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फ्रांस हमले की नसीरूद्दीन शाह, जावेद अख्तर, स्वरा समेत इन लोगों ने की निंदा https://ift.tt/37YSct6

October 31, 2020
नई दिल्ली अभिनेता नसीरूद्दीन शाह, गीतकार , वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण और लेखक-कार्यकर्ता तुषार गांधी सहित विभिन्न क्षेत्रों के सौ से अधिक प्रख्यात भारतीयों ने फ्रांस में धर्म के नाम पर हाल ही में हुई हत्याओं की शनिवार को स्पष्ट रूप से निंदा की। उन्होंने इन हत्याओं को 'तर्कसंगत' ठहराने वाले कुछ मुस्लिम धर्म गुरुओं और नेताओं के बयानों की भी आलोचना की। शबाना, स्वरा ने घटना की निंदा की हत्या की घटनाओं की निंदा करने वाले बयान पर हस्ताक्षर करने वालों में अदाकारा शबाना आजमी, स्वरा भास्कर, लेखक-निर्देशक फिरोज अब्बास खान, निर्देशक कबीर खान, अंजुम राजाबलि, डॉक्यूमेंट्री फिल्म निर्माता आनंद पटवर्द्धन, सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी जुलियो एफ रिबेरो और उद्योगपति अब्दुल अजीज लोखंडवाला शामिल हैं। बयान में कहा गया है कि ये लोग धर्म के नाम पर हाल ही में अंजाम दी गई हत्या की घटनाओं की 'स्पष्ट रूप से और बिना शर्त ' निंदा करते हैं। बयान में कहा गया है, 'हम सोची समझी साजिश के तहत की गई हत्याओं को उचित ठहराने संबंधी भारतीय मुस्लिमों के कुछ स्व-घोषित अभिभावकों के उटपटांग तर्क से बहुत आहत हुए हैं तथा कुछ राष्ट्राध्यक्षों की अस्वीकार्य टिप्पणियों की भी निंदा करते हैं। ' फ्रांस काउंसिल फॉर मुस्लिम फेथ के साथ हम खड़े हैं बयान पर हस्ताक्षर करने वालों ने कहा है कि इस तरह के जघन्य अपराधों को अपने खेमे से जुड़े लोगों द्वारा अंजाम दिए जाने पर सभी धार्मिक समूहों का प्रत्यारोप लगाना रोजमर्रा की बात हो गई है। बयान में कहा गया है, 'हम 'फ्रांस काउंसिल फॉर मुस्लिम फेथ' के साथ एकजुटता से खड़े हैं। ' गुरुवार को हुआ था हमला बयान पर हस्ताक्षर करने वालों में लेखक-निर्माता दानिश जावेद, थियेटर से जुड़ी शख्सियत मल्लिका साराभाई, नेशनल अलायंस ऑफ पीपुल्स मूवमेंट की मेधा पाटकर और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय की सेवानिवृत्त प्रोफेसर मृदुला मुखर्जी भी शामिल हैं। उल्लेखनीय है कि गुरुवार को फ्रांस के नीस में एक चर्च में हुए चाकू हमले में तीन लोग मारे गये थे। फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने इसे 'इस्लामी आतंकवादी हमला' कहा था।


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फ्रांस हमले की नसीरूद्दीन शाह, जावेद अख्तर, स्वरा समेत इन लोगों ने की निंदा https://ift.tt/37YSct6 फ्रांस हमले की नसीरूद्दीन शाह, जावेद अख्तर, स्वरा समेत इन लोगों ने की निंदा
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लव जिहाद पर योगी की चेतावनी- सुधरे नहीं तो राम नाम सत्य की यात्रा निकलने वाली है https://ift.tt/34HfSzW

October 31, 2020
जौनपुर उत्तर प्रदेश में '' (Love Jihad in Uttar Pradesh) के बढ़ते मामलों के बीच मुख्यमंत्री (Yogi Adityanath in Jaunpur) ने जौनपुर में ऐसे अपराध में शामिल होने वाले लोगों को चेतावनी दी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि ये लोग की यात्रा के लिए एकदम तैयार रहें। इन्हें किसी भी हालत में बख्शा नहीं जाएगा। योगी आदित्यनाथ ने कहा, 'कल (शुक्रवार) इलाहाबाद हाई कोर्ट ने एक आदेश दिया है कि शादी के लिए धर्म परिवर्तन को मान्यता नहीं मिलनी चाहिए। इस वजह से सरकार भी निर्णय ले रही है कि हम लव जिहाद को सख्ती से रोकने का काम करेंगे। एक प्रभावी कानून बनाएंगे।' 'राम नाम सत्य की यात्रा निकलने वाली है'सीएम योगी ने कहा, 'छद्म भेष में, नाम छिपाकर जो लोग बेटियों की इज्जत के साथ खिलवाड़ करते हैं, उन्हें मैं चेतावनी देता हूं कि उनकी राम-नाम सत्य की यात्रा निकलने वाली है। हम लोग मिशन शक्ति के कार्यक्रम को इसीलिए चला रहे हैं। मिशन शक्ति के कार्यक्रम का मतलब यही है कि हम हर मां-बहन को सुरक्षा की गारंटी देंगे। फिर भी दुस्साहस किया तो ऑपरेशन शक्ति अब तैयार है। इसका उद्देश्य यही है कि हम हर हाल में उनकी सुरक्षा करेंगे। उनके सम्मान की सुरक्षा करेंगे। न्यायालय के आदेश का पालन होगा और बहन-बेटियों का सम्मान होगा।' पढ़ें: हाई कोर्ट ने क्या कहा? इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा है कि केवल है। विपरीत धर्म के जोड़े की याचिका को खारिज करते हुए कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को संबंधित मैजिस्ट्रेट के समक्ष हाजिर होकर अपना बयान दर्ज कराने की छूट दी है। याची ने परिवारवालों को उनके शांतिपूर्ण वैवाहिक जीवन में दखल देने पर रोक लगाने की हाई कोर्ट से मांग की थी। कोर्ट ने इस याचिका पर हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति एमसी त्रिपाठी ने प्रियांशी उर्फ समरीन और अन्य की याचिका पर दिया है। क्या था पूरा मामला? कोर्ट ने कहा है कि एक याची मुस्लिम तो दूसरा हिन्दू है। लड़की ने 29 जून 2020 को हिन्दू धर्म स्वीकार किया और एक महीने बाद 31 जुलाई को विवाह कर लिया। कोर्ट ने कहा कि रेकॉर्ड से साफ है कि शादी करने के लिए धर्म परिवर्तन किया गया है। कोर्ट ने नूरजहां बेगम केस के फैसले का हवाला दिया, जिसमें कोर्ट ने कहा कि शादी के लिए धर्म बदलना स्वीकार्य नहीं है। इस केस में हिन्दू लड़की ने धर्म बदलकर मुस्लिम लड़के से शादी की थी। कुरान की हदीस का हवाला, कोर्ट ने कहा... सवाल था कि क्या हिंदू लड़की धर्म बदलकर मुस्लिम लड़के से शादी कर सकती है और यह शादी वैध होगी। कुरान की हदीस का हवाला देते हुए कोर्ट ने कहा कि इस्लाम के बारे में बिना जाने और बिना आस्था और विश्वास के केवल शादी करने के उद्देश्य से धर्म बदलना स्वीकार्य नहीं है। यह इस्लाम के खिलाफ है। इसी फैसले के हवाले से कोर्ट ने मुस्लिम से हिंदू बनकर शादी करने वाली याचिकाकर्ता को राहत देने से इनकार कर दिया है।


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लव जिहाद पर योगी की चेतावनी- सुधरे नहीं तो राम नाम सत्य की यात्रा निकलने वाली है https://ift.tt/34HfSzW लव जिहाद पर योगी की चेतावनी- सुधरे नहीं तो राम नाम सत्य की यात्रा निकलने वाली है
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अयोध्‍या: धर्म परिवर्तन के बाद निकाह-बच्‍चे...फिर दूसरी युवती के साथ हुआ फरार https://ift.tt/3kXmoIs

October 31, 2020
संजीव आजाद, अयोध्या उत्‍तर प्रदेश में लव जिहाद और धर्म परिवर्तन करा शादी करने के मामले बढ़ते ही जा रहे हैं। अब रामनगरी अयोध्‍या में इस तरह की घटना सामने आई है। एक युवती ने मुस्लिम युवक पर धर्म परिवर्तन करा निकाह करने का आरोप लगाया है। दोनों का एक बेटा भी है। कुछ समय के बाद उसके पति का किसी दूसरी लड़की से प्रेम-प्रसंग हो गया और वह उसे लेकर फरार हो गया। पति अब पत्‍नी पर तलाक देने का दबाव बना रहा है। पीड़ित युवती न्याय के लिए प्रयागराज से लेकर अयोध्या तक दर-दर भटक रही है। उसका कहना है कि पति पहले भी एक लड़की को भगाने के आरोप में जेल जा चुका है। पुलिस आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर मामले की छानबीन में जुटी है। युवती का कहना है कि यदि उसे न्याय न मिला तो आत्महत्या कर लेगी। जानकारी के मुताबिक, अयोध्या के गोसाईंगंज क्षेत्र की एक युवती प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए प्रयागराज गई थी। वहां उसकी मुलाकात सलीम उर्फ जीशान से हुई। दोनों के बीच प्‍यार परवान चढ़ा और उन्‍होंने निकाह कर लिया। आरोप है कि युवती का धर्म परिवर्तन कराया गया। निकाह के बाद कुछ समय तो सब ठीक रहा पर उसके बाद पति की दूसरी लड़की से संबंध हो गए और वह पत्‍नी का उत्‍पीड़न करने लगा। पीसीएस परीक्षा पास कर लेने का दावा इस मामले में समाजसेवी हनुमान सोनी ने बताया कि पीड़िता बहुत ही गरीब परिवार से ताल्लुख रखती है। इसके घर में केवल एक मां है। परिवार की ऐसी हालत को देखते हुए हमारी संस्था ने इस पढ़ाया और आगे तैयारी कराने के लिए इलाहाबाद भेजा। दावा है कि पीड़िता ने पीसीएस परीक्षा पास कर ली थी। इसी दौरान इसकी मुलाकात एक मुस्लिम लड़के से हुई और दोनों ने निकाह कर लिया। इसके बाद संस्था के लोगों ने इससे बात करना बंद कर दिया। कई साल बाद युवती ने फोन कर अपनी आपबीती बताई तो उसे अयोध्‍या बुला लिया गया ताकि उसके साथ कोई अप्रिय घटना ना घटे। ऐसी घटनाओं को बर्दाश्त नहीं करेगा संत समाज : राजूदास इस मामले में हनुमानगढ़ी के मुख्य पुजारी राजूदास ने कहा है कि ऐसी घटनाओं को संत समाज बिलकुल बर्दाश्‍त नहीं करेगा। लव जिहाद, धर्म परिवर्तन जैसे मामले अब लगातार बढ़ते जा रहे हैं, जिस पर जल्द से जल्द लगाम लगाने के लिए उचित कार्रवाई होनी चाहिए और ऐसा कृत्य करने वालों पर सख्त से सख्त कदम उठाना चाहिए।


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अयोध्‍या: धर्म परिवर्तन के बाद निकाह-बच्‍चे...फिर दूसरी युवती के साथ हुआ फरार https://ift.tt/3kXmoIs अयोध्‍या: धर्म परिवर्तन के बाद निकाह-बच्‍चे...फिर दूसरी युवती के साथ हुआ फरार
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आतंकियों के लगातार सरेंडर घाटी में दे रहे नई सुबह के संकेत, टेंशन बस एक ही है https://ift.tt/3jIoUkz

October 31, 2020
श्रीनगर 3 दशक तक आतंक का दंश काल झेल चुके कश्मीर में हालात बदलते से नजर आ रहे हैं। आतंकवाद के रास्ते पर ना जाने कितनों की जान गंवा चुके कश्मीरी लोगों के बीच अब एक बार फिर अमन और शांति की उम्मीद जगने लगी है। एक ओर सरकारी स्तर पर बैक टू विलेज और रोजगार नीतियों के कार्यक्रमों से जहां कश्मीर में नई संभावनाओं का जन्म होता दिखने लगा है, वहीं दूसरी ओर आतंक की राह छोड़कर मुख्यधारा में लौट रहे नौजवानों ने एक बार फिर सकारात्मक संकेत देने शुरू किए हैं। अनुच्छेद 370 के एक साल बीतने के बाद अब जम्मू-कश्मीर में दिख रहे इन सकारात्मक बदलावों को राज्य के विकास की दिशा में बढ़ने का संकेत कहा जा रहा है। जिस कश्मीर ने साल 2016 से 2019 के बीच कई बार अनिश्चितताओं और आतंकवाद की बड़ी घटनाओं को देखा, वहां अब आतंकी ऑपरेशन के बीच सरेंडर की अपील को मानने लगे हैं। बीते दो हफ्तों में चार ऐसे मौके आए हैं, जब आतंकियों ने किसी काउंटर ऑपरेशन के बीच परिवार की ओर से की गई सरेंडर की अपील स्वीकार कर हथियार डाल दिए हों। सेना और अन्य सुरक्षाबलों की अपील पर इस तरह के सरेंडर अब ये बता रहे हैं कि कश्मीर की आवाम और यहां आतंक का रास्ता अख्तियार कर चुके युवाओं ने अब अमन का रास्ता चुन लिया है। अतीत में देखें तो बीते दो हफ्तों में कश्मीर के अति संवेदनशील इलाकों में हुए ऑपरेशन के दौरान आतंकियों ने सुरक्षाबलों के सामने सरेंडर का विकल्प स्वीकार किया है। डीजीपी ने कहा- सरेंडर करने वालों को देंगे पूरी मदद बीते दिनों बडगाम, सोपोर (बारामूला) और त्राल (पुलवामा) के अलग-अलग ऑपरेशन में चार आतंकियों ने सुरक्षाबलों के सामने सरेंडर किया है। जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) दिलबाग सिंह ने शनिवार को कहा कि सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ों के दौरान आतंकवादी आत्मसमर्पण करने को तरजीह दे रहे हैं और यह एक स्वागत योग्य बदलाव है। शनिवार को डीजीपी ने कहा कि जिन्होंने भी अपने हाथों में हथियार उठाए हैं, वे हिंसा का रास्ता छोड़ दें और मुख्यधारा में लौट आएं। अधिकारी ने कहा कि ऐसे लोगों को हर प्रकार से समर्थन दिया जाएगा। उन्होंने कहा, 'हम चाहते हैं कि जिन युवाओं को बहला फुसला कर गलत रास्ते पर भेज दिया गया है, वे लौट आएं। अभी भी वक्त है, वे लौट सकते हैं और हम उनकी हर प्रकार से मदद करेंगे।' बैक टू विलेज जैसे कार्यक्रमों को लोगों का बड़ा समर्थन एक ओर जहां पुलिस और सेना ने आतंकियों को सरेंडर का मौका देने का ऐलान किया है। वहीं जम्मू-कश्मीर में प्रशासन की ओर से बीते दिनों कई बड़े कार्यक्रम शुरू किए गए हैं, जिससे कि घाटी में रोजगार के अवसरों और युवाओं के लिए अन्य बहुआयामी योजनाओं को सृजित किया जा सके। जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा लगातार राज्य में इंफ्रास्ट्रक्चर, शिक्षा, स्वास्थ्य और युवा कल्याण के तमाम अवसरों को उत्पन्न करने के लिए अधिकारियों के साथ काम कर रहे हैं। इसके अलावा बीते दिनों शुरू हुए बैक टू विलेज कार्यक्रम को भी जम्मू-कश्मीर की आवाम का व्यापक स्तर पर सहयोग मिलना एक अच्छा संकेत दे रहा है। राजनीतिक लोगों की हत्या के मामले ने बढ़ाई है टेंशन जम्मू-कश्मीर को करीब से जानने वाले लोगों का कहना है कि राज्य में सकारात्मक बदलाव तो देखने को मिल रहे हैं, लेकिन हाल ही में राजनीतिक हत्याओं का बढ़ना एक बार फिर मुश्किल स्थितियों को पैदा करने की कोशिश जैसा दिख रहा है। कश्मीर में बीते दिनों अलग-अलग राजनीतिक पार्टियों के तमाम राजनेताओं की हत्या हुई है। इनमें कुलगाम में बीजेपी के तीन नेताओं की हत्या का मामला भी शामिल है। सुरक्षाबलों का मानना है कि कश्मीर में बेहतर होती स्थितियों के बीच लोगों के मन में डर पैदा करने की साजिश के साथ आतंकी राजनीतिक लोगों को निशाना बना रहे हैं। इसमें बीजेपी ही नहीं कई अन्य पार्टियों के नेताओं को भी टार्गेट किया गया है। सुरक्षाबलों के अलावा अन्य एजेंसियों के अधिकारियों ने इंटरनल सिक्यॉरिटी और काउंटर इंटेलिजेंस ग्रिड को और मजबूत करने का काम शुरू किया है, जिससे कि कश्मीर घाटी में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके। इसके अलावा स्थानीय स्तर पर भी आतंकियों के खात्मे के लिए तमाम ऑपरेशंस लगातार चलाए जा रहे हैं।


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आतंकियों के लगातार सरेंडर घाटी में दे रहे नई सुबह के संकेत, टेंशन बस एक ही है https://ift.tt/3jIoUkz आतंकियों के लगातार सरेंडर घाटी में दे रहे नई सुबह के संकेत, टेंशन बस एक ही है
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थरूर बोले-‘हिंदू भारत’ किसी भी तरह से हिंदू नहीं होगा, ‘संघी हिंदुत्व राज्य’ एक अलग देश होगा https://ift.tt/2Geteua

October 31, 2020
नई दिल्ली कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने ‘हिंदुत्व’ को 1947 की मुस्लिम सांप्रदायिकता का ‘प्रतिबिंब’ करार देते हुए कहा है कि इसकी सफलता का मतलब यह होगा कि भारतीय अवधारणा (इंडियन आइडिया) का अंत हो गया। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि ‘हिंदुत्व’ कोई धार्मिक नहीं, बल्कि ‘राजनीतिक सिद्धांत’ है। थरूर ने अपनी नयी पुस्तक ‘द बैटल ऑफ बिलॉंगिंग’ में कहा कि ‘हिंदू भारत’ किसी भी तरह से हिंदू नहीं होगा, बल्कि ‘संघी हिंदुत्व राज्य’ होगा जो पूरी तरह से अलग तरह का देश होगा। उनकी इस पुस्तक का शनिवार को विमोचन हुआ। कांग्रेस सांसद ने कहा, ‘मेरे जैसे लोग जो अपने प्यारे भारत को संजोए रखना चाहते हैं, उनकी परवरिश इस तरह हुई है कि वे धार्मिक राज्य का तिरस्कार करें।’ उन्होंने यह भी कहा कि हिंदुत्व आंदोलन की जो बयानबाजी है उससे उसी कट्टरता की गूंज सुनाई देती है जिसको खारिज करने के लिए भारत का निर्माण हुआ था। थरूर ने की सीएए की आलोचना ‘एलेफ बुक कंपनी’ द्वारा प्रकाशित इस पुस्तक में थरूर ने हिंदुत्व और संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) की आलोचना की है। उनका कहना है कि ये भारतीयता के बुनियादी पहलू के लिए चुनौती हैं। अपने ‘हिंदू पाकिस्तान’ वाले बयान से संबंधित विवाद को समर्पित एक पूरे अध्याय में पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘मैंने सत्ताधारी पार्टी की ओर से पाकिस्तान का हिंदुत्व वाला संस्करण बनाने के प्रयास की निंदा की थी क्योंकि इसके लिए हमारा स्वतंत्रता आंदोलन नहीं था और न ही यह भारत की अवधारणा है जिसे हमारे संविधान में समाहित किया गया।’ वह लिखते हैं, ‘‘यह सिर्फ अल्पसंख्यकों के बारे में नहीं है जैसा भाजपा हमें मनवाना चाहेगी। मेरे जैसे बहुत सारे गौरवान्वित हिंदू हैं जो अपनी आस्था के समावेशी स्वभाव को संजोते हैं और अपने पड़ोसी देश पाकिस्तान के लोगों की तरह असहिष्णु एवं एक धर्म आधारित राज्य में रहने का इरादा नहीं रखते।’ थरूर ने कहा, ‘हिंदुत्व हिंदू धर्म नहीं है। यह एक राजनीतिक सिद्धांत है, धार्मिक नहीं है।’ थरूर बोले- सीएए देश की बुनियाद पर सवाल खड़ा करता है सीएए की आलोचना करते हुए थरूर ने कहा कि यह पहला कानून है जो देश की उस बुनियाद पर सवाल करता है कि धर्म हमारे पड़ोस और हमारी नागरिकता को तय करने का पैमाना नहीं हो सकता। उनके मुताबिक, यह संशोधित कानून एक समावेशी राज्य के तौर पर भारत को लेकर जो धारणा है उसपर भी चोट करता है। हिंदुत्व के संदर्भ में कांग्रेस नेता इस पुस्तक में लिखते हैं, ‘हिंदुत्व आंदोलन 1947 की मुस्लिम सांप्रदायिकता का प्रतिबिंब है। इससे संबंधित बयानबाजी से उस कट्टरता की गूंज सुनाई देती है जिसे खारिज करने के लिए भारत का निर्माण हुआ था। 'संविधान हमें अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की आजादी देता है' उन्होंने कहा कि इस हिंदुत्व की सफलता का मतलब यह होगा कि भारतीय अवधारण का अंत हो गया। एआईएमआईएम नेता वारिस पठान के ‘भारत माता की जय’ का नारा नहीं लगाने से जुड़े विवाद का उल्लेख करते हुए थरूर ने कहा कि कुछ मुस्लिम कहते हैं कि ‘हमे जय हिंद, हिंदुस्तान जिंदाबाद, जय भारत कहने के लिए कहिए, लेकिन ‘भारत माता की जय’ कहने के लिए मत कहिए।’ उन्होंने कहा, ‘‘यह संविधान हमें अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की आजादी देता है और हमें चुप रहने की भी आजादी देता है। हमें दूसरों के मुंह में अपने शब्द नहीं डाल सकते।’


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थरूर बोले-‘हिंदू भारत’ किसी भी तरह से हिंदू नहीं होगा, ‘संघी हिंदुत्व राज्य’ एक अलग देश होगा https://ift.tt/2Geteua थरूर बोले-‘हिंदू भारत’ किसी भी तरह से हिंदू नहीं होगा, ‘संघी हिंदुत्व राज्य’ एक अलग देश होगा
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फारूक हों या महबूबा, चीन की मदद से भारत को चुनौती दी तो भेजे जाएं जेल: राउत https://ift.tt/320DdLo

October 31, 2020
मुंबई जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 के विरोध पर पूर्व मुख्यमंत्री और के बयानों पर ने पलटवार किया है। शिवसेना के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा है कि चाहे फारूक अब्दुल्ला हों या महबूबा मुफ्ती, अगर कोई भारत के संविधान को चुनौती देने के लिए चीन की मदद लेने की बात करता है, तो उन्हें 10 साल के लिए जेल भेजा जाना चाहिए। संजय राउत ने कहा कि फारूख अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती को गिरफ्तार करके दस साल के लिए अंडमान भेज देना चाहिए। उन्होंने सवाल उठाया कि वे आजाद कैसे घूम रहे हैं ? 'अकेला सबको चुनौती दे रहा तेजस्वी' शिवसेना के राज्यसभा सांसद संजय राउत ने कहा, 'बिना किसी सहारे के एक युवक, जिसके परिवार के सदस्य जेल में हैं और सीबीआई और आईटी विभाग उसके पीछे है, बिहार के एक राज्य में सभी को चुनौती दे रहा है। अगर तेजस्वी यादव कल बिहार के सीएम बन गए तो मुझे आश्चर्य नहीं होगा।' 'सुपर तेजस्वी है लड़का' संजय राउत ने कहा, 'मैं उस लड़के (तेजस्वी यादव) को बहुत साल से फॉलो कर रहा हूं, बहुत लोग मानते थे कि इस चुनाव में वो कमजोर कड़ी है लेकिन वो एक बहुत मजबूत कड़ी उभर कर सामने आया है। और राज्यों में बड़े नेताओं के जो लड़के राजनीति में आए हैं उनसे सबसे सुपर तेजस्वी है।' 'चुनाव आयोग से उम्मीद नहीं' चुनाव प्रचार के दौरान बिहार में भाजपा के टीके के वादों में कोई चुनाव आचार उल्लंघन नहीं था? इस सवाल पर संजय राउत ने चुनाव आयोग को भाजपा की शाखा बताते हुए कहा, 'भारतीय चुनाव आयोग भाजपा की एक शाखा है, इसलिए आप उनसे कुछ और उम्मीद नहीं कर सकते हैं।'


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फारूक हों या महबूबा, चीन की मदद से भारत को चुनौती दी तो भेजे जाएं जेल: राउत https://ift.tt/320DdLo फारूक हों या महबूबा, चीन की मदद से भारत को चुनौती दी तो भेजे जाएं जेल: राउत
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पुलवामा हमले को लेकर बीजेपी से थरूर ने पूछा- आखिर किस बात के लिए माफी मांगे कांग्रेस? https://ift.tt/2HRkVEW

October 31, 2020
नई दिल्ली पुलवामा में हुए आतंकी हमले (Pulwama Terrorist Attack) को लेकर पाकिस्तान (Pakistan) की संसद में इमरान खान (Imran Khan) के मंत्री के कबूलनामे के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने विपक्ष पर निशाना साधा है। वहीं अब प्रधानमंत्री मोदी की ओर से विपक्ष से इस मुद्दे पर माफी मांगने की बात कांग्रेस को नागवार गुजरी है। कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर ने अब इसे लेकर बीजेपी से सवाल पूछा है। दरअसल पाकिस्तान के मंत्री का बयान आने के बाद बीजेपी ने कांग्रेस पर जोरदार निशाना साधते हुए देश से माफी मांगने की मांग की। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि साजिश की कहानियां बुनने और हमले को लेकर दिए गए बयानों पर कांग्रेस को माफी मांगनी चाहिए। इस पर जवाब देते हुए तिरुवनंतपुरम के सांसद शशि थरूर ने कहा है कि मैं अभी भी ये जानने की कोशिश कर रहा हूं कि आखिर कांग्रेस किस चीज की माफी मांगे। 'कांग्रेस पार्टी को किस बात की माफी मांगनी होगी' थरूर ने कहा, ' मैं अभी तक नहीं समझ पा रहा हूं कि कांग्रेस पार्टी को किस बात की माफी मांगनी होगी? क्या इस बात के लिए कि हम उम्मीद करते हैं कि हमारी सरकार हमारे जवानों की सुरक्षा को सुनिश्चित करे? या फिर इसलिए कि हमने इस राष्ट्रीय त्रासदी का राजनीतिकरण नहीं किया? या फिर शहीदों के परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट करने के लिए हमें माफी मांगनी होगी? केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने ट्वीट में कहा था कि पाकिस्तान ने पुलवामा आतंकी हमले में अपना हाथ होने की बात मान ली है। अब कांग्रेस और अन्य लोगों को, जिन्होंने साजिश की कहानियां बुनी थी, अपने बयानों को लेकर देश से क्षमा मांगनी चाहिए। पाकिस्तान के मंत्री ने मानी पुलवामा हमले की बात पाकिस्तान की इमरान खान सरकार में मंत्री फवाद चौधरी ने गुरुवार को संसद में माना कि पुलवामा में CRPF के काफिले पर हुए हमले में पाकिस्तान का हाथ था। उन्होंने कहा कि पुलवामा हमला पाकिस्तान की कामयाबी है। फवाद चौधरी ने पुलवामा हमले का श्रेय इमरान खान और उनकी पार्टी PTI को दिया। उन्होंने कहा कि पुलवामा हमला इमरान खान के लिए एक उपलब्धि है। हालांकि बाद में फवाद हुसैन अपनी बात पर सफाई देने लगे और कहा कि उनकी बातों का गलत मतलब निकाला गया, वह आतंकवाद की निंदा करते हैं। CRPF के 40 हुए थे जवान शहीद पिछले साल 14 फरवरी 2019 को कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर आतंकी हमला हुआ था जिसमें CRPF के 40 जवान शहीद हो गए थे। इस हमले में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों ने आईईडी से भरी एक कार का इस्तेमाल किया था, जिसे सीआरपीएफ जवानों के काफिले से लड़ा दिया गया था। इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान बेस्ड आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी।


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पुलवामा हमले को लेकर बीजेपी से थरूर ने पूछा- आखिर किस बात के लिए माफी मांगे कांग्रेस? https://ift.tt/2HRkVEW पुलवामा हमले को लेकर बीजेपी से थरूर ने पूछा- आखिर किस बात के लिए माफी मांगे कांग्रेस?
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इंदिरा गांधी की पुण्‍यतिथि पर प्रियंका के बारे में यह बोल ट्रोल हुए दिग्विजय सिंह https://ift.tt/32gsdK7

October 31, 2020
नई दिल्‍ली कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी की अपनी दादी इंदिरा गांधी से तुलना नई नहीं है। नाक से लेकर साड़ी पहनने के अंदाज में भी राजनीतिक विशेषज्ञ समानताएं ढूंढते रहे हैं। कांग्रेस के भीतर भी प्रियंका को इंदिरा की तरह देखने वाले कम नहीं। वरिष्‍ठ कांग्रेसी दिग्विजय सिंह ने इंदिरा गांधी की पुण्‍यतिथि पर एक तस्‍वीर साझा की है। इसमें शक्ति स्‍थल पर प्रियंका दिख रही हैं। दिग्विजय लिखते हैं कि उन्‍हें प्रियंका में इंदिरा की झलक दिखाई देती है। इसके बाद वह इंदिरा को नमन कर उन्‍हें श्रद्धांजलि देते हैं। यह ट्वीट यूजर्स के लिए दिग्विजय को ट्रोल करने की ताजा वजह बन गया है। चाटुकारिता की भी हद होती है: यूजर्सदिग्विजय के इस ट्वीट को कई यूजर्स ने 'चाटुकारिता' करार दिया। दिग्विजय ने एक तरफ प्रियंका में इंदिरा की झलक देखी, दूसरी तरफ उसी ट्वीट में इंदिरा को श्रद्धांजलि दी। इसपर कुछ यूजर्स ने मजे लेने की कोशिश की। कुछ लोगों ने राजवंश से आने वाले दिग्विजय को 'क्षत्रिय धर्म' का पालन करने की सलाह भी दी। कई ने लिखा कि सिर्फ नाक मिलती है, बाकी चेहरा अलग है। कुछ ने दिग्विजय को प्रियंका के दादा फीरोज गांधी की याद भी दिलाई। 'मेरी नाक दादी से मिलती है'प्रियंका गांधी खुद भी कह चुकी हैं कि उनका चेहरा दादी से काफी मिलता-जुलता है। 2009 में लोकसभा चुनावों के लिए प्रचार करते वक्‍त उन्‍होंने कहा था, 'मैं उनके जैसी दिखती हूं। मेरी नाक वैसी है।' 2019 में उत्‍तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में प्रचार करने उतरीं प्रियंका की तस्‍वीरें भी खूब वायरल हुई थीं। तब भरी उन्‍हें कई लोगों ने इंदिरा गांधी जैसा बताया था। उसी साल प्रियंका ने कहा था कि लोग उनमें इंदिरा की झलक इसलिए देखते हैं क्‍योंकि वो उनकी दादी को अब भी याद करते हैं।


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इंदिरा गांधी की पुण्‍यतिथि पर प्रियंका के बारे में यह बोल ट्रोल हुए दिग्विजय सिंह https://ift.tt/32gsdK7 इंदिरा गांधी की पुण्‍यतिथि पर प्रियंका के बारे में यह बोल ट्रोल हुए दिग्विजय सिंह
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J&K और पूर्वोत्तर का जिक्र कर बोले मोदी, एकता के नए पैमाने गढ़ रहा भारत https://ift.tt/34LhkS9

October 31, 2020
केवडिया/नई दिल्ली प्रधानमंत्री (PM Modi) ने शनिवार को राष्ट्रीय के मौके पर कहा कि देश अब एकता के नए पैमाने गढ़ रहा है। पीएम ने सरदार पटेल () के संकल्पों को दोहराते हुए जम्मू-कश्मीर के नए विकास पथ के साथ ही पूर्वोत्तर भारत में शांति बहाली का जिक्र किया। देश के पहले गृह मंत्री सरदार बल्‍लभ भाई पटेल की 145वीं जयंती पर '' पर श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा, 'आज, जम्मू-कश्मीर विकास के नए पथ पर है। अब चाहे पूर्वोत्तर भारत में शांति बहाली की प्रक्रिया हो या फिर वहां विकास के लिए उठाए जा रहे कदम। देश एकता के नए पैमाने तय कर रहा है।' 'सरदार पटेल के बताए रास्ते पर देश' सरदार पटेल को याद करते हुए पीएम ने कहा, 'उन्होंने देश की विभिन्नता के जरिए भारत को वर्तमान स्वरूप दिया। आजादी के बाद कई देसी राज्यों का विलय कर स्वतंत्र और सशक्त भारत की बुनियाद रखी। आज पूरा देश लौह पुरुष को श्रद्धांजलि अर्पित कर रहा है। आज एक बार फिर से पूरा देश सरदार पटेल के बतलाए रास्ते पर देश की तरक्की की प्रतिज्ञा को दोहरा रहा है।' 'विविधता को देश की ताकत और अस्तित्व' देश की विविधता को उसकी ताकत और अस्तित्व बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि देश एकजुट है तो असाधारण हैं, लेकिन भारत की ये एकता और ये ताकत दूसरों को खटकती भी रहती है। उन्होंने देशवासियों से अपील करते हुए कहा,‘हमारी इस विविधता को ही कुछ लोग हमारी कमजोरी बनाना चाहते हैं। ऐसी ताकतों को पहचानना जरूरी है, सतर्क रहने की जरूरत है।’ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकवाद का समर्थन करने वाले लोगों को आड़े हाथों लिया है। प्रधानमंत्री ने सीधे तौर पर फ्रांस की घटनाओं का जिक्र तो नहीं किया मगर कहा कि 'जिस तरह कुछ लोग आतंकवाद के समर्थन में खुलकर सामने आ गए हैं, वो आज वैश्विक चिंता का विषय है।' उन्‍होंने कहा कि दुनिया के 'सभी देशों की सरकारों को आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होने की बहुत ज्यादा जरूरत है।' पीएम मोदी ने कहा कि 'आतंकवाद-हिंसा से कभी भी, किसी का कल्याण नहीं हो सकता।' पुलवामा हमले का जिक्र करते हुए पीएम ने विपक्षियों पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि जब हमारे देश के जवान शहीद हुए थे उस वक्त भी कुछ लोग राजनीति में लगे हुए थे। चीन का नाम लिए बगैर उन्होंने कहा, 'आत्मनिर्भर देश ही अपनी प्रगति के साथ साथ अपनी सुरक्षा के लिए भी आश्वस्त रह सकता है। इसलिए, आज देश रक्षा के क्षेत्र में भी आत्मनिर्भर बनने की ओर बढ़ रहा है। आज भारत की भूमि पर नज़र गड़ाने वालों को मुंहतोड़ जवाब मिल रहा है।'


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कोरोना योद्धाओं को डाबर इंडिया ने किया सलाम https://ift.tt/3eeuAlg

October 31, 2020
नई दिल्ली डाबर इंडिया ने डीसीपी कार्यालय, आउटर डिस्ट्रिक्ट पीतमपुरा में आयोजित एक विशेष समारोह में दिल्ली पुलिस के कोरोना योद्धाओं को सम्मानित किया। इस विशेष कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में सुधांशु धर्मा, एडिशनल डीसीपी-I, आउटर डिस्ट्रिक्ट और आनंद कुमार मिश्रा, एडिशनल डीसीपी-II आउटर डिस्ट्रिक्ट, दिल्ली उपस्थित रहे। वही डाबर इंडिया की ओर से मुकेश मिश्रा वाइस प्रेसिडेंट (हेल्थ केयर), मोहित पाल सिंह, सीनियर ब्रांड मैनेजर (डाबर च्यवनप्राश) और नवनीत कुमार (मैनेजर ब्रांड एक्टिवेशन) कार्यक्रम में शामिल हुए। मुकेश मिश्रा ने कहा ने दिल्ली पुलिस की सेवा का आभार व्यक्त करते हुए इम्युनिटी को मजबूत करने पर जोर दिया। प्रयास की सराहना डाबर इंडिया के इस प्रयास की सराहना करते हुए सुधांशु धर्मा, एडिशनल डीसीपी–I, (आउटर डिस्ट्रिक्ट) ने डाबर इंडिया से आए हुए पदाधिकारियों को प्रशंसा प्रमाण पत्र देते हुए पुलिस बल का मनोबल बढ़ाने वाली डाबर च्यवनप्राश की पहल का अभिनंदन किया, और साथ ही चिकित्सक, सफाई कर्मियों की सेवाओं को भी याद किया। आनंद कुमार मिश्रा, एडिशनल डीसीपी-II (आउटर डिस्ट्रिक्ट) ने पुलिस प्रशासन के लिए सेवा को सलाम कार्यक्रम द्वारा मिले हुए जनता के प्यार और विश्वास का आभार व्यक्त किया और आयोजन की जिम्मेदारी को सफलतापूर्वक निभाने वाले वृत्ति सॉल्यूशंस लिमिटेड के प्रतिनिधियों को भी प्रशंसा प्रमाण पत्र प्रदान किया। इस मौके पर डाबर इंडिया ने दिल्ली पुलिस के आउटर डिस्ट्रिक्ट के कोरोना योद्धाओं को 1500 से अधिक च्यवनप्राश भी सौपे और डाबर परिवार की तरफ से ढेरों शुभकामनाएं दी।


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कोरोना योद्धाओं को डाबर इंडिया ने किया सलाम https://ift.tt/3eeuAlg कोरोना योद्धाओं को डाबर इंडिया ने किया सलाम
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फ्रांस के विरोधियों की ओर इशारा कर बोले मोदी- कुछ लोग आतंकवाद के समर्थन में खुलकर सामने आ गए हैं https://ift.tt/2HTSoPs

October 31, 2020
नई दिल्‍ली /केवड़‍िया 'राष्‍ट्रीय एकता दिवस' पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकवाद का समर्थन करने वाले लोगों को आड़े हाथों लिया है। प्रधानमंत्री ने सीधे तौर पर फ्रांस की घटनाओं का जिक्र तो नहीं किया मगर कहा कि 'जिस तरह कुछ लोग आतंकवाद के समर्थन में खुलकर सामने आ गए हैं, वो आज वैश्विक चिंता का विषय है।' उन्‍होंने कहा कि दुनिया के 'सभी देशों की सरकारों को आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होने की बहुत ज्यादा जरूरत है।' पीएम मोदी ने कहा कि 'आतंकवाद-हिंसा से कभी भी, किसी का कल्याण नहीं हो सकता।' 'सीमाओं पर नजर और नजरिया बदला'पीएम मोदी ने देश के पहले गृह मंत्री सरदार वल्‍लभभाई पटेल को श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद परेड में हिस्‍सा लिया। उन्‍होंने अपने संबोधन में कहा, 'आत्मनिर्भर देश ही अपनी प्रगति के साथ साथ अपनी सुरक्षा के लिए भी आश्वस्त रह सकता है। इसलिए, आज देश रक्षा के क्षेत्र में भी आत्मनिर्भर बनने की ओर बढ़ रहा है। इतना ही नहीं, सीमाओं पर भी भारत की नजर और नजरिया अब बदल गए हैं।' उन्‍होंने कहा, "आज भारत की भूमि पर नज़र गड़ाने वालों को मुंहतोड़ जवाब मिल रहा है। आज का भारत सीमाओं पर सैकड़ों किलोमीटर लंबी सड़कें बना रहा है, दर्जनों ब्रिज, अनेक सुरंगें बना रहा है।" 'आतंकवाद का खुलकर समर्थन होना चिंता की बात'प्रधानमंत्री ने सीधे तौर पर फ्रांस का जिक्र नहीं किया। लेकिन इशारों में उन्‍होंने ऐसी घटनाओं को सही ठहराने वालों को आड़े हाथों जरूर लिया। उन्‍होंने कहा, "बीते कुछ समय से दुनिया के अनेक देशों में जो हालात बने हैं, जिस तरह कुछ लोग आतंकवाद के समर्थन में खुलकर सामने आ गए हैं, वो आज वैश्विक चिंता का विषय है। आज के माहौल में, दुनिया के सभी देशों को, सभी सरकारों को, सभी पंथों को, आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होने की बहुत ज्यादा जरूरत है। शांति-भाईचारा और परस्पर आदर का भाव ही मानवता की सच्ची पहचान है। आतंकवाद-हिंसा से कभी भी, किसी का कल्याण नहीं हो सकता।" फ्रांस के राष्‍ट्रपति हैं प्रदर्शनकारियों के निशाने परमलेशिया के पूर्व प्रधानमंत्री महातिर मोहम्‍मद ने हिंसक घटनाओं के समर्थन में लिखा था कि मुस्लिमों को लाखों फ्रांसीसियों की हिंसा का अधिकार है। ट्विटर ने महातिर का यह ट्वीट हटा दिया था लेकिन वैश्विक स्‍तर पर इससे मिलती-जुलती कई प्रतिक्रियाएं सामने आईं। फ्रांस समेत यूरोप के कई देशों, यहां तक कि एशिया में भी कई जगह फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुल मैक्रों के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं। भड़काने वालों से सतर्क रहें: पीएममोदी ने देश की सांस्‍कृतिक विविधता का जिक्र करते हुए जनता को सावधान किया कि भड़काने वाली ताकतों से सतर्क रहें। उन्‍होंने कहा, "हमारी विविधता ही हमारा अस्तित्व है। हम एक हैं तो असाधारण हैं। लेकिन साथियों, हमें ये भी याद रखना है कि भारत की ये एकता, ये ताकत दूसरों को खटकती भी रहती है। हमारी इस विविधता को ही वो हमारी कमजोरी बनाना चाहते हैं। ऐसी ताकतों को पहचानना जरूरी है, सतर्क रहने की जरूरत है।"


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फ्रांस के विरोधियों की ओर इशारा कर बोले मोदी- कुछ लोग आतंकवाद के समर्थन में खुलकर सामने आ गए हैं https://ift.tt/2HTSoPs फ्रांस के विरोधियों की ओर इशारा कर बोले मोदी- कुछ लोग आतंकवाद के समर्थन में खुलकर सामने आ गए हैं
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अधिकारियों की जेब में कागज का एक टुकड़ा चाहते हैं पीएम मोदी, जानिए उसपर क्‍या लिखा होगा https://ift.tt/37VHZNQ

October 31, 2020
नई दिल्‍ली देश के भावी अधिकारियों से बात करते समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी () ने एक विशेष आग्रह किया है। सिविल सर्विस प्रोबेशनर्स से उन्‍होंने कहा कि आज रात सोने से पहले वे अपने कर्तव्‍यों के बारे में लिखकर रख लें। पीएम मोदी ने कहा कि 'ये कागज का टुकड़ा जीवन भर' उनके साथ 'हृदय की धड़कन' बनकर रहेगा। प्रधानमंत्री मोदी ने अपील करते हुए कहा कि 'सिविल सर्वेंट जो भी निर्णय ले, वो राष्ट्रीय संदर्भ में हों, देश की एकता अखंडता को मजबूत करने वाले हों।' वह गुजरात के केवड़‍िया में सिविल सर्विस प्रोबेशनर्स से बात कर रहे थे। देश के पहले गृह मंत्री सरदार वल्‍लभभाई पटेल की जयंती पर उनकी सलाह भी पीएम ने होने वाले अधिकारियों से साझा की। उन्‍होंने कहा कि कि 'देश के नागरिकों की सेवा अब आपका सर्वोच्च कर्तव्य है।' 'आज सोने से पहले खुद को आधा घंटा दीजिए' समझाया सरदार पटेल के 'स्‍टील फ्रेम' का मतलबपटेल ने ब्‍यूरोक्रेसी को 'देश का स्टील फ्रेम' कहा था। पीएम मोदी ने अधिकारियों को इसका मतलब भी समझाया। उन्‍होंने कहा, "स्टील फ्रेम का काम सिर्फ आधार देना, सिर्फ चली आ रही व्यवस्थाओं को संभालना ही नहीं होता। स्टील फ्रेम का काम देश को ये एहसास दिलाना भी होता है कि बड़े से बड़ा संकट हो या फिर बड़े से बड़ा बदलाव, आप एक ताकत बनकर देश को आगे बढ़ाने में सहयोग करेंगे।" भावी अधिकारियों को पीएम मोदी की नसीहतपीएम की तरफ से देश की व्‍यवस्‍था का हिस्‍सा होने जा रहे युवाओं को कई नसीहतें भी मिलीं। प्रधानमंत्री ने कहा क‍ि 'हमें गवर्नमेंट से गवर्नेंस की तरफ बढ़ने की जरूरत है।' उन्‍होंने भावी अधिकारियों से कहा:
  • एक सिविल सेवा अधिकारी के लिए सबसे पहले जरूरी है कि आप देश के सामान्य मानवी से निरंतर जुड़े रहें। जब आप लोगों से जुड़े रहेंगे, तो लोकतंत्र में काम करना और आसान हो जाएगा। फील्ड में लोगों से कट-ऑफ कभी मत कीजिए।
  • जो भी काम करिए, जिस किसी के लिए भी करिए, अपना समझ कर करिए। जब आप अपने विभाग में सामान्य जनों को अपना परिवार समझ कर काम करेंगे, तो आपको कभी थकान नहीं होगी, आप हमेशा नई ऊर्जा से भरे रहेंगे।
  • 'दिखास' और 'छपास' ये दो रोगों से दूर रहिएगा। दिखास और छपास यानी, टीवी पर दिखना और अखबार पर छपना। ये दोनों रोग जिसे लगे, वो अपना लक्ष्य पूरा नहीं कर सकता।
मैं आपका दोस्‍त, साथी हूं: मोदीमोदी ने भावी अधिकारियों से कहा कि वे हर वक्‍त उनके साथ खड़े हैं। उन्‍होंने कहा, "मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि मैं पल पल आपके साथ हूं। जब भी जरूरत पड़े , आप मेरा दरवाजा खटखटा सकते हैं। जब तक मैं हूं, जहां भी हूं, मैं आपका दोस्त हूं, आपका साथी हूं।"


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अधिकारियों की जेब में कागज का एक टुकड़ा चाहते हैं पीएम मोदी, जानिए उसपर क्‍या लिखा होगा https://ift.tt/37VHZNQ अधिकारियों की जेब में कागज का एक टुकड़ा चाहते हैं पीएम मोदी, जानिए उसपर क्‍या लिखा होगा
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पुलवामा में जवानों की शहादत पर हुई भद्दी राजनीति, पड़ोसी देश के कबूलनामे के बाद बेनकाब हुए लोग: मोदी https://ift.tt/35QONJX

October 31, 2020
नई दिल्ली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुलवामा हमले का जिक्र करते हुए कहा कि जब हमारे देश के जवान शहीद हुए थे उस वक्त भी कुछ लोग राजनीति में लगे हुए थे। उन्होंने कहा कि पूरा देश वीर जवानों की शहादत से दुखी थी, लेकिन कुछ लोग इस दुख में शामिल नहीं थे। पीएम ने कहा कि ऐसे लोगों को देश कभी भूल नहीं सकता है। उन्होंने कहा कि उस वक्त वे सारे आरोपों को झेलते रहे, भद्दी भद्दी बातें सुनते रहे। पीएम ने कहा, 'मेरे दिल पर गहरा घाव था। लेकिन पिछले दिनों पड़ोसी देश से जिस तरह से खबरें आई है, जो उन्होंने स्वीकार किया है, इससे इन दलों का चेहरा उजागर हो गया है।' प्रधानमंत्री मोदी पाकिस्तान की इमरान खान सरकार के मंत्री फवाद चौधरी की संसद में पुलवामा हमले को लेकर कबूलनामे का जिक्र कर रहे थे। फवाद ने पाकिस्तानी संसद में कहा था कि पुलवामा हमला उसकी सरकार के कार्यकाल की बड़ी उपलब्धि है। पुलवामा की घटना पर कुछ लोग देश के दुख में शामिल नहीं थे: मोदी गुजरात के केवड़िया में देश के प्रथम उप-प्रधानमंत्री और गृह मंत्री सरदार पटेल की 145वीं जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कहा कि जब मैं अर्धसैनिक बलों की परेड देख रहा था, तो मन में एक और तस्वीर थी। ये तस्वीर थी पुलवामा हमले की। उन्होंने कहा, 'देश कभी भूल नहीं सकता कि जब अपने वीर बेटों के जाने से पूरा देश दुखी था, तब कुछ लोग उस दुख में शामिल नहीं थे, वो पुलवामा हमले में अपना राजनीतिक स्वार्थ देख रहे थे। देश भूल नहीं सकता कि तब कैसी-कैसी बातें कहीं गईं, कैसे-कैसे बयान दिए गए। देश भूल नहीं सकता कि जब देश पर इतना बड़ा घाव लगा था, तब स्वार्थ और अहंकार से भरी भद्दी राजनीति कितने चरम पर थी।' पीएम ने दांत पीसते हुए राहुल, केजरी जैसों पर निकाला गुस्सा उन्होंने राहुल गांधी, अरविंद केजरीवाल जैसे विरोधियों का नाम लिए बिना उन पर जबर्दस्त निशाना साधा। उन्होंने दांत पीसते हुए कहा कि अब जब पाकिस्तान ने सच स्वीकार कर लिया तो इनके असली चेहरे सामने आ गए। पीएम ने कहा, 'पिछले दिनों पड़ोसी देश से जो खबरें आईं हैं, जिस प्रकार वहां की संसद में सत्य स्वीकारा गया है, उसने इन लोगों के असली चेहरों को देश के सामने ला दिया है। अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए, ये लोग किस हद तक जा सकते हैं, पुलवामा हमले के बाद की गई राजनीति, इसका बड़ा उदाहरण है।' 'न अपना भला कर पाएंगे न ही देश का' प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरदार पटेल की दुहाई देते हुए राजनीतिक दलों से कहा कि मैं ऐसे राजनीतिक दलों से आग्रह करूंगा कि देश की सुरक्षा के हित में, हमारे सुरक्षाबलों के मनोबल के लिए, कृपा करके ऐसी राजनीति न करें, ऐसी चीजों से बचें। अपने स्वार्थ के लिए, जाने-अनजाने आप देश विरोधी ताकतों की हाथों में खेलकर, न आप देश का हित कर पाएंगे और न ही अपने दल का। राजनीतिक स्वार्थ के लिए पार की सारी हदें पीएम ने कहा कि जिस प्रकार वहां की संसद में सत्य स्वीकारा गया है, उसने इन लोगों के असली चेहरों को देश के सामने ला दिया है। अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए, ये लोग किस हद तक जा सकते हैं, पुलवामा हमले के बाद की गई राजनीति, इसका बड़ा उदाहरण है। पाकिस्तान के मंत्री ने मानी पुलवामा हमले की बात पाकिस्तान की इमरान खान सरकार में मंत्री फवाद चौधरी ने गुरुवार को संसद में माना कि पुलवामा में CRPF के काफिले पर हुए हमले में पाकिस्तान का हाथ था। उन्होंने कहा कि पुलवामा हमला पाकिस्तान की कामयाबी है। फवाद चौधरी ने पुलवामा हमले का श्रेय इमरान खान और उनकी पार्टी PTI को दिया। उन्होंने कहा कि पुलवामा हमला इमरान खान के लिए एक उपलब्धि है। पीएम मोदी पर विपक्ष ने लगाए थे आरोप कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने उस साल फरवरी में केंद्र पर हमला करते हुए आरोपों के संदर्भ में कई सवाल पूछे थे और ये भी कहा था कि बीजेपी को ऐसे नृशंस हमले से फायदा हो सकता है। राहुल गांधी ने ट्वीट कर पुलवामा हमले पर तीन सवाल पूछे थे। उन्होंने लिखा था कि जब हम पुलवामा के चालीस शहीदों को याद कर रहे हैं, तब हमें पूछना चाहिए...पुलवामा आतंकी हमले से किसे सबसे ज्यादा फायदा हुआ? पुलवामा आतंकी हमले को लेकर हुई जांच से क्या निकला? सुरक्षा में चूक के लिए मोदी सरकार में किसकी जवाबदेही तय हुई? वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बीके हरिप्रसाद ने भी आरोप लगाया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके पाकिस्तानी समकक्ष इमरान खान के बीच "मैच फिक्सिंग" हुई थी, जिससे पुलवामा में आतंकी हमला हुआ था। इससे पहले, भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने गांधी और कांग्रेस पार्टी पर हमला किया था। केजरीवाल ने लगाए थे पीएम पर गंभीर आरोप अरविंद केजरीवाल ने भी एक विवादित ट्वीट करके था कहा कि 'पाकिस्तान और इमरान खान खुलकर मोदी जी का समर्थन कर रहे हैं। अब यह स्पष्ट है कि मोदी जी ने कोई गुप्त समझौता किया है।' अरविंद केजरीवाल ने कहा, 'हर कोई पूछ रहा है- क्या लोकसभा चुनाव से पहले मोदी जी की मदद के लिए पाकिस्तान ने 14 फरवरी को हमारे 40 बहादुर जवानों को मार दिया?'


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पुलवामा में जवानों की शहादत पर हुई भद्दी राजनीति, पड़ोसी देश के कबूलनामे के बाद बेनकाब हुए लोग: मोदी https://ift.tt/35QONJX पुलवामा में जवानों की शहादत पर हुई भद्दी राजनीति, पड़ोसी देश के कबूलनामे के बाद बेनकाब हुए लोग: मोदी
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पूर्व पीएम इंदिरा गांधी की पुण्‍यतिथि पर पीएम मोदी ने श्रद्धांजलि, राहुल ने लिखा- शुक्रिया दादी https://ift.tt/3kNnGWs

October 31, 2020
नई दिल्‍ली पूर्व प्रधानमंत्री पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्‍हें श्रद्धांजलि अर्पित की है। पीएम ने अपने ट्वीट में कहा, ‘‘हमारी पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि।’’ कांग्रेस के पूर्व अध्‍यक्ष और इंदिरा के पोते राहुल गांधी ने दादी की एक तस्‍वीर शेयर करते हुए श्‍लोक ट्वीट किया। उन्‍होंने लिखा, "असतो मा सद्गमय तमसो मा ज्योतिर्गमय मृत्योर्मा अमृतं गमय असत्य से सत्य की ओर। अंधकार से उजाले की ओर। मृत्यु से जीवन की ओर। शुक्रिया दादी, मुझे यह दिखाने के लिए कि इन शब्दों को जीने का क्या मतलब है।" दूसरी तरफ, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी इंदिरा को श्रद्धांजलि देने के लिए उनकी समाधि 'शक्ति स्थल' पर पहुंचीं। कई अन्य कांग्रेस नेताओं ने भी इंदिरा को श्रद्धांजलि दी। इंदिरा गांधी भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री थी। 31 अक्टूबर, 1984 को उनकी हत्या कर दी गई थी। वह जनवरी 1966 से मार्च 1977 तक देश की प्रधानमंत्री रहीं, इसके बाद 1980 में वह दोबारा देश की प्रधानमंत्री बनीं। कांग्रेस की चेयरपर्सन सोनिया गांधी और प्रियंका ने इंदिरा गांधी मेमोरियल पर पूर्व प्रधानमंत्री को श्रद्धांजलि दी। वरिष्‍ठ कांगेस नेता केसी वेणुगोपाल ने इंदिरा को 'दूरदर्शी और निडर' नेता करार दिया। डीके शिवकुमार ने इंदिरा को आयर्न लेडी बताते हुए कहा कि उनके योगदान को देश हमेशा याद रखेगा। पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश ने लिखा है कि '27 अक्टूबर को इंदिरा श्रीनगर गई थीं। वह चिनार के पेड़ों को रंग बदलते देखना चाहती थीं। 28 अक्‍टूबर को उन्‍होंने पर्यावरण पर एक किताब की भूमिका लिखी। 31 अक्टूबर को उनकी हत्‍या कर दी गई।' 19 नवंबर 1917 को उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में जन्मीं पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या ऑपरेशन ब्लूस्टार के बाद उनके ही अंगरक्षकों ने 31 अक्टूबर 1984 को हत्‍या कर दी थी।


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पूर्व पीएम इंदिरा गांधी की पुण्‍यतिथि पर पीएम मोदी ने श्रद्धांजलि, राहुल ने लिखा- शुक्रिया दादी https://ift.tt/3kNnGWs पूर्व पीएम इंदिरा गांधी की पुण्‍यतिथि पर पीएम मोदी ने श्रद्धांजलि, राहुल ने लिखा- शुक्रिया दादी
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सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया अहम फैसला, बच्चे का अधिकार सर्वोपरि रखते हुए मां को दी कस्टडी https://ift.tt/31UfBbh

October 31, 2020
नई दिल्ली ने एक मामले की सुनवाई में अपने विशेषाधिकार का प्रयोग किया और अनुच्चेद-142 का इस्तेमाल करते हुए कहा कि बच्चे का हित सर्वोपरि है। दरअसल एक मामले में बच्चे के पिता बेंगलूर में रहते हैं और मां सिंगापुर में नौकरी करती हैं। सुप्रीम कोर्ट को तय करना था कि बच्चे की कस्टडी बेंगलूर में पिता के पास रहे या फिर उसे सिंगापुर में मां की कस्टडी में दिया जाए? सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को तय करने के लिए उसे सिंगापुर में मां की कस्टडी में भेजने को कहा लेकिन साथ ही कहा कि पिता अपने बच्चे से विडियो कॉन्फ्रेंसिंग से बात करेंगे और उन्हें विजिटिंग अधिकार भी दिए। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में याचिकाकर्ता महिला से कहा कि वह कोर्ट में अंडरटेकिंग दें कि वह कोर्ट द्वारा तय शर्त का पालन करेंगी। दरअसल सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली बेंच ने कहा कि विडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिये बच्चे ने संकेत दिया कि वह अपनी मां के साथ सिंगापुर में रहना चाहता है लेकिन साथ ही वह अपने पिता से भी अटैच है। याचिकाकर्ता महिला सिंगापुर में रहती हैं और वहां कंपनी में काम करती हैं। इस मामले में बच्चे की उम्र 7 साल है और बच्चे का हित सर्वोपरि है। 'बच्चे के पिता का विजिटिंग राइट्स भी जरूरी' सुप्रीम कोर्ट इसे देखते हुए अनुच्छेद-142 का इस्तेमाल करती है और केस की पेंडेंसी के दौरान बच्चे के हित और बेहतरी को देख रही है। बताया गया है कि कोविड 19 से सिंगापुर फ्री हो चुका है और वह वहां क्लास अटैंड और ऑनलाइन पढ़ाई कर सकेगा। इस मामले में संतुलन कायम रखना होगा और बच्चे के पिता का विजिटिंग राइट्स भी जरूरी है। मामले में पैरेंट्स के बीच के टकराव की स्थिति में बच्चे के मन में सुरक्षा की भावना रहे इसके लिए संतुलन जरूरी है और बच्चे के हित को सर्वोपरि सुनिश्चित करना अनिवार्य है ताकि दोनों पैरेंट्स की उपस्थिति में बच्चे का विकास हो सके। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमारा मत है कि बच्चे को सिंगापुर ले जाने की इजाजत है जहां उसकी मां रहती हैं और नौकरी करती हैं। मां के साथ रहेगा बच्चा सुप्रीम कोर्ट ने अपने अहम फैसले में कहा कि हम हाई कोर्ट के उस आदेश को खारिज करते हैं जिसमें हाई कोर्ट ने बच्चे की मां को बेंगलूर से बाहर बच्चे को ले जाने की इजाजत नहीं दी थी। शीर्ष अदालत ने कहा कि बच्चे की मां को इजाजत है कि वह बच्चे को सिंगापुर ले जा सकती है जहां वह रहती हैं। बच्चे की मां (याचिकाकर्ता) बच्चे का वहां के स्कूल में दाखिला कराएंगी और बच्चे को ले जाने का इंतजाम करेंगी। बच्चे के पिता 48 घंटे के दौरान बच्चे के पासपोर्ट याचिकाकर्ता को सौंपेंगे। पिता को विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये बात करने की मिली इजाजत बच्चे के पिता को इजाजत होगी कि वह विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये शनिवार और रविवार को अपने बच्चे के एक घंटे बात कर सकेंगे और बाकी के पांच दिन पांच से 10 मिनट बात करेंगे। जब वह छुट्टी में सिंगापुर जाएंगे तो आधी छुट्टी के दौरान 10 बजे सुबह से शाम छह बजे तक बच्चे से मिल सकेंगे। बच्चे को उसकी मां साल में दो बार बेंगलूर लेकर आएंगी और इस दौरान पिता को मिलने की इजाजत होगी। साथ ही गर्मी की छुट्टियों में अगले साल 2021 में जब बच्चे को लेकर उसकी मां बेंगलूर लेकर आएंगी तो पिता उस दौरान उससे मिल सकेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने इन शर्तों के बारे में याचिकाकर्ता महिला को अंडरटेकिंग देने को कहा। अदालत ने कहा कि जब तक केस पेंडिंग है तब तक ये आदेश प्रभावी रहेगा। बच्चे की कस्टडी के लिए शुरू हुई लड़ाई पेश मामले में याचिकाकर्ता महिला की शादी 2009 में हुई थी। पति बेंगलूर में रहते हैं। 2013 में बच्चे का जन्म हुआ। बाद में पति-पत्नी के बीच वैवाहिक विवाद हुआ और इसके बाद दोनों 2016 से अलग रहने लगे। इसी बीच पत्नी ने बेंगलूर की अदालत में तलाक की अर्जी दाखिल की और वह पेंडिंग है। साथ ही उन्होंने डीवी एक्ट के तहत भी केस दायर किया जो पेंडिंग है। 2017 से वह सिंगापुर में नौकरी कर रही है। जुलाई 2017 में महिला ने बच्चे का पासपोर्ट मांगा और इसके लिए अर्जी दाखिल की। पति ने इसका विरोध किया। साथ ही बच्चे की कस्टडी को लेकर दोनों में कानूनी लड़ाई शुरू हुई। महिला ने खटखटाया था सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा बेंगलूर की फैमिली कोर्ट ने 4 जनवरी 2018 को पासपोर्ट की मांग वाली महिला की अर्जी खारिज कर दी और पति की उस अर्जी को स्वीकार कर लिया जिसमें कहा गया था कि महिला बेंगलूर से बाहर बच्चे को न ले जाएं। यानी बेंगलूर से बाहर बच्चे को ले जाने पर कोर्ट ने मनाही कर दी। महिला ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। हाई कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी और बेंगलूर से बाहर बच्चे को ले जाने पर रोक के फैसले को बरकरार रखा। फिर मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था।


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पूर्व पीएम इंदिरा गांधी की पुण्‍यतिथि पर पीएम मोदी ने श्रद्धांजलि, राहुल ने लिखा- शुक्रिया दादी https://ift.tt/3kNnGWs

October 31, 2020
नई दिल्‍ली पूर्व प्रधानमंत्री पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्‍हें श्रद्धांजलि अर्पित की है। पीएम ने अपने ट्वीट में कहा, ‘‘हमारी पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि।’’ कांग्रेस के पूर्व अध्‍यक्ष और इंदिरा के पोते राहुल गांधी ने दादी की एक तस्‍वीर शेयर करते हुए श्‍लोक ट्वीट किया। उन्‍होंने लिखा, "असतो मा सद्गमय तमसो मा ज्योतिर्गमय मृत्योर्मा अमृतं गमय असत्य से सत्य की ओर। अंधकार से उजाले की ओर। मृत्यु से जीवन की ओर। शुक्रिया दादी, मुझे यह दिखाने के लिए कि इन शब्दों को जीने का क्या मतलब है।" दूसरी तरफ, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी इंदिरा को श्रद्धांजलि देने के लिए उनकी समाधि 'शक्ति स्थल' पर पहुंचीं। कई अन्य कांग्रेस नेताओं ने भी इंदिरा को श्रद्धांजलि दी। इंदिरा गांधी भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री थी। 31 अक्टूबर, 1984 को उनकी हत्या कर दी गई थी। वह जनवरी 1966 से मार्च 1977 तक देश की प्रधानमंत्री रहीं, इसके बाद 1980 में वह दोबारा देश की प्रधानमंत्री बनीं। कांग्रेस की चेयरपर्सन सोनिया गांधी और प्रियंका ने इंदिरा गांधी मेमोरियल पर पूर्व प्रधानमंत्री को श्रद्धांजलि दी। वरिष्‍ठ कांगेस नेता केसी वेणुगोपाल ने इंदिरा को 'दूरदर्शी और निडर' नेता करार दिया। डीके शिवकुमार ने इंदिरा को आयर्न लेडी बताते हुए कहा कि उनके योगदान को देश हमेशा याद रखेगा। पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश ने लिखा है कि '27 अक्टूबर को इंदिरा श्रीनगर गई थीं। वह चिनार के पेड़ों को रंग बदलते देखना चाहती थीं। 28 अक्‍टूबर को उन्‍होंने पर्यावरण पर एक किताब की भूमिका लिखी। 31 अक्टूबर को उनकी हत्‍या कर दी गई।' 19 नवंबर 1917 को उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में जन्मीं पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या ऑपरेशन ब्लूस्टार के बाद उनके ही अंगरक्षकों ने 31 अक्टूबर 1984 को हत्‍या कर दी थी।


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सरदार पटेल की 145वीं जयंती, पीएम मोदी ने की पदपूजा, 'राष्‍ट्रीय एकता दिवस' पर देखी परेड https://ift.tt/3mApZgf

October 31, 2020
नई दिल्‍ली देश के पहले गृह मंत्री, 'भारत रत्‍न' सरदार वल्‍लभभाई पटेल की आज 145वीं जयंती है। 'लौहपुरुष' के नाम से विख्‍यात पटेल को श्रद्धांजलि देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्‍हें 'राष्ट्रीय एकता और अखंडता का अग्रदूत' बताया। मोदी गुजरात के दौरे पर हैं और पटेल जयंती पर उन्‍होंने केवड़‍िया में 'स्‍टैच्‍यू ऑफ यूनिटी' जाकर सरदार को श्रद्धासुमन अर्पित किए। पीएम मोदी ने सरदार की सबसे ऊंची प्रतिमा के पास पदपूजा भी की। सरदार पटेल की जयंती को 'राष्‍ट्रीय एकता दिवस' के रूप में मनाया जाता है। इस अवसर पर केवड़‍िया में एक परेड का आयोजन भी किया गया है। 'राष्‍ट्रीय एकता दिवस' पर परेडकेवड़‍िया में 'स्‍टैच्‍यू ऑफ यूनिटी' के पास 'राष्‍ट्रीय एकता दिवस' पर परेड का प्रधानमंत्री ने निरीक्षण किया। उन्‍होंने जनता को 'एकता शपथ' भी दिलाई। परेड से पहले राष्‍ट्रगान हुआ और उसके बाद केंद्रीय सशस्‍त्र पुलिस बलों के जवानों ने अपने कौशल का प्रदर्शन किया। 2018 बैच के आईपीएस ओमप्रकाश ने परेड का नेतृत्‍व किया। परेड में राज्‍यों के पुलिस बल भी शामिल हुए। सीआरपीएफ की महिला अधिकारियों ने राइफल ड्रिल का प्रदर्शन भी किया। केवडिया की आदिवासी विरासत को भी एक सांस्कृतिक कार्यक्रम के जरिए लोगों के सामने प्रदर्शित किया गया। 'राष्‍ट्रीय एकता के अग्रदूत' सरदार पटेलमोदी ने 'स्‍टैच्‍यू ऑफ यूनिटी' पहुंचने से पहले, शनिवार सुबह एक ट्वीट में सरदार पटेल को श्रद्धांजलि दी थी। उन्‍होंने लिखा, "राष्ट्रीय एकता और अखंडता के अग्रदूत लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल को उनकी जन्म-जयंती पर विनम्र श्रद्धांजलि।" सरदार पटेल को आजादी के बाद 500 से ज्‍यादा रियासतों का एकीकरण कर अखंड भारत के निर्माण का श्रेय दिया जाता है। गुजरात में नर्मदा जिले में सरदार सरोवर बांध के सामने सरदार पटेल की 182 मीटर ऊंची लौह प्रतिमा का निर्माण किया गया है। इस प्रतिमा का नाम ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ रखा गया है। यह प्रधानमंत्री मोदी की ही परिकल्पना थी। सरदार पटेल का जन्म 31 अक्टूबर 1875 को गुजरात के खेड़ा जिले में हुआ था।


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सरदार पटेल की 145वीं जयंती, पीएम मोदी ने की पदपूजा, 'राष्‍ट्रीय एकता दिवस' पर देखी परेड https://ift.tt/3mApZgf सरदार पटेल की 145वीं जयंती, पीएम मोदी ने की पदपूजा, 'राष्‍ट्रीय एकता दिवस' पर देखी परेड
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देखें: सरदार को नमन, एकता परेड, आदिवासी विरासत...गुजरात के रंग में रंगे PM मोदी https://ift.tt/35PoiET

October 31, 2020
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी लौह पुरुष सरदार वल्‍लभ भाई पटेल की 145वीं जयंती पर गुजरात पहुंचे। पीएम ने यहां केवडिया में स्‍टैच्यू ऑफ यूनिटी पर श्रद्धांजलि अर्पित की। पीएम मोदी ने शनिवार को ट्वीट किया, 'राष्ट्रीय एकता और अखंडता के अग्रदूत लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल को उनकी जन्म-जयंती पर विनम्र श्रद्धांजलि।' इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने देशवासियों को एकता की शपथ दिलाई और एकता दिवस परेड का निरीक्षण भी किया।

2014 से हर साल 31 अक्टूबर को नैशनल यूनिटी डे या राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाया जाता है। गुजरात में नर्मदा जिले में सरदार सरोवर बांध के सामने सरदार पटेल की 182 मीटर ऊंची लौह प्रतिमा का निर्माण किया गया है। इस प्रतिमा का नाम ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ रखा गया है।


गुजरात दौरे पर पीएम मोदी: स्टैच्यू ऑफ यूनिटी पर हेलिकॉप्टर से फूलों की बारिश, सलामी और नमन...देखें तस्वीरें

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी लौह पुरुष सरदार वल्‍लभ भाई पटेल की 145वीं जयंती पर गुजरात पहुंचे। पीएम ने यहां केवडिया में स्‍टैच्यू ऑफ यूनिटी पर श्रद्धांजलि अर्पित की। पीएम मोदी ने शनिवार को ट्वीट किया, 'राष्ट्रीय एकता और अखंडता के अग्रदूत लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल को उनकी जन्म-जयंती पर विनम्र श्रद्धांजलि।' इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने देशवासियों को एकता की शपथ दिलाई और एकता दिवस परेड का निरीक्षण भी किया।



स्टैच्यू ऑफ यूनिटी पर जल चढ़ाते पीएम
स्टैच्यू ऑफ यूनिटी पर जल चढ़ाते पीएम

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती पर केवड़िया में स्टैच्यू ऑफ यूनिटी पर उन्हें श्रद्धांजलि दी। पीएम ने सरदार पटेल की प्रतिमा पर जल चढ़ाया, उन्हें फूल अर्पित किए और नमन किया।



दिखाई गई आदिवासी विरासत
दिखाई गई आदिवासी विरासत

केवडिया की आदिवासी विरासत को भी एक सांस्कृतिक कार्यक्रम के जरिए लोगों के सामने प्रदर्शित किया गया। सरदार पटेल भारत के पहले गृहमंत्री थे और स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद देश की रियासतों का एकीकरण कर अखंड भारत के निर्माण का श्रेय उनकी सियासी और कूटनीतिक क्षमता को दिया जाता है।



1875 में हुआ था सरदार पटेल का जन्म
1875 में हुआ था सरदार पटेल का जन्म

सरदार पटेल का जन्म 31 अक्टूबर 1875 को गुजरात के खेड़ा जिले में हुआ था। उन्हें राष्ट्रीय एकता और अखंडता के अग्रदूत माना जाता है। वल्लभभाई पटेल को लौह पुरुष की भी उपाधि मिली है।



एकता परेड में दिखी सेना
एकता परेड में दिखी सेना

स्‍टैच्यू ऑफ यूनिटी पर हेलीकॉप्टर से पुष्पवर्षा भी की गई। एकता परेड में केंद्रीय रिजर्व सुरक्षा बल, सीमा सुरक्षा बल, भारतीय-तिब्बत सीमा पुलिस, केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल, राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड के जवान शामिल हुए। सीआरपीएफ की महिला अधिकारियों द्वारा इस मौके पर राइफल ड्रिल का प्रदर्शन भी किया गया।



पीएम ने किया एकता क्रूज सेवा का उदघाटन
पीएम ने किया एकता क्रूज सेवा का उदघाटन

एकता क्रूज सेवा के माध्यम से पर्यटक फेरी बोट सर्विस के जरिए नर्मदा नदी में श्रेष्ठ भारत भवन से लेकर ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ की छह किलोमीटर की दूरी तय कर सकते हैं। साथ ही वे ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ के खूबसूरत नजारे का भी लुत्फ उठा सकेंगे। इस यात्रा को 40 मिनट में तय किया जा सकेगा, जिसमें एक नाव पर अधिकतम 200 यात्री सफर कर सकेंगे। फेरी सेवाओं के लिए नया गोरा पुल खास तौर से बनाया गया है। नाव सेवा को शुरू करने का उद्देश्य ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ आने वाले पर्यटकों को बोटिंग सेवाओं का अनुभव देना है।



जवानों ने किया कौशल का प्रदर्शन
जवानों ने किया कौशल का प्रदर्शन

केवड़‍िया में 'स्‍टैच्‍यू ऑफ यूनिटी' के पास 'राष्‍ट्रीय एकता दिवस' पर परेड का प्रधानमंत्री ने निरीक्षण किया। उन्‍होंने जनता को 'एकता शपथ' भी दिलाई। परेड से पहले राष्‍ट्रगान हुआ और उसके बाद केंद्रीय सशस्‍त्र पुलिस बलों के जवानों ने अपने कौशल का प्रदर्शन किया। 2018 बैच के आईपीएस ओमप्रकाश ने परेड का नेतृत्‍व किया। परेड में राज्‍यों के पुलिस बल भी शामिल हुए।





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कोरोना: पीक को 'पछाड़' रहा गिरावट का ग्राफ, देश में 50 प्रतिशत लुढ़का आंकड़ा https://ift.tt/34JplGZ

October 31, 2020
अमित भट्टाचार्य, नई दिल्ली पिछले आठ महीने से कोरोना जंग लड़ रहे भारत के लिए थोड़ी राहत की खबर है। सितंबर के मध्य में पीक पर पहुंचने के बाद देश में कोरोना महामारी का ग्राफ अब 50 प्रतिशत नीचे गिरा है। यह इस मायने में भी अहम है क्योंकि कोविड पीक के वक्त केस और मौतों में उछाल के मुकाबले गिरावट ज्यादा तेजी से दर्ज हुई है। अगर पिछले सात दिन का औसत निकाला जाए तो गुरुवार तक देश में 47,216 केस रोजाना सामने आ रहे हैं। यह 17 सितंबर के कोरोना पीक वाले आंकड़े का तकरीबन आधा है। इसे दूसरे लफ्जों में कहें तो जब कोरोना के फैलने की दर जब सबसे तेज थी, उसके मुकाबले पिछले एक हफ्ते से 50 प्रतिशत कम मामले सामने आ रहे हैं। 7 दिन का औसत ग्राफ पीक से ज्यादा तेजी से गिरा सात दिन का औसत ग्राफ पीक की तुलना में कहीं ज्यादा तेजी से गिरा है। 19 सितंबर को जब कोरोना का पीक काल था, तब 1176 मौतें रिपोर्ट हुई थीं। वहीं, 29 अक्टूबर को मौतों का आंकड़ा इससे 50 प्रतिशत घटकर 543 पर पहुंच गया। यह हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया के डेटाबेस पर आधारित हैं, जो राज्य सरकारों की तरफ से रोज जारी होने वाले आंकड़ों पर आधारित है। 52 दिनों में कोरोना पीक, 42-43 दिनों में गिरावट इस वक्त रोजाना के मामले और मौतों का आंकड़ा जुलाई के लेवल पर है। पिछले सात दिन का औसत 27 जुलाई के आंकड़े के आसपास है, जब मामलों की संख्या 46,760 थी। इसके बाद 52 दिनों के अंदर 17 सितंबर को कोरोना के मामले डबल होकर पीक पर पहुंच गए। इसके मुकाबले पीक से 50 प्रतिशत की गिरावट तक आने में 42-43 दिन का वक्त लगा है। पढ़ें: कोरोना से मौतों का औसत 15 जुलाई के आंकड़े के करीब रोजाना कोरोना से मौतों की बात करें तो यह संख्या 15 जुलाई के आंकड़े के आसपास है, उस वक्त सात दिन का औसत 538 था। इसका मतलब यह हुआ कि कोरोना से मौत के मामलों का पीक 19 सितंबर को 65 दिन की मियाद के अंदर पहुंचा। दूसरी ओर गिरावट में 41 दिन ही लगे। शुक्रवार को सामने आए 48,496 नए मामले कोरोना के मामलों में पीक के सिर्फ दो दिन बाद इतनी तेजी से गिरावट थोड़ा हैरान करती है। आम तौर पर माना जाता है कि 10 से 15 दिन पीक से नीचे पहुंचने में लग जाते हैं। अभी यह साफ नहीं है कि ऐसा होने के पीछे मामलों का कम डिटेक्ट होना या मौतों का कम दर्ज होना वजह है। इस बीच शुक्रवार को देश में कोरोना संक्रमण के 48,496 नए मामले पता चले। वहीं एक दिन पहले 49,070 मामले सामने आए थे। गुड न्यूज: हफ्ते में सिर्फ एक दिन 50 हजार के पार गया आंकड़ा इस हफ्ते में सिर्फ एक दिन ऐसा रहा जब रोजाना पता चलने वाले मामलों की संख्या 50 हजार के पार गई। बुधवार को 50,224 नए केस पता चले थे। देश में अब कोरोना के अब तक कुल 80 लाख 87 हजार 833 मामले पता चल चुके हैं। दिल्ली ऐसे राज्यों में शामिल है, जहां शुक्रवार को नए मामलों में तेजी देखी गई। राष्ट्रीय राजधानी में अब तक एक दिन में सबसे ज्यादा 5,891 केस पता चले। लगातार चौथे दिन रेकॉर्ड संख्या में यहां कोरोना केस सामने आए हैं। शुक्रवार को कोरोना से 557 मौतें दूसरी ओर रोजाना मौत के आंकड़ों में भी पिछले कुछ दिनों में कमी आई है। शुक्रवार को 557 मौतें हुईं जो पिछले छह दिनों में सबसे ज्यादा है। देश में अब तक कोरोना वायरस से मृतकों की संख्या 1,21,632 पहुंच चुकी है। महाराष्ट्र में 6,190 नए केस, 127 ने गंवाई जान महाराष्ट्र में नए कोरोना मामलों में उछाल और मौतों में गिरावट दर्ज की गई है। यहां 6,190 नए केस सामने आए और 127 लोगों ने कोरोना की चपेट में आकर जान गंवाई। महाराष्ट्र में अब तक 16,72,858 केस सामने आ चुके हैं। राज्य में कोरोना से अब तक 43,837 लोगों की मौत हो चुकी है। मुंबई में शुक्रवार को 1145 नए मामले सामने आए। मार्च से अब तक यहां 2.56 लाख कोरोना मामले पता चले हैं। वहीं शुक्रवार को मुंबई में कोरोना से 32 और मौतों के साथ अब तक 10,261 लोग जान गंवा चुके हैं।


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कोरोना: पीक को 'पछाड़' रहा गिरावट का ग्राफ, देश में 50 प्रतिशत लुढ़का आंकड़ा https://ift.tt/34JplGZ कोरोना: पीक को 'पछाड़' रहा गिरावट का ग्राफ, देश में 50 प्रतिशत लुढ़का आंकड़ा
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TRP स्कैम: रिपब्लिक टीवी के निवेशकों के बयान आज दर्ज करेगी SIT https://ift.tt/34IZxe7

October 31, 2020
मुंबई चर्चित टीआरपी घोटाले (TRP Scam) की जांच कर रही की स्पेशल इन्वेस्टिंग टीम (SIT) ने रिपब्लिक टीवी पर और शिकंजा कसने की तैयारी की है। एसआईटी ने रिपब्लिक टीवी के पांच इन्वेस्टरों को समन जारी करके शनिवार को पूछताछ के लिए बुलाया है। एक अधिकारी ने बताया कि रिपब्लिक टीवी के फिनैंशियल ऑफिसर शिवा सुंदरम ने शुक्रवार को उन्हें कुछ दस्तावेज सौंपे, जो उनसे मांगे गए थे। 23 अक्टूबर को एसआईटी ने शिवा सुंदरम से इनकम टैक्स रिटर्स के दस्तावेज, खाताबही और एआरजी आउटलर मीडिया प्राइवेट लिमिटेड ऑपरेटर्स रिपब्लिक टीवी की बैलेंसशीट मांगी थी। सभी एसआईटी को सौंप दिए गए हैं। शनिवार को निवेशकों के बयान दर्ज किए जाएंगे। टीआरपी का यह है खेल एसआईटी छह चैनलों, रिपब्लिक टीवी, न्यूज नेशन, बॉक्स सिनेमा, फक्त मराठी, महा मूवी और वॉओ के खिलाफ जांच कर रही है। इन चैनलों पर टीआरपी के साथ खेल करने का आरोप है। आरोप है कि टीआरपी मापने के लिए ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल ने चुनिंदा दर्शकों के घरों में 2,000 लोगों के मीटर लगाए हैं। BARC ने हंसा रिसर्च को बैरोमीटर की निगरानी का ठेका दिया था। बिचौलियों के साथ मिलकर इन घरों में इन चैनलों को ऑन रखने के लिए हायरिंग की गई। हंसा ग्रुप ने किया आरोपों का खंडन इधर हंसा ग्रुप ने एक प्रेस रिलीज जारी करके आरोपों का खंडन किया है। खडंन में कहा गया है कि ग्रुप कंपनी हंसा विजन और रिपब्लिक चैनल के बीच कोई भी रुपयों का लेनदेन नहीं हुआ है। रिलीज में लिखा है, 'हंसा विजन के विशेष अनुरोध पर, इसके वैधानिक लेखा ऑडिटर गुरु और राम एलएलपी ने खातों को प्रमाणित किया है और हंसा विजन ऐंड एआरजी आउटलेयर मीडिया प्राइवेट लिमिटेड की ओर से दर्ज किए गए सामान्य रूटीन व्यापार लेनदेन को प्रमाणित किया है। उनके साथ कोई अन्य लेनदेन नहीं है।' भारतीय बॉडी ब्रॉडकास्टिंग ऑडियंस रिसर्च काउंसिल (BARC) ने हंसा रिसर्च को घरों में बार-ओ-मीटर लगाने का ठेका दिया है ताकि लोगों के चैनल देखने को ट्रैक किया जा सके।


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केवड़िया में राष्ट्रीय एकता दिवस परेड में शामिल हुए पीएम मोदी, जवानों को दिलाई शपथ https://ift.tt/2HPmWSa

October 31, 2020
नई दिल्ली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दो दिवसीय गुजरात दौरे का आज दूसरा दिन है। आज पीएम मोदी ने स्टैच्यू ऑफ यूनिटी पहुंचकर सरदार वल्लभभाई पटेल को उनकी जयंती पर पुष्पांजलि अर्पित की। इसके बाद राष्ट्रीय एकता दिवस परेड में हिस्सा ले रहे हैं। इससे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केवड़िया में राष्ट्रीय एकता दिवस परेड का निरीक्षण किया और परेड की सलामी ली। इस परेड़ में देश की सभी सुरक्षा एजेंसियों के जवान शामिल है। परेड से पहले पीएम मोदी ने सुरक्षा एजेंसियों के जवानों को राष्ट्रीय एकता और सुरक्षा की शपथ दिलाई। वहीं पीएम मोदी आज सिविल सर्विसेज प्रोबेशनर्स को संबोधित करेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केवड़िया में राष्ट्रीय एकता दिवस पर परेड की सलामी ली। इस परेड़ में देश की सभी सुरक्षा एजेंसियों के जवान शामिल है। परेड से पहले पीएम मोदी ने सुरक्षा एजेंसियों के जवानों को राष्ट्रीय एकता और सुरक्षा की शपथ दिलाई। 'राष्‍ट्रीय एकता दिवस' पर परेडकेवड़‍िया में 'स्‍टैच्‍यू ऑफ यूनिटी' के पास 'राष्‍ट्रीय एकता दिवस' पर परेड का प्रधानमंत्री ने निरीक्षण किया। उन्‍होंने जनता को 'एकता शपथ' भी दिलाई। परेड से पहले राष्‍ट्रगान हुआ और उसके बाद केंद्रीय सशस्‍त्र पुलिस बलों के जवानों ने अपने कौशल का प्रदर्शन किया। 2018 बैच के आईपीएस ओमप्रकाश ने परेड का नेतृत्‍व किया। परेड में राज्‍यों के पुलिस बल भी शामिल हुए।


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केवड़िया में राष्ट्रीय एकता दिवस परेड में शामिल हुए पीएम मोदी, जवानों को दिलाई शपथ https://ift.tt/2HPmWSa केवड़िया में राष्ट्रीय एकता दिवस परेड में शामिल हुए पीएम मोदी, जवानों को दिलाई शपथ
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फ्रांस में आतंकी हमलों पर विदेश सचिव बोले, किसी एक का किया-धरा नहीं, चरमपंथ का पूरा जाल है https://ift.tt/35TO76C

October 31, 2020
नई दिल्‍ली अपने फ्रांस दौरे पर ने आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई में देरी न करने को कहा है। उन्‍होंने नीस और पेरिस में हुए आतंकी हमलों को भयावह करार देते हुए कहा कि भारत फ्रांस के साथ खड़ा है। श्रृंगला ने कहा कि यह जताना कि ये किसी एक का किया-धरा है या भटकाए हुए किसी व्‍यक्ति की कारस्‍तानी है, संभव नहीं है। उन्‍होंने कहा कि "चरमपं‍थ का एक पूरा तंत्र है, उसके कुछ ऑनलाइन स्‍वरूप भी हैं जो अपना असर दिखाते हैं। कई देश और संस्‍थाएं उनका समर्थन करती हैं। आप जानते हैं क‍ि वो कौन हैं। हम उन्‍हें नजरअंदाज नहीं कर सकते और हमें करना भी नहीं चाहिए।" श्रृंगला ने कहा कि आतंकवाद और उसे बढ़ावा देना वाला चरमपंथ, दोनों मिलकर सेंसरशिप के सबसे खतरनाक रूप हैं। अपने फ्रांस दौरे पर विदेश सचिव ने शिक्षाविदों से लेकर मीडिया और थिंक टैंक्‍स से बातचीत की है। उन्‍होंने जोर दिया कि आतंकवाद को देशों और संस्‍थाओं का समर्थन मिलने से लोकतांत्रिक स्‍वतंत्रताओं और साझा आदर्शों को खतरा है। 'तीन दशकों में दुनिया ने देखा कट्टरपंथ का कहर'विदेश सचिव ने कहा कि 'कट्टरपंथी विचारधारा हिंसा और अलगाववाद को बढ़ावा देती है, जो अक्सर विदेशी प्रभाव से संचालित और समर्थित होती है।' उन्होंने कहा कि ऐसी ताकतें बहुलतावादी समाजों को अस्थिर करती हैं। श्रृंगला के मुताबिक, "पिछले तीन दशकों से, हमने अनुभव किया है कि बेलगाम कट्टरपंथी किस तरह से कहर बरपा सकते हैं। सभ्य दुनिया को इस पर एक साथ काम करने और दृढ़ता के साथ इससे निपटने की जरूरत है।" तीन देशों के दौरे का पहला पड़ाव है फ्रांसश्रृंगला ने शुक्रवार को फ्रांस की अंतरराष्ट्रीय संबंध और रणनीति महानिदेशक (DGRIS) एलिस गुइटन के साथ मीटिंग की थी। इसमें दोनों के बीच भारत-प्रशांत क्षेत्र एवं समुद्री सुरक्षा, रक्षा साझेदारी और क्षेत्रीय सुरक्षा सहयोग पर चर्चा हुई। श्रृंगला अपने सप्ताह भर के तीन देशों के यूरोप दौरे के पहले चरण में फ्रांस में हैं। फ्रांस से वह जर्मनी और ब्रिटेन की यात्रा करेंगे। श्रृंगला ने शुक्रवार को यूरोप और विदेश मामलों के फ्रांसीसी मंत्रालय के महासचिव फ्रेंकोइस डेलाट्रे के साथ भी मुलाकात की। भारत और फ्रांस में बढ़ती नजदीकियांविदेश सचिव ने भारत और फ्रांस की दोस्‍ती को भी बेहद तवज्‍जो दी। एक सूत्र के अनुसार, 'आतंकवाद से लेकर ग्‍लोबल वार्मिंग तक, मैरिटाइम सिक्‍योरिटी से लेकर सतत विकास तक, अंतरराष्‍ट्रीय संस्‍थानों से लेकर तकनीक और नवीनीकरण के क्षेत्र में, हम एक ही पाले में खड़े हैं।' सूत्र ने कहा, "कोविड और अंतरराष्‍ट्रीय व्‍यवस्‍था पर दबाव के चलते यह साल चुनौतियों से भरा रहा है। बहुलतावाद में सुधार और अपग्रेडेशन की जरूरत है, लेकिन उससे हुए फायदों को भी उठाना चाहिए। बहुलतावादी रुझान वाले, भारत और फ्रांस को मिलकर जिम्‍मेदारियां उठानी होंगी। खासतौर से UNSC (संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद) में जहां हम साथ काम करेंगे।"


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फ्रांस में आतंकी हमलों पर विदेश सचिव बोले, किसी एक का किया-धरा नहीं, चरमपंथ का पूरा जाल है https://ift.tt/35TO76C फ्रांस में आतंकी हमलों पर विदेश सचिव बोले, किसी एक का किया-धरा नहीं, चरमपंथ का पूरा जाल है
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Covid-19 Vaccine: कोरोना वैक्सीन लगाने की शुरू हुई तैयारी, केंद्र का राज्यों को निर्देश- समितियां बनाना शुरू करें https://ift.tt/2HO9nTa

October 30, 2020
नई दिल्ली। केंद्र सरकार (Centre Government) ने राज्यों को कोविड-19 (Covid-19) के टीकाकरण के कामकाज को देखने और समन्वय करने के लिए समिति गठित करने को कहा है। इसके साथ ही केंद्र ने राज्यों को यह सुनिश्चित करने को कहा है कि सामान्य स्वास्थ्य सेवाओं पर इसका कम से कम असर पड़े। केंद्र ने कहा कि सोशल मीडिया (Social Media) पर शुरुआत से ही नजर रखी जाए ताकि उन अफवाहों पर लगाम लगाई जा सके, जिसका असर समुदाय में टीके (covid-19 vaccination) की स्वीकार्यता पर पड़ सकता है। टीकाकरण की शुरुआत स्वास्थ्य कर्मियों से होगी केंद्र ने कहा कि कोरोना वायरस के टीके को देने में करीब एक साल का समय लगेगा और इसमें विभिन्न समूहों को शामिल किया जाना है, जिसकी शुरुआत स्वास्थ्य कर्मियों से होगी। स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसके मद्देनजर राज्य और जिला स्तर पर समिति बनाने को कहा है, जो टीकाकरण की तैयारियों जैसे टीकों को रखने के लिए शीत गृह की श्रृंखला, परिचालन तैयारी, भौगोलिक आधार पर राज्य विशेष की चुनौती आदि की समीक्षा करेगी। डीएम के नेतृत्व में जिला कार्यबल बनाने का सुझाव राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को लिखी चिट्ठी में केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने राज्यों को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में राज्य संचालन समिति (एसएससी), अपर मुख्य सचिव या प्रधान सचिव (स्वास्थ्य) के नेतृत्व में राज्य कार्यबल (एसटीएफ) और जिलाधिकारी के नेतृत्व में जिला कार्यबल (डीटीएफ) बनाने का सुझाव दिया है। पत्र के साथ संलग्न परिशिष्ट में समितियों के कार्यों को भी रेखांकित किया गया है, जैसे एसएसी सुनिश्चित करेगी कि सभी संबंधित विभाग सक्रिय रूप से कार्य करें और जनभागीदारी के लिए नवोन्मेषी रणनीति बनाए ताकि सभी के लिए टीकाकरण सुनिश्चित हो सके।


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Covid-19 Vaccine: कोरोना वैक्सीन लगाने की शुरू हुई तैयारी, केंद्र का राज्यों को निर्देश- समितियां बनाना शुरू करें https://ift.tt/2HO9nTa Covid-19 Vaccine: कोरोना वैक्सीन लगाने की शुरू हुई तैयारी, केंद्र का राज्यों को निर्देश- समितियां बनाना शुरू करें
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October 30, 2020
नई दिल्ली। केंद्र सरकार (Centre Government) ने राज्यों को कोविड-19 (Covid-19) के टीकाकरण के कामकाज को देखने और समन्वय करने के लिए समिति गठित करने को कहा है। इसके साथ ही केंद्र ने राज्यों को यह सुनिश्चित करने को कहा है कि सामान्य स्वास्थ्य सेवाओं पर इसका कम से कम असर पड़े। केंद्र ने कहा कि सोशल मीडिया (Social Media) पर शुरुआत से ही नजर रखी जाए ताकि उन अफवाहों पर लगाम लगाई जा सके, जिसका असर समुदाय में टीके (covid-19 vaccination) की स्वीकार्यता पर पड़ सकता है। टीकाकरण की शुरुआत स्वास्थ्य कर्मियों से होगी केंद्र ने कहा कि कोरोना वायरस के टीके को देने में करीब एक साल का समय लगेगा और इसमें विभिन्न समूहों को शामिल किया जाना है, जिसकी शुरुआत स्वास्थ्य कर्मियों से होगी। स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसके मद्देनजर राज्य और जिला स्तर पर समिति बनाने को कहा है, जो टीकाकरण की तैयारियों जैसे टीकों को रखने के लिए शीत गृह की श्रृंखला, परिचालन तैयारी, भौगोलिक आधार पर राज्य विशेष की चुनौती आदि की समीक्षा करेगी। डीएम के नेतृत्व में जिला कार्यबल बनाने का सुझाव राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को लिखी चिट्ठी में केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने राज्यों को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में राज्य संचालन समिति (एसएससी), अपर मुख्य सचिव या प्रधान सचिव (स्वास्थ्य) के नेतृत्व में राज्य कार्यबल (एसटीएफ) और जिलाधिकारी के नेतृत्व में जिला कार्यबल (डीटीएफ) बनाने का सुझाव दिया है। पत्र के साथ संलग्न परिशिष्ट में समितियों के कार्यों को भी रेखांकित किया गया है, जैसे एसएसी सुनिश्चित करेगी कि सभी संबंधित विभाग सक्रिय रूप से कार्य करें और जनभागीदारी के लिए नवोन्मेषी रणनीति बनाए ताकि सभी के लिए टीकाकरण सुनिश्चित हो सके।


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Covid-19 Vaccine: कोरोना वैक्सीन लगाने की शुरू हुई तैयारी, केंद्र का राज्यों को निर्देश- समितियां बनाना शुरू करें https://ift.tt/2HO9nTa Covid-19 Vaccine: कोरोना वैक्सीन लगाने की शुरू हुई तैयारी, केंद्र का राज्यों को निर्देश- समितियां बनाना शुरू करें
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भारत के अनुभव का इस्तेमाल अमेरिकी चुनावों में दुरुपयोग रोकने के लिए कर रहा फेसबुक: जुकरबर्ग https://ift.tt/37PRL4e

October 30, 2020
नई दिल्ली फेसबुक के सीईओ ने कहा है कि सोशल मीडिया मंच द्वारा उठाए गए कदमों से भारत सहित दुनिया भर में 200 से अधिक विभिन्न चुनावों की सुचिता की रक्षा करने में मदद मिली है। साथ ही इसने अमेरिका में राष्ट्रपति पद के चुनाव अभियान में फेसबुक के नेटवर्क के दुरुपयोग को रोकने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। जुकरबर्ग ने कहा कि अगले सप्ताह निश्चित रूप से फेसबुक के लिए 'परीक्षा' होगी। उन्होंने कहा कि कंपनी 'लोकतांत्रिक प्रक्रिया की सुचिता की रक्षा के लिए लड़ाई' जारी रखेगी। हमारे बदलाव से चुनावी प्रक्रिया मजबूत हुई है जुकरबर्ग ने कंपनी के वित्तीय परिणाम देते हुए उठाये गए कदमों को रेखांकित करते हुए कहा, 'ये सभी परिवर्तन हैं जो हमने पिछले चार वर्षों में किए हैं और इससे हमें यूरोपीय संघ, भारत और इंडोनेशिया सहित दुनिया भर में 200 से अधिक चुनावों की सुचिता की रक्षा करने में मदद मिली है। ये अमेरिका में अगले सप्ताह के मतदान से पहले दुरुपयोग को रोकने के लिए महत्वपूर्ण रहे हैं।' उन्होंने कहा कि कंपनी ने मतदाताओं पर दबाव जैसे मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया है और इस संबंध में नागरिक अधिकार नेताओं सहित विशेषज्ञों के साथ मिलकर काम किया है। उन्होंने कहा कि फेसबुक की सुरक्षा टीमें चार साल से हैकिंग जैसे पारंपरिक खतरों पर गौर कर रही थीं, लेकिन फर्जी अकाउंट का इस्तेमाल करते हुए 'समन्वित हस्तक्षेप अभियान' जो सामने आया है यह कुछ नयी चीज थी, जिसके जरिये दुष्प्रचार और मनमुटाव फैलाने की कोशिश की गई। गलत अकाउंट को ब्लॉक किया जाता है जुकरबर्ग ने कहा, 'उसके बाद से हमने इन खतरों का पता लगाने और उसे दूर करने के लिए दुनिया में सबसे उन्नत प्रणाली का निर्माण किया है और यह संख्या में दिखता है। इसके बाद के वर्षों में, हमने रूस, ईरान और चीन सहित 100 से अधिक नेटवर्क लिये हैं और हम हर दिन लाखों संभावित अभद्र अकाउंट को ब्लाक करते हैं।' जुकरबर्ग ने बताया कि कंपनी ने विज्ञापनों को पारदर्शी बनाने के लिए भी कदम उठाए हैं और जो कोई भी राजनीतिक या सामाजिक मुद्दे का विज्ञापन चलाना चाहता है, तो उसे पहले इसकी अनुज्ञा प्रक्रिया से गुजरना होगा। मार्च और सितंबर के बीच, कंपनी ने अनुज्ञा प्रक्रिया से गुजरे बिना अमेरिका को लक्षित करने की कोशिश करने वाले विज्ञापनों को 22 लाख बार खारिज किया। राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों के विज्ञापनों के लिए फ़ेसबुक उपयोगकर्ताओं को यह देखने की अनुमति देता है कि विज्ञापन के लिए भुगतान किसने किया है और विज्ञापन किन दर्शकों तक पहुंचा, जिससे मंच पर राजनीतिक विज्ञापन अधिक पारदर्शी हो सकें। गलत दावों को रोकने का काम किया है उन्होंने कहा, 'हमारी नीतियां कब और कैसे मतदान करना है, इससे संबंधित गलत जानकारी को रोकती हैं। हमने हाल ही में इन नीतियों का विस्तार किया है जिससे गलत दावों को भी रोका जा सके, जैसे यह दावा कि व्यक्तिगत रूप से मतदान करने से आपको कोविड-19 हो सकता है।' उन्होंने कहा कि मार्च से अक्टूबर के मध्य तक फेसबुक ने इन नियमों को तोड़ने के लिए अमेरिका में 1,35,000 से अधिक सामग्री हटा दी। जुकरबर्ग ने कहा, 'चुनाव की सुचिता सुनिश्चित करना एक सतत चुनौती है और रहेगी... मुझे यह भी पता है कि हमारा काम तीन नवंबर के बाद बंद नहीं होगा। इसलिए, हम नए खतरों का अनुमान लगाते हुए अपने दृष्टिकोण को विकसित करते रहेंगे और लोकतांत्रिक प्रक्रिया की सुचिता और दुनियाभर में लोगों को उनकी आवाज सुनने के अधिकार की रक्षा के लिए लड़ेंगे।' सितंबर तिमाही में कंपनी की कुल इनमक 21.4 बिलियन डॉलर फेसबुक की कुल आय सितंबर तिमाही में 22 प्रतिशत बढ़कर 21.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर रही। वहीं उसकी शुद्ध आय (लाभ) 7.8 अरब अमेरिकी डॉलर रही। फेसबुक के दैनिक सक्रिय उपयोगकर्ता आधार औसतन 1.82 अरब रहा, जबकि 30 सितंबर, 2020 तक की स्थिति के अनुसार उसका मासिक सक्रिय उपयोगकर्ताओं का आधार 2.74 अरब था। जुकरबर्ग ने फेसबुक के ऐप (व्हाट्सएप और इंस्टाग्राम) के बीच अंतर्परिचालनात्मकता (इंटरऑपरेबिलिटी) के बारे में भी बात की जो उपयोगकर्ताओं को ऐप्स के बीच संदेश भेजने की अनुमति देता है। उन्होंने कहा, 'हमने मैसेंजर और इंस्टाग्राम मैसेजिंग के बीच अंतर्परिचालनात्मकता शुरू की और यह सुविधा अब अमेरिका सहित दुनिया भर के बहुत से देशों में है।' उन्होंने कहा कि भारत, चीन, ब्राजील या यूरोप के देशों में जो अनुभव होगा, उसकी तुलना में अमेरिका में संदेश भेजने का अनुभव बहुत ही अलग है। देश में वॉट्सऐप के 40 करोड़, फेसबुक के 30 करोड़ यूजर्स उन्होंने कहा, 'हमारा लक्ष्य लोगों को यह सुविधा देना है कि वे हमारे किसी एक ऐप को चुन सकें जिसे वे मैसेजिंग के लिए सबसे अधिक उपयोग करना पसंद करते हैं और उन सभी लोगों तक पहुंच सकते हैं जो हमारे अलग-अलग ऐप में से जिस भी ऐप का उपयोग करते हैं।' भारत में फेसबुक के 30 करोड़ से अधिक उपयोगकर्ता हैं, जबकि इसी समूह की कंपनी व्हाट्सएप के देश में 40 करोड़ से अधिक उपयोगकर्ता हैं। इस साल की शुरुआत में, फेसबुक ने मुकेश अंबानी की अगुवाई वाले जियो प्लेटफॉर्म में 43,574 करोड़ रुपये में 9.99 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने का सौदा किया था। कंपनियां जियोमार्ट के माध्यम से स्थानीय पड़ोस के किराना स्टोर से सामान पहुंचाने के लिए भी व्हाट्सएप का लाभ उठा रही हैं।


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भारत के अनुभव का इस्तेमाल अमेरिकी चुनावों में दुरुपयोग रोकने के लिए कर रहा फेसबुक: जुकरबर्ग https://ift.tt/37PRL4e भारत के अनुभव का इस्तेमाल अमेरिकी चुनावों में दुरुपयोग रोकने के लिए कर रहा फेसबुक: जुकरबर्ग
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फ्रांस के राष्ट्रपति के खिलाफ भोपाल में भीड़ जुटाने वाले आरिफ मसूद को जानिए, वंदे मातरम् के भी थे खिलाफ https://ift.tt/31Ywi5f

October 30, 2020
भोपाल। फ्रांस के राष्ट्रपति के खिलाफ भोपाल में हजारों लोगों का प्रदर्शन आयोजित करने वाले के लिए मुश्किलें बढ़ गई हैं। सरकार ने उनके साथ प्रदर्शन में शामिल 2000 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। सीएम शिवराज ने ट्वीट कर कहा है कि इस मामले में दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा, चाहे वह कोई भी हो। इधर, आरिफ मसूद भी अपनी बात पर अड़े हैं। उन्होंने कहा है कि फ्रांस के राष्ट्रपति ने हमारे धर्मगुरु और मजहब के बारे में टिप्पणी की, हमने उसका विरोध किया है। किसी का मजहब इजाजत नहीं देता कि किसी के धर्मगुरु के खिलाफ टिप्पणी की जाए। 2018 के विधानसभा चुनाव में भोपाल मध्य से विधायक चुने गए आरिफ मसूद मुसलमानों से संबंधित मुद्दों पर पहले से भी मुखर होकर बोलते रहे हैं। मॉब लिंचिंग से लेकर राम मंदिर और ट्रिपल तलाक जैसे मुद्दों पर उनके बयान अक्सर चर्चा में रहते हैं। विधायक चुने जाने के थोड़े दिनों बाद ही उनके एक बयान को लेकर बवाल खड़ा हो गया था। उन्होंने कह दिया था कि मैं देश से प्यार करता हूं, लेकिन वंदे मातरम नहीं गाऊंगा। इसके खिलाफ बीजेपी कार्यकर्ता सड़क पर उतर आए थे और कांग्रेस पार्टी से उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। दबंग छवि के लिए मशहूर मसूद ने ट्रिपल तलाक बिल के खिलाफ पूरे भोपाल में प्रदर्शन आयोजित किए थे। मॉब लिंचिंग के खिलाफ भी अपने समर्थकों के साथ वे सड़कों पर उतर आए थे। हालांकि, इससे पहले भी वे विरोध-प्रदर्शनों के चलते विवादों में रहे हैं। साल 2001 में गदर- एक प्रेम कथा फिल्म की स्क्रीनिंग के खिलाफ भोपाल के लिली टॉकीज में जबरदस्त तोड़फोड़ हुई थी। इसका नेतृत्व भी मसूद ने ही किया था। उस समय मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष रहे दिग्विजय सिंह ने इसके बाद उन्हें पार्टी से निकाल दिया था। कुछ समय समाजवादी पार्टी में रहने के बाद वे फिर से कांग्रेस में लौट आए और 2010 में पार्टी के अल्पसंख्क मोर्चा के संयोजक बने। भोपाल के सोफिया कॉलेज के वो छात्र रहे मसूद ने यहीं से छात्र राजनीति में कदम रखा था। उस समय वे पूर्व मंत्री रसूल अहमद सिद्दिकी से जुड़े थे। बाद में वे पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी के करीब पहुंचे और 2018 में विधायक का चुनाव जीत गए। इससे पहले 2013 में भी उन्हें कांग्रेस ने भोपाल मध्य से अपना उम्मीदवार बनाया था, लेकिन हार गए। फ्रांस के राष्ट्रपति के खिलाफ प्रदर्शन आयोजित कर मसूद एक बार फिर विवादों में आ गए हैं, लेकिन मुकदमा दर्ज होने के बाद भी वे अपनी बात पर अड़े हैं। उनका कहना है कि फ्रांस के राष्ट्रपति ने उनके धर्म को लेकर जो बात कही है, वह गलत है। उनका यह भी कहना है कि प्रदेश सरकार राजनीतिक आयोजनों में हजारों की भीड़ जमा होने पर कोई कार्रवाई नहीं करती, जबकि उन्हें बेवजह निशाना बनाया जा रहा है।


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फ्रांस के राष्ट्रपति के खिलाफ भोपाल में भीड़ जुटाने वाले आरिफ मसूद को जानिए, वंदे मातरम् के भी थे खिलाफ https://ift.tt/31Ywi5f फ्रांस के राष्ट्रपति के खिलाफ भोपाल में भीड़ जुटाने वाले आरिफ मसूद को जानिए, वंदे मातरम् के भी थे खिलाफ
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काशी में PM मोदी के नाम पर फर्जीवाड़ा, फर्जी ट्रस्ट बना कर रहे थे संचालन https://ift.tt/3oGR3ME

October 30, 2020
अभिषेक जायसवाल, वाराणसी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर उनके ही संसदीय क्षेत्र वाराणसी में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। भेलुपुर थाना क्षेत्र के दुर्गाकुंड के रहने वाले अजय पांडेय ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर प्रधानमंत्री के नाम फर्जी ट्रस्ट का रजिस्ट्रेशन करा लिया और फिर न जाने कितने लोगों के साथ इस नाम पर ठगी की। दस्तावेजों की जांच के दौरान जब अधिकारियों की नजर पड़ी तो मामला सामने आया। आनन-फानन उप निबंधक सदर द्वितीय हरीश चतुर्वेदी ने कैंट थाने में इसकी शिकायत की। पुलिस ने 10 लोगों के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज कर लिया है। एनबीटी ऑनलाइन से बातचीत में कैंट इंस्पेक्टर राकेश कुमार सिंह ने बताया कि 14 जुलाई को अजय पांडेय नाम के शख्स ने प्रधानमंत्री मोदी के नाम फर्जी तरीके से प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदर दास मोदी जन कल्याणकारी ट्रस्ट का रजिस्ट्रेशन कराया था। पुलिस इस मामले की जांच कर रही है। सभी 10 नामजद लोगों की जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा। इनके खिलाफ दर्ज हुआ मुकदमा कैंट इंस्पेक्टर ने बताया कि इस ट्रस्‍ट में 10 लोग ट्रस्‍टी हैं। मामले में अजय पांडेय के अलावा रवींद्रनाथ पांडेय, अविनाश सिंह, विकास मिश्रा, प्रिया श्रीवास्तव, सोनू कुमार गुप्ता, शाहबाज खान, रंजीता सिंह, अनिल और प्रदीप कुमार सिंह आरोपी बनाए गए हैं। जल्‍द ही सभी को अरेस्‍ट किया जाएगा।


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जाकिर नाइक ने फ्रांस के राष्ट्रपति पर उगला जहर, बोला - दर्दनाक सजा मिलेगी https://ift.tt/3e8Ae8z

October 30, 2020
नई दिल्ली एक तरफ फ्रांस आतंकी हमलों के निशाने पर है, दूसरी तरफ तमाम मुस्लिम देशों में उसके खिलाफ विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। इसकी वजह इस्लाम को लेकर फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों की टिप्पणी है। उसके बाद से ही उनके खिलाफ निजी हमले हो रहे हैं। सोशल मीडिया पर फ्रांसीसी सामानों के बहिष्कार की अपीलें की जा रही हैं। इस बीच विवादित इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाइक ने एक बार फिर जहर उगला है। भगोड़े नाइक ने फेसबुक पोस्ट में लिखा है, '...लेकिन जो भी अल्लाह के दूत को गाली देगा उसे दर्दनाक सजा मिलेगी।' एक और फेसबुक पोस्ट में उसने कुरान की आयत का हवाला देते हुए लिखा है, 'वास्तव में जो अल्लाह और उनके दूत को गाली देते हैं, उन्हें अल्लाह ने इस दुनिया में और उसके बाद के लिए शाप दिया है और उनके लिए अपमानजनक सजा तैयार कर रखा है।' फेसबुक से हटे नाइक के पोस्ट हालांकि, जाकिर नाइक के ये पोस्ट अब फेसबुक पर मौजूद नहीं है। अभी यह स्पष्ट नहीं है कि खुद नाइक ने इन्हें हटाया है या फेसबुक ने भड़काऊ संदेश की वजह से पोस्ट हटाए हैं। जाकिर नाइक पर अपने भड़काऊ तकरीरों के जरिए आतंकवादियों को प्रेरित करने के आरोप भी लग चुके हैं। जुलाई 2016 में बांग्लादेश की राजधानी ढाके में हुए आतंकी हमले के हमलावरों ने कबूल किया था कि वे जाकिर नाइक के उपदेशों को सुनकर आतंक की राह पर चले। ढाका हमले में एक भारतीय युवती समेत 29 लोगों की मौत हुई थी। नाइक अभी मलेशिया में है जहां के पूर्व राष्ट्रपति महातिर मोहम्मद ने भी फ्रांस को लेकर ट्विटर पर कई जहरीले ट्वीट किए हैं। दरअसल, फ्रांस में मोहम्मद साहब पर बने कार्टून को क्लासरूम में दिखाने को लेकर एक टीचर की गला रेतकर हत्या के बाद राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों ने इसे इस्लामी आतंकवाद कहा था। इतना ही नहीं, उन्होंने चर्चित पत्रिका शार्ली एब्दो में छपे मोहम्मद साहब के विवादित कार्टूनों का भी समर्थन किया। उसके बाद से ही तमाम मुस्लिम देश मैक्रों पर भड़के हुए हैं और उन पर आपत्तिजनक निजी हमले भी तेज हुए हैं। इतना ही नहीं, टीचर की हत्या के बाद गुरुवार को फ्रांस के नीस शहर में एक चर्च में आतंकी हमला हुआ। एक महिला की गला रेतकर हत्या कर दी गई और 2 अन्य को भी चाकू से गोदकर मार डाला गया।


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जाकिर नाइक ने फ्रांस के राष्ट्रपति पर उगला जहर, बोला - दर्दनाक सजा मिलेगी https://ift.tt/3e8Ae8z जाकिर नाइक ने फ्रांस के राष्ट्रपति पर उगला जहर, बोला - दर्दनाक सजा मिलेगी
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J&K:उप राज्यपाल मनोज सिन्‍हा के सलाहकार केके शर्मा का इस्तीफा, बने नए चुनाव आयुक्त https://ift.tt/3kO5mwI

October 30, 2020
गोविंद चौहान, श्रीनगर जम्‍मू-कश्‍मीर के के ने शनिवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उन्हें प्रदेश का नया तैनात किया गया है। सरकार के प्रवक्ता रोहित कंसल ने यह जानकारी दी है। अब उप राज्‍यपाल के अगले सलाहकार के नाम को लेकर कयास लगने शुरू हो गए हैं। गौरतलब है कि केके शर्मा पिछले साल नवंबर में उप राज्यपाल के सलाहकार नियुक्त हुए थे। करीब एक साल से इस पद पर काम कर रहे थे। उन्हें आधा दर्जन से अधिक विभागों का जिम्‍मा दिया गया था। 1983 बैच के आईएएस अफसर केके शर्मा कई महत्वपूर्ण जगहों पर तैनात रह चुके हैं। वह दिल्ली और गोवा के मुख्य सचिव भी रह चुके हैं। अपनी तीस साल की नौकरी में वह कई जगहों पर तैनात रहे। रिटायर होने से पहले वह मानव संसाधन विकास मंत्रालय में सचिव थे। इतना ही नहीं, वह चंडीगढ़ प्रशासक के सलाहकार भी रह चुके हैं। केंद्र के करीबी माने जाते हैं शर्मा जम्‍मू-कश्‍मीर में बतौर सलाहकार रहते हुए केके शर्मा ने कई बड़ें प्रोजेक्टों पर काम शुरू करवाया गया था। प्रदेश में आर्टिकल 370 हटने के बाद उन्हें विशेष तौर पर सलाहकार बनाकर भेजा गया था। वह केंद्र सरकार के काफी करीबी माने जाते हैं। अब उन्हें चुनाव आयुक्त की जिम्मेदारी दी गई है। बता दें कि जम्‍मू-कश्‍मीर में विधानसभा चुनाव होने की चर्चा चल रही है। उससे पहले केके शर्मा को नया चुनाव आयुक्‍त बना दिया गया है।


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भोपाल में मुसलमानों की रैली पर बोले बाबा रामदेव- बार-बार एक ही संप्रदाय के लोग आग क्यों लगाने लगते हैं? https://ift.tt/3kHfsPz

October 30, 2020
नई दिल्ली भोपाल के इकबाल मैदान में मुसलमानों की रैली से देश का बड़ा वर्ग आक्रोशित है। लोगों सवाल पूछ रहे हैं कि जब भारत ने फ्रांस का खुलकर समर्थन किया है तो एक संप्रदाय उसका विरोध कर क्या संदेश देना चाहता है? इस बीच योग गुरु ने भी फ्रांस के राष्ट्रपति के खिलाफ भारत में एक समुदाय के प्रदर्शन को काफी दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया। एक प्राइवेट न्यूज चैनल से बातचीत में उन्होंने कहा कि सरकार को ऐसे जलसे और जुलूस की अनुमति नहीं देनी चाहिए। 'बार-बार एक ही संप्रदाय आग क्यों लगाता है' बाबा रामदेव ने देश के मुसलमानों के रवैये पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा, 'बार-बार एक ही संप्रदाय के लोग आकर क्यों आग लगाने लग जाते हैं? फिर हिंदू भी सोचेंगे कि आग ही लगाओ। आप अपनी मान्यता पर विश्वास रखो, लेकिन पूरी दुनिया पर तो नहीं थोप सकते। स्वयं के प्रति दृढता रखो और दूसरों के प्रति उदारता रखो। स्वधर्म निष्ठा, परधर्म सहिष्णुता रखो।' रामदेव ने कहा कि ध्रुवीकरण की घृणित राजनीति खत्म होनी चाहिए। उन्होंने कहा, 'ये जो पोलराइजेशन की पॉलिटिक्स है, ये जो पोलराइजेशन के नाम पर मजहबी जमात इकट्ठा की जाती है, यह बंद होना चाहिए। यह ध्रुवीकरण का पूरा का पूरा घृणित अजेंडा है। इस पर लगाम लगाना होगा।' 'मजहबी उन्माद के कारण होते हैं युद्ध' रामदेव ने न्यूज चैनल से बातचीत में कहा कि इसी तरह के मजहबी उन्मादों के कारण ही दुनिया में युद्ध हुए हैं। उन्होंने कहा, 'आज तक दुनिया में जितने भी युद्ध हुए हैं, उनमें सबसे बड़ा कारण मजहबी उन्माद है, मजहबी फसाद है।' उन्होंने सवाल किया कि क्या पैगंबर मोहम्मद ने, 'क्या ईसा मसीह ने, क्या गुरुनानक देव जी ने, क्या भगवान महावीर ने, क्या बुद्ध ने, क्या भगवान राम, कृष्ण, शिव ने, किसी भी महापुरुष ने किसी मजहबी कट्टरता की बात की। कभी नहीं की।' उन्होंने आगे कहा, 'सभी ने एक बात कही है- सभी मनुष्य एकसमान हैं। हिंसा तो बहुत दूर की बात है, ये तो कहते हैं कि कभी किसी का दिल तक मत दुखाओ। तो क्या तमाशा चल रहा है? किस बात का प्रदर्शन हो रहा है?' योग गुरु ने कहा कि इंसान की गर्दन काट दी जाती है, कत्ल कर दिए जाते हैं, इस बात के लिए कि हमारे किसी पुरखे का कार्टून क्यों बना दिया? उन्होंने सवाल किया, 'इतनी असहिष्णुता क्यों?' रामदेव ने कहा, 'मजहब के नाम पर खून-खराबा करना, लोगों की गर्दनें काटना, लोगों का कत्लेआम करना, यह धर्म नहीं, यह अधर्म है, यह पाप है, यह सरासर अपराध है। यह दुनिया को युद्ध की तरफ धकेलने वाला है।' 'पूरी दुनिया में फैलाई जा रही है विनाशकारी सोच' उन्होंने कहा कि एक बहुत बड़ी डिस्ट्रैक्टिव सोच पूरी दुनिया में फैलाई जा रही है। दुनिया में सबसे खतरनाक काम यह है कि कुछ लोग कहते हैं कि इस्लाम कबूल करनो वरना कत्ल कर देंगे। कुछ लोग कहते हैं कि इसाइयत कबूल कर लो, वरना जन्नत में नहीं जाओगे। फिर कुछ लोग कहते हैं कि हिंदू धर्म कबूल कर लो नहीं तो मोक्ष नहीं मिलेगी, उद्धार नहीं होगा। फिर ऐसे ही दूसरे-तीसरे और आ जाते हैं। रामदेव ने कहा, 'जब तक लोग अपने धर्म को श्रेष्ठ कहेंगे और दूसरों को जब तक निकृष्ट कहते रहेंगे तब तक दुनिया में आग लगती रहेगी। दूसरे धर्म को निकृष्ट बताना और अपने धर्म में कन्वर्ट करवाना और जो धर्म परिवर्तन नहीं करे, उसका कत्ल कर देना, यह दुनियाभर से खत्म होना चाहिए।' 'ध्रुवीकरण के लिए जुटाई जाती है उन्मादियों की भीड़' योग गुरु ने कहा कि इस तरह की उन्मादी भीड़ जुटाने का असली मकसद अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकनी है। उन्होंने कहा, 'इसका एक ही मूल मुद्दा है- पोलराइज करो लोगों को, मदद के नाम पर लोगों को इकट्ठा करो। कुछ लोग अपने राजनीतिक फायदे के लिए, मजहबी फायदे के लिए लोगों को लामबंद करके अपनी सामाजिक, धार्मिक, राजनैतिक रोटियां सेंकना चाहते हैं।' उन्होंने सुझाव दिया, 'ये बात करो ना कि कैसे अच्छा जीवन जीएं, वो किस तरह आगे बढ़े लाइफ में, वो कैसे प्रोग्रेसिव हो। वो अपने जीवन में धन अर्जित करे औरों को भी सुख दे और किसी को नुकसान नहीं पहुंचाए।'


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टीवी डिबेट में तारेक फतह ने आरिफ मसूद को फटकारा, कहा- भारत जब फ्रांस के साथ तो मुसलमान रैली क्यों निकाल रहे https://ift.tt/2Jhbmjr

October 30, 2020
नई दिल्ली फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के खिलाफ भोपाल में रैली निकालने वाले कांग्रेसी विधायक आरिफ मसूद की एक टीवी डिबेट में मशहूर स्तंभकार तारेक फतह ने अच्छे से क्लास ले ली। फतह ने कहा कि यह रैली भारत की भावना के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि जब भारत स्पष्ट कर चुका है कि वो आतंकवाद के मुद्दे पर फ्रांस के साथ खड़ा है तो फिर इस तरह की रैली करना बिल्कुल गलत है। हालांकि, कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद इस बात पर अड़े रहे कि चूंकि राष्ट्रपति मैक्रों ने इस्लाम के खिलाफ टिप्पणी की, इसलिए उनका विरोध करना बिल्कुल जायज है। फतह ने कहा, 'अपने मुल्क का पॉइंट ऑफ व्यू छोड़के अपनी कम्यूनिटी का पॉइंट ऑफ व्यू सामने रखने की बात है। आपको दिखाना चाहिए कि हिंदुस्तान जो है वो फ्रांस के साथ पूरी तरह खड़ा है।' जवाब में मसूद ने कहा कि किसी के मजहब को बुरा कहें और किसी के मजहब के धर्मगुरु का कार्टून बनाएं, यह किसी को अधिकार नहीं है। अगर कोई ऐसा करेगा तो उसका विरोध किया जाएगा। उन्होंने कहा, 'किसी भी हाल में मजहब के बारे में टिप्पणी करने का अधिकार किसी को था और न है।' एक निजी न्यूज चैनल पर फतह और मसूद के बीच हुई बातचीत के दौरान लगातार सवाल जवाब हुए। तारेक फतह ने कहा कि हिंदुस्तान का मुसलान अपने आपको हिंदुस्तान की सोच से खुद को अलग समझते हैं। उन्होंने मसूद से कहा, 'जिस मुल्क के अंदर आजादी मिली है आपको, आप उसे बदनाम कर रहे हैं।' इस पर मसूद ने कहा कि हिंदुस्तान को उनके पुरखों ने ही आजाद कराया और वो इसकी बदनामी नहीं करवा रहे। उन्होंने कहा, 'इस मुल्क को हमारी पूर्वजों ने आजाद कराया और हम कोई बदनामी नहीं कर रहे हैं।' इस जवाब पर फतह ने हिंदुस्तानी मुसलमानों को जिन्ना का समर्थक बता दिया। उन्होंने कहा, 'आपने कोई आजादी की लड़ाई नहीं लड़ी। आप मुस्लिम लीग और जिन्ना के साथ थे।' फतह के इस दावे का मसूद ने जबर्दस्त विरोध किया। उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान के मुसलमानों ने तो मुस्लिम लीग की जड़ें हिला दीं। उन्होंने कहा, 'बिल्कुल नहीं, मुस्लिम लीग को हिंदुस्तान के मुसलमानों ने खत्म किया। कभी मुस्लिम लीग का साथ नहीं दिया हिंदुस्तान के मुसलान ने।' इस पर फतह ने कहा कि आप क्या आजादी की लड़ाई लड़ेंगे, आपका काम है शरारत करना और फसाद फैलाना। उन्होंने कहा, 'आप चाकू तेज करते रहें और गले काटते रहे हैं।' ध्यान रहे कि फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने कहा कि इस्लाम के कारण आज पूरी दुनिया पर संकट है। उनके इस बयान के बाद नीस शहर में एक 20 वर्षीय आतंकी ने एक चर्च में घुसकर महिला की गर्दन रेतकर हत्या कर दी जबकि दो अन्य लोग गंभीर रूप से जख्मी हो गए। दुनियाभर के मुसलमान इस घटना की निंदा करने के बजाय मैक्रों के खिलाफ गुस्से का इजहार कर रहे हैं। भोपाल में भी मुसलमानों ने मैक्रों के खिलाफ रैली निकाली और उनके पुतले और तस्वीरें जलाईं।


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टीवी डिबेट में तारेक फतह ने आरिफ मसूद को फटकारा, कहा- भारत जब फ्रांस के साथ तो मुसलमान रैली क्यों निकाल रहे https://ift.tt/2Jhbmjr टीवी डिबेट में तारेक फतह ने आरिफ मसूद को फटकारा, कहा- भारत जब फ्रांस के साथ तो मुसलमान रैली क्यों निकाल रहे
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PM मोदी ने की पार्क की सैर, आरोग्य वन का उद्घाटन, देखिए तस्वीरें https://ift.tt/3mBMvp6

October 30, 2020
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार सुबह दो दिवसीय दौरे पर गुजरात पहुंचे। उन्होंने यहां दिवंगत पूर्व मुख्यमंत्री केशुभाई पटेल को श्रद्धांजलि दी तथा उनके परिजन से मुलाकात की। इसके अलावा पीएम मोदी गुजराती फिल्म ऐक्टर नरेश कलोडिया और उनके भाई महेश कनोडिया के निधन पर उन्हें श्रद्धांजलि देने उनके आवास पर गए। उन्होंने कनोडिया के परिजन को ढांढस बंधाया। इसके बाद प्रधानमंत्री ने नर्मदा जिले में आरोग्य वन का उद्घाटन किया। देखें पीएम के कार्यक्रम की दिलचस्प तस्वीरेंः

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को केवड़िया में आरोग्य वन का उद्घाटन किया। आरोग्य वन तमाम औषधीय वनस्पतियों से समृद्ध है। यहां इन औषधीय पौधों के इस्तेमाल की जानकारी देने की भी व्यवस्था है। उद्घाटन के बाद पीएम ने गोल्फ कार्ट पर पार्क की सैर की।


पीएम नरेंद्र मोदी ने गोल्फ कार्ट पर की पार्क की सैर.. देखें आरोग्य वन के उद्घाटन की 8 बड़ी तस्वीरें

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार सुबह दो दिवसीय दौरे पर गुजरात पहुंचे। उन्होंने यहां दिवंगत पूर्व मुख्यमंत्री केशुभाई पटेल को श्रद्धांजलि दी तथा उनके परिजन से मुलाकात की। इसके अलावा पीएम मोदी गुजराती फिल्म ऐक्टर नरेश कलोडिया और उनके भाई महेश कनोडिया के निधन पर उन्हें श्रद्धांजलि देने उनके आवास पर गए। उन्होंने कनोडिया के परिजन को ढांढस बंधाया। इसके बाद प्रधानमंत्री ने नर्मदा जिले में आरोग्य वन का उद्घाटन किया। देखें पीएम के कार्यक्रम की दिलचस्प तस्वीरेंः



5 लाख औषधियों वाला वन
5 लाख औषधियों वाला वन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत की समृद्ध पुष्प परंपराओं, तमाम पौधों के साथ-साथ कल्याण और अच्छे स्वास्थ्य के पारंपरिक तरीकों पर केंद्रित आरोग्य वन का शुक्रवार को उद्घाटन किया। बताया गया कि वन में तकरीबन पांच लाख से ज्यादा औषधियां हैं।



मोदी ने गोल्फ कार्ट से की वन की सैर
मोदी ने गोल्फ कार्ट से की वन की सैर

आरोग्य वन तकरीबन 17 एकड़ में फैला है। अलग-अलग औषधीय पौधों के अलावा कई आकर्षक फूलों की बहार इस वन में होगी। उद्घाटन के बाद प्रधानमंत्री ने पूरे वन का निरीक्षण किया। उन्होंने गोल्फ कार्ट पर सवार होकर पूरे आरोग्य वन का चक्कर लगाया। इसके अलावा उन्होंने एक सेल्फी पॉइंट का भी उद्घाटन किया।



आरोग्य की ओर एक कदम
आरोग्य की ओर एक कदम

आरोग्य वन सरदार पटेल की प्रतिमा के नजदीक स्थित है। इसमें हजारों औषधीय वनस्पतियां मौजूद हैं। इतना ही नहीं इनके इस्तेमाल की विधि और उनके महत्व के बारे में भी यह पार्क लोगों को जानकारी देगा। औषधियों के अलावा स्वस्थ जीवन के कई संसाधन पार्क में मौजूद होंगे। लोग इनके इस्तेमाल से आरोग्यमय जीवन की ओर अपने कदम बढ़ा सकेंगे।



सीएम-गवर्नर भी रहे मौजूद
सीएम-गवर्नर भी रहे मौजूद

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आरोग्य वन के उद्घाटन के अलावा प्रदेश में कई अन्य परियोजनाओं की शुरुआत करने वाले हैं, जिसके लिए वह शुक्रवार सुबह गुजरात पहुंचे। आरोग्य वन के उद्घाटन के दौरान पीएम मोदी के साथ मुख्यमंत्री विजय रुपाणी और गवर्नर आचार्य देवब्रत भी मौजूद रहे।



एकता मॉल का किया उद्घाटन
एकता मॉल का किया उद्घाटन

आरोग्य वन के बाद प्रधानमंत्री ने एकता मॉल का उद्घाटन भी किया। उन्होंने बच्चों के लिए न्यूट्रिशन पार्क का भी लोकार्पण किया।



केशुभाई पटेल को श्रद्धांजलि
केशुभाई पटेल को श्रद्धांजलि

अपने दौरे की शुरुआत में प्रधानमंत्री सबसे पहले गांधीनगर में दिवंगत नेता केशुभाई पटेल के आवास पर पहुंचे। उन्होंने पटेल को श्रद्धांजलि दी और उनके परिजन से मुलाकात की। पीएम ने परिवार को ढांढस बंधाया। गुरुवार को लंबी बीमारी के बाद पटेल का निधन हो गया था।



गुजराती कलाकारों को श्रद्धांजलि
गुजराती कलाकारों को श्रद्धांजलि

पटेल को श्रद्धांजलि देने के बाद पीएम मोदी गांधीनगर में महेश और नरेश कनोडिया के परिवार से भी मिलने पहुंचे। दोनों भाइयों की हाल ही में मौत हो गई थी। महेश म्यूजिशियन थे जबकि उनके भाई नरेश कनोजिया गुजराती फिल्मों के मशहूर ऐक्टर थे।





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PM मोदी ने की पार्क की सैर, आरोग्य वन का उद्घाटन, देखिए तस्वीरें https://ift.tt/3mBMvp6 PM मोदी ने की पार्क की सैर, आरोग्य वन का उद्घाटन, देखिए तस्वीरें
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ब्लॉगः यूपी में अचानक क्यों बढ़ी सियासी तपिश https://ift.tt/eA8V8J

October 30, 2020
यूपी में राज्य सभा चुनाव के बहाने जिस तरह से सियासी तपिश बढ़ी, वह तमाम लोगों को चौंका रही है। पहला सवाल तो यही है कि अभी तो वहां के चुनाव में कम से कम डेढ़ साल का वक्त बाकी है, और दूसरा यह कि क्या यह सारा घटनाक्रम अचानक हुआ? ऐसे में यह समझना ज्यादा जरूरी है कि राजनीति में न तो अचानक कुछ होता है और न ही बिना मकसद कुछ होता है। 2019 के लोकसभा चुनाव के वक्त बीएसपी के साथ गठबंधन समाजवादी पार्टी का सबसे बड़ा दांव था, लेकिन वह नाकामयाब साबित हुआ।

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ब्लॉगः बिल की चूकों को चलन बता रहा बिजली विभाग https://ift.tt/eA8V8J

October 30, 2020
देश भर में उपभोक्ता अधिकार के निर्देश लागू हैं, पर उत्तर प्रदेश के बिजली विभाग को शायद उससे स्पेशल छूट मिली हुई है। इसी का नतीजा है कि कस्टमर्स को जो बिजली का बिल मिलता है, उस पर प्रति यूनिट बिजली दर दिखाई ही नहीं जाती। साथ ही उपभोग पर कई तरह के दूसरे चार्ज भी लगाए जा रहे हैं। इसका परिणाम लंबे समय से कस्टमर्स को मिलते अनाप-शनाप बिजली के बिलों के रूप में सामने आ रहा है।

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हवा का 'रेड अलर्ट' और कोरोना का यू-टर्न: दिल्लीवालों पर दोहरा खतरा https://ift.tt/35LsQw7

October 30, 2020
नई दिल्ली देश की राजधानी दिल्ली अभी कोरोना और प्रदूषण की दोहरी मार से पस्त है। एक तरफ कोरोना लगातार दो दिनों नए-नए रेकॉर्ड बना रहा है तो दूसरी तरफ प्रदूषण पर भी रेड अलर्ट जैसी स्थिति पैदा हो गई है। राजधानी में गुरुवार को 5,739 नए कोरोना केस का नया रेकॉर्ड बन गया। इससे पहले बुधवार को दिल्ली में 5,673 नए कोविड मरीज सामने आए और तब यह चर्चा होने लगी कि क्या दिल्ली में कोरोना की तीसरी लहर चल पड़ी है। हालांकि, स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि तीसरी लहर की पुष्टि के लिए एक सप्ताह तक कोरोना के ट्रेंड पर नजर रखनी होगी। अब जब दूसरे दिन भी डेली कोविड केस का नया रेकॉर्ड बन गया तो इस आशंका को बल मिलने लगा है कि राष्ट्रीय राजधानी में कोरोना का तीसरी लहर आ चुकी है। पूरी दिल्ली की हवा में घुला जहर चिंता की बात यह है कि दिल्ली में प्रदूषण का स्तर भी नित नए रेकॉर्ड बना रहा है। शुक्रवार को पूरी दिल्ली में हवा जहरीली हो गई। वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) का आंकड़े तो किसी का भी रोआं खड़ा कर देने वाले हैं। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) ने बताया कि दिल्ली के आनंद विहार में एक्यूआई लेवल 408, बवाना में 447, पटपड़गंज में 404 जबकि वजीपुर में 411 पर पहुंच गया। ये आंकड़े 'अति गंभीर' श्रेणी में आते हैं। यानी दिल्ली की हवा अभी इतनी जहरीली हो चुकी है कि सांस संबंधी नई-नई बीमारियों का बहुत गंभीर खतरा हो गया है। घटते तापमान से बढ़ रहा प्रदूषण दरअसल, तापमान का प्रदूषण के साथ उल्टा संबंध है। हवा में नमी बढ़ने से प्रदूषणकारी तत्व हवा में ज्यादा देर तक टिके रहते हैं और वातावरण में एक परत बना देते हैं। ऐसे में सर्दी ने राजधानी में अक्टूबर में ही रेकॉर्ड बनाना शुरू कर दिया है। दिल्ली 26 साल बाद अक्टूबर में इतनी ठंडी हुई है। गुरुवार को सुबह का तापमान महज 12.5 डिग्री दर्ज हुआ। लोदी रोड में 12.4 डिग्री रहा। इससे पहले 20 अक्टूबर को भी न्यूनतम तापमान ने 11 साल का रेकॉर्ड तोड़ दिया था। आनेवाले दिनों में इसमें और गिरावट आएगी। गुरुवार को सुबह का तापमान सामान्य से 3 डिग्री कम रहा। इससे पहले 31 अक्टूबर 1994 में सुबह का तापमान 12.3 डिग्री रिकॉर्ड हुआ था। अक्टूबर में अबतक सबसे कम न्यूनतम तापमान 31 अक्टूबर 1937 में दर्ज हुआ है। उस दिन सुबह का तापमान महज 9.4 डिग्री रहा था। इस साल 16 अक्टूबर के बाद से ही सुबह के तापमान में गिरावट आना शुरू हो गई है और यह 17.2 डिग्री से उपर नहीं गया है। गुरुवार को दिन का तापमान 32.2 डिग्री रहा जो सामान्य से एक डिग्री अधिक है, लेकिन कुछ जगहों पर पहली बार तापमान 30 डिग्री से नीचे भी दर्ज किया गया। इनमें पालम में 29.4 डिग्री, मंगेशपुर 29.5 डिग्री और अक्षरधाम में 29.2 डिग्री तापमान दिन में दर्ज हुआ। आज दिन का तापमान 32 और सुबह का महज 12 डिग्री दर्ज हो सकता है। 3 नवंबर तक सुबह का तापमान 11 से 12 डिग्री के बीच ही बना रहेगा। प्रदूषण और कोरोना का घातक कॉकेटल मौसम विभाग के अनुसार, इस बार अभी तक वेस्टर्न डिस्टरबेंस एक्टिव नहीं हो रहे हैं। राजस्थान के उपर एंटी-साइक्लोन परिस्थिति ने भी हवाओं को शुष्क और ठंडा करने का काम किया है। ला नीना के असर की वजह से इस बार सर्दियों का सीजन लंबा और ज्यादा सर्दी की संभावना है। बहरहाल, ध्यान रहे कि कोरोना वायरस भी इंसान के श्वसनतंत्र को ही प्रभावित करता है। ऐसे में अगर प्रदूषण के कारण किसी व्यक्ति का श्वसनतंत्र कमजोर हुआ तो कोविड-19 महामारी होने की स्थिति में उसके जान पर खतरा कई गुना बढ़ जाता है क्योंकि महामारी से उसकी लड़ने की क्षमता बिल्कुल कम हो जाती है।


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हवा का 'रेड अलर्ट' और कोरोना का यू-टर्न: दिल्लीवालों पर दोहरा खतरा https://ift.tt/35LsQw7 हवा का 'रेड अलर्ट' और कोरोना का यू-टर्न: दिल्लीवालों पर दोहरा खतरा
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उत्तर प्रदेश में कोरोना की जांच अब सिर्फ 600 रुपये में, देखिए पूरी रेट लिस्ट https://ift.tt/35LtXfh

October 30, 2020
लखनऊ उत्तर प्रदेश के मेडिकल कॉलेज और संस्थानों में कोरोना की आरटीपीसीआर जांच के लिए मरीजों को अब 1500 रुपये की बजाय सिर्फ 600 रुपये शुल्क देना होगा। यही नहीं, थैलेसीमिया और हीमोफीलिया के मरीजों की यह जांच मुफ्त में होगी। चिकित्सा शिक्षा के अपर मुख्य सचिव डॉ. रजनीश दुबे ने गुरुवार को यह आदेश जारी कर दिया। इससे केजीएमयू, पीजीआई और लोहिया संस्थान में इलाज के लिए आ रहे हजारों मरीजों को राहत मिलेगी। नए आदेश में डायलिसिस और कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों के मरीजों को और राहत दी गई है। ऐसे मरीजों की आरटीपीसीआर जांच सिर्फ 300 रुपये में होगी। उनके साथ एक तीमारदार की जांच भी इसी दर पर हो सकेगी। ऐसे मरीजों को सप्ताह में दो बार आना होता है। इसी कारण इन्हें ज्यादा छूट दी गई है। निजी अस्पताल में भी चलने लगी पोस्ट कोविड ओपीडी सरकारी अस्पतालों के बाद निजी अस्पतालों ने भी पोस्ट कोविड ओपीडी शुरू कर दी है। फिलहाल इसकी पहल अपोलो मेडिक्स अस्पताल ने की है। अस्पताल प्रबंधन ने इसे रिकवर क्लिनिक नाम दिया है। अस्पताल के प्रबंध निदेशक मयंक सोमानी ने बताया कि इसमें मेडिसिन, डायटिशन, पल्मोनरी समेत कई डॉक्टरों का पैनल होगा। यहां मरीज सामान्य ओपीडी फीस देकर एक ही जगह पर सभी विशेषज्ञों को दिखा सकेंगे।


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उत्तर प्रदेश में कोरोना की जांच अब सिर्फ 600 रुपये में, देखिए पूरी रेट लिस्ट https://ift.tt/35LtXfh उत्तर प्रदेश में कोरोना की जांच अब सिर्फ 600 रुपये में, देखिए पूरी रेट लिस्ट
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निकिता मर्डर: अपहरण के बाद मेवात ले जाने की फिराक में था तौसीफ https://ift.tt/2GfElmK

October 30, 2020
निकिता मर्डर: अपहरण के बाद मेवात ले जाने की फिराक में था तौसीफ https://ift.tt/2GfElmK निकिता मर्डर: अपहरण के बाद मेवात ले जाने की फिराक में था तौसीफ
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वह फोन, अखिलेश की चुप्पी और SP की 'साजिश'...मायावती यूं ही नहीं हुईं गुस्सा! https://ift.tt/34Erxzr

October 30, 2020
लखनऊ उत्तर प्रदेश में राज्यसभा की 9 सीटों पर होने वाले चुनाव में समाजवादी पार्टी की सेंधमारी से नाराज बीएसपी प्रमुख ने अखिलेश यादव पर तीखा हमला बोला है। गुरुवार को मीडिया से मुखातिब मायावती ने कहा कि बीएसपी आने वाले में एसपी को 'जैसे को तैसा' जवाब देगी। एसपी के दूसरे उम्मीदवार को हराने के लिए बीएसपी अपनी पूरी ताकत लगा देगी। इसके लिए चाहे पार्टी के विधायकों को बीजेपी और अन्य किसी भी विरोधी पार्टी के उम्मीदवार को ही अपना वोट क्यों न देना पड़े। यूं ही नाराज नहीं हुईं मायावती! जो पार्टी एमएलसी चुनाव में एसपी के दूसरे उम्मीदवार को हराती दिख रही होगी बसपा के विधायक उसे ही अपना वोट देंगे। अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने कहा कि पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्र ने बताया कि एसपी दूसरा उम्मीदवार नहीं खड़ा कर रही। अगर हम प्रत्याशी नहीं देंगे तो कोई पूंजीपति हमारे विधायकों की खरीद-फरोख्त कर राज्यसभा सीट जीत जाएगा। हम यह सोचकर चल रहे थे कि डिंपल यादव चुनाव हार गई हैं, यदि वह लड़ती हैं तो बीएसपी उनको जिताने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी। सतीश मिश्र के फोन का अखिलेश ने नहीं दिया जवाब मायावती ने कहा कि सतीश मिश्र ने एसपी मुखिया को फोन किया तो उन्होंने फोन नहीं उठाया। निजी सचिव ने भी बात नहीं करवाई। सतीश ने एसपी महासचिव रामगोपाल यादव से बात की तो उन्होंने कहा कि एसपी केवल एक सीट पर चुनाव लड़ेगी। पढ़ें: इसके बाद बीएसपी ने रामजी गौतम को प्रत्याशी बनाया लेकिन एसपी ने षड्यंत्र के तहत आखिरी मौके पर निर्दलीय को पर्चा भरवाया और बाद में 4 विधायकों की खरोद-फरोख्त की। एसपी का षडयंत्र सफल नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि सतीश मिश्र को इस तरह नजरअंदाज करना ब्राह्मण समाज का अपमान है। बागी विधायकों पर ऐक्शन माया ने कहा कि जिन 7 विधायकों ने एसपी द्वारा खड़े किए गए उद्योगपति उम्मीदवार को समर्थन कर विश्वासघात किया है, उन्हें निलंबित कर दिया गया है। इनमें चौधरी असलम अली, हरगोविंद भार्गव, मोहम्मद मुजतबा सिद्दीकी, हाकिमलाल बिंद, मोहम्मद असलम राईनी, सुषमा पटेल और वंदना सिंह शामिल हैं। इनके दूसरी पार्टी में जाते ही दलबदल कानून के तहत सदस्यता खत्म करने की कार्रवाई की जाएगी। इन्हें बीएसपी चुनाव नहीं लड़ाएगी और इनके खिलाफ इनकी ही जाति और धर्म के लोगों को चुनाव में उतारा जाएगा।


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