Breaking News INDIA

Breaking News INDIA
Hindi Samachar

Gad

कोरोना मरीजों में पहली बार मल के रास्ते ब्लीडिंग के 5 मामले आए सामने, गंगा राम अस्पताल ने दी जानक


कोरोना मरीजों में पहली बार मल के रास्ते ब्लीडिंग के 5 मामले आए सामने, गंगा राम अस्पताल ने दी जानक कोरोना मरीजों में पहली बार मल के रास्ते ब्लीडिंग के 5 मामले आए सामने, गंगा राम अस्पताल ने दी जानक Reviewed by Inquisitive & Gallivanter on June 30, 2021 Rating: 5

24 घंटे से थी चर्चा, सिद्धू से मुलाकात को लेकर राहुल गांधी बोले, अभी कुछ तय नहीं https://ift.tt/3h6EVTa


24 घंटे से थी चर्चा, सिद्धू से मुलाकात को लेकर राहुल गांधी बोले, अभी कुछ तय नहीं https://ift.tt/3h6EVTa 24 घंटे से थी चर्चा, सिद्धू से मुलाकात को लेकर राहुल गांधी बोले, अभी कुछ तय नहीं https://ift.tt/3h6EVTa Reviewed by Inquisitive & Gallivanter on June 30, 2021 Rating: 5

दिल्‍ली: फेसबुक पर लाइक-कमेंट दिखाकर रेप केस में गिरफ्तारी से बचा आरोपी https://ift.tt/3qDRWXQ


दिल्‍ली: फेसबुक पर लाइक-कमेंट दिखाकर रेप केस में गिरफ्तारी से बचा आरोपी https://ift.tt/3qDRWXQ दिल्‍ली: फेसबुक पर लाइक-कमेंट दिखाकर रेप केस में गिरफ्तारी से बचा आरोपी https://ift.tt/3qDRWXQ Reviewed by Inquisitive & Gallivanter on June 30, 2021 Rating: 5

भीषण लू की चपेट में राजधानी, 43 डिग्री में तपे दिल्लीवाले... कब तक आएगा मॉनसून https://ift.tt/3h1QXx9


भीषण लू की चपेट में राजधानी, 43 डिग्री में तपे दिल्लीवाले... कब तक आएगा मॉनसून https://ift.tt/3h1QXx9 भीषण लू की चपेट में राजधानी, 43 डिग्री में तपे दिल्लीवाले... कब तक आएगा मॉनसून https://ift.tt/3h1QXx9 Reviewed by Inquisitive & Gallivanter on June 30, 2021 Rating: 5

जज हमेशा जजमेंट से जाने जाते हैं...अयोध्या पर फैसला देने वाले जस्टिस भूषण हो रहे रिटायर https://ift.tt/3xdtZsU

नई दिल्ली सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एनवी रमना ने कहा कि जस्टिस अशोक भूषण अपने जजमेंट के लिए हमेशा याद किए जाएंगे। जस्टिस अशोक भूषण 4 जुलाई को रिटायर हो रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट में बतौर जस्टिस उनका बुधवार को आखिरी वर्किंग डे था। इस मौके पर फेयरवेल स्पीच में चीफ जस्टिस ने ये बातें कही। जस्टिस भूषण इलाहाबाद में अपनी मां के अंतिम संस्कार में शामिल होने के कारण इलाहाबाद जा रहे हैं और इस कारण वह आखिरी के कुछ दिन कोर्ट अटेंड नहीं कर पाएंगे। जस्टिस भूषण राम मंदिर मामले से लेकर कई अन्य मामलों में ऐतिहासिक फैसले दिए हैं। चीफ जस्टिस रमना ने कहा कि हाल ही में जस्टिस भूषण ने सही कहा था कि जज हमेशा अपने जजमेंट के लिए जाने जाते हैं। जजमेंट ही किसी जज को टेस्ट करने का सबसे बेहतर क्राइटेरिया है। जस्टिस अशोक भूषण हमेशा अपने जजमेंट के लिए याद किए जाते रहेंगे। जस्टिस भूषण का सफर बेहतरीन रहा है। उनके जजमेंट में मानवीयता का अप्रोच दिखता है। उनका योगदान सराहनीय है। इस मौके पर खुद जस्टिस भूषण ने कहा कि मुझे इस बात का गर्व है कि मैं सुप्रीम कोर्ट का पार्ट रहा। बार की तारीफ करते हुए भूषण ने कहा कि जो भी जजमेंट होता है उसमें बार का योगदान ज्यादा रहता है। अटॉर्नी जनरल ने इस मौके पर कहा कि जस्टिस भूषण ने मंगलवार को प्रवासी मजदूरों के वेलफेयर के लिए बेहतरीन फैसला दिया है। ये दुखदाई है कि वह रिटायर हो रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट बार असोसिएशन के प्रेसिडेंट विकास सिंह ने कहा कि जस्टिस भूषण बेहद सौम्य व्यक्तित्व के धनी हैं। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि कोर्ट की सुनवाई के दौरान हमेशा उनका मुस्कुराता चेहरा याद रहेगा। जस्टिस अशोख भूषण ने सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस के तौर पर कई ऐतिहासिक फैसले दिए। राम मंदिर-बाबरी मस्जिद जमीन विवाद मामले में पांच जजों ने जो फैसला सुनाया था उसके भी पार्ट रहे थे जस्टिस अशोक भूषण। अशोक भूषण का जन्म 5 जुलाई 1956 को हुआ था। वह यूपी के जौनपुर में पैदा हुए थे। उन्होंने 1975 में ग्रेजुएशन किया और फिर इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से 1979 में लॉ किया। इसके बाद 6 अप्रैल 1979 में सिविल लॉ में प्रैक्टिस शुरू की। बाद में उन्हें हाई कोर्ट का जस्टिस बनाया गया। 24 अप्रैल 2001 को स्थायी जज बनाया गया और फिर 10 जुलाई 2014 को केरल हाई कोर्ट का जस्टिस बनाया गया और फिर 26 मार्च 2015 को केरल हाई कोर्ट का ही चीफ जस्टिस बनाया गया। 13 मई 2016 को उन्हें सुप्रीम कोर्ट का जस्टिस बनाया गया था।


from India News: इंडिया न्यूज़, India News in Hindi, भारत समाचार, Bharat Samachar, Bharat News in Hindi, coronavirus vaccine latest news update https://ift.tt/366Z45e
जज हमेशा जजमेंट से जाने जाते हैं...अयोध्या पर फैसला देने वाले जस्टिस भूषण हो रहे रिटायर https://ift.tt/3xdtZsU जज हमेशा जजमेंट से जाने जाते हैं...अयोध्या पर फैसला देने वाले जस्टिस भूषण हो रहे रिटायर
https://ift.tt/3xdtZsU Reviewed by Inquisitive & Gallivanter on June 30, 2021 Rating: 5

National Doctors Day पर डॉक्टरों को संबोधित करेंगे पीएम, कोरोना से जंग में अहम रोल https://ift.tt/3dq8qgv

नई दिल्‍ली गुरुवार को (National Doctors Day) के अवसर पर देश के चिकित्सा जगत से जुड़े लोगों को संबोधित करेंगे। इस अवसर पर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने एक कार्यक्रम आयोजित किया है। इसी में पीएम से जुड़े लोगों का मनोबल बढ़ाएंगे। प्रधानमंत्री ने बुधवार को ट्वीट कर कहा, ‘कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में भारत को अपने सभी डॉक्‍टरों के प्रयासों पर गर्व है। एक जुलाई को नेशनल डॉक्‍टर्स डे मनाया जाता है। कल तीन बजे आईएमए की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में चिकित्सक समुदाय को संबोधित करूंगा।’ हर साल एक जुलाई को देशभर में राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस मनाया जाता है। इसी दिन देश के महान चिकित्सक और पश्चिम बंगाल के दूसरे मुख्यमंत्री डॉक्टर बिधानचंद्र रॉय का जन्मदिन और पुण्यतिथि होती है। यह दिन उन्हीं की याद में मनाया जाता है। चिकित्सक समुदाय ने कोविड-19 महामारी से लड़ाई में अहम भूमिका निभाई है। इस समय भी डॉक्टर अपनी जान की परवाह किए बगैर देश सेवा में लगे हुए हैं। प्रधानमंत्री अक्सर अपने संबोधनों में इसके लिए डॉक्‍टरों और अग्रिम मोर्चे पर काम करने वाले अन्य लोगों की सराहना करते रहे हैं।


from India News: इंडिया न्यूज़, India News in Hindi, भारत समाचार, Bharat Samachar, Bharat News in Hindi, coronavirus vaccine latest news update https://ift.tt/3AdSubi
National Doctors Day पर डॉक्टरों को संबोधित करेंगे पीएम, कोरोना से जंग में अहम रोल https://ift.tt/3dq8qgv National Doctors Day पर डॉक्टरों को संबोधित करेंगे पीएम, कोरोना से जंग में अहम रोल
https://ift.tt/3dq8qgv Reviewed by Inquisitive & Gallivanter on June 30, 2021 Rating: 5

डिजिटल इंडिया के 6 साल होने पर गुरुवार को लाभार्थियों से रूबरू होंगे प्रधानमंत्री मोदी https://ift.tt/35ZWK0b

नई दिल्ली गुरुवार को डिजिटल इंडिया का 6 साल पूरा हो जाएगा। 2014 में सत्ता में आने के बाद पीएम मोदी की यह महत्चाकांक्षी योजना रही है। इस मौके पर पीएम वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए 'डिजिटल इंडिया' के लाभार्थियों के साथ बातचीत करेंगे। कार्यक्रम का आयोजन इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की तरफ से 'डिजिटल इंडिया' के 6 साल पूरे होने के मौके पर किया जा रहा है। सरकार की डिजिटल इंडिया को संचालित करने अहम एजेंसी My Gov के सीईओ और डिजिटल इंडिया कॉर्पोरेशन के एमडी अभिषेक सिंह ने कहा कि आने वाले समय में डिजिटल इंडिया का और प्रसार बढ़ेगा और कोविड के बाद इसका महत्व और समझा गया। एनबीटी से बात करते हुए अभिषेक सिंह ने कहा कि पिछले 6 सालों में My Gov वेबसाइट पर रोजाना लगभग 1 लाख यूजर विज़िट कर हे हैं और सोशल मीडिया पर हर दिन करीब 27 लाख जुड़ रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी किसी मसले पर आम जनों के सुझाव के लिए सबसे अधिक My Gov पर आए गए फीडबैक पर ही निर्भर रहते हैं। उनको नियमित रूप से यहां आए फीडबैक काे दिया जाता है। कोविड मैनेजमेंट पर मिले सबसे अधिक सुझाव My Gov से आम लोगाें के संवाद के बारे में बताय गया कि सरकार की ओर कोविड का प्रबंधन कैसे किया जाए, इस विषय पर भी बड़ी तादाद में सुझाव मिलें जिसमें कई बेहद रचनात्मक थे। इसके अलावा 6 सालों में जिन विषयों पर सबसे अधिक सुझाव मिले उनमें बजट और राष्ट्रीय शिक्षा नीति के ड्राफ्ट पर मांगें इनपुट थे। इस तरह फिल्टर करते हैं लोगों के संदेश आने वाले लाखों संदेशों को किस तरह फिल्टर करते हैं,उस बारे में My Gov के सीईओ ने कहा कि पहले स्तर में सिस्टम की तरफ से फिल्टरिंग किया जाता है जो ऑटोमेटिक स्पैम, स्लैंग और शोर से भरी फाइलों को हटा देता है। फिर हम एनालिटिक्स इंजन के उपयोग से विभिन्न इनपुट को श्रेणीबद्ध करते हैं। My Gov पर सबसे अधिक भागीदारी 18-35 आयु वर्ग के यूजर की देखी गई है।


from India News: इंडिया न्यूज़, India News in Hindi, भारत समाचार, Bharat Samachar, Bharat News in Hindi, coronavirus vaccine latest news update https://ift.tt/3AczIB0
डिजिटल इंडिया के 6 साल होने पर गुरुवार को लाभार्थियों से रूबरू होंगे प्रधानमंत्री मोदी https://ift.tt/35ZWK0b डिजिटल इंडिया के 6 साल होने पर गुरुवार को लाभार्थियों से रूबरू होंगे प्रधानमंत्री मोदी
https://ift.tt/35ZWK0b Reviewed by Inquisitive & Gallivanter on June 30, 2021 Rating: 5

भारत ने विश्व को चेताया...साइबर आतंकवाद के खिलाफ साथ आना होगा, चुकानी पड़ सकती है बड़ी कीमत https://ift.tt/3w1fxCI

नई दिल्‍ली भारत अब के खिलाफ विश्व के तमाम देशों को एकमंच पर लाने की कोशिश कर रहा है। भारत ने बिना चीन का नाम लेते हुए कहा है कि कुछ देश खास एजेंडे के तहत विश्व में साइबर आतंकवाद को बढ़ावा दे रहे हैं। न सिर्फ राजनीतिक और सामाजिक स्तर पर अस्थिरता फैलाने की कोशिश हो रही है बल्कि सामरिक चीजों पर बढ़ रहा है। भारत ने यह बात संयुक्त राष्ट्र में रखी है। भारत की ओर से विदेश सचिव हर्ष सिंगला ने साइबर दुनिया से उपज रहे खतरों के बारे में आगाह किया। कहा कि प्रोपेगेंडा फैलाने और नफरत व हिंसा का माहौल बनाने में साइबर आतंकवाद चरम पर है। इनमें युवाओं की सक्रिय भागीदरी और भी चिंता की बात है। इसके लिए सुनियोजित तरीके से साजिश रची जा रही है। जमकर फंड उपलब्‍ध कराया जा रहा है। भारत ने कहा कि अगर साइबर आतंकवाद के खिलाफ साझा लड़ाई की बात आती है तो वह इसमें अपनी सक्रिय भूमिका निभाने के लिए तैयार है। भारत ने साइबर आतंकवाद के खिलाफ साझा कोशिश के बारे में ऐसे समय यूएन मंच पर अपनी बात रखी है जब कई जगहों पर चीन की ओर से साइबर हमला करने की बात कही गई है। साथ ही आम लोगों की जिंदगी में डिजिटल इनोवेशन से जिंदगी जिस तरह सुगम हो रही है, इसके लिए भी भारत ने आधार, यूपीआई जैसी तकनीक के बारे में बताते हुए विश्व के दूसरे देशों को भी इस तकनीक को साझा करने की पेशकश की।


from India News: इंडिया न्यूज़, India News in Hindi, भारत समाचार, Bharat Samachar, Bharat News in Hindi, coronavirus vaccine latest news update https://ift.tt/3dsoq1R
भारत ने विश्व को चेताया...साइबर आतंकवाद के खिलाफ साथ आना होगा, चुकानी पड़ सकती है बड़ी कीमत https://ift.tt/3w1fxCI भारत ने विश्व को चेताया...साइबर आतंकवाद के खिलाफ साथ आना होगा, चुकानी पड़ सकती है बड़ी कीमत
https://ift.tt/3w1fxCI Reviewed by Inquisitive & Gallivanter on June 30, 2021 Rating: 5

भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद ब्राजील ने कोवैक्सीन की डील रोकी, भारत बायोटेक ने कहा- सभी नियमों का हुआ पालन https://ift.tt/3juV9HE

नई दिल्लीब्राजील की सरकार ने कोवैक्सीन की 2 करोड़ डोज खरीदने का के साथ किया करार निलंबित कर दिया (Suspension of Deal) है। ब्राजील की सरकार ने समझौते में अनियमितताओं के आरोप लगने के बाद डील के निलंबन की घोषणा की। इधर, भारत बायोटेक ने भी कहा है कि उसे अभी ब्राजील से वैक्सीन के लिए अडवांस पेमेंट नहीं मिला है। हैदराबाद की दवा निर्माता ने कहा कि कंपनी ने करार, नियामक मंजूरियों और आपूर्तियों के लिहाज से ब्राजील में भी उन्हीं नियमों का पालन किया जिनका उसने दुनिया के अन्य देशों में कोवैक्सीन की सफल आपूर्ति के लिए किया है। वैक्सीन डील की जांच करेगा ब्राजील ब्राजील के स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि संघ के महानियंत्रक कार्यालाय (सीजीयू) की अनुशंसा पर स्वास्थ्य मंत्रालय इस 29 जून से भारत बायोटेक से कोविड-19 टीके की खरीद के लिए हुए करार को अस्थायी तौर पर निलंबित करता है। मंत्रालय ने कहा, 'यह कदम ब्राजील में कोविड 19 के खिलाफ टीकाकरण अभियान की गति को प्रभावित नहीं करेगा और सार्वजनिक प्रशासन में नियम-कायदों की अहमियत का अनुसरण करता है।' ब्राजील के स्वास्थ्य मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि वैक्सीन के लिए भारत बायोटेक के साथ हुई डील की जांच की जाएगी। भारत बायोटेक ने कहा, अभी तक अडवांस पेमेंट नहीं मिला इधर, भारत बायोटेक ने कहा कि कंपनी को कोई अग्रिम भुगतान प्राप्त नहीं हुआ है न ही इसने ब्राजील को किसी टीके की आपूर्ति की है। कंपनी ने एक बयान में कहा, '29 जून 2021 तक, भारत बायोटेक को कोई अडवांस पेमेंट नहीं मिला है न ही उसने ब्राजील के स्वास्थ्य मंत्रालय को टीके की डिलिवरी की है।' इसने कहा, 'भारत बायोटेक ने करार, नियामक स्वीकृतियों और आपूर्तियों के लिहाज से उसी दृष्टिकोण का पालन किया है जो उसने दुनिया के उन देशों में भी किया जहां कोवैक्सीन की सफल आपूर्तियां की गई हैं।' भारत बायोटेक ने बताई पूरी बात प्रेसिसा मेडिकामेंटोस नाम की दवा कंपनी ब्राजील में भारत बायोटेक की साझेदार है जो नियामक प्रस्तुतियों, लाइसेंस, वितरण, बीमा, तीसरे चरण के क्लिनिकल परीक्षण आदि के आयोजन में सहयोग और मार्गदर्शन उपलब्ध करा रही है। ब्राजील के साथ कोवैक्सीन डील उस वक्त विवादों में घिर गया जब दक्षिण अमेरिकी देश के अटॉर्नी जनरल ने सौदे में जांच शुरू कर दी। सीजीयू के मंत्री वाग्नर रोसरियो ने बताया कि यह निलंबन एक एहतियाती उपाय है। उन्होंने कहा, 'हमने पिछले हफ्ते एक प्रारंभिक जांच शुरू की थी जो करार के संबंध में एक विशेष ऑडिट है। निलंबन की अवधि बस आकलन किए जाने तक रहेगी। हमने प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए प्रबल टीम को लगाया है।' सीजीयू ने कहा कि उसने कोवैक्सीन के करार में संभावित अनियमितताओं में 24 जून को जांच शुरू की थी। ब्राजील के स्वास्थ्य मंत्री का बयान ब्राजील के स्वास्थ्य मंत्री मार्सेलो क्विरोगा ने ट्वीट किया, 'सीजीयूऑनलाइन की अनुशंसा पर हमने कोवैक्सीन करार को अस्थायी रूप से निलंबित करने का फैसला किया है।' उन्होंने कहा, 'सीजीयू के प्रारंभिक विश्लेषण के मुताबिक, करार में कोई अनियमितता नहीं हैं लेकिन अनुपालन के कारण मंत्रालय ने और विश्लेषण के लिए करार को रोकने का फैसला किया है।' फरवरी में हुई थी डील भारत बायोटेक लिमिटेड ने 26 फरवरी को कहा था कि उसने 2021 की दूसरी और तीसरी तिमाही के दौरान कोवैक्सीन की दो करोड़ खुराकों की आपूर्ति के लिए ब्राजील की सरकार के साथ एक समझौता किया है। इससे पहले, ब्राजील की राष्ट्रीय स्वास्थ्य निगरानी एजेंसी-अन्विसा ने आपातकालीन प्रयोग अधिकरण के तहत कोवैक्सीन के आयात की मंजूरी देने से मना कर दिया था जब अधिकारियों ने पाया कि भारतीय संयंत्र, जहां टीका बनाया जा रहा है, वह वस्तु निर्माण प्रक्रिया (जीएमपी) की जरूरतों को पूरा नहीं करता है। 5 जून को मिली थी डील को मंजूरी अन्विसा ने 5 जून को कुछ शर्तों के साथ दक्षिण अमेरिकी देश में कोवैक्सीन के आयात के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी। ब्राजील ने 4 जून को कोवैक्सीन के आपातकालीन प्रयोग की मंजूरी दी थी। भारत से बाहर की सरकारों को आपूर्ति के लिए कोवैक्सीन की कीमत 15 से 20 डॉलर प्रति खुराक तय की गई थी। ब्राजील के लिए भी कीमत 15 डॉलर प्रति खुराक ही दर्शाई गई है। भारत बायोटेक ने कहा कि उसे मंजूरी लंहित रहने और आपूर्तियों की प्रक्रिया जारी रहते हुए, कई अन्य देशों से अग्रिम भुगतान तय कीमतों से ऊपर प्राप्त हुई है। कंपनी ने उन सभी देशों, जहां उसके टीकों की आपूर्ति की गई है,सबमें इसी तरह का साझेदारी मॉडल अपनाया है क्योंकि वहां उसके अपने कार्यालय नहीं हैं।


from India News: इंडिया न्यूज़, India News in Hindi, भारत समाचार, Bharat Samachar, Bharat News in Hindi, coronavirus vaccine latest news update https://ift.tt/3ycQv5d
भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद ब्राजील ने कोवैक्सीन की डील रोकी, भारत बायोटेक ने कहा- सभी नियमों का हुआ पालन https://ift.tt/3juV9HE भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद ब्राजील ने कोवैक्सीन की डील रोकी, भारत बायोटेक ने कहा- सभी नियमों का हुआ पालन
https://ift.tt/3juV9HE Reviewed by Inquisitive & Gallivanter on June 30, 2021 Rating: 5

एलोपैथी पर अपने मूल बयान का वीडियो सुप्रीम कोर्ट को सौपेंगे बाबा रामदेव, विभिन्न राज्यों में FIR को ट्रांसफर करने की मांग https://ift.tt/35Zpia5

नई दिल्ली सुप्रीम कोर्ट ने योग गुरु से कहा कि वह कोविड-19 महामारी के दौरान एलोपैथिक दवाओं के इस्तेमाल पर अपने बयान का मूल रिकॉर्ड पेश करें। प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण, न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति ऋषिकेश रॉय की पीठ ने योग गुरु की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी से पूछा, 'असल में उन्होंने क्या कहा था? आपने सारी बातें पेश नहीं की है।' रोहतगी ने पीठ को बताया कि वह प्रतिलिपि के साथ मूल वीडियो पेश करेंगे। पीठ ने इसकी अनुमति दे दी। इसी के साथ कोर्ट ने सुनवाई 5 जुलाई के लिए स्थगित कर दी। बिहा और छत्तीसगढ़ में एफआईआर दर्ज उच्चतम न्यायालय में आज भारतीय चिकित्सा संघ (IMA) की तरफ से दर्ज मुकदमों पर बाबा रामदेव के खिलाफ कार्यवाही को रोकने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई की। आईएमए ने कोविड-19 महामारी के दौरान एलोपैथिक दवा के इस्तेमाल के खिलाफ बाबा रामदेव की टिप्पणियों पर बिहार तथा छत्तीसगढ़ में एफआईआर करवाई है। आईएमए की पटना और रायपुर इकाई ने अपनी-अपनी शिकायतों में आरोप लगाया है कि कोविड-19 नियंत्रण प्रक्रिया में बाबा रामदेव की टिप्पणियों से पूर्वाग्रह की स्थिति उत्पन्न हो सकती है और उनकी टिप्पणियां महामारी के खिलाफ उचित इलाज के प्रति हतोत्साहित कर सकती हैं। कोर्ट में रामदेव के वकील की दलील रामदेव ने अपनी याचिका में पटना तथा रायपुर में दर्ज प्राथमिकियों को दिल्ली स्थानांतरित करने का भी अनुरोध किया है। वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए हुई सुनवाई के दौरान रोहतगी ने पीठ से कहा कि रामदेव एक प्रतिष्ठित व्यक्ति हैं और योग तथा आयुर्वेद के समर्थक हैं। उन्होंने कहा कि एक कार्यक्रम के दौरान रामदेव ने व्हाट्सऐप पर आए एक संदेश को पढ़ा था, जो उन्हें भेजा गया था। रोहतगी ने कहा कि रामदेव ने स्पष्ट किया है कि उनके दिल में डॉक्टरों तथा किसी के भी खिलाफ कुछ नहीं है। अलग-अलग स्थानों पर उनके खिलाफ कई शिकायतें दर्ज की गई हैं। इन शिकायतों को दिल्ली ट्रांसफर किया जाए। रोहतगी ने कहा कि पिछले साल जब पतंजलि कोरोनिल लेकर आई थी तो एलोपैथिक डॉक्टर उनके खिलाफ हो गए थे। उन्होंने कहा, 'वह (रामदेव) उनके खिलाफ नहीं हैं। उन्हें इतनी सारी जगहों पर क्यों जाना चाहिए? हर किसी को बोलने की आजादी है।' योग गुरु पर भारतीय दंड संहिता (IPC) और आपदा प्रबंधन कानून, 2005 की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। एलोपैथी बनाम आयुर्वेद का मुद्दा गौरतलब है कि बाबा रामदेव के कथित बयान से देश में एलोपैथी बनाम आयुर्वेद की बहस शुरू हो गई थी। हालांकि, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने रामदेव को पत्र लिखकर उनकी टिप्पणी को अनुचित बताया। उसके बाद बाबा रामदेव ने 23 मई को अपना बयान वापस ले लिया था। रामदेव ने मामले में दर्ज प्राथमिकियों को एक साथ मिलाकर दिल्ली स्थानांतरित करने का अनुरोध किया है। इसके साथ ही उन्होंने न्यायालय से अंतरिम राहत के तौर पर आपराधिक शिकायतों की जांच पर रोक लगाने का भी अनुरोध किया है।


from India News: इंडिया न्यूज़, India News in Hindi, भारत समाचार, Bharat Samachar, Bharat News in Hindi, coronavirus vaccine latest news update https://ift.tt/3y6VlRh
एलोपैथी पर अपने मूल बयान का वीडियो सुप्रीम कोर्ट को सौपेंगे बाबा रामदेव, विभिन्न राज्यों में FIR को ट्रांसफर करने की मांग https://ift.tt/35Zpia5 एलोपैथी पर अपने मूल बयान का वीडियो सुप्रीम कोर्ट को सौपेंगे बाबा रामदेव, विभिन्न राज्यों में FIR को ट्रांसफर करने की मांग
https://ift.tt/35Zpia5 Reviewed by Inquisitive & Gallivanter on June 30, 2021 Rating: 5

कोवैक्सीन पर एक और मुहर, डेल्टा वेरियेंट पर भी कारगर है भारत की वैक्सीन https://ift.tt/3jq0srB

नई दिल्लीकोविड-19 महामारी के खिलाफ देश का पहला टीका कोवैक्सीन (Covaxin) डेल्टा ही नहीं, अन्य दूसरे वेरियेंट के खिलाफ भी कारगर है, इस दावे को शीर्ष अमेरिकी स्वास्थ्य संस्था नैशनल इंस्टिट्यूट्स ऑफ हेल्थ (NIH) ने भी स्वीकार कर लिया है। उसने कहा है कि कोवैक्सीन सार्स-कोव-2 के अल्फा और डेल्टा वेरियेंट्स को प्रभावी तौर पर निष्क्रिय कर देती है। कोवैक्सीन पर शीर्ष अमेरिकी संस्था NIH का बयान एनआईएच ने अपने एक बयान में कहा, 'कोवैक्सीन की डोज लेने वाले लोगों के शरीर से लिए गए ब्लड सीरम की स्टडी करने पर पाया गया कि वैक्सीन से बनी ऐंटिबॉडीज सार्स-कोव-2 के अल्फा वेरियेंट (B.1.1.7) और डेल्टा वेरियेंट (B.1.617) को पूरी तरह निष्क्रीय कर देती है। अल्फा वेरियेंट सबसे पहले यूके में जबकि डेल्टा वेरियेंट भारत में मिला था।' ICMRNIV ने कोवैक्सीन पर कही यह बड़ी बात इधर, महाराष्ट्र के पुणे स्थित नैशनल इंस्टिट्यूट ऑफ वायरॉलजी (NIV) ने दावा किया है कि कोवैक्सीन की बूस्टर डोज कोरोना वायरस के किसी भी वेरियेंट के खिलाफ लड़ने में पूरी तरह कारगर है। बूस्टर डोज उसे कहते हैं जो किसी वैक्सीन की दोनों डोज लेने के करीब साल-दो साल या फिर कुछ और बाद भी नियमित तौर पर दी जाए। भारतीय आर्युविज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) और एनआईवी के संयुक्त शोध इकाई ICMRNIV की डायरेक्टर प्रिया अब्राहम कहती हैं, 'कोवैक्सीन वायरस के वेरियेंट्स से निपटने में ज्यादा प्रभावी हो सकती है। यह बूस्टर वैक्सीन के रूप में उपयोगी भूमिका निभा सकती है क्योंकि इससे बनी ऐंटेबॉडीज और प्रतिरक्षा तंत्र की कोशिकाएं (Cells of the immune system) स्पाइक प्रोटीन के अलावा वायरस के और प्रोटींस की पहचान कर उसे निष्क्रीय करने में सक्षम होती हैं।' NIH ने बताया- कब, कितना कारगर होती है कोवैक्सीन बहरहाल, एनआईएच ने कहा कि ट्रायल रिजल्ट्स से साफ पता चलता है कि कोवैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित और बर्दाश्त के काबिल है। उसने यह बात मशहूर विज्ञान पत्रिका द लैंसेट में प्रकाशित दूसरे चरण के ट्रायल रिजल्ट के हवाले से कही। एनआईएच ने कोवैक्सीन के तीसरे चरण के ट्रायल के अंतरिम परिणामों का भी आकलन किया। उसने कहा कि 25,800 लोगों पर हुई तीसरे चरण के ट्रायल से पता चलता है कि कोवैक्सीन लक्षण वाली बीमारी (Symptomatic Diseas) के खिलाफ 78%, कोविड की गंभीर बीमारी के खिलाफ 100% और कोरोना से संक्रमण के बाद महामारी का कोई लक्षण नहीं दिखने वाले मरीज पर 70% प्रभावी है। कैसे हर वेरियेंट्स के खिलाफ प्रभावी है कोवैक्सीन, जानें वहीं, ICMRNIV की डायरेक्टर प्रिया अब्राहम का कहना है कि बूस्टर डोज के लिहाज से कोवैक्सीन काफी कारगर हो सकता है। इसे भारत और दुनिया के अन्य देशों में भी कोवैक्सीन को यह भूमिका मिलनी चाहिए। ध्यान रहे कि कोवैक्सीन सार्स-कोव-2 की सिर्फ स्पाइक प्रोटीन के खिलाफ नहीं बल्कि पूरे वायरस के खिलाफ प्रतिरक्षा तंत्र को सक्रिय करता है। उन्होंने कहा, 'कोवैक्सीन से बनी ऐंटीबॉडिज से सार्स-कोव-2 के अब तक मिले (अल्फा, बीटा और डेल्टा) वेरियेंट्स निष्क्रिय किए जा चुके हैं। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि वैक्सीन स्पाइक प्रोटीन के साथ-साथ पूरे सार्स-कोव-2 वायरस को ही निष्क्रिय कर देती है।' उन्होंने कोवैक्सीन की इस खासियत की वजह से वायरस के विभिन्न वेरियेंट्स के खिलाफ व्यापक प्रभाव पैदा होता है।


from India News: इंडिया न्यूज़, India News in Hindi, भारत समाचार, Bharat Samachar, Bharat News in Hindi, coronavirus vaccine latest news update https://ift.tt/3jysvW9
कोवैक्सीन पर एक और मुहर, डेल्टा वेरियेंट पर भी कारगर है भारत की वैक्सीन https://ift.tt/3jq0srB कोवैक्सीन पर एक और मुहर, डेल्टा वेरियेंट पर भी कारगर है भारत की वैक्सीन
https://ift.tt/3jq0srB Reviewed by Inquisitive & Gallivanter on June 30, 2021 Rating: 5

कौन बनेगा यूपी का नया DGP? रेस में सबसे आगे ये नाम, योगी से मुलाकात के बाद चर्चा तेज https://ift.tt/3qCt1np

लखनऊ उत्तर प्रदेश के नए डीजीपी की रेस में 1987 बैच के आईपीएस अफसर मुकुल गोयल सबसे आगे हैं। फिलहाल मुकुल गोयल एडीजी बीएसएफ के पद पर तैनात हैं। माना जा रहा है मंगलवार देर शाम गोयल ने से मुलाकात भी की है। इसके साथ ही एक अन्य दावेदार आईपीएस आर.पी. सिंह का भी नाम चर्चा में चल रहा है, इनकी भी सीएम से मुलाकात की बात सामने आई है। यूपी सरकार ने UPSC में 3 अफसरों के नाम भेजे हैं। इनमे से किसी एक नाम पर आज मोहर लग जाएगी। जानिए, कौन हैं 1987 बैच के आईपीएस अफसर मुकुल गोयल मूल रूप से यूपी के मुजफ्फरनगर के रहने वाले हैं। मुकुल गोयल आईआईटी दिल्ली से बीटेक हैं और एमबीए भी हैं। यूपी के अपने कार्यकाल में आजमगढ़ के एसपी और वाराणसी,गोरखपुर, सहरानपुर, मेरठ में एसएसपी के पद पर तैनात रह चुके हैं। मुकुल गोयल कानपुर, आगरा, बरेली रेंज के डीआईजी और बरेली जोन के आईजी भी रह चुके हैं। इसके अलावा मुकुल गोयल केंद्र में आईटीबीपी, बीएसएफ, एनडीआरएफ में भी काम कर चुके हैं। विवादों से भी रहा है मुकुल गोयल का नाता आईपीएस मुकुल से जुड़े विवादित मुद्दों की बात करें तो 2000 में बतौर एसएसपी सहारनपुर में तैनाती के दौरान बीजेपी विधायक निर्भय पाल सिंह की हत्या के बाद निलंबित किए गए थे। 2006 में यूपी में बड़े पैमाने पर पुलिस भर्ती चल रही थी उस दौरान मुकुल गोएल डीआईजी के पद पर आगरा में तैनात थे और वहां के भर्ती बोर्ड के प्रमुख थे। 2007 में मायावती सरकार आने के बाद जब इन मामलों में अफसरों का निलंबन और मुकदमा दर्ज करने की कार्रवाई शुरू हुई तब तक मुकुल गोएल और दलजीत चौधरी प्रतिनियुक्ति पर केंद्र में चले गए थे। 2012 में सत्ता में वापसी के बाद समाजवादी पार्टी की सरकार ने सभी मुकदमे वापस ले लिए थे। मौजूदा डीजीपी की बिदाई पर नहीं होगा कोई कार्यक्रम डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी के मुताबिक उनके रिटायरमेंट पर किसी भी तरह का बिदाई समारोह का आयोजन नहीं किया जाएगा। दरअसल डीजीपी के रिटायरमेंट पर रैपिड परेड का आयोजन किया जाता है, जिसे कोरोना के चलते एच सी अवस्थी ने मना कर दिया है। मौजूदा डीजीपी एच सी अवस्थी आज यानी 30 जून को रिटायर हो रहे हैं।


from India News: इंडिया न्यूज़, India News in Hindi, भारत समाचार, Bharat Samachar, Bharat News in Hindi, coronavirus vaccine latest news update https://ift.tt/3jqWI9g
कौन बनेगा यूपी का नया DGP? रेस में सबसे आगे ये नाम, योगी से मुलाकात के बाद चर्चा तेज https://ift.tt/3qCt1np कौन बनेगा यूपी का नया DGP? रेस में सबसे आगे ये नाम, योगी से मुलाकात के बाद चर्चा तेज
https://ift.tt/3qCt1np Reviewed by Inquisitive & Gallivanter on June 30, 2021 Rating: 5

राहुल क्यों नहीं मिले? सिद्धू-प्रियंका की इस मुस्कुराती तस्वीर में छिपा है क्या संदेश? https://ift.tt/3dsa817

नई दिल्‍ली पंजाब कांग्रेस में कलह के अहम किरदार ने बुधवार को दिल्‍ली में पार्टी महासचिव से मुलाकात की। सिद्धू ने प्रियंका संग मुलाकात की एक तस्‍वीर ट्विटर पर शेयर की है। इसमें सिद्धू आत्‍मविश्वास से लबरेज नजर आ रहे हैं और प्रियंका के चेहरे पर मंद मुस्‍कान है। इस मुस्‍कुराहट के पीछे की वजह क्‍या है? क्‍या पंजाब में सबकुछ ठीक होने जा रहा है? क्‍या आलाकमान सिद्धू और मुख्‍यमंत्री अमरिंदर सिंह के बीच सुलह कराने में सफल हो रहा है? एक सवाल यह भी है कि प्रियंका-सिद्धू की यह मुस्कुराती तस्वीर अमरिंदर को कैसी लग रही होगी। कयास तो राहुल गांधी की नाराजगी के भी लग रहे हैं जिनकी सिद्धू से मुलाकात नहीं हो पाई है। इस कयासों को मजबूती इस बात से मिली है क्‍योंकि सिद्धू के बाद प्रियंका ने सोनिया गांधी और राहुल से मुलाकात की। प्रियंका गांधी से मुलाकात से पहले सिद्धू ने सीमाओं को लांघते हुए अमरिंदर पर बहुत तीखे हमले बोले हैं। फिर भी प्रियंका गांधी से बेहद सहज तरह से मिलना और मुस्कुराती तस्वीरें बाहर आना अलग संकेत दे रहा है। इस तस्‍वीर को देखकर कैप्‍टन के खेमे में हलचल जरूर बढ़ गई होगी। क्‍या सिद्धू से नाराज हैं राहुल?सिद्धू के ऑफिस ने कहा था कि उनकी राहुल गांधी से मुलाकात होनी है। हालांकि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि आज के लिए कोई बैठक तय नहीं है। राहुल गांधी से पूछा गया तो उन्होंने ऐसी किसी भी बैठक से इनकार किया। उन्होंने कहा, "कोई मुलाकात नहीं।" ऐसी खबरें आ रही हैं कि राहुल सिद्धू से नाराज हैं। राहुल को दी जा चुकी है सारी अपडेटपिछले हफ्ते पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष सुनील जाखड़, वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल और सांसद प्रताप सिंह बाजवा और मनीष तिवारी ने राहुल गांधी से मुलाकात की थी। राहुल को पंजाब में बढ़ रही अंदरूनी कलह के बारे में पूरी जानकारी दी गई थी। बैठक के बाद सुनील जाखड़ ने कहा था कि 'कुछ गलत लोग विधायकों के परिजनों को नौकरी देने के फैसले पर मुख्यमंत्री को सलाह दे रहे हैं।' उन्होंने कहा कि नवजोत सिंह सिद्धू के मुद्दे पर पार्टी नेतृत्व चर्चा कर रहा है। कैप्‍टन को हटवाना चाहते हैं सिद्धूपंजाब में में आम आदमी पार्टी नेता अरविंद केजरीवाल सक्रिय हो गए हैं। अकाली दल और बसपा में समझौता हो चुका है। बीजेपी भी अपनी तैयारी परदे के पीछे से कई तरह से कर रही है। इस हालत में कांग्रेस में एकता बहुत जरूरी और चुनाव की तैयारी शुरू करना जरूरी है। लेकिन जानकारों के अनुसार, सिद्धू कैप्टन को हटवाना चाहते हैं। कहीं न कहीं मन में अपने लिए भी इच्छा है। लेकिन ज्यादातर विधायक कैप्टन की अगुवाई में ही चुनाव चाहते हैं। कैप्टन भी दो बार दिल्ली आ चुके हैं। हालांकि, पिछली यात्रा के दौरान वह आला कमान के किसी भी नेता से नहीं मिले थे। कलह के नजरिए से सिद्धू भी दूसरी बार दिल्ली आए हैं।


from India News: इंडिया न्यूज़, India News in Hindi, भारत समाचार, Bharat Samachar, Bharat News in Hindi, coronavirus vaccine latest news update https://ift.tt/3hfeR7o
राहुल क्यों नहीं मिले? सिद्धू-प्रियंका की इस मुस्कुराती तस्वीर में छिपा है क्या संदेश? https://ift.tt/3dsa817 राहुल क्यों नहीं मिले? सिद्धू-प्रियंका की इस मुस्कुराती तस्वीर में छिपा है क्या संदेश?
https://ift.tt/3dsa817 Reviewed by Inquisitive & Gallivanter on June 30, 2021 Rating: 5

कोरोना से मौत पर मुआवजा: सरकार ने खड़े कर दिए थे हाथ, पर SC ने याद दिलाई यह धारा https://ift.tt/2USjFbn

नई दिल्ली सुप्रीम कोर्ट ने कोविड-19 महामारी से जान गंवाने वाले के परिजनों को मुआवजा देने का रास्ता साफ कर दिया है। उसने आज एक अहम आदेश में कहा कि मृतक के परिजनों को 4 लाख रुपये का ही मुआवजा मिले यह जरूरी नहीं है, लेकिन उन्हें मुआवजा जरूर देना होगा क्योंकि यह सरकार का संवैधानिक दायित्व है। जस्टिस अशोक भूषण की अगुवाई वाली बेंच ने राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) ऐक्ट की धारा-12 का जिक्र करते हुए कहा कि आपदा में मृत्यु पर मुआवजा दिए जाने का प्रावधान किया गया है जिसे पूरा करना सरकार का दायित्व है। सरकार की दलील खारिज इसके साथ ही, सुप्रीम कोर्ट ने एनडीएमए को गाइडलाइंस तैयार करने का आदेश दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एनडीएमए अपनी गाइडलाइंस में कोविड से मौत के मामले में न्यूनतम मुआवजा राशि देने की सिफारिश करे। ध्यान रहे कि कोविड से मौत के मामले में मृतक के परिजनों को 4-4 लाख रुपये मुआजवा देने के लिए सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार की उस दलील को खारिज कर दिया जिसमें केंद्र ने कहा था कि डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट की धारा-12 का प्रा‌वधान अनिवार्य नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने धारा-12 की भावना पर दिया स्पष्टीकरण सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट की धारा-12 के तहत एनडीएमए की विधायी जिम्मेदारी है कि वह गाइडलाइंस तैयार करे और राष्ट्रीय आपदा की स्थिति में पीड़ितों के लिए न्यूनतम मुआवजा राशि के लिए सिफारिश करे। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि धारा-12 में शैल (shall) शब्द का इस्तेमाल किया गया है और इसका मतलब अनिवार्य है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार के लिए ऐसा कोई निर्देश नहीं दिया कि वह अमुक मुआवजा राशि का भुगतान करे। सुप्रीम कोर्ट ने एनडीएमए से कहा है कि वह छह हफ्ते में कोविड से मौत के मामले में पीड़ितों को मुआवजा देने के लिए गाइडलाइंस बनाए और न्यूनतम मुआजवा राशि के भुगतान की सिफारिश करे। कितनी रकम हो उचित, NDMA तय करे: सुप्रीम कोर्ट सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को अपने फैसले में कहा कि हम कोविड से मौत के मामले में मृतक के परिजनों को मुआवजा राशि देने के मामले में एनडीएमए को निर्देश देते हैं कि वह गाइडलाइंस तय करे ताकि न्यूततम पैमाने के तहत राहत मिले। हम नैशनल अथॉरिटी पर छोड़ते हैं कि वह उचित रकम मुआवजे के लिए तय करे। सुप्रीम कोर्ट ने अपने निर्देश में ये भी कहा है कि कोविड से मौत के मामले में डेथ सर्टिफिकेट जारी करने के दौरान उसमें तारीख और मौत का कारण कोविड लिखा जाना चाहिए। कोर्ट ने कहा कि अगर परिजन संतुष्ट नहीं हैं तो मौत का कारण सही करने के लिए सुविधाएं प्रदान की जाए। याचिका पर सरकार से सवाल सुप्रीम कोर्ट में याचिकाकर्ता गौरव कुमार बंसल और एक अन्य याची ने कहा है कि कोविड से होने वाली मौत के मामले में मृतक के परिजनों को 4-4 लाख रुपये मुआवजा दिया जाए। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से सवाल किया था कि क्या पीएम की अगुवाई वाली एनडीएमए ने ये फैसला लिया है कि कोविड से मौत के मामले में परिजनों को चार लाख रुपये मुआवजा नहीं दिया जा सकता? सुप्रीम कोर्ट ने सवाल किया था कि क्या कोविड से मरने वालों के परिजनों के मन में किसी तरह का मलाल दूर करने के लिए समान मुआवजा योजना (Uniform Compensation Scheme) तैयार करने पर विचार किया जा सकता है। फंड की कमी बता केंद्र ने झाड़ लिया था पल्ला दरअसल, केंद्र सरकार ने अपनी एफिडेविट में कहा है कि कोविड से मौत में परिजनों को मुआवजा देना उनके वित्तीय क्षमता के बाहर है और केंद्र एवं राज्य सरकारें गंभीर आर्थिक परेशानी में हैं। हालांकि सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल ने कहा था कि मसला ये नहीं है कि आर्थिक परेशानी है या फंड की कमी है बल्कि केस ये है कि फंड का सही इस्तेमाल कैसे हो। यूं सुप्रीम कोर्ट में घिरा केंद्र सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील एसबी उपाध्याय ने कहा कि फंडी की कमी या मजबूरी संवैधानिक दायित्व से भागने के लिए इस्तेमाल नहीं हो सकता है। उन्होंने कहा, 'सरकार की तमाम स्कीम का हम आदर करते हैं लेकिन यहां विधायी प्रावधान है और क्या सरकार की वित्तीय मजबूरी उसके संवैधानिक दायित्व के निर्वाह से बचाने के लिए आधार बन सकता है?' सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अर्जी में कहा गया था कि इसके लिए एक यूनिफॉर्म पॉलिसी होनी चाहिए कि जिन लोगों की कोरोना वायरस के कारण मौत हुई है, उन्हें मुआवजा दिया जाए। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा था कि वह उस गाइडलाइंस को पेश करे जिसके तहत कोविड से मौत के बाद डेथ सर्टिफिकेट जारी करने का प्रावधान है।


from India News: इंडिया न्यूज़, India News in Hindi, भारत समाचार, Bharat Samachar, Bharat News in Hindi, coronavirus vaccine latest news update https://ift.tt/3w5SYgm
कोरोना से मौत पर मुआवजा: सरकार ने खड़े कर दिए थे हाथ, पर SC ने याद दिलाई यह धारा https://ift.tt/2USjFbn कोरोना से मौत पर मुआवजा: सरकार ने खड़े कर दिए थे हाथ, पर SC ने याद दिलाई यह धारा
https://ift.tt/2USjFbn Reviewed by Inquisitive & Gallivanter on June 30, 2021 Rating: 5

असम में डरा रहा कोरोना का तांडवः गुवाहटी के मेडिकल कॉलेज में 24 घंटे के अंदर 12 मरीजों की मौत https://ift.tt/3y7xC3v

गुवाहाटी असम सरकार की तरफ से संचालित गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (GMCH) में रात में डॉक्टरों के ड्यूटी पर मौजूद नहीं होने के आरोपों के बीच पिछले 24 घंटे में कोविड-19 के 12 रोगियों की मौत हो चुकी है। जीएमसीएच के अधीक्षक अभिजीत सरमा ने मंगलवार को कहा कि 12 में से नौ रोगी आईसीयू में, जबकि तीन वार्ड में थे और उनका ऑक्सीजन सैचुरेशन लेवल 90 प्रतिशत से नीचे चला गया था। कोविड-19 के अन्य रोगियों तथा मृतकों के परिवारों के सदस्यों ने आरोप लगाया है कि रात्रि पाली में अकसर डॉक्टर नदारद रहते हैं। स्वास्थ्य मंत्री केशव महंत ने बीती देर रात हालात का जायजा लेने के लिये अस्पताल का दौरा किया और इस मामले पर चर्चा के लिए मंगलवार शाम जीएमसीएच में वरिष्ठ डॉक्टरों की बैठक बुलाई। सरमा ने कहा कि आईसीयू में भर्ती रोगी एक से अधिक बीमारी से पीड़ित थे और उनकी हालत नाजुक थी। उन्हें अस्पताल देर से लाया गया। अस्पताल लाए जाने से पहले ही उनका ऑक्सीजन सेच्युरेशन स्तर काफी नीचे गिर चुका था। ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखे जाने पर भी उनका ऑक्सीजन स्तर 90 प्रतिशत से अधिक नहीं हो पाया। उन्होंने कहा कि इनमें से किसी भी व्यक्ति ने कोविड-19 टीके की पहली खुराक तक नहीं ली थी। मंत्री ने लोगों से टीका लगवाने की अपील की। अस्पातल में अब भी कोविड-19 के करीब 200 मरीज भर्ती हैं। असम में उपचाराधीन रोगियों की संख्या 25,043 है। संक्रमण दर 2.01 प्रतिशत, जबकि मृत्युदर 0.89 प्रतिशत है। संक्रमण से उबरने की दर 93.87 प्रतिशत है।


from India News: इंडिया न्यूज़, India News in Hindi, भारत समाचार, Bharat Samachar, Bharat News in Hindi, coronavirus vaccine latest news update https://ift.tt/3jqvnnR
असम में डरा रहा कोरोना का तांडवः गुवाहटी के मेडिकल कॉलेज में 24 घंटे के अंदर 12 मरीजों की मौत https://ift.tt/3y7xC3v असम में डरा रहा कोरोना का तांडवः गुवाहटी के मेडिकल कॉलेज में 24 घंटे के अंदर 12 मरीजों की मौत
https://ift.tt/3y7xC3v Reviewed by Inquisitive & Gallivanter on June 30, 2021 Rating: 5

ब्‍लॉग: आने वाला है कॉमन सिविल कोड का ‘भूत’, सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हुईं 5 अर्जियां https://ift.tt/eA8V8J



from India News: इंडिया न्यूज़, India News in Hindi, भारत समाचार, Bharat Samachar, Bharat News in Hindi, coronavirus vaccine latest news update https://ift.tt/3AaKaJh
ब्‍लॉग: आने वाला है कॉमन सिविल कोड का ‘भूत’, सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हुईं 5 अर्जियां https://ift.tt/eA8V8J ब्‍लॉग: आने वाला है कॉमन सिविल कोड का ‘भूत’, सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हुईं 5 अर्जियां
https://ift.tt/eA8V8J Reviewed by Inquisitive & Gallivanter on June 30, 2021 Rating: 5

संपादकीय: मोबाइल फोन की खतरनाक दुनिया में गुमराह होती मासूमियत https://ift.tt/3hdxj0c

छत्तीसगढ़ में 12 साल के एक लड़के ने अपनी टीचर मां के बैंक अकाउंट से 3.2 लाख रुपये ऑनलाइन गेम के हथियार खरीदने पर खर्च कर दिए और मां को भनक तक नहीं लगी। जब अकाउंट से 3.2 लाख रुपये निकल जाने का अहसास हुआ, तब भी उन्होंने यही सोचा कि वह किसी ऑनलाइन फ्रॉड का शिकार हुई हैं। पुलिस ने ही प्राथमिक छानबीन के बाद सलाह दी कि वह अपने 12 साल के बेटे से पूछ कर देखें। जब बेटे से पूछा गया तो सारा राज बाहर आ गया। हालांकि बच्चों का मोबाइल में व्यस्त रहना और ऑनलाइन गेम्स खेलते रहना इतना आम हो गया है कि इसमें खास चौंकाने वाली कोई बात नहीं दिखती। लेकिन मासूम सी लगने वाली यह लत कितनी खतरनाक हो सकती है और इसके कैसे भयावह दुष्परिणाम झेलने पड़ सकते हैं, वह इस घटना से साफ होता है। एकल परिवारों में अपनी दिनचर्या और काम की जिम्मेदारियों में फंसे मां-बाप बच्चों के लिए वक्त निकालने में अपनी असमर्थता की भरपाई मोबाइल से करने के आदी होते जा रहे हैं। नतीजतन बहुत कम उम्र में ही बच्चों के हाथों में मोबाइल पहुंच जाता है। इंटरनेट का इंद्रजाल उन्हें मोहित करता है और वे मां-बाप, भाई-बहन, नाते-रिश्तेदारों के संग-साथ की कमी ऑनलाइन गेम जैसे आसानी से उपलब्ध साधनों से पूरी करना सीख जाते हैं। लेकिन यहां कोई ऐसा नहीं होता जो उन्हें इसकी हदें बताए और इन हदों से आगे निकलने के खतरे समझाए। मां-बाप यह देखते हैं कि बच्चा अपने कमरे में मोबाइल के साथ है, लेकिन मोबाइल की उस खिड़की से कूदकर वह इंटरनेट की दुनिया में कहां पहुंचा हुआ है, इसका उन्हें अक्सर अंदाजा भी नहीं होता। तमाम अध्ययनों की रिपोर्ट पहले से बताती रही हैं कि कम उम्र में मोबाइल के ज्यादा इस्तेमाल से बच्चों की उंगली, उनके पूरे शरीर और मन-मिजाज पर कितना बुरा असर पड़ता है। कोरोना और लॉकडाउन के चलते स्कूल कॉलेजों की बंदी ने जहां एक तरफ उन्हें पहले से ज्यादा अकेला कर दिया है, वहीं मोबाइल के साथ ज्यादा समय बिताने की मजबूरी बढ़ा दी है। जो पैरंट्स पहले बच्चों को मोबाइल पर बिजी देखकर असहज होते थे, वे भी अब इसे सहज मानने लगे हैं। लेकिन मौजूदा माहौल से उपजी मजबूरियों के बावजूद इसके खतरे कम नहीं हुए हैं। गेम के लिए हथियार खरीदना तो ऐसे खतरों का सिर्फ एक उदाहरण है। ब्लू व्हेल जैसे किसी घातक गेम का हिस्सा बनना और आतंकवादी तत्वों के बिछाए किसी जाल में फंसना भी इसका उतना ही स्वाभाविक प्रतीत होने वाला नतीजा हो सकता है। यही नहीं, वे फिशिंग का भी शिकार हो सकते हैं। इसलिए पैरंट्स को बच्चों की मोबाइल गतिविधियों को लेकर ज्यादा सतर्क होना होगा।


from India News: इंडिया न्यूज़, India News in Hindi, भारत समाचार, Bharat Samachar, Bharat News in Hindi, coronavirus vaccine latest news update https://ift.tt/35Z1Zgq
संपादकीय: मोबाइल फोन की खतरनाक दुनिया में गुमराह होती मासूमियत https://ift.tt/3hdxj0c संपादकीय: मोबाइल फोन की खतरनाक दुनिया में गुमराह होती मासूमियत
https://ift.tt/3hdxj0c Reviewed by Inquisitive & Gallivanter on June 30, 2021 Rating: 5

दिल्‍ली: फेसबुक पर लाइक-कमेंट दिखाकर रेप केस में गिरफ्तारी से बचा आरोपी https://ift.tt/3qDRWXQ

कड़कड़डूमा कोर्ट दिल्ली हाई कोर्ट ने एक व्यक्ति को उसके खिलाफ रेप के मामले में गिरफ्तारी से अंतरिम राहत दे दी। कोर्ट को एफआईआर में लगाए गए आरोप देखने से पहली नजर में कोई खास दमदार नहीं लगे, जिसमें शादी करने का झांसा देकर तीन साल से भी अधिक समय तक शारीरिक संबंध बनाने का दावा किया गया। पत्नी के साथ इस व्यक्ति की फेसबुक पर मौजूद तस्वीर पर शिकायतकर्ता के लाइक और कमेंट ने भी उसे मामले में राहत दिलाने में मदद की। पहली नजर में अदालत को भरोसा नहींजस्टिस सी हरिशंकर की वेकेशन बेंच ने अपने आदेश में कहा कि पहली नजर में तो इस आरोप पर ही यकीन करना मुश्किल लग रहा है कि शिकायतकर्ता आवदेक के साथ लगभग चार साल तक इस भरोसे पर शारीरिक संबंध बनाती रही कि वह एक दिन उससे शादी करेगा। अदालत ने कहा कि हाई कोर्ट ऐसे तमाम मामलों को खासतौर पर इसी वजह से ठुकरा चुकी है कि जहां आइपीसी की धारा 376 के तहत आपराधिक कार्यवाही की शुरुआत महज इस आधार पर की गई कि आरोपी ने शादी करने का वादा किया इसीलिए शिकायतकर्ता ने लंबे समय तक आरोपी के साथ शारीरिक संबंधों के लिए सहमति दी। आरोपी के वकील ने कोर्ट को दिखाई एक फोटोयाचिकाकर्ता के खिलाफ इसी साल 8 मई को प्रेम नगर थाने में शिकायतकर्ता ने केस दर्ज कराया है, जिसमें अग्रिम जमानत की मांग लेकर वह कोर्ट पहुंचा। एफआईआर में महिला ने आरोप लगाया है कि आवेदक जुलाई 2018 से उसके साथ शारीरिक संबंध बनाता रहा, इस वादे पर कि वह उससे शादी करेगा। आरोपी के वकील ने कोर्ट में दलील दी कि दोनों के बीच संबंध आपसी सहमति से बने। दावा किया कि शिकायतकर्ता बहुत अच्छे से जानती थी कि आवेदक शादीशुदा है इसीलिए शादी का वादा करने का सवाल ही नहीं बनता। वकील ने आवेदक के फेसबुक अकाउंट पर पोस्ट एक तस्वीर कोर्ट को दिखाई। इसमें वह अपनी पत्नी के साथ था। कोर्ट को बताया कि इस तस्वीर को शिकायतकर्ता ने लाइक करने के साथ उस पर कमेंट तक किया हुआ है और इसी से साबित होता है कि इस व्यक्ति के शादीशुदा होने के बारे में महिला को पहले से ही पता था। आवेदन पर पुलिस को नोटिस जारी किया गया है। रोस्टर बेंच के सामने 25 जुलाई को मामले में अगली सुनवाई होगी। आवेदक को गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण प्रदान करते हुए कोर्ट ने निर्देश दिया कि वह जांच में शामिल हो और उसमें सहयोग करे। इस बीच शिकायतकर्ता से किसी तरह से कोई संपर्क न करे। चेतावनी दी कि ऐसा करने पर अंतरिम संरक्षण वापस ले लिया जाएगा।


from India News: इंडिया न्यूज़, India News in Hindi, भारत समाचार, Bharat Samachar, Bharat News in Hindi, coronavirus vaccine latest news update https://ift.tt/3y6pb8r
दिल्‍ली: फेसबुक पर लाइक-कमेंट दिखाकर रेप केस में गिरफ्तारी से बचा आरोपी https://ift.tt/3qDRWXQ दिल्‍ली: फेसबुक पर लाइक-कमेंट दिखाकर रेप केस में गिरफ्तारी से बचा आरोपी
https://ift.tt/3qDRWXQ Reviewed by Inquisitive & Gallivanter on June 30, 2021 Rating: 5

जनरल रावत ने LAC अग्रिम क्षेत्रों दौरा कर तैयारियों का लिया जायजा, समझे जमीनी हालात https://ift.tt/3dqsYWc

शिमला चीफ डिफेंस स्टाफ जनरल विपिन रावत (General Bipin Rawat) ने मंगलवार को हिमाचल प्रदेश सेक्टर के पास चीन के साथ लगी वास्तविक नियंत्रण रेखा () पर अग्रिम क्षेत्रों का दौरा किया। जनरल विपिन रावत ने संवेदनशील क्षेत्र में भारत की सैन्य तैयारियों का जायजा लिया। जनरल रावत ने सैनिकों के साथ बातचीत करके उनका हौसला बढ़ाया और कहा कि देश की क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के अपने काम में अडिग होकर लगे रहें। एलएसी पर सुमदोह सेक्टर में उनका एक दिन का दौरा ऐसे समय में हुआ जब पूर्वी लद्दाख में टकराव के अनेक बिंदुओं पर भारत और चीन की सेनाओं के बीच सैन्य गतिरोध बना हुआ है। जनरल रावत ने सैनिकों का बढ़ाया हौसला सेना ने कहा, ‘जनरल विपिन रावत ने सैनिकों के साथ संवाद किया, उनके उच्च मनोबल के लिए उनकी प्रशंसा की तथा उनसे इसी उत्साह के साथ देश की क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के काम में अडिग बने रहने का आह्वान किया।’ सेना के अनुसार, जनरल रावत को स्थानीय कमांडरों ने जमीनी हालात के बारे में जानकारी दी। भारत और चीन के बीच हुईं कूटनीतिक वार्ताएं भारत और चीन के बीच पिछले साल मई से पूर्वी लद्दाख में कई जगहों पर सैन्य गतिरोध की स्थिति बनी हुई है। हालांकि दोनों पक्षों ने पैंगोंग झील के उत्तरी तथा दक्षिणी किनारों से सैनिकों एवं हथियारों की वापसी का काम फरवरी में पूरा किया। इससे पहले कई दौर की सैन्य और कूटनीतिक वार्ताएं दो पक्षों में हुईं। LAC पर तैनात हैं 60 हजार सैनिक दोनों पक्ष टकराव के बाकी बिंदुओं से भी सैनिकों की वापसी के विषय पर वार्ता कर रहे हैं। सैन्य अधिकारियों के अनुसार, संवेदनशील सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर, प्रत्येक ओर करीब 50,000 से 60,000 सैनिक हैं। कुल 11 दौर की सैन्य वार्ता होने के बावजूद चीन के रूख में लचीलापन नहीं दिखा।


from India News: इंडिया न्यूज़, India News in Hindi, भारत समाचार, Bharat Samachar, Bharat News in Hindi, coronavirus vaccine latest news update https://ift.tt/3hhD1Ox
जनरल रावत ने LAC अग्रिम क्षेत्रों दौरा कर तैयारियों का लिया जायजा, समझे जमीनी हालात https://ift.tt/3dqsYWc जनरल रावत ने LAC अग्रिम क्षेत्रों दौरा कर तैयारियों का लिया जायजा, समझे जमीनी हालात
https://ift.tt/3dqsYWc Reviewed by Inquisitive & Gallivanter on June 30, 2021 Rating: 5

दो डोज, 4 हफ्ते का गैप... देश में आ रही Moderna की कोरोना वैक्सीन के बारे में जानिए https://ift.tt/3A3JFAy

नई दिल्लीभारत को जल्द ही कोविड की चौथी वैक्सीन भी मिल जाएगी। अमेरिका की मॉडर्ना वैक्सीन को भारत में लाइसेंस मिल गया है। यह जल्द ही इस्तेमाल के लिए उपलब्ध हो सकेगी। मॉडर्ना वैक्सीन की भी दो डोज लगती हैं और पहली और दूसरी डोज के बीच 4 हफ्तों का गैप होता है। अभी भारत में कोविशील्ड, कोवैक्सीन और स्पुतनिक उपलब्ध हैं। नीति आयोग के सदस्य डॉ. वी के पॉल ने कहा कि मॉडर्ना के इंडियन पार्टनर के जरिये उनकी एप्लिकेशन मिली थी जिसे अप्रूव कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि मॉडर्ना को इमरजेंसी यूज की परमिशन मिली है। यह वैक्सीन अब जल्द ही भारत में आ सकेगी। डॉ पॉल ने मॉडर्ना को पहली इंटरनेशनल वैक्सीन कहा, जिसे भारत में परमिशन मिली है। उन्होंने कहा कि स्पुतनिक को हम साझा वैक्सीन मानते हैं क्योंकि भारत में ही उसका मैन्युफैक्चरिंग का बेस भी बन गया है और वह यहां बनना भी शुरू हो गई है। इस लिहाज से मॉडर्ना भारत आने वाली पहली इंटरनेशनल वैक्सीन है क्योंकि वह सीधे आएगी और यहां लोगों को लगाई जाएगी। उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि मॉडर्ना भी जल्दी ही भारत में बनने लगेगी। डॉ. पाल ने कहा कि मॉडर्ना के भारत में अलग से ट्रायल की जरूरत नहीं है। हालांकि, पहले 100 डोज जिन्हें लगाए जाएंगे, उन्हें वॉच किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मॉडर्ना वैक्सीन को -25 से -50 डिग्री में सात महीने के लिए स्टोर किया जा सकता है। अगर वैक्सीन की वाइल खुली नहीं है तो उसे 2 से 8 डिग्री तापमान में 30 दिनों तक रख सकते हैं। चारों वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित डॉ. पॉल ने कहा कि कोविशील्ड, कोवैक्सीन, स्पुतनिक और मॉडर्ना ये चारों वैक्सीन पूरी तरह से सुरक्षित हैं और ये वैक्सीन स्तनपान करा रही महिलाएं भी ले सकती हैं। वैक्सीन की वजह से नपुंसकता जैसी अफवाहों को उन्होंने एकदम गलत बताया। उन्होंने कहा कि ये सभी वैक्सीन सेफ हैं और अफवाहों पर बिल्कुल भरोसा न करें। डॉ. पॉल ने कहा कि जब वैक्सीन के एन‍िमल एक्सपेरिमेंट, ह्यूमन एक्सपेरिमेंट और क्लीनिक ट्रायल होते हैं, उस वक्त वैक्सीन के सभी इफेक्ट- साइडइफेक्ट का एनालिसिस किया जाता है, उसके बाद ही उसे लाइसेंस मिलता है। गर्भवती महिलाओं के लिए जल्द आएगी गाइडलाइन आईसीएमआर ने साफ कह दिया है कि गर्भवती महिलाओं के लिए वैक्सीन सेफ है और वह वैक्सीन लगा सकती हैं। हेल्थ मिनिस्ट्री ने कहा कि इससे जुड़ी गाइडलाइन हेल्थ मिनिस्ट्री के पास आई है जिसे देखा जा रहा है और जल्द ही इसे जारी किया जाएगा। डेल्टा प्लस खतरनाक है या नहीं, अभी डेटा नहीं हेल्थ मिनिस्ट्री के मुताबिक कोरोना के डेल्टा प्लस वेरियंट के अभी 51 केस भारत में हैं जो 12 राज्यों में हैं। जहां जहां भी डेल्टा प्लस के केस पाए गए, प्रोटोकॉल के हिसाब से उनके कॉन्टैक्ट ट्रेस कर उन्हें क्वारंटाइन किया गया। डॉ. पॉल ने कहा कि अभी तक इसका साइंटिफिक डेटा नहीं है कि क्या डेल्टा प्लस वेरियंट ज्यादा तेजी से फैलता है या बीमारी को ज्यादा गंभीर करता है या कोविड वैक्सीन को बाईपास करता है। उन्होंने कहा कि अभी अलग अलग लैब में इसे देखा जा रहा है। पीक से 91 पर्सेंट कम केस हेल्थ मिनिस्ट्री ने कहा कि कोरोना के केसों में लगातार कमी आ रही है। पिछले 24 घंटे में 37566 नए केस आए जो रिपोर्टेड पीक में आए केसों से 91 पर्सेंट कम हैं। अभी देश में 111 जिले हैं जहां हर रोज 100 से ज्यादा केस आ रहे हैं। हेल्थ मिनिस्ट्री के मुताबिक ग्रामीण इलाकों में 9.72 करोड़ डोज लगाई गई है जो कुल का 56 पर्सेंंट हैं। शहरी इलाकों में 44 पर्सेंट वैक्सीन लगी है। 18 से 44 साल की उम्र के लोगों में से 15 पर्सेंट को वैक्सीन की कम से कम एक डोज मिल गई है। 45 से 59 साल के उम्र के लोगों में यह 42 पर्सेंट है। 60 साल और इससे ज्यादा उम्र के 49 पर्सेंट लोगों को वैक्सीन की कम से कम एक डोज लग गई है।


from India News: इंडिया न्यूज़, India News in Hindi, भारत समाचार, Bharat Samachar, Bharat News in Hindi, coronavirus vaccine latest news update https://ift.tt/3Akkc6j
दो डोज, 4 हफ्ते का गैप... देश में आ रही Moderna की कोरोना वैक्सीन के बारे में जानिए https://ift.tt/3A3JFAy दो डोज, 4 हफ्ते का गैप... देश में आ रही Moderna की कोरोना वैक्सीन के बारे में जानिए
https://ift.tt/3A3JFAy Reviewed by Inquisitive & Gallivanter on June 30, 2021 Rating: 5

भीषण लू की चपेट में राजधानी, 43 डिग्री में तपे दिल्लीवाले... कब तक आएगा मॉनसून https://ift.tt/3h1QXx9

नई दिल्ली दिल्ली में मॉनसून का इंतजार अब लंबा होता जा रहा है। बारिश तो हो नहीं रही, अब शहर में लू भी चलने लगी है। मंगलवार को दिल्ली लू की चपेट में रही, दिनभर गर्म हवाओं से लोग परेशान रहे। आज राजधानी में इस सीजन का सबसे गर्म दिन रहा, अधिकतम तापमान 43 डिग्री दर्ज किया गया। बताया जा रहा है कि यह मॉनसून सीजन की पहली लू है। इससे पहले 28 मार्च को राजधानी में लू चली थी। उस वक्त अधितकतम तापमान 41 डिग्री तक पहुंचा गया था। मौसम विभाग के अनुसार बुधवार को भी दिल्ली में लू चलने की संभावना है। हालांकि 2 जुलाई से हल्की बारिश से तापमान में कमी आने की उम्मीद है। अगले 5 दिनों तक मॉनसून के दिल्ली पहुंचने की कोई संभावना नहीं है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार, इस गर्मी के मौसम में दिल्ली में यह पहली लू है। लोधी रोड, रिज और पूसा क्षेत्रों में भीषण लू चली, जहां पारा औसत तापमान से सात डिग्री अधिक क्रमश: 42.6 डिग्री सेल्सियस, 43.4 डिग्री सेल्सियस और 44.3 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। नजफगढ़ (44.4 डिग्री सेल्सियस), पीतमपुरा (44.3 डिग्री सेल्सियस) और मुंगेशपुर (44.3 डिग्री सेल्सियस) भी भीषण लू की चपेट में हैं। मैदानी इलाकों के लिए लू की स्थिति तब घोषित की जाती है जब अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से अधिक हो और सामान्य से कम से कम 4.5 डिग्री अधिक हो। आईएमडी के अनुसार यदि सामान्य तापमान 6.5 डिग्री सेल्सियस से अधिक है, तो गंभीर लू की स्थिति घोषित की जाती है। आईएमडी के क्षेत्रीय पूर्वानुमान केंद्र के प्रमुख कुलदीप श्रीवास्तव ने कहा, 'आमतौर पर, राजधानी में 20 जून तक लू चलती रहती है। इस बार अधिकतम तापमान में वृद्धि के लिए मानसून के आगमन में देरी को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है।' मौसम विभाग के वैज्ञानिक आरके जेनामनि ने कहा, 'कम से अगलने 5 दिन कोई संभावना नहीं है। हम स्थिति की निगरानी कर रहे हैं। हालांकि उमस से थोड़ी राहत मिलेगी।' मौसम विभाग ने पहले अनुमान व्यक्त किया था कि दिल्ली में 15 जून तक मॉनसून पहुंच सकता है। हालांकि पछुआ हवाएं इसके दिल्ली, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, पंजाब और हरियाणा में आने में अड़चन पैदा कर रही हैं। सामान्य तौर पर मॉनसून 27 जून तक दिल्ली पहुंच जाता है और पूरे देश में आठ जुलाई तक इसकी मौजूदगी दर्ज हो जाती है। पिछले साल 25 जून को मॉनसून दिल्ली पहुंच गया था। एक ओर जहां दिल्ली समेत उत्तर भारत के मैदानी हिस्सों को अभी भी मॉनसून की बारिश का इंतजार है। वहीं यह राजस्थान समय से 2 हफ्ते पहले ही पहुंच गया है। राजस्थान के बाड़मेर समेत कुछ हिस्सों में मॉनसून के पहुंचने की जानकारी मौसम विभाग ने दी है।


from India News: इंडिया न्यूज़, India News in Hindi, भारत समाचार, Bharat Samachar, Bharat News in Hindi, coronavirus vaccine latest news update https://ift.tt/3626Z46
भीषण लू की चपेट में राजधानी, 43 डिग्री में तपे दिल्लीवाले... कब तक आएगा मॉनसून https://ift.tt/3h1QXx9 भीषण लू की चपेट में राजधानी, 43 डिग्री में तपे दिल्लीवाले... कब तक आएगा मॉनसून
https://ift.tt/3h1QXx9 Reviewed by Inquisitive & Gallivanter on June 30, 2021 Rating: 5

24 घंटे से थी चर्चा, सिद्धू से मुलाकात को लेकर राहुल गांधी बोले, अभी कुछ तय नहीं https://ift.tt/3h6EVTa

नयी दिल्ली कांग्रेस की पंजाब इकाई में कलह को दूर करने के लिए चल रहे प्रयासों के बीच पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू की कांग्रेस आलाकमान से मुलाकात को लेकर संशय बरकरार है। पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि उनकी सिद्धू के साथ कोई बैठक तय नहीं हैं, हालांकि सिद्धू के करीबी सूत्रों का कहना है कि वह दिल्ली पहुंचे हैं और उनकी राहुल गांधी या प्रियंका गांधी से मुलाकात हो सकती है। राहुल गांधी ने मुलाकात की संभावना से किया इनकार इससे पहले यह जानकारी सामने आई थी कि सिद्धू की मंगलवार को ही कांग्रेस के इन दोनों शीर्ष नेताओं से मुलाकात होगी। राहुल गांधी मंगलवार को अपने आवास से कार चलाते हुए निकले तो मौके पर मौजूद पत्रकारों ने सिद्धू से उनकी मुलाकात की संभावना को लेकर सवाल किया। इसके जवाब में गांधी ने कहा कि उनकी और सिद्धू की कोई मुलाकात तय नहीं है। पंजाब कांग्रेस में कलह गौरतलब है कि पंजाब में कांग्रेस के भीतर की कलह को दूर करने के प्रयास के तहत राहुल गांधी ने हाल के दिनों में पार्टी के कई नेताओं के साथ मंथन किया। पार्टी की तीन सदस्यीय समिति ने भी 100 से अधिक नेताओं और मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के साथ मंत्रणा की।


from India News: इंडिया न्यूज़, India News in Hindi, भारत समाचार, Bharat Samachar, Bharat News in Hindi, coronavirus vaccine latest news update https://ift.tt/3Ab2guD
24 घंटे से थी चर्चा, सिद्धू से मुलाकात को लेकर राहुल गांधी बोले, अभी कुछ तय नहीं https://ift.tt/3h6EVTa 24 घंटे से थी चर्चा, सिद्धू से मुलाकात को लेकर राहुल गांधी बोले, अभी कुछ तय नहीं
https://ift.tt/3h6EVTa Reviewed by Inquisitive & Gallivanter on June 30, 2021 Rating: 5

केंद्र की राज्यों के लिए अडवाइजरी, प्रतिबंधों में ढील देते वक्त बरतें सावधानी https://ift.tt/3x9DtVR

नई दिल्ली केंद्र ने मंगलवार को राज्यों से प्रभावी कोरोना मैनेमेंट के लिए पांच स्तरीय रणनीति पर ध्यान केंद्रित करने को कहा। केंद्र ने कहा है कि प्रतिबंधों में ढील देने की प्रक्रिया सावधानीपूर्वक तय की जानी चाहिए। केंद्रीय गृह सचिव ने जुलाई महीने के लिए कोविड-19 प्रबंधन पर सभी राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासन को सलाह दी। इसमें कहा गया है कि राज्यों को नियमित रूप से उन जिलों की निगरानी करनी चाहिए जहां प्रति 10 लाख जनसंख्या पर कोरोना वायरस के उपचाराधीन मामलों की संख्या अधिक है क्योंकि स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे और साजोसामान के उन्नयन की आवश्यकता का अनुमान लगाने के लिए यह एक महत्वपूर्ण संकेतक है, ताकि शीघ्र और त्वरित कार्रवाई की जा सके। उन्होंने कहा कि कई राज्यों ने कोरोना वायरस के उपचाराधीन मामलों की संख्या में कमी होने के साथ ही प्रतिबंधों में ढील देना शुरू कर दिया है। भल्ला ने कहा कि प्रतिबंधों में ढील देने की प्रक्रिया को सावधानीपूर्वक तय की जानी चाहिए और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी सलाह के अनुरूप राज्यों द्वारा त्वरित और लक्षित कार्रवाई की जानी चाहिए। पत्र में कहा गया है कि राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों को जिलों को प्रशासनिक इकाइयों के रूप में लेते हुए नियमित आधार पर मामले की सकारात्मकता और बिस्तरों की संख्या की निगरानी करनी चाहिए। मामले की संक्रमण दर में बढ़ोतरी और भरे हुए बिस्तरों की संख्या बढ़ने के शुरुआती संकेत को देखते हुए रोकथाम उपाय और स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे के उन्नयन के लिए आवश्यक कार्रवाई की जानी चाहिए। गृह सचिव ने कहा कि उच्च संक्रमण दर और अधिक संख्या में भरे हुए बिस्तर वाले जिलों के लिए राज्य प्रतिबंध लगाने पर विचार कर सकते हैं। उन्होंने कहा, 'कोविड-19 के प्रभावी प्रबंधन के लिए पांच स्तरीय रणनीति यानि जांच-संक्रमितों का पता लगाने-इलाज-टीकाकरण और कोविड-उपयुक्त व्यवहार के पालन पर लगातार ध्यान देना चाहिए।' भल्ला ने कहा कि जैसा कि के पिछले आदेशों और सलाह में जोर दिया गया है मामलों की संख्या में किसी भी वृद्धि से बचाव के लिए कोविड-उपयुक्त व्यवहार का पालन करना महत्वपूर्ण है।गृह सचिव ने कहा कि प्रतिबंधों में ढील देते हुए यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि कोविड-उपयुक्त व्यवहार के पालन में कोई कमी न हो। उन्होंने कहा, 'इसलिए, मैं आपसे आग्रह करता हूं कि आप जिलों और अन्य सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देश जारी करें कि वे आवश्यक उपाय करें जिसका उल्लेख स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा कोविड-19 के प्रबंधन के लिए 28 जून के पत्र में किया गया है।'


from India News: इंडिया न्यूज़, India News in Hindi, भारत समाचार, Bharat Samachar, Bharat News in Hindi, coronavirus vaccine latest news update https://ift.tt/3drKE3L
केंद्र की राज्यों के लिए अडवाइजरी, प्रतिबंधों में ढील देते वक्त बरतें सावधानी https://ift.tt/3x9DtVR केंद्र की राज्यों के लिए अडवाइजरी, प्रतिबंधों में ढील देते वक्त बरतें सावधानी
https://ift.tt/3x9DtVR Reviewed by Inquisitive & Gallivanter on June 30, 2021 Rating: 5

तालिबान के नेताओं के साथ विदेश मंत्री जयशंकर ने नहीं की मुलाकातः सूत्र https://ift.tt/3vZAhLf

नई दिल्ली तालिबान के कुछ नेताओं के साथ विदेश मंत्री की मुलाकात का दावा करने वाली खबरें झूठी हैं। सूत्रों ने मंगलवार को यह बात कही । सूत्रों की यह प्रतिक्रिया ऐसे समय में आई है जब सोशल मीडिया पर ऐसी खबरें सामने आई हैं जिनमें दावा किया गया है कि जयशंकर ने तालिबान के कुछ नेताओं के साथ मुलाकात की जिन्होंने विदेश मंत्री को आश्वस्त किया कि उनके संगठन का भविष्य में भारत के साथ संबंध पाकिस्तान के विचारों एवं इच्छा पर निर्भर नहीं होगा । सूत्र ने बताया, 'हमने मीडिया में आई उन खबरों को देखा है जिनमें दावा किया गया है कि विदेश मंत्री ने तालिबान के कुछ नेताओं के साथ बैठक की थी । ऐसी रिपोर्ट ‘पूरी तरह से झूठी, आधारहीन और शरारतपूर्ण’ हैं।' ये खबरें तब सामने आई हैं जब अमेरिका 11 सितंबर तक अफगानिस्तान से पूरी तरह से अपने सैनिकों को वापस बुलाना चाहता है जिससे इस युद्धग्रस्त देश में दो दशकों से जारी अमेरिकी सैन्य उपस्थिति समाप्त हो जायेगी । इस संदर्भ में अफगानिस्तान शांति प्रक्रिया को लेकर तेजी से जारी घटनाक्रमों के बीच कतर के एक वरिष्ठ राजनयिक ने एक वाशिंगटन डीसी में अरब सेंटर द्वारा आयोजित एक वेबिनार में हाल में कहा था कि वह समझते हैं कि भारतीय पक्ष, तालिबान के साथ सम्पर्क में है, क्योंकि अफगानिस्तान के भविष्य को लेकर यह समूह महत्वपूर्ण कारक है ।


from India News: इंडिया न्यूज़, India News in Hindi, भारत समाचार, Bharat Samachar, Bharat News in Hindi, coronavirus vaccine latest news update https://ift.tt/3hjHzE1
तालिबान के नेताओं के साथ विदेश मंत्री जयशंकर ने नहीं की मुलाकातः सूत्र https://ift.tt/3vZAhLf तालिबान के नेताओं के साथ विदेश मंत्री जयशंकर ने नहीं की मुलाकातः सूत्र
https://ift.tt/3vZAhLf Reviewed by Inquisitive & Gallivanter on June 29, 2021 Rating: 5

गाल में चुनाव बाद 15,000 घटनाएं, 25 लोगों की मौत, 7000 महिलाओं से छेड़खानी...जांच रिपोर्ट में खुलासा https://ift.tt/2Tm37bb

नयी दिल्ली केंद्र ने पश्चिम बंगाल में चुनाव बाद हिंसा की 15,000 घटनाएं होने और उनमें 25 लोगों के मारे जाने तथा 7,000 महिलाओं से छेड़खानी किये जाने का दावा करने वाली एक रिपोर्ट पर मंगलवार को कार्रवाई करने का वादा किया। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी के मुताबिक सिक्किम उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश (सेवानिवृत्त) प्रमोद कोहली के नेतृत्व वाले नागरिक समाज समूह -कॉल फॉर जस्टिस- की रिपोर्ट में कहा गया है कि चुनाव बाद हिंसा पूरे पश्चिम बंगाल में कई गांवों और शहरों में हुई, जिसकी शुरूआत एक साथ दो मई की रात को हुई, जब विधानसभा चुनाव के नतीजों की घोषणा की गई थी। गृह मंत्रालय इर रिपोर्ट पर करेगा कार्रवाई रिपोर्ट में कहा गया है, ‘यह एक स्पष्ट संकेत है कि ज्यादातर घटनाएं छिटपुट नहीं थी, बल्कि पूर्व निर्धारित, योजनाबद्ध और षडयंत्र के तहत थीं।’ पांच सदस्यीय दल में दो आईएएस अधिकारी और एक आईपीएस अधिकारी शामिल थे। रेड्डी ने समूह की रिपोर्ट उन्हें सौंपे जाने पर संवाददाताओं से कहा, ‘गृह मंत्रालय रिपोर्ट का अध्ययन करेगा और उसकी सिफारिशें लागू करने की कोशिश करेगा।’ राज्य के 16 जिले चुनाव बाद हिंसा से प्रभावित रिपोर्ट, पांच सदस्यीय दल द्वारा पश्चिम बंगाल का दौरा करने और वहां के विभिन्न तबकों के लोगों से मिलने के बाद तैयार की गई है। रेड्डी ने रिपोर्ट का जिक्र करते हुए कहा कि राज्य के 16 जिले चुनाव बाद हिंसा से प्रभावित हुए थे। उन्होंने कहा, ‘रिपेार्ट में कहा गया है कि चुनाव बाद हिंसा के चलते कई लोगों ने बंगाल में अपना घर छोड़ दिया और असम, झारखंड तथा ओडिशा में शरण ली।’


from India News: इंडिया न्यूज़, India News in Hindi, भारत समाचार, Bharat Samachar, Bharat News in Hindi, coronavirus vaccine latest news update https://ift.tt/3hybOrh
गाल में चुनाव बाद 15,000 घटनाएं, 25 लोगों की मौत, 7000 महिलाओं से छेड़खानी...जांच रिपोर्ट में खुलासा https://ift.tt/2Tm37bb गाल में चुनाव बाद 15,000 घटनाएं, 25 लोगों की मौत, 7000 महिलाओं से छेड़खानी...जांच रिपोर्ट में खुलासा
https://ift.tt/2Tm37bb Reviewed by Inquisitive & Gallivanter on June 29, 2021 Rating: 5

पॉलिटिक्स का चैप्टर क्लोज, अब ईश्वर में मन रम गया....ऐसा क्यों कह रहे गुप्तेश्वर पांडेय https://ift.tt/3xX5Bvs

पटना बिहार के पूर्व डीजीपी का सियासत से इस कदर मोहभंग हुआ कि अब वो गेरुए कपड़े में कथावाचक की भूमिका में आ गए हैं। अपनी नई भूमिका को लेकर गुप्तेश्वर पांडेय ने कहा कि मैंने अपने आपको भगवान को समर्पित कर दिया है। एक निजी न्यूज चैनल से बात करते हुए उन्होंने कहा कि देश काल परिस्थिति के अनुसार व्यक्ति की प्राथमिकताएं बदलती रहती हैं। मैं कथावाचक प्रोफेशनल अर्थ में नहीं हूं। हालांकि, अब कथा कह रहा हूं तो कथावाचक कह सकते हैं। वैसे मुझे आम आदमी के रूप में ही जानिए। नई भूमिका पर बोले गुप्तेश्वर पांडेय- मेरा यहां बहुत मन लग रहाकभी राजनीति में आने को लेकर गुप्तेश्वर पांडेय ने दो बार सरकारी सेवा से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (VRS) ली, लेकिन दोनों बार उन्हें मायूसी ही हाथ लगी। शायद इसीलिए उन्होंने मान लिया है कि राजनीति उनके लिए मुफीद नहीं। इसलिए उन्होंने नया रास्ता चुन लिया। एक निजी न्यूज चैनल से बात करते हुए उन्होंने कहा कि नई भूमिका में मेरा बहुत मन लग रहा है। आत्मा की खुराक तो यहीं है। मैंने अपने आपको भगवान को समर्पित कर दिया है। ठाकुर जी की इच्छा से ही सबकुछ करूंगा। मेरी अपनी कोई इच्छा नहीं है। 'मेरी राजनीति करने की तनिक भी इच्छा नहीं है'गुप्तेश्वर पांडेय ने आगे कहा कि कुछ भी स्थायी नहीं है। जो जितने ऊंचे पद पर है वो उतना ही दुखी है। आनंद तो केवल ईश्वर के रास्ते पर है, उन्हें ही प्राप्ति की कोशिश कर रहा हूं। उन्होंने कहा कि अभी मेरी राजनीति करने की तनिक भी इच्छा नहीं है। भगवान के चरणों में अनुराग पैदा हो जाए, अभी मेरी यही इच्छा है। मैंने खुद को भगवान को समर्पित कर दिया है। मैं साफ कह दूं कि हमारी अभी राजनीति करने की कोई भी इच्छा नहीं है। राजनीति से मोहभंग पर क्या बोले गुप्तेश्वर पांडेयगुप्तेश्वर पांडेय ने न्यूज चैनल के साथ इंटरव्यू में आगे बताया कि मैंने खुलकर कहा है कि मैंने वीआरएस इसलिए क्योंकि राजनीति ज्वाइन करना चाहता था। चुनाव लड़ना चाहता था लेकिन टिकट नहीं मिला। टिकट नहीं मिलने के लिए भी बहुत सारे कारण होते हैं। उसे मैं अपना प्रारब्ध मानता हूं, उसमें किसी का दोष नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि मुझे टिकट नहीं मिला तो राजनीति में प्रवेश ही नहीं हुआ ना, तो ऐसे में वो चैप्टर बंद हो गया। इच्छा थी लेकिन अब वो इच्छा खत्म हो गई। 'परिवर्तन भीतर से होना चाहिए, बाहर से परिवर्तन में क्या फायदा'गुप्तेश्वर पांडेय ने कहा कि 15 से 22 तक मैंने अयोध्या में कथावाचन किया लेकिन ना मैं संन्यासी बना हूं। ना ही मैंने गेरुआ वस्त्र धारण किया है। धोती कुर्ता पहनता हूं उसमें लाल कुर्ता, सफेद कुर्ता, गेरूआ कुर्ता सभी रहते हैं। उन्होंने कहा कि परिवर्तन भीतर से होना चाहिए, बाहर से परिवर्तन में क्या फायदा। मेरे मन में किसी के प्रति कोई गिला नहीं कोई शिकवा-शिकायत नहीं। मेरी सभी के लिए कल्याण की कामना है।


from India News: इंडिया न्यूज़, India News in Hindi, भारत समाचार, Bharat Samachar, Bharat News in Hindi, coronavirus vaccine latest news update https://ift.tt/3w5GRjl
पॉलिटिक्स का चैप्टर क्लोज, अब ईश्वर में मन रम गया....ऐसा क्यों कह रहे गुप्तेश्वर पांडेय https://ift.tt/3xX5Bvs पॉलिटिक्स का चैप्टर क्लोज, अब ईश्वर में मन रम गया....ऐसा क्यों कह रहे गुप्तेश्वर पांडेय
https://ift.tt/3xX5Bvs Reviewed by Inquisitive & Gallivanter on June 29, 2021 Rating: 5

मान नहीं रहा पाकिस्तान, जम्मू में लगातार तीसरे दिन मिलिट्री स्टेशन के अंदर दिखे ड्रोन https://ift.tt/3jvBFCN

गोविंद चौहान, जम्मू जम्मू के सेना क्षेत्र में फिर से ड्रोन दिखा है। एयर फोर्स स्टेशन सतवारी में हमले के बाद लगातार दूसरे दिन सेना के क्षेत्र में ड्रोन देखा गया है। जिसके बाद सभी एजेंसियों को अलर्ट कर दिया गया है। नाकों को बढ़ा दिया है। इसके अलावा सभी सेना क्षेत्रों में सुरक्षा को कड़ा किया गया है, ताकि आतंकियों की तरफ से कोई हमला ना किया जा सके। चलाया गया सर्च ऑपरेशन जानकारी के अनुसार, मंगलवार तड़के तीन बार ड्रोन को सेना के क्षेत्र में देखा गया है। सबसे पहले एक बजकर आठ मिनट पर रतनूचक इलाके में ड्रोन को सेना के क्षेत्र के ऊपर देखा गया। जिसके बाद जवान अलर्ट हो गए। उसके बाद तड़के तीन बजकर नौ मिनट पर कुंजवानी में ड्रोन को देखा गया। फिर चार बजकर 19 मिनट पर एक बार फिर से कुंजवानी में ड्रोन को देखा गया। एक साथ तीन बार ड्रोन देखने के बाद सेना की तरफ से पुलिस को जानकारी दी गई। उसके बाद पुलिस की तरफ से पूरे इलाके में सर्च ऑपरेशन चलाया गया, लेकिन ड्रोन के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली है। और सतर्क हुई सेना इससे पहले सोमवार सुबह रतनूचक इलाके में को देखा गया था। जिसके बाद सेना की तरफ से हवाई फायरिंग की गई थी, लेकिन ड्रोन मौके से भाग गया था। अब लगातार दूसरे दिन भी इसी इलाके में ड्रोन को देखा गया है। जिस में ड्रोन को देखा गया है। वहां पर कई साल पहले बड़ा आतंकी हमला हो चुका है। ऐसे में जवानों को अलर्ट रखा गया है। एयर फोर्स स्टेशन पर हमले के बाद वैसे ही सभी जगहों पर तैनाती को बढ़ाया गया है। उसके ऊपर अब सेना क्षेत्र में लगातार ड्रोन के दिखने से दहशत बनी हुई है। गंग्याल के थाना प्रभारी रघुवीर चौधरी का कहना है कि सेना की तरफ से उन्हें अधिकारिक जानकारी दी गई है। जिसमें बताया गया कि तीन बार ड्रोन इलाके में दिखा है, लेकिन उनकी तरफ से कोई फायरिंग नहीं की गई है। पुलिस की तरफ से पूरे इलाके में सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है।


from India News: इंडिया न्यूज़, India News in Hindi, भारत समाचार, Bharat Samachar, Bharat News in Hindi, coronavirus vaccine latest news update https://ift.tt/35XnWwz
मान नहीं रहा पाकिस्तान, जम्मू में लगातार तीसरे दिन मिलिट्री स्टेशन के अंदर दिखे ड्रोन https://ift.tt/3jvBFCN मान नहीं रहा पाकिस्तान, जम्मू में लगातार तीसरे दिन मिलिट्री स्टेशन के अंदर दिखे ड्रोन
https://ift.tt/3jvBFCN Reviewed by Inquisitive & Gallivanter on June 29, 2021 Rating: 5

बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा बोले- राज्य बीजेपी की स्कीम मानकर करें काम https://ift.tt/3hlcLCU

नई दिल्ली बीजेपी का पूरा जोर इस पर है कि केंद्र की योजनाओं को राज्यों में सही से लागू कराया जा सके। इसके लिए बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा पार्टी के राष्ट्रीय महासचिवों के साथ और केंद्रीय मंत्रियों के साथ भी बैठक कर चुके हैं। अब बीजेपी अध्यक्ष ने बीजेपी शासित राज्यों से कहा है कि वह केंद्र की स्कीमों को मानकर राज्य में अच्छे से लागू कराएं और राज्य सरकार और पार्टी संगठन मिलकर काम करें। सही से लागू हों केंद्र की स्कीमेंबीजेपी की अलग अलग राज्यों की प्रदेश कार्यकारिणी की मीटिंग चल रही हैं। इससे पहले पिछले हफ्ते बीजेपी अध्यक्ष नड्डा ने पार्टी के सभी सांसदों, प्रदेश अध्यक्षों और राष्ट्रीय पदाधिकारियों की एक ट्रेनिंग मीटिंग में उन्हें केंद्र की योजनाओं के बारे में बताया था और यह बताया था कि कैसे हर व्यक्ति को इन योजनाओं के बारे में बताना है। मंगलवार को असम बीजेपी की प्रदेश कार्यकारिणी में नड्डा ने सीएम हेमंत बिस्वसरमा और पार्टी नेताओं से कहा कि वह असम में सुनिश्चित करें कि केंद्र सरकार की सारी स्कीमें सही से लागू हों। सीएम खुद मॉनिटर करें- नड्डाउन्होंने कहा कि सीएम खुद इसे व्यक्तिगत तौर पर मॉनिटर करें और यह सुनिश्चित करें कि गरीब और समाज के पिछड़े तबके के लिए केंद्र की जितनी भी स्कीमें हैं वह उसके पात्रों तक पहुंचें। बीजेपी अध्यक्ष ने कहा कि सरकार और संगठन मिलकर इन स्कीमों को लाभार्थियों तक पहुंचाएं और एक भी ऐसा शख्स छूटना नहीं चाहिए। सबसे अहम वैक्सीनेशन- नड्डाउन्होंने कहा इस वक्त सबसे अधिक अहम सभी को वैक्सीन लगाना है और कहा कि इसके लिए सरकार और संगठन कॉर्डिनेशन में काम करें। हर किसी को वैक्सीन लगे यह सुनिश्चित करें। साथ ही केंद्र की गरीबों को फ्री राशन की स्कीम का फायदा लोगों तक पहुंचाएं। नड्डा ने कहा कि इसे बीजेपी के कार्यक्रमों की तरह सोचे और काम करें। वैक्सीनेशन में हिचकिचाहट के लिए विपक्ष जिम्मेदार- नड्डाबीजेपी अध्यक्ष पहले भी पार्टी नेताओं से कह चुके हैं कि वह हर कार्यकर्ता को इस काम में लगाएं कि वह लोगों तक केंद्र की स्कीमों को पहुंचाए और वैक्सीन लगाना भी सुनिश्चित करे। नड्डा ने असम बीजेपी लीडर्स से कहा कि वह हर हॉस्पिटल में विजिट करें और यह सुनिश्चित करें कि हर जिला अस्पताल में ऑक्सिजन प्लांट हो ताकि कोरोना की तीसरी लहर से निपटा जा सके। नड्डा ने विपक्ष पर भी हमला बोला और लोगों में वैक्सीन को लेकर जो हिचकिचाहट है उसके लिए विपक्ष को जिम्मेदार बताया। नड्डा बीजेपी नेताओं से कह चुके हैं कि वह लोगों को बार बार विपक्षी नेताओं के उन बयानों के बारे में बताएं जो उन्होंने वैक्सीन के खिलाफ दिए थे।


from India News: इंडिया न्यूज़, India News in Hindi, भारत समाचार, Bharat Samachar, Bharat News in Hindi, coronavirus vaccine latest news update https://ift.tt/3dtchJM
बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा बोले- राज्य बीजेपी की स्कीम मानकर करें काम https://ift.tt/3hlcLCU बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा बोले- राज्य बीजेपी की स्कीम मानकर करें काम
https://ift.tt/3hlcLCU Reviewed by Inquisitive & Gallivanter on June 29, 2021 Rating: 5

संसद का मॉनसून सत्र 19 जुलाई से हो सकता है शुरू, कोरोना, किसान आंदोलन को लेकर हंगामे के आसार https://ift.tt/2U6kk8G

नई दिल्ली संसद का मानसून सत्र 19 जुलाई से शुरू होने और 13 अगस्त को समाप्त होने की संभावना है । सूत्रों ने मंगलवार को यह जानकारी दी । सूत्रों ने बताया कि करीब एक महीने तक चलने वाले मानसून सत्र के दौरान 20 बैठकें होने की संभावना है । आमतौर पर संसद का मानसून सत्र जुलाई के तीसरे सप्ताह से शुरू होता है और स्वतंत्रता दिवस से पहले समाप्त होता है । सूत्रों ने बताया कि संसदीय मामलों संबंधी मंत्रिमंडल समिति ने इस सत्र की अवधि को लेकर सिफारिश की है। उन्होंने बताया कि सत्र के दौरान संसद परिसर में कोविड से जुड़े सभी प्रोटोकाल का पालन किया जायेगा । उन्होंने कहा कि ऐसी उम्मीद की जाती है कि सत्र के दौरान परिसर में प्रवेश करने वाले तब कोविड रोधी टीके की कम से कम एक खुराक ले चुके होंगे । इस बार मानसून सत्र के हंगामेदार होने के आसार हैं। विपक्ष की ओर से उठाए जाने वाले संभावित मुद्दों का सही तरीके से काउंटर करने की रणनीति पर भाजपा काम कर रही है। पार्टी सांसदों को संभावित मुद्दों पर जवाब के लिए तैयार रहने को कहा गया है। उत्तर प्रदेश सहित पांच राज्यों के अगले साल विधानसभा चुनाव को देखते हुए कुछ नए मुद्दे भी मानसून सत्र के दौरान उठ सकते हैं। ऐसा ही एक मुद्दा धर्मांतरण का है। उत्तर प्रदेश पुलिस की ओर से बीते दिनों धर्मांतरण के बड़े गिरोह का खुलासा किए जाने के बाद से सियासी सरगर्मी बढ़ गई। इस मुद्दे को भाजपा के गोरखपुर से सांसद रवि किशन उठाने की बात कह चुके हैं। बंगाल हिंसा, कोरोना, किसान आंदोलन जैसे मुद्दे भी संसद में उठने के उम्मीद है। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव स्तर के एक पदाधिकारी और सांसद ने समाचार एजेंसी आईएएनएस से कहा, 'विपक्ष कोरोना प्रबंधन, वैक्सीनेशन और किसान आंदोलन के मुद्दे को उठाकर घेराबंदी करने की कोशिश कर सकता है। लेकिन, पार्टी के सांसद माकूल जवाब देने के लिए तैयार हैं। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत ने बेहतर कोरोना प्रबंधन किया है। वैक्सीनेशन में हम अमेरिका को भी पीछे छोड़ चुके हैं। पार्टी के कुछ सांसद बंगाल हिंसा पर भी आवाज उठाएंगे।' संसद में 40 से अधिक विधेयक लंबित हैं। पांच अध्यादेशों को भी बिल का शक्ल दिया जा सकता है। वर्तमान में होम्योपैथी केंद्रीय परिषद (संशोधन) अध्यादेश, भारतीय चिकित्सा केंद्रीय परिषद (संशोधन) अध्यादेश, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग अध्यादेश, दिवाला और दिवालियापन संहिता (संशोधन) अध्यादेश और न्यायाधिकरण सुधार (तर्कसंगतीकरण और सेवा की शर्तें) अध्यादेश लागू है। सूत्रों का कहना है कि ये अध्यादेश इस सत्र में बिल के रूप में पेश किये जा सकते हैं। इसके अलावा माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों का भरण-पोषण और कल्याण(संशोधन) विधेयक, किशोर न्याय विधेयक, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मास्यूटिकल एजुकेशन एंड रिसर्च जैसे बिल पहले से लंबित हैं। बता दें कि संसदीय मामलों की मंत्रिमंडल समिति ने 19 जुलाई से 13 अगस्त के बीच मानसून सत्र के संचालन की सिफारिश की है। लगभग एक महीने तक चलने वाले मानसून सत्र के दौरान 20 बैठकें हो सकतीं हैं। कोरोना के सख्त प्रोटोकॉल के बीच मानसून सत्र का संचालन होगा


from India News: इंडिया न्यूज़, India News in Hindi, भारत समाचार, Bharat Samachar, Bharat News in Hindi, coronavirus vaccine latest news update https://ift.tt/3h5zswd
संसद का मॉनसून सत्र 19 जुलाई से हो सकता है शुरू, कोरोना, किसान आंदोलन को लेकर हंगामे के आसार https://ift.tt/2U6kk8G संसद का मॉनसून सत्र 19 जुलाई से हो सकता है शुरू, कोरोना, किसान आंदोलन को लेकर हंगामे के आसार
https://ift.tt/2U6kk8G Reviewed by Inquisitive & Gallivanter on June 29, 2021 Rating: 5

कोरोना मरीजों में पहली बार मल के रास्ते ब्लीडिंग के 5 मामले आए सामने, गंगा राम अस्पताल ने दी जानकारी https://ift.tt/3qyA4NL

नई दिल्ली कोरोना मरीजों में पहली बार ऐसे लक्षण दिखाई दिए हैं जो इससे पहले देश में कहीं नहीं देखे गए। मंगलवार दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल की ओर से बताया गया कि कोरोना संक्रमण की पुष्टि होने के बाद कुछ मरीज ऐसे सामने आए जिन्होंने मल में रक्तस्राव और पेट दर्द की शिकायत की है। कोविड -19 रोगियों में साइटोमेगालोवायरस (सीवीएम) से संबंधित मलाशय से रक्तस्राव के पांच मामले सामने आए हैं। गंगा राम के अधिकारियों ने कहा कि इस साल संक्रमण की दूसरी लहर में ये मामले सामने आए हैं। सर गंगा राम अस्पताल के अधिकारियों ने पुष्टि की है कि मरीजों में से एक ने बड़े पैमाने पर रक्तस्राव और छाती की बीमारी के कारण दम तोड़ दिया है। अस्पताल की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि अप्रैल-मई कोरोना की दूसरी लहर के दौरान, हमने सीएमवी संक्रमण के पांच मामले देखे हैं। कोरोना संक्रमित होने के 20 से 30 दिनों बाद इन रोगियों में पेट दर्द के साथ मल में रक्तस्राव की शिकायत की। दिल्ली-एनसीआर के 30-70 साल के आयु वर्ग के बीच यह मरीज थे। चार रोगियों ने कम गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ब्लीड की शिकायत की है और एक रोगी ने आंत संबंधी शिकायत की। पांच रोगियों में से, दो ने बड़े पैमाने पर रक्तस्राव की सूचना दी, जिसमें एक को आपातकालीन जीवन रक्षक सर्जरी की आवश्यकता पड़ी।


from India News: इंडिया न्यूज़, India News in Hindi, भारत समाचार, Bharat Samachar, Bharat News in Hindi, coronavirus vaccine latest news update https://ift.tt/3y4kKey
कोरोना मरीजों में पहली बार मल के रास्ते ब्लीडिंग के 5 मामले आए सामने, गंगा राम अस्पताल ने दी जानकारी https://ift.tt/3qyA4NL कोरोना मरीजों में पहली बार मल के रास्ते ब्लीडिंग के 5 मामले आए सामने, गंगा राम अस्पताल ने दी जानकारी
https://ift.tt/3qyA4NL Reviewed by Inquisitive & Gallivanter on June 29, 2021 Rating: 5

चलता रहेगा सेंट्रल विस्टा का निर्माण कार्य, सुप्रीम कोर्ट का दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगाने से इनकार https://ift.tt/3hhCdJB

नई दिल्ली सुप्रीम कोर्ट ने भी सेंट्रल विस्टा के निर्माण कार्य को कोविड-19 महामारी के मद्देनजर रोकने से इनकार कर दिया। इससे पहले, दिल्ली हाई कोर्ट ने सेंट्रल विस्टा का काम रोकने की मांग ठुकरा दी थी। अब सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी है। सुप्रीम कोर्ट की लताड़ सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस न्यायमूर्ति एएम खानविलकर, न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी और न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस की पीठ ने कहा कि वह हाई कोर्ट के आदेश में हस्तक्षेप नहीं करना चाहती, क्योंकि याचिकाकर्ताओं ने चुन कर सेंट्रल विस्टा परियोजना का निर्माण कार्य रोकने का अनुरोध किया जबकि राष्ट्रीय राजधानी में लॉकडाउन के दौरान जारी अन्य सार्वजनिक परियोजनाओं के बारे में बुनियादी शोध भी नहीं किया था। दुर्भावना से प्रेरित हो सकती है याचिका: सुप्रीम कोर्ट पीठ ने कहा कि उच्च न्यायालय ने जनहित याचिका के बारे में कहा था कि यह दुर्भावना से प्रेरित थी और इसमें प्रमाणिकता का अभाव था, जो सही हो सकता है। उच्च न्यायालय ने 31 मई को इस परियोजना पर रोक के लिए दायर जनहित याचिका खारिज कर दी थी और इसके साथ ही याचिकाकर्ताओ पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था। शीर्ष अदालत ने याचिकाकर्ताओं पर लगाए गए एक लाख रुपये के जुर्माने के मामले में भी हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया। देना होगा 1 लाख का जुर्माना के तहत एक नए संसद भवन और एक नए आवासीय परिसर के निर्माण की योजना है, जिसमें प्रधानमंत्री और उप-राष्ट्रपति के आवास के साथ-साथ कई नए कार्यालय भवन और मंत्रालयों के कार्यालयों के लिए केंद्रीय सचिवालय का निर्माण होना है। सुप्रीम कोर्ट बेंच ने सुनवाई के दौरान कहा, 'यदि आपका आचरण यह (दुर्भावना से प्रेरित) था, तो एक लाख रुपए जुर्माना कम है।' उसने याचिकाकर्ताओं से पूछा कि जब उच्च न्यायालय में हलफनामा दाखिल किया गया था कि परियोजना में कोविड-19 संबंधी प्रोटोकॉल का पूरी तरह पालन किया गया, तो आपने मुकदमा क्यों जारी रखा? इन्होंने दायर की थी याचिका अनुवादक अन्या मल्होत्रा और इतिहासकार एवं डॉक्युमेंट्री निर्माता सोहेल हाशमी ने याचिका दाखिल की थी। उनकी पैरवी करते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा ने कहा कि जब याचिका दायर की गई थी, तब कोविड-19 संबंधी नियमों का पालन नहीं किया जा रहा था और उन्होंने बाद में नियमों का पालन किया। उन्होंने कहा, '19 अप्रैल से 30 अप्रैल तक नियमों का पालन नहीं किया गया।' सुप्रीम कोर्ट के कठोर सवाल पीठ ने पूछा कि लोकहितैषी व्यक्ति होने के नाते क्या उन्होंने यह पता किया कि इस दौरान कितनी परियोजनाओं को निर्माण गतिविधि जारी रखने की अनुमति दी गई? न्यायालय ने सवाल किया कि याचिकाकर्ताओं ने सेंट्रल विस्टा परियोजना का चयन किस आधार पर किया? इस पर लूथरा ने कहा कि याचिकाकर्ताओं का कहना है कि वे केवल उस निर्माण गतिविधि को रोकने के संबंध में आदेश चाहते थे, जिसमें दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) द्वारा जारी किए गए कोविड-19 प्रोटोकॉल निर्देशों के अनुपालन नहीं किया गया। क्या कहा था दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली उच्च न्यायालय ने सेंट्रल विस्टा परियोजना के निर्माण कार्य को जारी रखने की 31 मई को अनुमति देते हुए कहा था कि यह राष्ट्रीय महत्व की एक 'अहम एवं आवश्यक' परियोजना है। इसके साथ ही अदालत ने इस परियोजना के खिलाफ याचिका खारिज करते हुए कहा था कि यह किसी मकसद से प्रेरित और दुर्भावनापूर्ण थी। अदालत ने याचिकाकर्ताओं पर एक लाख रुपए का जुर्माना लगाया था। अदालत ने कहा था कि वह याचिकाकर्ताओं के इस दावे से असहमत है कि यह परियोजना कोई आवश्यक गतिविधि नहीं है और इसलिए मौजूदा महामारी के दौरान इसे रोक दिया जाना चाहिए। उसने कहा था, 'मौजूदा याचिका सेंट्रल विस्टा एवेन्यू के पुनर्विकास को तत्काल प्रभाव से रोकने के लिए दायर की गई है। यह कार्य सेंट्रल विस्टा परियोजना का हिस्सा है और महत्वपूर्ण लोक महत्व का है। सेंट्रल विस्टा एवेन्यू पुनर्विकास परियोजना के निर्माण को अलग करके नहीं देखा जा सकता।' अदालत ने कहा था कि वास्तव में संपूर्ण सेंट्रल विस्टा प्रॉजेक्ट राष्ट्रीय महत्व की एक आवश्यक परियोजना है और इस परियोजना में जनता की विशेष रुचि है। अदालत ने यह टिप्पणी भी की थी कि याचिका किसी मकसद से प्रेरित थी और वास्तविक जनहित याचिका नहीं थी। अदालत ने याचिकाकर्ताओं पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाते हुए चार सप्ताह के भीतर यह राशि दिल्ली राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के पास जमा करने का निर्देश दिया था।


from India News: इंडिया न्यूज़, India News in Hindi, भारत समाचार, Bharat Samachar, Bharat News in Hindi, coronavirus vaccine latest news update https://ift.tt/2Ud9T2Z
चलता रहेगा सेंट्रल विस्टा का निर्माण कार्य, सुप्रीम कोर्ट का दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगाने से इनकार https://ift.tt/3hhCdJB चलता रहेगा सेंट्रल विस्टा का निर्माण कार्य, सुप्रीम कोर्ट का दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगाने से इनकार
https://ift.tt/3hhCdJB Reviewed by Inquisitive & Gallivanter on June 29, 2021 Rating: 5

जम्मू एयरस्टेशन पर ड्रोन हमला, कांग्रेस ने कहा- हेडलाइन मैनेजमेंट की बजाय रक्षा विशेषज्ञों ले परामर्श ले सरकार https://ift.tt/3y2UT6t

नयी दिल्ली कांग्रेस ने जम्मू-कश्मीर में वायुसेना के एक स्टेशन पर ड्रोन से बम गिराए जाने की घटना की पृष्ठभूमि में मंगलवार को कहा कि सरकार को पाकिस्तान में मौजूद आतंकी संगठनों के ड्रोन हमलों से निपटने के लिए ठोस और समग्र नीति बनानी चाहिए। सुरजेवाला ने ट्वीट किया, ‘सशस्त्र ड्रोन हमला सुरक्षा बलों और सरकारी प्रतिष्ठानों के लिए वास्तविक खतरा है। परिपत्रों और नियमों में संशोधनों की बजाय एक विश्वसनीय और समग्र नीति एवं कदम इस वक्त की जरूरत है ताकि कुख्यात आईएसआई समर्थित और पाकिस्तान में मौजूद आतंकी संगठनों के हमलों से निपटा जा सके।’ उन्होंने कहा, ‘आशा करता हूं कि भाजपा सरकार इससे अवगत है कि आईएसआई और पाकिस्तान में मौजूद आतंकी समूह चीन के ‘हेक्साकॉप्टर’ और ड्रोन का इस्तेमाल सीमा पार हथियार गिराने के लिए करते हैं तथा चीन ने इन्हें ‘सीपेक’ (चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा) में इस्तेमाल करने के लिए पाकिस्तान को भेंट किया है।’ कांग्रेस महासचिव ने इस बात पर भी जोर दिया कि सरकार को यह पता होना चाहिए कि ऊंचाई वाले इलाकों के लिए चीन ने पाकिस्तान को 50 विंग लूंग-2 सशस्त्र ड्रोन बेचे हैं। उन्होंने संसद में पूछे गए कुछ प्रश्नों का हवाला देते हुए कहा कि सरकार इससे जरूर अवगत होगी कि सांसदों ने ड्रोन हमलों के मुद्दे पर बार-बार सवाल पूछे हैं। सुरजेवाला ने यह भी कहा, ‘पूरा देश इस तरह के हमलों को नाकाम करने के लिए हमारे सुरक्षा बलों और सरकार के साथ खड़ा है। परंतु मोदी सरकार को इसका अहसास करना चाहिए कि ‘हेडलाइन मैनेजमेंट’ करने की बजाय रक्षा विशेषज्ञों से रणनीतिक सलाह लेने की जरूरत है।’ गौरतलब है कि जम्मू स्थित भारतीय वायुसेना के स्टेशन में रविवार और सोमवार की दरम्यानी रात एक ड्रोन से दो बम गिराए गए थे। यह इस तरह का पहला हमला था। इस घटना में दो लोग घायल हो गए।


from India News: इंडिया न्यूज़, India News in Hindi, भारत समाचार, Bharat Samachar, Bharat News in Hindi, coronavirus vaccine latest news update https://ift.tt/3hgg2DE
जम्मू एयरस्टेशन पर ड्रोन हमला, कांग्रेस ने कहा- हेडलाइन मैनेजमेंट की बजाय रक्षा विशेषज्ञों ले परामर्श ले सरकार https://ift.tt/3y2UT6t जम्मू एयरस्टेशन पर ड्रोन हमला, कांग्रेस ने कहा- हेडलाइन मैनेजमेंट की बजाय रक्षा विशेषज्ञों ले परामर्श ले सरकार
https://ift.tt/3y2UT6t Reviewed by Inquisitive & Gallivanter on June 29, 2021 Rating: 5

राजस्थान में 2 सप्ताह पहले पहुंचा मॉनसून, उत्तर भारत के कई इलाकों को अब भी इंतजार https://ift.tt/3jlSq3b

नई दिल्ली दक्षिण-पश्चिम अपने सामान्य समय से दो सप्ताह पहले पश्चिमी राजस्थान के बाड़मेर पहुंच गया है जो इसके आखिरी पड़ाव में से एक है। वहीं, दिल्ली समेत उत्तर भारत के मैदानी हिस्सों को अभी भी मॉनसून की बारिश का इंतजार है। फिलहाल यहां भीषण गर्मी पड़ रही है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने मंगलवार को बताया कि दक्षिण-मॉनसून की उत्तरी सीमा (एनएलएम) अब भी बाड़मेर, भीलवाड़ा, धौलपुर, अलीगढ़, मेरठ, अंबाला और अमृतसर से होकर गुज़र रही है। केरल में दो दिन देरी से पहुंचने के बाद मॉनसून अब सामान्य से सात से दस दिन पहले पूर्वी, मध्य और उत्तर-पश्चिम भारत में दस्तक दे रहा है। इसी क्रम में मॉनसून राजस्थान के सीमावर्ती और रेगिस्तानी जिले बाड़मेर पहुंच गया है, लेकिन पश्चिम उत्तर प्रदेश, पंजाब और हरियाणा अब भी बारिश का इंतजार कर रहे हैं। आईएमडी के क्षेत्रीय मौसम पूर्वानुमान केंद्र के प्रमुख कुलदीप श्रीवास्तव के अनुसार बाड़मेर पश्चिम राजस्थान के उन कुछ केंद्रों में हैं जहां दक्षिण-मॉनसून सामान्य तौर पर सबसे बाद में आता है। दक्षिण-पश्चिम मॉनसून जुलाई के प्रथम सप्ताह में पश्चिम राजस्थान में पहुंचता है। आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि इस बार मॉनसून सामान्य समय से दो सप्ताह पहले बाड़मेर पहुंच गया है। उन्होंने कहा, 'अरब सागर में बने दबाव के क्षेत्र की वजह से मॉनसून को गति मिली जो जून में ही बाड़मेर समेत राजस्थान के कुछ हिस्सों में पहुंच गया।' उन्होंने कहा कि दिल्ली, हरियाणा, पंजाब के कुछ हिस्सों और पश्चिम उत्तर प्रदेश तथा पश्चिम राजस्थान के मामले में पुरवाई हवाएं बंगाल की खाड़ी से इन इलाकों में मॉनसून को पहुंचाती हैं। महापात्र ने कहा कि बंगाल की खाड़ी में इस समय कोई सक्रिय दबाव क्षेत्र नहीं है जो पुरवाई हवाओं को मॉनसून को इस क्षेत्र में लाने में मदद कर सके। मौसम विभाग ने पहले अनुमान व्यक्त किया था कि दिल्ली में 15 जून तक मॉनसून पहुंच सकता है। हालांकि पछुआ हवाएं इसके दिल्ली, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, पंजाब और हरियाणा में आने में अड़चन पैदा कर रही हैं। सामान्य तौर पर मॉनसून 27 जून तक दिल्ली पहुंच जाता है और पूरे देश में आठ जुलाई तक इसकी मौजूदगी दर्ज हो जाती है। पिछले साल 25 जून को मॉनसून दिल्ली पहुंच गया था और पूरे देश में 29 जून तक इसकी आमद हो गई थी।


from India News: इंडिया न्यूज़, India News in Hindi, भारत समाचार, Bharat Samachar, Bharat News in Hindi, coronavirus vaccine latest news update https://ift.tt/3jmzOzR
राजस्थान में 2 सप्ताह पहले पहुंचा मॉनसून, उत्तर भारत के कई इलाकों को अब भी इंतजार https://ift.tt/3jlSq3b राजस्थान में 2 सप्ताह पहले पहुंचा मॉनसून, उत्तर भारत के कई इलाकों को अब भी इंतजार
https://ift.tt/3jlSq3b Reviewed by Inquisitive & Gallivanter on June 29, 2021 Rating: 5

सचिन वझे के हथौड़े में NIA की इतनी दिलचस्पी क्यों, क्या है इसका राज? https://ift.tt/3AaDZVl

मुंबईकिसी एनकाउंटर स्पेशलिस्ट के पास से रिवॉल्वर और कारतूस मिलें, कोई आश्चर्य की बात नहीं है। लेकिन किसी एनकाउंटर स्पेशलिस्ट के हथौड़े में कोई जांच एजेंसी दिलचस्पी ले, तो लगता है कि परदे के पीछे बहुत बड़ी कहानी है। सचिन वझे के हथौड़े की कहानी भी कुछ ऐसी है। सचिन वझे एंटीलिया जिलेटिन केस और हिरेन मनसुख मर्डर में जेल में बंद हैं। एनआईए ने उनके अलग-अलग ठिकानों से जो दस्तावेज और सामान बतौर ऐविडेंस जब्त किया है, उनमें एक हथौड़ा भी है। मिली थी नोट गिनने की मशीन भी एक विश्वस्त सूत्र ने एनबीटी को बताया कि यह हथौड़ा सचिन वझे ने मुंबई पुलिस मुख्यालय स्थित सीआईयू ऑफिस में अपने कपाट में छिपा रखा था। जब सचिन वझे गिरफ्तार हुए थे, तो उनके पास से नोट गिनने वाली मशीन भी जब्त की गई। बाद में पता चला कि इस नोट गिनने वाली मशीन का लिंक उगाही रैकेट से जुड़ा हुआ था। सबूत मिटाने के लिए हथौड़े का यूज! वझे के खिलाफ ऐंटि करप्शन ब्यूरो ने अपनी जांच शुरू भी कर दी है। माना जा रहा है कि वझे के ऑफिस से बरामद हथौड़े का उपयोग एंटीलिया जिलेटिन केस में सबूत नष्ट करने के लिए किया गया। सचिन वझे के पास नामी-बेनामी करीब एक दर्जन गाड़ियां मिली थीं। ज्यादातर के नंबर बदले गए थे। गाड़ी की नंबर प्लेट बदलने के लिए तो नहीं! 25 फरवरी को मुकेश अंबानी की एंटीलिया बिल्डिंग के बाहर जो स्कॉर्पियो गाड़ी मिली थी, सीसीटीवी फुटेज में इस गाड़ी का नंबर भी बीच रास्ते में बदला गया, ऐसा पाया गया। नंबर प्लेट बदलने के बाद नई नंबर प्लेट लगाने के लिए भी कभी- कभी हथौड़े की जरूरत पड़ती है। चार्जशीट से हो सकेगा खुलासा हो सकता है, सचिन वझे ने नंबर प्लेट बदलने के लिए भी इस हथौड़े का इस्तेमाल किया हो। एनआईए की चार्जशीट में ही इस बात का खुलासा हो पाएगा कि सचिन वझे का हथौड़ा एनआईए के लिए इतना अहम क्यों है!


from India News: इंडिया न्यूज़, India News in Hindi, भारत समाचार, Bharat Samachar, Bharat News in Hindi, coronavirus vaccine latest news update https://ift.tt/3y1Wd9H
सचिन वझे के हथौड़े में NIA की इतनी दिलचस्पी क्यों, क्या है इसका राज? https://ift.tt/3AaDZVl सचिन वझे के हथौड़े में NIA की इतनी दिलचस्पी क्यों, क्या है इसका राज?
https://ift.tt/3AaDZVl Reviewed by Inquisitive & Gallivanter on June 29, 2021 Rating: 5

गर्भवती महिलाओं के लिए कितनी सुरक्षित है कोरोना वैक्सीन? इन बातों की जानकारी है जरूरी https://ift.tt/2SzlskR

नई दिल्ली कोरोना की तीसरी लहर की संभावना को देखते हुए यह कहा गया कि जब तक गर्भवती और स्‍तनपान कराने वाली महिलाओं को वैक्सीन नहीं लग जाती तब तक तैयारी अधूरी है। भारत में स्‍तनपान कराने वाली महिलाओं को टीका लगाने की छूट पहले ही दे दी गई थी और अब स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से गर्भवती महिलाओं को कोरोना का टीका लगवाने से जुड़ी गाइडलाइन जारी कर दी गई है। साथ ही कहा गया है कि वैक्सीन इनके लिए भी पूरी तरह सुरक्षित है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के डायरेक्टर जनरल डॉक्टर बलराम भार्गव ने कहा, वैक्सीन गर्भवती महिलाओं के लिए उपयोगी है और इसे दिया जाना चाहिए। स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी गाइडलाइन में कहा गया है कि कोरोना वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित है और यह दूसरे लोगों को तरह गर्भवती महिलाओं को भी कोविड 19 के संक्रमण से पूरी तरह बचाव प्रदान करता है। गर्भवती महिलाएं कोविन पोर्टल पर जाकर खुद रजिस्टर कर या वैक्सीनेशन सेंटर पर रजिस्ट्रेशन कराके वैक्सीन लगवा सकती हैं। गर्भवती महिलाओं के लिए वैक्सीन क्यों है जरूरी दूसरे लोगों की ही तरह गर्भवती महिलाओं के लिए भी वैक्सीन जरूरी है। स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि बहुत सी महिलाओं में कोरोना संक्रमण के शुरुआती लक्षण मामूली होते है लेकिन कई मामलों उनके सेहत पर असर भी पड़ा है। कई बार देखा गया है कि संक्रमण के दौरान उनकी सेहत में गिरावट आती है इसका असर गर्भ में पल रहे बच्चे पर भी हो सकता है ऐसे में जरूरी हो जाता है कि गर्भवती महिलाएं भी अपनी और बच्चे की सुरक्षा को लेकर सुनिश्चित रहें। गर्भवती महिलाएं जब कोरोना संक्रमित हो जाएं स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि यदि कोई गर्भवती महिला वायरस से संक्रमित हो जाती है, तो उनमें से 90 प्रतिशत बिना अस्पताल में भर्ती हुए ठीक हो जाती हैं। दूसरे लोगों की तरह गंभीर बीमारी के मामले में, अन्य रोगियों की तरह, गर्भवती महिलाओं को भी अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता होगी। वैसी गर्भवती महिलाएं जिनकी उम्र 35 से अधिक है और उनको हाई ब्लड प्रेशर, मोटापा, या दूसरी कोई गंभीर बीमारी है उनको खतरा अधिक रहता है। गर्भ में पल रहे बच्चे पर कोरोना का असर कितना 95 फीसदी मामलों में देखा गया है कि कोरोना संक्रमित मां के बच्चों की सेहत जन्म के समय बेहतर रहा है। वहीं कोरोना संक्रमित कुछ गर्भवती महिलाओं में प्री- मैच्योर डिलीवरी की स्थिति पैदा हुई है। ऐसे बच्चों का वजन जन्म के समय 2.5 किलोग्राम तक कम हो सकता है। यहां तक की दुर्लभ स्थिति में गर्भ में बच्चे की जान भी जा सकती है। कोई गर्भवती महिला जो कोरोना की चपेट में आकर ठीक हो चुकी वह वैक्सीन लेने के लिए थोड़ा इंतजार कर सकती हैं लेकिन डिलीवरी के तुरंत बाद उन्हें वैक्सीन लगवा लेनी चाहिए। विदेशों में पहले से वैक्सीन भारत के राज्यों में अलग नियम अमेरिका, ब्रिटेन, चीन जैसे देशों में गर्भवती महिलाओं को पहले से ही कोविड-19 का टीका लगाने की शुरुआत की जा चुकी है। वहीं भारत में अलग- अलग राज्यों में इसको लेकर अलग नियम थे। महाराष्ट्र में गर्भवती महिलाओं को कोरोना का टीका लगाया जा रहा है लेकिन इसके लिए उन्हें डॉक्टर का अप्रूवल सर्टिफिकेट लाना होता है। मध्य प्रदेश में अभी गर्भवती महिलाओं को वैक्सीन नहीं लगाया जा रहा था। अब केंद्र सरकार की ओर से जारी गाइड लाइन के बाद सभी गर्भवती महिलाओं को टीका लग सकेगा।


from India News: इंडिया न्यूज़, India News in Hindi, भारत समाचार, Bharat Samachar, Bharat News in Hindi, coronavirus vaccine latest news update https://ift.tt/2U8Pqg3
गर्भवती महिलाओं के लिए कितनी सुरक्षित है कोरोना वैक्सीन? इन बातों की जानकारी है जरूरी https://ift.tt/2SzlskR गर्भवती महिलाओं के लिए कितनी सुरक्षित है कोरोना वैक्सीन? इन बातों की जानकारी है जरूरी
https://ift.tt/2SzlskR Reviewed by Inquisitive & Gallivanter on June 29, 2021 Rating: 5

तेलंगाना ने टाला 1 जुलाई से स्‍कूल खोलने का प्‍लान, बाकी राज्‍यों का जानिए हाल https://ift.tt/3A6fDfA

कोविड-19 वायरस के नए वेरिएंट 'डेल्‍टा प्‍लस' ने टेंशन बढ़ा दी है। पूरी तरह अनलॉक की ओर बढ़ रहे राज्यों के कदम भी ठिठक गए हैं। कुछ राज्‍य हालात संभलते देख अगले महीने से शैक्षिक संस्‍थान खोलने की तैयारी कर रहे हैं। इस बीच 'डेल्‍टा प्‍लस' के कई केसेज सामने आने के बाद सरकारें अलर्ट हो गई हैं। अधिकतर राज्‍य जल्‍दबाजी नहीं करना चाहते। आइए आपको बताते हैं स्‍कूल/कॉलेज खोलने को लेकर राज्‍य सरकारों ने क्‍या फैसले किए हैं।

School Reopen Date Latest Update: बिहार समेत कुछ राज्‍यों ने अगले महीने से स्‍कूल/कॉलेज खोलने का फैसला क‍िया है। हालांकि राजधानी दिल्‍ली समेत अधिकतर जगहों पर स्‍कूल बंद ही रहेंगे।


School Reopening News: तेलंगाना ने टाला 1 जुलाई से स्‍कूल खोलने का प्‍लान, बाकी राज्‍यों का जानिए हाल

कोविड-19 वायरस के नए वेरिएंट 'डेल्‍टा प्‍लस' ने टेंशन बढ़ा दी है। पूरी तरह अनलॉक की ओर बढ़ रहे राज्यों के कदम भी ठिठक गए हैं। कुछ राज्‍य हालात संभलते देख अगले महीने से शैक्षिक संस्‍थान खोलने की तैयारी कर रहे हैं। इस बीच 'डेल्‍टा प्‍लस' के कई केसेज सामने आने के बाद सरकारें अलर्ट हो गई हैं। अधिकतर राज्‍य जल्‍दबाजी नहीं करना चाहते। आइए आपको बताते हैं स्‍कूल/कॉलेज खोलने को लेकर राज्‍य सरकारों ने क्‍या फैसले किए हैं।



तेलंगाना में 1 जुलाई से नहीं खुलेंगे स्‍कूल, फैसला टला
तेलंगाना में 1 जुलाई से नहीं खुलेंगे स्‍कूल, फैसला टला

तेलंगाना में 1 जुलाई से स्कूल और कॉलेज खोलने की तैयारी थी। मगर सोमवार को मुख्‍यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने फिलहाल स्‍कूल/कॉलेज बंद रखने का फैसला क‍िया है। प्री-प्राइमरी से लेकर पोस्‍ट-ग्रैजुएट कक्षाओं की क्‍लासेज ऑनलाइन मोड में चलेंगी।



मध्‍य प्रदेश में भी फिलहाल नहीं खुलेंगे स्‍कूल
मध्‍य प्रदेश में भी फिलहाल नहीं खुलेंगे स्‍कूल

मध्‍य प्रदेश में भी 1 जुलाई से स्‍कूल खुलने वाले थे मगर अब नहीं खुलेंगे। केंद्र, अन्‍य राज्‍यों और एक्‍सपर्ट्स से बात करने के बाद मुख्‍यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने यह फैसला क‍िया। सोमवार को उन्‍होंने कहा, "राज्‍य में 1 जुलाई से स्‍कूल नहीं खुलेंगे। ऑनलाइन प्‍लेटफॉर्म्‍स और टीवी ब्रॉडकास्‍ट के जरिए पढ़ाई चलती रहेगी।"



जम्‍मू कश्‍मीर में भी 15 जुलाई तक स्‍कूल/कॉलेज बंद
जम्‍मू कश्‍मीर में भी 15 जुलाई तक स्‍कूल/कॉलेज बंद

जम्‍मू-कश्‍मीर प्रशासन ने ताजा आदेश में स्‍कूल/कॉलेज बंदी की मियाद 15 जुलाई तक बढ़ा दी है। ऑनलाइन स्‍टडीज जारी रहेंगी। एक आदेश में कहा गया, 'जम्मू और कश्मीर में सभी विश्वविद्यालय, कॉलेज, टेक्निकल/स्किल डिवेलपमेंट इंस्टिट्यूट्स 15 जुलाई तक छात्रों को ऑन-कैंपस/प्राइवेट एजुकेशन प्रदान करने के लिए बंद रहेंगे। उन पाठ्यक्रमों / कार्यक्रमों को छोड़कर जिनमें छात्रों की भौतिक उपस्थिति की आवश्यकता होती है जैसे लैब/रिसर्च/थीसिस वर्क और इंटर्नशिप आदि, शिक्षण कार्य केवल ऑनलाइन मोड में होगा।'



कहां-कहां अगले महीने खुल सकते हैं स्‍कूल?
कहां-कहां अगले महीने खुल सकते हैं स्‍कूल?

बिहार सरकार ने जुलाई के महीने में चरणबद्ध तरीके से स्‍कूल/कॉलेज खोलने का फैसला क‍िया है। पहले यूनिवर्सिटीज और कॉलेज खोले जाएंगे, फिर कक्षा 9-12 और आखिर में कक्षा 1 से 8 तक के स्‍कूल।

हिमाचल प्रदेश में भी 15 जुलाई से स्‍कूल खुल सकते हैं मगर नियमित कक्षाएं नहीं लगेंगी। सोमवार को स्‍वास्‍थ्‍य और शिक्षा विभाग के सचिवों की बैठक हुई। अगर प्रस्‍ताव को सरकार से मंजूरी मिलती है तो 15 जुलाई के बाद स्‍कूलों में स्‍टूडेंट्स की एंट्री हो सकती है।

कर्नाटक सरकार पूरे राज्‍य के लिए फैसला लेने से कतरा रही है। संभव है कि वहां जिलेवार स्‍कूल खोलने की इजाजत दी जाए। राज्‍य में 1 जुलाई से ऑनलाइन क्‍लासेज शुरू हो जाएंगी।

उत्‍तर प्रदेश में 1 जुलाई से स्‍कूल खुल जाएंगे मगर प्रशासनिक काम ही होंगे। फिलहाल शिक्षकों और कर्मचारियों को ही स्‍कूल आना होगा।



इन राज्‍यों में फिलहाल बंद ही रहेंगे स्‍कूल
इन राज्‍यों में फिलहाल बंद ही रहेंगे स्‍कूल

बच्‍चों के लिए अधिकतर राज्‍यों में स्‍कूलों के दरवाजे बंद रहेंगे। इनमें दिल्‍ली, महाराष्‍ट्र, केरल, आंध्र प्रदेश, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल समेत पूर्वोत्‍तर के राज्‍य भी शामिल हैं। कुछ राज्‍यों में बच्‍चों की वैक्‍सीन आने का इंतजार हो रहा है। एक्‍सपर्ट्स के अनुसार, अक्‍टूबर तक देश में बच्‍चों के लिए कोरोना वैक्‍सीन उपलब्‍ध हो सकती है।



DU में 15 जुलाई से एडमिशन प्रोसेस
DU में 15 जुलाई से एडमिशन प्रोसेस

दिल्ली यूनिवर्सिटी अकैडमिक सेशन 2021-22 के लिए एडमिशन प्रोसेस की शुरुआत उन कोर्सेज से कर सकता है, जिनके लिए एंट्रेंस एग्जाम होते हैं। डीयू प्रशासन का इरादा है कि जुलाई 15 के आसपास ऑनलाइन एडमिशन प्रोसेस शुरू कर दें। अंडरग्रैजुएट कोर्सेज के एडमिशन को लेकर डीयू शिक्षा मंत्रालय से सेंट्रल यूनिवर्सिटी कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (CUCET) पर फैसले के इंतजार में है। मंत्रालय के फैसले से डीयू प्रशासन को यह साफ हो जाएगा कि इसी साल से CUCET लॉन्च होगा है या नहीं।

CUCET और सभी राज्य बोर्ड के 12वीं क्लास के असेसमेंट के इंतजार के बीच डीयू की एडमिशन प्रोसेस लेट ना हो इसीलिए डीयू 9 यूजी कोर्सेज और सभी पीजी कोर्सेज के लिए एडमिशन प्रोसेस जुलाई तीसरे हफ्ते शुरू करने की तैयारी कर रहा है।





from India News: इंडिया न्यूज़, India News in Hindi, भारत समाचार, Bharat Samachar, Bharat News in Hindi, coronavirus vaccine latest news update https://ift.tt/3A9Tj4H
तेलंगाना ने टाला 1 जुलाई से स्‍कूल खोलने का प्‍लान, बाकी राज्‍यों का जानिए हाल https://ift.tt/3A6fDfA तेलंगाना ने टाला 1 जुलाई से स्‍कूल खोलने का प्‍लान, बाकी राज्‍यों का जानिए हाल
https://ift.tt/3A6fDfA Reviewed by Inquisitive & Gallivanter on June 29, 2021 Rating: 5

पहले ड्रोन अटैक के बाद UN में भारत की खरी-खरी, PM ने बुलाई मंत्रियों की बैठक https://ift.tt/3jlgWBv

नई दिल्‍ली देश पर हुए पहले ड्रोन आतंकी हमले के बाद भारत हर मोर्चे पर सक्रिय हो गया है। एक तरफ, संयुक्‍त राष्‍ट्र की उच्‍चस्‍तरीय कॉन्‍फ्रेंस में ड्रोन्‍स के दुरुपयोग का मसला उठा है। भारत ने साफ कहा कि हथियारबंद ड्रोन्‍स का इस्‍तेमाल आतंकी गतिविधियों के लिए हो रहा है, इसपर दुनिया को गंभीरता से ध्‍यान देना चाहिए। दूसरी तरफ, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंत्रिमंडल की बैठक बुलाई है। बुधवार को होने वाली इस बैठक में जम्‍मू ड्रोन आतंकी हमले पर चर्चा की पूरी संभावना है। यूएन में भारत ने क्‍या कहा?यूएन में दुनियाभर की काउंटर-टेररिज्‍म एजेंसियों की उच्‍चस्‍तरीय कॉन्‍फ्रेंस हुई। इसमें विशेष सचिव (आंतरिक सुरक्षा) वीएसके कौमुदी ने भारत का पक्ष रखा। कौमुदी ने कहा कि 'सूचना और संचार तकनीक का दुरुपयोग और उभरती तकनीकों का आतंकी गतिविधियों के लिए इस्‍तेमाल आतंकवाद के सबसे गंभीर खतरे के रूप में उभरा है।' कौमुदी ने कहा कि 'रणनीतिक और व्‍यापारिक ठिकानों पर आतंकी मकसद पूरा करने के लिए हथियारबंद ड्रोन्‍स के इस्‍तेमाल की संभावना पर सभी सदस्‍य देशों को गंभीरता से ध्‍यान देने की जरूरत है। हमनें आतंकियों को ड्रोन्‍स के जरिए हथियार बॉर्डर पार कराते देखा है।' पीएम ने बुलाई अहम बैठकअपनी तरह के इस पहले हमले के बाद जांच तेज कर दी गई है। भारतीय वायुसेना के शीर्ष अधिकारी जल्‍द ही हमले को लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को एक प्रजेंटेशन देंगे। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को मंत्रिमंडल की बैठक बुलाई है। बैठक में जम्‍मू आतंकी हमले से उपजीं परिस्थितियों पर चर्चा के पूरे आसार हैं।


from India News: इंडिया न्यूज़, India News in Hindi, भारत समाचार, Bharat Samachar, Bharat News in Hindi, coronavirus vaccine latest news update https://ift.tt/2U5smP8
पहले ड्रोन अटैक के बाद UN में भारत की खरी-खरी, PM ने बुलाई मंत्रियों की बैठक https://ift.tt/3jlgWBv पहले ड्रोन अटैक के बाद UN में भारत की खरी-खरी, PM ने बुलाई मंत्रियों की बैठक
https://ift.tt/3jlgWBv Reviewed by Inquisitive & Gallivanter on June 29, 2021 Rating: 5

SPO का हत्यारा ? कश्मीर पुलिस ने पता लगाया, अब खात्मा करने की तैयारी https://ift.tt/2SybFvg

श्रीनगर जम्मू कश्मीर पुलिस ने स्पेशल पुलिस ऑफिसर (SPO) फयाज अहमद भट, उनकी पत्नी और बेटी की हत्या में जैश ए मोहम्मद के आतंकियों के शामिल रहने की पुष्टि की है। आईजी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि जैश के पाकिस्तानी आतंकी के साथ ही एक स्थानीय की भी पहचान की गई है। कश्मीर पुलिस के आईजी विजय कुमार ने बताया, 'पुलवामा के त्राल में स्पेशल पुलिस ऑफिसर फयाज अहमद भट, उनकी पत्नी और बेटी की हत्या के सिलसिले में हमने एक स्थानीय नागरिक और जैश के मोहम्मद के पाकिस्तानी आतंकवादी की पहचान कर ली है। उन्हें ट्रैक किया जा रहा है। जल्द ही उन्हें ढेर करने में कामयाब होंगे।' इससे पहले आईजी पुलिस एसपीओ के परिवार वालों से मिले और उन्हें सांत्वना दी। उन्होंने कहा, 'आतंकवादियों ने हमारे एसपीओ पर अंधाधुंध गोलियां चलाईं। उनकी पत्नी और बेटी ने उन्हें बचाने की कोशिश की, लेकिन आतंकवादियों ने उन पर भी गोलियां चलाईं। उन्हें अस्पताल ले जाया गया जहां उन्होंने दम तोड़ दिया।' जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों ने स्पेशल पुलिस ऑफिसर (एसपीओ) फयाज अहमद भट (50) के घर में घुसकर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाई थीं। हमले में एसपीओ, उनकी पत्नी और उनकी बेटी तीनों की मौत हो गई। जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों ने मां की बांहों से लिपटे 10 महीने के मासूम पर भी रहम नहीं दिखाया और उसे जमीन पर पटक दिया। दोनों में एक आतंकी पाकिस्तानी है। फयाज की 21 साल की बेटी की सोमवार सुबह इलाज के दौरान मौत हो गई। आतंकियों ने अवंतिपोरा स्थित हरिपरिगाम गांव स्थित अधिकारी के घर पर हमला किया था। एके-47 लहराते हुए आतंकियों ने भट का दरवाजा खटखटाया था, उनके चेहरे ढके हुए थे। जैसे ही भट ने दरवाजा खोला, गोलियों की बौछार शुरू हो गई। पहले पुलिस अधिकारी और फिर उनकी पत्नी रजा बानो अगला शिकार बनीं। ऑफिसर और उनकी पत्नी के बाद बेटी को मारी गोली अपने पैरंट्स को बचाने उनकी बेटी दौड़ी रफीका को भी आतंकियों ने गोलियों से छलनी कर दिया। इस दौरान भट की बहू सायमा भी घर पर ही थीं, जो अपने बच्चे को गोद में लेकर खिला रही थीं। आतंकियों ने उन्हें और उनके बच्चे को भी लातें मारीं। जान बचाने के लिए सायमा सुरक्षित ठिकाने की ओर भागी।


from India News: इंडिया न्यूज़, India News in Hindi, भारत समाचार, Bharat Samachar, Bharat News in Hindi, coronavirus vaccine latest news update https://ift.tt/3jthQvF
SPO का हत्यारा ? कश्मीर पुलिस ने पता लगाया, अब खात्मा करने की तैयारी https://ift.tt/2SybFvg SPO का हत्यारा ? कश्मीर पुलिस ने पता लगाया, अब खात्मा करने की तैयारी
https://ift.tt/2SybFvg Reviewed by Inquisitive & Gallivanter on June 29, 2021 Rating: 5

यूपी में धर्मांतरण के थे ये 7 कोडवर्ड, पुलिस के लिए 'कौम का कलंक' बना पहेली https://ift.tt/3jlh5ox

लखनऊ यूपी में बड़े पैमाने पर चल रहे धर्मांतरण रैकेट के भंडाफोड़ के बाद रोज चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। धर्मांतरण रैकेट में 7 तरह के कोड वर्ड का इस्तेमाल किया जा रहा था। इन सभी को डिकोड करके इनके मतलब निकाले गए हैं। हालांकि एक कोड 'कौम का कलंक' को अभी तक डिकोड नहीं किया जा सका है। यूपी के अपर मुख्य सचिव (गृह) अवनीश अवस्थी ने एक न्यूज चैनल से बातचीत में कोड वर्ड और इनके मतलब बताए। कोड---------------- अर्थ रिवर्ट बैक टु इस्लाम प्रोग्राम---धर्म परिवर्तन करना मुतक्की--------------हक और सच की तलाश रहमत---------------विदेश से आना वाला फंड सलात---------------नमाज अल्लाह के बंदे----------सोशल पर विडियो लाइव कराने वाल शख्स मोबाइल नंबर, जन्मतिथि----धर्म परिवर्तन का नाम कोड कौम का कलंक को अभी तक डिकोड नहीं किया सका हैअवैध धर्मांतरण के लिए एक करोड़ से ज्यादा रुपयेधर्मांतरण रैकेट चलाने के आरोप में गिरफ्तार हुए उमर और जहांगीर से पूछताछ में पता चला है इस्लामिक दावाह सेंटर में देश और विदेश से एक करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम हवाला के जरिए आई है। पड़ताल में सामने आया है कि उमर ने अपने निजी, परिवारीजनों और फातिमा चैरिटेबल ट्रस्ट के बैंक खातों में विदेश से रकम ट्रांसफर करवाई थी। वर्तमान में इस्लामिक दवाह सेंटर के बैंक खाते से 50 लाख रुपये बरामद हुए हैं। एडीजी एलओ प्रशांत कुमार ने बताया कि असम की संस्था मारकाजुल मारिफ से भी उमर को बड़ी रकम मिली है। एडीजी के मुताबिक इस्लामिक दावा सेंटर के खाते में एक करोड़ रुपये से ज्यादा ट्रांजैक्शन किया गया है। कतर, दुबई, आबूधाबी से आया पैसाज्यादातर रकम हवाला के जरिए आई है। कतर, दुबई, अबुधाबी से इस्लामिक दावाह सेंटर के खातों में कई ट्रांजेक्शन हुए हैं। एडीजी ने बताया कि धर्मांतरण से जुड़े जो भी दस्तावेज इन पांचों के यहां से मिले हैं उनका सत्यापन कराया जा रहा है। अलीगढ़, नोएडा, गाज़ियाबाद, बनारस,सहारनपुर समेत प्रदेश के 27 जिलों के पुलिस कप्तानों को पत्र लिखा गया है। इन शहरों में धर्म परिवर्तन करवा चुके लोगों का सत्यापन कराया जा रहा है। 1000 लोगों का कराया जबरन धर्मांतरण यूपी एटीएस ने पिछले दिनों अवैध धर्मांतरण गैंग का पर्दाफाश किया था। इस गैंग पर करीब 1000 लोगों के जबरन धर्मांतरण का आरोप है। गैंग के दो मुख्य आरोपी उमर और जहांगीर गिरफ्तार किए जा चुके हैं। ये इस्लामिक दावाह सेंटर नाम की संस्था का संचालन करते थे जो महिलाओं और मूक बधिर बच्चों का धर्मांतरण कराते थे।


from India News: इंडिया न्यूज़, India News in Hindi, भारत समाचार, Bharat Samachar, Bharat News in Hindi, coronavirus vaccine latest news update https://ift.tt/3y2O9ph
यूपी में धर्मांतरण के थे ये 7 कोडवर्ड, पुलिस के लिए 'कौम का कलंक' बना पहेली https://ift.tt/3jlh5ox यूपी में धर्मांतरण के थे ये 7 कोडवर्ड, पुलिस के लिए 'कौम का कलंक' बना पहेली
https://ift.tt/3jlh5ox Reviewed by Inquisitive & Gallivanter on June 29, 2021 Rating: 5

पॉलिटॉकः प्रधानमंत्री किस तरह धर्म संकट से बचाएंगे अपने मित्र नीतीश कुमार को https://ift.tt/3dqBy7v

नीतीश का धर्मसंकट केंद्रीय मंत्रिमंडल के विस्तार की संभावनाओं के बीच का धर्मसंकट बढ़ता जा रहा है। ऐसी उम्मीद की जा रही है कि केंद्रीय मंत्रिपरिषद में जेडीयू कोटे से दो मंत्री शामिल किए जा सकते हैं। लेकिन दो की यही संख्या नीतीश कुमार को परेशान किए हुए है। उनके करीबी लोगों के मुताबिक नीतीश का कहना है कि दो मिलने से अच्छा है, एक भी न मिले। दो सीटें मिलने पर यह तय करना मुश्किल हो जाएगा कि इनके लिए किसके नाम प्रधानमंत्री को भेजे जाएं। जिन दो लोगों का लंबे समय से केंद्रीय मंत्रिपरिषद में शामिल होने का दावा है, उनमें एक आरसीपी सिंह और दूसरे ललन सिंह हैं। इन दोनों की गिनती नीतीश कुमार के भरोसेमंद सहयोगियों में होती है। इस वक्त जब नीतीश कुमार अपनी पार्टी के वोट बैंक को विस्तार देने में लगे हैं, तो उनकी प्राथमिकता अतिपिछड़ा और अतिदलित को प्रतिनिधित्व देने की है। लेकिन उनके लिए अपने इन पुराने सहयोगियों को ना कर पाना आसान नहीं है। इसीलिए नीतीश चाहते हैं कि उन्हें केंद्रीय मंत्रिपरिषद में पांच सीटें मिलें, जिससे इन दो के अलावा तीन अतिपिछड़े और अतिदलित जातियों के सांसदों को भी प्रतिनिधित्व दिया जा सके। लेकिन अगर पांच सीटें नहीं मिलती हैं तो एक भी न मिले ताकि पुराने सहयोगियों की भी नाराजगी से बचा जा सके और पिछड़ी और अतिदलित जातियों की उपेक्षा का आरोप भी न लगने पाए। नीतीश ने अपनी इच्छा से प्रधानमंत्री को अवगत करा दिया है। अब देखने वाली बात यह है कि प्रधानमंत्री अपने मित्र नीतीश कुमार को किस तरह धर्म संकट से बचाते हैं। अहमद बिन सब सून कांग्रेस के क्षत्रपों का अब दिल्ली आना कम हो गया है। दिल्ली न आने की वजह बिल्कुल अलग किस्म की है। यहां उनका सबसे पसंदीदा अड्डा हुआ करता था अहमद पटेल का घर। अहमद पटेल से मुलाकात हो जाए तो उसके बाद कहीं और जाने, किसी और से मुलाकात करने की जरूरत ही नहीं रहती थी। उन्हीं के जरिए सारी जानकारी हो जाती थी कि कांग्रेस के अंदर क्या कुछ चल रहा है या क्या कुछ होने वाला है? अब उनके न रहने पर कोई ऐसा 'सिंगल विंडो' वाला शख्स कांग्रेस में रहा नहीं। अब दिल्ली में जो बाकी नेता हैं, उनके पास भी उतनी ही जानकारी रहती है, जितनी बाकी सभी के पास। दिल्ली न आने की पहली वजह तो यह हो गई। दूसरी यह कि पार्टी के जो टॉप थ्री लीडर हैं, अव्वल तो उनसे मुलाकात का टाइम मिल पाना ही मुश्किल होता है और अगर टाइम मिल भी जाए तो संवाद 'वन-वे' होता है। लीडरशिप की तरफ से सिर्फ सुना जाता है, कुछ बोला नहीं जाता। ऐसे में क्षत्रप 'अपडेट' नहीं हो पाते। तीसरी वजह यह है कि यह तय कर पाना मुश्किल हो गया है कि 'टॉप थ्री' लीडर्स के मन में क्या चल रहा है? ऐसे में क्षत्रप अपने-अपने राज्य में बने रहने में ही अपनी भलाई देख रहे हैं। वैसे कांग्रेस के गलियारों में चर्चा यह है कि इस वक्त 'मैडम' के दरबार में कमलनाथ की पहुंच बढ़ी है, वह अपनी ओर से उन्हें कुछ सलाह भी दे रहे हैं। लेकिन वह अपने को अहमद पटेल की भूमिका के लिए इसलिए तैयार नहीं कर रहे हैं क्योंकि वह मध्य प्रदेश छोड़ना नहीं चाहते और 2023 को लेकर उन्होंने राज्य से बहुत सारी उम्मीदें पाल रखी हैं। किस्सा कुर्सी का यूपी में केशव मौर्य की नाराजगी दूर करने में पूरी बीजेपी इसलिए लगी हुई है कि वह अतिपिछड़ा वर्ग से आते हैं और यूपी की सियासत में इसकी बड़ी भूमिका होती है। केशव मौर्य 2017 में भी सीएम पद के उम्मीदवार थे और 2022 में भी वह अपने को उम्मीदवार मान रहे हैं। इसीलिए उनकी कोशिश है कि पार्टी लीडरशिप 2022 के चुनाव के लिए पहले से किसी को सीएम का चेहरा घोषित न करे, बल्कि यह ऑप्शन बाद के लिए छोड़ दे, जैसा कि असम में किया गया था। बीते दिनों दिल्ली से लेकर लखनऊ तक का जो घटनाक्रम रहा, उससे केशव मौर्य के तेवर में कोई फर्क नहीं आया। हालांकि संघ की सलाह पर सीएम योगी ने केशव मौर्य के घर जाकर उन्हें खुश करने की भी कोशिश की। लेकिन उससे कुछ खास फर्क नहीं पड़ा। केशव मौर्य की अति सक्रियता योगी कैंप को असहज किए हुए है। केशव मौर्य संगठन के लोगों को बुलाकर मुलाकात कर रहे हैं, उनकी समस्याएं सुन रहे हैं। उन्होंने अपने आवास पर जनता दर्शन कार्यक्रम भी आयोजित करना शुरू कर दिया है। इसमें वह आम लोगों से संवाद करते हैं। इससे उनके पक्ष में सकारात्मक माहौल बन रहा है। राजनीति में संकेत बहुत मायने रखते हैं। चर्चा तो यहां तक है कि केशव मौर्य से मुलाकात करने आने वालों में पिछड़ी जाति के बीजेपी विधायकों की संख्या बढ़ी है। योगी की कैबिनेट में अतिपिछडी जाति से आने वाले एक मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान के भी राजनीतिक निहितार्थ निकाले जा रहे हैं, जिसमें उन्होंने कहा है कि यूपी का अगला सीएम कौन होगा, यह बात चुनावी नतीजे आने के बाद केंद्रीय नेतृत्व तय करेगा। उधर योगी चाहते हैं, आम धारणा यह बने कि अगले मुख्यमंत्री भी वही होंगे। 'चेयरमैन' मुकुल बंगाल में मुकुल रॉय की टीएमसी में वापसी हो चुकी है। ममता बनर्जी की पार्टी में बीजेपी के जिन अन्य विधायकों के आने की बात थी, उन्हें अभी यह कह कर रोका गया है कि छिटपुट विधायकों के आने से विधानसभा की सदस्यता जाने का खतरा रहेगा। इसलिए अब अगला दल-बदल तभी हो, जब इतने विधायक तैयार हो जाएं कि दल-बदल विरोधी कानून प्रभावी न होने पाए। बंगाल का जो ताजा घटनाक्रम है, वह यह है कि ममता, मुकुल रॉय को ऐसा पद देना चाहती हैं, जो उनकी गरिमा के अनुकूल हो। अभी उन्हें पद देने में इसलिए मुश्किल आ रही है कि वह कागज पर अभी भी बीजेपी के विधायक हैं। उन्होंने विधानसभा की सदस्यता से अभी इस्तीफा नहीं दिया है। ऐसी चर्चा है कि उन्हें लोक लेखा समिति का चेयरमैन बनाया जा सकता है। यह पद उन्हें इसलिए भी मिल सकता है कि सदन की परंपरा के अनुसार यह पद विपक्ष को दिया जाता रहा है। चूंकि वह विधानसभा के रेकॉर्ड में अभी भी बीजेपी के विधायक बने हुए हैं, इस वजह से ममता उन्हें यह पद देकर सदन की परंपरा का निवर्हन भी कर सकती हैं। ममता को उनके विधायक पुत्र का भी समायोजन करना है। इसमें भी यही दिक्कत आ रही है कि उन्होंने अभी तक विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा नहीं दिया है। इसलिए सदन के रेकॉर्ड में वह बीजेपी के ही विधायक माने जा रहे हैं। देखने वाली बात होगी कि ममता उनके लिए क्या रास्ता तलाश करती हैं। सरकार में पद तो उन्हें भी देना ही पड़ेगा।


from India News: इंडिया न्यूज़, India News in Hindi, भारत समाचार, Bharat Samachar, Bharat News in Hindi, coronavirus vaccine latest news update https://ift.tt/3jpjzCq
पॉलिटॉकः प्रधानमंत्री किस तरह धर्म संकट से बचाएंगे अपने मित्र नीतीश कुमार को https://ift.tt/3dqBy7v पॉलिटॉकः प्रधानमंत्री किस तरह धर्म संकट से बचाएंगे अपने मित्र नीतीश कुमार को
https://ift.tt/3dqBy7v Reviewed by Inquisitive & Gallivanter on June 29, 2021 Rating: 5

मांसाहार या शाकाहार फूड हैबिट का हिस्सा, इस पर मिडडे मील से छेड़छाड़ न करे सरकार https://ift.tt/eA8V8J

लक्षद्वीप प्रशासन की तरफ से डेरी फर्मों को बंद करने और सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के मिड डे मील से चिकन और मांस हटाने के आदेश पर केरल हाईकोर्ट ने पिछले हफ्ते रोक लगा दी। प्रशासन के आदेश के खिलाफ पेश की गई जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने लक्षद्वीप के स्कूली बच्चों को अगले आदेश तक भोजन में मांस, चिकन, मछली, अंडे देने और डेरी फर्मों को संचालित करने पर लगी रोक हटाने का फैसला दिया।

from India News: इंडिया न्यूज़, India News in Hindi, भारत समाचार, Bharat Samachar, Bharat News in Hindi, coronavirus vaccine latest news update https://ift.tt/3qK4VHz
मांसाहार या शाकाहार फूड हैबिट का हिस्सा, इस पर मिडडे मील से छेड़छाड़ न करे सरकार https://ift.tt/eA8V8J मांसाहार या शाकाहार फूड हैबिट का हिस्सा, इस पर मिडडे मील से छेड़छाड़ न करे सरकार
https://ift.tt/eA8V8J Reviewed by Inquisitive & Gallivanter on June 29, 2021 Rating: 5

ब्लॉगः पाकिस्तान को अपनी हरकतें बदलनी होंगी https://ift.tt/eA8V8J

अफगान राष्ट्रपति अशरफ गनी और सीईओ डॉ. अब्दुल्ला की अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन से भेंट हो चुकी है। उसके बावजूद अमेरिकी सरकार अपने इस फैसले पर कायम है कि अफगानिस्तान से अमेरिकी फौजें 11 सितंबर तक वापस चली जाएंगी। सिर्फ 650 जवान काबुल में टिके रहेंगे, जो अमेरिकी दूतावास की सुरक्षा के लिए जरूरी हैं। जहां तक काबुल हवाई अड्डे की सुरक्षा का सवाल है, उसकी जिम्मेदारी तुर्की की सरकार ले रही है।

from India News: इंडिया न्यूज़, India News in Hindi, भारत समाचार, Bharat Samachar, Bharat News in Hindi, coronavirus vaccine latest news update https://ift.tt/3jpcUrO
ब्लॉगः पाकिस्तान को अपनी हरकतें बदलनी होंगी https://ift.tt/eA8V8J ब्लॉगः पाकिस्तान को अपनी हरकतें बदलनी होंगी
https://ift.tt/eA8V8J Reviewed by Inquisitive & Gallivanter on June 29, 2021 Rating: 5

'कोविन' प्लैटफॉर्म का दुनियाभर में डंका, वैक्सीनेशन के लिए 50 देश करना चाहते हैं इस्तेमाल https://ift.tt/3qxG1dY

नई दिल्ली कनाडा, मैक्सिको, नाइजीरिया और पनामा सहित करीब 50 देशों ने अपने टीकाकरण अभियान के लिए कोविन जैसी प्रणाली में दिलचस्पी दिखायी है और भारत ‘ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर’ मुफ्त में साझा करने के लिए तैयार है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी। कोविड-19 टीका अभियान के लिए अधिकार प्राप्त समूह के अध्यक्ष डॉ आर एस शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अधिकारियों को सॉफ्टवेयर का एक ‘ओपन सोर्स’संस्करण तैयार करने और इसमें रुचि दिखाने वाले किसी भी देश को मुफ्त मुहैया कराने का निर्देश दिया है। शर्मा ने कहा, 'कोविन मंच इतना लोकप्रिय हो गया है कि मध्य एशिया, लातिनी अमेरिका, अफ्रीका के करीब 50 देशों ने कोविन जैसी प्रणाली में रुचि दिखाई है।' वह दूसरे लोक स्वास्थ्य शिखर सम्मेलन 2021 को संबोधित कर रहे थे। इसका आयोजन भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) ने किया था। उन्होंने यह भी कहा कि दुनिया भर के स्वास्थ्य और प्रौद्योगिकी विशेषज्ञों का एक वैश्विक सम्मेलन पांच जुलाई को डिजिटल तरीके से आयोजित किया जाएगा और उस कार्यक्रम में भारत साझा करेगा कि यह प्रणाली किस प्रकार काम करती है। शर्मा ने कहा, 'हम विश्व को बता रहे हैं कि यह प्रणाली कैसे काम कर सकती है और हम किसी भी देश के साथ ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर मुफ्त में साझा करने के लिए किस प्रकार तैयार हैं। कनाडा, मैक्सिको, पनामा, पेरू, अजरबैजान, यूक्रेन, नाइजीरिया, युगांडा आदि देशों ने काफी रुचि दिखाई है। सूत्रों ने बताया कि वियतनाम, इराक, डोमिनिकन गणराज्य, संयुक्त अरब अमीरात जैसे अन्य देशों ने भी अपने यहां कोविड कार्यक्रम चलाने के लिए कोविन मंच के बारे में दिलचस्पी दिखायी है। शर्मा ने कहा कि पांच महीनों में कोविन 30 करोड़ से अधिक पंजीकरण और टीकाकरण को संभालने लायक हो गया है। उन्होंने कहा, 'यह एक नागरिक केंद्रित मंच है और जिला स्तर तक सच्चाई का एक स्रोत मुहैया कराता है। शुरुआत से, यह सुनिश्चित किया गया था कि इस मंच का उपयोग कार्यक्रम तय करने, उसे फिर से निर्धारित करने या उन्हें रद्द करने के लिए किया जा सके।' शर्मा ने कहा कि 1.3 अरब लोगों का टीकाकरण कोई मामूली काम नहीं है। उन्होंने कहा कि कोविन जैसे मंच का विकास दिखाता है कि भारत में इस तरह की बड़ी डिजिटल प्रणाली विकसित करने की क्षमता है। दिल्ली एम्स के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया ने कहा कि महामारी ने स्वास्थ्य संबंधी पूरी व्यवस्था और सार्वजनिक स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे को बाधित कर दिया है। उन्होंने कहा, 'अब हमें आगे देखने और अपनी सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली को मजबूत बनाने की आवश्यकता है। हमें भविष्य में ऐसी महामारी के लिए तैयार रहने की आवश्यकता है। हमारा मूल उद्देश्य दूरदराज के क्षेत्रों में समान पहुंच है। स्वास्थ्य को ‘जीडीपी’ के प्रतिशत के रूप में देखना महत्वपूर्ण है... स्वास्थ्य राज्य का विषय है लेकिन अभी राज्यों के बीच समन्वय की कमी है।'


from India News: इंडिया न्यूज़, India News in Hindi, भारत समाचार, Bharat Samachar, Bharat News in Hindi, coronavirus vaccine latest news update https://ift.tt/3hfiY3l
'कोविन' प्लैटफॉर्म का दुनियाभर में डंका, वैक्सीनेशन के लिए 50 देश करना चाहते हैं इस्तेमाल https://ift.tt/3qxG1dY 'कोविन' प्लैटफॉर्म का दुनियाभर में डंका, वैक्सीनेशन के लिए 50 देश करना चाहते हैं इस्तेमाल
https://ift.tt/3qxG1dY Reviewed by Inquisitive & Gallivanter on June 29, 2021 Rating: 5

दिव्यांगों को मिलता रहेगा प्रमोशन में आरक्षण, केरल सरकार की अर्जी सुप्रीम कोर्ट में खारिज https://ift.tt/3qDT4KT

नई दिल्ली ने अपने अहम फैसले में कहा है कि जो शारीरिक तौर पर अक्षम हैं और विकलांगता की श्रेणी में आता है, उन्हें पाने का अधिकार है। सुप्रीम कोर्ट ने केरल सरकार की उस अर्जी को खारिज कर दिया, जिसमें राज्य सरकार ने केरल हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी। केरल हाई कोर्ट ने कहा था कि शारीरिक रूप से अक्षम शख्स को प्रोमोशन में आरक्षण पाने का अधिकार है।सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एसके कौल और जस्टिस आरएस रेड्डी ने अपने फैसले में कहा कि केरल हाई कोर्ट का फैसला दुरुस्त है और उसमें दखल की कोई जरूरत नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने केरल सरकार की अर्जी को खारिज करते हुए कहा कि शारीरिक तौर पर अक्षम शख्स को प्रमोशन में आरक्षण पाने का अधिकार है। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार से कहा है कि वह तीन महीने के भीतर शारीरिक तौर पर अक्षम को प्रोमोशन में रिजर्वेशन दे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि शीर्ष अदालत की तीन जजों की बेंच ने जनवरी 2020 के फैसले का जिक्र अपने आदेश में किया। कोर्ट ने कहा कि इंदिरा साहनी जजमेंट में सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक बेंच ने व्यवस्था दी थी कि प्रमोशन में रिजर्वेशन नहीं मिलेगा, लेकिन वह शारीरिक तौर पर अक्षम के लिए लागू नहीं होगा। यानी शारीरिक तौर पर अक्षम शख्स को प्रमोशन में रिजर्वेशन देने पर कोई रोक नहीं है। सुप्रीम कोर्ट के तीन जजों की बेंच ने पिछले साल राजीव गुप्ता केस में कहा था कि शारीरिक तौर पर अक्षम व्यक्ति 1995 के कानून के तहत प्रोटेक्टेड है और उसके प्रमोशन में रिजर्वशन पर रोक नहीं है। इंदिरा साहनी जजमेंट का प्रमोशन में रिजर्वेशन पर रोक का सिद्धांत शारीरिक तौर पर अक्षम लोगों के लिए लागू नहीं होता है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि शारीरिक तौर पर अक्षम शख्स को प्रमोशन में आरक्षण का अधिकार है। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को शीर्ष अदालत के पिछले साल दिए फैसले का हवाला दिया और केरल सरकार की अर्जी खारिज कर दी।


from India News: इंडिया न्यूज़, India News in Hindi, भारत समाचार, Bharat Samachar, Bharat News in Hindi, coronavirus vaccine latest news update https://ift.tt/3jmk004
दिव्यांगों को मिलता रहेगा प्रमोशन में आरक्षण, केरल सरकार की अर्जी सुप्रीम कोर्ट में खारिज https://ift.tt/3qDT4KT दिव्यांगों को मिलता रहेगा प्रमोशन में आरक्षण, केरल सरकार की अर्जी सुप्रीम कोर्ट में खारिज
https://ift.tt/3qDT4KT Reviewed by Inquisitive & Gallivanter on June 29, 2021 Rating: 5

कड़ी आलोचना के बाद ट्विटर ने भारत का विवादित नक्शा वेबसाइट से हटाया https://ift.tt/3w36W2g

नई दिल्ली जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को अपनी वेबसाइट पर अलग देश के रूप दिखाने वाले मैप को ट्विटर ने वापस ले लिया है। विवादित मैप सामने आने के बाद भारत में ट्विटर को कड़ी आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा था। सोमवार रात को कंपनी ने विवादित नक्शा हटा लिया। सोमवार सुबह को कंपनी की वेबसाइट पर यह नक्शा सामने आया था। केंद्र सरकार से नए आईटी रूल्स को लेकर जारी तनातनी के बीच विवादित नक्शा सामने आने के बाद कंपनी को भारत में भारी आलचनाओं का सामना करना पड़ा था।


from India News: इंडिया न्यूज़, India News in Hindi, भारत समाचार, Bharat Samachar, Bharat News in Hindi, coronavirus vaccine latest news update https://ift.tt/3hcOTBA
कड़ी आलोचना के बाद ट्विटर ने भारत का विवादित नक्शा वेबसाइट से हटाया https://ift.tt/3w36W2g कड़ी आलोचना के बाद ट्विटर ने भारत का विवादित नक्शा वेबसाइट से हटाया
https://ift.tt/3w36W2g Reviewed by Inquisitive & Gallivanter on June 28, 2021 Rating: 5

Gad

Powered by Blogger.