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बाबरी पर फैसले से नाखुश हैं जिलानी, बोले- जाएंगे हाईकोर्ट https://ift.tt/3jugLkF

September 30, 2020
लखनऊ 28 साल बाद अयोध्या के विवादित ढांचा विध्वंस मामले में बुधवार को सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने सभी 32 आरोपियों को बरी कर दिया है। कोर्ट के इस फैसले पर बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी के संयोजक और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य जफरयाब जिलानी नाखुशी जताई है। उन्होंने कहा है कि वह इस फैसले से संतुष्ट नहीं है। वह हाईकोर्ट जाएंगे। जफरयाब जिलानी ने बातचीत में कहा कि यह फैसला बिल्कुल न्याय के खिलाफ है। सबूतों की पूरी तरह अनदेखी की गई है। यह कानून के खिलाफ है। इसके खिलाफ हम हाईकोर्ट जाएंगे। जिसको यह लोग सबूत नहीं मान रहे वह पूरी तरह से सबूत है। सभी के बयान हैं। इसके लिए दो लोगों के बयान काफी होते हैं। यहां तो दर्जनों बयान हैं। 'हमारे पास ऑप्शन है'जफरयाब जिलानी ने कहा कि हमारे पास ऑप्शन है। राम मंदिर का फैसला हम देख चुके हैं और बाबरी केस का फैसला भी देख लिया। दोनों से हम संतुष्ट नहीं हैं। अभी तक हम फैसले का इंतजार कर रहे थे। जफरयाब जिलानी कहते हैं कि जो भी पक्ष संतुष्ट नहीं है, वह हाईकोर्ट का रुख करेगा। आडवाणी, जोशी समेत सभी 32 आरोपी बरी अयोध्या में छह दिसंबर 1992 को ढहाए गए विवादित ढांचे के मामले में सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने बुधवार को फैसला सुनाया। इस मामले में बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह, उमा भारती, विनय कटियार समेत सभी 32 आरोपियों को बरी कर दिया गया है। 28 साल बाद आया फैसला अयोध्या के विवादित ढांचा विध्वंस मामले की सुनवाई 28 वर्ष तक चली। सुनवाई के बाद ढांचा विध्वंस के आपराधिक मामले में फैसला सुनाने के लिए सीबीआई के विशेष न्यायाधीश एस.के. यादव ने सभी आरोपियों को कोर्ट में तलब किया था।


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बाबरी पर फैसले से नाखुश हैं जिलानी, बोले- जाएंगे हाईकोर्ट https://ift.tt/3jugLkF बाबरी पर फैसले से नाखुश हैं जिलानी, बोले- जाएंगे हाईकोर्ट
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30 साल, जय श्रीराम से जय श्रीराम तकः क्या आज वाकई बहुत खुश होंगे लालकृष्ण आडवाणी? https://ift.tt/3jhp9DQ

September 30, 2020
नई दिल्ली बीजेपी के दिग्गज नेता (Lal Krishna Advani) बेटी प्रतिभा आडवाणी का हाथ पकड़े अपने आवास पर सीबीआई की स्पेशल कोर्ट के फैसले को देख रहे थे। उनके जेहन में 26 दिसंबर 1992 से लेकर अबतक वो सारी बातें कौंध रही थी जो उनके साथ अभीतक चली आ रही थीं। लेकिन जैसे ही सीबीआई की अदालत ने सभी 32 आरोपियों को बरी करने का फैसला सुनाया आडवाणी खुश हो गए। उनकी खुशी इस बात से आंकी जा सकती है कि उन्होंने मीडिया के सामने जय श्रीराम के नारे भी लगाए। दरअसल, जब आडवाणी ने 1990 में सोमनाथ से अयोध्या की रथयात्रा शुरू की थी तो वह अपने भाषणों यह नारा लगाते रहे थे। जय श्रीराम का नारा, आडवाणी की खुशी और दुख दोनों.. 28 साल बाद सीबीआई की विशेष अदालत के फैसले के बाद बीजेपी के वयोवृद्ध नेता आडवाणी अरसे बाद मीडिया के सामने आए। उन्होंने केवल दो लाइन कहीं, पहला- बहुत दिनों बाद खुशी का समाचार मिला है और दूसरा- जय श्री राम। यही दो शब्द उनके दर्द और खुशी दोनों को बयां कर रहे थे। पहली लाइन कहीं न कहीं उनके दर्द को बयां कर रहे थे। कुछ सवाल पूछ रहे थे कि आखिर जिस पार्टी को उन्होंने इतना सबकुछ दिया वहां उन्हें अलग क्यों कर दिया गया है। दूसरी लाइन वाकई उनकी खुशी को दर्शाने वाला था। क्योंकि जिस उद्देश्य के साथ उन्होंने यात्रा शुरू की थी उसका अंत बेहतरीन रहा और अयोध्या में राम मंदिर का भूमि पूजन भी हो चुका है। आज पार्टी में हाशिए पर हैं आडवाणी इस फैसले से जहां आडवाणी खुश दिखे और इसे बेहद महत्वपूर्ण फैसला बताया वहीं एक हकीकत ये भी है जिस पार्टी को उन्होंने अपना सबकुछ दिया आज वह उसी पार्टी में हाशिए पर हैं। विश्लेषकों का कहना है कि 2 सांसदों वाली पार्टी को बहुमत से सरकार चलाने वाली पार्टी बनाने में आडवाणी के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता है। पार्टी को फर्श से अर्श तक पहुंचाने वाले आडवाणी आज पार्टी के मार्गदर्शक मंडल में शामिल हैं। राम मंदिर आंदोलन ने बीजेपी को सत्ता का स्वाद चखाया इसमें कोई शक नहीं कि राम मंदिर आंदोलन के जरिए बीजेपी ने सत्ता का स्वाद चखा। आडवाणी राम मंदिर आंदोलन के सूत्रधारों में शामिल रहे। अयोध्या विवाद पर जब पिछले साल सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया तब भी आडवाणी ने खुशी जाहिर की थी। पर इन सब बातों के बीच एक सच ये भी है कि आडवाणी अभी नेपथ्य में हैं। जिस पार्टी को उन्होंने अपने खून-पसीने से सींचा आज वहां उन्हें पीछे रखा गया है। आडवाणी की रथ यात्रा ने बदल दिया था बीजेपी का भाग्य मंदिर निर्माण आंदोलन के लिए बीजेपी के तत्कालीन अध्यक्ष आडवाणी ने 1990 में गुजरात के सोमनाथ से अयोध्या तक के लिए रथ यात्रा शुरू की थी। लेकिन आडवाणी को बिहार के तत्कालीन सीएम लालू प्रसाद यादव ने समस्तीपुर जिले में गिरफ्तार करवा लिया था। जब पिछले साल सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या विवाद पर अपना फैसला सुनाया था तब आडवाणी ने इसपर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि यह बड़ी बात है कि ईश्वर ने उन्हें इस आंदोलन से जुड़ने का मौका दिया। आडवाणी ही वे शख्स थे जिनकी अगुवाई में बीजेपी ने 1992 के बाद से लगातार बढ़त बनाई। पार्टी ने केंद्र में दिवंगत पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में सरकार बनाई और आडवाणी उप प्रधानमंत्री बने। बाद में बीजेपी में मोदी युग आने के बाद आडवाणी धीरे-धीरे नेपथ्य में चले गए और फिलहाल पार्टी के मार्गदर्शक मंडल में शामिल हैं।


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30 साल, जय श्रीराम से जय श्रीराम तकः क्या आज वाकई बहुत खुश होंगे लालकृष्ण आडवाणी? https://ift.tt/3jhp9DQ 30 साल, जय श्रीराम से जय श्रीराम तकः क्या आज वाकई बहुत खुश होंगे लालकृष्ण आडवाणी?
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हाथरस मामला: दो अक्टूबर को पीड़ित परिवार से मिलेंगे केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले https://ift.tt/3ihQgNC

September 30, 2020
उत्तर प्रदेश के हाथरस गैंगरेप मामले में केंद्रीय सामाजिक न्याय मंत्री रामदास आठवले (central minister Ramdas athavale) दो अक्टूबर को हाथरस जाकर शोकाकुल परिवार से मुलाकात करेंगे। मुसीबत की घड़ी में परिवार को सांत्वना देने और हिम्मत बढ़ाने के लिए साथ ही परिवार को यह भरोसा दिलाएंगे कि वह अकेले नहीं हैं पूरा देश उनके साथ है। घटना से पूरे में आक्रोश है उत्तर प्रदेश के इस घटना से पूरे देश में गुस्से की लहर है। हर कोई हाथरस की गुड़िया के साथ दरिंदगी करने वाले दरिंदों को फांसी के फंदे पर झूलते हुए देखना चाहता है। मुंबई में आरपीआई के कार्यकर्ताओं ने इस घिनौनी करतूत और निर्मम हत्या के विरोध में आंदोलन भी किया। मुंबई के आज़ाद मैदान में भी आरपीआई कार्यकर्ता इस घटना का विरोध करेंगे। हाथरस की घटना को लेकर योगी से मिलेंगे रामदास अठावले केंद्रीय सामाजिक न्याय मंत्री रामदास आठवले ने भी हाथरस की घटना की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने कहा की आरोपियों को जल्द से जल्द और कठोर से कठोर सजा मिले। इसलिए वे 3 अक्टूबर को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और राज्यपाल से मुलाक़ात करेंगे। आठवले ने कहा कि पीड़ित पक्ष को सरकार की तरफ से सुरक्षा और आर्थिक मदद मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस घटना ने समूची मानव जाति को कलंकित करने का काम किया है। उन्होंने कहा कि दलितों के ऊपर अत्याचार के मामले लगातर बढ़ते ही जा रहे हैं। इसलिए ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए राज्य सरकारों को प्रभावी और कठोर कदम उठाने चाहिए ताकि अपराधी किसी अपराध को करने के पहले सौ बार सोचें। योगी आदित्यनाथ को बर्खास्त करें एनसीपी के विधायक और राष्ट्रीय प्रवक्ता नवाब मलिक ने हाथरस की घटना पर विरोध जताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि मोदी जी ने कहा कि उन्हें हाथरस की घटना पर बेहद दुख है। यदि वाकई में उनको दुख है तो उन्हें तुरंत योगी सरकार को बर्खास्त करना चाहिए वरना यह सिर्फ लीपापोती से ज्यादा और कुछ नहीं है। योगी आदित्यनाथ एक राजा की तरह व्यवहार करते हैं और उन्हें लोकतांत्रिक व्यवस्था में कोई दिलचस्पी नहीं है। यूपी में कानून व्यवस्था का कोई नामोनिशान तक नहीं है।


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हाथरस मामला: दो अक्टूबर को पीड़ित परिवार से मिलेंगे केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले https://ift.tt/3ihQgNC हाथरस मामला: दो अक्टूबर को पीड़ित परिवार से मिलेंगे केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले
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गैंगरेप पीड़िता की गुपचुप अंत्येष्टिः हाथरस में उबाल, पुलिस से भिड़े प्रदर्शनकारी, लाठीचार्ज https://ift.tt/3n3ekHN

September 30, 2020
हाथरस हाथरस की बेटी की रात के अंधेरे में गुपचुप अंतिम संस्कार पर लेकर विरोध हो रहा है और इस मामले में पुलिस सवालों के घेरे में है। विपक्षी दल राज्य की योगी आदित्यनाथ सरकार को घेर रही है और यूपी में जंगलराज का आरोप लगा रही है। उधर, पीएम नरेंद्र मोदी ने भी मामले का संज्ञान लेते हुए सीएम आदित्यनाथ से बात कर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। योगी के मंत्री भूपेंद्र चौधरी जब हाथरस पहुंचे तो उन्हें स्थानीय लोगों के गुस्से का सामना करना पड़ा। दाह संस्कार के बाद सुबह दलित समुदाय के लोगों का गुस्सा भड़क उठा है। उधर, सफाई मजदूर संघ ने भी सफाई का काम बंद करने का ऐलान किया है। निशाने पर आई योगी आदित्यनाथ सरकार हाथरस के तालाब चौराहे पर किशोरी की मौत के बाद पुलिस वालों पर जबरन दाह संस्कार कराने का आरोप है। इस मामले में विपक्ष ने योगी सरकार को निशाने पर लिया है। इस बीच घटना से आक्रोशित वाल्मीकि समाज के लोगों ने हाथरस में पुलिस पर पथराव किया है। पुलिस ने पत्थरबाजी कर रहे लोगों पर लाठीचार्ज कर दिया गया। पढ़ें: आक्रोशित लोगों ने पुलिस पर किया पथराव हाथरस में दलित समाज के लोगों ने शहर के अंदर बाजार को बंद करा दिया। सफाईकर्मियों ने काम बंद करते हुए हड़ताल शुरू कर दी है। वाल्मीकि समाज ने आक्रोशित होते हुए जमकर पत्थरबाजी की। इस दौरान बाइक में आग लगाने की कोशिश की गई। मौके पर पहुंचे पुलिस बल ने दलित समाज के लोगों पर लाठीचार्ज कर दिया। गाथरस शहर के अंदर तनावपूर्ण माहौल बना हुआ। पढ़ें: दलित समाज का विरोध प्रदर्शन शुरू हंगामे के दौरान लोगों ने दुकानों के शटर गिरा दिए। मृतका के परिवार को इंसाफ की मांग करते हुए दलित समाज ने विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान पुलिस प्रशासन मुर्दाबाद के नारे लगाए गए। कोतवाली सदर इलाके के तालाब चौराहा सासनी गेट पर जमकर पथराव हुआ। पुलिस ने गुस्साई भीड़ पर लाठीचार्ज किया। अलीगढ़ में सफाई मजदूर संघ का आंदोलन शुरू उधर अलीगढ़ के अंदर भी हाथरस कांड को लेकर उबाल है। सफाई मजदूर संघ के लोगों ने आंदोलन शुरू कर दिया है। शहर के अंदर सफाई के काम को नहीं करने का ऐलान करते हुए सभी सफाई कर्मी हड़ताल पर चले गए हैं। हाथरस की बेटी के साथ हैवानियत को लेकर देशभर में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। इस बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मामले की एसआईटी जांच का आदेश दिया है। एसआईटी एक हफ्ते के अंदर अपनी रिपोर्ट पेश करेगी।


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गैंगरेप पीड़िता की गुपचुप अंत्येष्टिः हाथरस में उबाल, पुलिस से भिड़े प्रदर्शनकारी, लाठीचार्ज https://ift.tt/3n3ekHN गैंगरेप पीड़िता की गुपचुप अंत्येष्टिः हाथरस में उबाल, पुलिस से भिड़े प्रदर्शनकारी, लाठीचार्ज
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बाबरी के फैसले पर भड़के ओवैसी- आज काला दिन, क्या अयोध्या में जादू से गिरी थी मस्जिद? https://ift.tt/3n5S7c0

September 30, 2020
हैदराबाद हैदराबाद से सांसद और AIMIM पार्टी के चीफ () ने विध्वंस (Babri Demolition Verdict) मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए इसे अदालत की तारीख का काला दिन करार दिया है। ओवैसी ने फैसले पर सवालिया निशान लगाते हुए कहा कि क्या जादू से मस्जिद को गिराया गया। ओवैसी ने सीबीआई कोर्ट के फैसले को नाइंसाफी करार देते हुए कहा, 'मैं बतौर भारतीय मुस्लिम आज अपमान, शर्म और असहाय महसूस कर रहा हूं। बिल्कुल वैसा ही जैसा 1992 में युवावस्था में किया था।' उन्होंने ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) से इस फैसले को चैंलेज करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि यह न्याय का मामला है और आज बीजेपी इस मसले की वजह से ही सत्ता में है। 'मिठाइयां बटीं, मस्जिद तोड़ने का नारा दिया गया' ओवैसी ने कहा, 'लालकृष्ण आडवाणी ने पूरे देश में रथयात्रा निकाली। हर जगह हिंसा हुई। उमा भारती ने नारा दिया था- एक धक्का और दो, बाबरी मस्जिद तोड़ दो। जब बाबरी शहीद हो रही थी तो मिठाइयां बांटी जा रही थीं। आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती ये सभी लोग खुशियां मना रहे थे। विनय कटियार के घर में साजिश रची गई।' पढ़ें: 'वही कातिल, वही मुंसिफ, अदालत उसी की' ओवैसी ने कोर्ट के फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा, 'जिस अभियुक्त भगवान गोयल ने कोर्ट के बाहर यह स्वीकार किया कि हां बाबरी का विध्वंस किया। और कोर्ट के अंदर बाइज्जत बरी हो जाते हैं।' इससे पहले ओवैसी ने कोर्ट के इस फैसले के बाद ओवैसी ने तंज कसते हुए एक शेर ट्वीट किया- 'बहुत से फैसलों में अब तरफदारी भी होती है/वही कातिल वही मुंसिफ अदालत उस की वो शाहिद' बाबरी विध्वंस केस में सभी 32 आरोपियों को लखनऊ की सीबीआई की विशेष अदालत ने बरी कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि विध्वंस की घटना पूर्व नियोजित नहीं थी और यह अचानक हुई थी। कोर्ट ने सीबीआई के कई साक्ष्यों को भी नहीं माना और 28 साल से चले आ रहे इस विवाद पर अपना फैसला सुना दिया। बरी होने के बाद आरोपियों और उनके समर्थकों में खुशी की लहर छा गई। कोर्ट रूम में ही जय श्री राम के नारे गूंज उठे।


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बाबरी के फैसले पर भड़के ओवैसी- आज काला दिन, क्या अयोध्या में जादू से गिरी थी मस्जिद? https://ift.tt/3n5S7c0 बाबरी के फैसले पर भड़के ओवैसी- आज काला दिन, क्या अयोध्या में जादू से गिरी थी मस्जिद?
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बाबरी के फैसले पर बोले इकबाल अंसारी- अब चैन से जी पाएंगे बुजुर्ग आरोपी https://ift.tt/30n7aV3

September 30, 2020
अयोध्या बाबरी मस्जिद विवाद पर सीबीआई की स्पेशल कोर्ट का फैसला आ गया। कोर्ट ने सभ आरोपियों को 28 साल बाद सभी आरोपों से बरी कर दिया है। यह फैसला आने का बाद बाबरी मस्जिद के पूर्व पक्षकार ने कहा है कि अब बुजुर्ग आरोपी चैन से जी सकेंगे। उन्होंने कोर्ट के फैसले का सम्मान करने को कहा है। इकबाल अंसारी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने 9 नवंबर 2019 को फैसला मंदिर के पक्ष में सुनाया उसका सभी ने सम्मान किया। क्योंकि कोर्ट साक्ष्यों व तथ्यों पर फैसला सुनाती है। इस लिए उस पर हमें भरोसा है। सीबीआई कोर्ट ने 28 साल बाद फैसला सुनाया। जिसमें सभी आरोपी दोषमुक्त हो गए हैं। 'फैसले का स्वागत और सम्मान' अंसारी ने कहा कि सीबीआई ने सैकड़ों लोगों की गवाही ली। जिसमें तमाम पत्रकार भी शामिल थे। सीबीआई ने भी ढेर सारे साक्ष्य इकट्ठा किए थे जिस के आधार पर फैसला सुनाया गया। हम इसका स्वागत व सम्मान करते हैं। इसमें कई आरोपियों की मौत हो गई है जबकि बाकी बुजुर्ग हो चुके हैं अब वे चैन से जी सकेंगे। 9 नवंबर 2019 को ही खत्म हो जाना चाहिए था केस इकबाल अंसारी ने कहा अच्छी बात है, सबको बरी कर दिया गया। वैसे जो कुछ भी होना था वह पिछले साल 9 नवंबर को चुका है। यह मुकदमा भी उसी दिन खत्म हो जाना चाहिए था। उन्होंने कहा यह मुकदमा सीबीआई का है। आज अदालत ने इस पर फैसला कर दिया। हम मुसलमानों से अपील करते हैं कि वह इस मामले को आगे लेकर न जाएं। जैसे 9 नवम्बर के फैसले का सम्मान किया था, वैसे ही इसका भी करें। अयोध्या में नहीं है कोई मतभेद अंसारी ने कहा कि हम चाहते हैं कि हमारे देश में हिन्दू-मुसलमान का विवाद न रहे। जो लोग देश को तोड़ना चाहते हैं, वे ही विवाद बनाए रखने की कोशिश करते हैं। अयोध्या में हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई में कोई मतभेद नहीं है। यही माहौल पूरे देश में होना चाहिए। इकबाल ने पहले भी की थी केस को खत्म करने की गुजारिश आपको बता दें कि कोर्ट का फैसला आने से पहले ही इकबाल अंसारी ने गुजारिश की थी कि सरकार को अब इस मुकदमे को खत्म कर देना चाहिए। उन्होंने कहा था कि अधिकांश आरोपी बुजुर्ग हो चुके हैं। कई अब जिंदा नहीं हैं। सुप्रीम कोर्ट से निर्णय आने के बाद मंदिर-मस्जिद का विवाद अब खत्म हो चुका है। ऐसे में अब बाबरी विध्वंस का केस खत्म कर देना चाहिए। कोर्ट ने सुनाया यह फैसला आपको बता दें कि सीबीआई की विशेष अदालत ने 6 दिसम्बर 1992 को अयोध्या में बाबरी मस्जिद ढहाए जाने के मामले में बुधवार को बहुप्रतीक्षित फैसला सुनाते हुए सभी आरोपियों को बरी कर दिया। विशेष सीबीआई अदालत के न्यायाधीश एस के यादव ने फैसला सुनाते हुए कहा कि बाबरी मस्जिद विध्वंस की घटना पूर्व नियोजित नहीं थी, यह एक आकस्मिक घटना थी। उन्होंने कहा कि आरोपियों के खिलाफ कोई पुख्ता सुबूत नहीं मिले, बल्कि आरोपियों ने उन्मादी भीड़ को रोकने की कोशिश की थी।


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बाबरी के फैसले पर बोले इकबाल अंसारी- अब चैन से जी पाएंगे बुजुर्ग आरोपी https://ift.tt/30n7aV3 बाबरी के फैसले पर बोले इकबाल अंसारी- अब चैन से जी पाएंगे बुजुर्ग आरोपी
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बाबरी केस पर फैसले के बाद कांग्रेस सांसद ने जूडीशरी को बताया मोदीशरी https://ift.tt/34aZ7vx

September 30, 2020
नई दिल्ली 28 साल पुराने बाबरी विध्वंस केस में सभी 32 आरोपियों को कोर्ट से बाइज्जत बरी किए जाने पर कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कड़ी आलोचना की है। उन्होंने कहा कि देश जूडीशरी (स्वतंत्र न्यायपालिका) से मोदीशरी (मोदी से प्रभावित न्यायपालिका) की तरफ बढ़ रहा है। कई बार विवादित टिप्णियां दे चुके पश्चिम बंगाल के बेहरामपुर लोकसभा से कांग्रेस सांसद ने इशारों-इशारों में कहा कि जज ने सरकार से पुरस्कृत होने के लिए न्याय को ताक पर रखकर फैसला दिया है। उन्होंने कहा कि इस फैसले से सच्चे लोगों के मन में डर की भावना घर कर जाएगी और गलत प्रवृत्ति आनंद मनाएंगे। अधीर रंजन चौधरी ने किया ट्वीट चौधरी ने ट्वीट किया, 'जब न्याय नहीं किया जाता है तो सत्य के साथ खड़े लोगों के मन में आतंक बैठ जाता है जबकि गलत करने वाले खुशी से झूमते हैं। जब फैसला सरकार को खुश करने के लिए दिया जाता है तो फैसला देने वाला अपार संपत्ति और तोहफों से नवाजा जाता है। आशंका है कि ऐसा बार-बार हो। भारत जूडिशिरी की जगह मोदीशरी की तरफ बढ़ रहा है।' ओवैसी ने कहा- अदालत के इतिहास का काला दिन उधर, ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलमीन (AIMIM) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भी इस फैसले को अन्याय बताते हुए कहा कि वो बतौर भारतीय मुसलमान आज के दिन को अदालती इतिहास का काला दिन मानते हैं। उन्होंने कहा, 'मैं बतौर भारतीय मुस्लिम आज अपमान, शर्म और असहाय महसूस कर रहा हूं। बिल्कुल वैसा ही जैसा 1992 में युवावस्था में किया था।' सभी 32 आरोपी अदालत से बरी ध्यान रहे कि लखनऊ स्थित स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने 6 दिसंबर, 1992 को अयोध्या में विवादित बाबरी मस्जिद ढांचे को गिराने के मामले में सभी 32 आरोपियों को बरी कर दिया। स्पेशल सीबीआई जज एसके यादव ने अपने फैसले में कहा कि उस दिन की घटना पूर्वनियोजित नहीं थी और भीड़ ने अनियंत्रित होकर बाबरी का ढांचा गिरा दिया। बहरहाल, फैसले के बाद सभी 32 आरोपियों के साथ-साथ रामजन्मभूमि आंदोलन के प्रति आस्था रखने वालों में खुशी का माहौल है, वहीं विरोधी इसे न्याय का मजाक बता रहे हैं।


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बाबरी केस पर फैसले के बाद कांग्रेस सांसद ने जूडीशरी को बताया मोदीशरी https://ift.tt/34aZ7vx बाबरी केस पर फैसले के बाद कांग्रेस सांसद ने जूडीशरी को बताया मोदीशरी
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बाबरी विध्वंस केस में 28 साल बाद बरीः घर से बाहर निकलकर बोले आडवाणी- जय श्रीराम https://ift.tt/36evM6e

September 30, 2020
नई दिल्ली बाबरी मस्जिद विध्वंस केस में सीबीआई की स्पेशल कोर्ट के फैसले पर बीजेपी नेता लालकृष्ण आडवाणी () ने खुशी जताई है। अपने एक वीडियो संदेश में आडवाणी ने कोर्ट के फैसले को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि यह ऐतिहासिक है। बता दें कि लखनऊ में सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने बाबरी विध्वंस मामले में आरोपी सभी 32 लोगों को बरी कर दिया था। आडवाणी बोले- जय श्रीराम, कहा- बड़े दिन बाद अच्छा समाचार आडवाणी ने कहा कि बहुत समय बाद अच्छा समाचार मिला। उन्होंने जय श्री राम () का नारा भी लगाया। आडवाणी ने अपने वीडियो संदेश में कहा, 'आज को जो निर्णय हुआ है वह काफी महत्वपूर्ण है। यह काफी खुशी वाला दिन है। काफी दिनों बाद कोई खुशी का समाचार मिला है। स्पेशल कोर्ट का जो निर्णय हुआ है वह अत्यंत महत्वपूर्ण है।' आडवाणी ने इसके बाद जय श्रीराम का नारा भी लगाया। आडवाणी ने कहा, 'इस फैसले ने मेरे निजी और बीजेपी का राम जन्मभूमि मूवमेंट की भावना को भी सही साबित किया है। मैं इस फैसले का तहेदिल से स्वागत करता हूं।' सीबीआई कोर्ट ने सुनाया था अहम फैसला सीबीआई की अदालत ने बाबरी विध्वंस केस में आरोपी सभी 32 आरोपियों को बरी कर दिया था। कोर्ट ने कहा कि विध्वंस की घटना पूर्व नियोजित नहीं थी और यह अचानक हुई थी। कोर्ट ने सीबीआई के कई साक्ष्यों को भी नहीं माना और 28 साल से चले आ रहे इस विवाद पर अपना फैसला सुना दिया। कोर्ट ने कहा- अचानक हुई थी घटना कोर्ट ने यह भी कहा कि यह पूर्व नियोजित घटना नहीं थी बल्कि अचानक हुई थी। अदालत ने कहा कि जो साक्ष्य हैं वो सभी आरोपियों को बरी करने के लिए पर्याप्त हैं। कोर्ट ने सीबीआई के साक्ष्य पर भी सवाल उठाए। कोर्ट ने कहा कि SAP सील बंद नहीं थी और इसपर भरोसा नहीं किया जा सकता है।


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बाबरी विध्वंस केस में 28 साल बाद बरीः घर से बाहर निकलकर बोले आडवाणी- जय श्रीराम https://ift.tt/36evM6e बाबरी विध्वंस केस में 28 साल बाद बरीः घर से बाहर निकलकर बोले आडवाणी- जय श्रीराम
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बाबरी के पीछे साजिश नहीं थी, आडवाणी समेत सभी 32 आरोपी बरी हुए https://ift.tt/3n2gqrt

September 30, 2020
लखनऊ लखनऊ की सीबीआई अदालत ने बाबरी विध्वंस केस में बीजेपी के वयोवृद्ध नेताओं- लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती समेत सभी 32 आरोपियों को बरी कर दिया है। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश एस के यादव ने फैसला सुनाते हुए कहा, 'घटना पूर्वनियोजित नहीं थी।' सीबीआई ने जो वीडियो दाखिल की थी, उसे कोर्ट ने टैंपर्ड माना। कोर्ट ने कहा कि वीडियो को सीलबंद लिफाफे में नहीं जमा किया गया था। ध्यान रहे कि बाबरी विध्वंस केस में कुल 49 आरोपी थे लेकिन 17 आरोपियों की सुनवाई के दौरान निधन हो गया। 6 दिसंबर 1992 को बाबरी मस्जिद गिरने के बाद फैजाबाद में दो FIR दर्ज कराई गई थी। FIR नंबर 198 लाखों कार सेवकों के खिलाफ थी जबकि FIR नंबर 198 संघ परिवार के कार्यकर्ताओं समेत आडवाणी, जोशी, तत्कालीन शिवसेना नेता बाल ठाकरे, उमा भारती आदि के खिलाफ थी। दरअसल, 6 दिसंबर 1992 को बाबरी विध्वंस के दिन राम जन्मभूमि पुलिस स्टेशन, अयोध्या में दो FIR दर्ज कराए गए थे। क्राइम नंबर 197/1992 और क्राइम नंबर 198/1992। इसके अलावा जांच के दौरान 47 और केस दर्ज किए गए थे। केस नंबर 197/1992 6 दिसंबर 1992 को राम जन्मभूमि पुलिस स्टेशन के SHO पीएन शुक्ला ने शाम 5 बजकर 15 मिनट पर लाखों कार सेवकों के खिलाफ सेक्शन 395 (डकैती), 397 (डकैती या डाका जिसके कारण मौत की आशंका), 332, 337, 338 (बड़ा जख्म) 295 (किसी धर्मस्थल को किसी समुदाय विशेष को बेइज्जत करने के लिए नुकसान पहुंचाना), 297 (किसी धर्मस्थल में घुसना) और 153-A (विभिन्न धर्मों के बीच वैमनस्य फैलाना) इस FIR में घटना के वक्त का जिक्र दोपहर 12 से 12:15 का किया गया था। केस नंबर 198/1992 इसी दिन दूसरी FIR राम जन्मभूमि पुलिस आउटपोस्ट के इंजार्च गंगा प्रसाद तिवारी ने शाम 5:25 मिनट को यह FIR दर्ज कराई थी। उन्होंने अपने बयान में कहा था कि करीब सुबह 10 बजे जब वह कार ड्यूटी पर तैनात थे और विश्व हिंदू परिषद कार सेवा आयोजित कर रही थी उसी वक्त उन्होंने देखा कि लालकृष्ण आडवाणी, मुलरी मनोहर जोशी, अशोक सिंघल, विनय कटियार, गिरिराज किशोर, विष्णु हरि डालमिया, उमा भारती और साध्वी रितंभरा राम कथा कुंज के डायस पर बैठे थे और कार सेवकों को अपने भाषण से उकसा रहे थे। इसके परिणास्वरूप कार सेवक आवेश में आकर विवादित बाबरी ढांचे को ढहा दिया। इस केस को क्राइम नंबर 198 के रूप में दर्ज किया गया। आरोपियों पर भड़काऊ भाषण देने समेत कई अन्य आरोप के तहत मुकदमे दर्ज किए गए थे।


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बाबरी के पीछे साजिश नहीं थी, आडवाणी समेत सभी 32 आरोपी बरी हुए https://ift.tt/3n2gqrt बाबरी के पीछे साजिश नहीं थी, आडवाणी समेत सभी 32 आरोपी बरी हुए
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बाबरी फैसले से पहले बोले वेदांती- हां हमने ढांचे को तुड़वाया, फांसी पर लटकने को तैयार https://ift.tt/3cKxqxO

September 30, 2020
नई दिल्ली बाबरी विध्वंस () पर आज लखनऊ की एक स्पेशल अदालत बड़ा फैसला सुनाने जा रही है। इस केस में बीजेपी के दिग्गज नेता लालकृष्ण आडवाणी समेत कुल 32 आरोपी है। इन्ही आरोपियों में शामिल रामजन्मभूमि न्यास के सदस्य मविलास वेदांती (Ram Vilas Vedanti) ने फैसले से पहले कहा कि उन्होंने बाबरी ढांचे को तुड़वाया है और इसके लिए अगर उन्हें फांसी भी होती है तो वह तैयार हैं। रामलला के लिए फांसी को भी तैयार- वेदांती वेदांती ने फैसले से पहले कहा, 'हमको विश्वास है कि मंदिर था, मंदिर है और मंदिर रहेगा। हमने उस ढांचा को तुड़वाया, उस खंडहर को तुड़वाया, इसके लिए हमको गर्व है। ढांचा तुड़वाने के आरोप में, खंडहर तुड़वाने के आरोप में यदि फांसी होती है यदि आजीवन कारावास होता है तो हम रामलला के लिए जेल जाने और फांसी चढ़ने को भी तैयार हैं लेकिन रामलला को छोड़ने को तैयार नहीं हैं।' बाबर तो कभी अयोध्या आया ही नहीं- वेदांती वेदांती ने कहा, 'अयोध्या में राम का जन्म हुआ, बाबर कभी अयोध्या आया ही नहीं फिर बाबरी मस्जिद कैसे। यह प्रश्न ही नहीं उपस्थित होता है। इसलिए हमने 2005 में एक महीने की गवाही में सिद्ध किया था कि जहां रामलला विराजमान हैं वही राम की जन्मभूमि है।' आरोपियों को 3 साल की सजा से लेकर उम्रकैद तक हो सकती है बता दें कि आज 28 साल बाद आज बाबरी मस्जिद विध्वंस केस (Babri Demolition Case) में बड़ा फैसला आना वाला है। इस केस में बीजेपी के वयोवृद्ध नेता लालकृष्ण आडवाणी (Lal Krishna Advani), मुरली मनोहर जोशी (Murli Manohar Joshi), उमा भारती (Uma Bharti) समेत 32 आरोपियों पर लखनऊ की सीबीआई अदालत फैसला सुनाएगी। अगर कोर्ट अपने फैसले में सजा का ऐलान करता है तो कई नेताओं को 3 साल से उम्रकैद तक की सजा हो सकती है। 5 आरोपी कोर्ट में नहीं होंगे उपस्थित बताया जा रहा है कि लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, रामचंद्र खत्री और सुधीर कक्कड़ सीबीआई कोर्ट में उपस्थित नहीं रहेंगे। पांचों आरोपियों की तरफ से उनके वकील कोर्ट में प्रार्थनापत्र दे सकते हैं। कुछ आरोपी फैसले के लिए कोर्ट पहुंच चुके हैं। विनय कटियार, चंपत राय, जयभगवान गोयल भी कोर्ट पहुंच चुके हैं।


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तेज प्रताप यादव ने ट्वीट किया जोरदार गाना, लिखा- 'लालू जी का काफिला होता तो...' https://ift.tt/3ihWr4p

September 30, 2020
पटना राष्ट्रीय जनता के दल (RJD) के नेता तेज प्रताप यादव बिहार विधानसभा चुनाव () में अपने ही अंदाज में रंग जमाने की कोशिश कर रहे हैं। तेज प्रताप यादव (Tej Pratap Yadav) ने एक वीडियो ट्वीट किया है, जिसमें तीन युवक गिटार लेकर गाना गा रहे हैं। इस गाने में वे आरजेडी और लालू परिवार की तारीफ कर रहे हैं। तेज प्रताप यादव ने इन वीडियो को ट्वीट करते हुए लिखा है- 'इस जंग का रंग और रंगीन होता जब @laluprasadrjd (लालू प्रसाद यादव जी) का काफिला भी संग होता।' ट्वीट किए गए गाने के बोल कुछ इस प्रकार हैं- 'बिहार की जनता चाहे तेजस्वी ही आए, ये दिल में सभी के बसते, खुल जाए तरक्की के रस्ते...तेजस्वी जी को ही सीएम बनाना है....' एक अन्य ट्वीट में तेज प्रताप यादव ने एक वीडियो ट्वीट किया है, जिसमें महिला विलाप कर रही है। यह वीडियो उत्तर प्रदेश का बताया जा रहा है। तेज प्रताप यादव ने इस वीडियो के साथ लिखा है- 'पश्चिम बंगाल में यह घटना होती तो अब तक "हिन्दू खतरे में आ जाता"। यहां दलित केवल चुनाव के समय "हिन्दू" रहता है। मनीषा के शरीर के बाद उसकी आत्मा के साथ बलात्कार हुआ पर सब चुप हैं। बस माँ चीख रही है।' यह वीडियो उत्तर प्रदेश के हाथरस में हुई रेप की विभत्स घटना के बाद उसकी मां के विलाप की तस्वीर है। इससे पहले तेज प्रताप यादव ने एक और ट्वीट किया है, जिसमें उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जोरदार हमला किया है। इस पोस्ट में नीतीश कुमार को एक क्लासरूम में दिखाया गया है। नीतीश कुमार एक टीचर की भूमिका में दिख रहे हैं और वह बता रहे हैं कि भ्रष्टाचार कैसे किया जाता है। इस पोस्ट में तेज प्रताप ने लिखा है- 'अंतरात्मा दबा हुआ है अतड़ी वाले दोनों दांतों के टकरार में, और 60 घोटाले करके चुप्पी साधे हैं चच्चा बिहार में..!!'


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तेज प्रताप यादव ने ट्वीट किया जोरदार गाना, लिखा- 'लालू जी का काफिला होता तो...' https://ift.tt/3ihWr4p तेज प्रताप यादव ने ट्वीट किया जोरदार गाना, लिखा- 'लालू जी का काफिला होता तो...'
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हाथरस गैंगरेप पीड़िता की गुपचुप अंत्येष्टि पर बवाल, PM मोदी ने योगी को किया फोन https://ift.tt/34aaDrh

September 30, 2020
नई दिल्ली दरिंदगी की शिकार हाथरस की युवती की मौत पर अब प्रधानमंत्री ने भी संज्ञान ले लिया। उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को फोन किया और इस मामले में दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया। प्रधानमंत्री की पहल की जानकारी खुद सीएम योगी आदित्यनाथ ने ही दी। उन्होंने ट्वीट कर कहा, 'आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने हाथरस की घटना पर वार्ता की है और कहा है कि दोषियों के विरुद्ध कठोरतम कार्रवाई की जाए।' योगी सरकार ने किया SIT का गठन दरअसल, दुष्कर्म पीड़िता ने मंगलवार को दिल्ली के एम्स में दम तोड़ दिया था। वहां से उसका शव रात को हाथरस पहुंचा। कहा जा रहा है कि यूपी पुलिस ने परिजनों पर दबाव डालकर शव का रात में ही अंतिम संस्कार करवा दिया। मामले में यूपी पुलिस पर हीला-हवाली का रवैया अपनाने का आरोप पहले से ही लग रहा था। अब इस घटना से पुलिस के साथ-साथ योगी सरकार की किरकिरी तो हो ही रही है, कहीं न कहीं बीजेपी पर भी दलतिविरोधी होने का आरोप लग रहा है। इससे दबाव में आए योगी सरकार ने मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित कर दी और अब खुद पीएम ने योगी से बात की है। एक सप्ताह में मांगी रिपोर्ट गृह सचिव भगवान स्वरूप की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय एसआईटी में डीआईजी चंद्र प्रकाश और आगरा पीएसी की सेनानायक पूनम सदस्य होंगे। सीएम ने एसआईटी को घटना की तह तक जाने और सात दिन में अपनी जांच रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए हैं। सीएम ने बताया कि घटना में शामिल चारों आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया गया है। सीएम ने इनके खिलाफ फास्ट ट्रैक कोर्ट में मुकदमा चलाने और जल्द से जल्द सजा दिलाने के लिए कहा है। यूपी पुलिस पर गंभीर आरोप आरोप लग रहा है कि पुलिस ने घरवालों कोशव नहीं दिया, न ही बच्ची को अंतिम बार उसके घर ले जाया गया। दिल्ली से लाकर सीधे आधी रात को उसका दाह संस्कार कर दिया गया। लड़की के भाई ने बुधवार तड़के पत्रकारों से बात करते हुए बताया, 'हम लोगों ने पुलिस से बहुत कहा कि शव हमें दें। हम उसका सुबह दाह संस्कार करेंगे लेकिन पुलिस ने हमारी नहीं सुनी। हम लोगों से जबरन सहमति पत्र पर हस्ताक्षर करवाए और आधी रात को शव जला दिया। हम लोगों को पुलिस पर विश्वास नहीं है। हम लोगों की जान को भी खतरा है।'


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हाथरस गैंगरेप पीड़िता की गुपचुप अंत्येष्टि पर बवाल, PM मोदी ने योगी को किया फोन https://ift.tt/34aaDrh हाथरस गैंगरेप पीड़िता की गुपचुप अंत्येष्टि पर बवाल, PM मोदी ने योगी को किया फोन
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बाबरी पर आखिरी फैसलाः हाथ हिलाते हुए यूं कोर्ट पहुंचे आरोपी, देखें तस्वीरें https://ift.tt/33ctVgm

September 30, 2020
6 दिसंबर 1992 को बाबरी मस्जिद गिरने के बाद फैजाबाद में दो FIR दर्ज कराई गई थी। FIR नंबर 198 लाखों कार सेवकों के खिलाफ थी जबकि FIR नंबर 198 संघ परिवार के कार्यकर्ताओं समेत आडवाणी, जोशी, तत्कालीन शिवसेना नेता बाल ठाकरे, उमा भारती आदि के खिलाफ थी।

28 साल बाद आज बाबरी मस्जिद विध्वंस केस (Babri Demolition Case) में बड़ा फैसला आना वाला है। लखनऊ में विशेष सीबीआई अदालत का फैसला सुनने के लिए रामविलास वेदांती, साध्वी ऋतंभरा, साक्षी महाराज समेत कई आरोपी पहुंच चुके हैं।


बाबरी विध्वंस केस : सीबीआई अदालत का फैसला सुनने पहुंचे वेदांती, ऋतंभरा, साक्षी महाराज समेत अन्य आरोपी

6 दिसंबर 1992 को बाबरी मस्जिद गिरने के बाद फैजाबाद में दो FIR दर्ज कराई गई थी। FIR नंबर 198 लाखों कार सेवकों के खिलाफ थी जबकि FIR नंबर 198 संघ परिवार के कार्यकर्ताओं समेत आडवाणी, जोशी, तत्कालीन शिवसेना नेता बाल ठाकरे, उमा भारती आदि के खिलाफ थी।



ब्रज भूषण सिंह
ब्रज भूषण सिंह

बाबरी मस्जिद केस में फैसला सुनने के लिए साध्वी ऋतम्भरा, पवन पांडेय, रामजी गुप्ता, सहित कई आरोपी कोर्ट पहुंचे, विनय कटियार भी पहुंचे सीबीआई कोर्ट। राम विलास वेदांती और कैसरगंज भाजपा सांसद बृज भूषण सिंह भी सीबीआई कोर्ट पहुंचे।



लल्लू सिंह
लल्लू सिंह

फैजाबाद लोकसभा सीट से बीजेपी के सांसद लल्लू सिंह भी मीडिया के सामने हाथ हिलाते हुए कोर्ट पहुंचे।



मामले में 32 आरोपी
मामले में 32 आरोपी

मामले में ये 32 आरोपी हैं-लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, महंत नृत्य गोपाल दास, कल्याण सिंह, उमा भारती, विनय कटियार, साध्वी ऋतंभरा, रामविलास वेदांती, धरम दास, सतीश प्रधान, चंपत राय, पवन कुमार पांडेय, ब्रज भूषण सिंह, जय भगवान गोयल, महाराज स्वामी साक्षी, रामचंद्र खत्री, अमन नाथ गोयल, संतोष दुबे, प्रकाश शर्मा, जयभान सिंह पवेया, विनय कुमार राय, लल्लू सिंह, ओमप्रकाश पांडेय, कमलेश त्रिपाठी उर्फ सती दुबे, गांधी यादव, धर्मेंद्र सिंह गुर्जर, रामजी गुप्ता, विजय बहादुर सिंह, नवीन भाई शुक्ला, आचार्य धर्मेंद्र देव, सुधीर कक्कड़और रविंद्र नाथ श्रीवास्तव।



रामविलास वेदांती
रामविलास वेदांती

ट्रायल के दौरान इन 17 आरोपियों का निधन हो गया- अशोक सिंहल, गिरिराज किशोर, बालासाहेब ठाकरे, विष्णु हरि डालमिया, मोरेश्वर सावे, महंत अवैद्यनाथ, विनोद कुमार वत्स, राम नारायण दास, लक्ष्मी नारायण दास महात्यागी, हरगोविंद सिंह, रमेश प्रताप सिंह, देवेंद्र बहादुर राय, महामंडलेश्वर जगदीश मुनि महाराज, बैकुंठ लाल शर्मा, विजयराजे सिंधिया, परमहंस रामचंद्र दास और डॉक्टर सतीश कुमार नागर



साध्वी ऋतंभरा
साध्वी ऋतंभरा

जज कोर्ट में मौजूद हैं। इसके अलावा चंपत राय, जय भगवान, साध्वी ऋतंभरा, विनय कटियार समेत कई आरोपी अदालत पहुंचे।



साक्षी महाराज
साक्षी महाराज

एक-एक कर सभी आरोपी कोर्ट पहुंच चुके हैं। अभी जज कोर्ट रूम में नहीं हैं। यहां 26 लोग मौजूद हैं और जज का इंतजार कर रहे हैं।





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बाबरी पर आखिरी फैसलाः हाथ हिलाते हुए यूं कोर्ट पहुंचे आरोपी, देखें तस्वीरें https://ift.tt/33ctVgm बाबरी पर आखिरी फैसलाः हाथ हिलाते हुए यूं कोर्ट पहुंचे आरोपी, देखें तस्वीरें
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सुपरसोनिक ब्रह्मोस मिसाइल का सफल परीक्षण, 400 किमी तक कर सकता है वार https://ift.tt/34bsZbd

September 30, 2020
नई दिल्ली पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर चीन के साथ जारी गतिरोध के बीच भारत ने का परीक्षण किया है जो पूरी तरह सफल रहा है। ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल की रेंज मारक क्षमता बढ़ाकर 400 किमी की गई और इस परीक्षण में यह बिल्कुल खरा उतरा। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने यह परीक्षण अपने पीजे-10 प्रॉजेक्ट की तहत की है। इस टेस्ट के लिए मिसाइल को देसी बूस्टर से लक्ष्य पर दागा गया। यह के एक्सटेंडेड रेंज वर्जन का दूसरा सफल परीक्षण है। दरअसल, पूर्वी लद्दाख में चीन की रोज नई पैंतरेबाजी और अतीत में उसकी धोखेबाजी की नीयत ने भारत को पूरी तरह सतर्क रहने की सीख दी है। यही वजह है कि चीन की ओर से मिलने वाली किसी प्रकार की चुनौती से निपटने के लिए चौतरफा रणनीति पर तेजी से काम हो रहा है। यहां तक कि भारत युद्ध की स्थिति से निपटने की तैयारी में जुट गया है।


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ब्लॉगः नौकरशाही को जिम्मेदार बनाने की कवायद https://ift.tt/eA8V8J

September 30, 2020
स्वतंत्र भारत में नौकरशाही को सामंती सोच से अलग करके सेवाव्रती बनाने के लिए अनुच्छेद 310 के तहत उसे जो संरक्षण दिया गया, उस पर संविधान सभा में जोरदार बहस हुई थी। कुछ सदस्यों ने इसका विरोध करते हुए कहा था कि भविष्य में इसका फायदा उठाकर नौकरशाही जनरुचि के कामों में बाधाएं खड़ी करने लगेगी। कुछ तपे-तपाए सदस्यों को इस व्यवस्था से लोकशाही की अवधारणा के ही खतरे में आने का डर था।

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बाबरी फैसला: आडवाणी, जोशी, उमा... अगर दोषी हुए तो किसको कितनी सजा, जानिए https://ift.tt/2EJyy84

September 30, 2020
बाबरी विध्वंस केस में कुल 49 आरोपी थे लेकिन 17 आरोपियों की सुनवाई के दौरान निधन हो गया। 6 दिसंबर 1992 को बाबरी मस्जिद गिरने के बाद फैजाबाद में दो FIR दर्ज कराई गई थी। FIR नंबर 198 लाखों कार सेवकों के खिलाफ थी जबकि FIR नंबर 198 संघ परिवार के कार्यकर्ताओं समेत आडवाणी, जोशी, तत्कालीन शिवसेना नेता बाल ठाकरे, उमा भारती आदि के खिलाफ थी।

28 साल बाद आज बाबरी मस्जिद विध्वंस केस (Babri Demolition Case) में बड़ा फैसला आना वाला है। इस केस में बीजेपी के वयोवृद्ध नेता लालकृष्ण आडवाणी (Lal Krishna Advani), मुरली मनोहर जोशी (Murli Manohar Joshi), उमा भारती (Uma Bharti) समेत 32 आरोपियों पर लखनऊ की सीबीआई अदालत फैसला सुनाएगी। अगर कोर्ट अपने फैसले में सजा का ऐलान करता है तो कई नेताओं को 3 साल से उम्रकैद तक की सजा हो सकती है।


Babri Masjid Demolition Par Faisla: बाबरी मस्जिद विध्वंस पर फैसला- आडवाणी, उमा और जोशी अगर दोषी तो कितनी बड़ी सजा?

बाबरी विध्वंस केस में कुल 49 आरोपी थे लेकिन 17 आरोपियों की सुनवाई के दौरान निधन हो गया। 6 दिसंबर 1992 को बाबरी मस्जिद गिरने के बाद फैजाबाद में दो FIR दर्ज कराई गई थी। FIR नंबर 198 लाखों कार सेवकों के खिलाफ थी जबकि FIR नंबर 198 संघ परिवार के कार्यकर्ताओं समेत आडवाणी, जोशी, तत्कालीन शिवसेना नेता बाल ठाकरे, उमा भारती आदि के खिलाफ थी।



तो आडवाणी, जोशी और उमा को होगी 5 साल की सजा?
तो आडवाणी, जोशी और उमा को होगी 5 साल की सजा?

बाबरी विध्वंस केस की सुनवाई कर रहे अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश एस के यादव अगर इस मामले में बीजेपी नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, विनय कटियार और साध्वी रितंभरा को दोषी ठहराते हैं तो उनको अधिकतम 5 साल की सजा हो सकती है।



दोषी साबित होने पर कल्याण को अधिकतम 3 साल की सजा
दोषी साबित होने पर कल्याण को अधिकतम 3 साल की सजा

अगर कोर्ट यूपी के पूर्व सीएम कल्याण सिंह, साक्षी महाराज और फिरोजाबाद के तत्कालीन डीएम आरएम श्रीवास्तव को दोषी ठहराएगी तो उन्हें अधिकतम 3 साल की सजा हो सकती है।



महंत नृत्य गोपाल, चंपत राय को कितनी सजा?
महंत नृत्य गोपाल, चंपत राय को कितनी सजा?

बाबरी विध्वंस मामले में आरोपी महंत नृत्य गोपाल दास, राम विलास वेदांती, राम मंदिर ट्रस्ट के चंपत राय, सतीश प्रधान, धरम दास अगर विध्वंस में मामले में दोषी पाए जाएंगे तो उन्हें अधिकतम 5 साल की सजा हो सकती है।



इन्हें हो सकती है उम्रकैद!
इन्हें हो सकती है उम्रकैद!

बीजेपी सांसद ब्रजभूषण सिंह, पूर्व विधायक पवन कुमार पांडेय, जय भगवान गोयल और ओम प्रकाश पांडेय को अगर अदालत दोषी ठहराती है तो उन्हें अधिकतम उम्रकैद की सजा हो सकती है।



सांसद लल्लू सिंह का क्या होगा?
सांसद लल्लू सिंह का क्या होगा?

बाबरी विध्वंस केस के आरोपी फिरोजाबाद के सांसद लल्लू सिंह, मध्य प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री जयभान सिंह पवैया, आचार्य धर्मेंद्र देव, रामजी गुप्ता, प्रकाश शर्मा, धर्मेंद्र सिंह गुर्जर और कारसेवकों रामचंद्र खत्री, सुखबीर कक्कर, अमन नाथ गोयल, संतोष दुबे, विनय कुमार राय, कमलेश त्रिपाठी, गांधी यादव, विजय बहादुर सिंह, नवीन भाई शुक्ला को अधिकतम उम्रकैद की सजा हो सकती है।





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बाबरी फैसला: आडवाणी, जोशी, उमा... अगर दोषी हुए तो किसको कितनी सजा, जानिए https://ift.tt/2EJyy84 बाबरी फैसला: आडवाणी, जोशी, उमा... अगर दोषी हुए तो किसको कितनी सजा, जानिए
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हाथरस गैंगरेप: गमजदा पिता बोले- ‘जो दर्द मेरी गुड़िया ने झेला है वो कोई और बेटी न झेले’ https://ift.tt/2GicG4i

September 30, 2020
हाथरस गैंगरेप: गमजदा पिता बोले- ‘जो दर्द मेरी गुड़िया ने झेला है वो कोई और बेटी न झेले’ https://ift.tt/2GicG4i हाथरस गैंगरेप: गमजदा पिता बोले- ‘जो दर्द मेरी गुड़िया ने झेला है वो कोई और बेटी न झेले’
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NDA और महागठबंधन में सीट शेयरिंग पर आज हो सकता है फैसला https://ift.tt/3jgSbDC

September 30, 2020
पटना बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए और महागठबंधन दोनों खेमा घटक दलों के बीच सीट शेयरिंग तय नहीं कर पाया है। उम्मीद की जा रही है कि बुधवार को दोनों गठबंधन सीट शेयरिंग को लेकर बड़ा अनाउंसमेंट कर सकते हैं। दोनों ही गठबंधन के सारे बड़े नेता बुधवार को दिल्ली में हैं। चर्चा है कि केंद्रीय नेतृत्व के साथ बातचीत के बाद बुधवार को सीट शेयरिंग को लेकर दोनों गठबंधन कोई फैसला ले सकती है। बीजेपी के सारे बड़े नेता दिल्ली तलब BJP के शीर्ष नेताओं को आनन-फानन में दिल्ली बुलाया गया है। मंगलवार की शाम जहां पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष संजय कुमार जायसवाल और संगठन प्रभारी नागेंद्र को दिल्ली बुलाया गया तो वहीं बुधवार की सुबह सुशील कुमार मोदी और मंगल पांडे ने दिल्ली की फ्लाइट पकड़ी है। NDA बुधवार को सीटों के बंटवारे को लेकर आधिकारिक रूप से अंतिम फैसला ले सकता है। सूत्रों का कहना है कि बीजेपी एलजेपी को 30 सीटें देने को तैयार हो गई है। हालांकि चिराग पासवान अभी भी 40 से कम सीटों पर तैयार नहीं हो रहे हैं। ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि एलजेपी को एनडीए में बनाए रखने के लिए बीजेपी क्या कदम उठाती है। कांग्रेस ने भी बिहार के नेताओं को बुलाया उधर, महागठबंधन में भी सीट शेयरिंग फाइनल नहीं हो पाया है। आरजेडी कांग्रेस को मनाने की हर संभव कोशिश कर रही है। इसी बीच सीट शेयरिंग पर बात करने के लिए कांग्रेस ने बुधवार को दिल्ली में अपने बिहार इकाई प्रमुख मदन मोहन झा और सीएलपी नेता सदानंद सिंह को दिल्ली बुलाया है, जहां दोपहर तीन बजे स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक होगी। बुधवार को ही राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी), कांग्रेस और वाम दलों के बीच सीट बंटवारे को अंतिम रूप दिया जा सकता है और इसकी घोषणा सप्ताह के अंत तक की जा सकती है। उधर, सूत्रों के हवाले से राजनीतिक गलियारे में चर्चा हो रही है कि के फार्मूले को लेकर चर्चा जारी है। चर्चा है कि RJD- 135 से 140, कांग्रेस- 60 से 65, लेफ्ट- 20 से 25, वीआईपी- 5 से 8, झामुमो- 3 और सपा 2 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है। गठबंधन में VIP के बने रहने पर संशय बरकरार है।


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NDA और महागठबंधन में सीट शेयरिंग पर आज हो सकता है फैसला https://ift.tt/3jgSbDC NDA और महागठबंधन में सीट शेयरिंग पर आज हो सकता है फैसला
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2 दिन की बच्ची से दरिंदगी, शरीर में स्क्रू ड्राइवर से 100 से ज्यादा छेद किए https://ift.tt/34bcPyz

September 30, 2020
भोपाल। एमपी की राजधानी भोपाल में एक नवजात बच्ची के साथ क्रूरता का वीभत्स मामला सामने आया है। आरोपियों ने 2 दिन पहले पैदा हुई बच्ची के शरीर में स्क्रू ड्राइवर की मदद से 100 से ज्यादा वार किए गए। फिर उसे शॉल में लपेटकर मंदिर के किनारे फेंक दिया। राजधानी भोपाल में 15 दिनों के अंद नवजात बच्ची की हत्या का यह तीसरा मामला है। अयोध्या नगर इलाके में हुई इस घटना में के बारे में थाना प्रभारी रेणु मुराब ने बताया कि उन्हें 24 सितंबर के सुबह बच्ची की लाश मिलने के बारे में पता चला था। पुलिसकर्मी जब वहां पहुंचे तो बच्ची की हालत देखकर उनकी भी रूह कांप गई। नवजात के शरीर में 100 से ज्यादा छेद थे जो स्क्रू ड्राइवर की मदद से किए गए थे। पुलिस को पहले अंदेशा हुआ कि कोई बच्ची को मंदिर के पास फेंककर चला गया और जानवरों ने उसकी ये हालत कर दी, लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट में उसके साथ हुई हैवानियत का खुलासा हो गया। बच्ची की शिनाख्त अब तक नहीं हो पाई है। पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है। सुराग के लिए पुलिस आसपास के इलाकों के सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है।


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2 दिन की बच्ची से दरिंदगी, शरीर में स्क्रू ड्राइवर से 100 से ज्यादा छेद किए https://ift.tt/34bcPyz 2 दिन की बच्ची से दरिंदगी, शरीर में स्क्रू ड्राइवर से 100 से ज्यादा छेद किए
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उन दो FIR की कहानी, जिसने आडवाणी, जोशी और उमा को घेरे में ला दिया https://ift.tt/2S7YjC8

September 30, 2020
नई दिल्ली बाबरी विध्वंस (Babri Masjid Faisla) पर 28 साल बाद लखनऊ की सीबीआई अदालत आज अपना फैसला सुनाने जा रही है। कोर्ट 6 दिसंबर 1992 को दर्ज किए उन दो FIR को आज अंजाम तक पहुंचाएगी जिसके कारण बीजेपी के वयोवृद्ध नेता लालकृष्ण आडवाणी (), मुरली मनोहर जोशी (), कल्याण सिंह () और उमा भारती () समेत कुल 49 आरोपी घेरे में आए थे। सुनवाई के दौरान 17 आरोपियों की मौत हो चुकी है। बाबरी विध्वंस पर वो दो FIR दरअसल, 6 दिसंबर 1992 को बाबरी विध्वंस के दिन राम जन्मभूमि पुलिस स्टेशन, अयोध्या में दो FIR दर्ज कराए गए थे। क्राइम नंबर 197/1992 और क्राइम नंबर 198/1992। इसके अलावा जांच के दौरान 47 और केस दर्ज किए गए थे। केस नंबर 197/1992 6 दिसंबर 1992 को राम जन्मभूमि पुलिस स्टेशन के SHO पीएन शुक्ला ने शाम 5 बजकर 15 मिनट पर लाखों कार सेवकों के खिलाफ सेक्शन 395 (डकैती), 397 (डकैती या डाका जिसके कारण मौत की आशंका), 332, 337, 338 (बड़ा जख्म) 295 (किसी धर्मस्थल को किसी समुदाय विशेष को बेइज्जत करने के लिए नुकसान पहुंचाना), 297 (किसी धर्मस्थल में घुसना) और 153-A (विभिन्न धर्मों के बीच वैमनस्य फैलाना) इस FIR में घटना के वक्त का जिक्र दोपहर 12 से 12:15 का किया गया था। केस नंबर 198/1992 इसी दिन दूसरी FIR राम जन्मभूमि पुलिस आउटपोस्ट के इंजार्च गंगा प्रसाद तिवारी ने शाम 5:25 मिनट को यह FIR दर्ज कराई थी। उन्होंने अपने बयान में कहा था कि करीब सुबह 10 बजे जब वह कार ड्यूटी पर तैनात थे और विश्व हिंदू परिषद कार सेवा आयोजित कर रही थी उसी वक्त उन्होंने देखा कि लालकृष्ण आडवाणी, मुलरी मनोहर जोशी, अशोक सिंघल, विनय कटियार, गिरिराज किशोर, विष्णु हरि डालमिया, उमा भारती और साध्वी रितंभरा राम कथा कुंज के डायस पर बैठे थे और कार सेवकों को अपने भाषण से उकसा रहे थे। इसके परिणास्वरूप कार सेवक आवेश में आकर विवादित बाबरी ढांचे को ढहा दिया। इस केस को क्राइम नंबर 198 के रूप में दर्ज किया गया। आरोपियों पर भड़काऊ भाषण देने समेत कई अन्य आरोप के तहत मुकदमे दर्ज किए गए। 10 दिसंबर 1992 को CB-CID को केस ट्रांसफर FIR नंबर 197/1992 और 198/1992 को पहले यूपी सरकार ने CB-CID को ट्रांसफर किया। केस नंबर 198 के तहत आडवाणी और अन्य नेताओं को बाबरी विध्वंस के दो दिन बाद 8 दिसंबर को गिरफ्तार किया गया। 13 दिसंबर 1992 को सीबीआई को ट्रांसफर हुआ केस नंबर 197 13 दिसंबर को केस नंबर 197 को सीबीआई को ट्रांसफर कर दिया गया जबकि केस नंबर 198 की जांच CB-CID के जिम्मे ही रही। 27 फरवरी 1993 CB-CID की चार्जशीट 27 फरवरी को CB-CID ने 198/1992 केस मामले में ललितपुर कोर्ट में चार्जशीट फाइल की। एजेंसी ने सेक्शन 153-A, 153-B, 505, 147 के तहत यह चार्जशीट दाखिल की थी। स्पेशल जज ने 1 मार्च को इस मामले पर संज्ञान लिया। 9 सितंबर 1993 को केस नंबर 197 का ट्रांसफर 9 सितंबर को केस नबंर 197/1992 और अन्य 47 केसों को लखनऊ की स्पेशल केस भेज दिया गया। हालांकि केस नंबर 198/1992, जिसमें बड़े नेताओं के नाम थे उसका ट्रांसफर नहीं किया गया और इसकी सुनवाई रायबरेली में ही होती रही। 9 सितंबर 1993 को सीबीआई का बड़ी अपील 9 सितंबर के ही दिन सीबीआई ने रायबरेली ट्रायल कोर्ट से केस नबंर 198/1992 की फिर से जांच की अनुमति मांगी और कोर्ट ने 10 सितंबर 1993 को शीर्ष जांच एजेंसी को इसकी इजाजत दे दी। 5 अक्टूबर 1993, यहां से घेरे में फंसते चले गए आडवाणी, जोशी उमा.. सीबीआई ने 5 अक्टूबर को केस नंबर 197 और 198 समेत सभी 49 केसों को मिलाकर एक कंपोजिट चार्जशीट तैयार कर लखनऊ के स्पेशल कोर्ट में पेश किया और अदालत को बताया कि सभी केस एक ही घटना के हैं। चार्जशीट में 40 लोगों के नाम थे, जिनमें ज्यादातर वरिष्ठ राजनेता था। इसके अलावा केस नंबर 1998 में 8 और नाम को शामिल किया गया। इसी में आडवाणी और अन्य बड़े नेताओं के खिलाफ साजिश का आरोप लगाया गया।


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उन दो FIR की कहानी, जिसने आडवाणी, जोशी और उमा को घेरे में ला दिया https://ift.tt/2S7YjC8 उन दो FIR की कहानी, जिसने आडवाणी, जोशी और उमा को घेरे में ला दिया
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हाथरस कांड पर देशभर के लोगों में आक्रोश, मोदी और स्मृति इरानी की चुप्पी पर उठे सवाल https://ift.tt/3cM8gii

September 30, 2020
नई दिल्ली/लखनऊ/हाथरस यूपी के हाथरस में दलित युवती के साथ निर्भया जैसी हैवानियत पर सियासत गरमा गई है। सोशल मीडिया पर लोगों का आक्रोश झलक रहा है। दिल्ली के जिस सफदरजंग अस्पताल में पीड़िता ने आखिरी सांस ली, उसके बाहर प्रदर्शन हुआ, कैंडल मार्च निकला। यूपी में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग हो रही है। कांग्रेस ने इस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 'खामोशी' पर सवाल उठाया है। राहुल गांधी ने तो यूपी में एक वर्ग विशेष का जंगलराज होने का आरोप लगाया है। समाजवादी पार्टी, बीएसपी, आम आदमी पार्टी, भीम आर्मी जैसे समेत तमाम राजनीतिक दल और संगठन बीजेपी सरकार के खिलाफ आक्रामक हैं। दूसरी तरफ स्थानीय प्रशासन ने मेडिकल रिपोर्ट्स के हवाले से युवती से गैंगरेप और उसके जीभ के काटे जाने को खारिज किया है। 'चुप क्यों मोदी? मनमोहन को चूड़ियां भेजने वाली नेता क्यों खामोश?' कांग्रेस ने पीड़ित लड़की की मौत के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी की महिला नेताओं की 'खामोशी' को लेकर सवाल किया और आरोप लगाया कि योगी आदित्यनाथ सरकार में यह प्रदेश ‘अपराध का गढ़’ बन गया है। पार्टी ने यह भी कहा कि इस मामले में त्वरित न्याय सुनिश्चित होना चाहिए और शुरुआत में घटना को ‘आधिकारिक रूप से’ फर्जी खबर बताने के लिए बीजेपी सरकार को माफी मांगनी चाहिए। कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया सुले ने सवाल किया, 'प्रधानमंत्री जी इस घटना पर चुप क्यों हैं? पूर्व में प्रधानमंत्री को चूड़ियां भेजने वाली महिला नेता खामोश क्यों हैं?' कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, 'योगी आदित्यनाथ सरकार को इसका जवाब देना होगा। मुख्यमंत्री पहले अपराध मुक्त उत्तर प्रदेश की बात करते थे, लेकिन राज्य को अपराध का गढ़ बना दिया है। उन्होंने कहा, 'इस मामले में जल्द न्याय मिलना चाहिए। आरोपियों को सख्त सजा मिलनी चाहिए। पीड़िता का परिवार एक वंचित वर्ग से ताल्लुक रखता है, इसलिए उसे सहायता मिलनी चाहिए। घटना को आधिकारिक रूप से फर्जी खबर बताने के लिए योगी आदित्यनाथ सरकार को माफी मांगनी चाहिए।' 'निर्भया की तरह वो भी देश की बेटी थी, चुप क्यों हैं मोदीजी' पीएम मोदी के गृह राज्य गुजरात के कांग्रेस नेता अर्जुन मोढवाडिया ने तो दिसंबर 2012 के उनके पुराने ट्वीट को रीट्वीट करते हुए खामोशी पर सवाल उठाया। उन्होंने लिखा, 'आज हाथरस की जिस बेटी ने दम तोड़ा वह भी भारत की बेटी थी मोदीजी। आज कोई आक्रोश क्यों नहीं? सीएम योगी आज खामोश क्यों? स्मृति इरानी चुप क्यों?' दरअसल जब 2012 में निर्भया की मौत हुई थी तब गुजरात के मुख्यमंत्री रहे नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया था, 'भारत की बहादुर लड़की के निधन का समाचार सुनकर बहुत दुखी और विचलित हूं। उसके परिवार के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं।' स्मृति इरानी के पुराने बयान हो रहे वायरल हाथरस कांड के बाद केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी पर भी हमले तेज हो गए हैं। कांग्रेस ने सीधे-सीधे उन पर भी हमला बोला है। दूसरी तरफ सोशल मीडिया पर इरानी का पुराने वीडियो वायरल हो रहे हैं, जब विपक्ष में रहते हुए उन्होंने महिलाओं के खिलाफ अपराधों के खिलाफ आवाज उठाई थी। यूजर उन वीडियो को शेयर कर सवाल उठा रहे हैं कि इरानी आज चुप क्यों हैं। 14 सितंबर को दरिंदगी, 29 को युवती ने तोड़ा दम 14 सितंबर को उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले के चंदपा थाना क्षेत्र स्थित एक गांव में 19 साल की एक दलित लड़की के साथ कथित तौर पर सामूहिक दुष्कर्म की वारदात हुई थी। पुलिस ने इस मामले में 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस अधीक्षक विक्रांतवीर के मुताबिक लड़की ने अपने साथ बलात्कार की वारदात के बारे में पुलिस को पहले कुछ नहीं बताया था मगर बाद में मैजिस्ट्रेट को दिए गए बयान में उसने आरोप लगाया कि संदीप, रामू, लव कुश और रवि नाम के आरोपियों ने उसके साथ गैंगरेप किया था। विरोध करने पर जान से मारने की कोशिश करते हुए उसका गला दबाया था। चारों आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। पीड़ित परिवार का आरोप है कि आरोपी राजपूत समुदाय से हैं, इसलिए शुरुआत में केस तक दर्ज नहीं किया गया। युवती के पिता ने आरोपियों को फांसी देने की मांग की है। आक्रोश मंगलवार को दिल्ली के सफदरजंग हॉस्पिटल में पीड़िता की मौत के बाद दिल्ली से लेकर लखनऊ और हाथरस तक आक्रोश है। सोशल मीडिया पर भी लोग गम और गुस्से का इजहार कर रहे हैं। ट्विटर पर हाथरस कांड टॉप ट्रेंड कर रहा है और यूजर्स पीड़ित के लिए इंसाफ की मांग कर रहे हैं। यूपी में 'वर्ग विशेष' का जंगलराज: राहुल गांधी कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष गांधी ने ट्वीट किया, 'उप्र के 'वर्ग-विशेष' के जंगलराज ने एक और युवती को मार डाला। सरकार ने कहा कि ये फेक न्यूज़ है और पीड़िता को मरने के लिए छोड़ दिया। ना तो ये दुर्भाग्यपूर्ण घटना फेक थी, ना ही पीड़िता की मौत और ना ही सरकार की बेरहमी।' प्रशासन बोला- नहीं हुआ था गैंगरेप दूसरी तरफ स्थानीय प्रशासन गैंगरेप और जीभ काटे जाने को खारिज कर रहा है। हाथरस के पुलिस अधीक्षक विक्रांत वीर के मुताबिक जबरदस्ती करने के दौरान लड़की का गला भी दबाया गया था जिससे उसकी जुबान बाहर आकर कट गई थी। दूसरी तरफ डिस्ट्रिक्ट मैजिस्ट्रेट प्रवीण कुमार लक्षकार ने एक बयान में बताया कि प्रशासन ने मृतका के परिवार को दस लाख रूपये देने की घोषणा की है। उन्होंने बताया कि युवती की जांच में डॉक्टरों ने उससे बलात्कार न होने की पुष्टि की है। हाथरस में एहतियात के तौर पर जगह-जगह पीएसी तैनात कर दी गयी है। विपक्षी दलों ने योगी सरकार को घेरा समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी ट्वीट कर कहा 'हाथरस में सामूहिक दुष्कर्म और दरिंदगी की शिकार एक बेबस दलित बेटी ने आखिरकार दम तोड़ दिया। नम आंखों से पु्ष्पांजलि! आज की असंवेदनशील सत्ता से अब कोई उम्मीद नहीं बची।' बीएसपी अध्यक्ष मायावती ने ट्वीट किया 'यूपी के हाथरस में सामूहिक दुष्कर्म के बाद दलित पीड़िता की आज हुई मौत की खबर अति दुखद। सरकार पीड़ित परिवार की हरसंभव सहायता करे व फास्ट ट्रैक अदालत में मुकदमा चलाकर अपराधियों को जल्द सजा सुनिश्चित करें, बसपा की यह मांग है।' आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद और प्रवक्ता संजय सिंह ने लखनऊ में प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि हाथरस कांड की फास्ट ट्रैक अदालत से 6 माह के भीतर फैसला करवाया जाए और दोषियों को फांसी दी जाए। पीड़ित परिवार को 50 लाख रुपये और सुरक्षा दी जाए। बता दें कि स्थानीय प्रशासन ने पीड़ित परिवार के लिए 10 लाख रुपये आर्थिक सहायता का ऐलान किया है। यूपी में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने प्रदेश में कानून-व्यवस्था हद से ज्यादा बिगड़ने और महिलाओं की सुरक्षा का नाम-ओ-निशान नहीं होने का आरोप लगाया। कांग्रेस के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने इस घटना के विरोध में दिल्ली में विजय चौक पर प्रदर्शन किया। अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की अध्यक्ष सुष्मिता देव ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर कहा है कि प्रदेश की बदतर होती कानून-व्यवस्था के लिए मुख्यमंत्री को इस्तीफा देना चाहिए और राज्य में राष्ट्रपति शासन लगना चाहिए। (एजेंसियों से इनपुट के साथ)


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हाथरस कांड पर देशभर के लोगों में आक्रोश, मोदी और स्मृति इरानी की चुप्पी पर उठे सवाल https://ift.tt/3cM8gii हाथरस कांड पर देशभर के लोगों में आक्रोश, मोदी और स्मृति इरानी की चुप्पी पर उठे सवाल
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आदित्‍य ठाकरे की नकल करने का आरोप, फरीदाबाद से मॉडल को पिता समेत उठा ले गई मुंबई पुलिस https://ift.tt/2SbbnGW

September 30, 2020
फरीदाबाद महाराष्‍ट्र के मंत्री आदित्‍य ठाकरे की नकल करने के आरोप में मुंबई पुलिस ने यू-ट्यूबर और मॉडल साहिल चौधरी और उनके पिता महेंद्र चौधरी को कथित तौर पर मुंबई पुलिस उनके फरीदाबाद सेक्टर-19 स्थित निवास से पकड़ कर ले गई है। आरोप है कि साहिल चौधरी ने जस्टिस फॉर ह्यूमैनिटी नामक फेसबुक पेज पर अभिनेता सुशांत राजपूत की हत्‍या करने संबंधी बातों का वीडियो पोस्‍ट किया है। मुंबई में किसी ने साहिल चौधरी के खिलाफ इस वीडियो को देखने के बाद मुकदमा दर्ज कराया था। फरीदाबाद पुलिस के अनुसार, उनसे इस बाबत मुंबई पुलिस ने कोई संपर्क नहीं किया, न ही उनके पास कोई जानकारी है। साहिल चौधरी मुंबई में ही मॉडलिंग करते हैं और लाकडॉउन में फरीदाबाद आए थे। वीडियो में साहिल चौधरी कह रहे हैं कि महाराष्ट्र में उनकी सरकार है और कोई उनका कुछ नहीं बिगाड़ सकता। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, आदित्य ठाकरे व संजय राउत के बारे में आपत्तिजनक बातें भी हैं। मंगलवार को जब मीडिया साहिल चौधरी के सेक्टर-19 स्थित निवास पर पहुंची, तो वहां उनका कोई स्वजन नहीं मिला। घर में महिला किराएदार ने कुछ भी कहने से इन्कार किया, वहीं पुलिस चौकी प्रभारी संदीप कुमार ने कहा कि उन्हें भी इस बाबत कोई जानकारी नहीं है। साहिल चौधरी के भाई धीरज चौधरी से भी फोन पर बात हुई, पर कुछ भी जानकारी साझा करने से इन्कार किया।


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आदित्‍य ठाकरे की नकल करने का आरोप, फरीदाबाद से मॉडल को पिता समेत उठा ले गई मुंबई पुलिस https://ift.tt/2SbbnGW आदित्‍य ठाकरे की नकल करने का आरोप, फरीदाबाद से मॉडल को पिता समेत उठा ले गई मुंबई पुलिस
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LIVE: बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में फैसला आज, सुरक्षा के व्यापक इंतजाम, हर अपडेट https://ift.tt/36pV6WK

September 30, 2020
लखनऊ/अयोध्या 28 साल पहले अयोध्या में बाबरी मस्जिद विध्वंस () मामले में बुधवार को फैसला आने जा रहा है। लखनऊ की स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने आदेश जारी कर सभी आरोपियों को फैसले के दिन कोर्ट में मौजूद रहने को कहा है। इस मामले में पूर्व उप प्रधानमंत्री , मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती जैसे कई बड़े नेता आरोपी हैं। फैसले के मद्देनजर अयोध्या और लखनऊ में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए जा चुके हैं। देखिए पल-पल की अपडेट्स- -कोर्ट ने सभी आरोपियों को उपस्थित होने का निर्देश दिया है। लेकिन लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, रामचंद्र खत्री और सुधीर कक्कड़ सीबीआई कोर्ट में उपस्थित नहीं रहेंगे। पांचों आरोपियों की तरफ से उनके वकील कोर्ट में प्रार्थनापत्र दे सकते हैं। आडवाणी और जोशी अधिक उम्र और खराब स्वास्थ्य की वजह से नहीं आ पाएंगे। वहीं उमा भारती कोरोना संक्रमित होने के बाद ऋषिकेश ऐम्स में भर्ती हैं। रामचंद्र खत्री हरियाणा के सोनीपत की जेल में एक दूसरे केस को लेकर बंद हैं, जिसके कारण उनकी भी उपस्थिति कोर्ट में नहीं हो सकती है। कारसेवक सुधीर कक्कड़ भी मौजूद नहीं रहेंगे। -CBI कोर्ट बाबरी विध्वंस मामले में आज 30 सितंबर को दिन में 11 बजे से 1 बजे के बीच अपना फैसला सुनाएगी। -इस हाई प्रोफाइल मामले के मद्देनजर कोर्ट परिसर में सुरक्षा के इंतजाम कर दिए गए हैं। लखनऊ स्थित परिसर में सघन चेकिंग अभियान चलाया गया। बॉम्ब डिस्पोजल स्क्वैड और खोजी कुत्तों की मदद से अभियान चलाया गया। -अयोध्या में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है। डीआईजी दीपक कुमार ने बताया कि सीआईडी और एलआईयू की टीमें सादी वर्दी में तैनात कर दी गई हैं। बाहरी लोग अयोध्या में आकर माहौल न बिगाड़ने पाएं इसको लेकर खास सतर्कता बरती जा रही है। उन्होंने बताया कि पूरे जिले में चेकिंग अभियान चलाया जा रहा है। -वहीं, लखनऊ में सीबीआई की विशेष अदालत के बाहर करीब 2 हजार पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाई गई है। इसके अलावा प्रदेश के 25 संवेदनशील जिलों में सुरक्षा व्‍यवस्‍था तगड़ी कर दी गई है।


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LIVE: बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में फैसला आज, सुरक्षा के व्यापक इंतजाम, हर अपडेट https://ift.tt/36pV6WK LIVE: बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में फैसला आज, सुरक्षा के व्यापक इंतजाम, हर अपडेट
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BJP, JDU, LJP, कांग्रेस... कौन कहां अड़ा है, बिहार चुनाव में सीटों का पूरा खेल समझिए https://ift.tt/3jhIyVa

September 29, 2020
पटनाबिहार में चुनावी शंखनाद हो चुका है, 28 अक्टूबर को पहले चरण का चुनाव भी है। बावजूद इसके अभी तक सूबे के दोनों प्रमुख गठबंधनों में शामिल सियासी दलों के बीच सीट बंटवारे पर फैसला नहीं हो सका है। चाहे सत्ताधारी एनडीए गठबंधन हो या फिर विपक्षी दलों का महागठबंधन, किसी की तरफ से अब तक सीट शेयरिंग फॉर्म्यूला जारी नहीं किया गया है। हालांकि, दोनों ही ओर से बैठकों और चर्चा का दौर जारी है। सियासी दलों की ओर से कहा जा रहा कि जल्द ही सीटों पर सहमति बनते ही इसका ऐलान कर दिया जाएगा। लेकिन सवाल यही उठ रहा कि आखिर दोनों ही धड़े में सीट बंटवारे का पेंच कहां फंस रहा है, बताते हैं आगे...

Bihar Chunav 2020 News: बिहार विधानसभा की 243 सीटों पर कुल तीन चरणों में वोटिंग (Bihar Election Schedule) होगी, 28 अक्टूबर को पहले फेज का मतदान होगा। 3 नवंबर को दूसरे और 7 नवंबर को तीसरे आखिरी चरण का चुनाव कराया जाएगा। 10 नवंबर को मतगणना होगी, इसी के साथ बिहार में किसकी सरकार बनेगी ये भी स्पष्ट हो जाएगा। फिलहाल चुनाव ऐलान के बाद भी अब तक सूबे के दोनों बड़े गठबंधन की ओर से सीट शेयरिंग फॉर्म्यूला (Seat Sharing Formula) सामने नहीं आया है।


Bihar Elections 2020: BJP, JDU, LJP, कांग्रेस... कौन कहां अड़ा है... बिहार चुनाव में सीट बंटवारे का पूरा गणित समझिए

पटना

बिहार में चुनावी शंखनाद हो चुका है, 28 अक्टूबर को पहले चरण का चुनाव भी है। बावजूद इसके अभी तक सूबे के दोनों प्रमुख गठबंधनों में शामिल सियासी दलों के बीच सीट बंटवारे पर फैसला नहीं हो सका है। चाहे सत्ताधारी एनडीए गठबंधन हो या फिर विपक्षी दलों का महागठबंधन, किसी की तरफ से अब तक सीट शेयरिंग फॉर्म्यूला जारी नहीं किया गया है। हालांकि, दोनों ही ओर से बैठकों और चर्चा का दौर जारी है। सियासी दलों की ओर से कहा जा रहा कि जल्द ही सीटों पर सहमति बनते ही इसका ऐलान कर दिया जाएगा। लेकिन सवाल यही उठ रहा कि आखिर दोनों ही धड़े में सीट बंटवारे का पेंच कहां फंस रहा है, बताते हैं आगे...



एनडीए में घमासान की क्या है वजह
एनडीए में घमासान की क्या है वजह

बात करें अगर सत्ताधारी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन यानी एनडीए की तो इसमें बीजेपी के साथ जेडीयू और एलजेपी भी प्रमुख सहयोगी हैं। तीनों ही पार्टियां लगातार इस बात पर माथापच्ची में जुटी हुई हैं कि सीटों पर तालमेल कायम किया जा सके। लेकिन एनडीए में एलजेपी के पिछले कुछ समय से बदले तेवर की वजह से हालात बदले हुए हैं। एलजेपी मुखिया चिराग पासवान गठबंधन की सहयोगी जेडीयू पर लगातार निशाना साध रहे हैं। विधानसभा की 243 सीटों के लिए एजेपी 143 सीटों पर उम्मीदवार की भी तैयारी में लगी हुई है। जेडीयू की ओर से भी चिराग पासवान पर पलटवार किया गया। हालांकि, बीजेपी की ओर से बीचबचाव के बाद हालात थोड़े बदल गए हैं। सूत्र बता रहे हैं कि बीजेपी की ओर से एलजेपी को करीब 27 सीटों का ऑफर दिया गया है।



एलजेपी- 27 सीटें मिलीं, 30 से ज्यादा की मांग!
एलजेपी- 27 सीटें मिलीं, 30 से ज्यादा की मांग!

जानकारी के मुताबिक, एलजेपी के अध्यक्ष चिराग पासवान ने सोमवार को बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की है। इस दौरान सीट शेयरिंग पर बातचीत हुई है। सूत्रों के मुताबिक, बीजेपी की ओर से 27 विधानसभा सीटों के साथ कुछ विधान परिषद की सीटों का ऑफर एलजेपी को दिया गया है। फिलहाल दोनों ही पार्टियों की ओर से अभी तक आधिकारिक तौर पर इसको लेकर कुछ नहीं कहा गया है। लेकिन जानकारी के मुताबिक, एलजेपी मुखिया चिराग पासवान की कोशिश 30 से ज्यादा सीटें हासिल करने की हैं। इसी वजह से उन्होंने जेपी नड्डा से मुलाकात भी की।

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जेडीयू को मिल सकती हैं 103 सीटें!
जेडीयू को मिल सकती हैं 103 सीटें!

बिहार विधानसभा चुनाव में जेडीयू की कोशिश सबसे बड़े दल के तौर पर सबसे ज्यादा सीटें हासिल करने की है। हालांकि, अभी तक ये साफ नहीं हुआ है कि आखिर जेडीयू कितनी सीटें चाहती है। जानकारी मिल रही कि जेडीयू को सबसे ज्यादा 103 सीटें मिलने की संभावना है। दूसरी ओर जेडीयू ने ज्यादा सीटों की मांग जरूर की है, लेकिन सीट बंटवारे का फॉर्मूला 2010 की तरह ही करने की बात भी कही गई है। 2010 विधानसभा चुनाव के दौरान जेडीयू और बीजेपी ने साथ में चुनाव लड़ा था, उस समय जेडीयू 141 और बीजेपी ने 102 सीटों पर उम्मीदवारी की थी। इस चुनाव में जेडीयू ने 115 तो बीजेपी ने 91 सीटों पर जीत हासिल की थी। इस बार गठबंधन में एलजेपी के होने से दोनों दलों के सीटों की संख्या कम हो गई है। पिछले विधानसभा चुनाव में जेडीयू ने आरजेडी के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था, उस समय जेडीयू ने 101 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे।



बीजेपी: 101 सीटों पर कर सकती है उम्मीदवारी
बीजेपी: 101 सीटों पर कर सकती है उम्मीदवारी

बिहार चुनाव को लेकर बीजेपी की ओर से खास डिमांड सामने नहीं आई है। पार्टी की ओर से लगातार कहा जा रहा कि एनडीए गठबंधन में सब ठीक चल रहा है। सूत्रों के मुताबिक, बिहार चुनाव में बीजेपी 101 सीटों पर उम्मीदवार उतार सकती है। जेडीयू को 103 सीटें ऑफर की गई हैं। वहीं एलजेपी को 27 सीटों देने की चर्चा है। फिलहाल सीट बंटवारे के फाइनल फॉर्म्यूले का इंतजार सभी को है। पिछले चुनाव की बात करें बीजेपी ने एलजेपी और आरएलएसपी के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था। बाद में जेडीयू ने महागठबंधन से नाता तोड़कर बीजेपी के साथ गठबंधन कर लिया।



महागठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर कहा फंसा है पेंच
महागठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर कहा फंसा है पेंच

बात करें विपक्ष दलों के महागठबंधन की तो इसमें आरजेडी, कांग्रेस के साथ सीपीआई-एमएल भी है। इसके अलावा वीआईपी, जेएमएम समेत कई दल शामिल हैं। कुशवाहा की पार्टी आरएलएसपी भी गठबंधन में शामिल थी, लेकिन अब उसको लेकर सस्पेंस है। ऐसा इसलिए क्योंकि चर्चा है कि उपेंद्र कुशवाहा एनडीए में जा सकते हैं। फिलहाल महागठबंधन के सियासी दलों में सीट बंटवारे को लेकर कहां पेंच फंसा है, जानिए।



कांग्रेस को 58 सीटों का ऑफर, 80 की हो रही मांग
कांग्रेस को 58 सीटों का ऑफर, 80 की हो रही मांग

आरजेडी की ओर से महागठबंधन में कांग्रेस को करीब 58 सीटों का ऑफर दिया गया है। इसके अलावा आरजेडी वाल्मीकिनगर लोकसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव की सीट भी कांग्रेस को देने की बात कही है। आरजेडी किसी भी सूरत में कांग्रेस को महागठबंधन से अलग होने नहीं देना चाहती है। सीट के मसले पर कांग्रेस को मनाने के लिए आरजेडी हर संभव कोशिश कर रही है। वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सदानंद सिंह ने कांग्रेस की केंद्रीय नेतृत्व से अपील की है कि पार्टी को बिहार में कम से कम 80 सीटों पर प्रत्याशी उतारने चाहिए। जिसको लेकर पेंच फंसा हुआ है।



आरजेडी: 150 से ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी
आरजेडी: 150 से ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी

बिहार चुनाव में आरजेडी की कोशिश 150 से ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ने की है। हालांकि, महागठबंधन के सबसे बड़े दल के नाते पार्टी सबको साथ लेकर चलना चाहती है। दूसरी ओर कांग्रेस और सीपीआई-एमएल भी गठबंधन में हैं और उनकी ओर से ज्यादा से ज्यादा सीट की डिमांड हो रही है। यही वजह है अभी तक सीट शेयरिंग का फॉर्म्यूला फाइनल नहीं हुआ है। फिलहाल आरजेडी के सूत्र बता रहे हैं कि जल्द ही सीट बंटवारे पर फैसला हो जाएगा।





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BJP, JDU, LJP, कांग्रेस... कौन कहां अड़ा है, बिहार चुनाव में सीटों का पूरा खेल समझिए https://ift.tt/3jhIyVa BJP, JDU, LJP, कांग्रेस... कौन कहां अड़ा है, बिहार चुनाव में सीटों का पूरा खेल समझिए
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हाथरस गैंगरेप: जीभ काटी, गर्दन तोड़ी... मौत से पहले वह इशारों-इशारों में बयां कर गई दरिंदगी https://ift.tt/3n2gBDa

September 29, 2020
हाथरस यूपी के हाथरस में गैंगरेप की शिकार हुई बेटी की 15 दिन बाद दिल्ली के एम्स में मौत हो गई। बच्ची के साथ हैवानियत का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि दबंगों ने बारी-बारी से उसे अपनी हवस का शिकार बनाया। बेटी अपनी जुबान न खोल पाए इसलिए उसकी जुबान काट दी। चलकर अपने घर तक न जाए तो उसके रीढ़ की हड्डी तोड़ दी। इतनी हैवानियत के बाद भी वह आखिरी सांस तक जिंदगी के लिए जंग लड़ती रही। इस मामले में पुलिस पर भी लापरवाही का आरोप लगा है। सियासत तेज होने पर पुलिस ऐक्शन में आई। गैंगरेप की घटना के बाद अस्पताल में भर्ती बेटी को 9 दिन बाद होश आया। होश में आने के बाद उसकी कटी जुबान से वह कुछ बोल न सकी। इशारों में अपने साथ हुई दरिंदगी बयां की। बयान लेने पहुंचे सीओ ने बेटी के बयान को दो पन्नों में लिखा। गैंगरेप के बाद काटी थी जीभ बता दें कि यूपी के हाथरस के थाना चंदपा इलाके के गांव में 14 सितंबर को एक 19 साल की दलित युवती के साथ गांव के रहने वाले चार दबंग युवकों पर गैंगरेप का आरोप था। पीड़िता के साथ हैवानियत की गई थी। पुलिस के अनुसार, रेप के बाद उसकी जीभ भी काट दी गई थी। जिसके बाद पीड़िता को अलीगढ़ के जेएन मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था। आरोपियों की पहचान हुई आरोपियों की पहचान गांव के ही रहने वाले संदीप, लवकुश, रामू और रवि के रूप में हुई थी। हाथरस पुलिस अधीक्षक ने बताया कि संदीप को 14 सितंबर को ही गिरफ्तार कर लिया गया था। घटना के कई दिन बीत जाने के बाद पुलिस ने रामू और लवकुश को गिरफ्तार किया। वहीं फरार चल रहे चौथे आरोपी रवि को 26 सितंबर को पुलिस ने गिरफ्तार करते हुए जेल भेज दिया था। पुलिस पर लापरवाही का आरोप हाथरस के थाना चंदपा इलाके के गांव में 14 सितंबर को चार दबंग युवकों ने 19 साल की दलित लड़की के साथ बाजरे के खेत में गैंगरेप किया था। इस मामले में पुलिस ने लापरवाही भरा रवैया अपनाया। रेप की धाराओं में केस ना दर्ज करते हुए छेड़खानी के आरोप में एक युवक को हिरासत में लिया। इसके बाद उसके खिलाफ धारा 307 (हत्या की कोशिश) में मुकदमा दर्ज किया गया था। 9 दिन बाद होश में आकर पीड़िता ने सुनाई आपबीती घटना के 9 दिन बीत जाने के बाद पीड़िता होश में आई तो अपने साथ हुई आपबीती अपने परिजनों को बताई। बेटी की आपबीती सुनकर हर कोई दहल गया। बात बाहर आई तो सियासत तेज हुई। भीम आर्मी से लेकर बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने सरकार को निशाने पर लिया।


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हाथरस गैंगरेप: जीभ काटी, गर्दन तोड़ी... मौत से पहले वह इशारों-इशारों में बयां कर गई दरिंदगी https://ift.tt/3n2gBDa हाथरस गैंगरेप: जीभ काटी, गर्दन तोड़ी... मौत से पहले वह इशारों-इशारों में बयां कर गई दरिंदगी
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मसूरी, शिमला, मनाली, नैनीताल घूमने जा रहे हैं? हर राज्य के कोरोना नियम जान लीजिए https://ift.tt/3idmLfV

September 29, 2020
ध्यान रहे कि केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों से कहा है कि वो कंटेनमेंट जोन से बाहर केंद्र सरकार की अनुमति के बिना लॉकडाउन नहीं लगाएं। फिर भी कुछ राज्यों ने कोविड-19 महामारी की गंभीर परिस्थितियों के मद्देनजर लोगों की आवाजाही पर कुछ पाबंदियां लागू की हैं। वैसे ज्यादातर राज्यों ने ई-पास, ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन और कोविड नेगेटिव रिपोर्ट की अनिवार्यता खत्म कर दी है। हां, हवाई अड्डों पर थर्मल स्क्रीनिंग की दरकार अब भी है। अगर स्क्रीनिंग में कोरोना पॉजिटिव पाए गए तो स्थानीय नियमों के तहत क्वारेंटीन होना पडे़गा। ऐसे में होटलों की बुकिंग भी कड़ी शर्तों के साथ हो रही है। इसलिए, अगर आपने भी छुट्टियां मनाने का प्लान किया है तो जिस राज्य में जा रहे हैं, उसके नियमों का पता जरूर कर लें।

महीनों बाद लॉकडाउन में छूट मिली और केंद्र सरकार ने अनलॉक 4.0 के तहत पूरे देश में कंटेनमेंट जोन को छोड़कर एक इलाके से दूसरे इलाके, एक राज्य से दूसरे राज्य में कहीं भी आने-जाने की अनुमति दे दी। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के तहत कहा कि अब राज्यों के बीच आवाजाही के लिए अलग से अनुमति लेने की जरूरत नहीं होगी। ऐसे में आप भी लंबे समय से बनी बोरियत दूर करने के लिए कहीं घूमने-फिरने की प्लानिंग कर रहे होंगे।


Holiday Rules in Corona Era : उत्तराखंड और हिमाचल के होटल फुल, कोरोना काल में किस राज्य में पर्यटन के क्या नियम

ध्यान रहे कि केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों से कहा है कि वो कंटेनमेंट जोन से बाहर केंद्र सरकार की अनुमति के बिना लॉकडाउन नहीं लगाएं। फिर भी कुछ राज्यों ने कोविड-19 महामारी की गंभीर परिस्थितियों के मद्देनजर लोगों की आवाजाही पर कुछ पाबंदियां लागू की हैं। वैसे ज्यादातर राज्यों ने ई-पास, ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन और कोविड नेगेटिव रिपोर्ट की अनिवार्यता खत्म कर दी है। हां, हवाई अड्डों पर थर्मल स्क्रीनिंग की दरकार अब भी है। अगर स्क्रीनिंग में कोरोना पॉजिटिव पाए गए तो स्थानीय नियमों के तहत क्वारेंटीन होना पडे़गा। ऐसे में होटलों की बुकिंग भी कड़ी शर्तों के साथ हो रही है। इसलिए, अगर आपने भी छुट्टियां मनाने का प्लान किया है तो जिस राज्य में जा रहे हैं, उसके नियमों का पता जरूर कर लें।



​जम्मू-कश्मीर
​जम्मू-कश्मीर

यहां घूमने आएंगे तो आपको पता होना चाहिए कि इस केंद्रशासित प्रदेश में कोविड-19 ऐंटीजन टेस्ट अनिवार्य है।

फ्लाइट या ट्रेन से जम्मू-कश्मीर जाने वालों को 14 दिन का होम क्वारेंटाइन रूल फॉलो करना होगा। वहीं, सड़क मार्ग से पहुंचने वालों को सरकारी क्वारंटाइन सेंटर में 14 दिन बिताना होगा।



​हिमाचल प्रदेश
​हिमाचल प्रदेश

राज्य की आधिकारिक वेबसाइट पर रजिस्टर करने या राज्य में प्रवेश से पहले कोविड नेगेटिव रिपोर्ट जमा कराने का दरकार नहीं।

राज्यों के बीच बसों का परिचालन अब भी प्रतिबंधित।

किनौर और स्पीति घाटी अक्टूबर के आखिर तक पर्यटन के लिए बंद रहेंगे।

पर्यटकों के फोन में आरोग्य सेतु ऐप होना अनिवार्य।

हाइवेज पर आपको खास जगहों पर ही रुकना होगा।



उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश
उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश

उत्तराखंड -

राज्य से बाहर के पर्यटकों को

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पर रजिस्ट्रेशन करवाना जरूरी।

कोविड-19 नेगेटिव रिपोर्ट और दो दिनों के अनिवार्य ठहराव की दरकार नहीं।

कोरोना हॉटस्पॉट से आए पर्यटकों को 14 दिनों का क्वारेंटीन जिनमें पहला सात दिन सरकारी क्वारेंटीन केंद्र में और आखिरी सात दिन घर पर बिताने का प्रावधान है। बजुर्गों और गर्भवती महिलाओं को पूरे 14 दिन होम क्वारेंटीन में रहने की अनुमति।

सभी बॉर्डर चेकपॉइंट्स, एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशनों और जिला बस स्टैंडों पर थर्मल स्क्रीनिंग अनिवार्य। अगर कोविड-19 के लक्षण मिले तो ऐंटीजन टेस्ट होगा। कोरोना पॉजिटिव पाए जाने पर उचित SOP लागू होगी।

आरोग्य सेतु ऐप, मास्क और भीड़-भाड़ वाले इलाकों में सोशल डिस्टैंसिंग का पालन जरूरी।

उत्तर प्रदेश -

दूसरे राज्यों के पर्यटकों का हवाई अड्डे पर थर्मल स्क्रीनिंग की व्यवस्था और फिर 14 दिन का क्वारेंटीन। अगर सात दिन के अंदर राज्य से बाहर होंगे तो क्वारेंटीन नहीं होना होगा।



राजस्थान, गुजरात
राजस्थान, गुजरात

राजस्थान -

राज्य में किसी के भी प्रवेश की अनुमति।

11 जिलों में धारा 144 लागू है। इसके तहत, जयपुर, जोधपुर, कोटा, अजमेर, अलवर, भिलवाड़ा, बिकानेर, उदयपुर, सीकर, पाली और नागौर जिलों में एक साथ पांच से ज्यादा लोगों के जमा होने पर पाबंदी।

कैब, बस, ऑटोरिक्शा आदि सभी वाणिज्यिक वाहनों को प्रवेश की अनुमति, लेकिन यात्रियों की संख्या निर्धारित।

गुजरात -

अहमदाबाद, भावनगर, पोरबंदर एयरपोर्ट्स पर थर्मल स्क्रीनिंग होगी। क्वारेंटीन में नहीं रखा जाएगा।

अहमदाबाद और सूरत में 50% जबकि दूसरे इलाकों में 60% कपैसिटी के साथ बसें आ-जा सकती हैं।



​गोवा
​गोवा

ई-पास, कोविड-19 निगेटिवर रिपोर्ट, क्वारेंटीन और जांच की जरूरत नहीं।

बार खुले हैं जहां नियमों का पालन कर शराब परोसे जा रहे हैं।

बीच पर बने आरामगाह और कसीनो अब भी बंद हैं।



केरल, कर्नाटक
केरल, कर्नाटक

केरल -

कोविड-19 जाग्रता पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करवाकर एंट्री पास लेने की व्यवस्था। रजिस्ट्री नहीं हो पाए तो बॉर्डर क्रॉसिंग पर नाम और अन्य जानकारियां पोर्टल में फीड की जाएंगी।

विदेश से आने वालों और राज्य में सात दिनों से ज्यादा रहने वालों को 14 दिनों की होम क्वारेंटीन।

कर्नाटक -

बाहरी राज्यों के पर्यटकों के लिए क्वारेंटीन की अनीवार्यता नहीं।

सेवा सिंधु पोर्टल पर रजिस्ट्री की दरकार भी नहीं।



झारखंड, प. बंगाल
झारखंड, प. बंगाल

झारखंड -

दूसरे राज्यों से बसों के प्रवेश की अनुमति नहीं।

होटल, लॉज, रेस्त्रां खुल गए।

https://ift.tt/2CN5pYw पर रजिस्ट्रेशन करना होगा।

14 दिनों का होम क्वारेंटीन जरूरी।

प. बंगाल -

फ्लाइट को राज्य में आने की अनुमति नहीं। सिर्फ स्पेशल ट्रेनों से ही जा सकते हैं।



अरुणाचल, असम, मेघालय, सिक्किम
अरुणाचल, असम, मेघालय, सिक्किम

अरुणाचल प्रदेश -

रैपिड ऐंटीजन टेस्ट होगा और कोरोना पॉजिटिव मिलने पर 14 दिनों का होम या इंस्टिट्यूशनल क्वारेंटीन होगा।

राज्य के अंदर घूमने-फिरने पर कोई रोक नहीं।

असम -

राज्य के अंदर घूमने-फिरने या दूसरे राज्य से प्रवेश पर पाबंदी नहीं।

दूसरे राज्य जाकर 96 घंटे के अंदर लौटे तो ऐंटीजन टेस्ट होगा। कोविड पॉजिटिव पाए गए तो 10 दिनों की क्वारेंटीन होगा। नेगेटिव पाए जाने पर स्वाब टेस्ट होगा और फिर आखिरी टेस्ट रिजल्ट आने तक आइसोलेशन में रहना होगा।

सिक्किम -

होटल, होमस्टे और पर्यटन संबंधी दूसरी सेवाएं 10 अक्टूबर से शुरू होंगी।

होटल और होमस्टे के लिए बुकिंग 27 सितंबर से शुरू।

प. बंगाल से लगी सीमा 1 अक्टूबर से खुल जाएगी।

मेघालय -

सभी सीमा बंद हैं, दूसरे राज्य के पर्यटकों को आने की अनुमति नहीं। नवंबर तक पाबंदियां रह सकती हैं।

राज्य का कोई व्यक्ति दूसरे राज्य से लौट रहा है तो उसका ऐंटीजन टेस्ट होगा। नेगेटिव मिले तो 10 दिन होम क्वारेंटीन और पॉजिटिव पाए गए तो कोविड फसिलिटी में भेजे जाएंगे।



​महाराष्ट्र
​महाराष्ट्र

दूसरे राज्य से जाने की अनुमति नहीं।

होटल और लॉज 100% कपैसिटी से ऑपरेट हो रहे हैं।

राज्य के अंदर एक जिले से दूसरे जिले में आवाजाही पर पाबंदी नहीं।



​छत्तीसगढ़
​छत्तीसगढ़

ई-पास की दर दरकार नहीं।

दूसरे राज्य के लोगों के लिए 14 दिनों का क्वारेंटीन अनिवार्य।

रायपुर समेत अन्य शहरी क्षेत्रों और कुछ जिले कंटेनमेंट जोन हैं।



​मिजोरम
​मिजोरम

दूसरे राज्य के लोग वैरेंग्ते, बैराबी और कान्हमुन के जरिए ही प्रवेश कर सकते हैं।

सोमवार, गुरुवार और शनिवार को ही पैसेंजर फ्लाइट्स को अनुमति।

हर दिन रात 8.30 से सुबह 4.30 बजे तक कर्फ्यू लागू।



​आंध्र प्रदेश
​आंध्र प्रदेश

तेलंगाना और कर्नाटक से जाने वालों के लिए 14 दिनों का होम क्वारेंटीन। और कोई पाबंदी नहीं।



​तमिलनाडु
​तमिलनाडु

ट्रेन, फ्लाइट या सड़क, किसी भी रास्ते से जाने पर ई-पास जरूरी।

कोडेइकेनाल, नीलगीरी और येरकौद जाने चाहते हैं तो डीएम से ई-पास लेना होगा।

नियमों के साथ क्लब, होटल, रेजॉर्ट खुले हैं।





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मसूरी, शिमला, मनाली, नैनीताल घूमने जा रहे हैं? हर राज्य के कोरोना नियम जान लीजिए https://ift.tt/3idmLfV मसूरी, शिमला, मनाली, नैनीताल घूमने जा रहे हैं? हर राज्य के कोरोना नियम जान लीजिए
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