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उद्धव सरकार का मराठा छात्रों को तोहफा, EWS कैटेगरी में मिलेगा 10% रिजर्वेशन https://ift.tt/2SM810r

मुंबई मराठा समुदाय के लिए सोमवार को उद्धव सरकार (uddhav government) ने बड़ा ऐलान किया। सरकार ने आर्थिक रूप से कमजोर (EWS) कैटेगरी छात्रों और अभ्यर्थियों को 10% का आरक्षण देने का फैसला लिया है। इसके अलावा, ये मराठा उम्मीदवार सीधी सेवा भर्ती में 10% EWC आरक्षण () का लाभ उठा सकते हैं। इस संबंध में राज्य सरकार की ओर से आदेश जारी कर दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा मराठा आरक्षण रद्द करने के बाद राज्य सरकार मराठा समुदाय को राहत देने की कोशिश कर रही है। सरकार ने फैसला किया था कि जब राज्य में मराठा आरक्षण लागू था तब मराठा समुदाय 10 प्रतिशत ईडब्ल्यूएस आरक्षण का लाभ नहीं उठा सकता था। लेकिन अब जब मराठा आरक्षण रद्द कर दिया गया है, सरकार ने मराठा समुदाय को ईडब्ल्यूएस आरक्षण का लाभ देने का फैसला किया है। सुप्रीम कोर्ट ने खारिज किया था आरक्षण सुप्रीम कोर्ट ने 5 मई, 2021 को मराठा आरक्षण के राज्य सरकार के फैसले को खारिज कर दिया था। शीर्ष अदालत का कहना था कि मराठा रिजर्वेशन के चलते आरक्षण की 50 फीसदी तय सीमा का उल्लंघन होगा। 5 जजों की बेंच ने कहा था कि मराठा समुदाय को आरक्षण के दायरे में लाने के लिए शैक्षणिक और सामाजिक तौर पर पिछड़ा नहीं घोषित किया जा सकता। ईडब्ल्यूएस आरक्षण क्या है? ईडब्ल्यूएस का मतलब आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग है। केंद्र सरकार ने 2019 में ईडब्ल्यूएस वर्ग के लोगों को शिक्षा और नौकरियों में 10 प्रतिशत आरक्षण देने का फैसला किया था। 8 लाख रुपये से कम वार्षिक आय वाले व्यक्ति ईडब्ल्यूएस के तहत शिक्षा और नौकरी में आरक्षण प्राप्त कर सकते हैं। कानून कहता है कि ईडब्ल्यूएस आरक्षण के लिए पात्र व्यक्तियों का पारिवारिक खेती की जमीन पांच एकड़ से अधिक नहीं होना चाहिए। शिवसेना बोली-दिल्ली तक आएगी मराठा आरक्षण की लड़ाई महाराष्ट्र की सत्ताधारी पार्टी शिवसेना ने सोमवार को अपने मुखपत्र सामना में लिखा कि मराठा रिजर्वेशन की लड़ाई दिल्ली में लड़ी जाएगी। सामना के संपादकीय में कहा गया है कि यह जरूरी है कि मराठा आरक्षण के मुद्दे पर दिल्ली का दरवाजा खटखटाया जाए। सामना में पार्टी ने लिखा, 'यह टकराव निर्णायक साबित होगा। विपक्ष की ओर से महाराष्ट्र में अस्थिरता पैदा करने के लिए इस मुद्दे का इस्तेमाल किया जाएगा। ऐसे में उन्हें समय पर रोकने की जरूरत है।'


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उद्धव सरकार का मराठा छात्रों को तोहफा, EWS कैटेगरी में मिलेगा 10% रिजर्वेशन https://ift.tt/2SM810r उद्धव सरकार का मराठा छात्रों को तोहफा, EWS कैटेगरी में मिलेगा 10% रिजर्वेशन
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आजम खान के समर्थकों के लिए अच्छी खबर, सेहत में सुधार, कोरोना रिपोर्ट भी नेगेटिव https://ift.tt/34AgGFX

लखनऊ उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के मेदांता अस्पताल में भर्ती सपा सांसद आजम खान () की सोमवार को कोरोना रिपोर्ट निगेटिव () आ गई। उनकी सेहत में काफी सुधार है। मेदांता हॉस्पिटल (Medanta Hospital) के मेडिकल डायरेक्टर डॉ राकेश कपूर ने बताया कि आजम खान की कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव आई है। विशेष डॉक्टरों की निगरानी में उपचार चल रहा है। बेटे अब्दुल्लाह की रिपोर्ट भी आई नेगेटिव आजम खान के बेटे अब्दुल्लाह की कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आ गई है। वहीं, ऐडवोकेट जफरयाब जिलानी की हालत भी स्थिर है। एक-दो दिन में उन्हें डिस्चार्ज कर दिया जाएगा।


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आजम खान के समर्थकों के लिए अच्छी खबर, सेहत में सुधार, कोरोना रिपोर्ट भी नेगेटिव https://ift.tt/34AgGFX आजम खान के समर्थकों के लिए अच्छी खबर, सेहत में सुधार, कोरोना रिपोर्ट भी नेगेटिव
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5G रेडिएशन से धरती पर कोई नहीं बचेगा.... कोर्ट पहुंचीं जूही चावला, जानें पूरा मामला https://ift.tt/34wrmp0

नई दिल्‍लीदुनियाभर की टेलीकॉम कंपनियां अगले कुछ साल में 5-जी नेटवर्क शुरू करने वाली हैं। यह अलग बात है कि इसकी शुरुआत होने से पहले ही यह टेक्‍नोलॉजी विवादों में घिर गई है। अभिनेत्री व पर्यावरणविद् ने देश में को लागू करने के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट का रुख किया है। अपनी याचिका में उन्‍होंने इससे नागरिकों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ने का मुद्दा उठाया है। अपनी याचिका में जूही ने नागरिकों, जानवरों, पेड़-पौधों और जीवों पर रेडिएशन के प्रभाव से संबंधित मुद्दों को उठाया है। मामला सुनवाई के लिए न्यायमूर्ति सी हरिशंकर के पास आया। उन्‍होंने मामले को दो जून को सुनवाई के लिए इसे दूसरी पीठ के समक्ष स्थानांतरित कर दिया। क्‍या है जूही का कहना? चावला ने अपनी याचिका में कहा कि अगर टेलीकॉम इंडस्‍ट्री की योजनाएं पूरी होती हैं तो धरती पर कोई भी इंसान, जानवर, पक्षी, कीट और पौधा इसके प्रभाव से नहीं बच सकेगा। उन्होंने कहा कि इन 5-जी योजनाओं से मनुष्यों पर गंभीर, अपरिवर्तनीय प्रभाव और पृथ्वी के सभी पारिस्थितिक तंत्रों को स्थायी नुकसान पहुंचने का खतरा है। अधिवक्ता दीपक खोसला के माध्यम से जूही ने यह याचिका दायर की है। इसमें अधिकारियों को यह स्पष्ट करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है कि 5-जी टेक्‍नोलॉजी मानव जाति, पुरुष, महिला, वयस्क, बच्चे, शिशु, जानवरों और हर प्रकार के जीवों, वनस्पतियों के लिए सुरक्षित है। क्‍या है जूही की दलील? जूही ने कहा, हम टेक्‍नोलॉजिकल एडवांसमेंट के खिलाफ नहीं हैं। सच तो यह है कि नए-नए प्रोडक्‍टों को इस्‍तेमाल करना हमें अच्‍छा लगता है। हालांकि, 5-जी टेक्‍नोलॉजी को लेकर असमंजस है। वायरलेस गैजेट और नेटवर्क सेल टावर्स पर हमने अपनी रिसर्च की है। इनसे आरएफ रेडिएशन निकलती है। यह बात को मानने के लिए पर्याप्‍त कारण हैं कि ये लोगों की सेहत के लिए नुकसानदेह हैं। क्‍या है सरकार का पक्ष?वहीं, दूरसंचार मंत्रालय ने कहा कि साइंस और इंजीनियरिंग रिसर्च बोर्ड (SERB) की ओर से मानवों, पशु-पक्षियों, पौधों आद‍ि पर 2जी, 3जी, 4जी, 5जी सेलुलर टेक्‍नोलॉजी के असर को लेकर विशेषरूप से कोई अध्‍ययन नहीं किया गया है।


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केंद्र से तनातनी के बीच बंगाल के मुख्‍य सचिव ने लिया रिटायरमेंट, ममता के सलाहकार बने https://ift.tt/3p862Qw

कोलकाता केंद्र सरकार और मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी के बीच जारी रस्‍साकसी के बाद पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव अलपन बंदोपाध्याय ने सोमवार को रिटायरमेंट ले लिया। 31 मई को ही उनका कार्यकाल समाप्त हो रहा था जो तीन महीनों के लिए बढ़ाया गया था। उन्हें केंद्र सरकार ने वापस बुला लिया था, लेकिन वे नहीं गए। अब ममता बनर्जी ने उन्हें अपना विशेष सलाहकार नियुक्त किया है। वह अगले तीन साल तक इस पद पर रहेंगे। वहीं, अपर मुख्य सचिव गृह एचके द्विवेदी को बंगाल का नया मुख्‍य सचिव बनाया गया है। गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल काडर के 1987 बैच के आईएएस अधिकारी बंदोपाध्याय 60 वर्ष की आयु पूरी करने के बाद 31 मई को रिटायर होने वाले थे। हालांकि, केंद्र से मंजूरी के बाद उन्हें तीन महीने का सेवा विस्तार दिया गया था। सेवा विस्तार दिए जाने के सिर्फ चार दिन बाद ही केंद्र सरकार ने उनकी सेवाएं मांगी। ममता सरकार से कहा गया कि अपने मुख्‍य सचिव को तुरंत कार्यमुक्त करे। तृणमूल कांग्रेस सरकार ने इस कदम को जबरन प्रतिनियुक्ति करार दिया। 31 मई की सुबह केंद्र को रिपोर्ट करना था अलपन बंद्योपाध्याय को 31 मई की सुबह 10 बजे से पहले से केंद्र सरकार को रिपोर्ट करने के लिए कहा गया था। मगर बंदोपाध्याय की जगह मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी की चिट्ठी केंद्र को मिली। ममता ने कहा कि ऐसे मुश्‍किल समय में पश्चिम बंगाल की सरकार अपने मुख्‍य सचिव को कार्यमुक्‍त नहीं कर सकती। दिल्‍ली नहीं जाएंगे अलपन, तानाशाह की तरह व्‍यवहार कर रहे अमित शाह: ममता वहीं, मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी का कहना है- 'मैं अलपन बंदोपाध्याय को बंगाल छोड़ने नहीं दूंगी। वह अब मुख्यमंत्री के मुख्य सलाहकार हैं। अब वह दिल्‍ली नहीं जाएंगे। केंद्र किसी अधिकारी को राज्य सरकार की सहमति के बिना जॉइन करने के लिए बाध्य नहीं कर सकता। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह हिटलर, स्टालिन जैसे तानाशाहों की तरह व्यवहार कर रहे हैं।' इससे पहले ममता ने सोमवार को तूफान से हुए नुकसान को लेकर एक समीक्षा बैठक की। इस दौरान उन्‍होंने कहा मैंने चक्रवात प्रभावित दीघा का दौरा किया है। यहां अलपन बंद्योपाध्याय की जिम्मेदारी है। मछुआरों के मुआवजे के बारे में सोचा जाना चाहिए। बैठक में बंद्योपाध्याय भी मौजूद रहे। केंद्र को लिखे पत्र में ममता बनर्जी ने क्‍या कहा था ? ममता बनर्जी ने पत्र में कहा था-'पश्चिम बंगाल सरकार ऐसी मुश्किल घड़ी में अपने मुख्य सचिव को रिहा नहीं कर सकती और न ही रिहा कर रही है।' बनर्जी ने केंद्र के इस फैसले को वापस लेने, पुनर्विचार करने और आदेश को रद करने का अनुरोध किया। इससे पहले शनिवार को ममता ने कहा था, "उनकी (अलपन बंदोपाध्याय) क्या गलती है? मुख्य सचिव होने के नाते, मेरी सहायता करना उनका कर्तव्य है। उन्हें मेरे खिलाफ बहुत सारी शिकायतें हो सकती हैं और वे अलग-अलग तरीकों से मेरा अपमान कर रहे हैं। मैंने इसे स्वीकार कर लिया है, लेकिन उन्हें (बंदोपाध्याय) क्यों पीड़ित किया जा रहा है? वह ईमानदार हैं और चौबीसों घंटे काम कर रहे हैं।


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केंद्र से तनातनी के बीच बंगाल के मुख्‍य सचिव ने लिया रिटायरमेंट, ममता के सलाहकार बने https://ift.tt/3p862Qw केंद्र से तनातनी के बीच बंगाल के मुख्‍य सचिव ने लिया रिटायरमेंट, ममता के सलाहकार बने
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Central Vista पर विपक्ष ने फैलाया झूठ, केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी बोले- दिखावटी नहीं, जरूरी है यह प्रोजेक्‍ट https://ift.tt/3fBbOqB

नई दिल्ली प्रोजेक्‍ट पर केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने सोमवार को विपक्ष पर निशाना साधा। उन्‍होंने कहा कि इसे लेकर देश में झूठी जानकारी फैलाई गई। एक गलत विमर्श गढ़ा गया। यह कोई 'दिखावटी परियोजना' नहीं बल्कि एक आवश्यकता है। पुरी ने कहा कि नए प्रधानमंत्री आवास के लिए किसी डिजाइन को अंतिम रूप नहीं दिया गया है। सिर्फ दो परियोजनाओं- संसद भवन व सेंट्रल विस्टा एवेन्यू – का काम करीब 1300 करोड़ रुपये की लागत से फिलहाल चल रहा है। विपक्ष पर निशाना साधते हुए केंद्रीय आवास व शहरी मामलों के मंत्री हरदीप पुरी ने कहा कि केंद्रीय परियोजना को लेकर पिछले कुछ महीनों से लगातार झूठा विमर्श गढ़ा जा रहा था। विरासत की सूची में शामिल किसी भी इमारत को 'छुआ' नहीं जाएगा। संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए पुरी ने कहा, 'यह एक व्यर्थ परियोजना नहीं है और इस परियोजना की आवश्यकता है।' सेंट्रल विस्‍टा पर कोर्ट ने दी हरी झंडी दिल्ली हाई कोर्ट ने सोमवार को सेंट्रल विस्टा परियोजना को जारी रखने की मंजूरी देते हुए कहा कि यह 'अहम और आवश्यक' राष्ट्रीय परियोजना है। मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के दौरान परियोजना रोके जाने का अनुरोध करने वाली याचिका खारिज करते हुए कहा कि यह किसी मकसद से ‘प्रेरित’ थी और ‘वास्तविक जनहित याचिका’ नहीं थी। अदालत ने याचिकाकर्ताओं पर एक लाख रुपये जुर्माना लगाया। परियोजना के तहत एक नए संसद भवन और एक नए आवासीय परिसर के निर्माण की परिकल्पना की गई है। इसमें प्रधानमंत्री और उप-राष्ट्रपति के आवास के साथ-साथ कई नए कार्यालय भवन और मंत्रालयों के कार्यालयों के लिए केंद्रीय सचिवालय का निर्माण होना है।


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Central Vista पर विपक्ष ने फैलाया झूठ, केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी बोले- दिखावटी नहीं, जरूरी है यह प्रोजेक्‍ट https://ift.tt/3fBbOqB Central Vista पर विपक्ष ने फैलाया झूठ, केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी बोले- दिखावटी नहीं, जरूरी है यह प्रोजेक्‍ट
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अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, प्रेस के अधिकार को लेकर राजद्रोह कानून की व्याख्या पर गौर करेगा सुप्रीम कोर्ट https://ift.tt/2R7Ui3H

नई दिल्ली सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि राजद्रोह से संबंधित कानून की व्याख्या का ये समय है। अदालत ने तेलगू चैनल के खिलाफ देशद्रोह से संबंधित मामले में दंडात्मक कार्रवाई पर रोक लगाते हुए उक्त टिप्पणी की है। सुप्रीम कोर्ट में दो तेलगु चैनल की ओर से दाखिल याचिका में उनके खिलाफ दर्ज राजद्रोह के केस को रद्द करने की गुहार लगाई गई है। कंटेप्ट की कार्रवाई होनी चाहिएसाथ ही अर्जी में कहा गया कि सुप्रीम कोर्ट ने कोविड मामले में दिए आदेश में केस दर्ज करने और गिरफ्तारी पर रोक लगाई थी और कहा था कि ऐसा करने वालों के खिलाफ कंटेप्ट का केस चलेगा। सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई गई है कि उक्त आदेश के तहत कंटेप्ट की कार्रवाई भी होनी चाहिए। एफआईआर रद्द की जानी चाहिएसुप्रीम कोर्ट में याचिकाकर्ता की ओर से पेश सीनियर वकील सिद्धार्थ लूथरा ने कहा कि एफआईआर रद्द की जानी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली बेंच ने कहा कि पहली नजर में एफआईआर मीडिया के फ्रीडम को दबाने वाला लगता है। ये समय है जब देशद्रोह के लिमिट को तय किया जाए। राजद्रोह को परिभाषित करने की जरुरतअदालत ने कहा कि राजद्रोह की धारा-124 ए और दो समुदाय में नफरत फैलाने वाली धारा 153 ए के स्कोप को परिभाषित करने की जरूरत है। अदालत ने कहा कि मीडिया के फ्रीडम के संदर्भ में इन दोनों धाराओं को परिभाषित करने की जरूरत है। हमारा मत है कि इन दोनों ही धाराओं को व्याख्या करने की आवश्यकता है।


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अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, प्रेस के अधिकार को लेकर राजद्रोह कानून की व्याख्या पर गौर करेगा सुप्रीम कोर्ट https://ift.tt/2R7Ui3H अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, प्रेस के अधिकार को लेकर राजद्रोह कानून की व्याख्या पर गौर करेगा सुप्रीम कोर्ट
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पिछले सात वर्षों में बैंकों से 5000 अरब रुपये की ठगी हुई, कांग्रेस ने पूछा- क्या कर ही है मोदी सरकार https://ift.tt/2RPpMw3

नई दिल्ली कांग्रेस ने भारतीय रिजर्व बैंक की वार्षिक रिपोर्ट का हवाला देते हुए सोमवार को दावा किया कि देश की अर्थव्यवस्था को 5000 अरब डॉलर तक पहुंचाने का सपना दिखाने वाली सरकार के तहत पिछले सात वर्षों में बैंकों से 5000 अरब रुपये (पांच लाख करोड़ रुपये) की ठगी की गई। कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने यह सवाल भी किया कि केंद्र सरकार बैंकों से जालसाजी को रोकने में क्यों विफल रही और ठगी की रकम की वसूली के लिए वह क्या कदम उठा रही है? बैंक ठगी के मामलों में 2014-2015 के बाद तेजी से बढ़ोतरी उन्होंने डिजिटल संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘हाल ही में रिजर्व बैंक ने 2020-2021 के लिए अपनी रिपोर्ट जारी की है। इसमें अर्थव्यवस्था की मौजूदा स्थिति को लेकर कई चौंकाने वाले आंकड़े वाले हैं। इनमें बैंकों से ठगी से जुड़े आंकड़े भी हैं।’’ कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘ बैंक ठगी के मामलों में 2014-2015 के बाद तेज वृद्धि हुई है। अकेले 2020-21 में 1.38 लाख करोड़ रुपये की ठगी की गई। 2014-15 के मुकाबले ठगी की राशि 2014-15 एव 2019-20 के बीच 57 फीसदी की दर से बढ़ी।’’ 7 वर्षों में बैंकों से करीब 500 अरब रुपये की ठगी उन्होंने दावा किया कि अर्थव्यवस्था को पांच हजार अरब डॉलर तक पहुंचाने का सपना दिखाने वाली नरेंद्र मोदी सरकार यह कर नहीं पाई, लेकिन उसके शासन में सात वर्षों में बैंकों से करीब 500 अरब रुपये की ठगी की गई है। कांग्रेस प्रवक्ता ने सवाल किया, ‘‘पिछले सात वर्षों में मोदी सरकार बैंकों के साथ ठगी रोकने में विफल क्यों हो गई? ठगी के सभी मामलों में रकम को वापस हासिल करने के लिए सरकार क्या कर रही है? गरीब परिवारों को की जा सकती है मदद कांग्रेस ने पूछा कि बैंकिंग व्यवस्था को कमजोर करने ठगों से अब तक कितना पैसा अभी तक वसूला गया? वल्लभ ने कहा, ‘‘अगर यह राशि वसूल ली जाए तो गरीब परिवारों को सालाना 72000 रुपये की मदद दी जा सकती है। देश में 500 एम्स खोले जा सकते हैं। आम लोगों को आयकर में बड़ी राहत मिल सकती है।’’


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'मन की बात' में PM मोदी का दिल जीतने वाले जौनपुर के दिनेश कौन हैं? https://ift.tt/2R8PKu0

नीलेश सिंह, जौनपुर देश के ने में जौनपुर के रहने वाले का जिक्र किया। यही नहीं मोदी ने मन की बात में दिनेश से सीधे बात भी की। अब लोग जानना चाहते हैं कि आखिर दिनेश प्रकाश उपाध्याय कौन हैं? बता दें कि दिनेश प्रकाश उपाध्याय जौनपुर जिले के जमुआ गांव हसनपुर सिकरारा के रहने वाले हैं। बाबू नाथ उपाध्याय कि चार संतानों में दूसरे बेटे दिनेश प्रकाश उपाध्याय हैं। दिनेश प्रकाश उपाध्याय की पत्नी निर्मला देवी गांव में गृहणी हैं। इनके तीन बच्चे बेटा आर्यन उपाध्याय (20) बीकाम का छात्र है, सोनिया उपाध्याय (16) दसवीं कक्षा कि छात्रा है और तीसरी बेटी श्रेया उपाध्याय नौवीं कक्षा में पढ़ती है। दिनेश प्रकाश उपाध्याय 14 साल पहले आजीविका के लिए शहर गए तो उन्हें ऑक्सिजन टैंकर चलाने के लिए मिला। कोरोना महामारी के दौरान उन्होंने अनेक हॉस्पिटलों में ऑक्सिजन पहुंचा कर अनेक लोगों की जान बचाई। इसी के चलते दिनेश का जिक्र पीएम मोदी ने मन की बात में की थी। बेहद ही मध्यम परिवार से ताल्लुक रखते हैं दिनेश जिले के पिछड़े इलाके और बेहद ही मध्यम परिवार से ताल्लुक रखने वाले दिनेश कुमार उपाध्याय से जब देश के प्रधानमंत्री ने बात कि तो पूरा परिवार गर्व कर रहा है। करीब पांच मिनट की वार्ता में प्रधानमंत्री ने दिनेश के काम को सराहा, हौसला बढ़ाया और इससे दूसरों को प्रेरणा लेने की बात कही। पीएम मोदी से बात करने पर दिनेश का कहना है कि उन्हें अपने काम का इनाम मिल गया है। दिनेश ने बताया कि वह पिछले 15-17 वर्षों से टैंकर चला रहे हैं। पहले उनके काम को कोई महत्व नहीं मिलता था। लोग सामान्य रूप से चालकों जैसा व्यवहार करते थे। जाम में घंटों खड़ा रहना होता था। अब लोग उन्हें महत्व देते हैं। किसी भी योजना का नहीं मिला लाभ: दिनेश वहीं, दिनेश प्रकाश उपाध्याय ने बताया कि न ही उन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ मिला है और न ही शौचालय मिला है। 15 हजार रुपये में परिवार का खर्च चलाते हैं और उनके नाम जमीन भी ज्यादा नहीं है।


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'मन की बात' में PM मोदी का दिल जीतने वाले जौनपुर के दिनेश कौन हैं? https://ift.tt/2R8PKu0 'मन की बात' में PM मोदी का दिल जीतने वाले जौनपुर के दिनेश कौन हैं?
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ब्लॉगः भारत के राष्ट्रीय हित और राष्ट्रीय कानून से ऊपर नहीं है सोशल मीडिया https://ift.tt/eA8V8J

सोशल मीडिया 20वीं सदी के अंत में अस्तित्व में आया और 21वीं सदी की शुरुआत में बिना निगरानी वाला व्यापक जनसंचार माध्यम बन गया। अखबार जैसे पारंपरिक मीडिया प्लैटफॉर्म के उलट यहां कोई 'संपादक' नहीं होता, जो तय करे कि क्या चीज प्रकाशित की जाए और क्या नहीं। संपादक परंपरागत रूप से न सिर्फ निगरानी रखते हैं, बल्कि अपने प्लैटफॉर्म पर किसी शख्स द्वारा लिखी बातों के लिए कानूनी तौर पर जिम्मेदार भी होते हैं।

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ब्लॉगः भारत के राष्ट्रीय हित और राष्ट्रीय कानून से ऊपर नहीं है सोशल मीडिया https://ift.tt/eA8V8J ब्लॉगः भारत के राष्ट्रीय हित और राष्ट्रीय कानून से ऊपर नहीं है सोशल मीडिया
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ब्लॉगः लॉकडाउन से फिर बढ़ाया रोजगार संकट, अप्रैल में 70 लाख लोगों का काम-धंधा छिना https://ift.tt/eA8V8J

पिछले दिनों बरेली के बारादरी इलाके में एक रिटायर्ड पुलिसकर्मी के जवान बेटे ने खुदकुशी कर ली। बेरोजगारी के चलते वह डिप्रेशन में चला गया था। उज्जैन के नागझिरी में भी ऐसा ही वाकया हुआ। वहां भी लॉकडाउन की वजह से एक युवक का रोजगार छिन गया था और उसने खुदकुशी कर ली। नोएडा के सेक्टर 66 में भी यही कहानी दोहराई गई। मुंबई स्थित थिंक टैंक सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनमी (सीएमआईई) के मुताबिक मई में एक करोड़ लोगों की नौकरी पर कैंची चली है।

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ब्लॉगः लॉकडाउन से फिर बढ़ाया रोजगार संकट, अप्रैल में 70 लाख लोगों का काम-धंधा छिना https://ift.tt/eA8V8J ब्लॉगः लॉकडाउन से फिर बढ़ाया रोजगार संकट, अप्रैल में 70 लाख लोगों का काम-धंधा छिना
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31 मईः 100 साल पहले आज ही के दिन कांग्रेस के झंडे को मिली थी मान्यता https://ift.tt/2Tlu7qY

नई दिल्ली यूं तो साल के सभी दिन महत्वपूर्ण होते हैं और हर दिन किसी न किसी वजह से इतिहास के पन्नों में दर्ज है। आज साल के 5वें महीने का अंतिम दिन है और यह भी बहुत सी घटनाओं के साथ इतिहास में दर्ज है। इनमें सबसे महत्वपूर्ण घटना भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के झंडे को अंगीकार किया जाना है। 1921 में गांधीजी ने 31 मई के दिन ही भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के ध्वज को स्वीकृत और संशोधित किया। यह मूल रूप से आंध्र प्रदेश के एक व्यक्ति ने डिजाइन किया गया था, जिसमें हिंदू और मुस्लिम समुदायों का प्रतिनिधित्व करने वाले लाल और हरे रंग की पट्टियों को स्थान दिया गया था। वर्ष 1921 में बेजवाड़ा (अब विजयवाड़ा) में आयोजित अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सत्र के दौरान आंध्र प्रदेश के एक युवक ने एक झंडा बनाया और गांधी जी को दिया। यह दो रंगों का बना था। लाल और हरा रंग जो दो प्रमुख समुदायों अर्थात हिन्दू और मुस्लिम का प्रतिनिधित्व करता है। गांधी जी ने सुझाव दिया कि भारत के शेष समुदाय का प्रतिनिधित्व करने के लिए इसमें एक सफेद पट्टी और राष्ट्र की प्रगति का संकेत देने के लिए एक चलता हुआ चरखा होना चाहिए। देश दुनिया के इतिहास में 31 मई की तारीख में दर्ज अन्य महत्वपूर्ण घटनाओं का सिलसिलेवार ब्यौरा इस प्रकार है:- 1577 : मुगल सम्राट जहांगीर की पत्नी नूरजहां का जन्म। 1727 : फ्रांस, ब्रिटेन और नीदरलैंड ने पेरिस संधि पर हस्ताक्षर किए। 1759 : अमेरिका के उत्तर पूर्वी प्रांत पेंसिलवेनिया में थियेटर के सभी कार्यक्रमों पर प्रतिबंध लगाया गया। 1878 : जर्मनी का युद्धपोत एसएमएस ग्रोसर करफर्स्ट के डूबने से 284 लोगों की मौत। 1889 : अमेरिका के पेंसिलवेनिया स्थित जांसटाउन में भीषण बाढ़ से 2200 से अधिक लोगों की मौत। 1900 : लार्ड राबर्टस के नेतृत्व में ब्रिटिश सैनिकों ने जोहान्सबर्ग पर कब्जा किया। 1907 : अमेरिका के न्यूयार्क शहर में पहली टैक्सी सेवा शुरू। 1921 : भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के झंडे को अंगीकार किया गया। 1935 : पाकिस्तान के क्वेटा शहर में भीषण भूकंप से 50 हजार से अधिक लोगों की मौत। 1959 :बौद्ध धर्म गुरु दलाई लामा को तिब्बत से निर्वासन के बाद भारत में शरण दी गई। 1966 : दक्षिणी वियतनाम के शासन के विरोध में ह्यू शहर में वियतनाम की बौद्ध युवती ने खुद को आग लगाकर जान दे दी। आग की लपटों से घिरी युवती की तस्वीर ने दुनियाभर में तहलका मचा दिया। बौद्ध समुदाय सैन्य सरकार की अगुवाई करने वाले प्रधानमंत्री का इस्तीफ़ा मांग रहा था। 1977 : भारतीय सेना के एक दल ने पहली बार विश्व के तीसरे सबसे ऊंचे पर्वत शिखर कंचनजंगा पर चढ़ाई की। 2008 : विश्व के सबसे तेज धावक उसैन बोल्ट ने 100 मीटर दौड़ 9.72 सेकंड में पूरी कर विश्व रिकार्ड बनाया।


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31 मईः 100 साल पहले आज ही के दिन कांग्रेस के झंडे को मिली थी मान्यता https://ift.tt/2Tlu7qY 31 मईः 100 साल पहले आज ही के दिन कांग्रेस के झंडे को मिली थी मान्यता
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दो दिन की देरी से आएगा मॉनसून, IMD की भविष्यवाणी, अब 3 जून तक पहुंचने का अनुमान https://ift.tt/3vGtiYk

नई दिल्ली देश में मॉनसून के दस्‍तक देने का इंतजार है। लेकिन, इसमें थोड़ा और वक्‍त लगेगा। केरल में मॉनसून के आगमन में दो दिन की देरी हो सकती है। राज्य में अब इसके 3 जून तक पहुंचने का अनुमान है। (IMD) ने रविवार को यह जानकारी दी। मौसम विभाग के महानिदेशक एम महापात्रा ने कहा कि कर्नाटक तट पर 'साइक्‍लोनिक सर्कुलेशन' के चलते दक्षिण-पश्चिम मॉनसून की चाल प्रभावित हुई है। विभाग ने कहा, 'एक जून से धीरे-धीरे जोर पकड़ सकती हैं। इसके चलते केरल में वर्षा संबंधी गतिविधि में तेजी आ सकती है। लिहाजा केरल में तीन जून के आसपास मॉनसून के पहुंचने की उम्मीद है।' विभाग के अनुसार निम्न स्तरीय दक्षिण-पश्चिमी हवाओं के जोर पकड़ने के चलते वर्षा संबंधी गतिविधियां तेज होंगी। इसके साथ ही अगले पांच दिन के दौरान पूर्वोत्तर राज्यों में कुछ स्थानों में भारी बारिश होने का अनुमान है। केरल में सामान्य रूप से एक जून को मॉनसून दस्तक दे देता है। इसके साथ ही देश में चार महीने तक चलने वाली वर्षा ऋतु शुरू हो जाती है। मौसम विभाग ने इस महीने की शुरुआत में केरल में 31 मई को मॉनसून के दस्तक देने का अनुमान जताया था। इस साल मॉनसून के सामान्य रहने का अनुमान है। दिल्‍ली में मॉनसून कब तक?पिछले महीने, निजी मौसम पूर्वानुमान एजेंसी स्‍काईमेट वेदर ने कहा था कि दिल्‍ली में जून के आखिर तक मॉनसून पहुंच सकता है। सितंबर के महीने में दिल्‍ली में अच्‍छी-खासी बारिश हो सकती है। हालांकि बाकी सीजन के दौरान बारिश में '10-15% की कमी' का अनुमान है। पिछले साल मॉनसून 30 सितंबर को गया था और बारिश 20% कम रही थी।


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दो दिन की देरी से आएगा मॉनसून, IMD की भविष्यवाणी, अब 3 जून तक पहुंचने का अनुमान https://ift.tt/3vGtiYk दो दिन की देरी से आएगा मॉनसून, IMD की भविष्यवाणी, अब 3 जून तक पहुंचने का अनुमान
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यूपी में कोरोना के बीच 21 कैदियों ने पैरोल लेने से किया इनकार, कहा- जेल में हैं ज्यादा 'सेफ' https://ift.tt/3fz3nvR

लखनऊ यूपी में कोरोना संक्रमण के बीच यहां की जेलों में बंद कैदी अपने आप को ज्यादा सुरक्षित समझते हैं। दरअसल प्रदेश की अलग-अलग जेलों में बंद लगभग 21 कैदियों ने जेल के अंदर सुरक्षित महसूस करने के कारण पैरोल लेने से इनकार कर दिया है। यूपी डीजी जेल, आनंद कुमार ने पत्रकारों से कहा कि राज्य की नौ जेलों में 21 दोषियों ने अपने जिलों में कोविड के डर का हवाला देते हुए पैरोल से इनकार कर दिया है और कहा है कि राज्य की जेलों में उनके साथ बेहतर व्यवहार किया जा रहा है। यूपी डीजी जेल ने कहा कि हम जेलों में पूर्ण कोविड प्रोटोकॉल का पालन कर रहे हैं और प्रत्येक कैदी का पूरा ख्याल रख रहे हैं। दरअसल इस महीने की शुरूआत में, यूपी जेल विभाग ने दूसरी लहर के दौरान कोविड संक्रमण के मद्देनजर राज्य की जेलों में भीड़भाड़ को कम करने के लिए सुप्रीम कोर्ट के निदेर्शों का पालन करते हुए विचाराधीन कैदियों और दोषियों को जमानत और पैरोल पर रिहा करना शुरू कर दिया था। यूपी की जेलों ने अब तक 10,123 ट्रायल के तहत और दोषियों को सुप्रीम कोर्ट के निदेर्शों के तहत जमानत और पैरोल पर रिहा किया है। गाजियाबाद जिला जेल से सबसे ज्यादा कैदी रिहा इसके अलावा 8,463 विचाराधीन कैदियों को अंतरिम जमानत पर रिहा किया गया, जबकि 1,660 दोषियों को 60 दिनों की पैरोल दी गई। सबसे ज्यादा 703 विचाराधीन कैदी गाजियाबाद जिला जेल से जमानत पर रिहा हुए हैं, जबकि सबसे ज्यादा कैदियों (78) को कानपुर जिला जेल से पैरोल दी गई है।


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यूपी में कोरोना के बीच 21 कैदियों ने पैरोल लेने से किया इनकार, कहा- जेल में हैं ज्यादा 'सेफ' https://ift.tt/3fz3nvR यूपी में कोरोना के बीच 21 कैदियों ने पैरोल लेने से किया इनकार, कहा- जेल में हैं ज्यादा 'सेफ'
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'बंगाल के मुख्य सचिव को वापस बुला सकता है केंद्र, पर इनकार कर सकती हैं ममता' https://ift.tt/3i5PUNM

कोलकाता पूर्व शीर्ष नौकरशाहों और कानून के जानकारों का मानना है कि केंद्र सरकार के लिए पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव अलपन बंद्योपाध्याय को सेवानिवृत्त होने के दिन दिल्ली बुलाने के अपने आदेश का पालन कराना मुश्किल हो सकता है। क्योंकि राज्य सरकार अपने अधिकारों का प्रयोग करते हुए उन्हें कार्यमुक्त करने से इनकार कर सकती है। दरअसल केंद्र ने बंद्योपाध्याय को दिल्ली बुलाने का आदेश चक्रवाती तूफान पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की बैठक को मुख्यमंत्री की ओर से महज 15 मिनट में निपटाने से पैदा विवाद के कुछ घंटों के बाद दिया। इससे कुछ दिन पहले राज्य में कोविड-19 महामारी से निपटने में मदद के लिए बंद्योपाध्याय का कार्यकाल तीन महीने के लिए बढ़ाने का केंद्रीय आदेश जारी किया गया था। भारत सरकार के पूर्व सचिव जवाहर सरकार ने कहा कि राज्य सरकार ऐसे तबादलों को कंट्रोल करने वाले अखिल भारतीय सेवा नियमावली को विनम्रता से जवाब दे सकती है। उन्होंने कहा कि केंद्र के लिए एकतरफा तरीके से आईएएस या आईपीएस अधिकारी का तबादला करना मुश्किल है, जो उसके नियंत्रण में नहीं है बल्कि संघ के भीतर दूसरे सरकार के अधीन है। केंद्र के फैसले को प्रभावी कर सकती है राज्य सरकार अखिल भारतीय सेवा के अधिकरियों की प्रतिनियुक्ति के नियम 6 (1) के तहत किसी राज्य के काडर के अधिकारी की प्रतिनियुक्ति केंद्र या अन्य राज्य या सार्वजनिक उपक्रम में संबंधित राज्य की सहमति से की जा सकती है। भारतीय प्रशासनिक सेना (काडर) नियम-1954 के तहत, कोई असहमति होने पर मामले पर निर्णय केंद्र सरकार और राज्य सरकार कर सकती है या संबंधित राज्य सरकार केंद्र सरकार के फैसले को प्रभावी कर सकती है। केंद्र सरकार ने नहीं ली किसी की सहमति सरकार ने कहा, हालांकि, समस्या केंद्र सरकार के लिए यह है कि उसने न तो पश्चिम बंगाल सरकार की और न ही बंद्योपाध्याय की सहमति ली जो ऐसे तबादलों में आवश्यक मानी जाती है। जवाहर सरकार ने कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण या हाईकोर्ट के जरिये कानूनी रास्ता भी अपना सकती है। हालांकि, माना जा रहा है कि केंद्र ने दोनों मंचों पर कैविएट दाखिल किया है। यह वह तरीका है जिसमें सामान्य समझ महत्व रखता है। वरिष्ठ अधिवक्ता अरुणाभ घोष ने कहा कि अगर मुख्यमंत्री तत्काल अधिकारी को कार्यमुक्त नहीं करने का फैसला करती हैं तो कानूनी जटिलताएं पैदा हो जाएंगी। घोष ने कहा कि मुख्य सचिव सीधे मुख्यमंत्री के नियंत्रण में है।


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'बंगाल के मुख्य सचिव को वापस बुला सकता है केंद्र, पर इनकार कर सकती हैं ममता' https://ift.tt/3i5PUNM 'बंगाल के मुख्य सचिव को वापस बुला सकता है केंद्र, पर इनकार कर सकती हैं ममता'
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'पहली लहर के खिलाफ हौसले से लड़े, अब दूसरी लहर से भी जीतेंगे', मन की बात में बोले पीएम मोदी https://ift.tt/2RZKKIm

नई दिल्ली पीएम नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि देश ने कोविड-19 की पहली लहर के खिलाफ पूरे हौसले से लड़ाई लड़ी थी और अब दूसरी लहर में भी वह मजबूती से उसका मुकाबला कर रहा है। मास्क, उचित दूरी का पालन और टीकाकरण को बचाव का सही उपाय बताते हुए उन्होंने विश्वास जताया कि भारत इस बार भी महामारी पर विजय हासिल करेगा। अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम '' की 77वीं कड़ी में प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत जहां लड़ रहा है वहीं हाल के दिनों में उसे विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं का भी सामना करना पड़ा है और भारत ने सामूहिक शक्ति से उसका भी डटकर मुकाबला किया। 'पहले की तुलना में अब हम ज्यादा लोगों की जान बचा पा रहे' उन्होंने कहा, 'अभी-अभी पिछले 10 दिनों में ही देश ने, फिर दो बड़े चक्रवातों का सामना किया पश्चिमी तट पर चक्रवात ताउते और पूर्वी तट पर चक्रवात यास आया। इन दोनों चक्रवातों ने कई राज्यों को प्रभावित किया। देश और देश की जनता इनसे पूरी ताक़त से लड़ी और कम से कम जनहानि सुनिश्चित की।' उन्होंने कहा, 'हम अब ये अनुभव करते हैं कि पहले के वर्षों की तुलना में, ज़्यादा से ज़्यादा लोगों की जान बचा पा रहे हैं।' विभिन्न आपदाओं में जान गंवाने वालों को पीएम ने श्रद्धांजलि दी विपदा की इस कठिन और असाधारण परिस्थिति का साहस, धैर्य और अनुशासन के साथ मुकाबला करने के लिए उन्होंने चक्रवात से प्रभावित हुए सभी राज्यों के लोगों की जमकर सराहना की। उन्होंने कहा, 'केंद्र, राज्य सरकारें और स्थानीय प्रशासन सभी, एक साथ मिलकर इस आपदा का सामना करने में जुटे हुए हैं।' प्रधानमंत्री ने कोरोना महामारी के साथ ही आपदा की विभिन्न घटनाओं में जान गंवाने वालों के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा इस मुश्किल घड़ी में सरकार उन लोगों के साथ मज़बूती से खड़ी है जिन्होंने नुक़सान झेला है। हमारे यहां तरल ऑक्सीजन का उत्पादन 10 गुना बढ़ा कोविड महामारी की दूसरी लहर में देश के विभिन्न भागों में ऑक्सीजन की कमी का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने सरकार की ओर से इस कमी को पूरा करने के लिए उठाए गए कदमों का जिक्र और इसमें योगदान वाले योद्धओं से बात भी की और उनके अनुभव सुने। उन्होंने कहा, 'आप अंदाज़ा लगा सकते हैं, सामान्य दिनों में हमारे यहां एक दिन में 900 मीट्रिक टन तरल चिकित्सीय ऑक्सीजन का उत्पादन होता था लेकिन अब यह 10 गुना से भी ज्यादा बढ़कर, करीब-करीब 9500 मीट्रिक टन प्रतिदिन उत्पादित किया जा रहा है।' अब एक दिन में कोरोना के 20 लाख से ज्यादा टेस्ट हो रहे उन्होंने कहा कि कोविड-19 की शुरुआत में देश में कोरोना वायरस संक्रमण की जांच के लिये केवल एक ही प्रयोगशाला थी जो आज बढ़कर 2500 से ज्यादा हो गई हैं। उन्होंने कहा, 'शुरू में कुछ सौ जांच एक दिन में हो पाती थीं, अब 20 लाख से ज्यादा जांच एक दिन में होने लगी हैं। अब तक देश में 33 करोड़ से ज्यादा नमूनों की जांच की जा चुकी है।' प्रधानमंत्री ने इस दौरान ऑक्सीजन टैंकर के माध्यम से ऑक्सीजन की आपूर्ति करने वाले उत्तर प्रदेश के जौनपुर के रहने वाले दिनेश बाबूलाल उपाध्याय, ऑक्सीजन एक्सप्रेस लोको पायलट शिरिषा गजनी और हवाई मार्ग से विदेशों से भारत में ऑक्सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित करने में योगदान देने वाले वायु सेना के ग्रुप कैप्टन पटनायक से संवाद किया।


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'पहली लहर के खिलाफ हौसले से लड़े, अब दूसरी लहर से भी जीतेंगे', मन की बात में बोले पीएम मोदी https://ift.tt/2RZKKIm 'पहली लहर के खिलाफ हौसले से लड़े, अब दूसरी लहर से भी जीतेंगे', मन की बात में बोले पीएम मोदी
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'हम साधक हैं, वे बाधक हैं',कोरोना को लेकर BJP चीफ जेपी नड्डा का विपक्ष पर निशाना https://ift.tt/3c5krY7

नई दिल्ली ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र की राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) सरकार के 7 साल पूरा होने पर दावा किया कि इस दौरान ना सिर्फ देश का आत्मविश्वास जागा बल्कि गांव के गरीबों ओर वंचितों को पहली बार एहसास हुआ कि केंद्र में उनकी अपनी सरकार है। वहीं, कोरोना संकट काल का जिक्र करते हुए जेपी नड्डा ने विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए कहा कि हम साधक हैं और वे बाधक हैं। 'दूसरे राजनीतिक दल होम क्वारंटीन हो गए या आइसोलेशन में चले गए' जेपी नड्डा ने आगे कहा- 'मैं आज के दिन कोई राजनीति करूं ये अच्छी बात नहीं है, हम सेवा कार्य में जुटे हैं, लेकिन कौन लोग हैं जिन्होंने भारत के मोरल को गिराने का काम किया। कौन लोग हैं जिन्होंने कोरोना के बारे में हमेशा गैरजिम्मेदार बयान दिए। कभी कहा कि लॉकडाउन क्यों लगाया , जब उठाया तो कहा कि क्यों उठाया। जब मैं इसकी बात करता हूं तो मुझे दिखता है कि कितना फर्क है आज हमारे कार्यकर्ता गली मोहल्लों में जाकर काम कर रहे हैं, दूसरी ओर सारे राजनीतिक दल या तो होम क्वारंटीन हो गए हैं, या आइसोलेशन में चले गए हैं, कहीं दिखते नहीं हैं। सिर्फ ट्विटर पर या कहीं टीवी पर, यही उनका लक्ष्य रह गया है।' 'आज के दिन को के तौर पर मनाएगी' इससे पहले जेपी नड्डा ने सिलसिलेवार ट्वीट कर प्रधानमंत्री मोदी और 'NDA परिवार' को बधाई और शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि बीजेपी आज के दिन को 'सेवा दिवस' के रूप में मनाएगी और इस दौरान उसके कार्यकर्ता एक लाख गांवों में सेवा कार्य करेंगे। उन्होंने कहा, 'प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में देशवासियों ने चुनौतियों का डटकर सामना किया। उनके मार्गदर्शन में भारत का आत्मविश्वास जागा, आत्मनिर्भर भारत की राह बनी है और देश के गांव, गरीब, किसान, दलित, पीड़ित व वंचित को पहली बार यह अहसास हुआ है कि केंद्र में उनकी अपनी सरकार है।' BJP के लिए सेवा ही संगठन बीजेपी चीफ नड्डा ने कहा कि कोरोना काल में भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हर भारतीय की चिंता करते हुए तुरंत राहत पैकेज घोषित किए। उन्होंने कहा कि सरकारी तंत्र, संगठन व सभी से जरूरतमंदों की मदद करने के प्रधानमंत्री के आह्वान पर BJP ने 'सेवा ही संगठन' के मंत्र को आत्मसात किया और संकट काल में करोड़ों लोगों तक मदद पहुंचाई।


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'हम साधक हैं, वे बाधक हैं',कोरोना को लेकर BJP चीफ जेपी नड्डा का विपक्ष पर निशाना https://ift.tt/3c5krY7 'हम साधक हैं, वे बाधक हैं',कोरोना को लेकर BJP चीफ जेपी नड्डा का विपक्ष पर निशाना
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होटलों के साथ कोरोना वैक्सीन पैकेज दे रहे अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई हो, केंद्र सरकार ने राज्यों से कहा https://ift.tt/2SGmURU

नई दिल्ली देश कोरोना की दूसरी लहर से जूझ रहा है। कोरोना के खिलाफ जंग में इस समय वैक्सीन ही सबसे बड़ा हथियार है। ऐसे में केंद्र सरकार ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से उन संस्थानों के खिलाफ कानूनी या प्रशासनिक कार्रवाई करने को कहा है जो तय दिशानिर्देशों का उल्लंघन करते हुए होटलों के साथ साझेदारी में कोविड टीकाकरण का पैकेज दे रहे हैं। होटलों में टीकाकरण पैकेज नियमों के खिलाफ स्वास्थ्य मंत्रालय के पर सचिव मनोहर अगनानी ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को लिखे पत्र में कहा कि मंत्रालय के संज्ञान में आया है कि कुछ निजी अस्पताल कुछ होटलों के साथ मिलकर कोविड टीकाकरण के लिए पैकेज दे रहे हैं जो राष्ट्रीय कोविड टीकाकरण कार्यक्रम के लिए जारी दिशानिर्देशों के खिलाफ है। होटलों में टीकाकरण को तत्काल रोका जाए पत्र में अगनानी ने लिखा कि सरकारी कोविड टीकाकरण केंद्र और निजी कोविड टीकाकरण केंद्र, कार्यस्थल, बुजुर्गों और दिव्यांगों के लिए घर के पास कोविड टीकाकरण केंद्र के अलावा राष्ट्रीय कोविड टीकाकरण कार्यक्रम के तहत और किसी स्थान पर टीकाकरण नहीं किया जा सकता। इसलिए होटलों में टीकाकरण दिशानिर्देशों के खिलाफ है और इसे तत्काल रोका जाए।


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होटलों के साथ कोरोना वैक्सीन पैकेज दे रहे अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई हो, केंद्र सरकार ने राज्यों से कहा https://ift.tt/2SGmURU होटलों के साथ कोरोना वैक्सीन पैकेज दे रहे अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई हो, केंद्र सरकार ने राज्यों से कहा
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कोरोना में सेंट्रल विस्टा का काम रुकेगा या चलता रहेगा? दिल्ली हाईकोर्ट कल सुनाएगी फैसला https://ift.tt/3uyf5eC

नई दिल्ली दिल्ली हाईकोर्ट सोमवार को फैसला करेगा कि वर्तमान में जारी कोविड महामारी के दौरान सेंट्रल विस्टा परियोजना के काम को जारी रखने की अनुमति दी जाए या नहीं। कोविड-19 महामारी के दौरान चल रहे निर्माण कार्य को निलंबित करने की याचिका पर चीफ जस्टिस डी एन पटेल और जस्टिस ज्योति सिंह की पीठ ने सुनवाई की है। पीठ ने इस पर अपना फैसला देने के लिए 31 मई की तारीख तय की है। उच्च न्यायालय की वाद सूची शनिवार को सामने आई। अदालत ने अनुवादक अन्या मल्होत्रा और इतिहासकार और वृत्तचित्र फिल्म निर्माता सोहेल हाशमी की संयुक्त याचिका पर 17 मई को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। दोनों ने अपनी याचिका में तर्क दिया था कि परियोजना एक आवश्यक कार्य नहीं है और इसे कुछ समय के लिए रोका जा सकता है। दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर कर कहा गया था कि कोरोना के दौर में किसी भी ऐसे प्रोजेक्ट को आगे बढ़ने की मंजूरी नहीं मिलनी चाहिए। याचिका में दलील दी गई थी की कोरोना महामारी के दौरान एक परियोजना की वजह से कई लोगों की जान खतरे में पड़ सकती है। दूसरी तरफ सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने उस याचिका को ही खारिज करने की मांग कर की थी। उनका कहना था कि इस प्रोजेक्ट पर काम करने के दौरान सभी कोरोना प्रोटोकॉल्स का पालन किया जा रहा है। वहीं उन्होंने याचिकाकर्ता की नीयत पर सवाल उठाते हुए कहा था कि जनहित बहुत ही सिलेक्टिव है। मेहता ने कहा कि थी उन्हें दूसरे प्रोजेक्ट पर काम कर रहे मजदूरों की कोई परवाह नहीं है, जो शायद इससे 2 किलोमीटर दूरी पर ही चल रहे हैं।


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कोरोना में सेंट्रल विस्टा का काम रुकेगा या चलता रहेगा? दिल्ली हाईकोर्ट कल सुनाएगी फैसला https://ift.tt/3uyf5eC कोरोना में सेंट्रल विस्टा का काम रुकेगा या चलता रहेगा? दिल्ली हाईकोर्ट कल सुनाएगी फैसला
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मोदी सरकार के 7 साल पूरेः रक्तदान, कोविड किट वितरण, वैक्सीन पर जागरूकता... आज बीजेपी का 'सेवा दिवस' https://ift.tt/3i52rRA

नई दिल्ली केंद्र में के आज दो साल पूरे हो गए हैं। वहीं, अगर 2014 से जोड़ें तो केंद्र में मोदी सरकार ने 7 साल पूरे कर लिए हैं। इस मौके पर बीजेपी ने आज के दिन को सेवा दिवस के तौर पर मनाने का निर्णय किया है। बीजेपी चीफ जेपी नड्डा ने कहा- मोदी जी के नेतृत्व में हम आज के दिन को सेवा दिवस के रूप में मनाएंगे। हमारे करोड़ों कार्यकर्ता आज 1 लाख गांवों में सेवा कार्य करेंगे। जानकारी के मुताबिक, इस सेवा दिवस अभियान में बीजेपी के सांसद, विधायक, मंत्री और कार्यकर्ता शामिल होंगे। जेपी नड्डा ने पीएम मोदी को दी बधाई बीजेपी चीफ जेपी नड्डा ने पूरे होने पर ट्वीट किया- 'आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की सरकार के 7 वर्ष पूर्ण होने पर मोदी जी को हार्दिक बधाई और समस्त NDA परिवार को शुभकामनाएं। मोदी जी के नेतृत्व में हम आज के दिन को सेवा दिवस के रूप में मनाएंगे। हमारे करोड़ों कार्यकर्ता आज 1 लाख गाँवों में सेवा कार्य करेंगे।' कोविड राहत सामग्री वितरण की शुरूआत करेंगे बीजेपी अध्यक्ष बीजेपी की ओर से शनिवार 29 मई को किए गए एक ट्वीट में बताया गया कि बीजेपी चीफ जेपी नड्डा 30 मई रविवार को सेवा ही संगठन 2 अभियान के तहत वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए दोपहर एक बजे दिल्ली के लिए कोविड राहत सामग्री के वितरण की शुरुआत करेंगे। इसके अलावा शाम को 4.30 बजे जेपी नड्डा मोदी सरकार 2.0 के दो साल पूरे होने पर हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर विधानसभा में त्रिदेव सम्मेलन को सम्बोधित करेंगे। कोरोना के नाते बीजेपी नहीं मनाएगी कोई समारोह देश इस समय कोरोना महामारी की दूसरी लहर के प्रकोप से जूझ रहा है। ऐसे में बीजेपी ने मोदी सरकार के सात साल पूरे होने पर किसी तरह का कोई समारोह नहीं मनाने का फैसला किया बल्कि आज के दिन को सेवा दिवस के तौर पर पूरे देश में मनाएगी। एक लाख गांव तक पहुंचने के लिए केंद्रीय नेताओं से ले कर बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं की अलग-अलग जिम्मेदारी तय की गई है। रक्तदान करेंगे, टीकाकरण के प्रति लोगों को जागरूक करेंगे जानकारी के मुताबिक, बीजेपी कार्यकर्ता इस अवसर पर गरीबों और जरूरतमंदों के बीच खाद्य सामग्री और सैनिटाइजर, मास्क और ऑक्सीमीटर के साथ-साथ कोरोना से निपटने में काम आने वाली वस्तुएं वितरित करेंगे और टीकाकरण अभियान के प्रति लोगों को जागरूक करेंगे। वहीं, देश भर में बीजेपी कार्यकर्ता कई रक्तदान शिविर भी लगाएंगे जिसमें भारतीय जनता पार्टी के सभी मोर्चाओं के लगभग 50,000 कार्यकर्ता रक्तदान करेंगे।


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मोदी सरकार के 7 साल पूरेः रक्तदान, कोविड किट वितरण, वैक्सीन पर जागरूकता... आज बीजेपी का 'सेवा दिवस' https://ift.tt/3i52rRA मोदी सरकार के 7 साल पूरेः रक्तदान, कोविड किट वितरण, वैक्सीन पर जागरूकता... आज बीजेपी का 'सेवा दिवस'
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युवा लेखकों को प्रशिक्षित करने के लिये युवा-प्रधानमंत्री योजना की शुरूआत, जानें इसमें क्या है खास https://ift.tt/3fVrpjB

नई दिल्ली शिक्षा मंत्रालय के तहत उच्च शिक्षा विभाग ने शनिवार को युवा लेखकों को प्रशिक्षित करने के लिए युवा-प्रधानमंत्री योजना की शुरुआत की। मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि यह युवा और नवोदित लेखकों (30 वर्ष से कम आयु) को प्रशिक्षित करने के लिए एक लेखक परामर्श कार्यक्रम है, जिससे पढ़ने, लिखने और पुस्तक संस्कृति को बढ़ावा दिया जा सके व वैश्विक स्तर पर भारत और भारतीय लेखन को प्रदर्शित किया सके। शिक्षा मंत्रालय के बयान के अनुसार, ‘युवा’ की शुरुआत युवा लेखकों को भारत के स्वतंत्रता संघर्ष के बारे में लिखने के लिए प्रोत्साहित करने के प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण के अनुरूप है। इसमें कहा गया है कि 31 जनवरी, 2021 को मन की बात कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने युवा पीढ़ी से स्वतंत्रता सेनानियों, स्वतंत्रता से जुड़ी घटनाओं, स्वतंत्रता संग्राम की अवधि के दौरान वीरता की गाथा के बारे में अपने-अपने संबंधित क्षेत्रों में लिखने का आह्वान किया था। प्रधानमंत्री ने कहा था कि यह पूरे होने के अवसर पर भारत की स्वतंत्रता के नायकों को सर्वश्रेष्ठ श्रद्धांजलि के रूप में होगा। मंत्रालय के अनुसार, युवा- भारत@75 परियोजना (आजादी का अमृत महोत्सव) का एक हिस्सा है। इसके लिए कार्यान्वयन एजेंसी के रूप में शिक्षा मंत्रालय के तहत नेशनल बुक ट्रस्ट (एनबीटी) है जो इसे व्यवस्थित चरणों के तहत इसका चरणबद्ध निष्पादन सुनिश्चित करेगा। इस योजना के तहत तैयार की गई पुस्तकों का प्रकाशन नेशनल बुक ट्रस्ट करेगा। इसमें कहा गया है कि 1 जून से 31 जुलाई, 2021 तक आयोजित होने वाली अखिल भारतीय प्रतियोगिता के जरिए कुल 75 लेखकों का चयन किया जाएगा। विजेताओं की घोषणा 15 अगस्त, 2021 को की जाएगी। युवा लेखकों को प्रख्यात लेखक/संरक्षक प्रशिक्षित करेंगे।


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युवा लेखकों को प्रशिक्षित करने के लिये युवा-प्रधानमंत्री योजना की शुरूआत, जानें इसमें क्या है खास https://ift.tt/3fVrpjB युवा लेखकों को प्रशिक्षित करने के लिये युवा-प्रधानमंत्री योजना की शुरूआत, जानें इसमें क्या है खास
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उत्तर भारत से विदा हो रहा कोरोना, इन चार राज्यों से आ रहे हैं करीब 60% केस https://ift.tt/3yIZ1dj

नई दिल्लीदेश में कोरोना की दूसरी लहर की रफ्तार कम हो रही है। इसके बाद दिल्ली, बिहार, मध्यप्रदेश, झारखंड, समेत कई राज्य अब धीरे-धीरे अनलॉक करने पर विचार कर रहे हैं। covid19india.org के आंकड़ों से ऐसा लग रहा है कि कोरोना अब उत्तर भारत से विदा हो रहा है। कोरोना वायरस के रोज आने वाले कुल मामलों में से लगभग 60 परसेंट मामले सिर्फ चार राज्यों से आ रहे हैं। इनमें 20295 मामलों के साथ महाराष्ट्र अभी भी शीर्ष पर है। इसके अलावा कर्नाटक, केरल और तमिनाडु क्रमश: दूसरे, तीसरे और चौथे स्थान पर हैं। कर्नाटक और केरल में भी रोजाना 20 हजार से अधिक कोरोना संक्रमण के मामले सामने आ रहे हैं। दिल्ली, बिहार, एमपी में कम हो रहे मामलेदूसरी तरफ राजधानी दिल्ली में कोरोना वायरस संक्रमण के 956 नये मामले सामने आये, जो कि पिछले लगभग दो महीने में सबसे कम मामले हैं। यहां संक्रमण दर घटकर 1.19 परसेंट हुई है। मध्यप्रदेश में शनिवार को कोरोना वायरस से संक्रमण के 1,640 नए मामले सामने आए। बिहार में धीरे-धीरे कोरोना वायरस संक्रमण के नए मामलों में लगातार गिरावट देखी जा रही है। यहां पिछले 24 घंटे में कोविड-19 के 1491 नए मामले सामने आए तथा 48 और मरीजों की मौत हो गई। वहीं, झारखंड में गत 24 घंटे के दौरान कोविड-19 के 687 नए मामले आए। पूर्वोत्‍तर में नहीं पड़ा कोरोना की रफ्तार पर असरभारत में शनिवार को कोरोना वारयस के 1,65,918 नए मामले दर्ज किए गए। एक दिन पहले दर्ज मामलों की संख्‍या 1.74 लाख थी। शनिवार लगातार तीसरा दिन रहा जब केसेज 2 लाख से नीचे रहे। पूर्वोत्‍तर को छोड़कर सभी राज्‍यों में केसेज घटे हैं। मणिपुर में जहां 1,007 नए केस सामने आए, वहीं अरुणाचल प्रदेश में 497 नए मामले दर्ज हुए। दोनों ही राज्‍यों में यह अबतक का सर्वाधिक आंकड़ा है। असम में भी 5,613 नए मामले दर्ज किए गए जो कि 20 मई सामने आए सर्वाधिक 6,573 केस से करीब ही है। दिल्ली, एमपी में अनलॉक की प्रक्रिया शुरू होगीदिल्ली में सोमवार से अनलॉक की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। दिल्ली आपदा प्रबंधन अथॉरिटी (डीडीएमए) ने इसको लेकर आदेश जारी कर दिया है। हालांकि अनलॉक की प्रक्रिया के पहले हफ्ते में फैक्ट्री और निर्माण गातिविधियों को ही इजाजत दी गई है। बाकी जो भी पाबंदियां (यानी कर्फ्यू) लागू थी, उनको 7 जून सुबह 5 बजे तक के लिए आगे बढ़ा दिया गया है। मध्य प्रदेश में कोरोना कर्फ्यू के प्रतिबंधों में एक जून से चरणबद्ध तरीके से छूट के बाद भी शनिवार और रविवार को लॉकडाउन लागू रहेगा। केरल, तमिलनाडु, महाराष्ट्र ने बढ़ाई पाबंदियां कोरोना के बढ़ते मामलों के लेकर केरल, तमिलनाडु, महाराष्ट्र और गोवा ने कोविड-19 की स्थिति के मद्देनजर लॉकडाउन या अन्य पाबंदियां सोमवार से अगले एक हफ्ते से लेकर एक पखवाड़े तक बढ़ाने की घोषणा की है। पुडुचेरी सरकार ने केंद्र शासित प्रदेश में लॉकडाउन को सात जून तक बढ़ाने का निर्णय लिया है। तमिलनाडु लॉकडाउन को पहले ही सात जून तक बढ़ा चुका है। कर्नाटक सरकार ने सात जून तक लॉकडाउन जारी रखने का फैसला किया है।


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उत्तर भारत से विदा हो रहा कोरोना, इन चार राज्यों से आ रहे हैं करीब 60% केस https://ift.tt/3yIZ1dj उत्तर भारत से विदा हो रहा कोरोना, इन चार राज्यों से आ रहे हैं करीब 60% केस
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कोरोना से कमाऊ सदस्यों को खोने वाले परिवारों को मिलेगी पेंशन, PM मोदी ने किया ऐलान https://ift.tt/3c2Fnza

नयी दिल्ली केंद्र सरकार ने शनिवार को कोविड-19 के चलते जान गंवाने वालों के आश्रितों को पेंशन दिए जाने सहित कई अन्य सुविधाएं प्रदान किए जाने की घोषणा की। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि आश्रितों के लिए पेंशन के अलावा सरकार कोविड-19 से प्रभावित परिवारों के लिए बढ़ा हुआ, उदारीकृत बीमा मुआवजा सुनिश्चित करेगी। कोविड-19 पीड़ितों के साथ खड़ी है सरकारप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि इन कदमों से वित्तीय संकटों का सामना कर रहे परिवारों की परेशानियां कम होंगी। उन्होंने कहा कि सरकार कोविड-19 पीड़ितों के परिवारों के साथ खड़ी है। पीएमओ ने कहा कि ऐसे पीड़ित परिवार सम्मान का जीवन जी सकें इसके लिए कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) की पेंशन योजना को उनके लिए भी विस्तारित किया जा रहा है जिनकी मौत महामारी से हुई है। औसत दैनिक वेतन के 90 प्रतिशत के बराबर पेंशन ऐसे पीड़ितों के परिवार के आश्रित सदस्यों को औसत दैनिक वेतन के 90 प्रतिशत के बराबर पेंशन मिलेगी। बयान में कहा गया कि यह लाभ पिछले साल 24 मार्च से प्रभावी होगा और इसमें 24 मार्च 2022 तक के मामलों के लिए होगा। बीमा के लाभ के तहत मिलने वाली सर्वाधिक राशि को छह लाख रुपये से सात लाख किया गया है जबकि कम से कम यह राशि 2.5 लाख रुपये होगी। यह योजना 15 फरवरी 2020 से अगले तीन साल के लिए लागू रहेगी।


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कोरोना से कमाऊ सदस्यों को खोने वाले परिवारों को मिलेगी पेंशन, PM मोदी ने किया ऐलान https://ift.tt/3c2Fnza कोरोना से कमाऊ सदस्यों को खोने वाले परिवारों को मिलेगी पेंशन, PM मोदी ने किया ऐलान
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Mehul Choksi in Custody: सामने आई भगोड़े मेहुल चोकसी की पहली तस्वीर, सलाखों के पीछे बेहद दिख रहा कमजोर https://ift.tt/3vF4IqM

नई दिल्ली एंटीगुआ और बारबुडा से लापता हुए पीएनबी घोटाले का आरोपी और भगोड़ा कारोबारी मेहुल चौकसी (Mehul Choksi) को डॉमिनिका (Dominica) में पकड़ा गया है। अब उसकी हिरासत में जेल में बंद पहली तस्वीर सामने आई है। मेहुल चोकसी अभी डोमिनिका पुलिस की कस्टडी में है। तस्वीर में दिख रहा मेहुल चोकसी जेल की सलाखों के पीछे है और उसके हाथों पर स्याही लगी हुई। उसकी आंखें काफी लाल हैं और शरीर से वह काफी कमजोर दिख रहा है। हाथों पर चोट के निशान भी दिख रहे हैं तस्वीरों में दिख रहा है कि उसके हाथ पर चोट है। मेहुल चोकसी की ये तस्वीरें एंटीगुआ न्यूज़रूम की ओर से जारी की गई हैं। तस्वीरों में मेहुल चोकसी जेल से अपने हाथ को बाहर निकालकर दिखाता नज़र आ रहा है। कयासों का दौर हुआ तेज इस बीच कतर एक्जीक्यूटिव के बॉम्बर्डियर ग्लोबल 5000 एयरक्राफ्ट के डोमिनिका पहुंचने को लेकर कयासों की बात तेज हो गई है। अंदाजा लगाया जा रहा है कि ये एयरक्राफ्ट डोमिनिका के डगलस चार्ल्स एयरपोर्ट पर उतरा है। एंटीगुआ की मीडिया में कयास लगाए जा रहे हैं ये विमान डोमिनिका किसको लेने पहुंचा है या फिर कौन डोमिनिका आया है? चोकसी और उसके भांजे नीरव मोदी ने पंजाब नेशनल बैंक से कथित तौर पर 13,500 करोड़ रुपये की जालसाजी की थी। नीरव मोदी लंदन में जेल में है और अपने प्रत्यर्पण के खिलाफ मुकदमा लड़ रहा है। चोकसी ने निवेश द्वारा नागरिकता प्राप्त करने के कार्यक्रम का इस्तेमाल करते हुए 2017 में एंटीगुआ और बारबुडा की नागरिकता ले ली थी और जनवरी 2018 के पहले सप्ताह में भारत से फरार होकर वहां चला गया था। बैंक से जालसाजी का मामला बाद में सामने आया था। चोकसी और नीरव दोनों सीबीआई जांच का सामना कर रहे हैं।


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Mehul Choksi in Custody: सामने आई भगोड़े मेहुल चोकसी की पहली तस्वीर, सलाखों के पीछे बेहद दिख रहा कमजोर https://ift.tt/3vF4IqM Mehul Choksi in Custody: सामने आई भगोड़े मेहुल चोकसी की पहली तस्वीर, सलाखों के पीछे बेहद दिख रहा कमजोर
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भारत में कोरोना वैक्सीन की अब तक 21 करोड़ से अधिक डोज दी गईं https://ift.tt/3hZjNzi

नई दिल्ली केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि देश में कोविड-19 टीके की अभी तक दी गई खुराक की कुल संख्या बढ़कर 21 करोड़ से अधिक हो गई है। मंत्रालय ने कहा कि शनिवार को 18-44 वर्ष आयु वर्ग के 14,15,190 लोगों को पहली खुराक दी गई और इसी समूह के 9,075 लोगों को कोविड-19 टीके की दूसरी खुराक दी गई। मंत्रालय ने कहा कि टीकाकरण अभियान के तीसरे चरण की शुरुआत के बाद से देश भर में कुल मिलाकर 1,82,25,509 लोगों को पहली खुराक दी गई है। इसने कहा कि बिहार, दिल्ली, गुजरात, मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में 18-44 वर्ष आयु वर्ग के 10 लाख से अधिक लाभार्थियों को टीके की पहली खुराक दी जा चुकी है। मंत्रालय ने कहा कि शाम 7 बजे की अस्थायी रिपोर्ट के अनुसार, देश में कुल मिलाकर 21,18,39,768 खुराकें दी गई हैं। कुल 21,18,39,768 में 98,61,648 स्वास्थ्य कर्मी (एचसीडब्ल्यू) शामिल हैं जिन्होंने अपनी पहली खुराक ली है और 67,71,436 एचसीडब्ल्यू ने दूसरी खुराक ली है। वहीं 1,55,53,395 अग्रिम मोर्चे के कर्मी (एफएलडब्ल्यू) हैं जिन्होंने अपनी पहली खुराक ली है जबकि 84,87,493 एफएलडब्ल्यू ने दूसरी खुराक ली है। इसमें 18-44 वर्ष की आयु के 1,82,25,509 और 9,373 लोग भी हैं जिन्होंने क्रमशः पहली खुराक और दूसरी खुराक प्राप्त की है। इनके अलावा, 45-60 वर्ष आयु वर्ग के 6,53,51,847 और 1,05,17,121 लाभार्थियों ने क्रमशः पहली खुराक और दूसरी खुराक ली है तथा 60 वर्ष से ऊपर के 5,84,18,226 और 1,86,43,720 लोगों ने क्रमश: पहली खुराक और दूसरी खुराक ली है। टीकाकरण अभियान के 134वें दिन टीके की कुल 28,09,436 खुराक दी गईं।


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भारत में कोरोना वैक्सीन की अब तक 21 करोड़ से अधिक डोज दी गईं https://ift.tt/3hZjNzi भारत में कोरोना वैक्सीन की अब तक 21 करोड़ से अधिक डोज दी गईं
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10 लाख का फंड, मुफ्त पढ़ाई, बीमा, इंट्रेस्ट फ्री एजुकेशन लोन...कोरोना से अनाथ बच्चों के लिए केंद्र ने किए बड़े ऐलान https://ift.tt/3vLcboh

नई दिल्ली केंद्र सरकार ने कोरोना से माता-पिता खोने वाले बच्चों के लिए बड़ा ऐलान किया है। ऐसे बच्चों को और इलाज की सुविधा मिलेगी। 18 वर्ष का होने पर मासिक आर्थिक सहायता (स्टाइपेंड) और 23 वर्ष का होने पर दस लाख रुपये की आर्थिक मदद मिलेगी। के सात साल पूरे होने के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना के कारण अनाथ हुए बच्चों के लिए कल्याणकारी योजनाओं की घोषणा की। ‘’ स्‍कीम के तहत यह मदद की जाएगी। शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना के कारण अनाथ हुए बच्चों को लेकर एक अहम बैठक की। इसमें पीएम केयर फंड से ऐसे बच्चों के भविष्य को संवारने का निर्णय लिया गया है। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने इसे लेकर एक बयान जारी किया। इसमें कहा गया कि इस तरह के बच्चों के नाम पर फ‍िक्‍स्‍ड डिपॉजिट स्‍कीम शुरू की जाएगी। पीएम केयर्स फंड से एक विशेष स्‍कीम के तहत इसमें योगदान दिया जाएगा ताकि 18 वर्ष की आयु पूरी करने पर प्रत्येक के लिए 10 लाख रुपये का फंड बनाया जा सके। क्‍या है उद्देश्‍य? इस फंड का इस्तेमाल 18 वर्ष के बाद अगले पांच वर्षों तक उन्हें मासिक वित्तीय सहयोग (स्‍टाइपेंड) देने में किया जाएगा। इससे उच्च शिक्षा के वर्षों में वे अपनी निजी जरूरतों को पूरा कर सकेंगे। 23 वर्ष की उम्र में निजी और पेशेवर इस्तेमाल के लिए उन्हें एक निश्चित धन राशि दी जाएगी। इन योजनाओं की घोषणा करते हुए पीएम ने कहा कि बच्चे देश का भविष्य हैं। उनकी मदद करने के लिए सरकार हरसंभव कोशिश करेगी। सरकार चाहती है कि वे मजबूत नागरिक बनें और उनका भविष्य उज्ज्वल हो। केंद्रीय विद्यालयों में होगा एडम‍िशन उनकी शिक्षा के लिए किए गए उपायों के बारे में पीएमओ ने कहा कि दस वर्ष से कम उम्र के बच्चों का नजदीकी केंद्रीय विद्यालय या निजी स्कूल में एडम‍िशन कराया जाएगा। जो बच्चे 11 से 18 वर्ष के बीच के हैं, उन्हें सैनिक स्कूल और नवोदय विद्यालय जैसे केंद्र सरकार के किसी भी आवासीय स्कूल में नामांकित कराया जाएगा। अगर बच्चा अपने अभिभावक या परिवार के किसी अन्य सदस्य के साथ रहता है तो उसे नजदीकी केंद्रीय विद्यालय या निजी स्कूल में नामांकित कराया जाएगा। अगर बच्चे का एडमिशन निजी स्कूल में किया जाता है तो शिक्षा का अधिकार कानून के तहत उसका शुल्क पीएम केयर्स फंड से दिया जाएगा। उसके स्कूल यूनिफॉर्म, किताब और कॉपियों के खर्च का भी भुगतान किया जाएगा। उच्‍च शिक्षा के लिए ब्‍याज मुक्‍त एजुकेशन लोन उच्च शिक्षा के लिए बच्चों को पेशेवर पाठ्यक्रमों या भारत में उच्च शिक्षा की खातिर एजुकेशन लोन हासिल करने में मदद की जाएगी। इस लोन के ब्याज का पीएम केयर्स से भुगतान किया जाएगा। स्नातक और पेशेवर पाठ्यक्रमों के लिए विकल्प के तौर पर ट्यूशन फी या पाठ्यक्रम शुल्क के बराबर राशि केंद्र या राज्य सरकार की योजनाओं के तहत दी जाएगी। जो बच्चे वर्तमान स्कॉलरशिप योजना के तहत पात्र नहीं हैं, उन्हें पीएम केयर्स से समान छात्रवृत्ति मुहैया कराई जाएगी। हेल्‍थ इंश्‍योरेंस की सुविधा ऐसे सभी बच्चों को या प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तौर पर लाभार्थी के रूप में नामांकित किया जाएगा। इसमें उन्हें पांच लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा मिलेगा। 18 वर्ष की उम्र तक इन बच्चों के लिए प्रीमियम की राशि पीएम केयर्स से दी जाएगी। महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों की एक अप्रैल से 25 मई के बीच की रिपोर्ट का हवाला देते हुए इस हफ्ते बताया था कि देशभर में करीब 577 बच्चे कोविड-19 के कारण अनाथ हुए हैं। तमाम राज्यों ने भी योजना का किया है ऐलान इससे पहले कोविड से अनाथ हुए बच्चों के लिए कई राज्य सरकार भी योजनाओं का ऐलान कर चुकी हैं। मध्य प्रदेश,उत्तर प्रदेश,दिल्ली सहित कुछ राज्यों ने इसकी घोषणा की थी। साथ ही बीजेपी प्रेसीडेंट जेपी नड्डा ने सभी बीजेपी शासित राज्यों के सीएम को चिट्ठी लिखकर अनाथ बच्चों के लिए योजना शुरू करने के कहा था।


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10 लाख का फंड, मुफ्त पढ़ाई, बीमा, इंट्रेस्ट फ्री एजुकेशन लोन...कोरोना से अनाथ बच्चों के लिए केंद्र ने किए बड़े ऐलान https://ift.tt/3vLcboh 10 लाख का फंड, मुफ्त पढ़ाई, बीमा, इंट्रेस्ट फ्री एजुकेशन लोन...कोरोना से अनाथ बच्चों के लिए केंद्र ने किए बड़े ऐलान
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रामदेव की टिप्पणियों के विरोध में एक जून को राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन,रेजिडेंट डॉक्टरों के एसोसिएशन का ऐलान https://ift.tt/3wMTUqF

नयी दिल्ली रामदेव की एलोपैथी पर की टिप्पणियों पर बवाल थमता नजर नहीं आ रहा है। अब नाराज रेजिडेंट डॉक्टरों के एसोसिएशनों के परिसंघ ने शनिवार को कहा कि वे एक जून को राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन करेंगे। रेजिडेंट डॉक्टर इसे काले दिवस के रूप में मनाएंगे।परिसंघ ने बयान जारी कर रामदेव से 'सार्वजनिक रूप से बिना शर्त माफी मांगने' को कहा। कोरोना वायरस संक्रमितों के इलाज में इस्तेमाल की जा रहीं कुछ दवाओं पर रामदेव द्वारा सवाल उठाने जाने पर विवाद खड़ा हो गया था। रामदेव ने पूछे थे 25 सवाल रामदेव ने कहा था, 'कोविड-19 के इलाज में एलोपैथी दवाओं के सेवन से लाखों लोगों की जान जा चुकी है।' रामदेव की इन टिप्पणियों का कड़ा विरोध हुआ, जिसके बाद केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने उनसे 'बेहद दुर्भाग्यपूर्ण' बयान वापस लेने को कहा। रामदेव ने रविवार को मजबूर होकर अपना बयान वापस ले लिया। अगले दिन उन्होंने भारतीय चिकित्सा संघ (आईएमए) को खुला पत्र लिखकर 25 सवाल पूछे। उन्होंने पूछा कि क्या एलोपैथी से बीमारियों से स्थायी रूप से छुटकारा मिल जाता है। आईएमए के बाद FAIMA ने भी भेजा कानूनी नोटिसयोगगुरु बाबा रामदेव की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रहीं। एलोपैथी पर टिप्पणी के बाद इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) के बाद अब फेडरेशन ऑफ़ ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन (FAIMA) ने भी रामदेव को कानूनी नोटिस भेजा है। FAIMA ने स्वास्थ्य कर्मियों के साथ एकजुटता दिखाते हुए और पूरे देश में रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन (RDAs) की ओर से रामदेव को कानूनी नोटिस थमा दिया है। 15 दिन के अंदर माफी मांगने की मांग रखी थी नोटिस में कहा गया है कि अगर रामदेव अगर 15 दिन के अंदर खंडन वीडियो और लिखित माफी नहीं मांगते हैं तो उनसे 1000 करोड़ रुपये की मांग की जाएगी। इसके अलावा रामदेव से 72 घंटे के अंदर कोरोनिल किट के भ्रामक विज्ञापन को सभी स्थानों से हटाने को कहा है, जहां यह दावा किया गया है कि कोरोनिल कोविड वैक्सीन के बाद होने वाले साइड इफेक्ट पर प्रभावी है।


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रामदेव की टिप्पणियों के विरोध में एक जून को राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन,रेजिडेंट डॉक्टरों के एसोसिएशन का ऐलान https://ift.tt/3wMTUqF रामदेव की टिप्पणियों के विरोध में एक जून को राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन,रेजिडेंट डॉक्टरों के एसोसिएशन का ऐलान
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बेटी नानी के घर से लौट रही थी, रास्ते में TMC समर्थकों ने गैंगरेप किया, पुलिस बोली- दूसरी बेटी को देखो, उसका भी रेप हो सकता है https://ift.tt/34rDU19

नई दिल्ली'मेरी बेटी नानी के घर से लौट रही थी। रास्ते में अगवा कर टीएमसी समर्थकों ने गैंगरेप किया। नौ मई की घटना की दस मई को पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज की। मेडिकल जांच के बाद बेटी को पुलिस ने शेल्टर होम भेज दिया। पुलिस ने यह कहकर रेप पीड़ित बेटी से नहीं मिलने दिया कि जाओ दूसरी बेटी को देखो, उसके साथ भी रेप हो सकता है।' कुछ ऐसी ही दर्दभरी आपबीती सुनाई हैं पश्चिम के शिकार पीड़ित परिवारों ने। (जीआईए) नाम की टीम ने पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद हुई हिंसा के शिकार परिवारों से मुलाकात कर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी को सौंपी है। इस रिपोर्ट में बंगाल में हिंसा के शिकार तमाम परिवारों की दर्दनाक दास्‍तानें हैं। सुप्रीम कोर्ट की एडवोकेट मोनिका अरोड़ा, दिल्ली यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर सोनाली, डॉ. श्रुति मिश्रा, प्रोफेसर विजिता सिंह अग्रवाल आदि की टीम ने यह फैक्ट फाइंडिंग रिपोर्ट तैयार की है। 128 पन्‍नों की रिपोर्ट '' नाम के शीर्षक से पेश इस 128 पेज की रिपोर्ट में कहा गया है कि राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ बंगाल में जमकर हिंसा की गई। कई लोगों की हत्या की गई। बम से हमले किए गए। महिलाओं के साथ दुष्कर्म जैसी घटनाएं हुईं। सुप्रीम कोर्ट से हस्‍तक्षेप की मांग पैनल की रिपोर्ट के मुताबिक, इस हिंसा में सबसे ज्यादा गरीब अनुसूचित जाति और जनजाति के लोग प्रभावित हुए। फैक्ट फाइंडिंग टीम ने सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज के नेतृत्व में हिंसा की जांच के लिए एसआईटी गठन की सिफारिश की है। फैक्ट फाइंडिंग टीम ने केंद्रीय एजेंसियों से लेकर सभी आयोगों और सुप्रीम कोर्ट से हस्तक्षेप की मांग भी की है।


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बेटी नानी के घर से लौट रही थी, रास्ते में TMC समर्थकों ने गैंगरेप किया, पुलिस बोली- दूसरी बेटी को देखो, उसका भी रेप हो सकता है https://ift.tt/34rDU19 बेटी नानी के घर से लौट रही थी, रास्ते में TMC समर्थकों ने गैंगरेप किया, पुलिस बोली- दूसरी बेटी को देखो, उसका भी रेप हो सकता है
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भारत के 62.3 प्रतिशत लोगों का मानना, पीएम मोदी के नेतृत्व में विदेशी संबंधों में हुआ सुधार: सर्वे https://ift.tt/3vDyn3q

नई दिल्ली भारत के 60 प्रतिशत से अधिक लोगों का मानना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में दुनिया के विभिन्न देशों के साथ भारत के संबंधों में सुधार हुआ है। एबीपी-सी वोटर मोदी 2.0 रिपोर्ट कार्ड में यह आंकड़ा सामने आया है। एबीपी-सी वोटर सर्वेक्षण में पाया गया है कि 62.3 प्रतिशत उत्तरदाताओं को लगता है कि मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के मौजूदा यानी दूसरे कार्यकाल के दौरान दुनिया के विभिन्न देशों के साथ देश के संबंधों में सुधार हुआ है। 16.9 ने माना संबंध अच्छे रहेयह सर्वे 23 मई से 27 मई के बीच देशभर में 12,070 लोगों के बीच किया गया था। लगभग 16.9 प्रतिशत उत्तरदाताओं का मानना है कि अन्य देशों के साथ भारत के संबंध खराब हुए हैं और 17.1 प्रतिशत का मानना है कि अन्य देशों के साथ देश के संबंध समान रहे हैं। करीब 3.7 प्रतिशत लोगों ने इस सवाल पर कोई टिप्पणी नहीं की। दुनिया के साथ रिश्तों में सुधारसर्वेक्षण में पाया गया कि 77.5 प्रतिशत शहरी और 55.8 प्रतिशत ग्रामीण उत्तरदाताओं को लगता है कि प्रधानमंत्री मोदी के तहत दुनिया के अन्य देशों के साथ भारत के संबंधों में सुधार हुआ है। वहीं ग्रामीण इलाकों में ज्यादा लोगों को लगता है कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में दुनिया के दूसरे देशों से रिश्ते खराब हुए हैं। सर्वेक्षण के निष्कर्षों के अनुसार, ग्रामीण क्षेत्रों में 18.9 प्रतिशत उत्तरदाताओं का मानना है कि मोदी सरकार के कार्यकाल के दौरान दुनिया के बाकी हिस्सों के साथ संबंध खराब हुए हैं। 7 सालों में संबंध समान रहेलगभग 21.2 प्रतिशत ग्रामीण और 7.6 प्रतिशत शहरी उत्तरदाताओं का मानना है कि अन्य देशों के साथ भारत के संबंध पिछले सात वर्षों के दौरान प्रधानमंत्री मोदी के तहत समान रहे हैं। कुल 2.7 प्रतिशत शहरी और 4.1 प्रतिशत ग्रामीण उत्तरदाताओं ने प्रधानमंत्री मोदी के अधीन शेष विश्व के साथ भारत के संबंधों पर कुछ नहीं कहा।


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भारत के 62.3 प्रतिशत लोगों का मानना, पीएम मोदी के नेतृत्व में विदेशी संबंधों में हुआ सुधार: सर्वे https://ift.tt/3vDyn3q भारत के 62.3 प्रतिशत लोगों का मानना, पीएम मोदी के नेतृत्व में विदेशी संबंधों में हुआ सुधार: सर्वे
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Good News: सीजफायर के बाद पाकिस्‍तान से गोलीबारी की एक घटना नहीं, सेना प्रमुख बोले- J&K में हिंसा के स्तर में भारी कमी https://ift.tt/2SGsa85

नई दिल्ली पिछले तीन महीनों से जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर शांति है। भारत और पाकिस्तान ने एलओसी और अन्य क्षेत्रों में संबंधी सभी समझौतों का सख्ती से पालन करने पर फरवरी में सहमति जताई थी। सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने कहा है कि दोनों सेनाओं के बीच संघर्ष विराम से शांति और सुरक्षा के नजरिये को बढ़ावा मिला है। दोनों पड़ोसी देशों के बीच संबंधों को सामान्य बनाने की दिशा में एक लंबी राह में यह पहला कदम है। संघर्ष विराम का जिक्र करते हुए जनरल नरवणे ने कहा कि समझौता लागू होने के बाद दोनों सेनाओं की ओर से सीमा पार से गोलीबारी की एक भी घटना नहीं हुई। हालांकि, जम्मू सेक्टर में पाकिस्तानी रेंजरों से जुड़ी एक घटना हुई थी। उन्होंने कहा, ‘इस साल हमने जम्मू और कश्मीर में हिंसा के स्तर में भारी कमी देखी है। सुरक्षा बल और अन्य सरकारी एजेंसियां आतंकवादी समूहों पर दबाव बनाए रखने पर काम कर रही हैं।’ आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई जारी नरवणे ने कहा कि वैसे संघर्ष विराम का मतलब यह नहीं है कि आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई रुक गई है। यह विश्वास करने का कोई कारण नहीं है कि पाकिस्तानी सेना की ओर से एलओसी पर आतंकी ढांचे को खत्म कर दिया गया है। सेना प्रमुख के अनुसार, जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ के प्रयासों और आतंकवादी घटनाओं में कमी में निरंतरता भारत को अच्छे पड़ोसी संबंधों को बढ़ावा देने संबंधी पाकिस्तान के इरादे के बारे में आश्वस्त करेगा। संघर्ष विराम समझौते के पालन से शांत‍ि जनरल नरवणे ने कहा कि संघर्ष विराम समझौते के पालन से क्षेत्र में शांति और सुरक्षा के समग्र दृष्टिकोण में ‘निश्चित रूप से’ योगदान मिला है। क्षेत्र में शांति के माहौल की संभावनाओं को बल मिला है। सेना प्रमुख बोले, ‘एलओसी पर सीजफायर का मतलब यह नहीं है कि आतंकवाद के खिलाफ हमारी लड़ाई थम गई है। हमारे पास यह मानने का कोई कारण नहीं है कि पाकिस्तानी सेना ने एलओसी पर आतंकी ढांचे को खत्म कर दिया है।’ अफगानिस्तान से 11 सितंबर तक अमेरिकी सैनिकों को वापस बुलाने संबंधी अमेरिकी प्रशासन के फैसले का जिक्र करते हुए सेना प्रमुख ने कहा, ‘चाहे उनकी अक्षमता हो या अनिच्छा, दोनों समान रूप से खतरनाक और चिंताजनक हैं।’


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रेमडेसिविर की मांग घटी, सरकार ने राज्यों के केंद्रीय कोटे पर रोक लगाई https://ift.tt/3wz5lCa

नयी दिल्ली मांग से अधिक आपूर्ति के बाद केंद्र ने राज्यों को दी जाने वाली एंटी-वायरल दवा रेमडेसिविर के आवंटन पर रोक लगा दी है। केंद्रीय मंत्री मनसुख मंडाविया ने शनिवार को यह जानकारी दी। मंडाविया ने ट्वीट कर कहा, 'अब देश में पर्याप्त मात्रा में रेमडेसिविर उपलब्ध है क्योंकि मांग की तुलना में आपूर्ति काफी अधिक है। इसलिए, हमने राज्यों को किए जाने वाले रेमडेसिविर के केंद्रीय आवंटन को रोकने का फैसला किया है।' उर्वरक एवं रसायन राज्य मंत्री ने इस बात का भी जिक्र किया कि कोविड-19 के उपचार में उपयोग होने वाली इस दवा की आपूर्ति में खासा सुधार हुआ है, जहां 11 अप्रैल को रेमडेसिविर की प्रतिदिन 33,000 शीशी की आपूर्ति थी, वहीं अब यह 10 गुना से अधिक बढ़कर 3,50,000 शीशी प्रतिदिन हो गई है। उन्होंने कहा कि सरकार ने एक महीने के भीतर रेमडेसिविर का निर्माण करने वाली इकाइयों की संख्या 20 से बढ़ाकर 60 कर दी। मंडाविया ने यह भी कहा कि सरकार ने आपातकालीन स्टॉक के तौर पर रेमडेसिविर की 50 लाख शीशियां खरीदने का भी फैसला लिया है।


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प. बंगाल के मुख्य सचिव को बुलाना लोकतंत्र पर हमला, ऐसे कदम से अराजकता पैदा होगी: कांग्रेस https://ift.tt/3fyyOGs

नयी दिल्ली कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर हमला बोला है। केंद्र सरकार ने पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव को वापस बुला लिया है। इस पर कांग्रेस ने लोकतंत्र और सहकारी संघवाद पर हमला करार देते हुए शनिवार को कहा कि ऐसे कदम से अराजकता पैदा होगी। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने यह सवाल भी किया कि बंदोपाध्याय को तीन महीने का सेवा विस्तार देने के चार दिनों बाद ही वापस बुलाने का फैसला क्यों किया गया? मोदी सरकार पर हमला उन्होंने एक बयान में कहा, ‘मोदी सरकार की ओर से पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव को दुर्भावनापूर्ण एवं मनमाना ढंग से वापस बुलाये जाने ने पूरे देश की चेतना को स्तब्ध कर दिया है। यह इस मायने में और भी गंभीर है कि चार दिनों पहले मोदी सरकार ने ही मुख्य सचिव को तीन महीने का सेवा विस्तार दिया था।’ 'लोकतंत्र और संघवाद पर हमला' सुरजेवाला ने आरोप लगाया कि केंद्र का यह कदम लोकतंत्र और सहकारी संघवाद पर हमला है तथा ऐसे कदम से देश में अराजकता पैदा होगी। उन्होंने कहा, ‘यह देश के संविधान और सहकारी संघवाद पर घोर कुठाराघात है। अगर केंद्र सरकार को दलीय आधार पर विभिन्न राज्यों से अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों को वापस बुलाने की अनुमति दी गई तो विधि व्यवस्था और संविधान का पूरा ढांचा ध्वस्त हो जाएगा।’ सुरजेवाला ने सवाल किया, ‘क्या प्रधानमंत्री और कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग इसका खुलासा करेंगे कि मुख्य सचिव को सेवा विस्तार देने के चार दिनों के बाद ही उन्हें किस कारण से वापस बुलाया गया?’ कांग्रेस महासचिव ने दावा किया कि केंद्र सरकार के कदमों से ऐसा प्रतीत होता है कि वह हाल ही में निर्वाचित तृणमूल कांग्रेस सरकार को अपदस्थ करना चाहती है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सभी न्यायविदों, संवैधानिक विशेषज्ञों, जनप्रतिनिधियों और हर देशवासी का आह्वान करती है कि वे भारत के संवैधानिक तानेबाने और संघीय ढांचे पर हो रहे हमले की निंदा करें। गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव अलपन बंदोपाध्याय को सेवा विस्तार दिये जाने के मात्र चार दिन बाद केंद्र ने शुक्रवार रात उनकी सेवाएं मांगी और राज्य सरकार से कहा कि वह अधिकारी को तुरंत कार्यमुक्त करे। पश्चिम बंगाल में सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस ने इस कदम को ‘जबरन प्रतिनियुक्ति’ करार दिया।


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प. बंगाल के मुख्य सचिव को बुलाना लोकतंत्र पर हमला, ऐसे कदम से अराजकता पैदा होगी: कांग्रेस https://ift.tt/3fyyOGs प. बंगाल के मुख्य सचिव को बुलाना लोकतंत्र पर हमला, ऐसे कदम से अराजकता पैदा होगी: कांग्रेस
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यास: डिजास्टर मैनेजमेंट पर पटनायक के मुरीद हुए PM मोदी, ट्वीट में ओडिशा को यूं सराहा https://ift.tt/3yFvlNY

भुवनेश्वर/नई दिल्ली ओडिशा में यास चक्रवाती तूफान को लेकर मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की पहल चर्चा में है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ समीक्षा बैठक में उन्होंने कोरोना संकट का जिक्र करते हुए राहत पैकेज नहीं मांगा। वहीं डिजास्टर मैनेजमेंट के क्षेत्र में ओडिशा सरकार के शानदार काम की पीएम मोदी ने भी तारीफ की है। केंद्र सरकार ने यास तूफान के बाद पुनर्वास काम के लिए ओडिशा को 500 करोड़ की सहायता दी है। 'आपदा प्रबंधन में ओडिशा की प्रशंसनीय प्रगति' पीएम मोदी ने यास पर रिव्यू मीटिंग का जिक्र करते हुए ट्वीट में कहा, 'भुवनेश्वर में आपके साथ काफी अच्छी मीटिंग हुई थी। हम आपदा प्रबंधन को मजबूत करने के लिए साथ-साथ काम करते रहेंगे। यह एक ऐसा क्षेत्र है जहां ओडिशा ने प्रशंसनीय प्रगति की है।' 500 करोड़ की मदद पर पटनायक ने कहा थैंक्स पीएम मोदी ने ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक के ट्वीट का जवाब देते हुए यह बात कही। पटनायक ने यास के कहर के बाद पुनर्वास के काम में मदद के लिए केंद्र सरकार का आभार जताया है। ओडिशा के सीएम ने ट्वीट में कहा, 'यास से प्रभावित इलाकों में पुनर्वास कार्य के लिए 500 करोड़ की सहायता देने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को धन्यवाद देता हूं। साथ ही आपदा प्रतिरोधी पावर इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए उठाए गए कदम प्रशंसनीय हैं। हम दीर्घकालिक रणनीति पर काम करेंगे।' तत्काल राहत पैकेज नहीं मांगकर पेश की मिसाल इससे पहले यास को लेकर पीएम के साथ समीक्षा बैठक में पटनायक ने तत्काल राहत पैकेज की मांग नहीं रखी। सीएम नवीन पटनायक ने कहा कि वह महामारी के वक्त केंद्र पर अतिरिक्त बोझ नहीं डालना चाहते। बजाय इसके नवीन पटनायक ने बैठक में राज्य में आपदा प्रतिरोधी पावर सिस्टम की जरूरत को हाइलाइट किया ताकि इस तरह के तूफान के लिए पहले से तैयारी हो सके। ओडिशा सीएम के इस कदम की सोशल मीडिया पर खूब तारीफ हो रही है। 'कोविड की वजह से केंद्र पर बोझ नहीं डालेंगे' ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने समीक्षा बैठक के बाद ट्वीट कर बताया, 'देश में कोविड-19 महामारी चरम पर है, ऐसे में हमने केंद्र पर अतिरिक्त बोझ डालते हुए तत्काल आर्थिक मदद की मांग नहीं रखी है। उन्होंने आगे लिखा, 'हम संकट से निपटने के लिए अपने संसाधनों से इसका प्रबंधन करेंगे।' आपदा प्रतिरोधी उपायों के लिए मांगी मदद ओडिशा सीएम ने दूसरे ट्वीट में कहा, 'हमने ओडिशा को आपदा प्रतिरोधी बनाने के लिए दीर्घकालिक उपायों की मदद मांगी है क्योंकि हम हर साल इस तरह के जलवायु खतरे का सामना करते हैं। हमने आपदा प्रतिरोधी पावर इंफ्रास्ट्रक्टर और तटीय तूफानों से सुरक्षा के लिए ओडिशा की मांग को मीटिंग में हाइलाइट किया।'


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यास: डिजास्टर मैनेजमेंट पर पटनायक के मुरीद हुए PM मोदी, ट्वीट में ओडिशा को यूं सराहा https://ift.tt/3yFvlNY यास: डिजास्टर मैनेजमेंट पर पटनायक के मुरीद हुए PM मोदी, ट्वीट में ओडिशा को यूं सराहा
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पाक समेत इन देशों से आए गैर-मुस्लिम शरणार्थियों को मिलेगी नागरिकता, सरकार ने मंगाए आवेदन https://ift.tt/3vyKVZI

नई दिल्‍लीकेंद्र सरकार ने शुक्रवार को एक बड़ा कदम उठाया है। उसने देश के 13 जिलों में रह रहे अफगानिस्तान, पाकिस्तान, बांग्लादेश से आए गैर-मुस्लिम शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता देने का फैसला किया है। इसके लिए इन लोगों से आवेदन मंगाए गए हैं। ये शरणार्थी गुजरात, राजस्थान, छत्तीसगढ़, हरियाणा और पंजाब के 13 जिलों में रह रहे हैं। इनका धर्म हिंदू, सिख, जैन और बौद्ध इत्यादि है। इनसे शुक्रवार को भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन मंगाए गए हैं। केंद्रीय ने नागरिकता कानून 1955 और 2009 में कानून के अंतर्गत बनाए गए नियमों के तहत आदेश के तत्काल कार्यान्वयन के लिए इस आशय की एक अधिसूचना जारी की। हालांकि, सरकार ने 2019 में लागू संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के तहत नियमों को अभी तक तैयार नहीं किया है। वर्ष 2019 में जब सीएए लागू हुआ तो देश के विभिन्न हिस्सों में व्यापक विरोध प्रदर्शन हुआ। इन्हीं विरोध प्रदर्शनों के बीच 2020 की शुरुआत में दिल्ली में दंगे हुए थे। नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के मुताबिक, बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान में दमन के शिकार ऐसे अल्पसंख्यक गैर-मुस्लि‍मों को नागरिकता प्रदान की जाएगी जो 31 दिसंबर 2014 तक भारत आ गए थे। गृह मंत्रालय ने क्‍या कहा है? गृह मंत्रालय की अधिसूचना में कहा गया है, ‘नागरिकता कानून 1955 की धारा 16 के तहत मिली शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए केंद्र सरकार ने कानून की धारा पांच के तहत यह कदम उठाया है। इसके अंतर्गत उपरोक्त राज्यों और जिलों में रह रहे अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान के अल्पसंख्यक समुदाय हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और इसाई लोगों को भारतीय नागरिक के तौर पर पंजीकृत करने के लिए निर्देश दिया गया है।’ नागरिकता संशोधन अधिनियम क्या है? सरकार ने नागरिकता संशोधन कानून 2019 में बनाया था। देशभर में इसे लेकर प्रदर्शन हुए थे। इस कानून में तीन पड़ोसी देशों से भारत आए गैर-मुस्लिम प्रवासियों को भारत की नागरिकता देने का प्रावधान है। ये देश हैं बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान। सरकार का दावा है कि हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई धर्म के लोग इन देशों में अल्पसंख्यक हैं। इन देशों में इनका उत्पीड़न होता है। लिहाजा, भारत में पांच साल पूरा कर चुके इन शरणार्थियों को भारत की नागरिकता दी जाएगी। पहले भारत की नागरिकता हासिल करने के लिए 11 साल की शर्त थी।


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2 साल से वेटिंग, बचने की उम्मीद छोड़ दी थी...जाते-जाते एक महिला दे गई 5 लोगों को नई जिंदगी https://ift.tt/2R686vI

नई दिल्ली एक महिला (43) जाते-जाते भी 5 लोगों को नई जिंदगी दे गईं। वह इलाज के दौरान ब्रेन डेड हो गईं। परिजनों ने मौत के दुख को भुलाकर अंगदान करने का कठिन फैसला किया, जिससे 5 ऐसे लोगों को जिंदगी मिल गई, जो अंगदान के इंतजार में अपनी जिंदगी को हाथों से निकलता महसूस कर रहे थे। ब्रेन डेड होने के बाद महिला का हार्ट एम्स में एक मरीज को लगाया गया। एक लिवर और एक किडनी गंगाराम अस्पताल में दो अलग-अलग मरीज को ट्रांसप्लांट किए गए, जबकि एक किडनी एक अन्य प्राइवेट अस्पताल को दी गई। तेज सिर दर्द और उल्टी की वजह से 20 मई को महिला गंगाराम अस्पताल की इमरजेंसी में पहुंची। उन्हें कोविड नहीं था। जांच में पता चला कि सीवियर ब्रेन हैमरेज हुआ है। इलाज के दौरान महिला ब्रेन डेड हो गई। वह अपने पीछे 21 साल के बेटे और पति को छोड़ गई। ब्रेन डेड होने की वजह से अस्पताल के ऑर्गन डोनेशन टीम के काउंसलर ने संपर्क किया। काउंसलिंग की तो परिवार ने आगे बढ़कर हिम्मत दिखाई और अंगदान के लिए तैयार हो गए। 2 साल से वेटिंग लिस्‍ट में था एक शख्‍सअस्‍पताल के लिवर ट्रांसप्लांट के चेयमरैन डॉक्टर नैमिश एन मेहता ने कहा कि डॉक्टरों की एक टीम ने अंगों को निकाला। एक 58 साल के व्यक्ति में लिवर ट्रांसप्लांट किया गया था, जो 2 साल से अधिक समय से वेंटिग लिस्ट में थे, उन्होंने तो अपने जिंदा बचने की उम्मीद ही छोड़ दी थी। यह अंगदान उन्हें नया जीवन दे गया। अस्पताल में एक किडनी ट्रांसप्लांट की गई और हार्ट एम्स को दिया गया, जबकि एक किडनी एक प्राइवेट अस्पताल को दिया गया। बाकी अंग दिल्‍ली-एनसीआर के अन्‍य अस्‍पतालों को भेजे गए। बहुत लोगों को है अंगदान का इंतजारडॉ. मेहता ने कहा कि कैडवर अंगों के जरिए ट्रांसप्लांट की सूची बहुत लंबी है। गंगा राम अस्पताल में अभी 179 मरीज कैडवर लिवर और 484 मरीज कैडवर किडनी ट्रांसप्लांट के इंतजार में है, जबकि देश में प्रति दस लाख में सिर्फ 0.65 से 1 के बीच है, जबकि स्पेन में यह दस लाख पर 35 और अमेरिका में 26 है। अस्पताल के चेयरमैन डॉ. डी.एस. राणा ने कहा कि हम हमेशा कैडेवर डोनेशन जागरुकता कार्यक्रम में आगे रहे हैं। हमने उन लोगों के लिए एक अलग पोर्टल बनाया है, जो अपनी मृत्यु के बाद अपने अंग डोनेट करना चाहते हैं। उन्होंने अंगदान के इस नेक काम के लिए मृतक के परिवार के प्रति आभार व्यक्त किया।


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महाराष्‍ट्र में 15 दिन और रहेंगी लॉकडाउन जैसी बंदिशें, 1 जून को आएगी गाइडलाइंस https://ift.tt/3p0Kmph

पुणे महाराष्‍ट्र में कोरोना की रफ्तार में कुछ कमी आई है लेकिन थमी नहीं है। इसे देखते हुए राज्‍य में लॉकडाउन जैसे प्रतिबंधों को और 15 दिन के लिए बढ़ा दिया गया है। 1 जून को नए दिशा निर्देश जारी किए जाएंगे। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। अप्रैल के मध्य से लागू प्रतिबंधों को और बढ़ाने के लिए राज्य सरकार की कैबिनेट ने गुरुवार को हुई बैठक में निर्णय लिया था। मीडिया से बात करते हुए टोपे ने कहा, 'जहां तक लॉकडाउन का सवाल है, उसे 15 दिन के लिए बढ़ाया गया है लेकिन इससे संबंधित दिशा निर्देश 1 जून को जारी किए जाएंगे।' उन्होंने कहा कि उन क्षेत्रों में ढील नहीं दी जाएगी जहां मरीजों की संख्या और संक्रमण की दर अब भी ज्यादा है और अस्पताल में बेड मिलने की समस्या है। राजेश टोपे ने कहा, 'लेकिन उन क्षेत्रों में जहां स्थिति में सुधार हुआ है, वहां पाबंदियों में ढील देने के संबंध में कुछ दिशा निर्देश जारी किए जा सकते हैं।' यह पूछे जाने पर कि क्या गैर जरूरी चीजें बेचने वाली दुकानों को खोलने की अनुमति है, उन्होंने कहा कि ऐसे सभी निर्णय 1 जून को लिए जाएंगे। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने गुरुवार को कहा था कि 1 जून के बाद प्रतिबंध जारी रहेंगे और बाद में चरणबद्ध तरीके से ढील दी जाएगी।


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महाराष्‍ट्र में 15 दिन और रहेंगी लॉकडाउन जैसी बंदिशें, 1 जून को आएगी गाइडलाइंस https://ift.tt/3p0Kmph महाराष्‍ट्र में 15 दिन और रहेंगी लॉकडाउन जैसी बंदिशें, 1 जून को आएगी गाइडलाइंस
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सहवाग लंबे-लंबे छक्के मारते थे, ये लंबे झूठ बोलते हैं... मोदी पर क्यों बरसे ओवैसी https://ift.tt/3wzm3kK

हैदराबाद देश में व्‍याप्‍त कोरोना संकट के मद्देनजर एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने केंद्र पर हमला करते हुए कहा है कि मोदी सरकार महल में बैठकर हुकूमत कर रही है। ओवैसी ने वैक्‍सीनेशन के मुद्दे पर मोदी सरकार पर झूठ बोलने का आरोप भी लगाया। एक चैनल के टॉक शो में बीजेपी प्रवक्‍ता शहनवाज हुसैन से बात करते हुए असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, 'जनवरी से वैक्‍सीनेशन शुरू किया। अब तक भारत की जनता को 15.23 करोड़ लोगों को पहला डोज लगा है, सिर्फ चार करोड़ लोगों को दोनों डोज लगे हैं। यह काम साढ़े चार महीने में हुआ है। आपका वैक्‍सीन का प्रडक्‍शन है 8 करोड़ आपको जुलाई में 30 करोड़ देना है, आप कहां से लाएंगे। क्‍या मोदी जी जादूगर हैं।' 'झूठ बोल रही मोदी सरकार' ओवैसी ने आगे कहा, 'ये झूठ इसलिए बोल रहे हैं क्‍योंकि मोदी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दिया है कि हम जनवरी तक 75 करोड़ वैक्‍सीन की व्‍यवस्‍था करेंगे। वीरेंद्र सहवाग ने तो लंबे-लंबे छक्‍के मारे होंगे लेकिन आप तो इतना लंबा-लंबा झूठ बोल रहे हैं।' 'महल में बैठे हैं मोदी' ओवैसी ने मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा, 'मोदी का जनता से डिकनेक्‍ट देखिए, मोदी वीडियो कॉन्‍फ्रेंसिंग में कहते हैं कि गंगा के किनारे ऑर्गेनिक फॉर्मिंग हो रही है पल्‍यूशन को रोकने के लिए और गंगा में लाशें बह रही हैं, गंगा किनारे लोग लाशों को दफना रहे हैं। आपकी सरकार महल में बैठकर हुकूमत कर रही है। मोदी जी महल से बाहर आ जाइए।' ओवैसी पर शहनवाज ने किया हमलाइस पर बीजेपी प्रवक्‍ता शहनवाज हुसैन ने कहा, 'भारत ने सबसे अच्‍छा मुकाबला किया पहली लहर में। दूसरी लहर में पहली बार जब वैक्‍सीन आई तो लोगों को वैक्‍सीनेशन के लिए तैयार किया। हम कोविशील्‍ड के 75 करोड़ डोज और कोवैक्‍सीन के 55 करोड़ डोज दिसंबर तक जनता को मुहैया कराएंगे। अमेरिका के बाद भारत दूसरा देश है जिसने दुनिया में सबसे ज्‍यादा वैक्‍सीनेशन किया है। ओवैसी जैसी बातें कर रहे हैं वह शोभा नहीं देता।' 'कांग्रेस की बी टीम है ओवैसी की पार्टी'शहनवाज हुसैन ने कहा, लोगों ने वैक्‍सीनेशन को लेकर भ्रम और गलतफहमियां फैलाई हैं। अखिलेश यादव ने कहा कि यह मोदी की वैक्‍सीन है, हम नहीं लगवाएंगे। उनके विधायक ने कहा इसे लगवाएंगे तो लोग नपुंसक हो जाएंगे। तब आपने उनका विरोध क्‍यों नहीं किया। हम भरोसा दिलाते हैं कि 216 करोड़ वैक्‍सीन दिसंबर तक हम जनता तक पहुंचाएंगे। आप कांग्रेस की बी टीम की तरह उनकी भाषा न बोलें। कांग्रेस और उसकी बी टीम आपदा में अवसर तलाश रही है।'


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सहवाग लंबे-लंबे छक्के मारते थे, ये लंबे झूठ बोलते हैं... मोदी पर क्यों बरसे ओवैसी https://ift.tt/3wzm3kK सहवाग लंबे-लंबे छक्के मारते थे, ये लंबे झूठ बोलते हैं... मोदी पर क्यों बरसे ओवैसी
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कोरोना के हालात को कौन बेहतर संभालता मोदी या राहुल? सर्वे में जनता ने दिया जवाब https://ift.tt/3wFnSNg

नई दिल्‍ली कोरोना की महामारी के बीच कांग्रेस नेता मोदी सरकार पर बार-बार सवाल उठाते रहे हैं। वह कहते आए हैं कि भाजपा सरकार कोरोना से बिगड़े हालात को काबू करने में पूरी तरह नाकाम रही है। यह अलग बात है कि ज्‍यादातर लोगों ने माना है कि प्रधानमंत्री ही स्थितियों को बेहतर संभाल रहे हैं। इन हालात को संभालने में राहुल उनसे बेहतर साबित नहीं होते। मोदी सरकार को सत्ता में आए 7 साल पूरे हो चुके हैं। उसके कामकाज, प्रधानमंत्री की लोकप्रियता, कोरोना संकट से सरकार के निपटने जैसे सवालों पर प्राइवेट न्‍यूज चैनल एबीपी न्यूज-सी वोटर ने सर्वे किया है। इसी सर्वे में एक सवाल यह किया गया कि को कौन बेहतर संभालता ? इस सवाल के जवाब में 66 फीसदी शहरी और 62 फीसदी ग्रामीण लोगों ने मोदी पर भरोसा जताया। उन्‍होंने कहा कि इस मोर्चे पर मोदी ही बेहतर हैं। वहीं, 20 फीसदी शहरी और 23 फीसदी ग्रामीण लोगों को लगता है कि राहुल गांधी कोरोना संकट को बेहतर ढंग से संभालते। राहुल रहे हैं हमलावर राहुल गांधी कोरोना के हालात को संभालने में मोदी सरकार को फेल बताते आए हैं। वह आरोप लगाते रहे हैं कि सरकार की गलत नीतियों और तौर-तरीकों के कारण कोरोना बेकाबू हुआ। हाल में उन्‍होंने आरोप लगाया था कि वैक्‍सीनेशन की रफ्तार धीमी हुई है। उसका ठीकरा उन्‍होंने मोदी सरकार पर फोड़ा था। उन्‍होंने कहा था कि जब देश में लोगों को वैक्‍सीन की जरूरत थी तो उन्‍हें विदेश भेजा गया। जबकि दूसरे विकसित देशों ने वैक्‍सीन का भंडारण किया। वह कहते रहे हैं कि केवल वैक्‍सीन से ही कोरोना को रोका जा सकता है। राहुल देश में कोरोना की दूसरी लहर के बढ़ने के पीछे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जिम्मेदार ठहराते रहे हैं। शुक्रवार को भी उन्‍होंने आरोप लगाया कि पीएम ने अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाई। उनकी ‘नौटंकी’के कारण ये हालात पैदा हुए। वैक्‍सीन विदेश भेजना कितना था गलत? हालांकि, एबीपी-सी वोटर सर्वे में जब जनता से यह पूछा गया कि क्या मोदी सरकार में वैक्सीन का इंतजाम ठीक है, तो इसके जवाब में ज्‍यादातर लोगों ने हां में उत्‍तर दिया। शहरों में 51 फीसदी लोगों ने इससे सहमति जताई। वहीं, 42 फीसदी ग्रामीणों ने भी हां में इसका जवाब दिया।


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कोरोना के हालात को कौन बेहतर संभालता मोदी या राहुल? सर्वे में जनता ने दिया जवाब https://ift.tt/3wFnSNg कोरोना के हालात को कौन बेहतर संभालता मोदी या राहुल? सर्वे में जनता ने दिया जवाब
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सेना प्रमुख का चीन को दो टूक संदेश, बॉर्डर पर चाहते हैं अमन, पर हर स्थिति के लिए तैयार हैं https://ift.tt/34rXdre

नई दिल्ली सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे ने चीन को दो टूक संदेश दिया है कि भारत वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर अमन-चैन चाहता है। में एकतरफा बदलाव मंजूर नहीं किया जाएगा। क्षेत्र में टकराव के सभी बिंदुओं से सैनिकों की पूरी तरह वापसी हुए बिना तनाव में कमी नहीं आ सकती। भारतीय सेना हर तरह की आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए तैयार है। जनरल नरवणे ने कहा कि भारत दृढ़ता से और बिना उकसावे वाले तरीके से चीन के साथ इस मामले से निपट रहा है ताकि पूर्वी लद्दाख में उसके दावों की शुचिता सुनिश्चित हो। वह विश्वास बहाली के कदम उठाने को भी तैयार है। पूर्वी लद्दाख में दोनों पक्षों के बीच सैन्य गतिरोध शुरू हुए एक साल से अधिक समय हो गया है। पिछले वर्ष पांच मई को गतिरोध शुरू हुआ था। इस दौरान 45 साल में पहली बार संघर्ष में दोनों पक्षों के सैनिक मारे गए थे। चीन ने पैंगोंग झील क्षेत्र में सैनिकों की पूरी तरह वापसी की दिशा में सीमित प्रगति की है। वहीं, अन्य बिंदुओं पर इन कदमों के लिए बातचीत में गतिरोध बना हुआ है। हर स्थिति से निपटने के लिए तैयार है सेना जनरल नरवणे ने कहा कि इस समय भारतीय सेना ऊंचाई वाले क्षेत्र में सभी महत्वपूर्ण इलाकों में नियंत्रण बनाकर रख रही है। किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए उसके पर्याप्त जवान हैं। इन्‍हें ‘रिजर्व’ रखा गया है। उन्होंने कहा, ‘हमारा रुख बहुत स्पष्ट है कि टकराव के सभी बिंदुओं से सैनिकों की वापसी हुए बिना टकराव की स्थिति कम नहीं हो सकती। भारत और चीन ने सीमा संबंधी कई समझौतों पर दस्तखत किए हैं। इनका चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने एकपक्षीय तरीके से उल्लंघन किया है।’ सेना प्रमुख ने कहा, ‘हम वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर अमन-चैन चाहते हैं और विश्वास बहाली के कदम उठाने के लिए तैयार हैं, लेकिन हम हर तरह की आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं।’ उत्‍तरी सीमा में हालात नियंत्रण में सेना प्रमुख बोले कि उत्तरी सीमा पर हालात नियंत्रण में हैं। चीन के साथ अगले दौर की सैन्य वार्ता में अप्रैल 2020 से पहले की स्थिति को बहाल करने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। जनरल नरवणे ने कहा, ‘भारतीय सेना का रुख पूरी तरह स्पष्ट है कि क्षेत्र का किसी तरह का नुकसान या यथास्थिति में एकपक्षीय बदलाव की इजाजत नहीं दी जाएगी। हम चीन के साथ दृढ़ता से और बिना उकसावे वाले तरीके से निपट रहे हैं ताकि पूर्वी लद्दाख में हमारे दावों की शुचिता बनी रहे।’ हॉट स्प्रिंग्स, गोगरा और डेपसांग जैसे क्षेत्रों में गतिरोध का समाधान कब तक संभव है, इस प्रश्न के उत्तर में सेना प्रमुख ने कहा कि समयसीमा का आकलन करना मुश्किल है। उन्होंने पिछले साल जून में गलवान घाटी में हुए संघर्ष का जिक्र करते हुए कहा, ‘भारतीय सेना दोनों देशों के बीच सभी प्रोटोकॉलों और समझौतों का पालन करती है। वहीं, पीएलए ने गैर-परंपरागत हथियारों का इस्तेमाल करके तथा बड़ी संख्या में सैनिकों को जुटाकर हालात को तनावपूर्ण बनाया।’ आत्मसंतुष्ट नहीं रह सकते गलवान घाटी में संघर्ष के बाद भारत और चीन के संबंधों में तनाव बढ़ गया था। संघर्ष के बाद दोनों पक्षों ने हजारों की संख्या में सैनिकों को और युद्ध टैंकों तथा अन्य बड़े हथियारों को इलाके में पहुंचा दिया। जनरल नरवणे ने कहा, ‘जब दो देशों के बीच बड़े गतिरोध की स्थिति में दोनों पक्षों के सैनिक हताहत हों तो विश्वास का स्तर कम होता ही है। हालांकि, हमारा प्रयास हमेशा से रहा है कि विश्वास कम होने से बातचीत की प्रक्रिया बाधित नहीं होनी चाहिए।’ क्षेत्र में किसी भी तरह का तनाव बढ़ने की आशंका के बारे में पूछे जाने पर सेना प्रमुख ने कहा कि पैंगोंग झील क्षेत्र में से सैनिकों की वापसी पर समझौते के बाद चीनी पक्ष ने कोई उल्लंघन नहीं किया है और किसी अप्रिय घटना के आसार कम हैं। उन्होंने यह भी कहा कि इस समय दोनों पक्षों के सैनिकों की संख्या लगभग पिछले साल की तरह ही है। भारतीय सेना क्षेत्र की स्थिति से अवगत है। उन्होंने कहा, ‘आप आत्मसंतुष्ट नहीं रह सकते।’ चीन की हर हरकत पर नजर सेना प्रमुख ने कहा कि एलएसी से करीब 1,000 किलोमीटर दूर गहन क्षेत्रों में स्थित पीएलए के प्रशिक्षण केंद्रों पर भी नजर रखी जा रही है। संवेदनशील क्षेत्र में एलएसी के आसपास दोनों पक्षों के अलग-अलग 50 से 60 हजार सैनिक हैं। पिछले साल पांच मई को गतिरोध शुरू होने के बाद दोनों पक्षों ने फरवरी में पैंगोंग झील के उत्तरी और दक्षिणी किनारों से सैनिकों और हथियारों की वापसी की प्रक्रिया को पूरा किया। सैन्य और कूटनीतिक वार्ताओं के बाद हुए समझौते के तहत यह किया गया। दोनों पक्ष 11 दौर की सैन्य वार्ता कर चुके हैं, जिनका उद्देश्य टकराव के बिंदुओं से सैनिकों की वापसी और तनाव कम करना है। दोनों देशों की सेनाएं इस समय टकराव के बाकी बिंदुओं से सैनिकों की पूरी तरह वापसी की प्रक्रिया को बढ़ाने पर वार्ता में शामिल हैं। टकराव के शेष बिंदुओं से सैनिकों की वापसी की दिशा में कोई प्रगति नहीं दिखाई दी। चीनी पक्ष ने नौ अप्रैल को बातचीत के अंतिम दौर में कोई लचीलापन नहीं दिखाया था। चीनी सेना इस समय लद्दाख क्षेत्र के पास अपने प्रशिक्षण वाले इलाकों में अभ्यास कर रही है।


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सेना प्रमुख का चीन को दो टूक संदेश, बॉर्डर पर चाहते हैं अमन, पर हर स्थिति के लिए तैयार हैं https://ift.tt/34rXdre सेना प्रमुख का चीन को दो टूक संदेश, बॉर्डर पर चाहते हैं अमन, पर हर स्थिति के लिए तैयार हैं
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दहेज हत्या के बढ़ रहे मामले, लेकिन पति के निर्दोष रिश्तेदारों को फंसाना भी चिंताजनकः सुप्रीम कोर्ट https://ift.tt/3yP26Zo

नई दिल्ली ने दहेज हत्या मामले में टिप्पणी करते हुए कहा कि इसमें संदेह नहीं है कि दिन-प्रतिदिन दहेज हत्या जैसा खतरा बढ़ रहा है, लेकिन साथ ही कहा कि कई बार ऐसा भी देखा गया है कि ऐसे मामले में पति के उन रिश्तेदारों को फंसा दिया जाता है जिनका मामले में कोई भूमिका नहीं होती है। ऐसे मामले में अदालत को सजग रहने की जरूरत है। दहेज हत्या मामले में आरोपियों को दोषी करार देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने उक्त टिप्पणी की। सुप्रीम कोर्ट ने दहेज हत्या मामले में दिए फैसले में कहा है कि जब भी दहेज हत्या से संबंधित मामले को देखा जाए तो इस बात को ध्यान में रखना जरूरी है कि इस कानून को इसलिए बनाया गया था कि दहेज के लिए लड़कियों को जलाए जाने से रोका जा सके। दहेज जैसी सामाजिक बुराई पर लगाम लगान के लिए ये कानून बनाया गया है। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा कि दहेज हत्या मामले में आरोपी के बयान के समय ट्रायल कोर्ट गंभीर नहीं रहते जो चिंता का विषय है और कहा कि कई बार दहेज हत्या मामले में भी पति के परिजनों को बिना कारण फंसा दिया जाता है। सुप्रीम कोर्ट ने आरोपी पति और अन्य ससुरालियों को दहेज हत्या मामले में दोषी करार दिया लेकिन आत्महत्या के लिए उकसाने के केस से उन्हें बरी करते हुए उक्त टिप्पणी की। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एनवी रमणा की अगुवाई वाली बेंच ने कहा कि कई बार ऐसा भी ह ोता है कि आरोपी से पूछताछ के बिना ही उनके बयान दर्ज कर दिए जाते हैं। इस मामले में पंजाब हरियाया हाई कोर्ट ने पति समेत अन्य ससुरालियों को दहेज हत्या और आत्म हत्या के लिए उकसाने के मामले में दोषी करार दिया था जिस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी। अभियोजन पक्ष के मुताबिक 31 जुलाई 1995 को लड़की के पिता को गांव वालों ने खबर दी थी कि उनकी बेटी अस्पताल में भर्ती है। जब तक महिला के पिता अस्पताल पहुंते तब तक उसकी जलने से मौत हो चुकी थी। ट्रायल कोर्ट ने 11 दिसंबर 1997 को पति और अन्य को दोषी करार दिया था और पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट ने 6 नवंबर 2008 को अपील खारिज कर दी और सजा बरकरार रखा था। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि अभियोजना पक्ष को चाहिए कि जब दहेज हत्या का केस हो तो उसके लिए जितने भी जरूरी कारक हैं वह मौजूद होना चाहिए। एक बार जब ये साबित हो जाए कि अप्राकृतिक मौत हुई है और कोई कैजुअल्टी है तो फिर भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा-313 के तहत आरोपी के खिलाफ मामला चला जाता है। अभियोजन पक्ष को यह बताना होता है कि मरने से पहले मृतका को दहेज के लिए प्रताड़ित किया गया था। लेकिन ये चिंता का विषय है कि जब ट्रायल कोर्ट अभियुक्त का बयान दर्ज करता है तो वह बहुत ही कैजुअल तरीके से करता है। जबकि आरोपी का धारा-313 के तहत दर्ज होने वाले बयान सिर्फ औपचारिक नहीं होना चाहिए। यह धारा-313 आरोपी को इस बात का अधिकार देता है कि उसके खिलाफ जो भी तथ्य हैं उसका वह स्पष्टीकरण दे पाए। ऐसे में ये अदालत का दायित्व बनता है कि वह देखे कि आरोपी को पूरा मौका मिले और उससे निष्पक्ष तरीके से सवाल किया जा सके। सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा कि आए दिन दहेज हत्याके मामले बढ़ रहे हैं और इन खतरों से अदालत वाकिफ है। लेकिन कभी भी पति के परिजनों और उन मेंबरों को भी फंसा दिया जाता है जिनकी भूमिका नहीं होती है। ऐसे में अदालत को सावधानी रखने की जरूरत है।


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दहेज हत्या के बढ़ रहे मामले, लेकिन पति के निर्दोष रिश्तेदारों को फंसाना भी चिंताजनकः सुप्रीम कोर्ट https://ift.tt/3yP26Zo दहेज हत्या के बढ़ रहे मामले, लेकिन पति के निर्दोष रिश्तेदारों को फंसाना भी चिंताजनकः सुप्रीम कोर्ट
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एयर इंडिया की फ्लाइट में चमगादड़, पायलट ने बीच रास्‍ते से लौटाया विमान https://ift.tt/3uujfnM

नई दिल्‍ली में गुरुवार को अजीबो-गरीब वाकया हुआ। फ्लाइट में चमगादड़ मिलने के बाद पायलट ने विमान को बीच रास्‍ते से लौटा लिया। इसने दिल्‍ली से उड़ान भरी थी। एयर ट्रैफिक कंट्रोल (एटीसी) को सूचना देने के बाद पायलट ने विमान को वापस ले जाने का फैसला किया। एयर इंडिया की यह फ्लाइट नेवार्क (EWR) जा रही थी। दिल्‍ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्‍ट्रीय हवाई अड्डे से इसने अपने निर्धारित समय सुबह 2.20 बजे उड़ान भरी थी। हवा में 30 मिनट गुजारने के बाद फ्लाइट में एक चमगादड़ देखा गया। इसके बाद फ्लाइट कैप्‍टन ने प्‍लेन को वापस ले जाने का फैसला किया। न्‍यूज एजेंसी एएनआई को एयर इंडिया के अधिकारियों ने बताया, 'डिपार्चर के कुछ समय बाद विमान संख्‍या AI-105 DEL-EWR को वापस लाया गया। क्रू मेंबर्स ने केबिन में एक चमगादड़ को पाया था। वाइल्‍डलाइफ स्‍टाफ को इसे केबिन से हटाने के लिए कहा गया। विमान ने दिल्‍ली बेस में सुबह 3.55 बजे सुरक्षित वापसी की।' डीजीसीए के अधिकारियों ने बताया कि विमान के लौटने पर फ्यूमिगेशन किया गया और मरे हुए चमगादड़ को इससे निकाल लिया गया। इस बीच सूत्रों ने बताया कि इस मामले पर विस्‍तृत रिपोर्ट बनाने के लिए इंजीनियरिंग टीम से कहा गया है। एयर इंडिया की इंजीनियरिंग टीम ने अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट जमा कर दी है। इसमें कहा गया है कि यह चमगादड़ शायद केटरिंग जैसे लोडिंग वाहनों से आया हो। दिल्‍ली वापस लौटने पर यात्रियों को दूसरे विमान में शिफ्ट किया गया। एयर इंडिया की इस फ्लाइट (AI-105) ने स्‍थानीय समयानुसार सुबह 11.35 बजे नेवार्क में लैंडिंग की।


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एयर इंडिया की फ्लाइट में चमगादड़, पायलट ने बीच रास्‍ते से लौटाया विमान https://ift.tt/3uujfnM एयर इंडिया की फ्लाइट में चमगादड़, पायलट ने बीच रास्‍ते से लौटाया विमान
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कोरोना संकट, कामकाज, लोकप्रियता...PM मोदी के दूसरे कार्यकाल के दो साल पूरे होने पर क्या कहता है ताजा सर्वे https://ift.tt/2TpAklT

नई दिल्ली नरेंद्र मोदी सरकार को सत्ता में आए 7 साल पूरे हो चुके हैं। पीएम मोदी के दूसरे कार्यकाल के दो साल पूरे हो चुके हैं। इस वक्त पूरा देश कोरोना महामारी के अभूतपूर्व संकट से जूझ रहा है। नरेंद्र मोदी सरकार के लिए कोरोना संकट से निपटना बहुत बड़ी चुनौती की तरह है। इस बीच निजी चैनल एबीपी न्यूज-सी वोटर ने पूरे होने पर केंद्र सरकार के कामकाज, पीएम मोदी की लोकप्रियता, कोरोना संकट से सरकार के निपटने जैसे सवालों को लेकर सर्वे किया है। कोरोना से निपटना मोदी 2.0 की सबे बड़ी नाकामी: सर्वे एबीपी न्यूज-सी वोटर सर्वे के मुताबिक मोदी 2.0 सरकार की सबसे बड़ी नाकामी कोरोना से निपटना है। सर्वे में भाग लेने वाले 44 प्रतिशत शहरी लोगों ने इसे मोदी सरकार की सबसे बड़ी नाकामी बताया है। वहीं ग्रामीण भारत में 40 प्रतिशत लोगों को मानना है कि मोदी सरकार की सबसे बड़ी नाकामी कोरोना से निपटना है। वहीं कृषि कानूनों और किसानों के मुद्दे को शहरी क्षेत्रों में 20 प्रतिशत और ग्रामीण क्षेत्रों में 25 प्रतिशत लोगों ने मोदी सरकार की सबसे बड़ी नाकामी बताया। सीएए पर दिल्ली दंगे को 9 प्रतिशत शहरी और 9 प्रतिशत ग्रामीण लोग सरकार की सबसे बड़ी नाकामी बता रहे हैं। चीन सीमा विवाद को भी 7 प्रतिशत शहरी और 10 प्रतिशत ग्रामीण लोगों ने सरकार की सबसे बड़ी नाकामी बताया है। कोरोना इस वक्त देश की सबसे बड़ी परेशानी: सर्वे सर्वे में शामिल ज्यादातर लोगों ने कोरोना को देश की सबसे बड़ी परेशानी बताया है। 36 प्रतिशत लोगों ने कोरोना को आज के भारत की सबसे बड़ी परेशानी बताया है। वहीं 18 प्रतिशत लोगों ने बेरोजगारी, 10 प्रतिशत ने महंगाई और 7 प्रतिशत ने भ्रष्टाचार को देश की सबसे बड़ी परेशानी करार दिया है। वैक्सीन के इंतजाम से ज्यादातर लोग संतुष्ट- सर्वे एबीपी न्यूज-सी वोटर के सर्वे में पूछा गया कि क्या मोदी सरकार में वैक्सीन का इंतजाम ठीक है तो ज्यादातर लोगों ने हां में जवाब दिया। इस सवाल के जवाब में 51 प्रतिशत शहरी प्रतिभागियों और 45 प्रतिशत ग्रामीण लोगों ने कहा कि हां, मोदी सरकार ने वैक्सीन का ठीक से इंतजाम किया है। वहीं शहरों में 29 प्रतिशत को लगता है कि वैक्सीन का इंतजाम ठीक नहीं है। गांवों में यह आंकड़ा 37 प्रतिशत है। इस सवाल के जवाब में 17 प्रतिशत शहरी लोगों ने कुछ कह नहीं सकते का जवाब दिया, जबकि गांवों में 18 प्रतिशत प्रतिभागियों की इस पर कोई राय नहीं थी। ज्यादातर लोगों ने वैक्सीन को विदेश भेजने को सही बताया सर्वे में शामिल ज्यादातर लोगों ने कोरोना की वैक्सीन को विदेश भेजने को सही बताया है। सर्वे में पूछा गया कि क्या वैक्सीन विदेश भेजना सही है, इसके जवाब में शहरी क्षेत्र के 54 प्रतिशत लोगों ने कहा कि हां, वैक्सीन विदेश भेजना सही है। ग्रामीण क्षेत्र के 45 प्रतिशत प्रतिभागियों ने वैक्सीन विदेश भेजने को सही बताया। वहीं 29 प्रतिशत शहरी लोग इसे सही नहीं मानते। गांवों में यह आंकड़ा 37 प्रतिशत है। लॉकडाउन पर मोदी सरकार के फैसले से ज्यादातर लोग संतुष्ट- सर्वे सर्वे के मुताबिक, कोरोना से निपटने के लिए मोदी सरकार के लॉकडाउन के फैसले से ज्यादातर लोग संतुष्ट हैं। इस सवाल पर कि क्या पिछले साल पूरे देश में लॉकडाउन सहीं था? इस सवाल के जवाब में 76 प्रतिशत शहरी लोगों ने कहा कि हां, सही था। वहीं 65 प्रतिशत ग्रामीण आबादी इसे सही मानती है। सिर्फ 17 प्रतिशत शहरी लोगों ने पिछले साल पूरे देश में लॉकडाउन लगाने के फैसले को गलत कहा, जबकि 25 प्रतिशत ग्रामीण आबादी ने लॉकडाउन के फैसले को सही नहीं माना। इसी तरह इस साल पूरे देश में लॉकडाउन नहीं लगाने के मोदी सरकार के फैसले को भी ज्यादा लोग सही मानते हैं। 57 प्रतिशत शहरी लोग इस फैसले को सही मानते हैं जबकि गांवों में 52 प्रतिशत लोग इसे सही मानते हैं। 31 प्रतिशत शहरी लोगों ने इस साल पूरे देश में लॉकडाउन नहीं लगाने के फैसले को गलत माना। ग्रामीण इलाकों में यह आंकड़ा 34 प्रतिशत है। कोरोना संकट को कौन बेहतर संभालता, राहुल या मोदी? जानें क्या कहता है सर्वे एबीपी न्यूज-सी वोटर के सर्वे में एक दिलचस्प सवाल पूछा गया कि कोरोना संकट को कौन बेहतर संभालता, मोदी या राहुल? इस सवाल के जवाब में 66 प्रतिशत शहरी और 62 प्रतिशत ग्रामीण लोगों ने कहा कि मोदी ही बेहतर संभाल रहे हैं। वहीं 20 प्रतिशत शहरी और 23 प्रतिशत ग्रामीण लोगों को लगता है कि राहुल गांधी कोरोना संकट को बेहतर ढंग से संभालते। 24 प्रतिशत लोग केंद्र और 17 प्रतिशत राज्य सरकार से नाराज- सर्वे सर्वे में सवाल किया गया कि आप किससे सबसे ज्यादा नाराज हैं? इसके जवाब में 5 प्रतिशत ने स्थानीय प्रशासन, 17 प्रतिशत ने राज्य सरकार, 24 प्रतिशत ने मोदी सरकार से नाराजगी बताई। 54 प्रतिशत लोगों ने इस सवाल के जवाब में कोई राय जाहिर नहीं की। दूसरी लहर के बीच पीएम मोदी के चुनाव प्रचार को ज्यादातर लोग मानते हैं गलत-सर्वे सर्वे में शामिल 50 प्रतिशत से ज्यादा लोगों ने कोरोना की दूसरी लहर के बीच पीएम मोदी के चुनाव प्रचार को गलत माना। इसी तरह ज्यादातर लोगों की राय रही कि कोरोना की दूसरी लहर के बीच राज्यों की विधानसभाओं और पंचायत चुनावों को नहीं कराया जाना चाहिए था।


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कोरोना संकट, कामकाज, लोकप्रियता...PM मोदी के दूसरे कार्यकाल के दो साल पूरे होने पर क्या कहता है ताजा सर्वे https://ift.tt/2TpAklT कोरोना संकट, कामकाज, लोकप्रियता...PM मोदी के दूसरे कार्यकाल के दो साल पूरे होने पर क्या कहता है ताजा सर्वे
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पटना एम्स में 2 से 18 साल तक के बच्चों पर वैक्सीन का ट्रायल शुरू, ऐसे हो सकते हैं शामिल https://ift.tt/3yN6Uy2

दानापुर कोरोना वायरस (Corona virus) से जूझ रहे बिहार में इस वायरस के प्रकोप को रोकने के लिए 18 साल से अधिक उम्र के लोगों को वैक्सीन लगाई जा रही है। इसी बीच खबर है कि शुक्रवार से बच्चों पर कोरोना वैक्सीन (Corona vaccine) के ट्रायल (Trial) की शुरुआत की गई है। पटना एम्स में 2 से 18 साल तक के बच्चों पर को-वैक्सीन का ट्रायल किया जा रहा है। बच्चों पर वैक्सीन के इस ट्रायल के तीन चरण होंगे- फर्स्ट, सेकंड और थर्ड। मिली जानकारी के मुताबिक, फर्स्ट फेज में 50 बच्चों पर वैक्सीन का ट्रायल होगा। जबकि थर्ड फेज में 550 बच्चों का लक्ष्य रखा गया है। ट्रायल में आने वाले सभी बच्चों की आरटीपीसीआर और एंटीबॉडी जांच की जाएगी। बताया कि ट्रायल में शामिल बच्चों को 700 रुपये प्रोत्साहन राशि और प्रमाणपत्र भी दिया जाएगा। ट्रायल सफल होने पर बच्चों को भी लग सकेगा टीका: सीएम सिंह इसकी जानकारी देते हुए पटना एम्स के मेडिकल सुपरिटेंडेंट सीएम सिंह ने बताया कि हम 18 साल से कम उम्र के बच्चों पर आज से वैक्सीनेशन का ट्रायल शुरू करेंगे, उनमें किस तरह के इफ़ेक्ट देखने को मिलते हैं, इस बात की जांच की जाएगी और उसी के आधार पर जब ट्रायल सफल होगा तो बच्चों को भी यह टीका लगाया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि ट्रायल में भाग लेने के इच्छुक लोग मोबाइल नंबर 94714-08832 पर कॉल कर सकते हैं। पटना से गुरुवार को सामन आए 369 कोरोना के मामले बिहार में गुरुवार को कोविड-19 के 2568 नए मामले आए और 98 और मरीजों की मौत हो गई। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, बिहार में पिछले 24 घंटे के दौरान कोरोना वायरस संक्रमण से 98 मरीजों की मौत होने से मृतक संख्या बढ़कर 4943 हो गई। विभाग के मुताबिक, नए मामलों के साथ संक्रमितों की संख्या 7,00,897 हो गयी है। इनमें से 6,67,507 मरीज ठीक हो चुके हैं। पिछले 24 घंटे के भीतर 5015 मरीज स्वस्थ हो गए। संक्रमण के सबसे ज्यादा 369 मामले पटना से आए हैं।


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पटना एम्स में 2 से 18 साल तक के बच्चों पर वैक्सीन का ट्रायल शुरू, ऐसे हो सकते हैं शामिल https://ift.tt/3yN6Uy2 पटना एम्स में 2 से 18 साल तक के बच्चों पर वैक्सीन का ट्रायल शुरू, ऐसे हो सकते हैं शामिल
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बिहार में यास से तबाही के 10 वीडियो देखिए, कमजोर पड़ चुके तूफान ने मचाया कोहराम https://ift.tt/3yOwcw6

बिहार के पूरे 38 जिलों में कमजोर पड़ने के बाद भी यास तूफान ने बड़ा असर दिखाया। पटना में भारी बारिश ने लोगों को 2019 के बाढ़ की याद दिला दी तो बेगूसराय में एक घर ही नेस्तनाबूद हो गया और इसके मलबे में दबकर एक शख्स की मौत हो गई। मुजफ्फरपुर में सड़क पर पेड़ धराशायी हो गया तो गांवों में नदियां उफान पर आ गईं। नीचे देखिए बिहार में यास की तबाही के दस वीडियो...

बिहार में गुरुवार से ही यास तूफान ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया। मुजफ्फरपुर में बीच सड़क पर पेड़ गिरा तो बेगूसराय में एक शख्स की जान चली गई। इसी बीच तेज और लगातार बारिश के बीच राज्य के लगभग सभी जिलों की बिजली गुल हो गई।


Yaas Videos : बिहार में यास से तबाही के 10 वीडियो देखिए... जब पूरे राज्य में कमजोर पड़ चुके एक तूफान ने मचा दिया कोहराम

बिहार के पूरे 38 जिलों में कमजोर पड़ने के बाद भी यास तूफान ने बड़ा असर दिखाया। पटना में भारी बारिश ने लोगों को 2019 के बाढ़ की याद दिला दी तो बेगूसराय में एक घर ही नेस्तनाबूद हो गया और इसके मलबे में दबकर एक शख्स की मौत हो गई। मुजफ्फरपुर में सड़क पर पेड़ धराशायी हो गया तो गांवों में नदियां उफान पर आ गईं। नीचे देखिए बिहार में यास की तबाही के दस वीडियो...





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सरकार को चुभी ममता की 'बदसलूकी', कहा- अक्‍खड़ व्‍यवहार से कर रही हैं बंगाल के लोगों का नुकसान https://ift.tt/34oonz9

नई दिल्‍लीभीषण चक्रवाती तूफान यास को लेकर शुक्रवार को प्रधानमंत्री की समीक्षा बैठक में के रवैये पर सरकार ने अफसोस जताया है। सरकार के सूत्रों ने दीदी के रुख को मनमाना, अहंकारी, अप्रत्‍याशित और लोगों के लिए नुकसानदायक करार दिया है। उन्‍होंने कहा कि इससे संघवाद के ढांचे को चोट पहुंचेगी। सूत्रों ने बताया कि ओडिशा और पश्चिम बंगाल का एरियल सर्वे करने के बाद पीएम नरेंद्र मोदी का विमान कलाईकुंडा एयरबेस पर उतरा। जब प्रधानमंत्री समीक्षा बैठक में पहुंचे तो वहां पश्चिम बंगाल से कोई नहीं था। ममता और बंगाल के मुख्‍य सचिव दोनों एक ही भवन में मौजूद थे। इसके बावजूद वे पीएम को लेने नहीं पहुंचे। एक आधिकारिक सूत्र ने कहा कि प्रधानमंत्री, गर्वनर जगदीप धनकड़ और अन्‍य केंद्रीय मंत्री इस बैठक में पहुंचे हुए थे। उन्‍होंने बड़े धैर्य से करीब आधे घंटे तक इंतजार किया। फिर अचानक ममता बनर्जी पहुंची। तूफान के असर पर पीएम को आनन-फानन में कागजों का एक पुलिंदा थमाया। इसके बाद चलती बनीं। सीएम ने बताया कि उन्‍हें कई और जगह भी जाना है। हठी रवैये से बंगाल को नुकसान सरकारी सूत्रों ने बताया कि इतना ही नहीं, दीदी ने मुख्‍य सचिव और गृह सचिव जैसे बंगाल के अफसरों को भी प्रजेंटेशन की अनुमति नहीं दी। एक सूत्र ने कहा कि पीएम ने बंगाल को हुए नुकसान की समीक्षा के लिए समय निकाला। लेकिन, सीएम की राजनीति और संकीर्णता ने इस समीक्षा पर पानी फेर दिया। ऐसा करके ममता सिर्फ बंगाल के लोगों के हितों को नुकसान पहुंचा रही हैं। उन्‍होंने कहा कि आजाद भारत के इतिहास में शायद किसी राज्‍य के सीएम ने पीएम और गवर्नर जैसे संवैधानिक पदों पर बैठे व्‍यक्तियों के साथ इस तरह का बर्ताव न किया हो। ममता का रवैया दुर्भाग्‍यपूर्ण है। यह अहंकार से भरा हुआ है। यह अलग बात है कि उनके इस रवैये से लोगों का नुकसान हो रहा है। वह भी तब जब देश मुश्किल दौर से गुजर रहा है। 1,000 करोड़ रुपये की मदद का एलान वहीं, प्रधामंत्री नरेंद्र मोदी ने ओडिशा और पश्चिम बंगाल के लिए 1,000 करोड़ रुपये के राहत किया है। यह पैकेज साइक्‍लोन यास से हुए नुकसान की भरपाई के लिए दिया गया है।


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सरकार को चुभी ममता की 'बदसलूकी', कहा- अक्‍खड़ व्‍यवहार से कर रही हैं बंगाल के लोगों का नुकसान https://ift.tt/34oonz9 सरकार को चुभी ममता की 'बदसलूकी', कहा- अक्‍खड़ व्‍यवहार से कर रही हैं बंगाल के लोगों का नुकसान
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केरल में राज्यसभा उपचुनाव स्थगित, कोरोना के चलते EC ने लिया फैसला https://ift.tt/3fqzIoC

नई दिल्ली कोरोना महामारी की दूसरी लहर थमी नहीं है। इसे देखते हुए केरल में एक राज्यसभा सीट के लिए प्रस्तावित उपचुनाव को टाल दिया गया है। शुक्रवार को ने यह फैसला लिया। आयोग के मुताबिक, केरल कांग्रेस (एम) के नेता जोश के. मणि ने पिछली 11 जनवरी को राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा दिया था। इस वजह से उपचुनाव होना है। उनका कार्यकाल जुलाई, 2024 तक था। चुनाव आयोग ने कहा, ‘ की धारा 151ए के प्रावधानों के तहत सीट खाली होने से छह महीने के भीतर उपचुनाव के जरिये इसे भरना होता है।’ आयोग ने इस प्रस्तावित उपचुनाव के लिए किसी तारीख का ऐलान नहीं किया था। उसने बताया कि शुक्रवार को इस मामले पर समीक्षा की गई। फैसला किया गया कि कोरोना वायरस की दूसरी लहर के कारण यह उपचुनाव हालात में सुधार होने तक काराना उचित नहीं होगा। आयोग ने कहा कि संबंधित राज्य से जानकारी लेने और महामारी की स्थिति का जायजा लेने के बाद वह इस मामले पर उचित समय पर फैसला करेगा।


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धीमी रफ्तार के बीच केंद्रीय मंत्री का दावा- दिसंबर से पहले पूरा हो जाएगा टीकाकरण https://ift.tt/3uwabOW

नई दिल्ली केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बड़ा बयान देते हुए कहा है कि भारत में वैक्सीनेशन अभियान दिसंबर के पहले ही पूरा हो जाएगा। अगस्त से वैक्सीनेशन में बहुत बढ़ोतरी होगी। दिसंबर तक 108 करोड़ लोगों को 216 करोड़ टीके की व्यवस्था होगी। केंद्रीय मंत्री ने यह दावा ऐसे वक्त में किया है जब अप्रैल की शुरुआत से अब तक साप्ताहिक स्तर पर वैक्सीनेशन पर ज्यादातर गिरावट ही दर्ज की गई है। प्रकाश जावड़ेकर ने प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कांग्रेस सांसद राहुल गांधी पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने टूलकिट की स्क्रिप्ट के अनुसार प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आरोप लगाए हैं। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा, 'राहुल गांधी जी दिसम्बर तक भारत में 216 करोड़ नए टीके आएंगे। जो कि 108 करोड़ से भी ज्यादा लोगों को लगेंगे। भय फैलाने का कार्य ना करें। भारत सबसे तेज और सबसे ज्यादा वैक्सीनेशन करने वाला आज दूसरा देश है। 20 करोड़ लोगों को टीके लग चुके हैं।' प्रकाश जावड़ेकर ने कहा, 'प्रधानमंत्री देश की जनता के साथ मिलकर कोविड का सामना कर रहे हैं ऐसे समय में राहुल गांधी सरकार की तरफ से किए गए प्रयासों के लिए, नौटंकी शब्द का इस्तेमाल करते हैं, यह देश और देश की जनता का अपमान है। ऐसे शब्दों का इस्तेमाल हम नहीं करेंगे, क्योंकि उनकी नौटंकी जनता ने कब की बंद कर दी है। राहुल जी आपकी प्रेस कॉन्फ्रेंस टूलकिट की स्क्रिप्ट के अनुसार हुई है। लोग यह सब समझते हैं।' प्रकाश जावड़ेकर ने आगे कहा, 'राहुल जी अगर आपको वैक्सीन का महत्व आज समझ आ रहा है तो जब कोवैक्सीन आई थी तब उसपर आपने प्रश्नचिन्ह क्यों लगाया था? लोगों के मन में भ्रम ना पैदा करें। प्रधानमंत्री जी ने खुद कोवैक्सीन ली तब भी आपकी नौटंकी बंद नहीं हुई। वैक्सीनेशन में कांग्रेस शासित राज्यों में गड़बड़ी हो रही है।'


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गाजा में मानवाधिकार उल्‍लंघन पर संयुक्‍त राष्‍ट्र में प्रस्‍ताव, भारत ने वोटिंग से खुद को रखा अलग https://ift.tt/3hZdAmV

नई दिल्ली गाजा में के बीच हाल में 11 दिन तक संघर्ष चला। इस दौरान कथित उल्लंघनों और अपराधों की जांच शुरू करने के (UNHRC) के प्रस्ताव पर वोट डालने से भारत समेत 14 देश अनुपस्थित रहे। के जेनेवा स्थित मुख्यालय में गुरुवार को विशेष सत्र बुलाया गया था। इसकी समाप्ति पर यह प्रस्ताव स्वीकार कर लिया गया। कारण है कि 24 देशों ने इसके पक्ष में वोट डाला। जबकि नौ ने इसका विरोध किया। चीन और रूस ने पक्ष में किया मतदान आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, भारत ने समूह के 13 अन्य सदस्य राष्ट्रों के साथ मतदान से खुद को अलग रखा। चीन और रूस ने इसके पक्ष में मतदान किया। संयुक्त राष्ट्र निकाय ने एक बयान में कहा, 'मानवाधिकार परिषद ने पूर्वी यरुशलम समेत कब्जा किए गए फलस्तीनी क्षेत्र और इजरायल में अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कानून और अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून के प्रति सम्मान सुनिश्चित करने पर आज दोपहर एक प्रस्ताव स्वीकार किया।' परिषद का विशेष सत्र पूर्वी यरुशलम समेत फलस्तीनी क्षेत्र में 'गंभीर मानवाधिकार स्थिति' पर चर्चा के लिए बुलाया गया था। भारत का क्‍या है पक्ष? जेनेवा में संयुक्त राष्ट्र के लिए भारत के स्थायी प्रतिनिधि इंद्र मणि पांडे ने विशेष सत्र में कहा कि भारत गाजा में इजरायल और सशस्त्र समूह के बीच संघर्ष विराम में सहयोग देने वाले क्षेत्रीय देशों और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के कूटनीतिक प्रयासों का स्वागत करता है। उन्होंने कहा, 'भारत सभी पक्षों से अत्यधिक संयम बरतने और उन कदमों से गुरेज करने की अपील करता है जो तनाव बढ़ाते हों। साथ ही ऐसे प्रयासों से परहेज करने को कहता है जो पूर्वी यरुशलम और उसके आस-पड़ोस के इलाकों में मौजूदा यथास्थिति को एकतरफा तरीके से बदलने के लिए हों।' पांडे ने एक बयान में यरुशलम में जारी हिंसा पर भी चिंता व्यक्त की खासकर हरम अल शरीफ और अन्य फलस्तीनी क्षेत्रों में। इजरायल और हमास दोनों ने संघर्षविराम पर सहमति जताई जो 11 दिनों की भीषण लड़ाई के बाद पिछले शुक्रवार से प्रभावी हुआ। पांडे ने कहा कि भारत इस बात से पूरी तरह सहमत है कि क्षेत्र में उत्पन्न स्थितियों और वहां के लोगों की समस्याओं के प्रभावी समाधान के लिए वार्ता ही एकमात्र विकल्प है।


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