्चे की आस छोड़ दी थी। उन्होंने एआरटी यानी असिस्टेड रीप्रोडक्टिव टेक्नॉलजी जैसी प्रक्रिया भी अपनाई थी लेकिन सफलता नहीं मिली। महिला ने दक्षिणी दिल्ली में ‘सीड्स ऑफ इन्नोसेंस’ के एक केंद्र में 12 जुलाई को बच्चे को जन्म दिया। ‘सीड्स ऑफ इन्नोसेंस’ की निदेशक और सह-संस्थापक डॉ. गौरी अग्रवाल ने कहा कि क्लीनिक आने से महिला आईयूआई के चार चक्र से गुजर चुकी थी। जब जांच की गई तो पता चला कि एंटी मुलेरियन हार्मोन (एएमएच) का स्तर कम था ऐसे में आईवीएफ की जरूरत थी। डॉक्टर अग्रवाल ने बताया, '16वें हफ्ते में हमने सर्वाइकल स्टिच लगाए ताकि सर्वाइक्स को खुलने से रोका जाए और महिला की सेहत पर करीबी नजर रखी गई। 33 हफ्ते के बाद उन्होंने 4 स्वस्थ बच्चों को जन्म दिया- 3 लड़के और 1 लड़की। सभी का वजहन 1.5 किलो से ज्यादा है।'


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शादी के 8 साल तक मां नहीं बन पाई महिला, अब एक साथ 4 बच्चों को दिया जन्म https://ift.tt/3icmNrO शादी के 8 साल तक मां नहीं बन पाई महिला, अब एक साथ 4 बच्चों को दिया जन्म
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कांग्रेस बोली- पेगासस पर जवाब दे सरकार, संसद अगले मिनट चलने लगेगी https://ift.tt/3lfVXkl

नई दिल्ली संसद में जारी हंगामे पर कांग्रेस ने कहा है कि अगर केंद्र सरकार पेगासस जासूसी प्रकरण पर कुछ सवालों के जवाब दे, तो सदन की कार्यवाही अगले मिनट चलने लगेगी। मुख्य विपक्षी पार्टी ने कहा, 'लेकिन वह (सरकार) इस मुद्दे पर चर्चा से भाग रही है क्योंकि उसके पास छिपाने के लिए बहुत कुछ है। पार्टी प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने पत्रकारों से कहा, ‘संसद तत्काल चलेगी, अगले मिनट चलने लगेगी, लेकिन एक छोटी सी चीज सरकार को करनी पड़ेगी। वो यह है कि सरकार को दो सवालों का जवाब देना होगा। पहला यह कि क्या सरकार ने पेगासस स्पाईवेयर खरीदा? दूसरा यह कि क्या व्यक्ति विशेष के खिलाफ इसका उपयोग किया गया और अगर हां तो उनके नाम बताइए।’ उन्होंने आरोप लगाया, ‘सरकार इस पर चर्चा नहीं चाहती है। सरकार के पास छिपाने के लिए बहुत कुछ है।’ पेगासस और कुछ अन्य मुद्दों को लेकर पिछले कई दिनों से संसद के दोनों सदनों में गतिरोध बना हुआ है। 19 जुलाई से मॉनसून सत्र शुरू हुआ था, लेकिन अब तक दोनों सदनों की कार्यवाही बाधित रही है। विपक्षी दलों का कहना है कि पेगासस जासूसी मुद्दे पर पहले चर्चा कराने के लिए सरकार के तैयार होने के बाद ही संसद में गतिरोध खत्म होगा। पेगासस जासूसी मामले पर सरकार की ओर से कहा गया है कि यह कोई मुद्दा ही नहीं है।


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कांग्रेस बोली- पेगासस पर जवाब दे सरकार, संसद अगले मिनट चलने लगेगी https://ift.tt/3lfVXkl कांग्रेस बोली- पेगासस पर जवाब दे सरकार, संसद अगले मिनट चलने लगेगी
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असम-नगालैंड के बीच सुलझा सीमा विवाद, सुरक्षाबल हटाने के लिए राजी दोनों राज्‍य https://ift.tt/3zWyFnG

गुवाहाटी पूर्वोत्‍तर राज्‍य असम का सिर्फ मिजोरम ही नहीं नगालैंड के साथ भी सीमा को लेकर लंबे समय से विवाद () चल रहा है। शनिवार को इस विवाद का पटाक्षेप हो गया। दोनों राज्‍य अपनी सीमाओं से सुरक्षाबलों को हटाने के लिए तैयार हो गए हैं। दोनों राज्‍यों के मुख्‍य सचिवों ने इस संबंध में एक समझौता पत्र पर साइन किया है। असम के मुख्‍यमंत्री हिमंत बिस्‍वा शर्मा ने इसको लेकर नगालैंड के सीएम नेफ्यू रियो को बधाई दी है। वर्ष 1963 में जब नगालैंड को असम के नगा हिल्‍स जिले से अलग कर नया राज्‍य बनाया गया था, उस समय से ही नगालैंड असम से ऐसे इलाकों की मांग कर रहा है, जिसे वह अपना ऐतिहासिक हिस्‍सा मानता है। नगालैंड सरकार का इस बात पर जोर रहा है कि वर्ष 1960 के जिस 16 सूत्रीय समझौते के तहत नगालैंड का गठन हुआ, उसमें सभी नगा इलाकों की बहाली भी शामिल थी। जिन्‍हें वर्ष 1826 में अंग्रेजों ने असम पर कब्‍जा करने के बाद नगा पहाडि़यों से अलग कर दिया था। संवैधानिक रूप से सीमा को मानता है असम दूसरी ओर, असम सरकार का पूरा जोर संवैधानिक रूप से सीमा को बनाए रखने का है। असम 1 दिसंबर, 1963 में बने नगालैंड के कानून के तहत सीमा को मानती है और यही दोनों राज्‍यों के बीच विवाद का प्रमुख कारण है। पर अब समझौता पत्र पर हस्‍ताक्षर करने के बाद दोनों राज्‍यों का सीमा विवाद खत्‍म हो गया है।


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असम-नगालैंड के बीच सुलझा सीमा विवाद, सुरक्षाबल हटाने के लिए राजी दोनों राज्‍य https://ift.tt/3zWyFnG असम-नगालैंड के बीच सुलझा सीमा विवाद, सुरक्षाबल हटाने के लिए राजी दोनों राज्‍य
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कोरोना वैक्सीन पर द लैंसेट की रिपोर्ट ने बढ़ाई टेंशन, आखिर कब पड़ेगी बूस्टर डोज की जरूरत https://ift.tt/3C2A3qU

नई दिल्ली कोरोना के नए वेरिएंट पर वैक्सीन कितनी असरदार है साथ ही वैक्सीन से एंटीबॉडी कब तक मौजूद रहेगी इसको लेकर समय-समय पर सवाल खड़े होते रहे हैं। वैक्सीन पर द लैंसेट की एक रिपोर्ट पब्लिश हुई है जिसमें कहा गया है कि फाइजर और एस्ट्राजेनेका वैक्सीन की डोज के बाद एंटीबॉडी छह सप्ताह बाद से कम होना शुरू होने लगती हैं और 10 सप्ताह में 50 प्रतिशत से भी अधिक कम हो सकती हैं। इस रिपोर्ट के आने के बाद चर्चा यह शुरू हो गई है कि क्या कोरोना के खिलाफ वैक्सीन की दो डोज भी काफी नहीं है। क्या बूस्टर डोज की जरूरत पड़ेगी और ऐसा है तो कितने दिनों बाद। द लैंसेट की रिपोर्ट के बाद वैक्सीन से जुड़े सवालों पर एक्सपर्ट्स की अलग - अलग राय है। ICMR महामारी विज्ञान विभाग के संस्थापक- निदेशक डॉक्टर मोहन गुप्ते ने टाइम्स नाउ के साथ बात करते हुए कहा कि एंटीबॉडी और नए वेरिएंट पर नजर रखनी होगी। उन्होंने कहा कि बूस्टर की आवश्यकता 6 महीने या 1 साल पहले नहीं होगी। आईसीएमआर में पूर्व वैज्ञानिक और एम्स के पूर्व डीन डॉ. एनके मेहरा ने कहा कि हर टीके के बाद इम्यून मेमोरी सक्रिय रहती है। रिपोर्ट इस बात की पुष्टि करते हैं कि टीके की दो खुराक लेने को बाद इससे लंबे समय तक रक्षा मिलेगी। लेखक, डॉक्टर आनंद रंगनाथन टीकाकरण के बाद एंटीबॉडी का गायब होना चिंताजनक है लेकिन यह पूरी तरह से हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली की लड़ने की क्षमता को नहीं दर्शाता है। बूस्टर डोज की जरूरत किसको पहले एक्सपर्ट का सुझाव है कि वयस्क जो क्लीनिकल तौर पर काफी कमजोर हैं, जिनकी आयु 70 वर्ष या उससे अधिक है, ऐसे घर जहां वृद्ध लोगों की देखभाल हो रही है, उन सभी को बूस्टर डोज दी जानी चाहिए। बूस्टर वह खुराक है जो किसी विशेष रोगजनक के खिलाफ व्यक्ति की इम्यूनिटी बूस्ट करने के लिए दी जाती है। बूस्टर डोज शरीर के अंदर तुरंत इम्यून सिस्टम को एक्टिव कर देती है। यह इम्यूनोलॉजिकल मेमोरी के आधार पर काम करती है। हालांकि, अभी तक WHO ने बूस्टर डोज को स्वीकृति नहीं दी है।


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कोरोना वैक्सीन पर द लैंसेट की रिपोर्ट ने बढ़ाई टेंशन, आखिर कब पड़ेगी बूस्टर डोज की जरूरत https://ift.tt/3C2A3qU कोरोना वैक्सीन पर द लैंसेट की रिपोर्ट ने बढ़ाई टेंशन, आखिर कब पड़ेगी बूस्टर डोज की जरूरत
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स्मृति ईरानी की जासूसी का आरोप... टीवी पर भिड़ पड़े संबित पात्रा और कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत https://ift.tt/3ljGyQ2

नई दिल्ली कांग्रेस की महिला प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने शुक्रवार को केंद्र सरकार पर बीजेपी नेता स्मृति ईरानी की जासूसी करने का आरोप लगाया। कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि सरकार औरतों के फोन पर क्यों अटक गई है। उन्होंने कहा कि जरा पूछिए जाकर स्मृति जी से, वसुंधरा राजे जी से पूछिए। इस पर बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि कांग्रेस नेता बताएं कि उनकी पार्टी में कौन महिला नेता विक्टिम है। उन्होंने कहा कि हमने आपकी पार्टी की किस महिला नेता का फोन हैक किया है। पात्रा ने सवाल पूछा कि क्या सोनिया गांधी का फोन हैक हुआ है। इस पर सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि स्मृति ईरानी विक्टिम हैं। 'पता नहीं महिलाओं के फोन में क्या देखना चाहते हैं' कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया सिर्फ यहीं नहीं रुकीं। उन्होंने अपना सिर और हाथ हिलाते हुए कहा कि भगवान जाने ये लोग महिलाओं के फोन में क्या-क्या देखना चाहते हैं। इस पर संबित पात्रा ने पलटवार करते हुआ कहा कि आप राहुल गांधी से पूछें कि वे बैंकॉक में क्या करते हैं। वे आपको बता देंगे। इससे पहले भाजपा प्रवक्ता ने सुप्रिया के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि अब ये बीजेपी के नेताओं में विक्टिम की पहचान करेंगी। उन्होंने कहा कि जब हम पूछ रहे है तो कहा जा रहा है कि कांग्रेस पार्टी में एक भी ऐसी नेता नहीं है। सभी बीजेपी की महिला नेता हैं। ऐसे लोगों को डिबेट में बुलाते ही क्यों हैं इस पूरे घटनाक्रम को लेकर सुप्रिया श्रीनेत सोशल मीडिया पर ट्रोल हो गईं। यूजर @NaSukoon ने लिखा कि यह महिला पहले भी कई बार अपनी हदें पार कर चुकी है। समझ में नहीं आता कि ऐसे लोगों को डिबेट में क्यों बुलाया जाता है। यूजर @Makhanlal2 ने लिखा कि ये कांग्रेस की थर्ड ग्रेड की प्रतिनिधि हैं। ये बेशर्मी की हद है, डिबेट से बॉयकाट करोयूजर @jain_kabita ने कहा कि ये बेशर्मी की हद है। ऐसे लोगों को नेशनल टेलीविजन में अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। भगवान के लिए, ऐसे चैनलों से अनुरोध करें - उन्हें आमंत्रित करना बंद करें। कई बार उनकी बेशर्म बातें देखीं। यूजर मयंक ने लिखा कि बिल्कुल बकवास। यही कारण है कि वह कांग्रेस पार्टी की आधिकारिक प्रवक्ता हैं। यह उनकी मानसिकता को दर्शाता है। जैसे-जैसे हर दिन खत्म हो रहा है, कांग्रेस पार्टी का सम्मान कम होता जाता है। उनका डिबेट से बहिष्कार करें ।


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स्मृति ईरानी की जासूसी का आरोप... टीवी पर भिड़ पड़े संबित पात्रा और कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत https://ift.tt/3ljGyQ2 स्मृति ईरानी की जासूसी का आरोप... टीवी पर भिड़ पड़े संबित पात्रा और कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत
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झपटमारी से मोस्ट वॉन्टेड, दुबई से इशारा कर दिल्लीवालों की उड़ाता था नींद... जनिए कौन है काला जठेड़ी https://ift.tt/2WGxACg

नई दिल्ली राजधानी दिल्ली और हरियाणा सहित आधा दर्जन राज्यों की पुलिस ने राहत की सांस ली है। इसकी वजह है 7 लाख के इनामी मोस्ट वॉन्टेड बदमाश संदीप काला उर्फ की गिरफ्तारी। लंबे समय से जरायम की दुनिया में सक्रिय काला जठेड़ी का नाम दिल्ली में हुई पहलवान सागर धनखड़ की हत्या के बाद अचानक से सुर्खियों में आया था। जेल में बंद सुशील कुमार ने भी जठेड़ी से जान को खतरा बताया था। दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड में आपराधिक गतिविधियों की वजह से सिरदर्द बन चुका काला जठेड़ी की तलाश काफी समय से पुलिस को थी। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने शुक्रवार को गैंगस्टर काला जठेड़ी को उत्तर प्रदेश के सहारनपुर से धर दबोचा। इसके साथ ही काला की सहयोगी लेडी डॉन अनुराधा को भी गिरफ्तार कर लिया गया है। हत्या, फिरौती, प्रॉपर्टी पर कब्जा...दाएं हाथ का खेल हरियाणा के सोनीपत जिले के जठेड़ी गांव के निवासी काला ने पिछले करीब 15-16 साल के दौरान आपराधिक दुनिया में तेजी से कदम बढ़ाया। हत्या, अपहरण, लूट, फिरौती, जमीन पर कब्जे जैसे कामों में लिप्त काला जठेड़ी के गैंग में सैकड़ों की संख्या में शूटर शामिल हैं। हरियाणा पुलिस ने उस पर घोषित इनाम की राशि को बढ़ाकर 7 लाख कर दिया था। वहीं दिल्ली पुलिस ने भी उस पर मकोका लगा रखा है। झपटमारी से शुरू कर मोस्ट वॉंटेड बन गया भारत से बाहर दुबई और मलेशिया में बैठकर गैंग ऑपरेट करने वाला जठेड़ी 12वीं पास है। उसने पहले केबल ऑपरेटर का काम शुरू किया लेकिन जल्द ही जुर्म की दुनिया की तरफ मुड़ गया। साल 2004 में जठेड़ी के खिलाफ झपटमारी का केस दर्ज हुआ था। फिर कुछ साल बाद ही हरियाणा के सांपला और फिर गोहाना में हुई हत्याओं में उसका नाम आ गया और फिर उसने मुड़कर नहीं देखा। सुशील कुमार ने बताया जान का खतरा रेसलर से गैंगस्टर बन गए सुशील कुमार ने भी दिल्ली में जमीन की खरीद फरोख्त सहित अन्य काले कामों के लिए जठेड़ी के साथ हाथ मिला लिया था। लेकिन बाद में दोनों में दुश्मनी हो गई। दिल्ली के स्टेडियम में पहलवान सागर धनखड़ की पिटाई के बाद मौत मामले में सुशील गिरफ्तार हो गए। सागर के साथ सोनू महाल नामक शख्स की भी पिटाई हुई थी, जो रिश्ते में काला जठेड़ी का भांजा होने के साथ ही दाहिना हाथ भी माना जाता है। से दुश्मनी, लॉरेंस का साथ तिहाड़ में बंद कुख्यात नीरज बवाना के दुश्मन काला जठेड़ी के खौफ का आलम क्या है, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि सुशील ने गिरफ्तारी के बाद उससे जान का खतरा बताया था। जठेड़ी गैंग की नजर दिल्ली-एनसीआर की विवादित संपत्तियों पर रहती है। उसे पंजाब-राजस्थान के कुख्यात का साथ भी हासिल है। फिल्मी अंदाज में छुड़ा ले गए थे गुर्गे पिछले साल 2 फरवरी 2020 को गुड़गांव पुलिस संदीप उर्फ काला जठेड़ी को फरीदाबाद अदालत में पेशी के लिए लेकर आई थी। उसे वापस ले जाने के दौरान गुड़गांव मार्ग पर बदमाशों ने पुलिस की बस को घेरकर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाकर काला जठेड़ी को छुड़ा लिया था। इस मामले में डबुआ थाने में मुकदमा दर्ज हुआ। तभी से काला जठेड़ी फरार था। नेपाल के रास्ते दुबई निकलने की आशंका जताई गई थी।


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शिष्य कहा तो भड़क गया...फिर 'गुरुदक्षिणा' में मिले लात-घूंसे और छुरी के घाव https://ift.tt/3rK9aDb

बेंगलुरु अगली बार किसी को अपना शिष्य कहने से पहले कई बार सोचिएगा। खास तौर से तब जब सामने वाले शख्स का आपराधिक इतिहास हो। अगर फिर भी आप ऐसा करते हैं तो गुरुदक्षिणा के रूप में खतरनाक अंजाम भुगतने के लिए तैयार रहिए। घर के बाहर बैठा था आरोपी, मजाक में कहा शिष्य बेंगलुरु के बेगुरु कस्बे में रहने वाले 20 साल के विजय पर पड़ोसी भारत और उसके ही परिवार वालों ने बुरी तरह हमला कर दिया। बताया जा रहा है कि विजय ने मजाक-मजाक में भारत को शिष्य कहा था। पुलिस का कहना है कि दोपहर तीन बजे के करीब यह घटना हुई। देवराचिकन्नाहल्ली की जनता कॉलोनी में विजय का घर है। वह अपने चचेरे भाई के साथ दोस्तों से मिलने निकला था। इसी दौरान विजय ने देखा कि भारत अपने घर के बाहर बैठा है। विजय ने हमारे सहयोगी अखबार बेंगलुरु मिरर को बताया, 'हत्या का आरोपी होने के साथ-साथ भारत इलाके में अपनी दबंग छवि के लिए कुख्यात है।' शिष्य कहने पर दीं गालियां, छुरी से घातक हमला विजय हल्के मूड में भारत के पास गया और उसे शिष्य कहकर पुकारा। शिष्य का संबोधन सुनते ही भारत भड़क उठा। इसके बाद उसने विजय पर अपशब्दों की बौछार कर दी। जब विजय ने कहा कि उसने मजाक में ऐसा कहा था तो भारत ने छुरी से हमला कर दिया। उसने विजय के सिर पर ताबड़तोड़ वार किए। इस हमले से बुरी तरह घायल विजय को तीन गहरे घाव हुए हैं। झगड़े की आवाज सुनकर भारत का छोटा भाई शरत भी घर से बाहर निकल आया और उसने लकड़ी के एक डंडे से विजय की पिटाई की। हमले में बुरी तरह लहूलुहान होकर विजय सड़क पर गिर गया। आरोपी के भाई और पिता ने भी चलाए लात-घूंसे इसके बाद भारत और शरत के पिता भी घर से बाहर निकले और पिटाई करते हुए लात-घूंसा चलाया। जब बेसुध विजय नीचे गिर गया, तब कहीं जाकर तीनों वहां से हटे। इसके बाद चचेरे भाई ने दोस्तों और परिवार के लोगों को मौके पर बुलाया और इलाज के लिए एक निजी अस्पताल लेकर गए। पीड़ित विजय के परिवार ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। एक रिश्तेदार ने बताया, ' हालांकि हमने पुलिस अफसरों से भारत के खिलाफ हत्या के प्रयास की शिकायत की थी लेकिन पुलिस ने तीनों आरोपियों पर घातक हथियार और आपराधिक इरादे से हमला करने के साथ ही अन्य धाराओं में केस दर्ज किया। इसके बाद उन्हें छोड़ दिया गया।'


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शिष्य कहा तो भड़क गया...फिर 'गुरुदक्षिणा' में मिले लात-घूंसे और छुरी के घाव https://ift.tt/3rK9aDb शिष्य कहा तो भड़क गया...फिर 'गुरुदक्षिणा' में मिले लात-घूंसे और छुरी के घाव
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पुलवामा में ही ढेर पुलवामा की साजिश रचने वाला 'लंबू', मसूद अजहर का है रिश्तेदार https://ift.tt/3j4sash

श्रीनगर कश्‍मीर के पुलवामा में मारे गए दो आतंकवादियों में से एक की पहचान हो गई है। वह कुख्‍यात आंतकवादी मसूद अजहर के परिवार से था और जैश ए मोहम्‍मद का सदस्‍य था। दूसरे आतंकवादी की पहचान होनी अभी बाकी है। 24 घंटे से चल रहे सर्च ऑपरेशन के दौरान शनिवार को हुए एनकाउंटर में ये दोनों सुरक्षाबलों की जवाबी फायरिंग में मारे गए थे। कश्‍मीर के आईजी विजय कुमार ने बताया कि शनिवार के एनकाउंटर में मारे गए आतंकवादी का नाम मोहम्‍मद इस्‍माइल अलवी उर्फ लंबू उर्फ अदनान है। वह पुलवामा में सीआरपीएफ काफिले पर हमले की साजिश में शामिल था। उन्‍होंने बताया कि फिदायीन हमले वाले दिन तक यह आदिल डार के साथ रुका रहा। आईजी ने कहा जुनैदपुरा में 2019 में हुए हमले में लंबू का हाथ था। इस्‍माइल अलवी का नाम पुलवामा के लेथपोरा में हुए इस आत्‍मघाती हमले के बाद एनआईए की चार्जशीट में भी आया था। यह हमला 14 फरवरी 2019 को हुआ था। इस हमले में सीआरपीएफ के 40 जवानों की शहादत हुई थी। दो साल पहले हुआ था हमला दो साल पहले 14 फरवरी 2019 दोपहर करीब 3 बजे जम्‍मू-कश्‍मीर में एक ऐसा आतंकवादी हमला हुआ ज‍िससे पूरा देश दहल उठा। पुलवामा में जैश-ए-मोहम्‍मद के एक आतंकवादी ने सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स (सीआरपीएफ) के जवानों के काफिले में चल रही एक बस में विस्‍फोटक से भरी कार टकरा दी। इस आत्‍मघाती हमले में 40 जवान शहीद हुए। पूरा देश उठ खड़ा हुआ था पुलवामा हमले में जवानों की शहादत के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा था- मेरे दिल में भी वैसी ही आग है, जैसी आपके दिल में हे। सभी आंसुओं का बदला लिया जाएगा।' देश भर में इस कायराना हमले के खिलाफ प्रदर्शन हुए। लोगों ने एक ओर नम आंखों से शहीदों को श्रद्धांजलि दी वहीं दूसरी तरफ इसका मुंहतोड़ जवाब देने की पुरजोर मांग भी उठी। 12 दिन बाद लिया था 'बदला'इस हमले के बाद भारत ने जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित कराने के लिए कूटनीतिक प्रयास शुरू किया था। पुलवामा हमले के 12 दिन बाद सुबह जब देश के लोगों की आंखें खुली तो वे खुशी से झूम उठे। 26 फरवरी को तड़के इंडियन एयर फोर्स के लड़ाकू विमान पाकिस्तान के बालाकोट स्थित जैश-ए-मोहम्मद के कैंप पर बम बरसाकर लौट चुके थे। एयर स्ट्राइक में बड़ी संख्या में आतंकवादी, ट्रेनर और सीनियर कमांडर मारे गए। इस कैंप को मसूद अजहर का साला मौलाना युसूफ अजहर संचालित कर रहा था।


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पुलवामा में ही ढेर पुलवामा की साजिश रचने वाला 'लंबू', मसूद अजहर का है रिश्तेदार https://ift.tt/3j4sash पुलवामा में ही ढेर पुलवामा की साजिश रचने वाला 'लंबू', मसूद अजहर का है रिश्तेदार
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झारखंड में रफ्तार का कहर : पुल से नीचे गिरी कार, तीन की मौत https://ift.tt/3rH6hTO

रवि सिन्हा, जामताड़ा झारखंड के जामताड़ा में एक अनियंत्रित कार पुल से नीचे नदी में जा गिरी। इस हादसे में कार सवार तीन लोगों की मौत हो गई, जबकि एक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गया। उसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। हादसा नारायणपुर थाना इलाके में शुक्रवार देर रात में हुआ। बताया जा रहा कि कार सवार लोग रांची से भागलपुर जा रहे थे। रांची से भागलपुर जा रहे थे, तभी कार हुई हादसे का शिकारजानकारी के अनुसार, चार लोग कार में रांची से भागलपुर के लिए निकले थे। इसी दौरान नारायणपुर थाना इलाके के कर्माटांड-नारायणपुर मुख्य मार्ग के पास लोहारंग पुल के पास यह हादसा हुआ। बताया गया कि लोहारंग पुल के समीप घुमावदार मोड़ पर कार अनियंत्रित हो गई और पुल के नीच जा गिरी। इस हादसे में दो लोगों की घटनास्थल पर ही मौत हो गई, वहीं एक शख्स पानी के तेज बहाव में बह गया। हादसे में तीन लोगों की मौत, एक का चल रहा अस्पताल में इलाजहादसे के बाद वहां से गुजर रही एक बारात में जा रही गाड़ी के लोगों ने तुरंत ही नारायणपुर थाने को दुर्घटना की सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने दो लोगों के शव को निकाल लिया। वहीं एक व्यक्ति जिंदा था, जिसे इलाज के लिए अस्पताल भेजा गया। इस बीच एक युवक की तलाश के लिए सर्च ऑपरेशन चलाया गया। शनिवार की सुबह कार में सवार चौथे युवक का शव भी बरामद हुआ। युवक का शव घटनास्थल से करीब एक-डेढ़ किलोमीटर दूर नदी से बरामद किया गया।


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झारखंड में रफ्तार का कहर : पुल से नीचे गिरी कार, तीन की मौत https://ift.tt/3rH6hTO झारखंड में रफ्तार का कहर : पुल से नीचे गिरी कार, तीन की मौत
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कुछ देशों की सरकारें नहीं कर पाएंगी पेगासस का इस्तेमाल, इस्राइल के दबाव के बाद NSO ने उठाया कदम https://ift.tt/3C2Qkfe

एनबीटी न्यूजडेस्क स्पाईवेयर पेगासस बनाने वाली कंपनी एनएसओ ग्रुप को लेकर बड़ी खबर आ रही है। इस्राइल की साइबर सिक्योरिटी फर्म एनएसओ ने दुनिया भर की सरकारों को पेगासस स्पायवेयर बेचने पर रोक लगा दी है। ये जानकारी अमेरिकी मीडिया कंपनी एनपीआर को एनएसओ ग्रुप के ही एक कर्मचारी ने दी है। हालांकि कंपनी के कर्मचारी ने यह जानकारी नहीं दी है कि किन सरकारों को कंपनी ने यह स्पायवेयर बेचा है और किन पर यह रोक लगाई गई है। कंपनी की ओर से यह फैसला इजरायल की अथॉरिटीज की ओर से एनएसओ के दफ्तर पर जांच के लिए पहुंचने के एक दिन बाद लिया गया है। स्पाइवेयर के गलत इस्तेमाल के बाद पेगासस की बिक्री बंद एनपीआर की रिपोर्ट के मुताबिक एनएसओ ने कहा है उसने स्पाइवेयर के गलत इस्तेमाल के बाद पेगासस की बिक्री बंद कर दी है। कंपनी ने एक कर्मचारी ने नाम ना बताने की शर्त पर यह जानकारी दी है। एनएसओ कंपनी का कहना है कि वह इससे पहले भी कुछ देशों की एजेंसियों को पेगासस का गलत इस्तेमाल करने पर सेवाएं देने से रोक चुका है। इसमें 5 सरकारी एजेंसियां शामिल हैं। क्लाइंट लिस्ट में 40 देशों के 60 कस्टमर वॉशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, ये एजेंसियां सऊदी अरब, दुबई और मैक्सिको की हैं। एनएसओ ने फिर दावा किया कि वो पेगासस स्पाईवेयर की सुविधा सिर्फ संप्रभु देशों या उसकी एजेंसियों को ही उपलब्ध कराती है। उनकी क्लाइंट लिस्ट में 40 देशों के 60 कस्टमर हैं। ये सभी खुफिया एजेंसियां, सुरक्षा एजेंसियां और सेनाएं हैं। कंपनी ने जोर दिया कि वो पेगासस की सेवाएं आतंकवाद और अपराध से लड़ने के लिए देशों को उपलब्ध करा रहे हैं। लेकिन हाल की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि सॉफ्टवेयर कई आम लोगों के मोबाइल फोन में भी पाया गया है। रिपोर्ट में 50,000 फोन नंबरों की जासूसी का खुलासा बता दें हाल ही में फॉरबिडेन स्टोरीज और मानवाधिकार संस्था एमनेस्टी इंटरनेशनल समेत 17 मीडिया संस्थानों की रिपोर्ट में कहा गया है कि पेगासस के जरिए 50 देशों में पत्रकारों, नेताओं, कार्यकर्ताओं और कारोबारियों से जुड़े 50,000 फोन नंबरों की जासूसी कराई गई। इनमें 189 मीडियाकर्मी, 600 से ज्यादा नेता और सरकारी कर्मचारी, 65 कारोबारी अधिकारी और 85 मानवाधिकार कार्यकर्ता शामिल हैं, जिनके फोन पर नजर रखी गई। फ्रांस के दो पत्रकारों का हैक हुआ था फोनपेगासस सॉफ्टवेयर को लेकर फ्रांस में बड़ा खुलासा हुआ है। फ्रांसीसी साइबर सिक्योरिटी एजेंसी के मुताबिक वहां पर दो पत्रकारों के फोन की जासूसी पेगासस के जरिए की गई थी। जिन दो पत्रकारों का फोन हैक होने की बात सामने आई है, उनके नाम हैं लीनेग ब्रेडॉक्स और एड्वी प्लेनेल। इन दोनों का नाम एमनेस्टी इंटरनेशनल की सिक्योरिटी लैब की रिपोर्ट में था।


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कुछ देशों की सरकारें नहीं कर पाएंगी पेगासस का इस्तेमाल, इस्राइल के दबाव के बाद NSO ने उठाया कदम https://ift.tt/3C2Qkfe कुछ देशों की सरकारें नहीं कर पाएंगी पेगासस का इस्तेमाल, इस्राइल के दबाव के बाद NSO ने उठाया कदम
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'जिनको कोरोना नहीं हुआ, वही हैं निशाने पर, 40 करोड़ लोगों पर अभी खतरा मंडरा रहा' https://ift.tt/3zOItQw

नई दिल्ली पिछले दिनों आईसीएमआर का सीरो सर्वे आया, जिससे पता लगा कि भारत की 68 फीसदी आबादी कोविड से संक्रमित हो चुकी है और तकरीबन 40 करोड़ लोगों पर अभी खतरा मंडरा रहा है। इस बीच वैक्सीन को लेकर भी लोगों की दुविधा देखने को मिल रही है। ऐसे तमाम मसलों पर आईसीएमआर के महामारी विज्ञान और संक्रामक रोग विभाग के हेड डॉ. समीरन पांडा से राहुल पाण्डेय ने बात की।
  1. हालिया सीरो सर्वे में 68 फीसदी आबादी के कोविड संक्रमित होने की बात कही गई है। इससे तीसरी लहर को लेकर क्या मतलब निकाला जाए? क्या वह दूसरी लहर से कम खतरनाक होगी?68 प्रतिशत लोगों में एंटीबॉडी मिलने का मतलब है कि सौ आदमी में से 68 को इन्फेक्शन हो चुका है, इसलिए एंटीबॉडी तैयार हुई। ऐसा भी हो सकता है कि उस 68 फीसदी में कुछ लोगों ने वैक्सीन ले रखी हो, इस वजह से एंटीबॉडी तैयार हुई। बाकी रह गए 32 प्रतिशत, तो इस 32 प्रतिशत में एंटीबॉडी नहीं आई है। इनमें लड़ने की क्षमता पैदा नहीं हुई है, क्योंकि इनको संक्रमण नहीं हुआ है और वैक्सीन भी नहीं लगी है। इन पर संक्रमण का खतरा मंडरा रहा है।
  2. इनकी पहचान का कोई तरीका है कि ये 32 फीसदी लोग कौन हो सकते हैं?यह बहुत बड़ा देश है। मास बेस में इसे अलग-अलग तरीके से देखते हैं। जब दूसरी लहर आई थी, तो पूरे देश में हुए संक्रमण का 80 प्रतिशत दस राज्यों से आया था। देश में 19 राज्य ऐसे थे, जिनमें वैसा संक्रमण नहीं फैला, जैसा कि दिल्ली में या फिर महाराष्ट्र में पाया गया था। तो इन तमाम राज्यों में जो लोग हैं, उनमें एक आशंका जरूर है। यहां मैं दो चीजें कहना चाहूंगा। 32 प्रतिशत यानी लगभग 40 करोड़ लोग। इन 40 करोड़ लोगों में एंटीबॉडी नहीं है। ये बहुत सारे राज्यों में फैले हुए हैं। तो जिस जिस राज्य में दूसरी लहर इतनी ऊंचाई तक नहीं गई, संक्रमण उतना नहीं फैला, वहां अगर तीसरी लहर आती है तो डर तो है ही, जोखिम भी है। इन राज्यों में जरूर सावधानी बरतनी चाहिए।
  3. देश में अगस्त से दिसंबर के बीच तीसरी लहर के आने की भविष्यवाणी की जा रही है। कुछ जानकारों ने उन मॉडलों पर भी सवाल उठाए हैं, जिनके आधार पर ऐसे अनुमान लगाए जा रहे हैं...यह भविष्यवाणी की बात नहीं है। यह मॉडलिंग एक्सरसाइज है। मान लीजिए कि हिमाचल प्रदेश में दूसरी लहर के बाद पिछले दिनों बहुत सारे टूरिस्ट चले गए। जिसको हम पॉप्युलेशन डेंसिटी कहते हैं, वहां वह अचानक बढ़ गई, तो उधर संक्रमण फैलने के चांस भी बढ़ गए। यह भविष्यवाणी नहीं है, विज्ञान है। जिस राज्य में पहली या दूसरी लहर में ज्यादा संक्रमण नहीं हुआ, उस राज्य में जरूर जोखिम है।
  4. हाल में यह खबर भी आई है कि वैक्सीन की दोनों डोज लेने के बावजूद कुछ लोग डेल्टा वैरिएंट से संक्रमित हुए। इस मुश्किल को रोकने के लिए क्या किया जा सकता है?अभी देश में डेल्टा वैरिएंट फैल रहा है तो इसके लिए भी वही सावधानियां रखनी होंगी, जो कोरोना के लिए रखते हैं। कोविड का जो टीका है, वह आपको संक्रमण से लड़ने की ताकत तो देता है, लेकिन वह संक्रमण को रोकता नहीं है। आपने टीका लगवा लिया, उसके बाद अगर आपको संक्रमण हो गया तो वह गंभीर नहीं होगा। आपको अस्पताल में एडमिट होने, ऑक्सिजन या इंजेक्शन लगवाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। लेकिन संक्रमण फिर भी आपको हो सकता है, और आपसे दूसरों में फैल भी सकता है। इसलिए मास्क तो हमेशा लगाए रहना चाहिए।
  5. दूसरी लहर में कुछ लोग बार-बार ऑक्सिमीटर इस्तेमाल करते थे, यह देखने के लिए कि शरीर में ऑक्सिजन लेवल क्या है। ऐसे ही देखने में आ रहा है कि लोग अपना एंटीबॉडी लेवल भी चेक करा रहे हैं। ऐसे लोगों के लिए कोई सलाह?अमेरिका का जो एफडीए है, उसका और हमारा यही कहना है कि वैक्सीन लगवाने के बाद किसी को अपनी एंटीबॉडी की जांच कराने की जरूरत नहीं है। जब टीका लगाते हैं तो शरीर में दो किस्म की लड़ने की क्षमता आती है। एक है एंटीबॉडी मिडियेटेड इम्यूनिटी, जो टीके से मिलती है, और एक है सेल मिडियेटेड इम्युनिटी, जो शरीर डिवेलप करता है। इन दोनों को न नापकर अगर सिर्फ एंटीबॉडी नापते हैं और उसके नंबरों से परेशान होते हैं तो यह नहीं करना चाहिए।
  6. कॉकटेल वैक्सीन की भी दुविधा है। दोनों वैक्सीन एक ही कंपनी की लगवाएं या अलग-अलग कंपनियों की?अभी तक अपने देश में मिक्स वैक्सिनेशन का कोई निर्देश जारी नहीं हुआ है और न ही इसके बारे में कोई ठोस सबूत निकलकर आया है। मेरी सलाह है कि इसके बारे में ज्यादा नहीं सोचना है।
  7. ये भी कहते हैं कि जिनको नैचरल इम्यूनिटी है, उनको टीके की जरूरत नहीं है...यह भी एक गलत बात है। हमें मानना चाहिए कि टीका सबको लगवाना ही पड़ेगा। किसी में यह क्षमता नहीं है कि वह कोविड से गारंटी से सुरक्षित रह सकता है। विज्ञान कहता है कि ऐसा कोई केस नहीं है कि महामारी के इस दौर में किसी को कोविड नहीं होगा। इसलिए टीका तो सबको लगवाना चाहिए।


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'जिनको कोरोना नहीं हुआ, वही हैं निशाने पर, 40 करोड़ लोगों पर अभी खतरा मंडरा रहा' https://ift.tt/3zOItQw 'जिनको कोरोना नहीं हुआ, वही हैं निशाने पर, 40 करोड़ लोगों पर अभी खतरा मंडरा रहा'
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'अब बदलेगा भारत, बनेगा नवभारत' क्योंकि कल से आ रहा है टाइम्स नाउ नवभारत https://ift.tt/2VoJxvx

नई दिल्लीक्या आप उस हिंदी न्यूज चैनल की तलाश में हैं, जिसमें शोर नहीं हो, सिर्फ पैनी पत्रकारिता हो, संतुलित विश्लेषण और भरोसेमंद खबरें हों। घिसे-पिटे समाचार फॉर्मेट से बिलकुल अलग आम बातचीत की शैली में कार्यक्रमों और खबरों को दिखाया जाए। तो तैयार हो जाएं, 'टाइम्स नेटवर्क' के हिंदी समाचार चैनल '' का एचडी प्रसारण रविवार यानी 1 अगस्त से शुरू होने जा रहा है। लोगों से जुड़े मुद्दों पर होगा फोकस 'टाइम्स नाउ नवभारत' ऐसे मुद्दों पर फोकस करेगा, जो सीधे लोगों को प्रभावित करते हैं। चैनल का वादा है कि उसकी शानदार विजुअल और साउंड क्वालिटी की बदौलत दर्शकों को समाचार देखने का एक बेहतरीन अनुभव हासिल होगा। चैनल की टैगलाइन 'अब बदलेगा भारत, बनेगा नवभारत' होगी जिसे गीतकार प्रसून जोशी ने लिखा है। चैनल की कमान प्रधान संपादक के रूप में वरिष्ठ पत्रकार नाविका कुमार के हाथ में होगी। टाइम्स नेटवर्क के एमडी और सीईओ एमके आनंद ने कहा कि खबरों में समाज को बदलने और उसे बेहतर बनाने की शक्ति होती है। हमने टाइम्स नाउ के साथ इंग्लिश न्यूज की दुनिया में एक खास मुकाम बनाया है। अब टाइम्स नाउ नवभारत के साथ हम हिंदी क्षेत्र में धमाका करने जा रहे हैं। ऐतिहासिक लॉन्‍च का जश्‍न मनाने के लिए नेटवर्क ने हिंदी के बाजारों में एक जबर्दस्‍त मार्केटिंग कैम्‍पेन की योजना बनाई है। दर्शकों को मिलेंगे धारदार प्रोग्राम टाइम्स नाउ नवभारत ने 7 प्राइम टाइम शोज लॉन्च किए हैं, जिन्‍हें सुशांत सिन्हा, पद्मजा जोशी, अंकित त्यागी और मीनाक्षी कंडवाल सहित दमदार एंकर्स पेश करेंगे। प्राइम टाइम शोज में शाम 5 बजे राष्ट्रवाद, शाम 6 बजे लोग तंत्र, शाम 7 बजे धाकड़ एक्सक्लूसिव, रात 8 बजे सवाल पब्लिक का, रात 9 बजे न्यूज़ की पाठशाला और रात 10 बजे ओपिनियन इंडिया शामिल हैं। बता दें कि 'टाइम्स नेटवर्क' 'टाइम्स ग्रुप' का हिस्सा है जिसके तहत अंग्रेजी चैनल 'टाइम्स नाउ', हिंदी अखबार 'नवभारत टाइम्स', अंग्रेजी पेपर 'टाइम्स ऑफ इंडिया' और 'इकॉनमिक टाइम्स' समेत अन्य मीडिया चैनल और अखबार आते हैं।


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ब्लॉगः इन्फेक्शन से बचने को प्लेन बुक कर जा रहे विदेश, हवाई सफर में पर्सनल क्यों हो गए ये लोग? https://ift.tt/eA8V8J

अगर कोई दिल्ली या मुंबई से दुबई जाने के लिए प्राइवेट प्लेन बुक करता है तो उसे 37 लाख रुपये खर्च करने पड़ते हैं। मुंबई-लंदन-मुंबई के लिए यह खर्च 40 लाख और बेंगलुरु-सिंगापुर-बेंगलुरु के लिए 45 लाख रुपये है

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मिजोरम CM का दावा- पहले असम पुलिस ने चलाई गोली, शांत‍ि से समाधान न‍िकालने की वकालत https://ift.tt/3fe7qgs

नई द‍िल्‍ली असम और मिजोरम के बीच अंतरराज्यीय सीमा पर सुरक्षा बलों को तैनात किए जाने पर बयानबाजी भी शुरू हो गई है। मिजोरम के मुख्यमंत्री ज़ोरामथांगा की तरफ से कहा गया है क‍ि असम पुलिस ने पहले गोली चलाई थी। साथ ही सीएम ने दोनों राज्‍यों के बीच शांति से बातचीत के जरिए समाधान निकलने की बात कही है। उधर, असम के मुख्‍यमंत्री ने भी पलटवार क‍िया है। दरअसल असम और मिजोरम के बीच कुछ दिन पहले सीमा के निकट हिंसक झड़प हुई थी, जिसमें छह पुलिसकर्मियों और एक आम निवासी की मौत हो गई थी। असम पुलिस ने मिजोरम से राज्यसभा के इकलौते सदस्य के. वनलालवेना को अंतराज्यीय सीमा पर हुई हिंसा की 'साजिश' में कथित संलिप्तता के बारे में पूछताछ के लिए एक अगस्त को बुलाया है। असम पुलिस ने यह भी कहा कि वह सोमवार को सीमा पर हुई हिंसा को लेकर कथित रूप से 'भड़काऊ' बयान देने के वाले वनलालवेना के खिलाफ 'कानूनी कार्रवाई' भी कर सकती है। उस हिंसा में पांच पुलिसकर्मियों और एक व्यक्ति की मौत हो गई थी। द‍िल्‍ली में सांसद के घर पहुंची असम पुल‍िस आधिकारिक सूत्रों के अनुसार दिल्ली आई असम पुलिस सीआईडी की एक टीम वनलालवेना को खोजने उनके आवास और मिजोरम सदन गई, लेकिन वह वहां नहीं मिले। सूत्रों ने कहा कि माना जा रहा है कि वनलालवेना टीम से बच रहे हैं। सांसद की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली। मिजोरम के रेजिडेंट कमिश्नर ने असम पुलिस की जांच में शामिल होने के लिए वनलालवेना को दिए गए किसी भी नोटिस को प्राप्त करने से इनकार कर दिया, इसलिए सीआईडी टीम ने उनके आवास पर नोटिस चिपकाया है। असम पुल‍िस ने नोट‍िस में कही ये बात असम पुलिस के नोटिस में कहा गया है, 'पता चला है कि आपने घटना के संबंध में मीडिया में सिविल और पुलिस अधिकारियों को निशाना बनाते हुए धमकी भरा बयान दिया है जो जांच का विषय है। इसलिए, तथ्यों और परिस्थितियों का पता लगाने के लिए आपसे पूछताछ की जानी है।' मिजोरम के सांसद को असम के कछार जिले के ढोलई पुलिस थाने के प्रभारी अधिकारी के सामने एक अगस्त को सुबह 11 बजे पेश होने के लिए कहा गया है। दोनों राज्‍यों के बीच शांत‍ि की अपील पूर्वोत्तर सांसद फोरम ने शुक्रवार को असम और मिजोरम की सरकारों से अपनी अंतरराज्यीय सीमा पर शांति सुनिश्चित करने की अपील की और क्षेत्र के लोगों से एकजुटता एवं भाईचारे के साथ रहने का भी आग्रह किया। पूर्वोत्तर सांसद फोरम (नॉर्थ ईस्ट एमपी फोरम) के अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू तथा फोरम के महासचिव और शिलांग से सांसद विंसेंट एच पाला ने एक संयुक्त बयान में दोनों राज्यों से लंबे समय से लंबित सीमा विवाद को सुलझाने के ईमानदार उद्देश्य के साथ आगे आने की अपील की।


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मिजोरम CM का दावा- पहले असम पुलिस ने चलाई गोली, शांत‍ि से समाधान न‍िकालने की वकालत https://ift.tt/3fe7qgs मिजोरम CM का दावा- पहले असम पुलिस ने चलाई गोली, शांत‍ि से समाधान न‍िकालने की वकालत
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गलत नजीर बनेगी... PM के खिलाफ पोस्टर पर FIR रद्द करने से सुप्रीम कोर्ट का इनकार https://ift.tt/2VinaYL

नई दिल्ली सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि वैक्सीनेशन ड्राइव के मामले में पीएम के खिलाफ आलोचनात्मक टिप्पणी वाले पोस्टर लगाने के मामले में दर्ज एफआईआर, किसी तीसरे पक्ष के आग्रह पर खारिज नहीं किया जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि ऐसा करने से ये गलत नजीर बन जाएगी। सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को अर्जी वापस लेने की इजाजत दे दी। पिछली सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा था कि वह उन केस का डिटेल पेश करें जिनमें वैक्सीनेशन ड्राइव से संबंधित मामले में पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ आलोचनात्मक टिप्पणी वाले पोस्टर लगाने के कारण केस दर्ज हुआ है या फिर किसी की गिरफ्तारी हुई है। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अगुआई वाली बेंच ने कहा कि तीसरे पक्ष की ओर से इस मामले में एफआईआर रद्द करने की जो दलील दी गई है , उस आधार पर अगर केस रद्द किया जाता है तो यह गलत नजीर बनेगा। याचिकाकर्ता वकील प्रदीप कुमार यादव को सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस चंद्रचूड़ की बेंच ने इस बात की इजाजत दे दी कि वह अर्जी वापस ले सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जिनके खिलाफ एफआईआर दर्ज है अगर वह पीड़ित पक्ष एफआईआर रद्द करने की गुहार लगाता है तो मौजूदा मामले मेंं दिया गया फैसला उसमें आड़े नहीं आएगा। सुप्रीम कोर्ट में याचिकाकर्ता वकील प्रदीप यादव ने इस मामले से संबंधित केस का ब्यौरा पेश किया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम इस मामले में कैसे तय करें कि जो आपने ब्यौरा दिया है वह डिटेल ठीक है। हम तीसरे पक्ष की ओर से लगाई गई गुहार पर केस रद्द करने का आदेश पारित नहीं कर सकते। यह आदेश अपवाद वाले मामले में होता है। जैसे अगर किसी तीसरे पक्ष के तौर पर पैरंट्स अप्रोच करते हैं तो आदेश पारित होता है। तीसरे पक्ष के कहने पर अगर एफआईआर रद्द करने का आदेश हुआ तो गलत नजीर बन जाएगी। पीएम के टीकाकरण नीति पर सवाल उठाते हुए पोस्टर लगाने वालों के खिलाफ दर्ज एफआईआर रद्द करने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाई गई थी। सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अर्जी में कहा गया था कि लोगों से सरोकार वाली अभिव्यक्ति मौलिक अधिकार है और ऐसे में पोस्टर लगाने वाले लोगों के खिलाफ दर्ज केस अवैध है और तमाम केस रद्द होना चाहिए और आगे ऐसे मामले में केस दर्ज न करने का भी निर्देश जारी किया जाए। सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली बेस्ड वकील प्रदीप कुमार यादव ने रिट दाखिल कर गुहार लगाई थी कि इस मामले से संबंधित तमाम केस रद्द किए जाएं। याचिका में कहा गया था कि दिल्ली में दो दर्जन ऐसे केस दर्ज किए गए हैं और 24 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इस मामले में विचार और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का हवाला दिया गया था और कहा गया था कि देश के हर नागरिक को विचार अभिव्यक्ति की आजादी मिली हुई है और जो पब्लिक सरोकार से संबंधित मामले में विचार अभिव्यक्ति करता है वह मौलिक अधिकार है।


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गलत नजीर बनेगी... PM के खिलाफ पोस्टर पर FIR रद्द करने से सुप्रीम कोर्ट का इनकार https://ift.tt/2VinaYL गलत नजीर बनेगी... PM के खिलाफ पोस्टर पर FIR रद्द करने से सुप्रीम कोर्ट का इनकार
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Himachal Pradesh Landslide Sirmour


Himachal Pradesh Sirmour Landslide 30 July 2021
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तालाब, कुआं, झील को गंदा करने वाला नर्क में जाएगा...जब एनजीटी ने वेद, पुराण का हवाला दिया https://ift.tt/3lcRZJj

नई दिल्ली नेशनल ग्रीन ट्राइब्यूनल (NGT) ने शुक्रवार को वेदों और पुराणों का हवाला देते हुए कहा कि जो व्यक्ति तालाब, कुआं और झील का पानी प्रदूषित करता है वह नर्क में जाता है। ट्राइब्यूनल ने कहा कि पर्यावरण का संरक्षण पश्चिम का अनूठा विचार या कुछ ऐसी चीज नहीं है जो कुछ दशक पहले या कुछ सदी पहले आई हो। एनजीटी ने कहा, ‘इसके बजाय, भारत में, हमारे पास कम से कम ऐसे लिखित ग्रंथ हैं जो यह प्रदर्शित करते हैं कि प्रकृति और पर्यावरण को वाजिब सम्मान दिया गया है, उनके साथ श्रद्धापूर्वक तरीके से व्यवहार किया गया है और इस देश के लोगों ने पूजा है।’ ट्राइब्यूनल ने कहा, ‘हमारे वैदिक साहित्य यह प्रदर्शित करते हैं कि मानव शरीर को पंच तत्वों से निर्मित माना गया है जिनमें आकाश, वायु, अग्नि, जल और पृथ्वी शामिल हैं। प्रकृति ने इन तत्वों और जीवों के बीच एक संतुलन रखा है।’ एनजीटी अध्यक्ष जस्टिस आदर्श कुमार गोयल ने कहा, ‘अनंतकाल या वैदिक या पूर्व वैदिक काल से हमने पाया है कि भारतीय उपमहाद्वीप में साधु-संत, ऋषि-मुनि बहुत बड़े दूरदृष्टा रहे हैं। उन्होंने सृष्टि की रचना को वैज्ञानिक तरीके से समझाया। उन्होंने ब्रह्मांड की उत्पत्ति के रहस्यों का पूरी बुद्धिमत्ता के साथ रहस्योदघाटन किया।’ ट्राइब्यूनल ने कहा कि प्रकृति के करीब लोगों को लाने के लिए प्राचीन भारत में बुद्धिजीवियों ने इसे धार्मिक रूप दिया ताकि लोग प्रकृति के बारे में उपदेशों को आदेश के तौर पर लें और उसके संरक्षण के लिए हर कदम उठाएं। एनजीटी ने कहा कि वैदिक साहित्य में जल को बहुत उच्च सम्मान दिया गया है। ट्राइब्यूनल ने कहा कि जल प्रदूषण को हतोत्साहित करने के लिए ‘हमने पदम पुराण में एक चेतावनी पाई है। इसमें कहा गया है कि जो व्यक्ति तालाब, कुआं या झील के जल को प्रदूषित करेगा वह नर्क का भागी होगा। छांदोग्य उपनिषद में कहा गया है कि जल से पौधे पैदा होते हैं जिनसे भोजन पैदा होता है।’ एनजीटी ने ऋग्वेद का हवाला देते हुए कहा कि यह निर्देश देता है कि वनों को नष्ट नहीं करना चाहिए। ट्राइब्यूनल अधिकरण ने बेंगलुरू में गोदरेज प्रापर्टीज लिमिटेड और वंडर प्रोजेक्ट्स डेवलपमेंट प्रा. लि. की बहुमंजिला लग्जरी परियोजना को मिली पर्यावरण मंजूरी रद्द करते हुए यह टिप्पणी की। साथ ही, इन्हें फौरन ध्वस्त करने का निर्देश भी दिया।


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तालाब, कुआं, झील को गंदा करने वाला नर्क में जाएगा...जब एनजीटी ने वेद, पुराण का हवाला दिया https://ift.tt/3lcRZJj तालाब, कुआं, झील को गंदा करने वाला नर्क में जाएगा...जब एनजीटी ने वेद, पुराण का हवाला दिया
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भारत-चीन में कोर कमांडर लेवल की 12वें दौर की बातचीत कल, हॉट स्प्रिंग, गोगरा पर बनेगी बात? https://ift.tt/2TM3QTq

नई दिल्ली ईस्टर्न लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर एक साल से ज्यादा वक्त से चल रहे विवाद को सुलझाने के लिए भारत और चीन की सेनाओं के बीच कोर कमांडर स्तर की मीटिंग शनिवार को होगी। यह इस लेवल की 12वें दौर की मीटिंग है। मीटिंग चीन की तरफ मॉल्डो में होगी। सुबह 10.30 बजे मीटिंग शुरू होने का वक्त रखा गया है। भारतीय सेना को उम्मीद है कि इस बार बातचीत में हॉट स्प्रिंग और गोगरा में डिसइंगेजमेंट पर बातचीत कुछ आगे बढ़ सकती है। हालांकि, अप्रैल 2020 से पहले वाली स्थिति बहाल होने की उम्मीद फिलहाल नहीं है। सेना के एक अधिकारी ने कहा कि हमें उम्मीद है कि इस राउंड की बातचीत में ईस्टर्न लद्दाख में गोगरा और हॉट स्प्रिंग एरिया में डिसइंगेजमेंट पर सहमति की दिशा में आगे बढ़ा जा सकता है। इन दोनों पॉइंट पर दोनों तरफ से करीब 30-35 सैनिक ही तैनात हैं। उन्होंने कहा जब पैंगोंग एरिया में हजारों सैनिक और सैन्य साजो-सामान को पीछे किया जा सकता है तो हॉट स्प्रिंग और गोगरा एरिया में तो महज कुछ सैनिकों को ही पीछे करना है और टेंट हटाने हैं। पैंगोंग झील के उत्तरी किनारे में तो चीनी सैनिकों ने कई सेमी-परमानेंट स्ट्रक्चर भी बना लिए थे जिन्हें तोड़कर वह पीछे गए। सेना के अधिकारी के मुताबिक हॉट स्प्रिंग एरिया में पैंगोंग से भी पहले डिसइंगेजमेंट शुरू हुआ था लेकिन वह पूरा नहीं हो पाया। जिसके बाद दोनों तरफ की सेना की एक प्लाटून यानी करीब 30 सैनिक वहां तैनात हैं। हालांकि यह एकदम आमने-सामने नहीं हैं लेकिन जब तक डिसइंगजमेंट नहीं हो जाता तब तक यहां सामान्य स्थिति नहीं हो सकती। दोनों देशों के सैनिक इन पॉइंट्स पर पट्रोलिंग भी नहीं कर पा रहे हैं। अधिकारी ने कहा कि बातचीत में डेमचॉक और डेपसांग का मसला भी उठाया जाता रहा है। हर मीटिंग में भारत की तरफ से कहा जाता है कि डेपसांग एरिया में चीनी सैनिकों ने भारत के जो पेट्रोलिंग पॉइंट ब्लॉक किए हैं उन्हें वह खोले और अपने सैनिकों को हटाए। डेमचॉक एरिया में चीनी सैनिकों के साथ ही सिविलियंस के टेंट भी लगे हैं। यह भी करीब दो साल पुराने हैं और मीटिंग में इन पर भी बात होती है। सेना के अधिकारी के मुताबिक इस मीटिंग में भी भारत की तरफ से अप्रैल 2020 से पहले वाली स्थिति बहाल करने पर बात होगी। हालांकि यह इतना आसान नहीं है। उन्होंने कहा अभी तो बस पैंगोंग एरिया में डिसइंगेजमेंट हुआ है। उसमें कुछ जगहों पर सैनिक 500 मीटर पीछे गए हैं कुछ जगहों पर कुछ किलोमीटर तक पीछे हुए हैं। पैंगोंग एरिया के उत्तरी किनारे यानी फिंगर एरिया में दोनों देशों के सैनिक अपने परमानेंट बेस पर चले गए हैं। हालांकि सारे सैनिक वहीं तैनात हैं और किसी भी तरफ से सैनिकों को हटाया नहीं गया है। इसलिए डिएस्केलेशन और फिर डीइंडक्शन में बहुत वक्त लग सकता है। डिएस्केलेशन का मतलब है कि सैनिक और टैंक, मिसाइल सहित दूसरे सैन्य साजोसामान जो अभी जंग लड़ने के लिए तैनात हैं उन्हें नॉर्मल स्थिति में उनके बेस भेज दिया जाएगा। डीइंडक्शन का मतलब है कि धीरे-धीरे सैनिकों को वहां से हटाया जाएगा और पहली वाली स्थिति बहाल की जाएगी। ईस्टर्न लद्दाख में एलएसी के पास चीन ने अपने करीब 50 हजार सैनिक तैनात किए हैं और उसी तरह भारत ने भी करीब उतने ही सैनिक तैनात किए है। दोनों तरफ से सैनिकों की संख्या में कोई कमी नहीं की गई है। दोनों देशों के बीच कोर कमांडर लेवल की 11वें दौर की बातचीत 9 अप्रैल को एलएसी से भारतीय सीमा की ओर चुशुल में हुई थी। पिछले साल मई के बाद से पूर्वी लद्दाख में टकराव वाले कई स्थानों पर दोनों देशों के बीच सैन्य गतिरोध बना हुआ है। दोनों पक्षों ने सिलसिलेवार सैन्य और कूटनीतिक वार्ताओं के बाद पैंगोंग झील के उत्तर और दक्षिणी किनारों से सैनिकों और हथियारों को हटाने की प्रक्रिया पूरी कर ली है। हालांकि, टकराव वाले शेष स्थानों से सैनिकों को हटाने की कोई गतिविधि होती नहीं दिखी है क्योंकि चीनी पक्ष ने 11 वें दौर की सैन्य वार्ता में इस पर अपनी नरमी नहीं दिखाई थी।


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भारत-चीन में कोर कमांडर लेवल की 12वें दौर की बातचीत कल, हॉट स्प्रिंग, गोगरा पर बनेगी बात? https://ift.tt/2TM3QTq भारत-चीन में कोर कमांडर लेवल की 12वें दौर की बातचीत कल, हॉट स्प्रिंग, गोगरा पर बनेगी बात?
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राहुल गांधी ने लगवाई कोरोना वैक्सीन, पर कौन सी कंपनी की? दो दिन नहीं आए संसद https://ift.tt/3zUzKwy

नई दिल्ली कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कोरोना वायरस वैक्सीन की पहली खुराक ले ली है। बताया जा रहा है कि कोरोना संक्रमित होने के तीन महीने बाद उन्होंने वैक्सीन की पहली डोज ली है। अभी तक यह पता नहीं चल सका है कि राहुल गांधी ने कौन सी वैक्सीन लगवाई है। राहुल गांधी पिछले दो दिनों से संसद के मानसून सत्र से नदारद चल रहे हैं। जिसके बाद बीजेपी ने उनकी अनुपस्थिति को लेकर सवाल भी उठाए थे। वैक्सीन पर शह-मात खेल रहीं बीजेपी-कांग्रेस कांग्रेस के कई नेता कोरोना वायरस वैक्सीन को लेकर सवाल उठा चुके हैं। जिसके बाद बीजेपी ने भी पलटवार करते हुए कांग्रेस पर कई सवाल दागे थे। सवाल उठाने वाले नेताओं में शशि थरूर और जयराम रमेश तक शामिल हैं। जिसके बाद बीजेपी ने सवाल पूछा था कि क्या सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने कोरोना वायरस वैक्सीन को लगवाया है। अप्रैल में कोरोना पॉजिटिव हुए थे राहुल, बंगाल में रैली भी रद्द की राहुल गांधी ने 20 अप्रैल को ट्वीट कर जानकारी दी थी कि वह कोरोना संक्रमित हो गए हैं। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा था कि हल्के लक्षण आने के बाद मैं कोरोना पॉजिटिव हो गया हूं। जो भी मेरे संपर्क में आए हैं वे टेस्ट करवा लें और सुरक्षित रहें। यही कारण था कि उन्होंने 18 अप्रैल को पश्चिम बंगाल में चुनावी रैलियों को भी रद्द कर दिया था। सोनिया गांधी को लग चुकी है दोनों डोज कांग्रेस के अनुसार, सोनिया गांधी को कोरोना वायरस वैक्सीन की दोनों डोज लग चुकी है। जून में कांग्रेस के एक प्रवक्ता ने बताया था कि सोनिया गांधी ने कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज ले ली है। उस समय राहुल गांधी को कोरोना संक्रमण से उबरे तीन महीनें पूरे नहीं हुए थे।


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राहुल गांधी ने लगवाई कोरोना वैक्सीन, पर कौन सी कंपनी की? दो दिन नहीं आए संसद https://ift.tt/3zUzKwy राहुल गांधी ने लगवाई कोरोना वैक्सीन, पर कौन सी कंपनी की? दो दिन नहीं आए संसद
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इसरो-नासा की संयुक्त उपग्रह परियोजना नाइसर 2023 में हो सकती है शुरू: जितेंद्र सिंह https://ift.tt/3fdwYKE

नई दिल्ली आधुनिक रडार चित्रण प्रणाली का इस्तेमाल करके धरती की सतह पर बदलाव का वैश्विक माप करने के उद्देश्य से के संयुक्त मिशन ‘नाइसर’ () उपग्रह को 2023 की शुरुआत में प्रक्षेपित करने का प्रस्ताव है। लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में सिंह ने कहा कि नाइसर, इसरो और अमेरिकी अंतरक्षित एजेंसी नासा के बीच पृथ्वी के पर्यवेक्षण का संयुक्त मिशन है। अंतरिक्ष विभाग के मंत्री सिंह ने कहा, ‘‘नाइसर का अभी तक प्रक्षेपण नहीं किया गया है। नाइसर को 2023 की शुरुआत में प्रक्षेपित करने का प्रस्ताव है।’’


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हिमाचल के CM को खालिस्तानी ग्रुप SJF की धमकी, तिरंगा फहराने नहीं देंगे https://ift.tt/3ieIkjw

शिमला खालिस्तान समर्थक समूह ‘सिख्स फॉर जस्टिस (एसएफजे)’ ने कथित तौर पर धमकी दी है कि हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर को राज्य में तिरंगा नहीं फहराने दिया जाएगा। शिमला के पत्रकारों को सुबह दस बजकर 54 मिनट पर किए गए पहले से रिकॉर्ड फोन कॉल में यह धमकी दी गई। कॉल करने वाले व्यक्ति ने स्वयं को गुरपतवंत सिंह पानून बताया और कहा कि वह एसएफजे संगठन का वकील (जनरल काउंसल) है। शिमला में पत्रकारों को खालिस्तानी की धमकी भरे कॉल पर हिमाचल प्रदेश के सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि हम इसे देखेंगे, अगर कुछ मिलता है तो कार्रवाई की जाएगी। मैंने अभी तक किसी एजेंसी से बात नहीं की है। मैं इसे देखूंगा, एक एजेंसी निश्चित रूप से इसकी जांच करेगी। उन्होंने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। धमकी देकर कहा-नहीं फहराने देंगे तिरंगा उस व्यक्ति ने कहा, ‘हम जयराम ठाकुर को तिरंगा नहीं फहराने देंगे।’ उसने यह भी कहा कि यह वाशिंगटन डीसी से संगठन के वकील की ओर से कहा गया है। उसने अंग्रेजी में कहा, ‘हिमाचल प्रदेश पंजाब का हिस्सा था और हम पंजाब में जनमत संग्रह कराने की मांग करते हैं। पंजाब को आजाद करवाने के बाद हम हिमाचल प्रदेश के उन इलाकों को अपने कब्जे में लेंगे जो पंजाब का हिस्सा थे।’ पुलिस ने धमकी पर कुछ नहीं बोला है पानून ने किसानों और खालिस्तान समर्थक सिखों से भी कहा कि वे जयराम ठाकुर को तिरंगा नहीं फहराने दें। हिमाचल प्रदेश में कुछ लोगों ने दावा किया कि उनके पास भी ऐसे फोन कॉल आए हैं। पुलिस ने इस धमकी के बारे में अभी कोई टिप्पणी नहीं की है। एसएफजे खालिस्तान बनाने के इरादों का करता है सपोर्ट अमेरिका स्थित एसएफजे अपने अलगाववादी एजेंडा के तौर पर सिख जनमत संग्रह 2020 की मांग करता है। समूह का लक्ष्य पंजाब में ‘स्वतंत्र एवं संप्रभु’ देश बनाना है। यह खालिस्तान बनाने के इरादों का खुलेआम समर्थन करता है और भारत की क्षेत्रीय अखंडता एवं संप्रभुता को चुनौती देता है।


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हिमाचल के CM को खालिस्तानी ग्रुप SJF की धमकी, तिरंगा फहराने नहीं देंगे https://ift.tt/3ieIkjw हिमाचल के CM को खालिस्तानी ग्रुप SJF की धमकी, तिरंगा फहराने नहीं देंगे
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मह‍िलाओं का अपमान करने वाले ऐप पर लें कड़ा ऐक्‍शन, श‍िवसेना MP की केंद्र से अपील https://ift.tt/3rGv626

मुंबई सोशल मीड‍िया ऐप के जर‍िए मह‍िलाओं के अपमान पर श‍िवसेना ने सख्‍त रूख अपनाया है। शिवसेना ने शुक्रवार को केंद्र सरकार से आग्रह किया कि महिलाओं को टारगेट कर उनका अपमान करने वाले ऐप के ख‍िलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। इसको लेकर शिव सेना की राज्यसभा सदस्य और प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी ने केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव को पत्र भी भेजा है। केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री को लिखे पत्र में प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि इस प्रकार की हरकत को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि कुछ महीने पहले यूट्यूब चैनल ने एक समुदाय विशेष की महिलाओं की नीलामी का सीधा प्रसारण किया था। जिस पर शारीरिक सौंदर्य पर 'रेटिंग' दी गई थी। चतुर्वेदी ने कहा कि अपमानजनक टिप्पणियां भी अपलोड की गई थीं। ब‍िना अनुमत‍ि तस्‍वीरें कर रहे अपलोड पत्र में कहा गया कि हाल में एक अन्य ऐप में पत्रकारों समेत कई महिलाओं को परेशान करने की नीयत से उनकी अनुमति के बगैर उनकी तस्वीरें अपलोड की गई थीं। इसके बाद उनमें से कई पीड़िताओं ने अपने सोशल मीडिया खाते बंद कर दिए थे। चतुर्वेदी ने कहा कि इन दोनों घटनाओं के संबंध में दिल्ली और नोएडा पुलिस ने मामले दर्ज किये थे लेकिन कड़े कानून न होने के कारण ऐसे कृत्य करने वालों के हौंसले बुलंद हैं।


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मह‍िलाओं का अपमान करने वाले ऐप पर लें कड़ा ऐक्‍शन, श‍िवसेना MP की केंद्र से अपील https://ift.tt/3rGv626 मह‍िलाओं का अपमान करने वाले ऐप पर लें कड़ा ऐक्‍शन, श‍िवसेना MP की केंद्र से अपील
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असम कांग्रेस को बड़ा झटका, दो बार के व‍िधायक ने द‍िया इस्‍तीफा, BJP में जाने की अटकलें https://ift.tt/2V3SwCI

गुवाहाटी कांग्रेस पार्टी के ल‍िए मौजूदा समय में कुछ अच्‍छा नहीं चल रहा है। असम व‍िधानसभा चुनाव में म‍िली हार के बाद पार्टी को अब एक और बड़ा झटका लगा है। असम में प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस के एक विधायक ने शुक्रवार को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। असम में जोरहाट जिले की थौरा व‍िधासभा सीट से दो बार न‍िर्वाच‍ित सुशांत बोरगोहेन ने के नवनियुक्त अध्यक्ष भूपेन बोरा को ईमेल के जर‍िए अपना इस्तीफा भेजा है। उधर, स‍ियासी गल‍ियारे में उनके(सुशांत बोरगोहेन) एक अगस्त को बीजेपी में शाम‍िल होने की चर्चा है। असम की थौरा सीट से व‍िधायक सुशांत बोरगोहेन के इस्‍तीफे पर कांग्रेस के नवनियुक्त अध्यक्ष भूपेन बोरा ने कहा क‍ि बोरगोहेन ने पार्टी के हाल‍िया घटनाक्रम के चलते इस्‍तीफा द‍िया है। इस दौरान उबोरगोहेन ने कांग्रेस की ओर से उन्हें मौका दिए गए की सराहना की है। पहले भी हुई है पार्टी में टूट असम में कांग्रेस के अंदर टूट का यह पहला मौका नहीं है। सुशांत बोरगोहेन से पहले मरियानी विधायक रूपज्योति कुर्मी ने भी इस्‍तीफा द‍िया था।


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असम कांग्रेस को बड़ा झटका, दो बार के व‍िधायक ने द‍िया इस्‍तीफा, BJP में जाने की अटकलें https://ift.tt/2V3SwCI असम कांग्रेस को बड़ा झटका, दो बार के व‍िधायक ने द‍िया इस्‍तीफा, BJP में जाने की अटकलें
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रेलवे प्लैटफॉर्मों और यार्डों में कितने अवैध मंदिर, मस्जिद और दरगाह जैसी धार्मिक संरचनाएं? सरकार ने दी जानकारी https://ift.tt/3BTLaCm

नई दिल्ली देशभर में रेलवे की संपत्तियों पर अतिक्रमण और अवैध कब्जे किए गए हैं। यहां तक कि रेलवे प्लैटफॉर्मों को भी नहीं बख्सा गया है और वहां भी विभिन्न धर्मों के धार्मिक ढांचे खड़े कर दिए गए हैं। हैरत की बात है ऐसे एक-दो या दर्जनभर नहीं, बल्कि डेढ़ सौ से भी अधिक मामले हैं। सरकार ने बताया कि देश में विभिन्न रेलवे प्लैटफॉर्मों और यार्डों में कुल 179 अवैध धार्मिक संरचनाएं मौजूद हैं। रेल मंत्री ने एक सवाल के लिखित जवाब में बताया कि ये धार्मिक संरचनाएं मंदिर, मस्जिद, दरगाह आदि के रूप में हैं तथा लंबे समय से मौजूद हैं। मंत्री ने आज राज्यसभा को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा, 'सभी रेलवे जोन में प्लैटफॉर्मों पर और यार्डों में कुल 179 अवैध धार्मिक संरचनाएं मौजूद हैं। ये धार्मिक संरचनाएं मंदिर, मस्जिरद, दरगाह आदि के रूप में हैं तथा लंबे समय से विद्यमान हैं।' उन्होंने कहा कि इन धार्मिक संरचनाओं का ब्योरा दर्ज कर लिया गया है और इनकी नियमित रूप से निगरानी की जा रही है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि इन संरचनाओं का आगे विस्तार नहीं किया जा सके। उन्होंने कहा कि रेल प्रशासन की तरफ से रेल सुरक्षा बल (RPF)और स्थानीय प्रशासन एवं राजकीय रेल पुलिस (Government Railway Police यानी GRP) के सहयोग से सभी स्टेशनों, प्लैटफॉर्मों और यार्डों से इन अवैध धार्मिक संरचनाओं को हटाने के लिए प्रयास किए गए हैं। रेल मंत्री ने कहा, 'बहरहाल, रेल प्रशासन को इन धार्मिक संरचनाओं को हटाने में अक्सर जन आंदोलनों का सामना करना पड़ता है और यह कानून एवं व्यवस्था का मुद्दा (Law and Order Issue) होने के कारण इन अतिक्रमणों को राज्य सरकार के सहयोग के बिना हटाना कठिन है, जिसका कई मामलों में अभाव पाया जाता है।' उन्होंने कहा कि इसके अलावा रेलवे इन धार्मिक संरचनाओं को रेल क्षेत्र से इतर किसी अन्य स्थान पर स्थानांतरित करने के लिए धार्मिक संरचना समितियों के सदस्यों को समझा-बुझाकर सौहार्दपूर्ण ढंग से मामलों को निपटाने के प्रयास भी करती है। हालांकि कड़ी सतर्कता और निगरानी से इन अवैध धार्मिक संरचनाओं के विस्तार पर रोक लगाई गई है।


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J&K: बारामुला में आतंकियों का ग्रेनेड हमला, तीन CRPF जवान घायल https://ift.tt/3zW3pp5

श्रीनगर जम्मू-कश्मीर के बारामुला जिले में शुक्रवार को दोपहर के वक्त सीआरपीएफ की एक नाका पार्टी पर ग्रेनेड अटैक हुआ है। इस घटना में सीआरपीएफ के 3 जवानों के घायल होने की सूचना है। इसके अलावा एक स्थानीय नागरिक भी ग्रेनेड हमले में घायल हुआ है। जानकारी के अनुसार, उत्तर कश्मीर के बारामुला जिले में आतंकियों ने खानपोरा ब्रिज पर तैनात एक सीआरपीएफ टीम पर ग्रेनेड हमला किया था। इस वारदात में सीआरपीएफ के 3 जवान घायल हुए हैं। घटना में एक स्थानीय नागरिक भी जख्मी हुआ है और सभी को स्थानीय अस्पताल में भेजा गया है। वारदात के बाद मौके पर बड़ी संख्या में जवानों की तैनाती की गई है। इलाका सील कर बड़ा सर्च ऑपरेशन शुरू घटनास्थल के आसपास के इलाके सील कर दिए गए हैं और यहां पर सेना की राष्ट्रीय राइफल्स, जम्मू-कश्मीर पुलिस की एसओजी और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के जवानों ने एक बड़ा तलाशी अभियान शुरू किया है। हालांकि अब तक हमलावर आतंकियों का कोई सुराग नहीं मिल सका है।


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J&K: बारामुला में आतंकियों का ग्रेनेड हमला, तीन CRPF जवान घायल https://ift.tt/3zW3pp5 J&K: बारामुला में आतंकियों का ग्रेनेड हमला, तीन CRPF जवान घायल
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पेगासस जासूसी कांड की स्वतंत्र जांच की गुहार, सुनवाई को राजी हुआ सुप्रीम कोर्ट, अगले हफ्ते होगी बहस https://ift.tt/3lcR5wg

नई दिल्ली कथित जासूसी कांड को लेकर दर्ज शिकायत पर सुनवाई करने को राजी हो गया है। संसद के मॉनसून सत्र शुरू होने से ठीक पहले देश की राजनीति में बवंडर खड़ा कर देनेवाले खुलासे की सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच की मांगें हो रही हैं। इस बीच सुनवाई के लिए सर्वोच्च अदालत की सहमति को मामले में बड़ा डेवलपमेंट के तौर पर देखा जा रहा है। अब शीर्ष अदालत वरिष्ठ पत्रकार एन राम और शशि कुमार की जनहित याचिका पर अगले हफ्ते सुनवाई करेगी। सुप्रीम कोर्ट जज से जांच की मांग इस याचिका में रिटायर या सुप्रीम कोर्ट के सीटिंग जज से पेगासस जसूसी केस की जांच की मांग की गई है। वरिष्ठ अधिवक्ता और कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना के समक्ष जनहित याचिका का उल्लेख किया था। उन्होंने कहा था कि जहां तक नागरिक स्वतंत्रता का संबंध है, न केवल भारत में बल्कि दुनियाभर में भी पेगासस के व्यापक परिणाम सामने आ रहे हैं। उनकी दलील है कि यह मामला तत्कालिक राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित है, उसमें विपक्षी नेताओं, पत्रकारों और यहां तक कि न्यायपालिका की जसूसी हुई है जिसकी जांच जरूरी है। आलोचना को दबाने की कोशिश का आरोप सीनियर जर्नलिस्ट एन राम और शशि कुमार ने याचिका में कहा है कि जाने-माने पत्रकारों, राजनेताओं आदि का इजराइली स्पाईवेयर पेगासस से जासूसी की गई है जो एक गंभीर मामला है। उनकी दलील है कि अगर अवैध तरीके से फोन हैकिंग हुई है और इसके लिए पेगासस स्पाईवेयर का इस्तेमाल हुआ है, तो यह एक तरह से भारत में अभिव्यक्ति की आजादी और असहमति को दबाने की कोशिश है। किसने लिया है पेगासस का लाइसेंस? याचिका में कहा गया है कि केंद्र सरकार को निर्देश दिया जाना चाहिए कि वह इस बात का खुलासा करे कि क्या किसी सरकारी एजेंसी ने पेगासस स्पाईवेयर के इस्तेमाल का लाइसेंस ले रखा है। किसी तरह से सर्विलांस के लिए क्या सरकारी एजेंसी के पास पेगासस स्पा‌ईवेयर का लाइसेंस है, ये बताया जाए। याचिका में कहा गया है कि विश्वभर के मीडिया ने यह खबर दी है कि भारत में 142 से ज्यादा लोगों जिनमें पत्रकार, वकील, मंत्री, विरोधी दल के नेता, सिविल सोसायटी के एक्टविस्ट और संवैधानिक पद पर बैठे लोगों को निशाना बनाया गया है और पेगासस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल कर उनका सर्विलांस किया गया है। निजता ही नहीं, जीवन के अधिकार पर चोट याचिकाकर्ता ने अपनी अर्जी में कहा है कि पेगासस के जरिए मिलिट्री लेवल का सर्विलांस किया गया है जो स्वीकार्य नहीं हो सकता है। लोगों के जीवन के अधिकार में निजता का अधिकार शामिल है। संविधान ने अभिव्यक्ति की आजादी दे रखी है, साथ ही जीवन और स्वतंत्रता का भी अधिकार है। इस पेगासस स्पाईवेयर के माध्यम से जर्नलिस्टों, एक्टिविस्टों, मिनिस्टरों और संवैधानिक पद पर बैठे लोगों को टारगेट किया गया और उनके फोन को हैक किए गए। यह उनके मौलिक अधिकार में गंभीर दखल है। लोगों के जीवन के अधिकार के बुनियाद को खतरा उत्पन्न हुआ है और यह सब डरावना एहसास है। याचिकाकर्ता ने कहा कि इस तरह से फोन की हैकिंग आईटी एक्ट की धारा-66, 66 बी, 66 ई, 66 एफ के तहत अपराध है। इस तरह से किया गया अटैक साइबर टेरोरिज्म है और इसके बहुआयामी राजनीतिक और सुरक्षा को लेकर गंभीर प्रभाव है। एसआईटी जांच की भी मांग इससे पहले 22 जुलाई को पेगासस जासूसी कांड की कोर्ट की निगरानी में एसआईटी जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया था। सुप्रीम कोर्ट में याचिकाकर्ता वकील एमएल शर्मा ने अर्जी दाखिल कर कहा है कि जासूसी कांड ने भारतीय लोकतंत्र पर हमला किया है और देश की सुरक्षा और जूडिशिरी की स्वतंत्रा का मुद्दा इसमें शामिल है। अर्जी में कहा गया है कि जर्नलिस्टों, एक्टिविस्टों, पॉलिटिकल लीडरों और अन्य की इजराइली स्पाइवेयर पेगासस का इस्तेमाल कर जासूसी कराए जाने की खबरों की कोर्ट की निगरानी में जांच कराए जाए।


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पेगासस जासूसी कांड की स्वतंत्र जांच की गुहार, सुनवाई को राजी हुआ सुप्रीम कोर्ट, अगले हफ्ते होगी बहस https://ift.tt/3lcR5wg पेगासस जासूसी कांड की स्वतंत्र जांच की गुहार, सुनवाई को राजी हुआ सुप्रीम कोर्ट, अगले हफ्ते होगी बहस
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फिर आए 44,230 कोरोना केस, लगातार तीसरे दिन नए मामलों में बढ़ोतरी, और 555 मौतें https://ift.tt/3A4HOef

नई दिल्ली देश में लगातार तीन दिनों से नए कोरोना केस में बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, गुरुवार को देश में कोविड-19 के 44,230 नए मामले सामने आए हैं। इसके साथ ही, कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 3,15,72,344 हो गई। वहीं, 555 और लोगों की मौत के बाद मृतक संख्या बढ़कर 4,23,217 हो गई। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से शुक्रवार को सुबह आठ बजे जारी किए गए ताजा आंकड़ों के अनुसार, देश में लगातार तीसरे दिन उपचाराधीन मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी दर्ज की गई। देश में अभी 4,05,155 लोगों का कोरोना वायरस संक्रमण का इलाज चल रहा है, जो कुल मामलों का 1.28 प्रतिशत है। पिछले 24 घंटे में उपचाराधीन मरीजों की संख्या में 1,315 बढ़ोतरी दर्ज की गई। मरीजों के ठीक होने की राष्ट्रीय दर 97.38 प्रतिशत है। आंकड़ों के अनुसार, देश में अभी तक कुल 46,46,50,723 नमूनों की कोविड-19 संबंधी जांच की गई है, जिनमें से 18,16,277 नमूनों की जांच बृहस्पतिवार को की गई। नमूनों के संक्रमित आने की दैनिक दर 2.44 प्रतिशत है। वहीं, नमूनों के संक्रमित आने की साप्ताहिक दर 2.43 प्रतिशत है। देश में अभी तक कुल 3,07,43,972 लोग संक्रमण मुक्त हो चुके हैं और कोविड-19 से मृत्यु दर 1.34 प्रतिशत है। देश में अभी तक कोविड-19 रोधी टीकों की कुल 45.60 करोड़ खुराक दी जा चुकी हैं। देश में पिछले साल सात अगस्त को संक्रमितों की संख्या 20 लाख, 23 अगस्त को 30 लाख और पांच सितम्बर को 40 लाख से अधिक हो गई थी। वहीं, संक्रमण के कुल मामले 16 सितम्बर को 50 लाख, 28 सितम्बर को 60 लाख, 11 अक्टूबर को 70 लाख, 29 अक्टूबर को 80 लाख और 20 नवम्बर को 90 लाख के पार हो गए। देश में 19 दिसम्बर को ये मामले एक करोड़ के पार, चार मई को दो करोड़ के पार और 23 जून को तीन करोड़ के पार चले गए थे।


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फिर आए 44,230 कोरोना केस, लगातार तीसरे दिन नए मामलों में बढ़ोतरी, और 555 मौतें https://ift.tt/3A4HOef फिर आए 44,230 कोरोना केस, लगातार तीसरे दिन नए मामलों में बढ़ोतरी, और 555 मौतें
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अब एक ही वक्त में अपनी पसंद के सब्जेक्ट अलग-अलग यूनिवर्सिटी से पढ़ पाएंगे, समझिए UGC का 'ABC' https://ift.tt/3j8L2Xg

नई दिल्ली स्टूडेंट्स अब अपनी डिग्री खुद डिजाइन कर सकेंगे, अपने पसंद के सब्जेक्ट पढ़कर। (यूजीसी) ने (ABC) तैयार कर लिया है, ताकि स्टूडेंट्स एक ही वक्त में अपने पसंद के सब्जेक्ट अलग-अलग यूनिवर्सिटी/कॉलेज से पढ़ सकें। इस क्रेडिट बैंक की सलाह नैशनल एजुकेशन पॉलिसी (NEP) में दी गई है। इसके लागू होने के साथ पारंपरिक डिग्री यानी एक ही यूनिवर्सिटी/कॉलेज से तय सब्जेक्ट के साथ डिग्री का कॉन्सेप्ट बदलेगा और स्टूडेंट्स खुद अपना कोर्स पसंद के सब्जेक्ट के साथ या कोई स्पेशलाइजेशन के साथ पूरा कर सकेंगे या तय स्ट्रक्चर में अपने हिसाब से कुछ बदलाव कर सकेंगे। जिस तरह से फाइनेंशल काम के लिए बैंक होते हैं, उसी तरह एकैडमिक काम के लिए यह एकैडमिक बैंक फॉर क्रेडिट (ABC) होगा, जिसके कस्टमर स्टूडेंट्स होंगे। क्रेडिट वेरिफिकेशन, क्रेडिट ट्रांसफर, एकैडमिक अवॉर्ड समेत कई तरह की सर्विस इस बैंक से स्टूडेंट्स को मिलेगी। ABC एक ऑनलाइन स्टोर हाउस होगा, जिसमें हायर एजुकेशन इंस्टिट्यूशन का एकैडमिक क्रेडिट डेटाबेस होगा। यूजीसी का कहना है कि नैशनल एकैडमिक डिपोजिटरी (NAD) के तहत यह बैंक काम करेगा। इसमें स्टूडेंट्स के एकैडमिक डॉक्युमेंट्स स्टोर किए जाएंगे, एक वेबसाइट होगी, जिससे क्रेडिट बैंक की सभी जानकारी मिलेगी। सभी स्टूडेंट्स इस बैंक का इस्तेमाल कैसे कर सकते हैं, यह जानकारी भी उन्हें मिलेगी। स्टूडेंट्स जब भी जरूरत हो, अपने जमा किए गए क्रेडिट ट्रांसफर कर सकते हैं या किसी डिग्री का हासिल करने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं। ABC एक सिस्टम है ताकि स्टूडेंट के अकैडमिक क्रेडिट स्टोर हो सकें और ट्रांसफर हो सकें। यह देशव्यापी सुविधा होगी, जो करिकुलम के फ्रेमवर्क से हटकर होगी। साथ ही, कई फील्ड को एक साथ जोड़कर पढ़ने पर फोकस करेगी। यूजीसी के मुताबिक, सिस्टम बनाएगा जिसके तहत स्टूडेंट्स अपनी डिग्री या डिप्लोमा या पोस्ट ग्रैजुएट डिप्लोमा या कोई और क्वॉलिफिकेशन पाने के लिए अपना रास्ता खुद तैयार करेंगे। यह बैंक उन्हें देशभर के कई इंस्टिट्यूशन में कई प्रोग्राम की चॉइस देगा और इससे पढ़ाई के करिकुलम में लचीलापन भी रहेगा। यह सिस्टम इसलिए शुरू किया जा रहा है, ताकि स्टूडेंट बेस्ट कोर्स या कोर्स कॉम्बिनेशन अपने ऐप्टिट्यूड के हिसाब से चुन सकें। 40% क्रेडिट तक स्वयं (SWAYAM) के ई-कोर्स पढ़कर भी हासिल किए जा सकेंगे। यूजीसी (अकैडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट्स इन हायर एजुकेशन) रेगुलेशंस-2021 को अधिसूचित कर दिया गया है।


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अगस्त-दिसंबर के बीच तीसरी लहर का दावा, पर मुश्किल है कोरोना का भविष्य बताना https://ift.tt/eA8V8J

अगस्त-दिसंबर के बीच तीसरी लहर का दावा, पर मुश्किल है कोरोना का भविष्य बताना

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ऐसी बानी बोलिएः रोके ना रुकी भोजपुरी भासा के विकास https://ift.tt/eA8V8J

रोके ना रुकी भोजपुरी भासा के विकास

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पेगासस विवाद: अरुंधति, रोमिला थापर समेत 500 हस्तियों ने CJI को लिखा खत https://ift.tt/2WAKMsj

नई दिल्ली जासूसी मामले में देश भर के 500 से ज्यादा लोगों और समूहों ने के चीफ जस्टिस को लेटर लिखकर मामले में दखल देने की गुहार लगाई है। लेटर में कहा गया है कि पेगासस स्पाईवेयर का इस्तेमाल कर जर्नलिस्टों , विरोधी दल के नेताओं व अन्य के फोन के जरिए जासूसी की गई है। खत के जरिए तमाम सवाल उठाते हुए चीफ जस्टिस से गुहार लगाई गई है कि सुप्रीम कोर्ट मामले की जांच करे कि क्या किसी भारतीय संस्थान या कंपनी ने पेगागस की खरीद की थी? अगर ऐसा है तो फिर उसका पेमेंट कैसे किया गया? खत में यह भी जांच की मांग की गई है कि अगर पेगासस की खरीद हुई है तो किसकी जासूसी करनी है, यह कैसे तय हुआ। उस जानकारी से क्या फायदा हुआ है। इस तरह के टारगेट का जस्टिफिकेशन क्या है? जर्नलिस्ट, राजनेताओं, वकीलों, मानवाधिकार एक्टिविस्टों और सुप्रीम कोर्ट स्टाफ के निजता के उल्लंघन के मामले में कौन सी संवैधानिक अथॉरिटी निगरानी कर रहा है। लेटर में कहा गया है कि सिर्फ सुप्रीम कोर्ट पर लोगों का भरोसा है खासकर महिलाओं का भरोसा है। ऐसे में जो सवाल उठ रहे हैं, उसे सुप्रीम कोर्ट ही देख सकता है। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस को लिखे लेटर में कहा गया है कि सीजेआई रंजन गोगोई पर सेक्शुअल हरैसमेंट का आरोप लगाने वाली महिला स्टाफ के मोबाइल की भी हैकिंग हुई है। मानवाधिकार ऐक्टिविस्ट को भी इसका शिकार बनाया गया है। इस खत में कहा गया है कि उम्मीद की जाती है कि सुप्रीम कोर्ट ऑफिस इस मामले में नोटिस लेने में कोई देरी नहीं करेगा और लोगों के अधिकार की रक्षा के लिए जो सवाल उठे हैं, उसे देखेगा। लेटर लिखने वालों में ऐक्टिविस्ट अरुणा राय, हर्ष मंदर, अंजली भारद्वाज, वकील वृंदा ग्रोवर, जूमा सेन, प्रतीक्षा बक्शी, शिक्षाविद व साइंटिस्ट जोया हुसैन, रोमिला थापर, लेखक अरुंधति राय, राजनेता मनोज झा, जर्नलिस्ट अनुराधा भसीन आदि शामिल हैं। इसके अलावा रिटायर सरकारी अधिकारी, रिटायर आर्म्ड फोर्स के अधिकारी और अन्य शामिल हैं।


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पेगासस विवाद: अरुंधति, रोमिला थापर समेत 500 हस्तियों ने CJI को लिखा खत https://ift.tt/2WAKMsj पेगासस विवाद: अरुंधति, रोमिला थापर समेत 500 हस्तियों ने CJI को लिखा खत
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'2024 में खेला नहीं, मोदी का मेला होगा...सदन में जो हंगामा करे, दो साल के लिए निलंबित करो' https://ift.tt/376Gtqu

नई दिल्ली रिपब्लिकन पार्टी ऑफ़ इंडिया (ए) के अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले अपने चुटीले अंदाज और बात को कविता के रूप में प्रस्तुत करने के लिए जाने जाते हैं। एक दिन पहले पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 2024 में पूरे देश में 'खेला होबे' की बात की तो आठवले ने अपने अंदाज में पलटवार किया है। उन्होंने बृहस्पतिवार को कहा कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की अगुआई में भले ही सभी विपक्षी दल एकजुट हो जाएं, लेकिन अगले लोकसभा चुनाव में कोई ‘खेला’ नहीं होगा क्योंकि उस चुनाव में भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ही ‘मेला’ होगा। दरअसल, ममता बनर्जी इन दिनों दिल्ली में प्रमुख विपक्षी दलों के नेताओं से मुलाकात कर रही हैं। उनके इस दिल्ली दौरे को भाजपा विरोधी मोर्चे के लिए सभी विपक्षी दलों को एकजुट करने के प्रयास के तौर पर देखा जा रहा है। केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री आठवले ने दावा किया, ‘2024 में ‘खेला’ नहीं सत्ता के लिए मोदी का मेला होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 2024 में NDA की सरकार बनने से दुनिया की कोई ताक़त रोक नहीं सकती, चाहे ममता बनर्जी के नेतृत्व में कितने ही राजनीतिक दल एकजुट क्यों न हो जाएं।’ पेगासस के मुद्दे पर संसद में विपक्षी दलों के हंगामे को लेकर उन्होंने कहा, ‘तीन दिन तक हंगामा ठीक है, चौथे दिन सीट छोड़कर हंगामा करने पर सदस्यों को दो साल तक निलंबित करने का नियम होना चाहिए। इससे सदन में हंगामा रोकने में मदद मिलेगी।’


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'2024 में खेला नहीं, मोदी का मेला होगा...सदन में जो हंगामा करे, दो साल के लिए निलंबित करो' https://ift.tt/376Gtqu '2024 में खेला नहीं, मोदी का मेला होगा...सदन में जो हंगामा करे, दो साल के लिए निलंबित करो'
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एयरपोर्ट पर पूछा 'आप कौन हैं' ? पूर्व CM बोले, गांधी जैसा अपमानित महसूस कर रहा हूं https://ift.tt/3zQpyou

पणजी गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता लुइजिन्हो फलेरियो () को प्रदेश के लोग और कर्मचारी नहीं जानते! यह सुनने में भले ही अजीब लगे लेक‍िन पूर्व मुख्‍यमंत्री के साथ ऐसी ही घटना गोवा एअरपोर्ट पर हुई। इस बात का ज‍िक्र पूर्व मुख्‍यमंत्री ने गुरुवार को व‍िधानसभा में क‍िया। लुइजिन्हो फलेरियो ने अपने साथ हुई घटना को महात्मा गांधी के 1893 में दक्षिण अफ्रीकी ट्रेन से नस्लवादी निष्कासन से जोड़ा। कांग्रेस कार्यसमिति के पूर्व सदस्य फलेरियो ने राज्य के एकमात्र एयरपोर्ट पर गोवावासियों के गैर-रोजगार से संबंधित शून्यकाल प्रस्ताव को उठाते हुए इसकी तुलना की। फलेरियो ने कहा क‍ि दूसरे दिन लगभग दो या तीन साल बाद मैं एअरपोर्ट पर गया। मैं वीआईपी लाउंज में गया। वहां उन्होंने मुझसे पूछा कि आप कौन हैं? मैंने कहा (जवाब में), आप कहां से हैं? क्या आप गोवा से हैं? फलेरियो दो बार गोवा के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। उन्होंने कहा क‍ि माननीय सीएम, मुझे अपमानित महसूस नहीं हुआ क्योंकि दक्षिण अफ्रीका में महात्मा गांधी के साथ ऐसा हुआ था। लेकिन मुझे उम्मीद नहीं थी कि हमारे साथ और गोवा में ऐसा होगा। जब महात्‍मा गांधी दक्षिण अफ्रीका गए, तो रेलवे टर्मिनल पर उन्हें बाहर कर दिया गया। मैं आभारी हूं कि मुझे गोवा हवाई अड्डे से मेरे सामान के साथ बाहर नहीं फेंका गया। गांधीजी के साथ हुई घटना को अपने से जोड़ा फलेरियो 7 जून, 1893 को दक्षिण अफ्रीका के पीटरमैरिट्जबर्ग रेलवे स्टेशन पर नस्लवादी आधार पर गांधी को ट्रेन के प्रथम श्रेणी के डिब्बे से बेदखल करने की बात कर रहे थे। उन्होंने यह भी कहा कि एक बार जब उन्होंने उन्हें पहचान लिया, तो वीआईपी लाउंज में तैनात हवाई अड्डे के कर्मचारी 'बेहद विनम्र' थे। एयरपोर्ट पर भर्ती मामले को लेकर कही ये बातफलेरियो ने कहा कि हवाई अड्डे पर स्थानीय गोवावासियों की भर्ती के मामले में 'शत्रुतापूर्ण भेदभाव' था। फलेरियो कहा क‍ि गोवा का हवाई अड्डा एक अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा है। हम सभी डाबोलिम हवाई अड्डे से यात्रा कर रहे हैं। लेकिन एक बहुत ही दुखद और मानवीय मुद्दा है। विशेष रूप से यह मुद्दा गोवा और गोवा के लोगों को प्रभावित कर रहा है जो डाबोलिम हवाई अड्डे पर काम कर रहे थे।


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एयरपोर्ट पर पूछा 'आप कौन हैं' ? पूर्व CM बोले, गांधी जैसा अपमानित महसूस कर रहा हूं https://ift.tt/3zQpyou एयरपोर्ट पर पूछा 'आप कौन हैं' ? पूर्व CM बोले, गांधी जैसा अपमानित महसूस कर रहा हूं
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भले अल्पमत में हों, सच तो सच होता है... राहुल ने फिर किया राफेल में भ्रष्टाचार का दावा https://ift.tt/3fcYV5g

नई दिल्ली कांग्रेस पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक हालिया न्यूज रिपोर्ट के हवाले से फिर दावा किया है कि राफेल डील में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है। उन्होंने डील में कथित तौर पर 'अंतरराष्ट्रीय स्तर के भ्रष्टाचार' से जुड़ी न्यूज रिपोर्ट की हेडलाइन के स्क्रीन शॉट को महात्मा गांधी के एक कथन के साथ ट्वीट किया है। राहुल गांधी ने लिखा कि सच तो सच होता है। एक फ्रेंच एनजीओ के हवाले से ऑनलाइन छपी न्यूज रिपोर्ट के स्क्रीन शॉट को शेयर करते हुए राहुल गांधी ने ट्वीट किया, 'राफेल डील में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है।' इसके साथ ही उन्होंने महात्मा गांधी को उद्धृत करते हुए लिखा है, 'अगर आप सही हैं और आप इसे जानते हैं तो दिल की बात कहिए। भले ही आप अल्पमत में हों लेकिन सच तो सच होता है।' राहुल गांधी ने जिस वेबसाइट की न्यूज रिपोर्ट को शेयर किया है, उसका शीर्षक है- 'राफेल डील में अंतरराष्ट्रीय भ्रष्टाचार के सभी तत्व मौजूद, भारत के राष्ट्रीय हितों के भी खिलाफ- फ्रेंच एनजीओ' न्यूज रिपोर्ट में एक फ्रेंच एनजीओ 'शेरपा' के हवाले से की बात कही गई है। यह वही एनजीओ है जिसकी शिकायतों के बाद फ्रांस में राफेल डील की स्वतंत्र न्यायिक जांच के आदेश दिए गए। एनजीओ ने राफेल बनाने वाली कंपनी दसॉ की तरफ से अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस डिफेंस लिमिटेड को ऑफसेट पार्टनर बनाने पर सवाल उठाया है, जिसको एविएशन में पहले का कोई अनुभवन नहीं है। राहुल गांधी शुरुआत से ही राफेल डील में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते रहे हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव में भी उन्होंने इसे जोर-शोर से उठाया था। दूसरी तरफ, सरकार डील में भ्रष्टाचार के आरोपों को सिरे से खारिज करती रही है। दरअसल भारत ने फ्रांस सरकार के साथ 2016 में 36 राफेल लड़ाकू विमानों के खरीद का सौदा किया था। भारत को अबतक 26 राफेल लड़ाकू विमान मिल भी चुके हैं।


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भले अल्पमत में हों, सच तो सच होता है... राहुल ने फिर किया राफेल में भ्रष्टाचार का दावा https://ift.tt/3fcYV5g भले अल्पमत में हों, सच तो सच होता है... राहुल ने फिर किया राफेल में भ्रष्टाचार का दावा
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सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट प्रॉजेक्ट को नियम के तहत मंजूरी, नोएडा अथॉरिटी की SC में दलील https://ift.tt/3zNAiEb

नई दिल्ली में सुपरटेक के एमराल्ड कोर्ट प्रॉजेक्ट से जुड़े मामले की सुनवाई के दौरान नोएडा अथॉरिटी ने कहा कि प्रॉजेक्ट को नियम के तहत मंजूरी दी गई थी। साथ ही दलील दी कि प्रॉजेक्ट में किसी भी ग्रीन एरिया और ओपन स्पेस समेत किसी भी नियम का उल्लंघन नहीं किया गया है। उनके अधिकारियों ने कोई नियम नहीं तोड़ा है। मौजूदा कानून के तहत प्रॉजेक्ट के प्लान को मंजूरी दी गई है। वहीं फ्लैट बॉयर्स की ओर से दलील दी गई है कि बिल्डर ग्रीन एरिया को नहीं बदल सकता है। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली बेंच में इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुपरटेक लिमिटेड की अपील पर फाइनल सुनवाई शुरू हुई है। हाई कोर्ट ने 2014 के आदेश में नोएडा स्थित ट्विन टावर को तोड़ने और अथॉरिटी के अधिकारियों पर कार्रवाई का आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के आदेश पर अपील के दौरान रोक लगा दी थी। सुप्रीम कोर्ट में इस मामले में फाइनल सुनवाई शुरू हुई है अगली सुनवाई तीन अगस्त को होगी। नोएडा अथॉरिटी की ओर से पेश वकील रवींद्र कुमार ने दलील पेश करते हुए कहा कि इस प्रॉजेक्ट में उनके अफसरों ने किसी भी बॉयलॉज की अनदेखी नहीं की है। साथ ही कहा कि हाउसिंग सोसायटी के ओरिजिनल प्लान और राइवाइज प्लान नियम के तहत ही मंजूरी दी गई है। जो भी मौजूदा कानून थे उसके हिसाब से प्रॉजेक्ट को मंजूरी दी गई है। वहीं नोएडा स्थित एमराल्ड कोर्ट ओनर रेजिडेंट्स वेलफेयर असोसिशन के वकील जयंत भूषण ने दलील दी कि एफएआर बढ़ाए जाने के बाद भी बिल्डर ग्रीन एरिया नहीं बदल सकती है। फ्लोर एरिया रेशियो बढ़ाए जाने का फायदा उठाते हुए दो बड़े टावर खड़े किए गए और ग्रीन एरिया पर अतिक्रमण किया गया। भूषण ने दलील दी कि बायलॉज के मुताबिक बिल्डर ग्रीन एरिया बिना फ्लैट ओनर की सहमति के नहीं बदल सकता है। गार्डेन एरिया फ्लैट बॉयर्स को ब्रोसर में दिखाया गया था, साथ ही कंप्लीशन प्लान में भी था और उस पर 40 माले की बिल्डिंग बनाई गई। वहीं सुपरटेक की ओर से पेश सीनियर एडवोेकेट विकास सिंह ने कहा कि इस मामले में 1500 होम बॉयर्स से सहमति का सवाल नहीं था क्योंकि सेक्शन प्लान के काफी बाद आरडब्ल्यूए अस्तित्व में आया था। 16 मीटर की दूरी का जो क्राइटीरिया है, उसका मतलब दो ब्लॉक के बीच की दूरी से नहीं है बल्कि सिंगल अलग बिल्डिंग से है। मौजूदा प्लान में वह मौजूद है। नया कंस्ट्रक्शन किसी भी तरह से किसी फायर सेफ्टी प्रोटोकॉल का उल्लंघन नहीं है। 9 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट को बताया गया था कि सुपरटेक लिमिटेड बिल्डर कंपनी ने एमरल्ड कोर्ट प्रॉजेक्ट में होम बॉयर्स के पैसे रिफंड कर दिए हैं, सुप्रीम कोर्ट ने इसके बाद सुपरटेक के खिलाफ चल रहे कंटेप्ट केस को बंद कर दिया। एमरल्ड कोर्ट प्रॉजेक्ट के डिमोलिशन का आदेश इलाहाबाद हाई कोर्ट ने दिया था। जिसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट के सामने आया था। कोर्ट सलाहकार गौरव अग्रवाल ने कहा था कि सवाल सिर्फ ये बचा हुआ है कि क्या वहां कंस्ट्रक्शन की इजाजत नोएडा अथॉरिटी ने जो दी थी और क्या वह कानूनी है या नहीं।


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सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट प्रॉजेक्ट को नियम के तहत मंजूरी, नोएडा अथॉरिटी की SC में दलील https://ift.tt/3zNAiEb सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट प्रॉजेक्ट को नियम के तहत मंजूरी, नोएडा अथॉरिटी की SC में दलील
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मोदी सरकार के नए मंत्रियों के लिए बीजेपी निकालेगी जन आशीर्वाद यात्रा, मंदिर, जानिए क्या है तैयारी https://ift.tt/3l4Sxku

नई दिल्ली मोदी सरकार में शामिल नए मंत्रियों की जन आशीर्वाद यात्रा मंदिर, मठ, गुरूद्वारा और शहीदों के घरों से होते हुए गुजरेगी। मंत्री यहां पर कुछ देर रुकेंगे भी और मोदी सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं के बारे में बात करेंगे। ने मोदी मंत्रिमंडल में शामिल 43 नए मंत्रियों के लिए जन आशीर्वाद यात्रा की योजना बनाई है। जिन प्रदेशों में यात्रा होनी है वहां पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और उनकी टीम को यह जिम्मेदारी दी गई है। हर मंत्री के लिए एक यात्रा प्रभारी और चार सह प्रभारी बनाए जा रहे हैं। 16 अगस्त से यह यात्रा शुरू होगी और हर मंत्री की यात्रा कम से कम तीन दिन चलेगी। मंत्री के लोकसभा क्षेत्र से करीब 300-400 किलोमीटर दूर से यात्रा शुरू की जाएगी ताकि जन आशीर्वाद यात्रा कम से कम 4-5 जिलों को जरूर कवर करे। बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव तरूण चुग ने कहा कि मोदी जी के प्रधानमंत्री बनने से पहले का इतिहास रहा है कि केंद सरकार के मंत्री आम जनता से काफी दूर होते थे। लेकिन पीएम मोदी इस ट्रेंड को तोड़ना चाहते हैं। वे चाहते हैं कि उनके मंत्रिमंडल का हर मंत्री जनता से जुड़े और जनता को उनके साथ अपनेपन का एहसास हो। दरअसल बीजेपी इस यात्रा के जरिए लोगों को बताएगी कि किस तरह मोदी मंत्रिमंडल में समाज के हर वर्ग को प्रतिनिधित्व मिला है और जमीन से जुड़े सांसदों को मंत्रिमंडल में जिम्मेदारी दी गई है। यात्रा के दौरान बीजेपी क्षमता प्रदर्शन तो करेगी ही साथ ही केंद्र सरकार की उपलब्धियों के बारे में भी लोगों को बताया जाएगा। हर राज्य में जहां जन आशीर्वाद यात्रा निकलेगी उसके लिए ऐसा रूट बनाने को कहा गया है जिससे यात्रा वहां के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल, साधु-संतों के घर, प्रसिद्ध सामाजिक नेता, साहित्यकार, प्रसिद्ध खिलाड़ियों और देश के लिए शहीद हुए वीर जवानों के घरों से होते हुए गुजरे। यह भी कहा गया है कि यात्रा इन जगहों पर रुके और केंद्रीय मंत्री उनसे मिलें और जिन धार्मिक स्थलों से यात्रा गुजरे वहां जाकर पूजा करें। यहां कुछ देर का संबोधन भी हो सकता है जिसमें मंत्री केंद्र सरकार की योजनाओं और उपलब्धियों के बारे में बता सकते हैं।


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मोदी सरकार के नए मंत्रियों के लिए बीजेपी निकालेगी जन आशीर्वाद यात्रा, मंदिर, जानिए क्या है तैयारी https://ift.tt/3l4Sxku मोदी सरकार के नए मंत्रियों के लिए बीजेपी निकालेगी जन आशीर्वाद यात्रा, मंदिर, जानिए क्या है तैयारी
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सुंदरलाल बहुगुणा को भारत रत्न दिलाने की मुहिम, जानिए क्यों AAP के लिए अहम है यह मुद्दा https://ift.tt/3ibPhly

देहरादून/नई द‍िल्‍ली उत्तराखंड में अगले साल होने वाले व‍िधानसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी ने बड़ा दांव खेला है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उत्तराखंड के सपूत और हिमालय के रक्षक कहे जाने वाले पर्यावरणविद दिवंगत को भारत रत्‍न देने की मांग की है। दिल्ली विधानसभा ने गुरुवार को सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित कर केंद्र से बहुगुणा को मरणोपरांत देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान से नवाजे जाने का अनुरोध किया। दरअसल सुंदरलाल बहुगुणा का नाम उत्तराखंड में बड़े अदब के साथ ल‍िया जाता है। उन्‍होंने च‍िपको आंदोलन समेत कई बड़े आंदोलन क‍िए और अपना पूरा जीवन पर्यावरण को समर्पित कर द‍िया। ऐसे में आम आदमी पार्टी सुंदर लाल बहुगुणा के नाम के सहारे अपनी चुनावी नैय्या पार लगाने की तैयारी में हैं। दिल्ली विधानसभा के मॉनसून सत्र के पहले दिन प्रस्ताव पर बहस में हिस्सा लेते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि सदन इस प्रस्ताव को पारित कर रहा है, लेकिन पूरा देश चाहता है कि बहुगुणा को भारत रत्न दिया जाए। केजरीवाल ने कहा, ‘मुझे लगता है कि अगर सर्वोच्च नागरिक सम्मान बहुगुणा को मिलता है तो यह भारत रत्न के लिए गौरव की बात होगी।’ केजरीवाल ने कहा कि बहुगुणा ने न केवल पर्यावरण की रक्षा की बल्कि कई अन्य सामाजिक कार्यों के लिए भी काम किया। विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने भी प्रस्ताव का समर्थन किया। उत्तराखंड में म‍िल रहे फीडबैक से 'आप' गदगद दरअसल आम आदमी पार्टी उत्तराखंड में व‍िधानसभा चुनाव को लेकर पूरी जी-जान से मेहनत कर रही है। प्रदेश में 300 यून‍िट फ्री ब‍िजली देने का वादा करने के साथ ही अरव‍िंद केजरीवाल ने उत्तराखंड में पानी और जवानी(युवा) को बचाने का ऐलान क‍िया है। इसके ल‍िए आप पार्टी प्रदेश में हर बड़े-छोटे स्‍तर पर आंदोलन चला रही है। इसके साथ ही जन-जन की भागीदारी के ल‍िए हस्‍ताक्षर अभ‍ियान भी चला रही है। इसमें लोगों की भागीदारी देख द‍िल्‍ली सरकार की बांछे ख‍िल गई है। बीजेपी के ख‍िलाफ 'आप' से उम्‍मीदें राजनीत‍िक जानकारों की माने तो उत्तराखंड में बीजेपी के ख‍िलाफ चुनौती देने के ल‍िए कांग्रेस नाकाफी है। ऐसे में वहां आम आदमी की धमक और लोगों की पार्टी के प्रत‍ि बढ़ती द‍िलचस्‍पी से द‍िल्‍ली सरकार गदगद है। ऐसे में आम आदमी पार्टी जहां कर्नल अजय कोठियाल को उत्तराखंड में पार्टी का मुख्यमंत्री चेहरा बनाने की तैयारी कर रही है। वहीं पहाड़ से जुड़े क‍िसी मुद्दे को छोड़ना भी नहीं चाहती। इसी क्रम में गुरुवार को द‍िल्‍ली सीएम अरव‍िंद केजरीवाल ने पर्यावरणविद दिवंगत सुंदरलाल बहुगुणा को भारत रत्‍न देने की मांग की है। आइए उनके बारे में कुछ खास बातें जानते हैं... कौन थे सुंदर लाल बहुगुणा सुंदर लाल बहुगुणा महात्‍मा गांधी के पक्के अनुयायी थे। बहुगुणा ने अपने जीवन का एकमात्र लक्ष्य तय कर लिया और वह पर्यावरण की सुरक्षा था। उनका जन्म 9 जनवरी, 1927 को हुआ था। उत्तराखंड के टिहरी में जन्मे सुंदरलाल उस समय राजनीति में दाखिल हुए, जब बच्चों के खेलने की उम्र होती है। 13 साल की उम्र में उन्होंने राजनीतिक करियर शुरू किया। दरअसल राजनीति में आने के लिए उनके दोस्त श्रीदेव सुमन ने उनको प्रेरित किया था। सुमन गांधीजी के अहिंसा के सिद्धांतों के पक्के अनुयायी थे। सुंदरलाल ने उनसे सीखा कि कैसे अहिंसा के रास्‍ते से समस्याओं का समाधान करना है। हर‍िजनों के अध‍िकार के ल‍िए भी क‍िया आंदोलन कहा जाता है क‍ि 1956 में जब सुंदरलाल बहुगुणा की शादी हुई तो उन्‍होंने राजनीतिक जीवन से संन्यास ले लिया। 18 साल की उम्र में वह पढ़ने के लिए लाहौर गए। उन्होंने मंदिरों में हरिजनों के जाने के अधिकार के लिए भी आंदोलन किया। 23 साल की उम्र में उनका विवाह विमला देवी के साथ हुआ। उसके बाद उन्होंने गांव में रहने का फैसला किया और पहाड़ियों में एक आश्रम खोला। बाद में उन्होंने टिहरी के आसपास के इलाके में शराब के खिलाफ मोर्चा खोला। 1960 के दशक में उन्होंने अपना ध्यान वन और पेड़ की सुरक्षा पर केंद्रित किया। पहाड़ पर पड़ों की कटाई के ख‍िलाफ शुरू चिपको आंदोलन पर्यावरण सुरक्षा के लिए 1970 में शुरू हुआ आंदोलन पूरे भारत में फैलने लगा। चिपको आंदोलन उसी का एक हिस्सा था। गढ़वाल हिमालय में पेड़ों के काटने को लेकर शांतिपूर्ण आंदोलन बढ़ रहे थे। 26 मार्च, 1974 को चमोली जिला की ग्रामीण महिलाएं उस समय पेड़ से चिपककर खड़ी हो गईं जब ठेकेदार के आदमी पेड़ काटने के लिए आए। यह विरोध प्रदर्शन तुरंत पूरे देश में फैल गए। 1980 की शुरुआत में सुंदरलाल बहुगुणा ने हिमालय की 5,000 किलोमीटर की यात्रा की। उन्होंने यात्रा के दौरान गांवों का दौरा किया और लोगों के बीच पर्यावरण सुरक्षा का संदेश फैलाया। उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से भेंट की और इंदिरा गांधी से 15 सालों तक के लिए पेड़ों के काटने पर रोक लगाने का आग्रह किया। इसके बाद पेड़ों के काटने पर 15 साल के लिए रोक लगा दी गई। टिहरी बांध को लेकर भी क‍िया था आंदोलन सुंदरलाल बहुगुणा ने टिहरी बांध के खिलाफ आंदोलन में भी अहम भूमिका निभाई थी। उन्होंने कई बार भूख हड़ताल की। तत्कालीन प्रधानमंत्री पी.वी.नरसिंहा राव के शासनकाल के दौरान उन्होंने डेढ़ महीने तक भूख हड़ताल की थी। सालों तक शांतिपूर्ण प्रदर्शन के बाद 2004 में बांध पर फिर से काम शुरू किया गया। उनका कहना है कि इससे सिर्फ धनी किसानों को फायदा होगा और टिहरी के जंगल में बर्बाद हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि भले ही बांध भूकंप का सामना कर लेगा लेकिन यह पहाड़ियां नहीं कर पाएंगे। उन्होंने कहा कि पहले से ही पहाड़ियों में दरारें पड़ गई हैं। अगर बांध टूटा तो 12 घंटे के अंदर बुलंदशहर तक का इलाका उसमें डूब जाएगा।


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सुंदरलाल बहुगुणा को भारत रत्न दिलाने की मुहिम, जानिए क्यों AAP के लिए अहम है यह मुद्दा https://ift.tt/3ibPhly सुंदरलाल बहुगुणा को भारत रत्न दिलाने की मुहिम, जानिए क्यों AAP के लिए अहम है यह मुद्दा
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मेडिकल कोर्सेज में OBC को 27%, EWS को 10% आरक्षण, मोदी सरकार का फैसला https://ift.tt/2USlCFf

नई दिल्ली मोदी सरकार ने मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन को लेकर ओबीसी और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के छात्रों के लिए आरक्षण मंजूर कर लिया है। अब दोनों ग्रेजुएट (एमबीबीएस, बीडीएस), पोस्ट ग्रेजुएट और डिप्लोमा स्तर के मेडिकल कोर्सेज में प्रवेश के लिए अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के छात्रों को 27 प्रतिशत और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के छात्रों को 10 प्रतिशत आरक्षण मिलेगा। हर साल 5000 से ज्यादा छात्रों को होगा लाभ इस फैसले से करीब 5550 छात्रों को लाभ होगा। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने कहा है कि सरकार पिछड़ा और ईडब्लूएस वर्ग दोनों के लिए उचित आरक्षण देने के लिए प्रतिबद्ध है। हर साल MBBS में करीब 1500 ओबीसी स्टूडेंट्स और पोस्टग्रेजुएट में 2500 ओबीसी छात्रों को फायदा हो सकता है। इसी तरह MBBS में करीब 550 EWS छात्रों और पोस्ट ग्रेजुएशन में 1000 EWS छात्रों को लाभ हो सकता है। यह व्यवस्था ऑल इंडिया कोटे के तहत यूजी और पीजी मेडिकल/डेंटल कोर्सेज (एमबीबीएस/एमडी/एमएस/डिप्लोमा/बीडीएस/MDS) के लिए मौजूदा अकादमिक सत्र 2021-22 से लागू होगी। प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर कहा कि हमारी सरकार ने मेडिकल कोर्सेज में ऑल इंडिया कोटा स्कीम के तहत आरक्षण का फैसला किया है। इससे हर साल हमारे हजारों युवाओं को लाभ होगा। काफी समय से इसको लेकर सरकार से मांग हो रही थी। एक दिन पहले ही केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव के नेतृत्व में ओबीसी सांसदों के एक प्रतिनिधिमंडल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर नीट यूजी और पीजी में अखिल भारतीय कोटे में ओबीसी और ईडब्ल्यूएस उम्मीदवारों के लिए आरक्षण के उचित कार्यान्वयन की मांग की थी। दो दिन पहले PM ने की थी समीक्षा दो दिन पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अखिल भारतीय चिकित्सा शिक्षा कोटे में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (ईडब्ल्यूएस) के लिए आरक्षण के मुद्दे की समीक्षा की थी। उन्होंने संबंधित मंत्रालयों को इसे प्राथमिकता के आधार पर हल करने का निर्देश दिया था। सोमवार को बैठक में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मंडाविया, शिक्षा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, कानून एवं न्याय और समाज कल्याण सचिवों के साथ-साथ अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हुए और कोटा के मुद्दे पर चर्चा की गई। चिकित्सा अभ्यर्थियों की ओर से चिकित्सा शिक्षा के अखिल भारतीय कोटे में ओबीसी आरक्षण देने की लंबे समय से मांग की जा रही है। देश की विभिन्न अदालतों में कई मुकदमे भी हुए हैं लेकिन यह मामला लंबे समय से लंबित है।


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मेडिकल कोर्सेज में OBC को 27%, EWS को 10% आरक्षण, मोदी सरकार का फैसला https://ift.tt/2USlCFf मेडिकल कोर्सेज में OBC को 27%, EWS को 10% आरक्षण, मोदी सरकार का फैसला
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चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के कार्यक्रम में येचुरी और राजा, BJP बोली- देश के साथ विश्वासघात https://ift.tt/3ibbNe5

नई दिल्ली पूरे होने के मौके पर भारत में चीनी दूतावास के एक वर्चुअल कार्यक्रम में देश के लेफ्ट नेताओं के शिरकत करने पर बीजेपी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। बीजेपी सांसद दिलीप घोष ने लेफ्ट दलों की देश के प्रति निष्ठा पर सवाल उठाते हुए कहा कि भारतीय परंपराओं और संस्कृति को खारिज करना कम्युनिस्ट पार्टियों की फितरत है। यहां तक कि चीन के साथ जंग में भी कम्युनिस्ट पार्टियां भारत के बजाय उसके साथ खड़ी थीं। क्या है पूरा मामला दरअसल, भारत में चीन के दूतावास ने सीपीसी के 100 साल पूरे होने के मौके पर एक वर्चुअल कार्यक्रम किया था। इसमें सीपीएम के महासचिव सीताराम येचुरी और सीपीआई के महासचिव डी राजा, फॉरवर्ड ब्लॉक के जी देवराजन और डीएमके सांसद डीएनवी सेंथिलकुमार ने हिस्सा लिया। गुरुवार को चीनी दूतावास ने यह जानकारी दी। कार्यक्रम में चीनी राजदूत सुन वीडोंग ने कहा कि सीपीसी के शताब्दी समारोह के लिए 170 देशों के 600 से ज्यादा पार्टियों की तरफ से बधाई के संदेश मिले हैं। चीनी राजनयिक ने गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प के बारे में कहा कि चीन कई मौकों पर अपनी स्थिति स्पष्ट कर चुका है। उन्होंने कहा कि भारत और चीन के रिश्ते न सिर्फ क्षेत्र बल्कि दुनिया की शांति और समृद्धि के लिए अहम हैं। डी राजा बोले- हां, हम बैठक में गए थे कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया के महासचिव डी राजा ने सीपीसी के कार्यक्रम में खुद के शिरकत करने की पुष्टि की है। उन्होंने न्यूज एजेंसी एएनआई से कहा, 'कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना के 100 साल होने पर कार्यक्रम था। दो दिन पहले वर्चुअल मीटिंग थी जिसमें मैं और सीपीएम के महासचिव सीताराम येचुरी ने हिस्सा लिया। इसमें भारत में चीन के राजदूत सुन वीडोंग, काउंसलर डु जियालिन ने हिस्सा लिया और हमने उन्हें बधाई और शुभकामनाएं दीं।' बीजेपी का तीखा हमला- यह देश के साथ विश्वासघात लेफ्ट नेताओं के चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के कार्यक्रम में हिस्सा लेने पर बीजेपी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। पार्टी के एक सांसद ने हमारे सहयोगी टाइम्स नाउ से बातचीत में कहा कि यह देश के साथ विश्वासघात है। सांसद ने कहा, 'बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के साथ भारत की कम्युनिस्ट पार्टियां वेबिनार के जरिए जुड़ी हैं। पहले वह यह तय करें कि वह देश के साथ हैं कि चीन के साथ? यह देश के साथ विश्वासघात है।' लेफ्ट की निष्ठा चीन के साथ, 62 की जंग में भी थे भारत के खिलाफ: दिलीप घोष बीजेपी सांसद और पश्चिम बंगाल बीजेपी के प्रमुख दिलीप घोष ने लेफ्ट दलों की देश के प्रति निष्ठा पर ही सवाल उठाया है। उन्होंने कहा, 'उनके उत्सव में भागीदारी करना और देश की भारतीय परंपरा, संस्कृति और गौरव को अस्वीकार करना कम्यूनिस्ट पार्टी हमेशा करती आई है। जब चीन और भारत की जंग हुई तब कम्युनिस्ट पार्टी ने कहा कि भारत ने चीन पर आक्रमण किया है। चीन का चेयरमैन हमारा चेयरमैन है, ऐसे बोलते थे। बाप का नाम भूलने को तैयार थे लेकिन वियतनाम को भूलने को तैयार नहीं थे ये लोग। निष्ठा इनका हमेशा बाहर (चीन के प्रति) रहा है। यही वजह है कि कम्युनिस्ट पार्टी भारत से धीरे-धीरे साफ हो रही है।' भारत ने नहीं दी चीन को बधाई पूर्वी लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर पिछले एक साल से ज्यादा वक्त से दोनों देशों के बीच खींचतान जारी है। इसका द्विपक्षीय रिश्तों पर भी साफ असर पड़ा है। चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के 100 साल पूरे होने पर दुनिया के कई देशों ने चीन को बधाई संदेश भेजे लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उसे अबतक नजरअंदाज किया है। यहां तक कि उन्होंने इसी महीने वियतनाम के नए प्रधानमंत्री को बधाई के साथ-साथ भारत आने का न्योता भी दिया। पीएम मोदी ने तिब्बत के सर्वोच्च धर्मगुरु दलाई लामा को उनके जन्मदिन पर फोन करके न सिर्फ बधाई दी बल्कि ट्विटर पर भी यह बात बताई।


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बिहार विधानसभा में हंगामा, राजद विधायक ने कहा ‘बेईमान’ तो गुस्से में लाल हुए अध्यक्ष विजय सिन्हा https://ift.tt/3rEsxxw

पटना बिहार विधानसभा का मानसून सत्र गुरुवार को भी हंगामदार रहा। विपक्षी सदस्यों ने महंगाई और बेरोजगारी को लेकर जमकर हंगामा किया। इस बीच, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के विधायक भाई वीरेन्द्र ‘बेईमान’ कहकर बुरी तरह घिर गए। बाद में उन्हें यह शब्द वापस लेने पड़े। विधानसभा में मानसून सत्र का चौथा दिन भी हंगामेदार रहा। गुरुवार को सदन की कार्यवाही शुरू होने के बाद विपक्षी सदस्यों ने महंगाई और बेरोजगारी को लेकर हंगामा शुरू कर दिया। भाकपा (माले) के सदस्य वेल के करीब पहुंच गए। बाद में अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा के लगातार कहे जाने के बाद सभी सदस्य अपने स्थान पर वापस लौट गए। राजद विधायक भाई वीरेंद्र ने किया ‘बेईमान’ शब्द का इस्तेमालइधर, सदन में राजद विधायक भाई वीरेंद्र ने ‘बेईमान’ शब्द का इस्तेमाल कर दिया, जिससे वे बुरी तरह घिर गए। विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा नाराज हो गए और इस शब्द को वापस लेने को कहा। भाई वीरेंद्र के पक्ष में विधायक ललित यादव भी खड़े हो गए। इस दौरान भाई वीरेंद्र ने बैठे-बैठे शब्द वापस लेने की बात कही, विधानसभा अध्यक्ष खड़े होकर अपनी बात कहने को कहते रहे। किसी को भी ऐसी टिप्पणी करने की इजाजत नहीं: अध्यक्ष इसके बाद संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी बीच-बचाव में आए। उन्होंने अध्यक्ष से माफ करने का आग्रह किया और किसी तरह उनका गुस्सा शांत कराया। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि सत्ता पक्ष के मंत्री हो या फिर विपक्ष के विधायक, किसी को भी ऐसी टिप्पणी करने की इजाजत नहीं होगी। उन्हें अपने शब्द वापस लेने होंगे।


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सास ने बहू के ख‍िलाफ दी याच‍िका, गुजरात हाईकोर्ट ने फटकार लगाते हुए 10 हजार का जुर्माना ठोंका https://ift.tt/2WoNaCg

गांधीनगर ने एक महिला पर 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया है। दरअसल मह‍िला ने घरेलू विवाद के बाद कोर्ट से अपनी बहू को सरकारी नौकरी से बर्खास्त करने का अनुरोध किया था। उसकी याचिका को खारिज करते हुए हाईकोर्ट ने वकीलों को सलाह दी कि वे वादियों को ऐसी याचिकाओं को ट्रांसफर करने के लिए प्रोत्साहित न करें। हाईकोर्ट के जस्‍ट‍िस ए.एस. सुपेहिया ने बुधवार को कहा कि इसमें निरर्थकता अपने चरम पर थी। अरावली जिले की रसिलाबेन खराडी ने अपनी बहू चेतना निनामा की सरकारी सेवा से बर्खास्तगी की मांग करते हुए याचिका दायर की थी क्योंकि उसने अपनी वैवाहिक स्थिति के बारे में झूठ बोला था और झूठी जानकारी दी थी। इसके बाद उसने गुजरात लोक सेवाओं आयोग (जीपीएससी) के माध्यम से सरकारी नौकरी हासिल की। इसलिए उनकी नियुक्ति रद्द की जानी चाहिए। खराड़ी के वकील ने हाईकोर्ट को प्रस्तुत किया कि निनामा ने खुद को अविवाहित बताकर सरकारी नौकरी प्राप्त की थी, जबकि उसकी तलाक की याचिका 2016 से लंबित है। बहू ने सरकारी नौकरी की जानकारी छिपाकर नौकरी हासिल की थी और इसलिए सेवा नियमों का उल्लंघन किया था। हालांकि, अदालत याचिका पर विचार करने के लिए एक वैध कारण खोजने में विफल रही। सुनवाई योग्‍य नहीं म‍िली याच‍िका अदालत ने कहा क‍ि सास की ओर से संविधान के अनुच्छेद 226 के तहत दायर प्रार्थना और याचिका में बहू की नियुक्ति के खिलाफ यह कहते हुए निर्देश देने की मांग की गई है कि यह तथ्यों को दबाकर गलत तरीके से प्राप्त किया गया था। यह उनके बीच एक विवाद है। यह बहुत ही असामान्य और अजीब है। कोर्ट यह समझने में विफल है कि जब याचिकाकर्ता ने अपने व्यक्तिगत खाते पर ऐसी प्रार्थना की थी तो यह याचिका कैसे सुनवाई योग्य है। याच‍िका को लेकर हाईकोर्ट ने लगाई फटकार अदालत ने आगे कहा क‍ि कोर्ट को यह देखकर दुख होता है कि वकील ने याचिकाकर्ता को किसी अन्य मंच के समक्ष उचित कार्यवाही करने की सलाह देने के बजाय इस तरह की मुकदमेबाजी को प्रोत्साहित किया है। हाईकोर्ट ने कहा क‍ि ऐसी याचिका दायर करके याचिकाकर्ता अदालत का समय बर्बाद कर रहे हैं। अधिवक्ताओं को सलाह दी जाती है कि वे लोगों को ऐसी याचिका दायर करने के लिए प्रोत्साहित न करें। अदालत ने याचिकाकर्ता रसीलाबेन को आदेश की तारीख से 15 दिनों के भीतर रजिस्ट्री के साथ अपना समय बर्बाद करने के लिए 10,000 रुपये का जुर्माना जमा करने का आदेश दिया।


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सास ने बहू के ख‍िलाफ दी याच‍िका, गुजरात हाईकोर्ट ने फटकार लगाते हुए 10 हजार का जुर्माना ठोंका https://ift.tt/2WoNaCg सास ने बहू के ख‍िलाफ दी याच‍िका, गुजरात हाईकोर्ट ने फटकार लगाते हुए 10 हजार का जुर्माना ठोंका
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